Quoteबिहार का विकास ही बिहार को बर्बादी से बचा सकता है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी #परिवर्तनरैली
Quoteजनता के वोटों से जीतने वाला प्रधानमंत्री बाहरी कैसे हो सकता है: प्रधानमंत्री मोदी #परिवर्तनरैली
Quoteलोकसभा चुनाव की ही तरह अगर बिहार विधानसभा में भी जनता का समर्थन मिला तो मैं यहाँ भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को ख़त्म करके दिखाऊंगा: मोदी
Quoteबिहार के विकास के लिए हमारा छह सूत्रीय कार्यक्रम- परिवारों के लिए पढ़ाई, कमाई व दवाई और प्रदेश के विकास के लिए बिजली, सड़क और पानी: मोदी
Quoteमहास्वार्थबंधन के मंत्री, विधायक अभी से बिहार का सौदा करने के लिए एडवांस ले रहे हैं, इन लोगों को ऐसी घटनाओं पर शर्म भी नहीं आती: मोदी
Quoteनीतीश जी कहते थे कि कोई भी नेता भ्रष्टाचार करते पकड़ा जाएगा तो उनकी मिलकियत जब्त कर के उनके घरों में स्कूल खोला जाएगा, क्या हुआ अब: मोदी
Quoteमहास्वार्थबंधन के नेता बिहार के लोगों को बिकाऊ कहने का पाप कर रहे हैं, बिहार की जनता ऐसे लोगों को कभी माफ़ नहीं करेगी: नरेन्द्र मोदी
Quoteनीतीश कुमार को जंगलराज, महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न एवं अत्याचार और अपहरण उद्योग के काले धंधे वाला पुराना दिन चाहिए क्या: प्रधानमंत्री
Quoteनीतीश कुमार को अपनी कुर्सी के लिए बिहार में पुराने दिन मंजूर हैं लेकिन बिहार को जंगलराज वाला पुराना दिन नहीं चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteतमाम अपशब्दों के कहने के बावजूद महास्वार्थबंधन के नेता हम पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा पाते: प्रधानमंत्री मोदी

मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव, हम पार्टी के उम्मीदवार श्रीमान महाचंद्र प्रसाद सिंह जी, बरौली से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान राम प्रवेश राय, बैकुंठपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान मिथिलेश तिवारी जी, भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान इन्द्रदेव मांझी जी, भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान काली प्रसाद पांडेय जी, और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों और बहनों

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मैं गोपालगंज पिछले लोकसभा के चुनाव में भी आया था और आज दुबारा मैं आपके बीच आया हूँ। भाईयों-बहनों, आजकल आप महास्वार्थबंधन के नेताओं की बयानबाजी सुनते हैं, अनाप-शनाप भाषाएं बोली जा रही हैं। डिक्शनरी खाली हो गई है लेकिन रोज नई-नई गालियां बोली जा रही हैं। मैं सोचता था कि आख़िरकार 25 साल से जो लोग यहाँ सरकार चला रहे हैं, 35 साल तक जिस कांग्रेस ने यहाँ सरकार चलाई है, 60 साल तक सरकार चलाई; सरकार में जितने मुलाज़िम हैं, इनको इन्हीं के कालखंड में कभी-न-कभी नौकरी मिली है, एक प्रकार से ऊपर से नीचे तक सारा उन्हीं का खेल है इसके बावजूद वे चुनाव में इस प्रकार का व्यवहार करने को मजबूर क्यों हुए हैं, सारी मर्यादा तोड़कर निम्न स्तर की भाषा पर क्यों उतर आए हैं। इसका कारण यह नहीं है कि मोदी ने कोई गलती की है, कारण है कि आपके इस प्रेम को वे पचा नहीं पा रहे हैं। जैसे-जैसे आपका प्यार बढ़ता जाता है, उनकी गलियों की संख्या बढ़ती जाती है। एनडीए, भाजपा का चुनाव प्रचार कितना सफ़ल चल रहा है, रैलियां कितनी बड़ी हो रही हैं, ये रैलियों से नहीं पता चलता है बल्कि रैली समाप्त होने के बाद जिस तरह वे गाली-गलौज पर उतर आते हैं, उससे पता चलता है कि रैली कितनी जबर्दस्त हुई है।

भाईयों-बहनों, आप बताईये कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी कोई अगर यह कहे कि तुम बिकाऊ हो तो कोई सहन करेगा क्या? फुटपाथ पर भीख मांगने वाले व्यक्ति को भी अगर कोई बिकाऊ कहे हो तो वो इसे मानेगा क्या? नीतीश जी, चुनाव में हार-जीत तो होती रहती है, ऐसा भी क्या गुस्सा। अब मोदी को गालियां देते-देते थक गए तो बिहारियों को गालियां देना शुरू कर दिया; मोदी पर आरोप लगाते-लगाते थक गए तो बिहारियों पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। नीतीश बाबू, बिहारियों का अपमान आपको महंगा पड़ जाएगा, लेने के देने पड़ जाएंगे।

उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी की रैली में जो लोग आते हैं, वो पैसों से लाये जाते हैं। आप बताईये कि ये झूठ है कि नहीं; ये आपका और समस्त बिहारियों का अपमान है कि नहीं? बिहारियों को बिकाऊ कहने का पाप उन्हें महंगा पड़ेगा। नीतीश बाबू, मोदी पर जितना जुल्म करना है कर लो लेकिन बिहारियों के स्वाभिमान को चोट मत पहुँचाओ, ये आपको शोभा नहीं देता। कोई कल्पना नहीं कर सकता कि बिहार का क्या मिज़ाज बदला है। बिहार गुस्से में है क्योंकि बिहार आपसे 25 साल का हिसाब मांग रहा है और आप हिसाब देने को तैयार नहीं हैं।

ये गोपालगंज लालू जी का गृह जिला है न, यहाँ के लोगों को क्या मिला। इन्होंने जंगलराज के समय इसे ‘मिनी-चम्बल’ बना दिया था जहाँ रेलवे स्टेशन पर खुले आम गोलियां चलती थीं। यहाँ अपहरण उद्योग बना था कि नहीं? यहाँ एक ही कारोबार हुआ था – अपहरण का कारोबार। गोपालगंज नौजवान जो सम्मान से जीना चाहता था, पसीना बहा करके पैसा कमाना चाहता था, उसे गोपालगंज छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। पूरे बिहार में सबसे ज्यादा नौजवानों का पलायन कहीं हुआ है तो या तो सीवान से हुआ है या गोपालगंज से हुआ है।

मैं पिछले दिनों आबुधाबी, दुबई गया था, वहां जो लेबर कॉलोनी बनी है, वहां के शासकों से मैंने प्रार्थना की कि लेबर कॉलोनी में मेरे भारत के लोग काम कर रहे हैं, मैं उनका हाल जानना चाहता हूँ, अपने गरीब भाईयों से मिलना चाहता हूँ। मैं वहां के शासकों का आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे जाने दिया। वहां मैं सभी मजदूरों से मिला था। मुझे वहां सबसे ज्यादा लोग बिहार के मिले। ये मजदूरी करने के लिए क्यों मजबूर हुए। हमारी सीधी बात है कि हमें बिहार को ऐसा विकास देना है ताकि बिहार के लोगों को यहीं रोजी-रोटी मिले, यही हमारा मकसद है। इनलोगों को अपने परिवार के बाहर किसी की चिंता नहीं है। उनको अपने किसी नेता पर भरोसा नहीं है। जेल गये तो पत्नी को दे के गए अब जब ज़िन्दगी जेल में गुजारनी है तो कहते हैं कि बेटे तैयार हो जाओ और ये सब पकड़ लो ताकि मैं आराम से जेल में गुजारा कर लूँ; ऐसा खेल चल रहा है।

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आज इन सारी समस्याओं का अगर हमें समाधान करना है तो एक ही रास्ता है – बिहार का विकास। बिहार का विकास ही बिहार को बर्बादी से बचा सकता है। इसलिए मैं बिहार के मतदाताओं से एक ही बात कहने आया हूँ कि मुझ पर भरोसा कीजिये। लोकसभा में अपने भरोसा किया है, अब विधानसभा में भी मुझ पर भरोसा कीजिये, मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को मैं ख़त्म करके दिखा दूंगा। दिल्ली दिन-रात भ्रष्टाचार के कारण बदनाम था। रोज लाखों-करोड़ों रुपये के घोटाले सामने आते थे कोयले, 2जी में से रुपये खाए, चारों तरफ लूट मची थी आप बताएं कि हम पर एक भी आरोप लगा है क्या? ये इतनी गालियां मुझे देते हैं लेकिन अभी तक मुझ पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। ये बचा पैसा जनता के ही काम आएगा। ये देश की सेवा है अगर बिहार की भी लूट बच जाए तो ये बिहार के लिए भला होगा।

