मेरे प्यारे देशवासियो,

आज विजयदशमी का पावन पर्व है। आप सबको विजयदशमी की अनेक- अनेक शुभकामनाएं।

मैं आज रेडियो के माध्यम से आपसे कुछ मन की बाते बताना चाहता हूं और मेरे मन में तो ऐसा है कि सिर्फ आज नहीं कि बातचीत का अपना क्रम आगे भी चलता रहे। मैं कोशिश करूंगा, हो सके तो महीने में दो बार या तो महीने में एक बार समय निकाल कर के आपसे बाते करूं। आगे चलकर के मैंने मन में यह भी सोचा है कि जब भी बात करूंगा तो रविवार होगा और समय प्रात: 11 बजे का होगा तो आपको भी सुविधा रहेगी और मुझे भी ये संतोष होगा कि मैं मेरे मन की बात आपके मन तक पहुंचाने में सफल हुआ हूं।

आज जो विजयदशमी का पर्व मनाते हैं ये विजयदशमी का पर्व बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का पर्व है। लेकिन एक श्रीमान गणेश वेंकटादरी मुंबई के सज्जन, उन्हों ने मुझे एक मेल भेजा,  उन्होंने कहा कि विजयदशमी में हम अपने भीतर की दस बुराइयों को खत्म करने का संकल्प करें। मैं उनके इस सुझाव के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं। हर कोई जरूर सोचता होगा अपने-अपने भीतर की जितनी ज्यादा बुराइयों को पराजय करके विजय प्राप्त करे, लेकिन राष्ट्र  के रूप में मुझे लगता है कि आओ विजयदशमी के पावन पर्व पर हम सब गंदगी से मुक्ति का संकल्प करें और गंदगी को खत्म  कर कर के विजय प्राप्त करना विजयदशमी के पर्व पर हम ये संकल्प कर सकते हैं।

कल 2 अक्टूबर पर महात्मा गांधी की जन्म जयंती पर “स्वच्छ‍भारत” का अभियान सवा सौ करोड़ देशवासियों ने आरंभ किया है। मुझे विश्वास है कि आप सब इसको आगे बढ़ाएंगे। मैंने कल एक बात कही थी “स्वच्छ  भारत अभियान” में कि मैं नौ लोगों को निमंत्रित करूंगा और वे खुद सफाई करते हुए अपने वीडियो को सोशल मीडिया में अपलोड करेंगे और वे ‘और’ नौ लोगों को निमंत्रित करेंगे। आप भी इसमें जुडि़ए, आप सफाई कीजिए, आप जिन नौ लोगों का आह्वान करना चाहते हैं, उनको कीजिए, वे भी सफाई करें, आपके साथी मित्रों को कहिए, बहुत ऊपर जाने की जरूरत नहीं, और नौ लोगों को कहें, फिर वो और नौ लोगों को कहें, धीरे-धीरे पूरे देश में ये माहौल बन जाएगा। मैं विश्वास करता हूं कि इस काम को आप आगे बढ़ायेंगे।

