दुनिया जब चिंता में डूबी हुई है, तब भारत आशा की किरण जगा रहा है: प्रधानमंत्री
भारत आज हर क्षेत्र में, अभूतपूर्व गति से काम कर रहा है: प्रधानमंत्री
भारत आज एक विकासशील देश और एक उभरती हुई शक्ति है: प्रधानमंत्री
भारत विश्व के सबसे युवा देशों में से एक है, जिसमें असीम प्रगति करने की क्षमता है: प्रधानमंत्री
भारत अब दूरदर्शी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री
भारत के 140 करोड़ लोग विकसित भारत के संकल्प में शामिल हो चुके हैं, वे स्वयं इसे आगे बढ़ा रहे हैं: प्रधानमंत्री
भारत के पास दोहरी एआई शक्ति का लाभ है, पहला एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), दूसरा एआई आकांक्षी भारत है: प्रधानमंत्री
भारत संबंधों में दिखावा नहीं करता, हमारे संबंधों की नींव विश्वास और विश्वसनीयता है: प्रधानमंत्री
भारत ने प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करके दुनिया को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का एक नया रास्ता दिखाया है: प्रधानमंत्री
भारत ने विश्व को दिखा दिया है कि डिजिटल नवाचार और लोकतांत्रिक मूल्य एक साथ रह सकते हैं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने इसमें शामिल सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस शिखर सम्मेलन में कई मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के वैश्विक दिग्गजों का स्वागत किया, जो इसमें अपने विचार रखेंगे।

प्रधानमंत्री ने पिछले चार-पांच वर्षों की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भविष्य की चिंताओं पर चर्चा एक सामान्य विषय रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि कोविड महामारी, कोविड के बाद आर्थिक तनाव, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी, जलवायु परिवर्तन, विश्व के कई हिस्सों में जारी संघर्ष, आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान, निर्दोष लोगों की मौत, भू-राजनीतिक तनाव और संघर्ष जैसी हालिया चुनौतियां सभी वैश्विक शिखर सम्मेलनों में चर्चा का विषय बन गई हैं। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत अपनी सदी पर विचार-विमर्श कर रहा है। “वैश्विक उथल-पुथल के इस युग में भारत आशा की किरण बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "जब दुनिया चिंतित है, तो भारत आशा का संचार कर रहा है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भले ही भारत वैश्विक स्थिति और उसके सामने मौजूद चुनौतियों से प्रभावित है, लेकिन यहां सकारात्मकता की भावना का अनुभव किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत हर क्षेत्र में अभूतपूर्व गति से काम कर रहा है।” श्री मोदी ने सरकार के तीसरे कार्यकाल के 125 दिन पूरे होने पर देश में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने गरीबों के लिए 3 करोड़ नए पक्के मकानों को मंजूरी देने, 9 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत करने, 15 नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने, 8 नए हवाई अड्डों की आधारशिला रखने, युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ का पैकेज देने, किसानों के बैंक खातों में 21,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने, 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए मुफ्त इलाज योजना, लगभग 5 लाख घरों में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने, एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत 90 करोड़ पौधे लगाने, 12 नए औद्योगिक क्षेत्रों को मंजूरी देने, सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 5-7 प्रतिशत की वृद्धि और भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 700 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने पिछले 125 दिनों में भारत में हुई वैश्विक घटनाओं, अंतर्राष्ट्रीय एसएमयू, ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल, ग्लोबल सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पर चर्चा, अक्षय ऊर्जा और नागरिक उड्डयन के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह केवल घटनाओं की सूची नहीं है, बल्कि भारत से जुड़ी उम्मीदों की सूची है जो देश की दिशा और दुनिया की उम्मीदों को दर्शाती है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये ऐसे मुद्दे हैं जो दुनिया के भविष्य को आकार देंगे और इन पर भारत में चर्चा हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तीसरे कार्यकाल में भारत की आर्थिक वृद्धि इतनी तेज हो गई है कि कई रेटिंग एजेंसियों ने अपने विकास पूर्वानुमान बढ़ा दिए हैं। उन्होंने मार्क मोबियस जैसे विशेषज्ञों के उत्साह की ओर भी इशारा किया, जिन्होंने वैश्विक फंडों को अपने फंड का कम से कम 50 प्रतिशत भारत के शेयर बाजार में निवेश करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "जब ऐसे अनुभवी विशेषज्ञ भारत में बड़े निवेश की वकालत करते हैं, तो यह हमारी क्षमता के बारे में एक मजबूत संदेश देता है।"

