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पीएम मोदी और ट्रंप ने भारत-अमेरिका के बीच MEGA पार्टनरशिप स्थापित की
February 14, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल ही में अमेरिका यात्रा एक महत्वपूर्ण अवसर था, जो दोनों देशों के बीच गहरे होते रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है। अपने प्रवास के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी नेताओं, कारोबारी दिग्गजों और भारतीय प्रवासियों के साथ कई हाई-प्रोफाइल बैठकों और चर्चाओं में भाग लिया, जिसमें डिफेंस, ट्रेड, इंवेस्टमेंट, टेक्नोलॉजी और डिप्लोमेसी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल थे। इस दौरे ने भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों की फिर से पुष्टि की, जिससे दोनों देश नए वर्ल्ड ऑर्डर के निर्माण में ग्लोबल पार्टनर के रूप में स्थापित हुए।

राष्ट्रपति ट्रंप ने “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” या MAGA शब्द गढ़ा और प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘विकसित भारत’ का मतलब है “मेक इंडिया ग्रेट अगेन” या MIGA. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “MIGA और MAGA मिलकर समृद्धि के लिए एक MEGA पार्टनरशिप बन जाते हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा में व्यापार चर्चा एक प्रमुख घटक रही, क्योंकि दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत और अमेरिका 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘रणनीतिक और विश्वसनीय साझेदार होने के नाते हम संयुक्त विकास, संयुक्त उत्पादन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के मामले में सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहे हैं।’’

चर्चा में टैरिफ में कटौती, भारत में अमेरिकी वस्तुओं के लिए सुगम बाजार पहुंच सुनिश्चित करना, तथा आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर और ग्रीन एनर्जी जैसे उभरते क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना आदि विषयों पर चर्चा हुई।

इसके अलावा, एक ऐतिहासिक फैसले में डोनाल्ड ट्रंप ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी। यह फैसला आतंकवाद से निपटने और भारत के सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी राणा पर हमलों में शामिल लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के ऑपरेटिव्स को लॉजिस्टिकल सपोर्ट प्रदान करने का आरोप था। उसका प्रत्यर्पण भारत के कानूनी और कूटनीतिक प्रयासों की जीत है और भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करता है।

ट्रंप ने बांग्लादेश के राजनीतिक संकट में अमेरिका के "डीप स्टेट" के शामिल होने के आरोपों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगस्त 2024 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की वजह बनने वाली घटनाओं में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। ट्रंप ने आगे कहा कि बांग्लादेश से जुड़े मामलों में वह पीएम मोदी के फैसले का सम्मान करेंगे, उन्होंने भारत के क्षेत्रीय प्रभाव और स्थिति की समझ पर प्रकाश डाला।

यात्रा के दौरान एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और उनके बच्चों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेसएक्स और टेस्ला के संस्थापक और सोशल मीडिया साइट एक्स के मालिक ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ स्पेस, मोबिलिटी, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन जैसे मुद्दों पर चर्चा की, जिनके बारे में वह पैशनेट हैं।

मस्क ने पहले भी देश में टेस्ला की मौजूदगी बढ़ाने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। इलेक्ट्रिक वाहन और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने के साथ, इस बैठक से मस्क के उद्यमों और भारतीय बाजार के बीच संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद है।

मस्क ने कहा, "मैं मोदी का प्रशंसक हूं। हम जल्द से जल्द भारत आना चाहते हैं। प्रधानमंत्री के साथ यह एक शानदार मुलाकात थी और मैं उन्हें काफी पसंद करता हूं। उन्होंने कुछ साल पहले हमारी फैक्ट्री का दौरा किया था। इसलिए, हम एक-दूसरे को काफी समय से जानते हैं।"

यह बातचीत इलेक्ट्रिक वाहन, आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे उच्च तकनीक उद्योगों में निवेश आकर्षित करने पर भारत के रणनीतिक फोकस को उजागर करती है।

पीएम मोदी की यात्रा को अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों से भी भारी समर्थन मिला, सैकड़ों लोग ब्लेयर हाउस के बाहर इकट्ठा हुए और उनके स्वागत में “वंदे मातरम” और “मोदी, मोदी” जैसे नारे लगाए। लोगों ने भारत और अमेरिका के झंडे और पोस्टर भी लिए हुए थे, जिन पर लिखा था “अमेरिका नरेन्द्र मोदी का स्वागत करता है।”

अपने व्यक्तिगत सौहार्द को दर्शाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को ‘अवर जर्नी टुगेदर’ नामक पुस्तक भेंट की, जिसमें भारत-अमेरिका के पिछले कार्यक्रमों की प्रमुख घटनाओं की तस्वीरें हैं। इस पुस्तक में ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ रैली और अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम जैसे प्रमुख कार्यक्रमों की तस्वीरें शामिल हैं। यह पुस्तक पिछले कुछ वर्षों में भारत-अमेरिका संबंधों में हासिल की गई उपलब्धियों की याद दिलाती है।

पीएम मोदी की ट्रंप के साथ चर्चा में व्यापार शुल्क और अमेरिका में भारतीय प्रोफेशनल्स को प्रभावित करने वाली इमिग्रेशन पॉलिसीज जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। अमेरिका में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और छात्रों की पर्याप्त संख्या को देखते हुए, वीजा और इमिग्रेशन पॉलिसीज चिंता का प्रमुख क्षेत्र बनी हुई हैं।

इस यात्रा का एक मुख्य आकर्षण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई घोषणा थी कि अमेरिका भारत को सैन्य बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। ट्रंप ने कहा, "इस वर्ष से हम भारत को सैन्य बिक्री में कई अरब डॉलर की वृद्धि करेंगे। हम अंततः भारत को F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान प्रदान करने का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं।"

यह घोषणा भारत की रक्षा आधुनिकीकरण योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बीच अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के नई दिल्ली के लक्ष्य के अनुरूप है। मजबूत होती रक्षा साझेदारी इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने में अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में भारत के उभरने को भी रेखांकित करती है।

दोनों नेताओं ने भारतीय छात्रों और कुशल पेशेवरों के लिए वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने के तरीकों पर चर्चा की, जिससे दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। प्रधानमंत्री मोदी ने खुले और निष्पक्ष व्यापार माहौल को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की प्रशंसा की, उन्हें ‘महान नेता’ और ‘सख्त वार्ताकार’ कहा। उन्होंने दोनों देशों को एक साथ बांधने वाले साझा मूल्यों और दृष्टिकोण पर जोर दिया।

बदले में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूत नींव को स्वीकार किया तथा विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते सहयोग के प्रति आशा व्यक्त की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा ने डिफेंस, ट्रेड, टेक्नोलॉजी और काउंटर टेररिज्म के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया। इसने उनके वैश्विक नेतृत्व को उजागर किया, जिससे अमेरिकी नेताओं और कारोबारी हस्तियों ने उनकी प्रशंसा की। प्रवासी समुदाय के साथ उनके जुड़ाव, आर्थिक वार्ता और रणनीतिक कूटनीति ने भारत के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित किया। चूंकि दोनों देश भू-राजनीतिक और आर्थिक बदलावों से निपट रहे हैं, इसलिए यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य को आकार देगी, जिससे ग्रोथ, टेक्नोलॉजी और सिक्योरिटी में साझा लक्ष्य हासिल होंगे।