भाईयों-बहनों, इसलिए मुझे बिहार की सेवा करने का मौका दीजिए; ये लूटपाट मुझे बंद करानी है, ये घर भरने और तिजोरी लूटने का खेल मुझे बंद कराना है। हमारे देश में इनकी हालत तो देखिये नीतीश बाबू के भागीदार और उनके मंत्रिपरिषद के मंत्री अभी टीवी पर कैमरा के सामने रुपये लेते पकड़े गए, ये क्या कम अपराध है लेकिन उनको कोई शर्म नहीं है। नीतीश बाबू ने कहा था कि अगर किसी का भ्रष्टाचार पकड़ा गया तो उसकी मिल्कियत जब्त कर ली जाएगी और उसके घर में स्कूल खोला जाएगा। लालू जी को भ्रष्टाचार में जेल हुई और ये मैंने नहीं किया बल्कि अदालत ने किया। अब नीतीश बाबू बताएं कि उनका घर कब्ज़े में किया क्या, उनके घर में स्कूल खोला? लोगों को क्यों मूर्ख बना रहे हैं? जेडीयू के मंत्री कैमरा के सामने घूस लेते पकड़े गए। ये अभी से ऐसा काम कर रहे हैं तो चुनाव के बाद क्या करेंगे। बिहार बेचने का एडवांस लिया जा रहा है। भाईयों-बहनों, क्या हम बिहार को बेचने देंगे, उनका घर भरने देंगे क्या?

मैं नीतीश बाबू से पूछना चाहता हूँ कि जेडीयू के मंत्री कैमरा के सामने घूस लेते पकड़े गए, उन्होंने उनका घर जब्त किया क्या? अभी आपकी सरकार चल रही है, आपको अपने साथियों को भ्रष्टाचार के लिए सजा करने से कौन रोक रहा है। 25 साल में इन्होंने क्या किया, इसकी सूची देखकर मैं हैरान हो गया अपने आपको ईमानदारी से काम करने वाले बताने वाले महाशय ने क्या खेल किया है, मैं आपको बताना चाहता हूँ याद कीजिये, अलकतरा घोटाला, दवाई खरीद घोटाला, ट्रांसफर्मर खरीद घोटाला, एस्टीमेट घोटाला, इंजीनियरिंग कॉलेज नॉमिनेशन घोटाला, फ़र्टिलाइज़र सब्सिडी घोटाला, राशन-किरासन घोटाला, शराब घोटाला, व्याख्याता नियुक्ति घोटाला, सिपाही नियुक्ति घोटाला, नलकूप घोटाला, इंदिरा आवास घोटाला, मनरेगा घोटाला, शौचालय घोटाला, कोसी चैनल निर्माण घोटाला, मिड-डे मिल घोटाला, आंगनवाड़ी घोटाला, मेघा घोटाला, कुलपति नियुक्ति घोटाला, पथ निर्माण घोटाला, पुल निर्माण घोटाला, शिक्षा अभियान घोटाला, टैक्स बुक छपाई घोटाला, कंबल खरीद घोटाला, परिवहन घोटाला, वायरलेस घोटाला, दियारा जमीन घोटाला, बुद्ध स्मृति पार्क निर्माण घोटाला, चावल घोटाला, रोल एंड डबल पे घोटाला, रेलवे में घोटाला और जिस घोटाले में आपके महाशय को सजा हुई है, उस चारे की तो बात करता ही नहीं हूँ

भाईयों-बहनों, ऐसे घोटाले करने वालों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? इस प्रकार से बिहार को लूटने वालों को बिहार से बर्खास्त करना चाहिए कि नहीं? ये चुनाव सिर्फ़ सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि बिहार को लूटने वालों को बिहार से बर्खास्त करने का चुनाव है। नीतीश जी हिम्मत से कह रहे हैं कि हमें पुराने दिन लौटा दो। आए दिन अपहरण होते थे, दलितों पर जुल्म होता था, हत्याएं होती थीं, विनाश की परिस्थिति बनी हुई थी, वो पुराने दिन वापस चाहिए क्या? नीतीश जी, आपको कुर्सी के लिए पुराने दिन मंजूर है लेकिन बिहार को ये मंजूर नहीं है। जीत-हार तो होती है लेकिन बिहार के लोगों के साथ खिलवाड़ करना बंद कीजिये।

बिहार में सिवाय अपराधीकरण क्या हुआ? ये अपराध की ज़िन्दगी बिहार के जीवन को नहीं बदल सकती और रोजी-रोटी नहीं दे सकती। बिहार के परिवारों के लिए मेरा तीन सूत्र है - पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई। बिहार के गरीब बच्चों को सस्ती एवं अच्छी शिक्षा मिलनी जरुरी है क्योंकि तब गरीब माँ-बाप को अपनी जमीन गिरवी रखने और अपनी बहू-बेटियों की अमानत गिरवी रखने की नौबत नहीं आएगी। दूसरी बात है, कमाई; बिहार का नौजवान अपनी कमाई कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है। 20-25 साल का नौजवान अपने माँ-बाप से 5 रूपया मांगे, उसे दुःख होता होगा कि नहीं। स्वाभिमान से जीने के लिए बिहार का नौजवान को अवसर मिलना चाहिए। नौजवान अपनी कमाई के लिए अवसर तलाश रहा है लेकिन सरकार उसे वो अवसर नहीं दे रही है। उद्योग नहीं लगेंगे तो रोजगार कैसे मिलेगा और उद्योग लगाने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। पिछली बार इन्होंने कहा था कि मेरी सरकार बनाईए, मैं घर-घर बिजली पहुंचाऊंगा और अगर मैं बिजली न पहुंचाऊं तो मैं वोट मांगने नहीं आऊंगा। बिजली तो नहीं आई लेकिन वो वोट मांगने जरुर आये। उन्होंने आपसे धोखा किया तो अब आप उनसे नाता तोड़ोगे?

