एक स्मारक डाक टिकट 'सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं' जारी किया
‘आजादी का अमृत महोत्सव- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों का योगदान' विषय पर पहली डिजिटल प्रवासी भारतीय दिवस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
“इंदौर एक शहर होने के साथ-साथ एक दौर भी है जो अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए समय से आगे चलता है”
" ‘अमृत काल’ में भारत की यात्रा में हमारे प्रवासी भारतीयों का महत्वपूर्ण स्थान है"
"अमृत काल के दौरान भारत की अनूठी वैश्विक दृष्टि और वैश्विक व्यवस्था में इसकी भूमिका को प्रवासी भारतीयों द्वारा मजबूत किया जाएगा"
"प्रवासी भारतीयों में, हम वसुधैव कुटुंबकम और एक भारत श्रेष्ठ भारत की व्यापक छवि देखते हैं"
"प्रवासी भारतीय एक शक्तिशाली और सक्षम भारत की आवाज को प्रतिध्वनित करते हैं"
"हमें जी-20 को केवल एक डिप्लोमेटिक इवेंट नहीं, बल्कि जन-भागीदारी का एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है जहां कोई भी 'अतिथि देवो भव' की भावना का साक्षी बन सके"
"भारतीय युवाओं का कौशल, मूल्य और कार्य नैतिकता वैश्विक विकास का इंजन बन सकता है"
"पिछले 8 वर्षों में, भारत ने अपने प्रवासी भारतीयों को मजबूत करने का प्रयास किया है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट 'सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं' जारी किया और 'आजादी का अमृत महोत्सव- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों का योगदान' विषय पर पहली बार डिजिटल पीबीडी प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है, जो प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ने और प्रवासी भारतीय को एक दूसरे के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। इस पीबीडी सम्मेलन का विषय 'प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार' है। लगभग 70 विभिन्न देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी भारतीय सदस्यों ने पीबीडी कन्वेंशन के लिए पंजीकरण कराया है।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस चार साल के अंतराल के बाद अपनी पूरी भव्यता के साथ आयोजित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत बातचीत के महत्व और आनंद पर प्रकाश डाला। 130 करोड़ देशवासियों की ओर से इस अवसर पर सबका स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन मध्य प्रदेश की धरती पर हो रहा है जो भारत का हृदयस्थल कहलाती है और नर्मदा के पवित्र जल, हरियाली, आदिवासियों, संस्कृति और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में समर्पित महाकाल महालोक के बारे में चर्चा करते हुए इस बात की उम्मीद की कि गणमान्य व्यक्ति और प्रतिनिधि पवित्र स्थान पर जा सकेंगे। मेजबान शहर इंदौर के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इंदौर एक शहर होने के साथ-साथ एक दौर भी है, "यह एक ऐसा दौर है जो अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए समय से आगे चलता है।" उन्होंने इंदौर की पाक कला और स्वच्छता आंदोलन में इसकी उपलब्धि के बारे में भी बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस कई मायनों में विशेष है, क्योंकि भारत ने हाल ही में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' की थीम पर पहली बार डिजिटल प्रवासी भारतीय दिवस प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है, जो गौरवशाली युग को एक बार फिर से सामने लाती है। अमृत काल की अगले 25 वर्षों की यात्रा में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा भारत की अनूठी वैश्विक दृष्टि और वैश्विक व्यवस्था में इसकी भूमिका को मजबूत किया जाएगा।