हम जब महात्मा गांधी की बात करते हैं, तो खादी की बात बहुत स्वाभाविक ध्यान में आती है। आपके परिवार में अनेक प्रकार के वस्त्र  होंगे, अनेक प्रकार के वस्त्र होंगे, अनेक प्रकार के  फैब्रिक्स होंगे, अनेक कंपनियों के productsहोंगे, क्या उसमें एक खादी का नहीं हो सकता क्या,  मैं अपको खादीधारी बनने के लिए नहीं कह रहा, आप पूर्ण खादीधारी होने का व्रत करें, ये भी नहीं कह रहा। मैं सिर्फ इतना कहता हूं कि कम से कम एक चीज, भले ही वह हैंडकरचीफ,  भले घर में नहाने का तौलिया हो, भले हो सकता है बैडशीट हो, तकिए का कबर हो, पर्दा हो, कुछ तो भी हो, अगर परिवार में हर प्रकार के फैब्रिक्स का शौक है,  हर प्रकार के कपड़ों का शौक है, तो ये नियमित होना चाहिए और ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि अगर आप खादी का वस्त्र खरीदते हैं तो एक गरीब के घर में दीवाली का दीया जलता है और इसीलिए एकाध चीज ... और इन दिनों तो 2 अक्टूबर से लेकर करीब महीने भर खादी के बाजार में स्पेशल डिस्काउंट होता है, उसका फायदा भी उठा सकते हैं। एक छोटी चीज…… और आग्रहपूर्वक इसको करिए और आप देखिए गरीब के साथ आपका कैसा जुड़ाव आता है। उस पर आपको कैसी सफलता मिलती है। मैं जब कहता हूं सवा सौ करोड़ देशवासी अब तक क्या हुआ है.... हमको लगता है सब कुछ सरकार करेगी और हम कहां रह गए,  हमने देखा है .... अगर आगे बढ़ना है तो सवा सौ करोड़ देशवासियों को...करना पड़ेगा ….. हमें खुद को पहचानना पड़ेगा, अपनी शक्ति को जानना पड़ेगा और मैं सच बताता हूं हम विश्व में अजोड़ लोग हैं। आप जानते हैं हमारे ही वैज्ञानिकों ने कम से कम खर्च में मार्स पहुंचने का सफल प्रयोग, सफलता पूर्वक पर कर दिया। हमारी ताकत में कमी नहीं है, सिर्फ हम  अपनी शक्ति को भूल चुके हैं। अपने आपको भूल चुके हैं। हम जैसे निराश्रित बन गए हैं.. नहीं मेरे प्यारे भइयों बहनों ऐसा नहीं हो सकता। मूझे स्वामी विवेकानन्द जी जो एक बात कहते थे, वो बराबर याद आती है। स्वामी वि‍वेकानन्द  अक्सर एक बात हमेशा बताया करते थे। शायद ये बात उन्होंने कई बार लोगों को सुनाई होगी।

विवेकानन्द जी कहते थे कि एक बार एक शेरनी अपने दो छोटे-छोटे बच्चों को ले कर के रास्ते से गुजर रही थी। दूर से उसने भेड़ का झुंड देखा,  तो शिकार करने का मन कर गया,  तो शेरनी उस तरफ दौड़ पड़ी और उसके साथ उसका एक बच्चा भी दौड़ने लगा। उसका दूसरा बच्चा  पीछे छूट गया और शेरनी भेड़ का शिकार करती हुई आगे बढ़ गई। एक बच्चा भी चला गया, लेकिन एक बच्चा बिछड़ गया, जो बच्चा बिछड़ गया उसको एक माता भेड़ ने उसको पाला-पोसा बड़ा किया और वो शेर भेड़ के बीच में ही बड़ा होने लगा। उसकी बोलचाल, आदतें सारी भेड़ की जैसी हो गईं। उसका हंसना खेलना,  बैठना,  सब भेड़ के साथ ही हो गया। एक बार, वो जो शेरनी के साथ बच्चा चला गया था, वो अब बड़ा हो गया था। उसने उसको एक बार देखा ये क्या बात है। ये तो शेर है और भेड़ के साथ खेल रहा है। भेड़ की तरह बोल रहा है। क्या‍हो गया है इसको। तो शेर को थोड़ा अपना अहम पर ही संकट आ गया। वो इसके पास गया। वो कहने लगा अरे तुम क्या कर रहे हो। तुम तो शेर हो। कहता- नहीं, मैं तो भेड़ हूं। मैं तो इन्हीं के बीच पला-बढ़ा हूं। उन्होंने मुझे बड़ा किया है। मेरी आवाज देखिए, मेरी बातचीत का तरीका देखिए। तो शेर ने कहा कि चलो मैं दिखाता हूं तुम कौन हो। उसको एक कुएं के पास ले गया और कुएं में पानी के अंदर उसका चेहरा दिखाया और खुद के चेहरे के साथ उसको कहा- देखो, हम दोनों का चेहरा एक है। मैं भी शेर हूं, तुम भी शेर हो और जैसे ही उसके भीतर से आत्मसम्मान जगा, उसकी अपनी पहचान हुई तो वो भी उस शेर की तरह,  भेड़ों के बीच पला शेर भी दहाड़ने लगा। उसके भीतर का सत्व जग गया। स्वामी विवेकानंद जी यही कहते थे। मेरे देशवासियों, सवा सौ करोड़ देशवासियों के भीतर अपार शक्ति है, अपार सामर्थ्य है। हमें अपने आपको पहचानने की जरूरत है। हमारे भीतर की ताकत को पहचानने की जरूरत है और फिर जैसा स्वामी विवेकानंदजी ने कहा था उस आत्म-सम्मान को ले करके, अपनी सही पहचान को ले करके हम चल पड़ेंगे, तो विजयी होंगे और हमारा राष्ट्र भी विजयी होगा, सफल होगा। मुझे लगता है हमारे सवा सौ करोड़ देशवासी भी सामर्थ्यवान हैं, शक्तिवान हैं और हम भी बहुत विश्वास के साथ खड़े हो सकते हैं।

