QuoteBJP is building museums for tribal warriors across the country: PM Modi in Nandurbar
QuoteAs long as Modi is alive, no one can touch the reservations of SC, ST, OBC: PM Modi in Nandurbar
QuoteThe ‘Matru Shakti’ of this country is my shield: PM Modi in Nandurbar

जोहार! नंदुरबारमधील माझ्या सर्व भावांना आणि बहिणींना माझा नमस्कार। मैं देवमोगरा माता की धरती को नमन करता हूं। मैं महान आदिवासी सेनानी राघोजी भांगरे को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। हम सबको प्रेरणा देने वाले जननायक कृष्णाजी राव साबले, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले,उनको भी आदरपूर्वक नमन करते हुए, मैं प्रणाम करता हूं।

साथियों,

आज अक्षय तृतीया, आखा तीज का शुभ पर्व है। मैं सभी देशवासियों और खास करके मेरे किसान भाई बहनों, को अक्षय तृतिया की बधाई देता हूं। आज भगवान परशुराम जयंती भी है। मैं सभी देशवासियों को इस शुभ दिन की भी शुभकामनाएं देता हूं। और अक्षय तृतीया हो, और इतने सारे लोग आशीर्वाद देने के लिए आए हो, अक्षय तृतीया के दिन जो आशीर्वाद मिलता है न वो भी अक्षय होता है। आज इतनी विशाल संख्या में आपका ये आशीर्वाद,ये पक्का कर रहा है- उना एकदा, उना एकदा। उना एकदा... मै देख रहा हूँ, अभी भी हूजूम का हूजूम अंदर आ रहा है। साथियों, यहाँ नंदुरबार और गुजरात के बीच कोई दूरी ही नहीं है। पहले भी मेरा यहां खूब आना-जाना होता था। और नंदुरबार आए औऱ चौधरी की चाय न पीए, चौधरी की कड़क चाय यानि नंदुरबार की यादों से जुड़ जाती है। और चाय का रिश्ता, और आपके प्यार का कर्ज, मोदी कभी भी भूल नहीं सकता!

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साथियों,

वंचितों, आदिवासियों की सेवा, मेरे लिए परिवार के सदस्य की सेवा जैसी ही है। मैं काँग्रेस के शाही परिवार की तरह बड़े घराने से नहीं निकला हूँ। मैं तो गरीबी में ही बड़ा हुआ हूँ। मुझे पता है, यहाँ आपने कितनी तकलीफ उठाई है! हमारे आदिवासी भाई-बहन यहां काफी ऊंचाई पर भी रहते हैं। पानी के लिए कैसे आपको उतरकर नीचे आना पड़ता था! तब पानी मिलता था! ये माताओं-बहनों सबको मालूम है। आपके जीवन में भी मुश्किलों का पहाड़ था। कितने ही आदिवासी परिवारों के पास पक्का घर नहीं था। आजादी के 60 साल बाद भी गाँवों में बिजली नहीं पहुंची थी। और इसीलिए, मोदी ने संकल्प लिया था, हर गरीब को घर, हर आदिवासी को घर, हर आदिवासी के घर में पानी, हर परिवार को पानी की सुविधा, दूर-सूदूर जंगलो में भी गांव क्यों न हो हर गाँव में बिजली।