पूरे विश्व को स्वदेश मानने और वसुधैव कुटुंबकम की भावना के तहत पूरी मानवता को अपना भाई-बहन मानने के भारतीय दर्शन के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार की नींव रखी थी। आज की दुनिया के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदरों के पार गए। उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों, अलग-अलग सभ्यताओं के बीच व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं, भारत ने करके दिखाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीयों को जब हम ग्लोबल मैप पर देखते हैं, तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती हैं। उन्होंने कहा कि जब भारत के लोग एक कॉमन फैक्टर की तरह दिखते हैं, तो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना के साक्षात दर्शन होते हैं और जब भारत के अलग-अलग प्रांतों, अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सुखद एहसास होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, "लोकतंत्र की जननी होने पर गर्व की भावना कई गुना बढ़ जाती है जब हमारे प्रवासियों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सबसे लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और अनुशासित नागरिकों के रूप में माना जाता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि वे प्रत्येक प्रवासी भारतीय को भारत का राष्ट्रदूत कहते हैं, क्योंकि जब दुनिया उनके योगदान का मूल्यांकन करती है तो वे एक शक्तिशाली और सक्षम भारत की आवाज को प्रतिध्वनित करते हैं। श्री मोदी ने कहा, "आप भारत की विरासत, मेक इन इंडिया, योग और आयुर्वेद, भारत के कुटीर उद्योगों और हस्तशिल्प के राष्ट्रदूत (राष्ट्रीय राजदूत) हैं। साथ ही, आप भारत के मोटे अनाज के ब्रांड एंबेसडर भी हैं।" उन्होंने कहा कि 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया गया है और सभी से मोटे अनाज के कुछ उत्पाद अपने साथ घर वापस ले जाने की अपील की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बारे में अधिक जानने की दुनिया की इच्छा को पूरा करने में प्रवासी भारतीयों की एक और महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि दुनिया बड़ी उत्सुकता से भारत को देख रही है और उन्होंने हाल के वर्षों में देश की असाधारण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया वैक्सीन और भारतीयों को 220 करोड़ से अधिक मुफ्त खुराक के रिकॉर्ड टीकाकरण के आंकड़ों का उदाहरण दिया। उन्होंने अस्थिरता के मौजूदा दौर में वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के उभरने और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम और मेक इन इंडिया का उदाहरण भी दिया। उन्होंने तेजस लड़ाकू विमान, विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और परमाणु पनडुब्बी अरिहंत पर प्रकाश डाला और कहा कि दुनिया के लोगों का भारत के प्रति उत्सुक होना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री ने भारत की कैशलेस अर्थव्यवस्था व फिनटेक के बारे में भी बताया और कहा कि दुनिया का 40 प्रतिशत रीयल-टाइम डिजिटल लेनदेन भारत में किया जा रहा है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक साथ सैकड़ों उपग्रहों को लॉन्च करने के कई रिकॉर्ड बना रहा है। उन्होंने भारत के सॉफ्टवेयर और डिजिटल प्रौद्योगिकी उद्योग पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारत की यह बढ़ती हुई ताकत आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहा, "वैश्विक मंच पर आज भारत की आवाज, भारत का संदेश, भारत की कही बात एक अलग ही मायने रखती है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में देश की ताकत को केवल बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों से आग्रह किया कि वे न केवल भारत की संस्कृति और परंपरा के बारे में बल्कि देश की प्रगति के बारे में भी अपने ज्ञान को समृद्ध करें।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस वर्ष भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है और भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है और दुनिया को भारत के पिछले अनुभवों से अवगत कराने के लिए एक टिकाऊ भविष्य प्राप्त करने और इन अनुभवों से सीखने का एक बड़ा अवसर मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें जी-20 को केवल एक डिप्लोमेटिक इवेंट नहीं, बल्कि जन-भागीदारी का एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है, जहां कोई भी 'अतिथि देवो भव' की भावना का साक्षी बन सके।" उन्होंने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में 200 से अधिक बैठकें होंगी जो भारत के विभिन्न शहरों में आयोजित होंगी। उन्होंने कहा कि यह कई देशों के प्रतिनिधियों के साथ सार्थक संबंध स्थापित करने का एक शानदार अवसर होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के पास न केवल ज्ञान केंद्र बल्कि दुनिया की ‘स्किल कैपिटल’ बनने का अवसर है। उन्होंने कहा कि आज भारत के पास सक्षम युवाओं की एक बड़ी तादाद है और हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूज भी हैं, और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत की यह स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है।" प्रधानमंत्री ने अगली पीढ़ी के प्रवासी भारतीय युवाओं में उत्साह के बारे में भी बताया। उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे युवाओं को अपने देश के बारे में बताएं और उन्हें इसे देखने का अवसर भी प्रदान करें। प्रधानमंत्री ने कहा, “पारंपरिक समझ और आधुनिक दृष्टिकोण के साथ, ये युवा प्रवासी दुनिया को भारत के बारे में अधिक प्रभावी ढंग से बताने में सक्षम होंगे। युवाओं में भारत के प्रति बढ़ती जिज्ञासा से पर्यटन, अनुसंधान और भारत का गौरव बढ़ेगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे युवा त्योहारों के दौरान भारत आ सकते हैं या आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों से जुड़ सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से अपने संबंधित देशों के लिए प्रवासी भारतीयों के जीवन, संघर्ष और योगदान का दस्तावेजीकरण करने का निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक भारतवंशी अपने साथ पूरा भारत लेकर चलता है। उन्होंने कहा, “पिछले 8 वर्षों में, भारत ने अपने प्रवासी भारतीयों को मजबूत करने की कोशिश की है। यह आज भारत की प्रतिबद्धता है कि आप जहां भी हैं देश आपके हितों और अपेक्षाओं के लिए है।”

