हर भारतीय को किफायती स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना हमारा निरंतर प्रयास है: प्रधानमंत्री मोदी
गरीबों को किफायती दवाएं मिले इसके लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना शुरू की गई: पीएम मोदी
भारत सरकार ने स्टेंट की कीमतों में काफी कमी की है, इससे गरीब और मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा मदद मिल रही है: प्रधानमंत्री
स्वच्छ भारत मिशन स्वस्थ भारत बनाने में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो ब्रिज के माध्यम से देश में चल रही विभिन्न स्वास्थ्य सेवा योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद किया। प्रधानमंत्री ने पांचवी बार वीडियो ब्रिज के माध्यम से सरकारी योजनाओं के विभिन्न लाभार्थियों के साथ संवाद स्थापित किया।

प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा और स्वास्थ्य के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सभी तरह की सफलता और समृद्धि का आधार है। उऩ्होंने कहा कि भारत तभी महान और स्वस्थ्य होगा जब इसके 125 करोड़ नागरिक स्वस्थ्य होंगे।

श्री मोदी ने लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि बिमारी न केवल परिवारों, विशेषकर गरीब और मध्यवर्ग के परिवारों, पर भारी आर्थिक बोझ डालती है बल्कि हमारे सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रो को भी प्रभावित करती है। इसलिए सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक नागरिक को रियायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना इसी इरादे से लांच की गई थी ताकि गरीब, निम्न मध्य वर्ग और मध्य वर्ग की रियायती औषधियों तक पहुंच हो और उनका वित्तीय बोझ कम हो।

सरकार ने पूरे देश में 3600 से अधिक जन औषधि केंद्रों को स्थापित किया है जहां रियायती मूल्य पर 700 से अधिक जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध हैं। जन औषधि केंद्रों में दवाइयों की कीमत बाजार मूल्य की तुलना में 50-90 प्रतिशत कम हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में जन औषधि केंद्रों की संख्या 5000 से ऊपर हो जाएगी। स्वास्थ्य स्टेंट की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले स्टेंट खरीदने के लिए नागरिकों को अपनी संपत्ति बेचनी या बंधक रखनी पड़ती थी। सरकार ने स्टेंटों की कीमतों में काफी कमी की है ताकि गरीब और मध्य वर्ग की मदद की जा सके। हार्ट स्टेंट की कीमत लगभग 2 लाख रुपये से घटाकर 29,000 रुपये कर दी गई है।

लाभार्थियों के साथ संवाद के दौरान सरकार ने घुटना प्रत्यारोपण कीमतों को 60-70 प्रतिशत घटा दिया है जिससे लागत 2.5 लाख रुपये से घटकर 70,000-80,000 हो गयी है। अनुमान है कि भारत में प्रत्येक वर्ष 1 से 1.5 लाख घुटना प्रत्यारोपण होता है। इस हिसाब से घुटना प्रत्यारोपण में लागत की कमी से लोगों को 1500 करोड़ रुपये की बचत हुई है। सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के माध्यम से 500 से अधिक जिलों में 2.25 लाख रोगियों के लिए 22 लाख से अधिक डायलिसिस सेशन किया है। मिशन इन्द्रधनुष के माध्यम से 3.15 करोड़ से अधिक बच्चों और 80 लाख गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए हैं। अस्पतालों में अधिक बिस्तर, अधिक अस्पताल और अधिक डॉक्टर सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 92 मेडिकल कॉलेज खोले हैं और एमबीबीएस सीटों की संख्या 15,000 बढ़ाई गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को किफायती और सुगम बनाने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लांच की। आयुष्मान भारत के अंतर्गत 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा के साथ 10 करोड़ परिवार कवर किये जायेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना स्वस्थ भारत के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभा रही है। स्वच्छ भारत अभियान के कारण भारत में खुले में शौच से मुक्त गांवों की संख्या 3.5 लाख हो गई है और स्वच्छता कवरेज 38 प्रतिशत बढ़ा है।

प्रधानमंत्री के साथ संवाद करने वाले लाभार्थियों ने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधी परियोजना से दवाइयों की कीमतें कम हो गई हैं और दवाइयां किफायती हो गई हैं। लाभार्थियों ने बताया कि किस तरह हार्ट स्टेंट और घुटना प्रत्यारोपण में होने वाले खर्च में कमी से उनके जीवन में परिवर्तन आया है।