बिहार को 24 घंटे बिजली चाहिए ताकि यहाँ उद्योग लगे और यहाँ के नौजवानों को रोजगार मिले इसलिए मैं आपसे पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई के लिए वोट मांग रहा हूँ। बुजुर्गों के लिए सस्ती दवाई, डॉक्टर और दवाखाना होना चाहिए। बिहार राज्य की भलाई के लिए तीन सूत्र है, बिजली, पानी एवं सड़क। किसान को पानी मिले, वो मिट्टी में से सोना पैदा कर देगा; बिहार को बिजली मिले, कारखाने लग जाएंगे; और बिहार को सड़कें मिलें, बिहार प्रगति की दिशा में आगे बढ़ जाएगा। मेरे भाईयों-बहनों, बिहार के विकास के लिए एक ऐसी सरकार चुनिये जिसका एकमात्र एजेंडा है- विकास।

पिछले दिनों विकास के नाम पर उनके पास कहने के लिए कुछ था नहीं, 25 साल के शासन में कोई विकास नहीं था तो जब हम सिर्फ़ विकास पर जोर देकर बातें कर रहे थे तो वो आरक्षण की माला जप रहे थे और जब मैंने थोड़े दिन पहले उनके पापों का चिट्ठा खोल दिया तो तिलमिला गए हैं। अब तो मैं खुलेआम कहता हूँ कि 24 अगस्त 2005 को पार्लियामेंट के अन्दर श्रीमान नीतीश बाबू ने अपने इरादे साफ़ कर दिए थे। मैंने आरोप लगाया था कि ये दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों का 5% आरक्षण चोरी करना चाहते हैं। भारत के संविधान-निर्माता ने मना किया था कि संप्रदाय के आधार पर आरक्षण मत कीजिये लेकिन ये लोग पिछड़ों का आरक्षण चोरी कर संप्रदाय के आधार पर आरक्षण बाँटना चाहते हैं। मैंने कहा तो तिलमिला गए लेकिन 24 अगस्त 2005 को पार्लियामेंट में उन्होंने जो भाषण दिया था, उसका दस्तावेज़ मेरे पास मौजूद है। उनका यही कहना था कि दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों, पिछड़ों का आरक्षण निकाल कर संप्रदाय के आधार पर आरक्षण दिया जाए। उनको मैं चुनौती देता हूँ कि उनमें हिम्मत है तो इसका जवाब दें। इतना झूठ बोलते हैं और हल्की-फुल्की बात कर के निकल लेते हैं; ये खेल लंबा नहीं चलने वाला है।

भाईयों-बहनों, मैंने गरीबी देखी है इन दिनों ये कह रहे हैं कि मोदी जी ने अपना प्रोफाइल बदल लिया। पहले मोदी विकास की बात करते थे और अब कह रहे हैं कि मैं तो चाय बेचता हूँ, मैं गरीब माँ का बेटा हूँ, मैं पिछड़ा हूँ। मैं नीतीश बाबू से पूछना चाहता हूँ कि क्या इस देश के पिछड़े को विकास की बात करने का हक़ भी नहीं है क्या? अगर मैं पिछड़ा हूँ तो क्या मैं विकास पर बोल नहीं सकता, उस पर चर्चा नहीं कर सकता? क्या विकास की बात करने का ठेका आप लोगों के ही पास है क्या? ये उनका अहंकार ही उनसे ये सब बोलवाता है और वो इतने निराश हैं कि अब उन्हें आपके पास आने की हिम्मत नहीं है और अब वे तांत्रिक के पास जाते हैं। आपको गाली देते हैं कि आप यहाँ पैसों से आते हैं और ख़ुद तांत्रिक के चरणों में जाकर रूपये का ढेर करते हैं। अब वे 100 तांत्रिक ले आएं लेकिन अब वे बचने वाले नहीं हैं।

हमारा भरोसा जनता-जनार्दन में हैं, आप पर है। हमें बदलाव चाहिए विकास के लिए; हमें सरकार चाहिए विकास के लिए। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि ज्यादा-से-ज्यादा और भारी संख्या में मतदान कीजिये। अपना आशीर्वाद हमें देते रहिए और दो-तिहाई बहुमत के साथ भाजपा, एनडीए की सरकार बनाईए। सब लोग पूरी ताक़त के साथ बोलिये -    

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!                     