इन दिनों मुझे ई-मेल के द्वारा सोशल मीडिया के द्वारा, फेस-बुक के द्वारा कई मित्र मुझे चिट्ठी लिखते हैं। एक गौतम पाल करके व्यक्ति ने एक चिंता जताई है, उसने कहा है कि जो स्पैशली एबल्ड चाईल्ड होते हैं, उन बालकों के लिए नगरपालिका हो, महानगरपालिका, पंचायत हो, उसमें कोई न कोई विशेष योजनाएं होती रहनी चाहिएं। उनका हौसला बुलन्द करना चाहिए। मुझे उनका ये सुझाव अच्छा लगा क्यों कि मेरा अपना अनुभव है कि जब मैं गुजरात में मुख्यामंत्री था तो 2011 में एथेन्स में जो स्पेशल ओलम्पिक होता है, उसमें जब गुजरात के बच्चे गये और विजयी होकर आये तो मैंने उन सब बच्चों  को, स्पेशली एबल्ड बच्चों  को मैंने घर बुलाया। मैंने दो घंटे उनके साथ बिताये, शायद वो मेरे जीवन का बहुत ही इमोशनल,  बड़ा प्रेरक, वो घटना थी। क्योंकि मैं मानता हूं कि किसी परिवार में स्पेशली एबल्ड बालक है तो सिर्फ उनके मां-बाप का दायित्व नहीं है। ये पूरे समाज का दायित्व है। परमात्मा ने शायद उस परिवार को पसंद किया है, लेकिन वो बालक तो सारे राष्ट्र् की जिम्मेसदारी होता है। बाद में इतना मैं इमोशनली टच हो गया था कि मैं गुजरात में स्पे‍शली एबल्ड  बच्चों  के लिए अलग ओलम्पिक करता था। हजारों बालक आते थे, उनके मां-बाप आते थे। मैं खुद जाता था। ऐसा एक विश्वास का वातावरण पैदा होता था और इसलिए मैं गौतम पाल के सुझाव, जो उन्होंने दिया है,  इसके लिये मैं, मुझे अच्छा लगा और मेरा मन कर गया कि मैं मुझे जो ये सुझाव आया है मैं आपके साथ शेयर करूं।

     एक कथा मुझे और भी ध्यान आती है। एक बार एक राहगीर रास्ते के किनारे पर बैठा था और आते-आते सबको पूछ रहा था मुझे वहाँ पहुंचना है, रास्ता  कहा है। पहले को पूछा, दूसरे को पूछा, चौथे को पूछा। सबको पूछता ही रहता था और उसके बगल में एक सज्जन बेठे थे। वो सारा देख रहे थे। बाद में खड़ा हुआ। खड़ा होकर किसी को पूछने लगा, तो वो सज्जन खड़े हो करके उनके पास आये। उसने कहा – देखो भाई, तुमको जहां जाना है न, उसका रास्ता इस तरफ से जाता है। तो उस राहगीर ने उसको पूछा कि भाई साहब आप इतनी देर से मेरे बगल में बेठे हो, मैं इतने लोगों को रास्ता पूछ रहा हूं,  कोई मुझे बता नहीं रहा है। आपको पता था तो आप क्यों  नहीं बताते थे। बोले, मुझे भरोसा नहीं था कि तुम सचमुच में चलकर के जाना चाहते हो या नहीं चाहते हो। या ऐसे ही जानकारी के लिए पूछते रहते हो। लेकिन जब तुम खड़े हो गये तो मेरा मन कर गया कि हां अब तो इस आदमी को जाना है, पक्का  लगता है। तब जा करके मुझे लगा कि मुझे आपको रास्ता दिखाना चाहिए।

