एक प्रकार से पीएसई का सही मायनों में अर्थ होता है- Profit and Social benefit generating Enterprise. यानि ना सिर्फ शेयर होल्डर्स के लिए लाभ कमाए बल्कि समाज को भी लाभ पहुंचाए: प्रधानमंत्री मोदी
Private Sector हो या फिर Public Sector, Success के लिए अलग-अलग मंत्र नहीं होते। सफलता के मंत्र की जब मैं बात करता हूं तब, 3 I की एक सोच सामने आती है, 3 I यानि - Incentives, Imagination and Institution Building: पीएम मोदी
उद्यम और नवाचार को 21वीं सदी में मार्गदर्शक सिद्धांत होने चाहिए: प्रधानमंत्री
पीएसई 5 P के माध्यम से नए भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं - परफॉर्मेंस (प्रदर्शन), प्रॉसेस (प्रक्रिया), पर्सोना (छवि),प्रोक्योरमेंट (खरीद) और प्रिपेयर (तैयार रहना): प्रधानमंत्री मोदी
आज तक हम PSEs को नवरत्न के रूप में Classify करते रहे हैं। लेकिन अब वक्त आ गया है जब हम इससे आगे की सोचें। क्या हम New India रत्न बनाने के बारे में नहीं सोच सकते हैं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित ‘सीपीएसई सम्मेलन’ में शिरकत की।

इस दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष विभिन्न विषयों (थीम) पर प्रस्तुतियां दी गईं जिनमें कॉरपोरेट गवर्नेंस, मानव संसाधन का प्रबंधन, वित्तीय पुनर्गठन, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी और नए भारत के लिए विजन 2022 शामिल हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित ‘सीपीएसई सम्मेलन’ में शिरकत की।

इस दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष विभिन्न विषयों (थीम) पर प्रस्तुतियां दी गईं जिनमें कॉरपोरेट गवर्नेंस, मानव संसाधन का प्रबंधन, वित्तीय पुनर्गठन, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी और नए भारत के लिए विजन 2022 शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) के लिए मुनाफा कमाना और सामाजिक लाभ सृजित करना दोनों ही अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पीएसई कर्मचारियों के उल्लेखनीय योगदान के लिए उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विद्युत सुविधा से वंचित सभी गांवों में बिजली पहुंचाना और गरीबों को एलपीजी कनेक्शन सुलभ कराना जैसे प्रमुख सरकारी लक्ष्यों की प्राप्ति पीएसई कर्मियों की कड़ी मेहनत के बिना संभव नहीं थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में अर्जित विशिष्ट प्रतिष्ठा ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उभरती चुनौतियों के अनुरूप स्वयं को ढालना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उद्यम और नवाचार को 21वीं सदी में मार्गदर्शक सिद्धांत होने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन, कल्पना और संस्थान निर्माण सफलता के लिए तीन कुंजी हैं।

प्रधानमंत्री ने पीएसई का आह्वान किया कि वे प्रौद्योगिकी और प्रक्रियाओं में बदलावों के जरिए ‘नए भारत’ का निर्माण करने में मदद करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए पीएसई को ‘5-पी’ के फॉर्मूले की जरूरत होगी जिनमें परफॉर्मेंस (प्रदर्शन), प्रॉसेस (प्रक्रिया), पर्सोना (छवि), प्रोक्योरमेंट (खरीद) और प्रिपेयर (तैयार रहना) शामिल हैं।

इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने परिचालनगत एवं वित्तीय प्रदर्शन में बेहतरी, पारदर्शिता एवं प्रक्रियाओं में जवाबदेही, ‘जेम’ प्लेटफॉर्म के जरिए एवं एमएसएमई से खरीद और तकनीकी व्यवधानों जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्पूटिंग एवं रोबोटिक्स के लिए तैयार रहने का उल्लेख किया।

उन्होंने ‘नए भारत’ के लिए पीएसई के समक्ष पांच चुनौतियां रखीं-

वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू कैसे अपनी भू-रणनीतिक पहुंच को अधिकतम करेंगे ?
वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू कैसे देश के आयात बिल को न्यूनतम करेंगे?
वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू कैसे नवाचार और अनुसंधान को एकीकृत करेंगे?
वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू के सीएसआर कोष के उपयोग को इष्टतम करने के लिए उनका रोडमैप क्या होगा?
वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू देश को कौन-सा नया विकास मॉडल देंगे?