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

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अब दुनिया में जो EVs चलेंगी, उन पर Made in India लिखा होगा: हंसलपुर, गुजरात में पीएम मोदी
August 26, 2025
Quoteप्रधानमंत्री ने सुजुकी के पहले मेड-इन-इंडिया बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन ‘ई विटारा’ का उद्घाटन किया और उसे हरी झंडी दिखाई
Quoteभारत में बने EVs 100 देशों को निर्यात किए जाएंगे: पीएम
Quoteभारत के पास लोकतंत्र की शक्ति है, जनसांख्यिकी का लाभ है और कुशल कार्यबल का एक बहुत बड़ा भंडार है, जो हर भागीदार के लिए लाभदायक है: प्रधानमंत्री
Quoteअब दुनिया भर में जो ईवी चलेगी, उसमें लिखा होगा- मेड इन इंडिया!: प्रधानमंत्री
Quoteमेक इन इंडिया पहल ने वैश्विक ही नहीं, घरेलू निर्माताओं के लिए भी अनुकूल वातावरण तैयार किया है: प्रधानमंत्री
Quoteआने वाले समय में, भविष्य के उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा: प्रधानमंत्री
Quoteभारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में उड़ान भर रहा है, देश में इसके 6 संयंत्र स्थापित होने वाले हैं: प्रधानमंत्री

गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, भारत में जापान के राजदूत श्रीमान केइची ओनो सान, सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के प्रेसिडेंट तोशीहिरो सुज़ुकी सान, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एमडी हिसाशी ताकेउची सान, चेयरमैन आर. सी. भार्गव, हंसलपुर प्लांट के सभी कर्मचारी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

गणेशोत्सव के इस उल्लास में आज भारत की ‘मेक इन इंडिया’ इस यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ रहा है। ये Make in India, Make for the World हमारे इस लक्ष्य की तरफ एक बड़ी छलांग है। आज से भारत में बने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स 100 देशों को एक्सपोर्ट किए जाएंगे। साथ ही, आज Hybrid Battery Electrode Manufacturing भी स्टार्ट हो रही है। आज का ये दिन भारत और जापान की फ्रेंडशिप को भी नया आयाम दे रहा है। मैं सभी देशवासियों को, जापान को, सुजुकी कंपनी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। एक प्रकार से thirteen, teen age का आरंभ होता है, और teen age पंख फैलाने का कालखंड होता है, सपनों की उड़ान भरने का कालखंड होता है। और teen age में ढेर सारे ख्वाब उभरते हैं। एक प्रकार से पैर जमीन पर नहीं होते हैं teen age में। मुझे खुशी है कि आज मारुति teen age में enter कर रहा है। गुजरात का मारुति का teen age में प्रवेश, यानी आने वाले दिनों में मारुति एक नए पंख फैलाएगा, नई उमंग और उत्साह के साथ आगे बढ़ेगा, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है।

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Friends,

भारत की इस सक्सेस स्टोरी के बीज करीब-करीब 13 साल पहले बोये गए थे। 2012 में, जब मैं यहाँ का मुख्यमंत्री था, तब हमने मारुति सुज़ुकी को हंसलपुर में जमीन अलॉट की थी। विजन उस समय भी आत्मनिर्भर भारत का था, मेक इन इंडिया का था। हमारे तब के प्रयास आज देश के संकल्पों को पूर्ण करने में इतनी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

साथियों,

मैं इस अवसर पर, स्वर्गीय ओसामू सुजुकी सान को ह्दय से याद करना चाहूँगा। हमारी सरकार को उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित करने का सौभाग्य मिला था। मुझे खुशी है उन्होंने मारुति-सुज़ुकी इंडिया का जो विज़न देखा था, वो आज हम उसके इतने बड़े विस्तार के गवाह बन रहे हैं।

साथियों,

भारत के पास democracy की शक्ति है, और भारत के पास demography का advantage है। हमारे पास Skilled Workforce का बहुत बड़ा Pool है। इसलिए ये हमारे हर पार्टनर के लिए विन-विन सिचुएशन बनाता है। आज आप देखिए, Suzuki Japan, भारत में मैन्युफैक्चरिंग कर रही है, और जो गाड़ियां बन रही हैं, वो वापस जापान को एक्सपोर्ट की जा रही हैं। ये जापान और भारत के रिश्तों की मजबूती तो है ही, भारत को लेकर ग्लोबल कंपनियों के भरोसे को भी ये आपके सामने प्रस्तुत करता है। एक तरह से, मारुति सुज़ुकी जैसी कंपनियाँ मेक इन इंडिया की ब्रैंड एंबेसडर बन चुकी हैं। लगातार 4 साल से Maruti भारत की सबसे बड़ी कार एक्सपोर्टर है। अब आज से EV एक्सपोर्ट को भी उसी स्केल पर ले जाने की शुरुआत हो रही है। अब दुनिया के दर्जनों देशों में जो EV चलेगी, उसमें लिखा होगा- Made in India!