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "आज का भारत एक विकासशील राष्ट्र और एक उभरती हुई शक्ति दोनों है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत गरीबी की चुनौतियों को समझता है और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करना जानता है। उन्होंने सरकार की त्वरित नीति-निर्माण और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं और नए सुधारों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मसंतुष्टि की मानसिकता किसी देश को आगे नहीं बढ़ाती है। उन्होंने रेखांकित किया कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं और 16 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने 350 से ज़्यादा मेडिकल कॉलेज और 15 से ज़्यादा एम्स बनाए हैं, 1.5 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप स्थापित किए हैं और 8 करोड़ युवाओं को मुद्रा लोन दिए हैं। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा, "यह काफ़ी नहीं है", उन्होंने भारत के युवाओं की निरंतर प्रगति की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक के रूप में भारत की क्षमता असीम है, जो हमें नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है, और हमें अभी बहुत कुछ हासिल करना है जिसे बहुत जल्दी और कुशलता से हासिल किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने देश की मानसिकता में आए बदलाव को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकारें अक्सर अपनी उपलब्धियों की तुलना पिछली सरकारों से करती हैं और 10-15 साल पीछे जाकर उन्हें पीछे छोड़ देने को सफलता मानती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत इस दृष्टिकोण को बदल रहा है और सफलता अब उपलब्धियों से नहीं बल्कि भविष्य की दिशा से मापी जाती है। प्रधानमंत्री ने भारत के दूरदर्शी दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब भविष्य-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा, "2047 तक विकसित भारत का हमारा लक्ष्य केवल सरकार का दृष्टिकोण नहीं है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह अब केवल जनभागीदारी का अभियान नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय आत्मविश्वास का आंदोलन है।" उन्होंने उल्लेख किया कि जब सरकार ने विकसित भारत के लिए विजन दस्तावेज पर काम करना शुरू किया तो लाखों नागरिकों ने अपने सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और विभिन्न संगठनों में बहस और चर्चाएं हुईं और सरकार ने इन सुझावों के आधार पर अगले 25 वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए। उन्होंने कहा, "आज, विकसित भारत पर चर्चा हमारी राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा है और यह देश की जन शक्ति को राष्ट्रीय शक्ति में बदलने का एक सच्चा उदाहरण बन गया है।"

प्रधानमंत्री ने एआई के बारे में कहा कि यह आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) का युग है और दुनिया का वर्तमान और भविष्य एआई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के पास दोहरी एआई शक्ति का लाभ है, पहला एआई, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और दूसरा एआई, आकांक्षी भारत (एस्पिरेशनल इंडिया)। श्री मोदी ने कहा कि जब एस्पिरेशनल इंडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शक्ति मिलती है तो विकास की गति तेज होना स्वाभाविक है। श्री मोदी ने रेखांकित किया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत के लिए सिर्फ एक तकनीक नहीं है, बल्कि भारत के युवाओं के लिए नए अवसरों का प्रवेश द्वार है। उन्होंने इस साल भारत एआई मिशन के शुभारंभ का उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में एआई के उपयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत विश्व स्तरीय एआई समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है और क्वाड जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से हम इसे आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने एस्पिरेशनल इंडिया पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि मध्यम वर्ग, सामान्य नागरिक, जीवन की गुणवत्ता में सुधार, छोटे व्यवसायों, एमएसएमई, युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाना सरकार की नीति निर्माण प्रक्रिया के केंद्र में है। प्रधानमंत्री ने संपर्क क्षेत्र कनेक्टिविटी में भारत की उल्लेखनीय प्रगति को राष्ट्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने का एक प्रमुख उदाहरण बताया और कहा कि सरकार ने तीव्र, समावेशी भौतिक संपर्क पर ध्यान केंद्रित किया है जो विकासशील समाज के लिए आवश्यक है, खासकर भारत जैसे विशाल और विविध देश में। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी वजह से हवाई यात्रा पर विशेष जोर दिया गया है। सस्ती हवाई यात्रा के अपने विजन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 'हवाई चप्पल' पहनने वाले भी हवाई यात्रा करने में सक्षम होने चाहिए। उन्होंने उड़ान योजना का उल्लेख भी किया, जिसने संचालन के 8 वर्ष पूरे कर लिए हैं। उन्होंने बताया कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में नए एयरपोर्ट नेटवर्क ने आम लोगों के लिए हवाई यात्रा को सस्ता बना दिया है। उड़ान योजना की सफलता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उड़ान के तहत अब तक लगभग 3 लाख उड़ानें संचालित की गई हैं, जिनमें 1.5 करोड़ आम नागरिक यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस पहल के तहत 600 से अधिक मार्ग हैं, जिनमें से अधिकांश छोटे शहरों को जोड़ते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में हवाई अड्डों की संख्या 2014 में लगभग 70 थी और अब हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 150 से अधिक हो गई है।

