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भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण, संसद में मेरे साथीगण, विधायकगण, भविष्य में बनने वाले सभी विधायकगण और विशाल संख्या में पधारे हुए दिल्ली के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। 

दिल्ली में चुनाव की घोषणा के बाद ये मेरी पहली जनसभा है, बीते कई दिनों से भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों के कई वरिष्ठ नेता, तमाम उम्मीदवार, कार्यकर्ता और यहां के जागरूक नागरिक आप के बीच आ रहे हैं, अपनी बात रख रहे हैं। दिल्ली के लोगों का मन क्या है ये बताने की जरूरत नहीं है साफ-साफ दिखाई दे रहा है।

साथियो, लोकसभा के चुनाव में दिल्ली के लोगों के एक-एक वोट ने भारतीय जनता पार्टी की ताकत बढ़ाई है। सातों की सातों सीटें देकर दिल्ली के लोगों ने तब भी बता दिया था कि वो इस दिशा में सोच रहे हैं। दिल्ली के लोगों के वोट ने देश बदलने में बहुत बड़ी मद की है, अब दिल्ली के अपने लोगों का वोट अपनी दिल्ली को भी बदलेगा और आधुनिक बनाएगा, सुरक्षित बनाएगा, यहां रहने वाले लोगों का जीवन और आसान बनाएगा। साथियो, दिल्ली सिर्फ एक शहर नहीं है, बल्कि दिल्ली ये हमारे हिंदुस्तान की धरोहर है। ये भारत के भिन्न-भिन्न रंगों को एक जगह समेटे हुए एक जीवित परंपरा है। ये दिल्ली सबका सत्कार करती है, सबको स्वीकार करती है। बंटवारे के बाद जो लोग यहां आए देश के अलग-अलग हिस्सों से, अपने सामर्थ्य को आजमाने जो लोग यहां आए, हर किसी हिंदुस्तानी को दिल्ली ने दिल में जगह दी है। जो यहां बस गए उन्हें भी पूरे तन, मन और श्रम से दिल्ली को आज यहां पहुंचाया है, दिल्ली के विकास में हर दिल्लीवासी के पसीने की महक है। ये चुनाव दिल्ली के इसी गौरव को 21वीं सदी की पहचान और शान देने का संकल्प है, ये चुनाव एक ऐसे दशक का पहला चुनाव है जो 21वीं सदी के भारत का और 21वीं सदी में भारत की राजधानी का भविष्य तय करने वाला है और इसलिए 8 फरवरी को पड़ने वाला वोट सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं इस दशक में दिल्ली के विकास को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए होगा और ये काम कौन कर सकता है। वो भारतीय जनता पार्टी जो अपने हर संकल्प को पूरा करती है, जो कहती है, वो करती है। वो भारतीय जनता पार्टी जिसके लिए देश का हित देश के लोगों का हित सबसे ऊपर है वो भारतीय जनता पार्टी जो निगेटीविटी में नहीं पॉजिटीविटी में भरोसा रखती है।

साथियो, हमारे लिए देश का हित सबसे बड़ा है, देश के लिए लिये गए संकल्प सबसे बड़े हैं। इन संकल्पों को पूरा करने के लिए हम दिन-रात एक कर रहे हैं। देश के सामने जो दशकों पुरानी चुनौतियां थीं, उसे सुलझा रहे हैं, दूर कर रहे हैं। यहां दिल्ली में ही एक बहुत बड़ी समस्या थी अवैध कालोनियों की। आजादी के बाद से ही किसी ना किसी रूप से ये मामला लटका हुआ था वोट के लिए वादे किए जाते थे तारीख दी जाती थी, लेकिन समस्या को सुलझाता कोई नहीं था। दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा लोगों जिसमें बड़ी संख्या में यहां पूर्वी और उत्तरपूर्वी लोग हैं, उन्हें उनके जीवन की सबसे बड़ी चिंता से हमारी सरकार ने मुक्त किया है। जिन लोगों ने सोचा नहीं था कि वो अपने जीवन में अपने घर की रजिस्ट्री कर सकेंगे अब वो अपने घर का सपना सच होते देख रहे हैं। ये दिल्ली के लोगों से भाजपा का वादा था उस वादे को हमने निभाया हमने उसे पूरा करके दिखाया। तमाम रोड़ों के बावजूद, रुकावटें डालने वालों ने कोई कमी नहीं रखी लेकिन इन सब रुकावटों के बावजूद संसद से सीधे कानून बनाकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने दिल्ली को ये अधिकार दे दिया है। अब आपको सरकारी बुलडोजर की चिंता से भी मुक्ति मिल चुकी है और गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार भी मिला है।