     मेरे देशवासियों, जब तक हम चलने का संकल्प  नहीं करते, हम खुद खड़े नहीं होते, तब रास्ता दिखाने वाले भी नहीं मिलेंगे। हमें उंगली पकड़ कर चलाने वाले नहीं मिलेंगे। चलने की शुरूआत हमें करनी पड़ेगी और मुझे विशवास है कि सवा सौ करोड़ जरूर चलने के लिए सामर्थ्यवान है, चलते रहेंगे।

     कुछ दिनों से मेरे पास जो अनेक सुझाव आते हैं,  बड़े इण्टरेस्टिंग सुझाव लोग भेजते हैं। मैं जानता हूं कब कैसे कर पायेंगे, लेकिन मैं इन सुझावों के लिए भी एक सक्रियता जो है न,  देश हम सबका है,  सरकार का देश थोड़े न है। नागरिकों का देश है। नागरिकों का जुड़ना बहुत जरूरी है। मुझे कुछ लोगों ने कहा है कि जब वो लघु उद्योग शुरू करते हैं तो उसकी पंजीकरण जो प्रक्रिया है वो आसान होनी चाहिए। मैं जरूर सरकार को उसके लिए सूचित करूंगा। कुछ लोगों ने मुझे लिख करके भेजा है – बच्चों को पांचवीं कक्षा से ही स्किल डेवलेपमेंट सिखाना चाहिए। ताकि वो पढ़ते ही पढ़ते ही कोई न कोई अपना हुनर सीख लें, कारीगरी सीख लें। बहुत ही अच्छा सुझाव उन्होंने दिया है। उन्होंहने ये भी कहा है कि युवकों को भी स्किल डेवलेपमेंट होना चाहिए उनकी पढ़ाई के अंदर। किसी ने मुझे लिखा है कि हर सौ मीटर के अंदर डस्ट बीन होना चाहिए, सफाई की व्यनवस्था  करनी है तो।

कुछ लोगों ने मुझे लिख करके भेजा है कि पॉलीथिन के पैक पर प्रतिबंध लगना चाहिए। ढेर सारे सुझाव लोग मुझे भेज रहे हैं। मैं आगे से ही आपको कहता हूं अगर आप मुझे कहीं पर भी कोई सत्य घटना भेजेंगे,  जो सकारात्मरक हो, जो मुझे भी प्रेरणा दे,  देशवासियों को प्रेरणा दे, अगर ऐसी सत्य घटनाएं सबूत के साथ मुझे भेजोगे तो मैं जरूर जब मन की बात करूंगा, जो चीज मेरे मन को छू गयी है वो बातें मैं जरूर देशवासियों तक पहुंचाऊंगा।

ये सारा मेरा बातचीत करने का इरादा एक ही है – आओ, हम सब मिल करके अपनी भारत माता की सेवा करें। हम देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जायें। हर कोई एक कदम चले, अगर आप एक कदम चलते हैं, देश सवा सौ करोड़ कदम आगे चला जाता है और इसी काम के लिए आज विजयदशमी के पावन पर्व पर अपने भीतर की सभी बुराइयों को परास्त करके विजयी होने के संकल्पर के साथ, कुछ अच्छा करने का निर्णय करने के साथ हम सब प्रारंभ करें। आज मेरी शुभ शुरूआत है। जैसा जैसा मन में आता जायेगा, भविष्य में जरूर आपसे बातें करता रहूंगा। आज जो बातें मेरे मन में आईं वो बातें मैंने आपको कही है। फिर जब मिलूंगा, रविवार को मिलूंगा। सुबह 11 बजे मिलूंगा लेकिन मुझे विश्वास है कि हमारी यात्रा बनी रहेगी, आपका प्यार बना रहेगा।