प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं को वैश्विक विकास की प्रेरक शक्ति बनने की दिशा में सशक्त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान और रोजगार पर सरकार की पहल को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में किए गए प्रयासों के परिणाम अब दिखाई दे रहे हैं और शोध गुणवत्ता में भी जबरदस्त सुधार हुआ है, जो हाल ही की उच्च शिक्षा रैंकिंग में दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों की भागीदारी 30 से बढ़कर 100 से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि पिछले दस वर्षों में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत की उपस्थिति 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है और भारत में दायर पेटेंट और ट्रेडमार्क की संख्या अब तक के उच्चतम स्तर पर है। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से अनुसंधान और विकास का वैश्विक केंद्र बन रहा है जहां अब दुनिया भर की 2,500 से अधिक कंपनियों के अनुसंधान केंद्र हैं और देश का स्टार्टअप क्षेत्र अभूतपूर्व विकास से गुजर रहा है।

श्री मोदी ने भारत की बढ़ती वैश्विक प्रमुखता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत कई क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर दिशा प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कोविड-19 महामारी पर विचार करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि उस समय भारत आवश्यक दवाओं और टीकों की अपनी क्षमता से लाखों डॉलर कमा सकता था। “भारत को इससे लाभ हो सकता था लेकिन उस सोच से मानवता को नुकसान होता। ये हमारे संस्कार नहीं हैं। हमने उन चुनौतीपूर्ण समय में सैकड़ों देशों को दवाएं और जीवन रक्षक टीके उपलब्ध कराए।” उन्होंने कहा, “मुझे संतोष है कि भारत कठिन क्षणों में दुनिया की मदद करने में सक्षम था।” मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के रिश्तों की नींव विश्वास और विश्वसनीयता है, यह रिश्तों को हल्के में लेने में विश्वास नहीं करता है और दुनिया भी इसे समझ रही है। विश्व के अन्य देशों के साथ भारत के सौहार्दपूर्ण संबंधों का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जिसकी प्रगति से दूसरों में ईर्ष्या या जलन पैदा नहीं होती है। वैश्विक स्तर पर भारत के समृद्ध योगदान पर विचार करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि अतीत में भारत ने वैश्विक विकास को बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभाई है और इसके विचारों, नवाचारों और उत्पादों ने सदियों तक दुनिया पर अमिट छाप छोड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उपनिवेशवाद के कारण भारत औद्योगिक क्रांति का लाभ नहीं उठा सका। श्री मोदी ने कहा, "यह उद्योग 4.0 का युग है। भारत अब गुलाम नहीं है। हमें आज़ाद हुए 75 साल हो गए हैं, और इसलिए, अब हम कमर कस कर तैयार हैं," ।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत इंडस्ट्री 4.0 के लिए आवश्यक कौशल दक्षता और बुनियादी ढांचे पर तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान, उन्होंने जी-20 और जी-7 शिखर सम्मेलनों सहित विभिन्न वैश्विक प्लेटफार्मों में भाग लिया है, जिसमें भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा हुई है और पूरी दुनिया भारत के डीपीआई को देख रही है। उन्होंने पॉल रोमर के साथ अपनी चर्चाओं का हवाला देते हुए कहा, जिन्होंने आधार और डिजीलॉकर जैसे भारत के नवाचारों की प्रशंसा की। श्री मोदी ने कहा, "इंटरनेट के युग में भारत को पहले कदम उठाने का लाभ नहीं मिला।" उन्होंने कहा कि भारत ने प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करके दुनिया को एक नया मॉडल प्रदान किया है और जेएएम ट्रिनिटी- जन धन, आधार और मोबाइल के क्षेत्र में हुई प्रगति को रेखांकित किया जो तेज और व्यवधान मुक्त सेवा वितरण के लिए एक मजबूत प्रणाली प्रदान करता है। उन्होंने 500 मिलियन से अधिक दैनिक डिजिटल लेनदेन की सुविधा देने वाले यूपीआई पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके पीछे प्रेरक शक्ति कोई निगम नहीं बल्कि हमारे छोटे दुकानदार और रेहड़ी-पटरी वाले हैं। उन्होंने बुनियादी ढांचा परियोजना निर्माण में अवरोधों को दूर करने के लिए बनाए गए पीएम गति शक्ति मंच का भी उल्लेख किया, जो अब लॉजिस्टिक्स तंत्र को बदलने में मदद कर रहा है। इसी तरह, ओएनडीसी प्लेटफॉर्म एक ऐसा नवाचार साबित हो रहा है जो ऑनलाइन रिटेल में पारदर्शिता को बढ़ाता है और लोकतांत्रिक बनाता है। श्री मोदी ने रेखांकित किया कि भारत ने यह दिखा दिया कि डिजिटल नवाचार और लोकतांत्रिक मूल्य एक साथ रह सकते हैं और इस धारणा को मजबूत किया है कि नियंत्रण और विभाजन के बजाय प्रौद्योगिकी समावेश, पारदर्शिता और सशक्तिकरण का एक साधन है।