भाइयो-बहनो, 11 फरवरी के बाद जब दिल्ली में भाजपा की, एनडीए की सरकार बनेगी तो इन सभी कॉलोनियों में विकास के काम और तेजी से आगे बढ़ेंगे। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी ने ये भी संकल्प लिया है, अपने संकल्प पत्र में, घोषणापत्र में कहा है, इन कॉलेनियों को तेज विकास के लिए कॉलोनी डेवलपमेंट बोर्ड बनाया जाएगा। मैं दिल्ली भाजपा को बहुत-बहुत बधाई देता हूं उनके इस निर्णय के लिए, यही नहीं जहां झुग्गी वहां पक्का घर भी बनेगा। झुग्गी में रहने वाले परिवारों को पक्का घर देने के लिए तेजी से काम किया जाएगा, ऐसा घर जिसमें टॉयलेट होगा, बिजली होगी, गैस कनेक्शन होगा, नल होगा और नल में जल होगा और जल भी शुद्ध होगा। साथियो, 2022 तक हमने सपना देखा है हर गरीब बेघर को अपना पक्का घर देने के संकल्प का हमारा जो फैसला है उसी का ये हिस्सा है। प्रधानमंत्री आवास योजना की यही भावना है इस योजना के तहत देश में गरीबों के लिए 2 करोड़ से अधिक घर बनाए जा चुके हैं लगभग 2 करोड़ और नए घर हमारी सरकार और बनाने जा रही है।

भाइयो-बहनो, दुनिया के लोग जब 2 करोड़ घर शब्द सुनते हैं ना तो चौंक जाते हैं। उनके देश की कुल जनसंख्या से ज्यादा घर हमने बना दिए हैं लेकिन दिल्ली के मेरे भाइयो-बहनो, मैं आज आपके मेरा दर्द भी बताना चाहता हूं। इतना सारा काम देश में हुआ गरीबों को रहने के लिए घर मिले लेकिन यहां जो सरकार है वो गरीब बेघरों को घर नहीं देना चाहती है। मुझे दुख होता है जब देखता हूं कि दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू नहीं हो पा रही है सोचिए पांच साल में 2 करोड़ घर केंद्र सरकार ने देश भर में बनवाए और इसमें दिल्ली में एक भी घर नहीं बन पाया, इस बैठी हुई सरकार की वजह से नहीं बन पाया। आप मुझे बताइए गरीब के पास अपना पक्का घर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? गरीब को रहने को छत होनी चाहिए की नहीं? गरीब की जिंदगी में बदलाव आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए? क्या मोदी अगर ये काम करता है तो उस पर राजनीति करनी चाहिए क्या? यहां पर रुकावटें डालनी चाहिए क्या?

भाइयो-बहनो, हर बेघर अपना घर चाहता है हर कोई चाहता है कि अपने बच्चों को एक अच्छे घर में छोड़ करके वो अपना जीवन पूर्ण करे। साथियो, जब तक और ये बात मैं बहुत जिम्मेदारी से कह रहा हूं, जब तक ये लोग बैठे रहेंगे तब तक दिल्ली में लोगों की भलाई के काम वे रोकते ही रहेंगे, रुकावट डालेंगे, रोड़े अटकाएंगे क्योंकि वो सिवाय राजनीति कुछ जानते ही नहीं हैं इसलिए दिल्ली में, आप देखिए 21वीं सदी के दो दशक ऐसे लोगों के हाथ में गए कि आपको 21वीं सदी कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आती है और इसलिए भाइयो-बहनो, 30 साल बहुत कुछ आपने देख लिया है बहुत बर्बादी झेल चुके हैं अब तो एक ही रास्ता बचा है और इसलिए दिल्ली में भाजपा का आना जरूरी है। जब दिल्ली में भाजपा की, एनडीए की सरकार बनेगी तो देश भर में जो हमारा काम चल रहा है बेघरों को पक्का घर देने का वो काम हम दिल्ली में भी आसानी से कर पाएंगे और घर में गैस होगी, पानी होगी, बिजली होगी सारी बुनियादी सुविधाएं भी मिलेंगी। साथियो, 21वीं सदी का भारत नफरत की राजनीति से नहीं विकास की राष्ट्रनीति से चलेगा। विकास की यही राष्ट्रनीति देश को गति भी देती और देश को नई ऊंचाई पर भी ले जाती है। आज देश के इतिहास में पहली बार हुआ है जब विपक्ष को किसी सरकार से शिकायत है और आजकल मेरे लिए शिकायत क्या, कभी-कभी हमारे मित्र कहते हैं और विरोधी तो दिन-रात कहते हैं और कहते क्या हैं। कहते हैं अरे मोदी जी इतनी जल्दी क्या है, इतनी तेजी से काम क्यों कर रहे हो, अरे जरा आप धीरे-धीरे चलो थोड़ा आराम करो, इतनी तेजी से एक के बाद एक बड़े फैसले क्यों ले रहे हो, इसकी जरूरत क्या है। साथियो, देश को तेजी से विकास करना है तो उसे दशकों पुरानी समस्याओं और दशकों पुरानी चुनौतियों से मुक्ति पानी ही होगी।