आप भी मेरी बात सुनने के बाद अगर मुझे कुछ कहना चाहते हैं,  जरूर मुझें पहुंचा दीजिये, मुझे अच्छा  लगेगा। मुझे बहुत अच्छा  लगा आज आप सबसे बातें कर के‍और रेडियो का....ऐसा सरल माध्यम है कि मैं दूर-दूर तक पहुंच पाऊंगा। गरीब से गरीब घर तक पहुंच जाऊंगा,  क्योंकि मेरा,  मेरे देश की ताकत गरीब की झोंपडी में है,  मेरे देश की ताकत गांव में है, मेरे देश की ताकत माताओं,  बहनों, नौजवानों में है, मेरी देश की ताकत किसानों में है। आपके भरोसे से ही देश आगे बढ़ेगा। मैं विश्वास व्यक्त  करता हूं। आपकी शक्ति में भरोसा है इसलिए मुझे भारत के भविष्य में भरोसा है।

मैं एक बार आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। आपने समय निकाला। फिर एक बार बहुत-बहुत धन्यववाद!

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तेलंगाना को बर्बाद करने में कांग्रेस और KCR दोनों ही बराबर के भागीदार: पीएम मोदी
November 27, 2023
यह बीजेपी का वादा है कि सत्ता में आने पर तेलंगाना में सीएम ओबीसी समुदाय से होगा।
BRS के फार्महाउस सीएम ने ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी केन्द्रित तेलंगाना की प्रतिष्ठा पर चोट की है।
सम्मक्का-सरक्का को समर्पित सेन्ट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना से उनकी आदिवासी विरासत का सम्मान करना भाजपा की प्रतिबद्धता है।
भाजपा मादिगा समुदाय के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय का अंत करने के लिए एक कमिटी का गठन करने जा रही है।
BRS ने तेलंगाना के लोगों को पानी, समृद्धि और कल्याणकारी नीतियों का वादा किया था, लेकिन उन्हें केवल आंसू, धोखा और बेरोजगारी ही मिले।

भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

तेलुगु प्रजलंदरिकी कार्तीका पौर्णमि शुभाकांक्षलु
मैं कुरावी वीरभद्रा स्वामी मंदिर को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। थोड़ी देर पहले मैंने तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वरा के दिव्य दर्शन किए, उनसे आप सभी के लिए आशीर्वाद लिया। आप जनता-जनार्दन भी ईश्वर का ही रूप हैं। आपका इतनी बड़ी संख्या में यहां आकर बीजेपी को आशीर्वाद देना, ये दिखाता है कि तेलंगाना एक नया इतिहास रचने की तरफ बढ़ रहा है। महबूबाबाद को तो श्री सेवालाल महाराज जी के समर्पण और तप-तपस्या का वरदान मिला है। मेरे साथ बोलिए- श्री सेवालाल महाराज की... श्री सेवालाल महाराज की... श्री सेवालाल महाराज की... !