साथियों,

हमने नंदूरबार के करीब सवा लाख, देखिए आजादी के सत्तर साल के बाद मैं ये कह रहा हूँ, करीब सवा लाख गरीबों को हमने पीएम-आवास पक्का घर दिया, सिर्फ नंदुरबार में। और मेरा एक काम है, करोगे आपलोग? मेरा एक काम करोगे? ये मेरा दिली काम है, करोगे? माताऐं-बहनें करेंगी? ये जो पीछे लोग खड़े हैं, वो करेंगे? हाथ ऊपर कर के बताओ करेंगे? तो मै बताऊँ, करेंगे। अच्छा, मेरा एक काम करना इन दिनों आप चुनाव के लिए. जब भी गांव में जाऐं, मोहल्ले में जाऐं, और अगर आपके ध्यान में आए कि ये दो परिवार है जिन्हें गैस का कन्केशन नहीं मिला है, ये दो परिवार रह गए हैं इनको नल से जल नहीं मिला है, अभी चार परिवार रह गए हैं, अभी कच्ची झोपड़ी में रहते हैं उनको पक्का घर नहीं मिला है, आप उनका नाम पता लिख लिजिए, और मुझे भेज दीजिए और मेरी तरफ से उनको गारंटी दे देना कि मोदी आए थे, मोदी ने कहा है कि तीसरे टर्म में मैं तीन करोड़ और घर बनाने वाला हूँ, आपको पक्का घर मिलेगा। ये बता देंगे। देखिए, आप ही मेरे मोदी हैं। तो करेंगे? देखिए, हमने घर दिया मतलब, चार दिवारें दी ऐसा नहीं है, हमने घर के साथ बिजली, पानी, गैस कनेक्शन भी दिया। NDA सरकार ने महाराष्ट्र के 20 हजार से अधिक गांवों में हर घर जल पहुंचाया है। मैं शिंदे जी औऱ देवेन्द्र जी को बधाई देता हूँ कि आपने मेरे हाथ मजबूत कर दिए हैं। इसमें नंदूरबार के 111 गांव, जो कठिन एरिया था, वो भी शामिल है। औऱ अभी तो ये ट्रेलर है, अभी तो मोदी को बहुत कुछ करना है औऱ आपके लिए करना है।

साथियों,

एक तरफ भाजपा के ये प्रयास हैं और दूसरी तरफ ये काँग्रेस है। कांग्रेस ने आदिवासी भाई-बहनों की कभी परवाह नहीं की। आदिवासी इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ा खतरा रहा है। लेकिन कांग्रेस ने इस बीमारी की तरफ उतना ध्यान ही नहीं दिया। ये बीजेपी है जिसने सिकल सेल एनीमिया को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान चलाया है। और मेरी माताएं, बहनें, नौजवान, ये जो मैं सिकल सेल एनिमिया के लिए काम कर रहा हूँ न, वो चुनाव के लिए नहीं कर रहा हूँ। आने वाली आपकी अनेकों पीढियों के लिए मैं लगा हुआ हूँ, ताकि उनको ऐसी बीमारी न आए। कोई गरीब कुपोषण का शिकार न हो, हमने इसकी भी चिंता की। आज नंदूरबार के 12 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। साथियों, काँग्रेस जानती है कि वो विकास में मोदी का मुक़ाबला कर ही नहीं सकते। इसलिए, इस चुनाव में वो झूठ की फैक्ट्री खोल कर बैठ गए हैं। झूठ फैलाकर वोट लेना चाहते हैं। कभी आरक्षण को लेकर झूठ. कभी संविधान को लेकर झूठ, और इन्होंने पूरा इकोसिस्टम ऐसी अफवाह फैलाने के लिए चौबीसों घंटे लगा रखा है।