आपने भी देखा होगा घर में भी दिवाली के समय अगर दीवार को रंग लगाना है तो पहले पुराना जो कुछ भी है उसे उखाड़ कर के निकालते हैं कि नहीं निकालते हैं तब जा कर नया रंग भी लगता है ना। हर कोई पुरानी जो बुराइयां हैं, कठिनाइयां हैं उससे मुक्ति पहले लेनी ही पड़ती है और पूरे देश की यही अपेक्षा है यही जनादेश है और दिल्ली और देश के इसी आदेश पर हम काम कर रहे हैं। भाइयो-बहनो, मैं जरा थोड़ी झलक दिखाना चाहता हूं आपको काम कैसे होता है और तेज गति से क्यों करना पड़ रहा है। एक के बाद एक बड़े फैसले क्यों लेने पड़ रहे हैं। अब आप देखिए आर्टिकल 370 से मुक्ति कितने साल मिली 70 साल बाद, राम जन्मभूमि पर फैसला स्वतंत्रता के कितने साल बाद आया 70 साल बाद, करतारपुर साहिब कार्रिडोर कितने साल बाद बना 70 साल बाद, भारत-बांग्लादेश पुराना पाकिस्तान सीमा विवाद कितने साल बाद हल हुआ 70 साल बाद। CAA से हिन्दू, सिखों, ईसाइयों को नागरिकता का अधिकार कितने साल बाद मिला 70 साल बाद। शहीद जवानों के लिए देश में नेशनल वॉर मेमोरियल कितने साल बाद बना, 50-60 साल के बाद बना, शहीद पुलिसकर्मियों के लिए नेशनल पुलिस मेमोरियल कितने साल बाद बना, 50-60 साल के बाद बना, शत्रु संपत्ति कानून, एनेमी प्रॉपर्टी विभाजन के तुरंत बाद होना चाहिए था, शत्रु संपत्ति कानून कितने समय बाद लागू हुआ 50 साल के बाद। बोडो आंदोलन का समाधान करने वाला समझौता कितने साल बाद हुआ 50 साल बाद, पूर्वसैनिकों को वन रैंक वन पेंशन का लाभ कितने सालों बाद मिला 40 साल के बाद। 84 के सिखों के साथ जो नरसंहार हुआ उसके दोषियों को सजा कितने साल बाद मिली 34 साल के बाद। वायुसेना को नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान कितने साल बाद मिले 35 साल के बाद। बेनामी संपत्ति कानून कितने समय बाद लागू हुआ 28 साल के बाद, त्रिपुरा में ब्रू शरणार्थियों का समझौता कितने सालों बाद हुआ 23 साल के बाद, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का गठन कितने साल बाद हुआ 20 साल के बाद, देश में जीएसटी कितने साल बाद लागू हुआ 17 साल के बाद, अनगिनत बातें बता सकता हूं। सुनकर के आप को भी लगता होगा कि पहले की सरकारों ने कैसे-कैसे देश को उलझा क रखा हुआ था। आप मुझे बताइए, क्या मुझे भी ऐसे ही चलना चाहिए या समस्याओं को सुलझाना चाहिए, सुलझाना चाहिए कि नहीं सुलझाना चाहिए?

साथियो, ये फैसले पहले भी लिए जा सकते थे, ये समस्या पहले भी सुलझाई जा सकती है लेकिन जब स्वार्थनीति ही राजनीति का आधार हो तो फैसले टलते भी हैं और अटकते भी हैं। आज देश इस पहचान से आगे बढ़ चला है, आज देश में अटके और लटके विषयों का समाधान तो हो ही रहा है। कई ऐसे फैसले भी लिए गए जो पहली बार हुआ है, पहली बार लाल बत्ती के रौब से भारतीयों को मुक्ति देने का काम किया है, पहली बार सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का अधिकार मिला, पहली बार पांच लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स जीरो हो गया, पहली बार काले धन की हेराफेरी करने वाली साढ़े तीन लाख संदिग्ध कंपनियों को ताला लग गया, पहली बार उद्यमियों को बिजिनेस में सम्मानजनक और जीत का मार्ग देने वाला आईबीसी कानून बना, पहली बार देश के हर किसान परिवार के बैंक खाते में सीधी मदद पहुंची, पहली बार किसानों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों को पेंशन की सुविधा मिली, पहली बार 5 करोड़ गरीबों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिली, पहली बार 10 करोड़ परिवारों को टॉयलेट की सुविधा पहुंची, पहली बार 8 करोड़ गरीब बहनों की रसोई में गैस का कनेक्शन मुफ्त पहुंचा, पहली बार 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों के घर में बिजली कनेक्शन पहुंचा, पहली बार नाबालिगों से रेप करने के केस में फांसी की सजा का प्रावधान हुआ, पहली बार मुस्लिम बहन-बेटियों को तीन-तलाक से जुल्म और ज्यादती से मुक्ति मिली और पहली बार देश को लोकपाल भी मिला। देश के लोगों को तो लोकपाल मिला लेकिन दिल्ली के लोग आज भी लोकपाल का इंतजार कर रहे हैं। इतना बड़ा आंदोलन, इतनी बड़ी-बड़ी बातें इन सब का क्या हुआ। साथियो, जब नीयत साफ होती है तभी फैसले लिए जाते हैं, तभी सही विकास हो पाता है। 21वीं सदी में दिल्ली का विकास और तेज गति से हो, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हो, ट्रांसपोर्ट के आधुनिक साधनों का विस्तार हो, आधुनिक शिक्षा व्यवस्था हो, दिल्ली सुरक्षित हो, दिल्ली समृद्ध हो यही हमारी प्राथमिकता है। दोस्तों शनिवार को जो बजट आया है वो इस साल के लिए ही नहीं बल्कि इस पूरे दशक को दिशा देने वाला है, इस बजट का लाभ दिल्ली के नवजवानों, दिल्ली के व्यापारियों, यहां के मध्यम वर्ग को, निम्न वर्ग को, गरीब परिवारों को, यहां की महिलाओं को इन सब को लाभ पहुंचाने वाला ये बजट है। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, एमएसएमई सेक्टर, टेक्सटाइल सेक्टर और टेक्नोलॉजी पर बहुत ज्यादा जोर दिया गया है और ये सभी दिल्ली के विकास और रोजगार के नए अवसर बनाने से सीधे जुड़े हुए क्षेत्र हैं।