श्री मोदी ने 21वीं सदी को मानव इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण अवधि बताते हुए आज के युग की तत्काल जरूरतों स्थिरता, सततता और समाधान को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये तत्व मानवता के बेहतर भविष्य के लिए आवश्यक हैं, और भारत इन पर ध्यान देने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने भारतीय जनता के अटूट समर्थन का उल्लेख करते हुए कहा कि देश की जनता ने लगातार तीसरी बार एक सरकार को अपना जनादेश दिया है, जो छह दशकों में पहली बार स्थिरता का एक मजबूत संदेश दर्शा रहा है। उन्होंने हाल ही में हरियाणा में हुए चुनावों का जिक्र किया जहां जनता ने इस भावना को मजबूत किया।

प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के वैश्विक संकट पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक ऐसा संकट है जिसका सामना पूरी मानवता कर रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक जलवायु संकट में भारत की हिस्सेदारी न्यूनतम है, लेकिन इसके बावजूद, देश इससे निपटने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। श्री मोदी ने बताया कि सरकार ने हरित परिवर्तन को विकास का एक प्रमुख चालक बना दिया है और स्थिरता भारत की विकास योजना के मूल में है। उन्होंने इस तरह की प्रतिबद्धता के उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री सूर्यगढ़ा मुफ्त बिजली योजना और कृषि के लिए सौर पंप योजनाओं, ईवी क्रांति, इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम, बड़े पवन ऊर्जा फार्म, एलईडी लाइट पहल, सौर ऊर्जा संचालित हवाई अड्डों और बायोगैस संयंत्रों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यक्रम हरित भविष्य और हरित सेवा क्षेत्र की दिशा में मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि स्थिरता और निरंतरता के साथ-साथ भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई आवश्यक पहलों पर काम किया है, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारा, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन योग, आयुर्वेद, मिशन लाइफ और मिशन मिलेट्स के क्षेत्र में प्रयास शामिल हैं। उन्होंने कहा, "ये सभी पहल दुनिया के ज्वलंत मुद्दों का समाधान खोजने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।"

प्रधानमंत्री ने भारत की प्रगति पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ेगा, दुनिया को और भी अधिक लाभ होगा।" उन्होंने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की है, जहां भारत की प्रगति पूरी मानवता की जीत बन जाए। उन्होंने कहा कि भारत की इस सदी की प्रगति सभी की प्रतिभा पर आधारित है और नवाचारों से समृद्ध है। श्री मोदी ने वैश्विक स्थिरता और शांति को बढ़ावा देने में भारत के प्रयासों के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "यह एक ऐसी सदी है जिसमें भारत की पहल एक अधिक स्थिर दुनिया में योगदान देती है और वैश्विक शांति को बढ़ाती है।"

 

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PM congratulates Donald Trump on taking charge as the 47th President of the United States
January 20, 2025

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated Donald Trump on taking charge as the 47th President of the United States. Prime Minister Modi expressed his eagerness to work closely with President Trump to strengthen the ties between India and the United States, and to collaborate on shaping a better future for the world. He conveyed his best wishes for a successful term ahead.

In a post on X, he wrote:

“Congratulations my dear friend President @realDonaldTrump on your historic inauguration as the 47th President of the United States! I look forward to working closely together once again, to benefit both our countries, and to shape a better future for the world. Best wishes for a successful term ahead!”