साथियों,

आरक्षण पर काँग्रेस का हाल ‘चोर मचाए शोर’, ये ‘चोर मचाए शोर’ वाला है। धर्म के आधार पर आरक्षण बाबासाहेब के सिद्धांतों के खिलाफ है, बाबासाहेब की भावना के खिलाफ है, संविधान निर्माताओं ने जो संविधान बनाया, उसकी पीठ में छूरा भोंकने वाला, ये माफ न कर सकें, ऐसा पाप है। लेकिन काँग्रेस पार्टी का एजेंडा है- दलित, पिछड़े, आदिवासी का आरक्षण छीनकर के, मॉइनॉरिटी के नाम पर अपने वोटबैंक को दे देना। और मैं ऐसे हवा में नहीं कर रहा हूँ, मेरे पास मजबूत उदाहरण है। औऱ इसलिए मेरे भाई-बहन, आप घर घर हर आदिवासी परिवार को समझाइए और मेरे आदिवासी समाज के पढ़े लिखे लोग हैं उनको भी मैं करबद्ध प्रार्थना करता हूँ, आप समाज को जगाइए, ये कितना बड़ा संकट कांग्रेस वाले ले कर आए हैं। अब उन्होंने क्या किया, कर्नाटक में धर्म के आधार पर आरक्षण देने के दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाया। और उन्होंने कहा रातोंराता कर्नाटक में जितने भी मुसलमान लोग हैं, उन सब को रातोंरात ओबीसी बना दिया, एक आर्डर निकाल दिया, मुख्यमंत्री ने ठप्पा मार दिया। अब हुआ क्या OBC को जो आरक्षण मिलता है, उसका सबसे बड़ा हिस्सा, ये रातोंरात OBC बन गए, इन्होंने लूट लिया। अब बताइए कि वो आदिवासियों के लिए करना चाहते हैं, वो दलितों के लिए करना चाहते हैं औऱ ये कर्नाटक का मॉडल पूरे देश में लागू करना चाहती है। SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म करने के लिए, मैं गंभीरता से कह रहा हूँ, ये महा अघाढ़ी, आरक्षण का महाभक्षण का, महाअभियान चला रही है। वहीं SC, ST, OBC का आरक्षण बचाने के लिए मोदी, आरक्षण का महारक्षण का महायज्ञ कर रहा है। मैं पिछले 17 दिनों से लगातार काँग्रेस पार्टी को चुनौती दे रहा हूँ! मैंने काँग्रेस से पूछा है कि वो लिखकर दे, वो SC, ST, OBC का आरक्षण, उसके टुकड़े करके उसका एक टुकड़ा मुसलमान को नहीं बांटेगी। मेरा सवाल सही है कि गलत है भाई? सही है कि गलत है? अब वो मुसलमानों को देना चाहते हैं। और कांग्रेस जवाब भी नहीं देती है। सच बोलो न भाई! हम नही देंगे। इसका मतलब, इनका हिडन एजेंडा है। आपका हक लूटने का खेल है भाई। मेरे इस चैलेंज पर कांग्रेस की चुप्पी यानि दाल में काला है। ये चाहें जितनी भी कोशिश कर लें, देशविरोधी ताकतों के साथ मिलकर कितना ही झूठ फैला लें, आपके पास मोदी का भरोसा है, आपके पास मोदी की गारंटी है! और आप लिख कर रखिए, मोदी जब तक जिंदा है, मोदी जब तक जिंदा है, SC, ST, OBC में से आरक्षण का रत्ती भर भी हिस्सा मैं किसी भी धर्म के आधार पर नहीं देने दूंगा। कोई उसको हाथ नहीं लगा सकता है। औऱ देशवासी, मैं बड़े ही जिम्मेवारी के साथ कहना चाहता हूँ, औऱ दायित्व के साथ कहना चाहता हूँ वंचित का जो अधिकार है! चाहे SC हो ST हो OBC हो, वंचित का जो अधिकार है, मोदी उसका चौकीदार है। मोदी की चौकीदारी में, जब मोदी जैसा चौकीदार हो तो किसने अपनी मां का दूध पिया है जो आपका हक छीन सकता है।

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साथियों,

हम तो माता शबरी की पूजा करने वाले लोग हैं, लेकिन काँग्रेस ने कभी आदिवासी समाज को सम्मान नहीं दिया और न मिलने दिया। आदिवासी क्रांतिकारियों ने आज़ादी की लड़ाई में इतने बलिदान दिये। लेकिन, काँग्रेस ये बलिदान की बात मानने को तैयार नहीं है। आज़ादी की लड़ाई का पूरा श्रेय कांग्रेस केवल एक परिवार को ही देती रही है। ये भाजपा है जो देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों पर म्यूज़ियम बनवा रही है। ताकि आने वाली पीढियों को पता चले कि हमारे पूर्वज आदिवासियों ने देश के लिए कितने बड़े बलिदान दिए थे।