साथियो, बजट में युवाओं के रोजगार से जुड़े एक बड़े रिफॉर्म किया गया है, ये रिफॉर्म है नॉन गैजेटेड सरकारी नौकरियों में अलग-अलग एग्जाम की परेशानी से अब युवाओं को मुक्ति दिलाने का काम केंद्र सरकार की भर्तियों में इंटरव्यू खत्म करने से करप्शन पर चोट हुई। अब इस नए कदम से युवाओं की बहुत बड़ी टेंशन समाप्त होगी। साथियो, अभी तक सरकार की ग्रुप बी और सी की जितनी भी भर्तियां निकलती हैं उनके लिए अलग-अलग एग्जाम देने पड़ते हैं और यहां दिल्ली में तो अनेक ऐसे इलाके हैं जहां देश भर से आए अनेक युवा अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग लेते हैं। स्टूडेंट्स भी तनाव में मां-बाप को भी टेंशन ऊपर से एक्स्ट्रा खर्चा लग जाता है। भाइयो-बहनो, अब एक ही कॉमन ऑनलाइन एग्जाम से एक ही परीक्षा ली जाएगी और उसके आधार पर ही अलग-अलग सेवाओं में जाने का रास्ता खुलेगा। रेलवे में जाना है, बैंक में जाना है, सरकारी किसी व्यवस्था में जाना है एक ही व्यवस्था से सारे रास्ते खुल जाएंगे। इसी व्यवस्था की देख-रेख के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन किया जा रहा है। साथियो, दिल्ली के व्यापारियों के साथ, यहां के कारोबारियों के साथ भाजपा का बहुत पुराना भी रिश्ता है और बहुत करीबी रिश्ता भी है। भाजपा का हमेशा से प्रयास रहा है कि व्यापारियों की दिक्कतें कम हों, उनकी परेशानी कम हो और वो खुल कर अपना काम कर पाएं, यहां के व्यापारियों को आसानी से लोन मिले, जल्द से जल्द लोन मिले, कैशफ्लो में दिक्क्त ना हो इसके लिए बीते वर्षों में हमने अनेक कदम उठाए हैं, अब इस बार के बजट में एक और बड़ा निर्णय लिया गया है। साथियो, अभी तक एक करोड़ के टर्नओवर वाले लधुउद्योगों को, व्यापारियों को ऑडिट कराना पड़ता था, चार्टेड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाना पड़ता था अब इस सीमा को 5 करोड़ तक बढ़ा दिया गया है। इसका मतलब है कि पहले एक करोड़ तक आपको चार्टेड अकाउंटेंट को पैसा देना पड़ता था, सीए की रिपोर्ट लेनी पड़ती थी, अब पांच करोड़ तक ये कोई खर्चा करने की जरूरत नहीं है। ये सरकार का देश के उद्यमियों पर, दिल्ली के लाखों व्यापारियों-कारोबारियों पर विश्वास का ही एक जीता जागता उदाहरण है। अब पांच करोड़ तक के टर्नओवर पर व्यापारी जो कहेंगे उतना हमारे लिए काफी होगा, हम ना दिल्ली और ना ही देश के व्यापारियों को सीए ढूंढना पड़ेगा ना ही ऑडिट पर खर्च करना पड़ेगा, अब सारी प्रक्रिया और सरल कर दी गई है।