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Friends,

हम सब जानते हैं, EV ecosystem का सबसे क्रिटिकल पार्ट बैटरी है। कुछ साल पहले तक भारत में बैटरीज़ पूरी तरह इंपोर्ट होती थी। EV manufacturing को मजबूती देने के लिए ये जरूरी था, भारत बैटरीज़ का भी निर्माण करे। इसी विज़न को लेकर 2017 में हमने यहां TDSG बैटरी प्लांट की नींव रखी थी। TDSG की ही नई पहल पर, इस फैक्ट्री में तीन जापानी कंपनियां मिलकर भारत में पहली बार सेल मैन्युफैक्चर करेंगी। भारत में बैटरी सेल के इलेक्ट्रोड भी लोकल लेवल पर तैयार होंगे। ये लोकलाइजेशन भारत की आत्मनिर्भरता को नई शक्ति देगा। इससे हाईब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के कारोबार में और तेज गति आएगी। मैं आपको इस ऐतिहासिक शुरुआत के लिए अपनी अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

कुछ साल पहले, उस समय तक EV को केवल एक नए alternate के तौर पर देखा जाता था। लेकिन, मेरा मानना रहा है, EV कई समस्याओं का ठोस समाधान है। इसलिए, पिछले साल मैंने अपनी सिंगापुर विजिट के दौरान कहा था, हम अपनी पुरानी गाड़ियों को, पुरानी एम्बुलेंसेस को हाइब्रिड EV में बदल सकते हैं। Maruti Suzuki ने इस चुनौती को स्वीकार किया और केवल 6 महीनों में एक working prototype तैयार कर दिया। अभी मैंने वो Hybrid Ambulance का प्रोटोटाइप देखा भी है। ये हाइब्रिड एंबुलेंस PM E-DRIVE स्कीम में पूरी तरह फिट बैठती हैं। लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की इस योजना में ई-एंबुलेंस के लिए भी बजट निर्धारित किया गया है। हाइब्रिड EV से Pollution भी घटेगा, और पुराने vehicles को transform करने का विकल्प भी मिलेगा।

साथियों,

क्लीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी, ये हमारा future है। ऐसे ही प्रयासों से भारत तेजी के साथ क्लीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी का एक reliable सेंटर बनेगा।

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साथियों,

आज जब दुनिया supply chain disruptions से जूझ रही है, ऐसे समय में लगता है कि भारत ने पिछले दशक में जो नीतियां बनाईं, वो देश के कितने काम आ रही हैं। 2014 में जब मुझे देश ने सेवा का अवसर दिया, उसके बाद से ही हमने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। हमने Make in India अभियान शुरू किया, global और domestic manufacturers, दोनों के लिए देश में अनुकूल वातावरण बनाया। भारत में manufacturing, efficient और globally competitive हो, इसके लिए हम industrial corridors बना रहे हैं। हम Plug-and-play infrastructure बना रहे हैं। Logistics parks बना रहे हैं। भारत कई सेक्टर्स में manufactures को Production Linked Incentive का benefit भी दे रहा है।

साथियों,

हमने कई बड़े reforms के ज़रिए इन्वेस्टर्स की पुरानी कठिनाइयों को भी दूर किया। इससे Investors के लिए Indian manufacturing में invest करना आसान हुआ है। इसके परिणाम हमारे सामने हैं, इसी दशक में Electronics production लगभग 500 प्रतिशत बढ़ा है। Mobile phone production 2014 की तुलना में 2,700 परसेंट तक बढ़ गया है। Defence production में भी, पिछले दशक में 200 परसेंट से भी ज़्यादा की वृद्धि हुई है। ये सक्सेस आज भारत के सभी राज्यों को और हर एक राज्य को भी motivate कर रही है। उनके बीच reforms को लेकर, इन्वेस्टमेंट को लेकर, एक healthy competition शुरू हुआ है, जिसका लाभ पूरे देश को मिल रहा है। और मैं हर मीटिंग में, व्‍यक्‍तिगत बातचीत में, बहुत सार्वजनिक रूप से सभी राज्‍यों को कहता रहा हूं कि हमें प्रोएक्टिव होना होगा। हमें प्रो-डेवलपमेंट पोलिसीज बनानी होंगी। हमें सिंगल विंडो क्लीयरेंस पर बल देना होगा। कानूनों में रिफॉर्म्स पर बल देना होगा और यह competition का जमाना है, जो राज्‍य जितनी तेजी से अपनी पोलिसीज को नीट एंड क्‍लीन रखता है, ifs and buts के बिना रखना है, तो investor का विश्वास बढ़ता है। Investor आने के लिए हिम्मत के साथ आता है। आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है। ऐसे में कोई राज्य पीछे नहीं रहना चाहिए। हर राज्य को अवसर लेना चाहिए। ऐसी competition हो कि हिंदुस्तान में आने वाले investor को सोचने में तकलीफ हो कि मैं इस राज्‍य में जाऊं कि उस राज्‍य में जाऊं। इतना क्लियर कट होना चाहिए competition, इससे देश को लाभ होने वाला है और इसलिए मैं सभी राज्यों को निमंत्रण देता हूं कि आइए रिफॉर्म की स्पर्धा करें, good governance की स्पर्धा करें, प्रो डेवलपमेंट पॉलिसी की स्पर्धा करें और हम 2047 विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को तेज गति से पार करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