साथियों,

आप सभी जानते हैं, भाजपा ने, एनडीए ने आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाया, औऱ पहली बार ऐसा हुआ लेकिन, आपको याद रहना चाहिए कि वो कौन लोग थे जिन्होंने आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मु जी को चुनाव, राष्ट्रपति का चुनाव हराने के लिए, रात-दिन एक कर लिए थे, वो कौन थे ? ये कांग्रेस वाले थे जिन्होंने एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए रात-दिन एक किया था। और काँग्रेस पार्टी ने ऐसा क्यों किया औऱ इसकी एक वजह, अभी दो तीन दिन पहले ही खुली है। कांग्रेस के जो शाहजादे हैं ना उनके गुरू अमेरिका में रहते हैं, ये कांग्रेस के शाहजादे के ये गुरू अमेरिका में रहते हैं। उन्होंने भारत के लोगों पर रंगभेदी टिप्पणी की है। रंग के आधार पर भेद, ऐसा गंभीर आरोप लगाया है। अरे! जिनका रंग, भगवान कृष्ण जैसा होता है, कांग्रेस उन्हें अफ्रीकन मानती है। और इसलिए द्रौपदी मूर्मु जी राष्ट्रपति बनें, उन्हें ये मंजूर ही नहीं था। आप लोग बताइए, यहां जो भगवान कृष्ण के रंग वाले हैं क्या वो सब अफ्रीकन हैं क्या? क्या ये अपमान है या नहीं है? क्या आदिवासी समाज का अपमान, इसका बदला लेने के लिए, ये रंग की बातें कर रहे हो।

साथियों,

काँग्रेस पार्टी का एजेंडा इतना खतरनाक है कि शहजादे के गुरू ने इसका भी खुलासा किया है। ये शहजादे के गुरू ने अमेरिका से कहा है कि राममंदिर का निर्माण और रामनवमी का उत्सव, ये Idea of India के खिलाफ है, भारत के विचार के खिलाफ है। उन्होंने यहां तक कह दिया मोदी मंदिर जाता है, वो भी उनके पेट में चूहे दौड़ने लग जाते हैं। कांग्रेस, मेरा मंदिर जाना भी भारत विरोधी बता रही है। बताइए भाई? मंदिर जाना ये देश द्रोह है क्या? जरा आप बताइए? ये देश द्रोह है क्या? क्या ये भारत विरोधी काम है क्या? आप कल्पना कर सकते हैं? आप काँग्रेस की मानसिकता देखिए, ये राम के देश में राममंदिर को देशविरोधी बता रहे हैं। ये तुष्टिकरण के लिए सरकारी इफ्तारी करने वाले लोग, ये आतंकवादियों की कब्रों को संवारने वाले लोग, ये हम सबके प्रभु राम औऱ जिनका राममंदिर, जहां हम जाते हैं उस राममंदिर जाने को देशविरोधी बता रहे हैं। मेरे भाई बहन, हम तो माता सबरी के पुजारी हैं। ये इंडी गठबंधन हमला, ये मोदी पर नहीं, ये 140 करोड़ देशवासियों की आस्था है। ये हमला आप पर है, ये मेरे देश के आदिवासियों पर हमला है। कांग्रेस पार्टी देश से हिन्दू आस्था को मिटाने का षड्यंत्र कर रही है।