साथियो, दिल्ली सहित देश के व्यापारियों की एक पुरानी शिकायत रही है कि उन्हें टैक्स अथॉरिटीज के बहुत दबाव का सामना करना पड़ता है, इसी को देखते हुए हमने पिछले साल इनडॉयरेक्ट टैक्स सेटेलमेंट स्कीम शुरू की थी, इस स्कीम ने अनेकों व्यापारियों को कानूनी केसों से मुक्ति दिला दी, बचा लिया। इसके बाद से ये भी मांग होने लगी कि ऐसी ही कोई स्कीम डॉयरेक्ट टैक्स के लिए शुरू की जाए। इस बजट में हमने व्यापारियों की, कारोबारियों की ये मांग भी पूरी कर दी है। अब डॉयरेक्ट टैक्स सटेलमेंट स्कीम के बाद लघु और मध्यम उद्योगियों की शक्ति केस लड़ने में, कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने में दफ्तरों के चक्कर काटने में ये सब खत्म हो जाएगा लेकिन अपना वो बिजिनेस आगे बढ़ाने के लिए अपनी ऊर्जा लगा पाएंगे। साथियो, व्यापारियों को टैक्स विभाग के इंस्पेक्टर परेशान ना कर सकें इसके लिए सरकार द्वारा मानवीय दखल यानी ह्यूमन इंटरफेयर को खत्म किया जा रहा है। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से हमारी सरकार ऐसी व्यवस्था बना रही है जिसमें टैक्स अफसर सीधे व्यापारी से संपर्क ही नहीं कर पाएंगे और जिनसे करेंगे भी अफसरों को ये पता ही नहीं चलेगा कि ये व्यापारी किस शहर का है कौन है। इस नई व्यवस्था से भी व्यापारियों की बहुत बड़ी टेंशन खत्म होने वाली है सबकुछ ऑनलाइन होने वाला है। अगर दिल्ली का कोई मामला है, दिल्ली के अफसरों को भी मालूम नहीं होगा वो ऑनलाइन कहीं गुवाहाटी में चेक होता होगा, कहीं ऑनलाइन जोधपुर में चेक होता होगा और कागज देखकर के निर्णय होंगे और चेहरा देख कर के, जेब देख कर के काम करने के तरीके कभी नहीं चलेंगे।

भाइयो-बहनो, दिल्ली-एनसीआर, देश में इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटीसी और दूसरी नेक्स्ट जनरेशन से जुड़ी टेक्नोलॉजी की मेन्यूफैक्चरिंग का भी हब है। भारत इस सेक्टर में दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहा है इसको विस्तार देते हुए बजट में अनेक प्रावधान किए गए हैं। मोबाइल फोन का निर्माण हो, डेटा सेंटर पार्क की स्थापना हो, बॉयोटेक्नोलॉजी हो इसके लिए अनेक इनीशिऐटिव लिए गए हैं। यही नहीं 21वीं सदी में जो नई औद्योगिक क्रांति आ रही है उसमें भारत अपनी टेक्नोलॉजी के माध्यम से कभी पीछे ना रहे इसके लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस हो, 5जी टेक्नोलॉजी हो इसमें रिसर्च और डेवलपमेंट को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यही प्रयास हमारे युवाओं को भविष्य के रोजगार के लिए तैयार करेंगे और भारत को दुनिया का टॉप स्टॉर्टअप नेशन बनाएंगे। साथियो, स्टार्टअप्स में ई-शॉप्स को लेकर बजट में जो ऐलान हुआ है वो देश में स्टार्टअप इको सिस्टम को नई ऊर्जा देगा। हमने स्टार्टअप में कर्मचारियों को दिए गए ई-शॉप को पांच साल तक के लिए टैक्स फ्री करने की घोषणा कर दी है। स्टार्टअप्स को टैक्स डॉलिडे से भी जुड़ी कई घोषणाएं बजट में की गई हैं। साथियो, इस बजट में इसका भी ध्यान रखा गया है कि मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर के हाथ में ज्यादा पैसे बचें। सरकार ने अब टैक्स की एक नई स्लैब का विकल्प दिया है, ये टैक्स सरल भी है और इसमें टैक्स बचाने के लिए कुछ खास योजनाओं में ही इन्वेस्टमेंट करने का दबाव भी नहीं है। इस स्लैब के तहत साल में साढ़े सात लाख तक कमाने वाले के लिए तो टैक्स सीधा 20 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत यानी आधा हो गया है वहीं 15 लाख रुपए सालाना कमाने वाले व्यक्ति के लिए इस टैक्स सिस्टम में लगभग 80 हजार रुपए तक की बचत संभव है। साथियो, हमारी सरकार देश के ईमानदार करदाता का हमेशा से सम्मान करती है, देश के विकास से जुड़ी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचाने में उसका बहुत बड़ा योगदान होता है। अब तक देश में ऐसी व्यवस्था रही है कि टैक्स से जुड़े कानून लाकर टैक्सपेयर को ये बताया जाता रहा कि आपको इस कानून का पालन करना है, आपको ये करना है आपको वो करना है लेकिन जो लोग इस कानून का पालन करवाते हैं, जो टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन संभालते हैं उनकी भी तो देश के टैक्सपेयर्स के प्रति कुछ जिम्मेदारी बनती है वो अपनी मनमानी नहीं कर सकते हैं। अब हमारी सरकार टैक्स एडमिनिस्ट्रेटर का दायित्व सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाने जा रही है, टैक्सपेयर चार्टर हम लाने वाले हैं। इस चार्टर के माध्यम से ईमानदार करदाताओं के हितों की रक्षा की जाएगी।

