प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आमंत्रण पर, फ़िजी के प्रधानमंत्री श्री सितिवेनी राबुका 24 से 26 अगस्त, 2025 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए हैं। श्री राबुका की प्रधानमंत्री के तौर पर यह पहली भारत यात्रा है। श्री राबुका के साथ उनकी पत्नी; स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा मंत्री श्री एंटोनियो लालबालावु और फ़िजी के वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी आया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिजी के प्रधानमंत्री श्री राबुका और उनके प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मामलों के समग्र पहलुओं और परस्पर हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने संबंधों की प्रगाढ़ता पर संतोष व्यक्त किया और रक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कृषि प्रसंस्करण, व्यापार एवं निवेश, लघु एवं मध्यम उद्यम विकसित करने, सहकारिता, संस्कृति, खेल, शिक्षा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में व्यापक, समावेशी और भविष्योन्मुखी साझेदारी के संकल्प की पुष्टि की।

दोनों नेताओं ने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय यात्राओं में आई तेजी पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें अगस्त 2024 में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की फिजी की पहली ऐतिहासिक यात्रा शामिल है। उन्होंने फरवरी 2023 में फिजी के नाडी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के सफल आयोजन का भी स्मरण किया, जिसमें भारत और फिजी के बीच साझा भाषाई और सांस्कृतिक विरासत को उल्लासित भाव से मनाया गया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत और फिजी के बीच गहरे और दीर्घकालीन संबंधों की पुष्टि की और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे जुड़ाव की बात दोहराई। उन्होंने फिजी की बहुसांस्कृतिक पहचान, विविधतापूर्ण समाज और अर्थव्यवस्था को आकार देने में 1879 और 1916 के बीच फिजी पहुंचे 60,000 से अधिक भारतीय गिरमिटिया मजदूर समाज के योगदान को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री राबुका ने मई 2025 में 146वें गिरमिट दिवस समारोह में भाग लेने के लिए विदेश और वस्त्र राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा की फिजी यात्रा की सराहना की।

दोनों नेताओं ने जुलाई 2025 में छठे विदेश मंत्रालय कार्यालयी परामर्श के सफल आयोजन का उल्लेख किया, जो दोनों देशों के बीच सहयोग की प्रगति और नए क्षेत्रों की पहचान का महत्वपूर्ण मंच सिद्ध हुआ।

दोनों नेताओं ने आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग सुदृढ़ करने पर सहमति व्यक्त की और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की। दोनों नेताओं ने 26 निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाले पहलगाम आतंकी हमले की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए आतंकवाद बिलकुल सहन न करने की बात दोहराई और आतंकवाद पर दोहरे मानदंडों को खारिज किया। दोनों देशों ने कट्टरपंथ का मुकाबला करने की आवश्यकता को स्वीकार किया और आतंक वित्तपोषण को रोकने; आतंकी हमलों में नई और उभरती प्रौद्योगिकियों का दुरूपयोग रोकने और संयुक्त प्रयासों एवं क्षमता बढ़ाकर आतंकवादियों की भर्ती और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई।

दोनो प्रधानमंत्रियों ने भारत के मिशन लाइफ और ब्लू पैसिफिक महाद्वीप के लिए 2050 की रणनीतिक भावना के अनुरूप जलवायु संरक्षण, प्रकृति अनुकूल निर्माण और सतत विकास की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) में फिजी की सदस्यता की सराहना की। दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में बढ़ते सहयोग का स्वागत किया, जिसमें आईएसए के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता द्वारा फिजी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में एक स्टार-केंद्र की स्थापना और फिजी में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सौर ऊर्जा बढ़ाने के लिए संरचना स्थापन साझेदारी हस्ताक्षर शामिल हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण और वैश्विक मंचों पर पुरजोर वकालत द्वारा सीडीआरआई ढांचे के तहत फिजी के राष्ट्रीय स्थिति अनुकूलन लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

दोनों नेताओं ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) के ढांचे के अंतर्गत स्थायी ऊर्जा समाधान के लिए जैव ईंधन को बढ़ावा देने की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। गठबंधन के संस्थापक और सक्रिय सदस्यों के रूप में, दोनों पक्षों ने ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने और समावेशी ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने में जैव ईंधन की अहम भूमिका पर ज़ोर दिया। वे फिजी में स्थायी जैव ईंधन उत्पादन और इस्तेमाल बढ़ाने के लिए क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता और नीतिगत ढांचे बनाने में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए।

दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर बढ़ोतरी को स्वीकारते हुए भारत और फिजी के बीच व्यापार एवं निवेश की पर्याप्त अप्रयुक्त संभावना के इस्तेमाल पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने आर्थिक साझेदारी और सुदृढ़ करने, व्यापार पोर्टफोलियो में विविधता लाने और आपूर्ति श्रृंखलाओं में अनुकूलता बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय सहयोग मजबूत करने की मंशा व्यक्त की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिजी सरकार द्वारा भारतीय घी को वहां के बाज़ार में पहुंच प्रदान किए जाने का स्वागत किया।

मजबूत, समावेशी और संधारणीय हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे का साझा दृष्टिकोण दोहराते हुए, दोनों नेताओं ने समृद्धि बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों नेताओं ने एक्ट ईस्ट नीति के तहत, भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) द्वारा फिजी समेत प्रशांत द्वीप देशों के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव और प्रशांत द्वीप समूह मंच (पीआईएफ) में डायलॉग पार्टनर(वार्ता सहयोगी) के तौर पर भारत की भागीदारी की सराहना की। मई 2023 में आयोजित तीसरे एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन के सफल परिणामों का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिजी की प्राथमिकताओं को केंद्र में रखते हुए व्यापक पहल द्वारा इस क्षेत्र में विकास साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में इंगित करते हुए दोनों नेताओं ने सुवा में 100 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डिजाइन, निर्माण, कमीशनिंग, संचालन और रखरखाव पर हुए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर का स्वागत किया, जो प्रशांत क्षेत्र में भारत के अनुदान सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत सबसे बड़ी परियोजना है।

 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मई 2025 में भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता देने के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का स्वागत किया, जिससे दवा क्षेत्र में सहयोग सुदृढ़ होगा और फिजी में गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा और उत्पाद तक वहां के लोगों की बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने फिजी में जन औषधि केंद्र स्थापित किए जाने के लिए भारत की सहायता की भी पुष्टि की ताकि लोगों को कम कीमत पर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराई जा सकें। दोनों नेताओं ने 13 अगस्त 2025 को भारत और फिजी के बीच स्वास्थ्य पर तीसरे संयुक्त कार्य समूह की बैठक आयोजित किये जाने का स्वागत किया, जिसमें भारत की प्रमुख टेलीमेडिसिन पहल, ई-संजीवनी के तहत दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाने और भारत और फिजी के बीच डिजिटल सुदृढ़ करते हुए स्वास्थ्य संपर्क बढ़ाने के सहयोग पर चर्चा की गई। स्वास्थ्य सहयोग को और मजबूती देते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने घोषणा की कि फिजी में द्वितीय जयपुर फुट शिविर आयोजित किया जाएगा। भारत, फिजी के विदेशी चिकित्सा रेफरल कार्यक्रम के पूरक के रूप में ‘हील इन इंडिया’ कार्यक्रम के अंतर्गत 10 फिजीवासियों के लिए भारतीय अस्पतालों में विशेष/तृतीयक चिकित्सा देखभाल सेवाएं भी उपलब्ध कराएगा।

भारत-फ़िजी सहयोग के महत्वपूर्ण आधार के तौर पर विकास साझेदारी की पुष्टि करते हुए,दोनों नेताओं ने फ़िजी में पहली त्वरित प्रभाव परियोजना (क्यूआईपी) के तहत तुबालेवु ग्राम भूजल आपूर्ति परियोजना के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का स्वागत किया। इससे स्थानीय समुदायों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। वर्ष 2024 में टोंगा में आयोजित 53वें प्रशांत द्वीप समूह मंच नेताओं की बैठक में भारत ने इसकी घोषणा की थी।

दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में आई गति को भी स्वीकार किया। उन्होंने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के साझा हितों के महत्व पर बल दिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 2017 में रक्षा सहयोग समझौता ज्ञापन में उल्लिखित सहयोग के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और फ़िजी की रणनीतिक प्राथमिकताओं को सहयोग देने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। नेताओं ने संयुक्त रक्षा कार्य समूह की पहली बैठक के परिणामों का स्वागत किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान (यूएनपीकेओ), सैन्य औषधि, वाणिज्यिक नौवहन सूचना आदान-प्रदान (डब्ल्यूएसआईई) और फिजी के सैन्य बलों के लिए क्षमता वर्धन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना शामिल है।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने आपसी रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए इन्हें और मज़बूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री राबुका ने फिजी के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) (समुद्र तट से 200 समुद्री मील का आर्थिक संसाधन क्षेत्र) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया और फिजी की सुरक्षा आवश्यकताओं में सहायता के लिए भारत के आश्वासन का स्वागत किया। प्रधानमंत्री राबुका ने एक भारतीय नौसैनिक जहाज के फिजी में आगामी पड़ाव पत्तन का स्वागत किया, जिससे समुद्री सहयोग और अंतर-संचालन क्षमता में वृद्धि होगी।

दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा प्रयासों में तेज़ी लाने और क्षेत्र में पारस्परिक लाभ को बढ़ावा देने तथा शांति, स्थिरता और समृद्धि बढ़ाने के उद्देश्य से नई पहल द्वारा रक्षा सहयोग और सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिजी के सैन्य बलों को दो एम्बुलेंस उपहार में देने और सुवा स्थित भारतीय उच्चायोग में रक्षा विंग स्थापित किये जाने की घोषणा की। साइबर सुरक्षा को दोनों देशों के बीच सहयोग का उभरता हुआ क्षेत्र मानते हुए दोनों नेताओं ने फिजी में साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ (सीएसटीसी) स्थापित किये जाने का स्वागत किया। उन्होंने मौजूदा और उभरती चुनौतियों, विशेषकर समुद्री, मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सहायता तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर बल दिया।

दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा सुदृढ़ करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए योगदान देने के लिए सहयोग करने की मंशा व्यक्त की।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने लोगों के आपसी संबंधों को भारत और फिजी के संबंधों का प्राकृतिक आधार मानते हुए इन्हें और गहरा बनाने खासकर आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर बल दिया। दोनों नेताओं ने भारत और फ़िजी के बीच प्रवासन और आवागमन पर आशय घोषणापत्र पर हस्ताक्षर का स्वागत किया। इससे दोनों देशों के बीच कुशल पेशेवरों और छात्रों की आवाजाही सुगम होगी।

दोनों नेताओं ने फ़िजी विश्वविद्यालय में हिंदी अध्ययन केंद्र विकसित करने में सहयोग के लिए एक हिंदी-सह-संस्कृत शिक्षक की प्रतिनियुक्ति का स्वागत किया, जिससे भाषाई और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फ़िजी के पंडितों के एक समूह को भारत में प्रशिक्षण देने के लिए सहयोग की घोषणा की, जो इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाले 'अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव' में भी भाग लेंगे। भारत में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 के समारोहों के साथ ही फिजी में भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजित किया जाएगा।

दोनों नेताओं ने फिजी के साथ भारत की साझेदारी में क्षमता निर्माण को महत्वपूर्ण स्तंभ स्वीकार किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के माध्यम से भारत, फिजी के सरकारी पेशेवरों को क्षमता निर्माण के अवसर प्रदान करता रहेगा।

दोनों नेताओं ने कृषि और खाद्य सुरक्षा को द्विपक्षीय सहयोग का प्रमुख क्षेत्र माना। प्रधानमंत्री राबुका ने फिजी में खाद्य सुरक्षा और कृषि अनुकूलता को बढ़ावा देने के लिए जुलाई 2025 में भारत द्वारा भेजे गए 5 मीट्रिक टन उच्च गुणवत्ता पूर्ण लोबिया बीजों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी को धन्यवाद दिया।

श्री मोदी ने भारत के अनुदान सहायता कार्यक्रम के तहत फिजी को 12 कृषि ड्रोन और 2 मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं उपहार में देने की घोषणा की, जिससे वहां चीनी उत्पादन में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और उत्पादकता बढ़ेगी। इस क्षेत्र में और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिजी चीनी निगम में एक आईटीईसी विशेषज्ञ भेजने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने फिजी के चीनी क्षेत्र पेशेवरों के लिए विशेष आईटीईसी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाने की भी घोषणा की।

