प्रधानमंत्री मोदी ने द्वीपों के समग्र विकास की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की
अंडमान और निकोबार द्वीप: पीएम मोदी ने पर्यटन विकास के लिए चिन्हित क्षेत्रों में एक समेकित पर्यटन केंद्रित पारिस्थितिकी प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों में सौर ऊर्जा का अधिक उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया
प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीपों में समुद्री खरपतवार (सीवीड) की खेती की आवश्यकता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज द्वीपसमूहों के समग्र विकास की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की।

केंद्र सरकार ने 1 जून, 2017 को द्वीपसमूह विकास एजेंसी का गठन किया था। समग्र विकास के लिए 26 द्वीपसमूहों की सूची बनाई गई है।

नीति आयोग ने प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं, डिजिटल कनेक्टिविटी, हरित ऊर्जा, डीसैलीनेशन प्लांट्स, अपशिष्ट प्रबंधन, मात्स्यिकी संवर्द्धन एवं पर्यटन आधारित परियोजनाओं समेत समग्र विकास के तत्वों पर एक प्रस्तुति दी।

प्रधानमंत्री ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूहों में किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए पर्यटन विकास के लिए चिन्हित क्षेत्रों में एक समेकित पर्यटन केंद्रित पारिस्थितिकी प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने द्वीपसमूहों में ऊर्जा स्व-निर्भरता के लिए त्वरित प्रयत्नों की अपील की, जो सौर ऊर्जा पर आधारित हो सकती है।

प्रधानमंत्री को अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूहों का भ्रमण करने वाले विदेशियों के लिए सीमित क्षेत्र परमिट की आवश्यकता को समाप्त करने के गृह मंत्रालय के निर्णय के बारे में भी जानकारी दी गई। दक्षिण पूर्व एशिया के साथ इन द्वीपसमूहों के अधिक संपर्क पर भी चर्चा की गई।

लक्षद्वीप में विकास कार्यों की समीक्षा करने के दौरान, प्रधानमंत्री को टुना फिशिंग को बढ़ावा देने एवं एक ब्रांड के रूप में ‘ लक्षद्वीप टुना‘ के संवर्द्धन के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता पर लक्षद्वीप द्वारा की गई पहलों की सराहना की।

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूहों एवं लक्षद्वीप दोनों ही जगहों पर महत्वपूर्ण अवसंरचना के विकास पर चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से समुद्री खरपतवार (सीवीड) खेती की संभावनाएवं अन्य पहलों की खोज करने को कहा, जो कृषि क्षेत्र के लिए सहायक हो सकती है।

बैठक में गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूहों एवं लक्षद्वीप के लेफ्टिनेंट गवर्नर, नीति आयोग के सीईओ एवं केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

 

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कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।