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना प्रवास का ये मेरा लगातार तीसरा दिवस है। और अब इस चुनाव में सभाओं का ये मेरा आखिरी दिन है। इस दौरान मुझे अनेक लोगों से मिलने का, बातचीत करने का अवसर मिला। तेलंगाना के लोग KCR सरकार को उखाड़ कर फेंकने के लिए कमर कस चुके हैं। कुछ लोग तेलंगाना में कांग्रेस को लेकर भ्रम भी फैला रहे हैं। लेकिन सच्चाई यही है कि अगर किसी ने तेलंगाना को बर्बाद किया है तो वो कांग्रेस और KCR दोनों ही उतने ही पापी है। इसलिए तेलंगाना के लोग एक बीमारी को हटाकर दूसरी बीमारी को प्रवेश नहीं दे सकते, ये बात मैंने आज तेलंगाना में हर जगह देखी है। तेलंगाना का विश्वास बीजेपी पर है, तेलंगाना का अगला सीएम बीजेपी का ही होगा, ये आपने पक्का कर लिया है। और बीजेपी ने आपसे क्या वायदा किया है? ये बीजेपी का वायदा है कि तेलंगाना में बीजेपी का जो पहला सीएम होगा, वो BC समाज से होगा। बीजेपी सरकार अपने मंत्रिमंडल में सबको, यानि समाज भी ज्यादा से ज्यादा और क्षेत्र भी ज्याद से ज्यादा सबको उचित प्रतिनिधित्व देने का संकल्प किया है। अब ये तय हो गया है- तेलंगाना में पहली बार...बनेगी बीजेपी सरकार। मेरे साथ बोलेंगे आपलोग... तेलंगाना में पहली बार बनेगी बीजेपी सरकार। आप बोलिए बीजेपी सरकार। तेलंगाना में पहली बार बनेगी... तेलंगाना में पहली बार बनेगी... तेलंगाना में पहली बार बनेगी...
मोदटि सारि... तेलंगाना लो बीजेपी प्रभुत्वम् एर्पाटु कानुंदि।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
KCR को बीजेपी की बढ़ती ताकत का अहसास बहुत पहले हो गया था। ये अहसास उन्हे हो गया था। लंबे समय से KCR इस कोशिश में थे कि किसी तरह बीजेपी से दोस्ती कर लें। जब वो एक बार दिल्ली आए थे, तो मुझसे मिलकर भी KCR ने यही कोशिश की थी। लेकिन BJP कभी तेलंगाना के लोगों की इच्छा के खिलाफ कोई भी काम नहीं कर सकती। जब से BJP ने, KCR को मना किया है, तब से BRS बौखलाई हुई है। BRS, अब मुझे गाली देने का कोई मौका नहीं छोड़ती। BRS जानती है कि मोदी कभी BRS को, BJP के आसपास भी फटकने नहीं देंगे। और ये गारंटी भी मोदी की गारंटी है।
और मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी। मोदी गारि गारंटी अंटे, गारंटीगा पूर्ति अय्ये गारंटी।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना की पहचान ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी से है। लेकिन KCR ने इस प्रदेश पर अंधविश्वास का ठप्पा लगा दिया। जनता के पैसे से बनाया सचिवालय, उन्होंने अंधविश्वास के चलते बर्बाद कर दिया।
आप मुझे बताइए- आखिर फार्महाउस सीएम की तेलंगाना को क्या आवश्यकता है? फार्म हाउस मुख्यमंत्रि मनकु अवसरमा...? अंधविश्वास के गुलाम हैं- फार्महाउस सीएम। तेलंगाना को नहीं चाहिए- फार्महाउस सीएम। गरीबों के गुनहगार हैं- फार्महाउस सीएम। 3 दिसंबर को हारेंगे- फार्महाउस सीएम

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना को BRS के चंगुल से निकालना बीजेपी अपना दायित्व समझती है। यहां KCR ने जो-जो स्कैम किए हैं, बीजेपी सरकार सभी की जांच कराएगी। तेलंगाना के गरीबों से, तेलंगाना के युवाओं से विश्वासघात करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। BRS के भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का हमारा संकल्प है। मैं बोलूंगा आप मेरे साथ दोहराएंगे? आपलोग रिपीट करेंगे? आप मेरे बोलने के बाद बोलना। तेलंगाना बीजेपी सरकार। क्या बोलेंगे? जोर से बोलिए क्या बोलेंगे? तेलंगाना बीजेपी सरकार, क्या बोलेंगे? ऐसे नहीं सबके सब बोलिए, तेलंगाना बीजेपी सरकार... तेलंगाना बीजेपी सरकार... अब मैं बोलता हूं आपको बोलना है...
बीआरएस के भ्रष्टचारियों को जेल भेजेगा कौन..... तेलंगाना बीजेपी सरकार।
यहां के इरिगेशन स्कैम की जांच कराएगा कौन...... तेलंगाना बीजेपी सरकार।
दो बेडरूम स्कैम की जांच कराएगा कौन........ तेलंगाना बीजेपी सरकार।
यहां के जमीन माफिया पर कार्रवाई कौन करेगा..... तेलंगाना बीजेपी सरकार
यहां के एजुकेशन माफिया पर डंडा चलाएगा कौन... तेलंगाना बीजेपी सरकार
यहां के पेपरलीक माफिया को जेल भेजेगा कौन..... तेलंगाना बीजेपी सरकार