दोनों देशों के बीच बढ़ते खेल संबंधों, विशेषकर फिजी में क्रिकेट और भारत में रग्बी के प्रति बढ़ते उत्साह पर दोनों नेताओं ने ज़ोर दिया। फिजी के अनुरोध पर वहां स्थानीय प्रतिभा विकसित करने के लिए एक भारतीय क्रिकेट कोच फिजी क्रिकेट टीम को प्रशिक्षित करेगा, जिससे खेलों में युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सुवा में भारतीय उच्चायोग के लिए चांसरी-सह-सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना हेतु फिजी सरकार द्वारा भूमि आवंटित किये जाने की सराहना की और लीज़ टाइटल के हस्तांतरण का स्वागत किया। वर्ष 2015 में नई दिल्ली में फिजी सरकार को अपना उच्चायोग चांसरी निर्मित करने के लिए भूमि आवंटित की जा चुकी है।

दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग और प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से निम्नलिखित पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया। इनमें (i) ग्रामीण विकास, कृषि वित्तपोषण और वित्तीय समावेशन में सहयोग बढ़ाने के लिए फिजी विकास बैंक (एफडीबी) और भारत के राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के बीच समझौता ज्ञापन; (ii) भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और फिजी के राष्ट्रीय व्यापार माप और मानक विभाग (डीएनटीएमएस) के बीच मानकीकरण के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन; (iii) मानव क्षमता निर्माण, कौशल और कौशल उन्नयन के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) और प्रशांत पॉलिटेक्निक, फिजी के बीच समझौता ज्ञापन; (iv) आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और फिजी वाणिज्य और नियोक्ता महासंघ (एफसीईएफ) के बीच समझौता ज्ञापन; और एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड और फिजी गणराज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा मंत्रालय के साथ जन औषधि योजना के अंतर्गत दवाओं की आपूर्ति समझौता शामिल हैं।

दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक और विधायी संबंधों को मज़बूत और सुचारु बनाने की दिशा में संसदीय शिष्टमंडल के एक-दूसरे के यहां दौरे के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 2026 में फिजी के सांसद प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तावित भारत यात्रा का स्वागत किया। प्रधानमंत्री राबुका ने फिजी में सामाजिक एकता और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने में ग्रेट काउंसिल ऑफ चीफ्स (फिजी की संवैधानिक निकाय) द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। श्री मोदी ने दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को और सुदृढ़ बनाने के लिए ग्रेट काउंसिल ऑफ चीफ्स (जीसीसी) के प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तावित भारत यात्रा का स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया और शांति, जलवायु न्याय, समावेशी विकास और विकासशील देशों- ग्लोबल साउथ की आवाज़ बुलंद करने की साझा प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री राबुका ने ग्लोबल साउथ में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका की सराहना की। उन्होंने बहुपक्षीय मंचों पर एक-दूसरे को दिए गए महत्वपूर्ण समर्थन की भी सराहना की।

दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधारों की अविलंब आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की, जिसमें समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से परिलक्षित करने के लिए दोनों श्रेणियों की सदस्यता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार शामिल है। फ़िजी ने सुधारित और विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए वर्ष 2028-29 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन की पुष्टि की।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने समकालीन वैश्विक चुनौतियों के प्रभावी समाधान के लिए दक्षिण-दक्षिण सहयोग (विकासशील देशों के बीच सहयोग) को निरंतर मज़बूत करने की आवश्यकता बताई और वैश्विक शासकीय संस्थानों में बेहतर और समान प्रतिनिधित्व सहित ग्लोबल साउथ के साझा हितों के मुद्दों पर मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री राबुका ने "वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ" शिखर सम्मेलन आयोजित किये जाने में भारत की पहल और नेतृत्व की सराहना की। यह सम्मेलन विकासशील देशों की साझा चिंताओं, चुनौतियों और विकासात्मक प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बना। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने "वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ" शिखर सम्मेलन में फिजी की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और शिखर सम्मेलन के नेताओं के सत्र में उनकी भागीदारी के लिए प्रधानमंत्री राबुका को धन्यवाद दिया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने ग्लोबल साउथ देशों के साझा अनुभव पर आधारित अनूठे विकास समाधान के लिए फिजी के ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, दक्षिण के साथ निरंतर जुड़ाव का स्वागत किया।