साथियों,

प्रभु श्रीराम जीवन के उच्चतम आदर्शों, महानतम गुणों औऱ सुन्दरत्तम मूल्यों के महासंगम हैं। भारत के अस्तीत्व का आधार राम से है। औऱ भारत के भविष्य का प्रेरणापुंज भी प्रभु श्रीराम हैं। यहीं महाराष्ट्र की धरती पर ये संत आवाज उठी थी-“विश्वाचा विश्राम रे स्वामी माझा राम रे”। अर्थात्, मेरे राम तो पूरे विश्व के विश्राम हैं, आश्रय हैं। ऐसे प्रभु राम को कांग्रेस पार्टी वाले Idea of India के खिलाफ मानती है। भगवान श्रीराम की सीख है-पर हित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।। अर्थात्, दूसरों की सेवा से, परोपकार से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। और किसी को पीड़ा देना ही सबसे बड़ा पाप है। ऐसे प्रभु राम को शहजादे, उनके गुरू और कांग्रेस पार्टी Idea of India के खिलाफ मानती है। हमारे राम कहते हैं-कोमलचित दीनन्ह पर दाया। मन बच क्रम मम भगति अमाया॥ अर्थात्, जो दीन दुखियों की पीड़ा को जानता है, महसूस करता है, वही मेरा भक्त है। ऐसे प्रभु राम को कांग्रेस Idea of India के खिलाफ मानती है। और ये भगवान राम की ही शिक्षा है-धरमु न दूसर सत्य समाना। आगम निगम पुरान बखाना॥ अर्थात्, सत्य से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। ऐसे प्रभु राम को कांग्रेस Idea of India के खिलाफ मानती है। ये राम ही हैं, जो सभी दीन-दुखियों को, वंचितों को गले लगाकर अपने पास बैठाते हैं। सहज सनेह बिबस रघुराई। पूँछी कुसल निकट बैठाई॥ ऐसे प्रभु राम को कांग्रेस Idea of India के खिलाफ मानती है। हमारे राम जनजातीय समाज से कैसे मिलते हैं? हमारे राम जनजातीय समाज को मिलते हैं-पुरजन करि जोहारु घर आए। अर्थात, राम आदिवासियों की संस्कृति का सम्मान करते हैं। उनसे जोहार करके मिलते हैं। ऐसे प्रभु राम को कांग्रेस Idea of India के खिलाफ मानती है। हमारे प्रभु श्रीराम ने हमें सिखाया है, और ये जो लोग देश छोड़ करके भाग गए हैं, वो जरा कान खोल करके सुन लें, हमारे प्रभु राम ने सिखाया है-अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते। जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी अर्थात्, हमारी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। यानी, ‘राष्ट्र प्रथम’, Nation First, ऐसे प्रभु राम को कांग्रेस Idea of India के खिलाफ मानती है।

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साथियों,

ये लोग इतने अहंकार से भरे हुए हैं कि गरीब, इनके लिए कोई मायने नहीं रखता। ये लोग सत्ता में रहते हैं तो गरीब को दुत्कारते हैं, उसे तरसा-तरसा कर रखते हैं। आज एक गरीब का बेटा, आपका सेवक बन करके, प्रधानमंत्री पद से जब काम कर रहा है, ये गरीब विरोधी मानसिकता वाले, शाही परिवार की मानसिकता वाले इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। ये नकली शिवसेना वालों की गरीब से कितनी नफरत है, ये उन्होंने फिर बताया है। ये नकली शिवसेना वाले मुझे जिंदा गाड़ने की बात कर रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस है जो कहती है- मोदी तेरी कब्र खुदेगी, और दूसरी तरफ ये नकली शिवसेना है, जो मुझे जिंदा गाड़ने की बात करती है। और मुझे गाली देते हुए भी ये लोग तुष्टिकरण का पूरा ध्यान रखते हैं। मोदी की कब्र खुदेगी, मोदी को जिंदा गाड़ देंगे, इसमें भी अपने वोटबैंक को पसंद आए...वही गाली दागोगे क्या? साथियों, मुझे कई बार ये सोचकर दुख होता है कि बाला साहेब ठाकरे को कितना दुख होता होगा। मैंने बालासाहेब को निकट से देखा है, उनके मन को दिल को छू करके देखा है। अब तो ये नकली शिवसेना वाले, बम धमाके को दोषी को भी अपने साथ प्रचार में ले जाने लगे हैं। इसका मतलब हुआ कि बिहार में चारा चोरी में जेल भुगत रहे व्यक्ति को कंधे पर बैठाकर घूम रहे हैं, महाराष्ट्र में बम धमाकों के दोषी को कंधे पर बैठाकर घूम रहे हैं। ऐसे पापियों को ले करके जिनको चलना पड़ रहा है, इन लोगों के विषय में पचास बार सोचना पड़ता है। इसलिए कोई बड़ी बात नहीं कि मुझे जमीन में जिंदा गाड़ने के सपने देख रहे हैं। ये लोग जनता का साथ और जनता का विश्वास तो गंवा चुके हैं, इनकी अपनी सियासी ज़मीन खिसक चुकी है, लेकिन ये भूल रहे हैं कि भारत की 140 करोड़ जनता, मेरी माताऐं -बहनें जो इतनी बड़ी तादाद में आयी हैं न, ये मेरी माताऐं-बहनें यही मोदी की रक्षक है। ये मातृशक्ति मेरा सुरक्षा कवच है। मुझ पर मातृशक्ति का इतना आशीर्वाद है कि ये लोग चाहकर भी मोदी को जीते जी भी और मरने के बाद भी जमीन में नहीं गाड़ पाएंगे।

