डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-सोननगर रेलवे लाइन का उद्घाटन किया
एनएच-56 के वाराणसी-जौनपुर खंड के चार-लेन चौड़ीकरण को समर्पित किया
वाराणसी में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया
मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी
सीआईपीईटी परिसर करसरा में छात्रों के छात्रावास की आधारशिला रखी
लाभार्थियों को पीएम स्वनिधि के ऋण, पीएमएवाई ग्रामीण घरों की चाबियां और आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए
“आज की परियोजनाएं काशी की प्राचीन आत्मा को बरकरार रखते हुए उसे एक नया शरीर प्रदान करने के हमारे संकल्प का विस्तार हैं”
“सरकार ने लाभार्थियों के साथ संवाद और बातचीत की एक नई परंपरा की शुरुआत की है, जिसका अर्थ ‘प्रत्यक्ष लाभ के साथ-साथ प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया भी’ है”
“लाभार्थी वर्ग सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सच्चे स्वरूप का उदाहरण बन गया है”
“पीएम आवास और आयुष्मान जैसी योजनाएं कई पीढ़ियों को प्रभावित करती हैं”
“गरीबों का स्वाभिमान ही मोदी की गारंटी है”
“चाहे गरीब कल्याण हो या इंफ्रास्ट्रक्चर, आज बजट की कोई कमी नहीं है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी, उत्तर प्रदेश में 12,100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-सोन नगर रेलवे लाइन, विद्युतीकरण या दोहरीकरण पूरा होने के बाद तीन रेलवे लाइनों, एनएच-56 के वाराणसी-जौनपुर खंड का चार-लेन चौड़ीकरण और वाराणसी में कई परियोजना को समर्पित किया जाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने पीडब्ल्यूडी की 15 सड़कों के निर्माण और नवीनीकरण, 192 ग्रामीण पेयजल योजनाओं, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों के पुन: डिजाइन और पुनर्विकास सहित छह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्नान घाटों पर फ्लोटिंग चेंजिंग रूम जेटीस और सीआईपीईटी परिसर करसरा में छात्रों के लिए छात्रावास के निर्माण सहित कई रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

 

श्री मोदी ने पीएम स्वनिधि के ऋणों, पीएमएवाई ग्रामीण घरों की चाबियां और आयुष्मान भारत कार्ड के वितरण की भी शुरुआत की। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर, प्रधानमंत्री ने मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के मॉडल का अवलोकन किया।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रावण के पवित्र महीने की शुरुआत, भगवान विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद और वाराणसी के लोगों की उपस्थिति से जीवन धन्य हो जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारों शिव भक्त ‘जल’ चढ़ाने के लिए वाराणसी आ रहे हैं और कहा कि शहर में रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों का आना निश्चित है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों के आतिथ्य सत्कार पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जो भी वाराणसी आ रहा है, हमेशा सुखद अहसास के साथ वापस लौटेगा।” उन्होंने जी20 के प्रतिनिधियों का स्वागत करने और पूजा स्थलों के परिसरों को स्वच्छ और भव्य बनाए रखने के लिए काशी के लोगों की प्रशंसा की।