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की 500 सबसे बड़ी कंपनियों में से एक चौथाई कंपनियां किसी न किसी देश के सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय पीएसयू स्वयं को अन्य देशों के पीएसयू से जोड़ सकते हैं और विदेश में निवेश के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पीएसयू भारत के आयात बिल को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि सीएसआईआर, आईसीएआर इत्यादि में उपलब्ध सुविधाओं के अलावा सीपीएसई में आधुनिक आरएंडडी (अनुसंधान एवं विकास) बुनियादी ढांचा भी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नवाचार और अनुसंधान को अब एकीकृत करने की जरूरत है। इस संदर्भ में उन्होंने सीपीएसई एवं सरकारी विभागों के बीच और ज्यादा सूचनाओं को साझा करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि सीपीएसई के सीएसआर संबंधी व्यय को प्रत्येक साल मुख्यतः एक विशिष्ट थीम पर केंद्रित होना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने उस सफलता का उल्लेख किया जब इस तरह के सीएसआर व्यय का उपयोग स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों का विकास एक अच्छी थीम हो सकती है। उन्होंने कहा कि सीपीएसई अपने सीएसआर के तहत कौशल विकास कार्यक्रम भी शुरू कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीपीएसई अनेक क्षेत्रों जैसे कि कागज रहित कार्य संस्कृति, कैश लेस लेन-देन और कचरा प्रबंधन में आदर्श के रूप में काम कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि सीपीएसई ‘नए भारत’ के सपने को साकार करने में अपनी ओर से व्यापक योगदान करेंगे।

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Prime Minister Welcomes Release of Commemorative Stamp Honouring Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II
December 14, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi expressed delight at the release of a commemorative postal stamp in honour of Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II (Suvaran Maran) by the Vice President of India, Thiru C.P. Radhakrishnan today.

Shri Modi noted that Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II was a formidable administrator endowed with remarkable vision, foresight and strategic brilliance. He highlighted the Emperor’s unwavering commitment to justice and his distinguished role as a great patron of Tamil culture.

The Prime Minister called upon the nation—especially the youth—to learn more about the extraordinary life and legacy of the revered Emperor, whose contributions continue to inspire generations.

In separate posts on X, Shri Modi stated:

“Glad that the Vice President, Thiru CP Radhakrishnan Ji, released a stamp in honour of Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II (Suvaran Maran). He was a formidable administrator blessed with remarkable vision, foresight and strategic brilliance. He was known for his commitment to justice. He was a great patron of Tamil culture as well. I call upon more youngsters to read about his extraordinary life.

@VPIndia

@CPR_VP”

“பேரரசர் இரண்டாம் பெரும்பிடுகு முத்தரையரை (சுவரன் மாறன்) கௌரவிக்கும் வகையில் சிறப்பு அஞ்சல் தலையைக் குடியரசு துணைத்தலைவர் திரு சி.பி. ராதாகிருஷ்ணன் அவர்கள் வெளியிட்டது மகிழ்ச்சி அளிக்கிறது. ஆற்றல்மிக்க நிர்வாகியான அவருக்குப் போற்றத்தக்க தொலைநோக்குப் பார்வையும், முன்னுணரும் திறனும், போர்த்தந்திர ஞானமும் இருந்தன. நீதியை நிலைநாட்டுவதில் அவர் உறுதியுடன் செயல்பட்டவர். அதேபோல் தமிழ் கலாச்சாரத்திற்கும் அவர் ஒரு மகத்தான பாதுகாவலராக இருந்தார். அவரது அசாதாரண வாழ்க்கையைப் பற்றி அதிகமான இளைஞர்கள் படிக்க வேண்டும் என்று நான் கேட்டுக்கொள்கிறேன்.

@VPIndia

@CPR_VP”