साथियो, इसके अलावा हम बैंकों को मजबूत कर रहे हैं, बैंकों की सेवाओं को देश के लिए, लोगों के लिए और सुविधाजनक बना रहे हैं, बैंकों में जमा आपके पैसे को अधिक सुरक्षा देने के लिए डिपॉजिट पर गारंटी को एक लाख से सीधा बढ़ाकर पांच लाख रुपए किया गया है। मध्यम वर्ग का व्यक्ति, गरीब वर्ग का व्यक्ति, सीनियर सिटिजन अपनी बचत के पैसे बैंक में जमा करता है ब्याज के भरोसे गुजारा करता है और बैंक में कुछ गड़बड़ हो जाए तो लोग बता देते हैं आपको एक लाख रुपया मिलेगा अगर आपका तीन लाख है तो नहीं मिलेगा। हमने कानून बदल दिया है पांच लाख रुपए तक वो पैसे लेने का हकदार बनेगा और वो पैसे मिलेंगे इसके कारण अधिकतम डिपॉजिटर को सुरक्षा मिल जाएगी। साथियो, जीएसटी की वजह से गरीब और मध्यम वर्ग के जरूरत की लगभग 99 प्रतिशत चीजों पर पहले ही टैक्स कम हो गया है। पहले औसत जीएसटी रेट 14.4 प्रतिशत था अब इसे और कम करते हुए 11.8 प्रतिशत ले आया गया है। इस वजह से मध्यम वर्ग के, गरीबों के करीब-करीब दो लाख करोड़ रुपए सालाना बच रहे हैं। जीएसटी ने व्यापारियों को भी अनेक प्रकार के टैक्स के जाल से बचाया है, जीएसटी ने अनेकों चुंगियां, चेकपोस्ट खत्म कर दिए हैं। अब हरियाणा या यूपी सामान भेजना हो या वहां से मंगवाना हो दिल्ली के व्यापारियों की दिक्क्तें कम हुई हैं। अब तो फास्टैग भी आ गया है, जिससे आना-जाना और आसान हुआ है। साथियो, कपड़ा उद्योग यानी टैक्सटाइल दिल्ली के भी और देश के सबसे बड़े इम्पल्यार में से एक है। बीते तीन दशक से मांग हो रही थी कि मैनमेड फाइबर का निर्माण भारत में हो इसके लिए उसके रॉ मैटेरियल के ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलान किया जाए इस बजट में ये बहुत बड़ा रिफार्म किया गया है। इसी तरह टेक्निकल टैक्सटाइल का लाभ भी दिल्ली के लोगों को मिलने वाला है।

साथियो, उद्योग के विस्तार का और रोजगार के नए अवसर बनाने का सीधा संबंध आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से है इसी को ध्यान में रखते हुए अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक का इंफ्रास्ट्रक्चर देश में बनाया जाएगा। इसमें हाईवे बनेंगे, एक्सप्रेस-वे होंगे, मेट्रो लाइन होगी, रेपिड इकोनॉमी कॉर्रिडोर होंगे, वॉटर वे होंगे, नए एयर वे होंगे। इस बजट में दिल्ली में रेपिजड ट्रांजिट सिस्टम के लिए लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था भी की गई है। दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-गुड़गांव, अलवर और दिल्ली-पानीपथ कॉर्रिडोर हो या फिर दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉर्रिडोर इससे दिल्ली को बहुत लाभ होगा। इससे उद्योग और रोजगार तो बढ़ेंगे ही, दिल्ली से होकर गुजरने वाली गाड़ियां भी और उसके कारण भीड़ भी कम होगी।

साथियो, दिल्ली और देश के अन्य शहरों में प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए भी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। इस साल के बजट में 44 सौ करोड़ रुपए शहर में प्रदूषण को कम करने के लिए रखे गए हैं। साथियो, मिडिल क्लास और गरीबों को सस्ता और उत्तम स्वास्थ्य देने के लिए भी इस बजट में व्यवस्था की गई है। अब दिल्ली और देश के हर जिले में जन औषधि केंद्र खोला जाएगा। इन दुकानों में डायबिटीज से लेकर दूसरी गंभीर बीमारियों की, 2 हजार दवाइयां बाजार से बहुत सस्ते दामों पर मिलती हैं। साथियो, चाहे दवाइयां सस्ती करना हो, हार्ट के स्टैंट और नी रिप्लेसमेंट जैसे उपकरणों को बहुत सस्ता करना हो या फिर जिला अस्पतालों में मुफ्त डायलिसिस कार्यक्रम हो इससे हर साल हजारों रुपए की बचत गरीब और मध्यम वर्ग को हो रही है लेकिन अफसोस दिल्ली के लोगों के साथ स्वास्थ्य जैसे गंभीर विषय में भी राजनीति की गई है। यहां दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना को लागू ही नहीं होने दिया जा रहा है। दिल्ली के केंद्र सरकार के अस्पतालों में गरीबों का पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज हो सकता है लेकिन राज्य सरकारों के अस्पतालों में नहीं। दिल्ली के गरीब और मध्यम वर्ग से ऐसी क्या दिक्कत है, क्या राजनीति मानवता से भी बड़ी हो गई है। दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना नहीं, दिल्ली में पीएम आवास योजना नहीं, दिल्ली में सरकारी बस सेवा खस्ता हाल, दिल्ली में नई मेट्रो लाइनों पर राजनीति, ऐसी दिल्ली तो दिल्ली के लोगों ने नहीं चाह रही है। कल मैं बिहार के मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश बाबू को सुन रहा था वो कह रहे थे कि पटना स आने वाली बसों को दिल्ली में आने की अनुमति देने से ही मना कर दिया गया है। बिहार के लोगों के लिए, पूर्वांचल के लोगों के लिए ये कैसा पूर्वाग्रह है जो इस तरह के फैसले करवाता है। यही वो लोग हैं जो कहते हैं कि पूर्वांचल से पांच सौ रुपए का टिकट लेकर बिहारी आता है और लाखों का इलाज करा कर चला जाता है। पूर्वांचल के लोगों के प्रति, बिहार के लोगों के प्रति यही इनकी सोच है।