उन्होंने लगभग 12,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनका आज शिलान्यास किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह काशी की प्राचीन आत्मा को बरकरार रखते हुए उसे नया शरीर प्रदान करने के हमारे संकल्प का विस्तार है।” उन्होंने परियोजनाओं के लिए लोगों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ पूर्व में संवाद कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पिछले संवाद के दौरान योजनाएं जमीनी स्तर तक नहीं जुड़ चुकी थीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने लाभार्थियों के साथ संवाद और बातचीत की एक नई परंपरा शुरू की है, जिसका अर्थ है ‘सीधे लाभ के साथ-साथ प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया।’ उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप विभागों और अधिकारियों का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “आजादी के इतने वर्षों के बाद लोकतंत्र का असली लाभ सही मायने में सही लोगों तक पहुंचा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि लाभार्थी वर्ग सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सबसे सच्चे रूप का उदाहरण बन गया है क्योंकि सरकार हर योजना में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का प्रयास करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दृष्टिकोण के साथ कमीशन चाहने वालों, दलालों और घोटालेबाजों को खत्म करने में मदद मिली है जिससे भ्रष्टाचार और भेदभाव खत्म हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में सरकार ने सिर्फ एक परिवार और एक पीढ़ी के लिए ही काम नहीं किया है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम किया है। उन्होंने पीएमएवाई का उदाहरण दिया जहां 4 करोड़ से अधिक परिवारों को पक्के घर सौंपे गए हैं और साथ ही बताया कि आज उत्तर प्रदेश में लाभार्थियों को 4 लाख पक्के घर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इनमें से ज्यादातर मकानों की स्वामी महिलाएं हैं, जिनके नाम पर पहली बार संपत्ति की रजिस्ट्री हुई है। उन्होंने कहा, “ये घर सुरक्षा की भावना पैदा करते हैं और घरों के मालिकों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।” उन्होंने कहा कि इन पक्के मकानों से महिलाओं को वित्तीय रूप से सुरक्षा मिलेगी।

सरकारी योजनाओं के प्रभाव को सामने रखते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना भी केवल 5 लाख रुपये के मुफ्त इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कई पीढ़ियों को प्रभावित करती है, क्योंकि चिकित्सा व्यय पीढ़ियों को गरीबी और कर्ज में धकेल सकता है। उन्होंने कहा, “आयुष्मान योजना गरीबों को इस नियति से बचा रही है। इसीलिए, मैं मिशन मोड में हर गरीब तक कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इतनी मेहनत कर रहा हूं।” आज के कार्यक्रम में एक करोड़ साठ लाख लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड के वितरण की शुरुआत हुई।

प्रधानमंत्री ने कहा, “एक राष्ट्र के संसाधनों पर सबसे बड़ा दावा गरीब और वंचित लोगों का होता है।” उन्होंने 50 करोड़ जन धन खातों और मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के ऋण जैसे वित्तीय समावेशन के कदमों का उल्लेख। इससे गरीबों, दलितों, वंचितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और महिला उद्यमियों को लाभ हुआ है।

प्रधानमंत्री ने पीएम स्वनिधि का भी उल्लेख किया और कहा कि भले ही अधिकांश स्ट्रीट वेंडर पिछड़े समुदायों से आते हैं, लेकिन अतीत की सरकारों ने कभी भी उनके मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया और केवल उन्हें परेशान किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना से अब तक 35 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं और आज वाराणसी में 1.25 लाख से अधिक लाभार्थियों को ऋण वितरित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “गरीबों के लिए आत्म-सम्मान मोदी की गारंटी है।”

प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों की बुनियादी बेईमानी पर प्रकाश डाला, जिसके कारण धन की लगातार कमी बनी रही। उन्होंने कहा कि आज, “चाहे गरीब कल्याण हो या इंफ्रास्ट्रक्चर, बजट की कोई कमी नहीं है। करदाता वही, व्यवस्था वही, बस सरकार बदल गई है। इरादे बदले तो नतीजे भी सामने आए हैं।” अतीत की घोटालों और कालाबाजारी की खबरों की जगह नई परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास की खबरों ने ले ली है। उन्होंने इस बदलाव के उदाहरण के तौर पर मालगाड़ियों के लिए विशेष ट्रैक से संबंधित परियोजना ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि 2006 में जिस परियोजना की परिकल्पना की गई थी, उसमें 2014 तक एक भी किलोमीटर लंबा ट्रैक नहीं बन पाया। बीते 9 साल में, परियोजना का एक बड़ा हिस्सा पूरा कर लिया गया है और इस क्षेत्र में मालगाड़ियों का परिचालन हो रहा है। उन्होंने कहा, “आज भी दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से नए सोननगर सेक्शन का उद्घाटन किया गया है। इससे न केवल मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी बल्कि पूर्वांचल और पूर्वी भारत में रोजगार के कई नए अवसर पैदा होंगे।”