प्रधानमंत्री ने लोगों से योग शुरू करने, योग को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की ताकि स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में मदद मिल सके।

 

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भारत की अद्वितीय प्रगति: इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्लोबल लीडरशिप में उपलब्धियां
January 17, 2025

भारत ने एक बार फिर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करके अपनी गतिशील वृद्धि, लचीलेपन और वैश्विक नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। आर्थिक प्रगति और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी से लेकर डिजिटल इनोवेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास तक, देश वैश्विक महाशक्ति के रूप में अपनी जगह पक्की कर रहा है।

भारत ने कौशल और रोजगार की तैयारी में वैश्विक नेता के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया है, QS स्किल इंडेक्स ने देश को रोजगार के लिए दुनिया के सबसे तैयार देशों में से एक माना है। यह मान्यता एजुकेशन, वोकेशनल ट्रेनिंग और वर्कफोर्स डेवलपमेंट में वर्षों के निवेश का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे भारत की युवा-केंद्रित नीतियों की "उत्साहजनक" मान्यता के रूप में सराहा, जो भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स की नींव रख रही हैं।

वर्ष 2025 के लिए अनुमानित वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच, भारत विकास और स्थिरता के प्रतीक के रूप में सामने आया है। विश्व आर्थिक मंच ने देश की मजबूत गति पर प्रकाश डाला, जबकि फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के पूर्वानुमानों में वित्त वर्ष 26 के लिए 6.5% से 6.9% की सीमा में जीडीपी वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है। इस आशावाद का समर्थन करते हुए, अनुभवी निवेशक मार्क मोबियस ने भारत की 6-7% विकास दर की प्रशंसा की, और इसका श्रेय मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और बिजनेस-फ्रेंडली माहौल को दिया।

भारत की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिसका उदाहरण यूएई के साथ बढ़ते रिश्ते हैं। दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ा रहे हैं, खास तौर पर फूड ट्रेड में। यह सहयोग भारत के मजबूत कृषि निर्यात के साथ मेल खाता है, जो अप्रैल और दिसंबर 2024 के बीच 11% से अधिक बढ़कर 17.77 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

डिजिटल इनोवेशन एक और क्षेत्र है जहां भारत वैश्विक स्तर पर धूम मचा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने Magnati के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से अपने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की पहुंच यूएई तक बढ़ा दी है। यह डेवलपमेंट; फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी में भारत के नेतृत्व और वैश्विक स्तर पर डिजिटल समावेशन को आगे बढ़ाने की उसकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र ने एक माइलस्टोन दर्ज किया है, क्योंकि दिसंबर 2024 में निर्यात 24 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि देश के आर्थिक दृष्टिकोण को मजबूत करती है और हाई-वैल्यू इंडस्ट्रीज में प्रतिस्पर्धा करने की इसकी क्षमता को रेखांकित करती है।

आर्थिक और तकनीकी प्रगति के अलावा, भारत का डायनमिक स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार फल-फूल रहा है। 1.57 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप्स के साथ 17.2 लाख नौकरियां पैदा करने के साथ, देश अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत जल्द ही इनोवेशन के लिए लीडिंग केंद्र के रूप में उभर सकता है, जो एंटरप्रेन्योरशिप और टेक्नोलॉजी अपनाने को बढ़ावा देने वाली नीतियों और पहलों से प्रेरित है।

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भी भारत की क्षमता में अपना भरोसा जता रही हैं। DHL ग्रुप ने हाल ही में देश में रणनीतिक निवेश जारी रखने का वादा किया है, जो ग्लोबल लॉजिस्टिक्स हब के रूप में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

भविष्य की ओर देखते हुए, भारत और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए तैयार है। देश 2026 तक चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, वित्त वर्ष 25 में अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर 6.8% है। ये संकेतक एक ऐसे देश को दर्शाते हैं जो न केवल बढ़ रहा है बल्कि अपनी मजबूत नीतियों, इनोवेटिव इंडस्ट्रीज और रेजिलिएंट स्पिरिट से प्रेरित होकर फल-फूल रहा है।

हाल की भारत की उपलब्धियाँ; समृद्ध, समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाने के उसके दृढ़ संकल्प का प्रमाण हैं। पूरी दुनिया देख रही है, भारत ग्लोबल डेवलपमेंट में अग्रणी के रूप में उभर रहा है, आशा जगा रहा है और दुनिया भर के देशों के लिए बेंचमार्क्स स्थापित कर रहा है।