साथियो, मुझे याद है जब साल 2012 में बिहार अपनी शताब्दी मना रहा था, सौ साल हुए थे तब गुजरात ने बहुत भव्यता के साथ बिहार शताब्दी महोत्सव मनाया था। बिहार से आने वाले, पूर्वांचल से आने वाले अपने साथियों को सम्मानित किया था। साथियो, संसार भर में भारत के सामर्थ्य को बढ़ाने में बिहार के लोगों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। दिल्ली हो या देश का कोई कोना हर प्रोफेशन में बिहार के लोग सर्वोत्तम करते दिखेंगे लेकिन उनसे भी ऐसी नफरत हो रही है। बिहार के लोगों के लिए, पूर्वांचल के लोगों के लिए ऐसी दुर्भावना, दर्द होता है दिल में। साथियो, कुछ लोग राजनीति बदलने आए थे उनका नकाब अब उतर चुका है उनका असली रंग-रूप और मकसद उजागर हो गया है लेकिन याद है आपको जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी तब यही दिल्ली में देश की सेना पर हमारे वीर जवानों को कठघरे में खड़ा कर देने वाले लोग आए थे। ये लोगो शक कर रहे थे कि हमारे जवानों ने आतंकियों को घर में घुसकर मारा भी या नहीं मारा, सेना को सवाल पूछते थे। ये लोग देश की सेना पर शक करें, उसके अपमान करें क्या ऐसी दिल्ली दिल्लीवालों ने कभी चाही थी क्या? साथियो, एक समय था जब दिल्ली में आए दिन आतंकी हमलों की वजह से बम धमाकों में निर्दोष लोग मारे जाते थे। देश के सुरक्षाबलों और दिल्ली के लोगों की सतर्कता से अब ये हमले होना रुक गए हैं लेकिन याद करिए जब इन्हीं हमलों के गुनहगारों को दिल्ली पुलिस ने बाटला हाउस में मार गिराया तो उसे फर्जी एनकाउंटर कहा गया। यही वो लोग हैं जिन्होंने बाटला हाउस में आतंकियों को मारने पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, यही वो लोग हैं जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने के इच्छा रखने वाले को आज तक बचा रहे हैं। क्या दिल्ली के लोग ये भूल सकते हैं? भाइयो-बहनो, इसकी वजह क्या थी वोट बैंक की राजनीति, तुष्टीकरण की राजनीति, क्या ऐसे लोग दिल्ली में विकास के लिए सुरक्षित वातावरण दे सकते हैं, कतई नहीं दे सकते हैं। 

साथियो, सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग बीते कई दिनों से सिटिजनशिप एमेंडमेंट बिल को लेकर प्रदर्शन हुए। क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग है, जी नहीं ये संयोग नहीं ये एक प्रयोग है। इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजाइन है जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने के इरादे रखता है। ये सिर्फ एक कानून का विरोध होता तो सरकार के तमाम आश्वासनों के बाद ये समाप्त हो जाना चाहिए था लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस राजनीति का खेल खेल रहे हैं और वो सारी बातें अब उजागर हो चुकी हैं। संविधान और तिरंगे को सामने रखते हुए ज्ञान बांटा जा रहा है और असली साजिश से ध्यान हटाया जा रहा है। साथियो, हमारा संविधान ही देश की न्यायपालिका, हमारी अदालतों का आधार है, संविधान की भावना के अनुरूप ही न्यायालय चलते हैं लोगों को इंसाफ देते हैं। समय-समय पर अलग-अलग केसों में अदालतों की, हमारे देश की सर्वोच्च अदालत की भावना यही रही है कि विरोध प्रदर्शन से सामान्य मानवी को दिक्कत ना हो, देश की संपत्ति का नाश ना हो प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा तोड़-फोड़ आगजनी पर हमेशा सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट्स ने अपनी नाराजगी जताई है लेकिन ये लोग अदालतों की परवाह नहीं करते हैं, ये कोर्ट की बात ही नहीं मानते और बातें करते हैं संविधान की। जिस संविधान ने न्यायपालिका को बनाया और न्यायपालिका जो कह रही है उसको मानने को तैयार नहीं और दुनिया को संविधान सिखा रहे हो। अब देखिए इस वजह से कितनी दिक्कत हो रही है दिल्ली से नोएडा आने-जाने वाले लोगों को, दिल्ली की जनता इसे देख भी रही है, समझ भी रही है वो चुप है साइलेंट है और वोट बैंक की इस राजनीति को देखकर दिल्ली का नागरिक गुस्से में भी है।