देश की तेज गति से चलने वाली ट्रेनों की आकांक्षा को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भले ही देश में पहली बार राजधानी एक्सप्रेस लगभग 50 साल पहले चली थी, लेकिन आज तक यह केवल 16 रूट पर ही चल सकी है। उन्होंने शताब्दी एक्सप्रेस का उदाहरण भी दिया जो 30-35 साल पहले शुरू हुई थी लेकिन वर्तमान में केवल 19 रूट पर चल रही है। प्रधानमंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस का उल्लेख किया और बताया कि यह ट्रेन 4 साल की छोटी अवधि में 25 रूट पर चल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “बनारस को देश की पहली वंदे भारत ट्रेन मिली थी।” उन्होंने बताया कि आज गोरखपुर से गोरखपुर-लखनऊ और जोधपुर-अहमदाबाद रूट पर दो नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई है। श्री मोदी ने कहा, “यह वंदे भारत देश के मध्यम वर्ग के बीच इतनी सुपरहिट हो गई है और इसकी मांग बढ़ती ही जा रही है।” उन्होंने विश्वास जताया कि वह दिन दूर नहीं जब वंदे भारत देश के हर कोने को जोड़ देगी।

पिछले 9 वर्षों में काशी से संपर्क को बेहतर बनाने के लिए किए गए अभूतपूर्व कार्यों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इससे रोजगार के कई नए अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि काशी में 7 करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु आए, जो एक वर्ष के भीतर 12 गुना वृद्धि है। इससे रिक्शा चालकों, दुकानदारों से लेकर ढाबों और होटलों में काम करने वाले लोगों और बनारसी साड़ी उद्योग के लिए आय के बेहतर अवसर पैदा हुए। उन्हें यह भी कहा कि इससे मल्लाहों को बहुत लाभ हुआ और उन्होंने शाम को गंगा आरती के दौरान नावों की संख्या पर भी आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “आप लोग इसी तरह बनारस का ख्याल रखते रहिए।”

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने आज की परियोजना के लिए सभी को बधाई दी और विश्वास जताया कि बाबा के आशीर्वाद से वाराणसी की विकास यात्रा आगे भी जारी रहेगी।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल सुश्री आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य और श्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री श्री महेंद्र नाथ पांडे, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एस पी सिंह बघेल और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों सहित कई अन्य उपस्थित रहे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-सोन नगर रेलवे लाइन को समर्पित किया। 6760 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई नई लाइन माल की तेज और अधिक कुशल आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने राष्ट्र को तीन रेलवे लाइनें भी समर्पित कीं, जिनका 990 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से विद्युतीकरण या दोहरीकरण किया गया है। इनमें गाजीपुर शहर-औंरिहार रेल लाइन, औंरिहार-जौनपुर रेल लाइन और भटनी-औंरिहार रेल लाइन शामिल हैं। इन परियोजनाओं से उत्तर प्रदेश में रेलवे लाइनों के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को हासिल करने में मदद मिली है।

प्रधानमंत्री ने एनएच-56 के वाराणसी-जौनपुर खंड के चार लेन चौड़ीकरण को राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे 2,750 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है और इससे वाराणसी से लखनऊ के लिए सफर आसान और तेज हो गया है।

वाराणसी में जिन कई परियोजनाओं का उद्घाटन प्रधानमंत्री करेंगे उनमें 18 पीडब्ल्यूडी सड़कों का निर्माण और नवीनीकरण; बीएचयू परिसर में अंतर्राष्ट्रीय गर्ल्स हॉस्टल भवन का निर्माण; सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी) - ग्राम करसरा में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र; पुलिस स्टेशन सिंधौरा, पीएसी भुल्लनपुर, फायर स्टेशन पिंडरा और सरकारी आवासीय विद्यालय तरसदा में आवासीय भवन और सुविधाएं; आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन भवन; मोहन कटरा से कोनिया घाट तक सीवर लाइन और रमना गांव में आधुनिक सेप्टेज प्रबंधन प्रणाली; 30 डबल साइड बैकलिट एलईडी यूनिपोल; एनडीडीबी मिल्क प्लांट रामनगर में गाय के गोबर पर आधारित बायो-गैस संयंत्र; और दशाश्वमेध घाट पर एक विशेष फ्लोटिंग चेंजिंग रूम जेटी शामिल हैं। फ्लोटिंग चेंजिंग रूम जेटी से गंगा नदी पर श्रद्धालुओं को नहाने की सुविधा मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया, उनमें चौखंडी, कादीपुर और हरदत्तपुर रेलवे स्टेशनों के पास दो लेन वाले तीन रेल ओवर ब्रिज (आरओबी); व्यासनगर- पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रेल फ्लाईओवर का निर्माण; और पीडब्ल्यूडी की 15 सड़कों का निर्माण एवं नवीकरण शामिल है। इन परियोजनाओं को लगभग 780 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत 550 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली 192 ग्रामीण पेयजल योजनाओं की आधारशिला भी रखी। इससे 192 गांवों के 7 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों के पुन: डिजाइन और पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी। पुनर्विकसित किए गए घाटों में सार्वजनिक सुविधाएं, प्रतीक्षा क्षेत्रों, लकड़ी भंडारण, अपशिष्ट निपटान और पर्यावरण-अनुकूल दाह संस्कार के प्रावधान होंगे।