Friends,

भारत यहीं पर रुकने वाला नहीं है। जिन सेक्टर्स में हमने बेहतर perform किया है, हमें उनमें और बेहतर करना है। इसके लिए हम मिशन manufacturing पर जोर दे रहे हैं। आने वाले समय में हमारा फोकस futuristic इंडस्ट्री पर होगा। Semiconductor sector में भारत take-off कर रहा है। देश में इसके 6 plants तैयार होने वाले हैं। हमें सेमीकंडक्टर manufacturing को और आगे लेकर जाना है।

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साथियों,

भारत सरकार ऑटो इंडस्ट्री के लिए rare earth magnets की shortages से जुड़ी कठिनाइयों के प्रति भी सजग है। इस दिशा में देश के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए हमने National Critical Mineral Mission भी लॉंच किया है। इसके तहत देश में अलग-अलग जगहों पर 1,200 से अधिक खोजी अभियान चलाए जाएंगे, क्रिटिकल मिनरल्स को तलाशा जाएगा।

साथियों,

अगले सप्ताह ही मैं जापान जा रहा हूँ। भारत और जापान का रिश्ता केवल diplomatic relations से कहीं ऊपर, सांस्कृतिक और भरोसे का रिश्ता है। हम एक दूसरे की प्रगति में अपनी प्रगति देखते हैं। मारुति सुज़ुकी के साथ हमने जो जर्नी शुरू की थी, वो अब बुलेट ट्रेन की स्पीड तक पहुँच चुकी है। भारत-जापान पार्टनरशिप की औद्योगिक संभावनाओं को साकार करने की बड़ी पहल यहीं गुजरात से ही हुई थी। मुझे याद है, हमने 20 साल पहले जब Vibrant गुजरात समिट शुरू की थी, तो उसमें जापान एक प्रमुख सहयोगी था। आप विचार कीजिए, एक developing countries का, एक छोटा सा स्‍टेट, उसका investment summit और जापान जैसा developed country उसका पार्टनर हो, यह दिखाता है कि भारत और जापान की नींव कितनी मजबूत है और मैं आज जब यह Vibrant Gujarat की यात्रा की याद कर रहा हूं, तब मेरे मित्र यहां बैठे हैं, वो पहले भारत में एंबेसडर हुआ करते थे, 2003 में, आज वो भी यहां मौजूद हैं, अब वो रिटायर हो गए हैं, लेकिन उनका भारत प्रेम, गुजरात प्रेम, वैसे का वैसा है, मैं उनका भी स्वागत करता हूं। गुजरात के लोगों ने भी, जापान के लोगों का उतना ही आत्मीयता से ख्याल रखा। हमने इंडस्ट्री से जुड़े rules and regulations जापानी भाषा में प्रिंट करवाकर दिए। जब मैं गुजरात में था, हर छोटी चीज पर मैं ध्‍यान रखता था, even मेरा जो visiting card होता था न, वो भी मैं जापानी में बनाता था। जो विडियोज बनाते थे हम प्रोमोशनल, उस वीडियो की खूबी होती थी, जापानी भाषा में डबिंग करवाता था। यानी मुझे मालूम था कि मुझे इस रास्‍ते पर बड़ी मजबूती से आगे बढ़ना है और मैं सभी राज्‍यों को कहता हूं, आसमान खुला है भैया, आप भी मेहनत करो, आओ मैदान में, बहुत फायदा होगा।