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
BRS की कार के चार पहिए और एक स्टीयरिंग, कांग्रेस के पंजे से बिल्कुल अलग नहीं है। ये दोनों ही दल धर्म के आधार पर एपीजमेंट करते हैं, तुष्टिकरण करते हैं। इन दोनों ही पार्टियों ने करप्शन को बढ़ाया...इन दोनों ही पार्टियों ने परिवारवाद को बढ़ाया... इन दोनों पार्टियों ने तुष्टिकरण को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। ये दोनों पार्टियां जहां रहीं वहां कानून व्यवस्था चौपट हो गई। इन दोनों पार्टियों ने दलितों और BC समाज को धोखा दिया।

साथियों,
ये बीजेपी ही है जो सही मायने में आदिवासी समाज को, ST समाज को सशक्त कर रही है। बंजारा, घुमंतू और अर्धघुमंतू समाज के लिए पहली बार वेलफेयर बोर्ड, केंद्र की बीजेपी सरकार ने ही बनाया है। बीजेपी की केंद्र सरकार का प्रयास है कि संत श्री सेवालाल जी महाराज के योगदान को याद रखा जाए। इसलिए 23 फरवरी से हमने संत श्री सेवालाल जी महाराज की 284वीं जयंती पर एक साल का उत्सव शुरू किया है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
मैं जनजातीय समाज का दुख-दर्द सबकुछ समझता हूं। इसलिए बीजेपी जनजातीय समाज के लिए दिन-रात काम कर रही है। ये बीजेपी की सरकार है जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है। देशभर में आदिवासी सेनानियों के म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। हैदराबाद में भी रामजी गोंड और कोमाराम भीम के शौर्य को दर्शाने वाला म्यूजियम बन रहा है। बीजेपी की केंद्र सरकार ने ही ST समाज के स्टूडेंट्स की स्कॉरशिलप बढ़ाई। समक्का-सारक्का मेदाराम जथारा को पूरा देश जाने, इसके लिए बीजेपी काम कर रही है। कुछ दिन पहले ही मैंने, मुलुगु में समक्का-सारक्का ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने की भी घोषणा की है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
यहां मादिगा समुदाय के साथ जो अन्याय हुआ है, उसे भी बीजेपी अच्छी तरह समझती है। इस अन्याय का अंत करने के लिए भारत सरकार संकल्पबद्ध है। एक कमिटी तेजी से काम कर रही है। मादिगा समुदाय से जुड़ी एक बड़ी न्यायिक प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है। ये केस मजबूत हो सके, इसके लिए हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इसलिए मैं कहता हूं- सामाजिका न्यायम् बीजेपी तोने साध्यम्...