जिन अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई उनमें दशाश्वमेध घाट के फ्लोटिंग चेंजिंग रूम जेटी की तर्ज पर वाराणसी में गंगा नदी पर छह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्नान घाटों पर फ्लोटिंग चेंजिंग रूम जेटी और सीआईपीईटी परिसर करसरा में छात्रों के छात्रावास का निर्माण शामिल है।

कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में लाभार्थियों को पीएम स्वनिधि के ऋण, पीएमएवाई ग्रामीण घरों की चाबियां और आयुष्मान भारत कार्ड भी वितरित किए। इससे 5 लाख पीएमएवाई लाभार्थियों का गृह प्रवेश, पात्र लाभार्थियों को 1.25 लाख पीएम स्वनिधि ऋण का वितरण और 2.88 करोड़ आयुष्मान कार्ड का वितरण शुरू हो जाएगा।

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Prime Minister Welcomes Release of Commemorative Stamp Honouring Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II
December 14, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi expressed delight at the release of a commemorative postal stamp in honour of Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II (Suvaran Maran) by the Vice President of India, Thiru C.P. Radhakrishnan today.

Shri Modi noted that Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II was a formidable administrator endowed with remarkable vision, foresight and strategic brilliance. He highlighted the Emperor’s unwavering commitment to justice and his distinguished role as a great patron of Tamil culture.

The Prime Minister called upon the nation—especially the youth—to learn more about the extraordinary life and legacy of the revered Emperor, whose contributions continue to inspire generations.

In separate posts on X, Shri Modi stated:

“Glad that the Vice President, Thiru CP Radhakrishnan Ji, released a stamp in honour of Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II (Suvaran Maran). He was a formidable administrator blessed with remarkable vision, foresight and strategic brilliance. He was known for his commitment to justice. He was a great patron of Tamil culture as well. I call upon more youngsters to read about his extraordinary life.

@VPIndia

@CPR_VP”

“பேரரசர் இரண்டாம் பெரும்பிடுகு முத்தரையரை (சுவரன் மாறன்) கௌரவிக்கும் வகையில் சிறப்பு அஞ்சல் தலையைக் குடியரசு துணைத்தலைவர் திரு சி.பி. ராதாகிருஷ்ணன் அவர்கள் வெளியிட்டது மகிழ்ச்சி அளிக்கிறது. ஆற்றல்மிக்க நிர்வாகியான அவருக்குப் போற்றத்தக்க தொலைநோக்குப் பார்வையும், முன்னுணரும் திறனும், போர்த்தந்திர ஞானமும் இருந்தன. நீதியை நிலைநாட்டுவதில் அவர் உறுதியுடன் செயல்பட்டவர். அதேபோல் தமிழ் கலாச்சாரத்திற்கும் அவர் ஒரு மகத்தான பாதுகாவலராக இருந்தார். அவரது அசாதாரண வாழ்க்கையைப் பற்றி அதிகமான இளைஞர்கள் படிக்க வேண்டும் என்று நான் கேட்டுக்கொள்கிறேன்.

@VPIndia

@CPR_VP”