प्रधानमंत्री ने विशिष्ट अतिथियों सहकारी गणराज्य गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली और सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति श्री चंद्रिकाप्रसाद संतोखी को उनकी टिप्पणियों और सुझावों के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि कोऑपरेटिव रिपब्लिक ऑफ गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली, सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति श्री चंद्रिकाप्रसाद संतोखी, मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, श्री वी. मुरलीधरन और डॉ. राजकुमार रंजन सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख आयोजन है जो प्रवासी भारतीयों के साथ संपर्क करने और जुड़ने और प्रवासी भारतीय को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। इंदौर में 08-10 जनवरी, 2023 तक मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस पीबीडी सम्मेलन का विषय "प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार" है। लगभग 70 विभिन्न देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी सदस्यों ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के लिए पंजीकरण कराया है।

सुरक्षित, कानूनी, व्यवस्थित और कुशल प्रवासन के महत्व को रेखांकित करने के लिए एक स्मारक डाक टिकट 'सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं' भी जारी किया गया। प्रधानमंत्री ने भारत की आजादी में हमारे प्रवासी भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को रेखांकित करने के लिए "आजादी का अमृत महोत्सव- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीय का योगदान" विषय पर पहली डिजिटल पीबीडी प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

पीबीडी कन्वेंशन में पांच विषयगत पूर्ण सत्र होंगे-

• युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में 'नवाचारों और नई प्रौद्योगिकियों में प्रवासी युवाओं की भूमिका' पर पहला सत्र।

• 'अमृत काल में भारतीय हेल्थकेयर इको-सिस्टम को बढ़ावा देने में भारतीय डायस्पोरा की भूमिका: विजन @ 2047' पर दूसरा सत्र, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में और सह-अध्यक्षता विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह।

• विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता में 'भारत की सॉफ्ट पावर का लाभ उठाना - शिल्प, व्यंजन और रचनात्मकता के माध्यम से सद्भावना' पर तीसरा सत्र।

• शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में 'भारतीय कार्यबल की वैश्विक गतिशीलता को सक्षम करना- भारतीय डायस्पोरा की भूमिका' पर चौथा सत्र।

• वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 'राष्ट्र निर्माण के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण की दिशा में प्रवासी उद्यमियों की क्षमता का उपयोग' पर पांचवा सत्र।

• सभी पूर्ण सत्रों में प्रख्यात प्रवासी विशेषज्ञों को आमंत्रित करते हुए पैनल चर्चा होगी।

17वें पीबीडी कन्वेंशन का महत्व है, क्योंकि यह चार साल के अंतराल के बाद और कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार एक वास्तविक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जा रहा है। महामारी के दौरान 2021 में पिछला पीबीडी सम्मेलन वर्चुअल तौर पर आयोजित किया गया था

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PM Congratulates India’s Men’s Junior Hockey Team on Bronze Medal at FIH Hockey Men’s Junior World Cup 2025
December 11, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, today congratulated India’s Men’s Junior Hockey Team on scripting history at the FIH Hockey Men’s Junior World Cup 2025.

The Prime Minister lauded the young and spirited team for securing India’s first‑ever Bronze medal at this prestigious global tournament. He noted that this remarkable achievement reflects the talent, determination and resilience of India’s youth.

In a post on X, Shri Modi wrote:

“Congratulations to our Men's Junior Hockey Team on scripting history at the FIH Hockey Men’s Junior World Cup 2025! Our young and spirited team has secured India’s first-ever Bronze medal at this prestigious tournament. This incredible achievement inspires countless youngsters across the nation.”