कोच्चि मेट्रो शहर की आर्थिक प्रगति में योगदान देगा: प्रधानमंत्री मोदी
कोच्चि मेट्रो ‘मेक इन इंडिया’ के विज़न को दर्शाता है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कोच्चि मेट्रो ई-गवर्नेंस डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का एक अच्छा उदाहरण: प्रधानमंत्री मोदी
सरकार ने देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया है: पीएम मोदी
सरकार की कोशिश है कि शहर पारगमन आधारित न होकर पारगमन उन्मुख बनें और शहरों में बदलाव आए: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज कोच्चि मेट्रो का उद्घाटन किया और नई मेट्रो लाइन पर थोड़ी देर यात्रा की। बाद में उन्‍होंने राष्‍ट्र को कोच्चि मेट्रो समर्पित करने के लिए आयोजित एक समारोह में भारी जनसभा को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ इस प्रकार है:

कोच्चि मेट्रो के उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए मुझे काफी खुशी हो रही है। मैं इस गर्व के क्षण में कोच्चि के लोगों को बधाई देता हूं।

मित्रों,

अरब सागर की रानी कोच्चि मसालों के व्‍यापार का एक महत्‍वपूर्ण केंद्र है। आज इसे केरल की वाणिज्यिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। केरल आने वाले घरेलू एवं अंतरराष्‍ट्रीय पर्यटकों की संख्‍या के लिहाज से कोच्चि पहले स्‍थान पर है। इसलिए यह उचित है कि कोच्चि में मेट्रो रेल की सुविधा होनी चाहिए।

इस शहर की आबादी लगातार बढ़ रही है और 2021 तक इसे 23 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इसलिए शहरी बुनियादी ढांचे पर बढ़ते दबाव से निपटने के लिए एक व्‍यापक द्रुत परिवहन व्‍यवस्‍था आवश्‍यक है। यह कोच्चि के आर्थिक विकास में भी योगदान करेगा।

कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड भारत सरकार और केरल सरकार की 50:50 का संयुक्‍त उद्यम है। कोच्चि मेट्रो के लिए केंद्र सरकार ने अब तक दो हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं। आज उद्घाटन होने वाला चरण अलुवा से पलारिवट्टम तक परिचालन करेगा। यह 13.26 किलोमीटर की दूरी और ग्‍यारह स्‍टेशनों को कवर करेगा।

इस मेट्रो परियोजना की कई महत्‍वपूर्ण विशेषताएं हैं। 

यह आधुनिक सिग्‍नल प्रणाली, जिसे 'कम्‍युनिकेशंस बेस्‍ड ट्रेन कंट्रोल सिग्‍नेलिंग सिस्‍टम' कहा जाता है, के साथ चालू होने वाली पहली मेट्रो परियोजना है।

इसके डिब्‍बे 'मेक इन इंडिया' दृष्टि को दर्शाते हैं। इन डिब्‍बों को फ्रांस की कंपनी अल्‍सटॉम द्वारा चेन्‍नई के समीप उसके कारखाने में निर्मित किया गया है और इसमें करीब 70 प्रतिशत भारतीय उपकरण लगाए गए हैं।

कोच्चि मेट्रो शहर के पूरे सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को एकमात्र प्रणाली में एकीकृत करता है। इस प्रणाली में एक आम समय-सारणी, आम टिकट की व्‍यवस्‍था और केंद्रीकृत 'कमांड एवं कट्रोल' शामिल होगा। यह शहर के भीतर अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी और मोटर रहित परिवहन व्‍यवस्‍था में सुधार लाने पर भी केंद्रित है।

कोच्चि मेट्रो ने टिकट के लिए भी एक नवोन्‍मेषी पीपीपी मॉडल का मार्ग प्रशस्‍त किया है। ऑटोमेटेड फेयर कलेक्‍शन सिस्‍टम यानी स्‍वचालित किराया संग्रह प्रणाली में निवेश के लिए बोली प्रक्रिया के तहत भारतीय बैंकों एवं वित्तीय संस्‍थानों को आमंत्रित किया जा रहा है। चयनित बैंक का नाम कोच्चि मेट्रो किराया कार्ड एवं ऐप पर सह-ब्रांड के तौर पर जारी किया जाएगा।

मुझे बताया गया है कि कोच्चि-1 कार्ड एक बहुउद्देशीय प्रीपेड कॉन्‍टैक्‍टलेस रुपे कार्ड है जिसका इस्‍तेमाल मेट्रो में यात्रा करने के लिए और साथ ही सामान्‍य डेबिट कार्ड के तौर पर किया जा सकता है। कोच्चि दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में शामिल होगा और यह भारत का पहला ऐसा शहर होगा जहां आधुनिक ओपन-लूप स्‍मार्ट कार्ड होगा जिसका इस्‍तेमाल बसों, टैक्सियों और ऑटो जैसे परिवहन के अन्‍य साधनों में भी किया जा सकता है।

