Excellencies,

Ladies and Gentlemen,

Tena Yistillin,

आज इथियोपिया की महान धरती पर आप सबके बीच होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैंने आज दोपहर ही इथियोपिया में कदम रखा है, और आते ही मुझे यहाँ के लोगों से एक अद्भुत अपनापन और आत्मीयता मिली है, प्रधानमंत्री जी स्वयं मुझे एयरपोर्ट पर लेने आए, फ्रेंडशिप पार्क और साइंस म्यूज़ियम लेकर गए।

आज शाम यहाँ की लीडरशिप से मेरी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है, ये सब अपने आप में एक अविस्मरणीय अनुभव है।

Friends,

अभी-अभी मुझे ‘Great Honour Nishan of Ethiopia’ के रूप में, इस देश का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया गया है। विश्व की अति-प्राचीन और समृद्ध सभ्यता द्वारा सम्मानित किया जाना, मेरे लिए बहुत गौरव की बात है। मैं सभी भारतवासियों की ओर से इस सम्मान को पूरी विनम्रता और कृतज्ञता से ग्रहण करता हूँ ।

यह सम्मान उन अनगिनत भारतीयों का है जिन्होंने हमारी साझेदारी को आकार दिया—

1896 के संघर्ष में सहयोग देने वाले गुजराती व्यापारी हों, इथियोपियन मुक्ति के लिए लड़ने वाले भारतीय सैनिक हों, या शिक्षा और निवेश के माध्यम से भविष्य संवारने वाले भारतीय शिक्षक और उद्योगपति। और यह सम्मान उतना ही इथियोपिया के हर उस नागरिक का भी है जिसने भारत पर विश्वास रखा और इस संबंध को हृदय से समृद्ध किया।

Friends,

आज इस अवसर पर मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री डॉक्टर अबी अहमद अली का भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

Excellency,

पिछले महीने जब हम साउथ अफ्रीका में G20 समिट के दौरान मिले थे, तो आपने बहुत स्नेह और अधिकार से मुझसे इथियोपिया की यात्रा करने का आग्रह किया था। मैं अपने मित्र, अपने भाई का ये स्नेह-निमंत्रण भला कैसे टाल सकता था। इसीलिए पहला मौका मिलते ही, मैंने इथियोपिया आने का निश्चय किया।

Friends,

ये विज़िट अगर नॉर्मल डिप्लमैटिक तौर तरीके से होती तो शायद बहुत समय लग जाता। लेकिन आप लोगों का यही प्यार और अपनापन मुझे, 24 ही दिन में यहाँ खींच लाया।

Friends,

आज जब पूरे विश्व की नजर ग्लोबल साउथ पर है, ऐसे में इथियोपिया की स्वाभिमान, स्वतंत्रता, और आत्मगौरव की चिरकालीन परंपरा हम सभी के लिए सशक्त प्रेरणा है। ये सौभाग्य की बात है कि इस महत्वपूर्ण कालखंड में इथियोपिया की बागडोर डॉ अबी के कुशल हाथों में हैं।

अपने "मेडेमर” की सोच और विकास के संकल्प के साथ, वे जिस तरह से इथियोपिया को प्रगति पथ पर आगे ले जा रहे हैं, वह पूरे विश्व के लिए एक उज्जवल उदाहरण है। पर्यावरण संरक्षण हो, इन्क्लूसिव डेवलपमेंट हो या फिर विविधता भरे समाज में एकता बढ़ाना, उनके प्रयास, प्रयत्नों और प्रतिबद्धता की मैं हृदय से सराहना करता हूँ।

Friends,

भारत में हमारा मानना रहा है कि "सा विद्या, या विमुक्तये”। यानि knowledge liberates.

शिक्षा किसी भी राष्ट्र की आधारशिला है, और मुझे गर्व है कि इथियोपिया और भारत के संबंधों में सबसे बड़ा योगदान हमारे शिक्षकों का रहा है। इथियोपिया की महान संस्कृति ने इन्हे यहाँ आकर्षित किया और उन्हे यहाँ के कई पीढ़ियों को तैयार करने का सौभाग्य मिला। आज भी कई Indian Faculty Members Ethiopian Universities और Higher Educational Institutions में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Friends,

भविष्य उन्हीं partnerships का होता है जो विज़न और भरोसे पर आधारित हों। हम इथियोपिया के साथ मिलकर ऐसे सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो बदलती वैश्विक चुनौतियों का समाधान भी करे और नई संभावनाओं का निर्माण भी।

एक बार फिर, इथियोपिया के सभी सम्मानित लोगों को 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की ओर से बहुत सारी शुभकामनाएं।

Thank You

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Prime Minister shares Sanskrit Subhashitam highlighting the power of collective effort
December 17, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, shared a Sanskrit Subhashitam-

“अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका।

तृणैर्गुणत्वमापन्नैर्बध्यन्ते मत्तदन्तिनः॥”

The Sanskrit Subhashitam conveys that even small things, when brought together in a well-planned manner, can accomplish great tasks, and that a rope made of hay sticks can even entangle powerful elephants.

The Prime Minister wrote on X;

“अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका।

तृणैर्गुणत्वमापन्नैर्बध्यन्ते मत्तदन्तिनः॥”