भारत और फिजी के प्रधानमंत्रियों ने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर ज़ोर देते हुए खुले, समावेशी, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री राबुका ने हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) में शामिल होने में फिजी की रुचि व्यक्त की। श्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र के प्रबंधन, संरक्षण और स्थिरता के समान विचारधारा वाले देशों की साझेदारी में फिजी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री राबुका ने 'शांति के महासागर' की अवधारणा का उल्लेख किया जो इस क्षेत्र के शांतिपूर्ण, स्थिर, सुरक्षित और सतत भविष्य और कल्याण के निर्माण पर ज़ोर देती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रशांत क्षेत्र में 'शांति के महासागर' के निर्माण में उनके नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री राबुका की सराहना की।

प्रधानमंत्री राबुका ने अपने और अपने प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी भरे स्वागत-आतिथ्य के लिए भारत सरकार और भारत के लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी को फिजी की यात्रा का निमंत्रण दिया।

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List of Outcomes: State Visit of the President of the Russian Federation to India
December 05, 2025

MoUs and Agreements.

Migration and Mobility:

Agreement between the Government of the Republic of India and the Government of the Russian Federation on Temporary Labour Activity of Citizens of one State in the Territory of the other State

Agreement between the Government of the Republic of India and the Government of the Russian Federation on Cooperation in Combating Irregular Migration

Health and Food safety:

Agreement between the Ministry of Health and Family Welfare of the Republic of India and the Ministry of Health of the Russian Federation on the cooperation in the field of healthcare, medical education and science

Agreement between the Food Safety and Standards Authority of India of the Ministry of Health and Family Welfare of the Republic of India and the Federal Service for Surveillance on Consumer Rights Protection and Human Well-being (Russian Federation) in the field of food safety

Maritime Cooperation and Polar waters:

Memorandum of Understanding between the Ministry of Ports, Shipping and Waterways of the Government of the Republic of India and the Ministry of Transport of the Russian Federation on the Training of Specialists for Ships Operating in Polar Waters

Memorandum of Understanding between the Ministry of Ports, Shipping and Waterways of the Republic of India and the Maritime Board of the Russian Federation

Fertilizers:

Memorandum of Understanding between M/s. JSC UralChem and M/s. Rashtriya Chemicals and Fertilizers Limited and National Fertilizers Limited and Indian Potash Limited

Customs and commerce:

Protocol between the Central Board of Indirect taxes and Customs of the Government of the Republic of India and the Federal Customs Service (Russian Federation) for cooperation in exchange of Pre-arrival information in respect of goods and vehicles moved between the Republic of India and the Russian federation

Bilateral Agreement between Department of Posts, Ministry of Communications of the Republic of India between and JSC «Russian Post»

Academic collaboration:

Memorandum of Understanding on scientific and academic collaboration between Defence Institute of Advanced Technology, Pune and Federal State Autonomous Educational Institution of Higher Education "National Tomsk State University”, Tomsk

Agreement regarding cooperation between University of Mumbai, Lomonosov Moscow State University and Joint-Stock Company Management Company of Russian Direct Investment Fund

Media Collaboration:

Memorandum of Understanding for Cooperation and Collaboration on Broadcasting between Prasar Bharati, India and Joint Stock Company Gazprom-media Holding, Russian Federation.

Memorandum of Understanding for Cooperation and Collaboration on Broadcasting between Prasar Bharati, India and National Media Group, Russia

Memorandum of Understanding for Cooperation and Collaboration on Broadcasting between Prasar Bharati, India and the BIG ASIA Media Group

Addendum to Memorandum of Understanding for cooperation and collaboration on broadcasting between Prasar Bharati, India, and ANO "TV-Novosti”

Memorandum of Understanding between "TV BRICS” Joint-stock company and "Prasar Bharati (PB)”

Announcements

Programme for the Development of Strategic Areas of India - Russia Economic Cooperation till 2030

The Russian side has decided to adopt the Framework Agreement to join the International Big Cat Alliance (IBCA).

Agreement for the exhibition "India. Fabric of Time” between the National Crafts Museum &Hastkala Academy (New Delhi, India) and the Tsaritsyno State Historical, Architectural, Art and Landscape Museum-Reserve (Moscow, Russia)

Grant of 30 days e-Tourist Visa on gratis basis to Russian nationals on reciprocal basis

Grant of Group Tourist Visa on gratis basis to Russian nationals