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मुझे याद है, शुरू-शुरू में जब जापान के हमारे साथी आते थे, तो मैं नया-नया उनकी निकटता मेरी बढ़ती चली जाती थी और उनकी हर चीज को मैं समझ पाता था। मैंने देखा है कि जापानी लोगों का एक नेचर है कि उनको अपना जो कल्‍चरल इकोसिस्‍टम है, वो उनकी पहली प्राथमिकता होती है। उसमें जापानी फूड चाहिए, ये जैसे गुजरात के लोग हैं न, उनका भी ऐसा ही है। वे गुजरात में कहीं Saturday-Sunday को, कहीं न कहीं restaurant में खाने के आदि हैं, तो वहां जाएंगे, तो मेक्‍सिकन फूड मांगेंगे, इटेलियन फूड मांगेंगे। लेकिन गुजरात के बाहर कहीं जाएंगे, तो गुजराती फूड खोजते रहते हैं। मैंने देखा जापान के लोगों का भी यह स्‍वभाव है और इसलिए मैंने यहां जापानीज़ क्‍विज़ीन्‌ की व्यवस्था कराई, मैंने उसकी एक होटल चेन को बुलाया। मुझे पता है, बाद में मुझे बताया गया कि भई जापान के लोग हैं, गोल्फ के बिना तो नहीं चल सकता, मैंने उसको भी प्राथमिकता दी और अपने जापानी साथियों को ध्यान में रखते हुए हमने जो गुजरात में गोल्फ का नामोनिशान नहीं था, 7-8 नए गोल्फ कोर्स develop किए। देखिए, विकास करना है, इंवेस्‍टमेंट लाना है, दुनिया को आकर्षित करना है, तो हर बारीकी पर देखना पड़ता है और हमारे देश में कई राज्‍य हैं, जो करते हैं। जो राज्‍य पीछे हैं, मेरा उनसे आग्रह है कि आप भी हर बारीकी को अवसर समझिए और विकास की नई दिशा पकड़िए। इतना ही नहीं साथियों, हमारे स्‍कूल में, हमारे कॉलेजेज़ में और हमारे यूनिवर्सिटीज़ में बहुत बड़ी मात्रा में जापानी भाषा सिखाने को प्राथमिकता दी जा रही है। बहुत सारे जापानी भाषा सिखाने वाले टीचर्स आज गुजरात में भी है। कई स्कूलों में जापानी भाषा सिखाई जा रही है।

साथियों,

हमारे इन प्रयासों से भारत-जापान के बीच people to people connect बहुत बढ़ रहा है। स्किल और ह्यूमन रिसोर्स से जुड़ी एक दूसरे की जरूरतों को भी हम पूरा कर पा रहे हैं। मैं चाहूँगा, मारुति-सुज़ुकी जैसी कंपनियाँ भी इस तरह के प्रयासों का हिस्सा बनें और यूथ एक्स्चेंज जैसे प्रयासों को बढ़ाएं।

साथियों,

हमें इसी तरह आने वाले समय में सभी अहम क्षेत्रों में आगे बढ़ना है। मुझे भरोसा है, हमारे आज के प्रयास 2047 के विकसित भारत की इमारत को नई बुलंदी तक लेकर जाएंगे और मुझे भरोसा है कि जापान इस लक्ष्य की प्राप्ति में हमारा भरोसेमंद पार्टनर बनकर साथ चलता रहेगा, हमारी दोस्ती अटूट रहेगी और मैं तो कभी-कभी कहता था कि जहां तक जापान और भारत का रिश्ता है, यह मेड फॉर ईच अदर वाला रिश्ता है। मैं आज विशेष रूप से मारुति को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और अभी तो यह teen age की शुरुआत है, आपको पंख फैलाने हैं। नए सपने बुनने हैं, आपके संकल्पों के लिए, उसकी पूर्ति के लिए हम पूरी शक्ति से आपके साथ हैं। इसी विश्वास के साथ आत्मनिर्भर भारत के अभियान को हम सब आगे बढ़ाएं। वोकल फॉर लोकल बनें। स्वदेशी, यह हमारा जीवन मंत्र बनना चाहिए दोस्तों, गर्व से, गर्व से स्वदेशी की तरफ चल पड़ों। और यहां जापान के द्वारा जो चीजें बन रही हैं न, यह भी स्वदेशी है। मेरी स्वदेशी की व्याख्या बहुत सिंपल है, पैसा किसका लगता है, उससे कुझे कोई लेना-देना नहीं है। वो डॉलर है, पाउंड है, वो करंसी काली है, गोरी है, मुझे कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन जो प्रोडक्‍शन है, उसमें पसीना मेरे देशवासियों का होगा। पैसा किसी का, पसीना हमारा। जो प्रोडक्‍शन होगा, उसमें महक मेरे देश की मिट्टी की होगी, मेरे भारत मां की होगी। इस भाव के साथ आप मेरे साथ चलिए दोस्तों, 2047 में हम ऐसा हिंदुस्तान बनाएंगे, आपकी आने वाली अनेक पीढ़ियां, आपके इस त्‍याग का गर्व करेंगी, आपके इस योगदान का गर्व करेंगी, आपकी भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्‍य के लिए, आत्मनिर्भर भारत के इस मंत्र के लिए, स्वदेशी के मार्ग के लिए मैं आज मेरे देशवासियों को निमंत्रण दे रहा हूं, मैं आपको निमंत्रण दे रहा हूं, आइए, हम सब चल पड़े, 2047 विकसित भारत बनाकर रहेंगे। दुनिया की इस भलाई में भारत का योगदान बढ़ाते रहेंगे, इसी भावना के साथ आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं! बहुत-बहुत धन्यवाद!