मुझे यह भी बताया गया है कि कोच्चि-1 मोबाइल ऐप को दीर्घकालिक दृष्टि के साथ विकसित किया गया है। इस मोबाइल ऐप में एक इलेक्‍ट्रॉनिक-वॉलेट को एकीकृत किया गया है जो कोच्चि कार्ड-1 से जुड़ा हुआ है। शुरू में यह कोच्चि के नागरिकों को मेट्रो सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा। लेकिन भविष्‍य में यह उनकी यात्रा संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करेगा। इसके जरिये नियमित भुगतान संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा और यह शहर एवं पर्यटन संबंधी जानकारी भी उपलब्‍ध कराएगा। इस प्रकार, यह ई-गवर्नेंस डिजिटल प्‍लेटफॉर्म का एक अच्‍छा उदाहरण है। इस परियोजना का एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण पहलू यह है कि कोच्चि मेट्रो रेल प्रणाली में काम करने के लिए करीब एक हजार महिलाओं और 23 ट्रांसजेंडर्स यानी हिजड़ों का चयन किया जा रहा है।

यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल विकास का भी एक उदाहरण है। इसे कुल ऊर्जा जरूरत का करीब 25 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से विशेष तौर पर सौर ऊर्जा से प्राप्‍त होने की योजना है। लंबी अवधि के लिए इसकी योजना शून्‍य कार्बन उत्‍सर्जन वाली शहरी ट्रांजिट प्रणाली बनना है। मेट्रो प्रणाली के प्रत्‍येक छठे खंभे पर एक कवर्ड वर्टिकल गार्डन होगा जो काफी हद तक शहरी ठोस अपशिष्‍ट का उपयोग करेगा।

यह जानकर काफी खुशी होगी कि कोच्चि मेट्रो के सभी स्‍टेशनों के साथ-साथ ऑपरेटिंग कंट्रोल सेंटर ने प्‍लैटिनम रेटिंग हासिल की है जो इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्‍च प्रमाणीकरण स्‍तर है।

मित्रों,

पिछले तीन साल के दौरान मेरी सरकार ने देश के समग्र बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्‍यान दिया है। रेलवे, सड़क, बिजली हमारे प्राथमिकता वाले क्षेत्र रहे हैं। प्रगति की बैठकों में मैंने व्‍यक्तिगत तौर पर आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक की 175 परियोजनाओं की समीक्षा की है। हमने बाधाओं को दूर किया है और इस क्षेत्रों में कार्यान्‍वयन की औसत दर में उल्‍लेखनीय सुधार किया है। अब हम अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे पर भी ध्‍यान केंद्रित कर रहे हैं जिसमें लॉजिस्टिक्‍स, डिजिटल और गैस शामिल हैं।

विशेष रूप से शहरों में सार्वजनिक परिवहन में सुधार लाने के लिए हमने कई पहल की हैं। इस क्षेत्र में विदेशी निवेश को आमंत्रित किया गया है। भारत में पचास शहर मेट्रो रेल परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन के लिए तैयार हैं।

मेट्रो रेल व्‍यवस्‍था के आर्थिक एवं सामाजिक लाभ जग-जाहिर हैं। हमने इस क्षेत्र में नीति तैयार करने को गति दी है। हाल में भारत सरकार ने मेट्रो रेल के रोलिंग स्‍टॉक और सिग्‍नल प्रणाली के लिए विनिर्देशों को मानकीकृत किया है। यह विनिर्माताओं को भारत के लंबी अवधि के लिए विनिर्माण संयंत्र स्‍थापित करने के लिए प्रोत्‍साहित करेगा। 'मेक इन इंडिया' दृष्टि के अनुरूप मेट्रो रोलिंग स्‍टॉक के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

मित्रों,

आम लोगों पर केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाने और भूमि के उपयोग एवं परिवहन को एकीकृत करते हुए शहरी नियोजन में एक उल्‍लेखनीय बदलाव लाने की आवश्‍यकता है।

इस दिशा में भारत सरकार ने अप्रैल 2017 में एक नैशनल ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पॉलिसी जारी की। यह नीति शहरों को ट्रांजिट पर निर्भर होने के बजाय ट्रांजिट केंद्रित के तौर पर बदलना चाहती है। इसका उद्देश्‍य कम से कम चलने वाला समुदाय सृजित करना और सार्वजनिक परिवहन को ट्रांजिट के करीब लाना है।

मैं वैल्‍यू कैप्‍चर फाइनैंस पॉलिसी फ्रेमवर्क के लिए वेंकैया जी के नेतृत्‍व में शहरी विकास मंत्रालय की सराहना करता हूं। यह बढ़ते भूमि मूल्‍य कब्‍जे में लेने के लिए एक तंत्र प्रदान करता है।

अब मैं यह महत्‍वपूर्ण मुकाम हासिल करने के लिए कोच्चि के नागरिकों, कोच्चि मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और केरल के मुख्‍यमंत्री को बधाई देते हुए अपनी बात खत्‍म करता हूं। कोच्चि जनवरी 2016 में चुनौती प्रक्रिया के पहले दौर के तहत स्‍मार्ट सिटी के रूप में चुना गया था। मैं उम्‍मीद करता हूं कि आने वाले दिनों में यह और बेहतर करेगा।

धन्‍यवाद।

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