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
मैं जब तेलंगाना के लोगों से बात करता हूं, तो वो बताते हैं कि कैसे BRS सरकार ने छोटे-छोटे किसानों की परवाह नहीं की। ये बीजेपी है जो तेलंगाना के छोटे किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे भेज रही है। अब तक तेलंगाना के हर छोटे किसान को बीजेपी सरकार 30 हजार रुपए दे चुकी है। पीएम किसान सम्मान निधि से आपको बहुत बड़ी मदद मिली है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
कोरोना के बाद दुनिया भर में तेल की कीमतें हों या फिर खाद की कीमतें, इनमें बहुत वृद्धि हो रही है। इसे देखते हुए जनता के हित में बीजेपी की केंद्र सरकार, मोदी सरकार ने कीमतें कम कीं। दुनिया के दूसरे देशों में यूरिया की जो बोरी ढाई-तीन हज़ार रुपए में मिल रही है, वो बोरी भारत को भी ढाई-तीन हजार रुपए में मिलती है। लेकिन यूरिया की वही बोरी बीजेपी सरकार अपने किसानों को 300 रुपए से भी कम में देती है।
साथियों,
केंद्र की बीजेपी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें भी घटाईं है। लेकिन BRS की सरकार ने वैट में कटौती नहीं की, जनता को कोई राहत नहीं दी। जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वो सब लोगों को लूटने का ये भी जरिया बना दिया है। ऐसा ही कर रही हैं, इसलिए आपको BRS को हटाना है और कांग्रेस से भी आने नहीं देना है उससे भी सावधान रहना है। पेट्रोल, डीज़ल धरलु तग्गाला... वद्दा...? मैं आपको ये गारंटी देता हूं की यहां बीजेपी सरकार बनते ही, सभी परिवारों को महंगे पेट्रोल-डीज़ल से राहत मिलेगी।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
मैं आपको फिर याद दिलाता हूं, KCR ने क्या बोला था? केसीआर ने बोला था... कि आपको क्या-क्या देंगे? केसीआर ने कहा था नील्लू, निधुलू, नियामाकालू, क्या आपको दिया क्या उन्होंने? दिया क्या? अरे मुंह से बोलिए ना.. दिया क्या?
कन्नीलू, मोसालू, निरुद्योगुलु, और इसलिए मेरे साथ बोलिए साथियों,
प्रति कोना, ओकटे गाना, BJP फॉर तेलंगाना
प्रति कोना, ओकटे गाना, BJP फॉर तेलंगाना

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
अगले पांच साल तेलंगाना के विकास के लिए बहुत जरूरी है। तेलंगाना में मुझे डबल इंजन सरकार चाहिए। आप मुझे बताइए...क्या आप यहां बीजेपी की डबल इंजन की सरकार बनाएंगे? बनाएंगे? तो मैं कहता हूं आप बोलिए डबल इंजन सरकार...
तेलंगाना क्या मांगे?..., तेलंगाना क्या मांगे?..., तेलंगाना क्या मांगे?..., डबल इंजन सरकार। डबल इंजन सरकार में तेलंगाना में निवेश बढ़ेगा। डबल इंजन सरकार में यहां तेजी से आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनेगा। डबल इंजन सरकार बनने के बाद यहां गांवों में भी विकास होगा, शहरों में भी विकास होगा। महबूबाबाद में पड़ने वाला हर वोट, यहां बीजेपी की पहली सरकार सुनिश्चित करेगा। कमल पर पड़ने वाला हर वोट, फार्म हाउस सीएम को हटाएगा और यहां बीसी समाज से बीजेपी का सीएम बनाएगा।

अब आपको मैं एक काम बताना चाहता हूं, एक मेरा काम करेंगे आपलोग? सब लोग हाथ ऊपर करके बताइए मेरा काम करेंगे? पक्का करेंगे? सबके सब लोग करेंगे? ऐसा जवाब दो मुझे जो दिल्ली तक सुनाई दे...करेंगे? मेरा एक काम करेंगे? पक्का करेंगे? तो पहला काम करिए.. अपना मोबाइल फोन निकालिए... और उसका फ्लैश लाइट चालू कीजिए... अपने मोबाइल की प्लैश लाइट चालू कीजिए.. किया सबलोग.. हां.. अब देखिए मेरा क्या काम करना है मैं बताता हूं। करेंगे? मेरा काम करेंगे? देखिए, यहां से जाने के बाद लोगों के पास जाना, हर परिवार में जाना, और बताना अपने मोदी जी, महबूबाबाद आए थे, और मोदी जी ने आप सब परिवार के लोगों को नमस्कार भेजा है। मेरा प्रणाम उनको पहुंचा देंगे? मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे? घर-घऱ पहुंचा देंगे, मुझे उनके आशीर्वाद मिलेंगे तो मुझे आपके लिए काम करने की एक नई ताकत मिलेगी। और इसलिए मैं आपको अपना पर्सनल काम बताता हूं।
मेरे साथ बोलिए... भारत माता की... दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
बहुत-बहुत धन्यवाद