साथियों,

महाराष्ट्र के एक दिग्गज नेता, चालीस पचास साल से वे ऐसे ही फ्री मारते रहते हैं। बारामती के चुनाव के बाद, वे इतने चिंतित हैं, इतने चिंतित हैं कि उन्होंने बयान दिया है औऱ ये बयान उन्होंने, मैं पक्का मानता हूँ कि काफी लोगों से विचार विमर्श करके ही दिया होगा। वे इतने हताश औऱ निऱाश हो गए हैं कि उनको लगता है कि चार जून के बाद सार्वजनिक जीवन में, राजनीतिक जीवन में अगर टिक के रहना है तो छोटे-छोटे राजनीतिक दलों को कांग्रेस में Merge हो जाना चाहिए। इसका मतलब जो नकली एनसीपी है, औऱ ये नकली शिवसेना है उन्होंने कांग्रेस में Merger करने का मन बना लिया है। अब आप को मैं बताता हूँ जब चार जून के बाद कांग्रेस में जा करके मरने के बजाय, सीना तान करके हमारे अजीत दादा औऱ सिंदे जी के साथ आओ औऱ बड़े शान से सपने पूरे हो जाएगें।

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भाइयों-बहनों,

13 मई को काँग्रेस और इंडी अघाड़ी को आपका वोट ही जवाब देगा। नंदुरबार से हमारी बेटी हिना गावित जी आपकी सुख-दुख की साथी हैं। आप जानते हैं न कि हिना मेरी कितनी मदद करती है, पार्लियामेंट में आपने देखा होगा, ये छोटी बेटी है लेकिन पार्लियामेंट में विपक्ष वालों के छक्के छुड़ा देती है। आप उन्हें ज्यादा से ज्यादा वोट देकर बहुत बड़ी जीत दिलाइए। और मेरा इसलिए आग्रह है कि मतदान ज्यादा होना चाहिए भाई, करोगे? करोगे? पहले मतदान फिर जलपान। मंजूर है? अच्छा मेरा एक काम करोगे? मेरा एक काम करोगे? जरा हाथ ऊपर करके कहिए। माताऐं-बहनें बताइए मेरा काम करोगे?जरा हाथ ऊपर करके बताइए, मेरा एक काम करोगे? देखिए, घर-घर जाना और लोगों को कहना अपने मोदी जी आए थे, और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे? हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे? बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद!

  • Jitendra Kumar May 05, 2025

    🇮🇳🇮🇳🙏❤️
  • Jitendra Kumar May 05, 2025

    ❤️🙏🙏
  • Dheeraj Thakur February 02, 2025

    जय श्री राम।
  • Dheeraj Thakur February 02, 2025

    जय श्री राम
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • Vivek Kumar Gupta July 25, 2024

    नमो ........................🙏🙏🙏🙏🙏
  • Vivek Kumar Gupta July 25, 2024

    नमो .................................🙏🙏🙏🙏🙏
  • Vimlesh Mishra July 22, 2024

    jai mata di
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India is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM Modi
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteThe success of Chandrayaan mission and your historic journey renew interest in science among the children and youth of the country: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteYour historic journey is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission and will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!