साथियो, इस मानसिकता को यहीं रोकना जरूरी है, साजिश करने वालों की ताकत बढ़ी तो फिर कल किसी और सड़क किसी और गली को रोका जाएगा। हम दिल्ली को इस अराजकता में नहीं छोड़ सकते। इसको रोकने का काम सिर्फ दिल्ली के लोग कर सकते हैं। भाजपा को दिया हर वोट ये करने की ताकत रखता है वही कर सकता है। साथियो, हमारी सरकार अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रही है। दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व में राज्य सरकार बनने के बाद दिल्ली और यहां के लोगों के विकास को और तेज किया जाएगा। दुकानों-दफ्तरों को फ्री होल्ड कराने से जुड़े फैसले हों, सीलिंग पर प्रशासनिक और कानूनी कदम हो या फिर दिल्ली को पानी के टैंकर और कचरे के ढेरों से मुक्त करने का अभियान, पूरी ताकत से इन क्षेत्रों में काम होगा। 8 फरवरी को दिल्ली को और सुरक्षित बनाने के लिए, दिल्ली को और समृद्ध बनाने के लिए, दिल्ली बदलने के लिए कमल का बटन दबाइए, शान से कमल खिलाइए। 8 फरवरी को दिल्ली के लोगों को भारी संख्या में घर से निकलना है। भाजपा को वोट देना है, एनडीए को वोट देना है, विधानसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार को मिला दिल्ली के लोगों का वोट केंद्र में मेरी शक्ति भी बढ़ाएगा। 

भाइयो-बहनो, 8 तारीख को ठंड कम हो या अधिक अब दिल्ली बदलना है, अब दिल्ली को आगे ले जाना है। 21वीं सदी का दिल्ली बनाने की शुरुआत अब तीसरे दशक में करने की नौबत आई है और इसलिए हम सबको घर-घर जाकर के लोगों को साथ लेना है 8 फरवरी को वोट देना है। मैं फिर एक बार आप सभी का और सभी उम्मीदवारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते हुए, आप इतनी बड़ी मात्र में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए, हमारे उम्मीदवारों को आशीर्वाद देने के लिए आए इसके लिए मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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PM Modi addresses a public rally virtually in Nadia, West Bengal
December 20, 2025
Bengal and the Bengali language have made invaluable contributions to India’s history and culture, with Vande Mataram being one of the nation’s most powerful gifts: PM Modi
West Bengal needs a BJP government that works at double speed to restore the state’s pride: PM in Nadia
Whenever BJP raises concerns over infiltration, TMC leaders respond with abuse, which also explains their opposition to SIR in West Bengal: PM Modi
West Bengal must now free itself from what he described as Maha Jungle Raj: PM Modi’s call for “Bachte Chai, BJP Tai”

PM Modi addressed a public rally in Nadia, West Bengal through video conferencing after being unable to attend the programme physically due to adverse weather conditions. He sought forgiveness from the people, stating that dense fog made it impossible for the helicopter to land safely. Earlier today, the PM also laid the foundation stone and inaugurated development works in Ranaghat, a major way forward towards West Bengal’s growth story.

The PM expressed deep grief over a mishap involving BJP karyakartas travelling to attend the rally. He conveyed heartfelt condolences to the families of those who lost their lives and prayed for the speedy recovery of the injured.

PM Modi said that Nadia is the sacred land where Shri Chaitanya Mahaprabhu, the embodiment of love, compassion and devotion, manifested himself. He noted that the chants of Harinaam Sankirtan that once echoed across villages and along the banks of the Ganga were not merely expressions of devotion, but a powerful call for social unity.

He highlighted the immense contribution of the Matua community in strengthening social harmony, recalling the teachings of Shri Harichand Thakur, the social reform efforts of Shri Guruchand Thakur, and the motherly compassion of Boro Maa. He bowed to all these revered figures for their lasting impact on society.

The PM said that Bengal and the Bengali language have made invaluable contributions to India’s history and culture, with Vande Mataram being one of the nation’s most powerful gifts. He noted that the country is marking 150 years of Vande Mataram and that Parliament has recently paid tribute to this iconic song. He said West Bengal is the land of Bankim Chandra Chattopadhyay, whose creation of Vande Mataram awakened national consciousness during the freedom struggle.

He stressed that Vande Mataram should inspire a Viksit Bharat and awaken the spirit of a Viksit West Bengal, adding that this sacred idea forms the BJP’s roadmap for the state.

PM Modi said BJP-led governments are focused on policies that enhance the strength and capabilities of every citizen. He cited the GST Savings Festival as an example, noting that essential goods were made affordable, enabling families in West Bengal to celebrate Durga Puja and other festivals with joy.

He also highlighted major investments in infrastructure, mentioning the approval of two important highway projects that will improve connectivity between Kolkata and Siliguri and strengthen regional development.

The PM said the nation wants fast-paced development and referred to Bihar’s recent strong mandate in favour of the BJP-NDA. He recalled stating that the Ganga flows from Bihar to Bengal and that Bihar has shown the path for BJP’s victory in West Bengal as well.

He said that while Bihar has decisively rejected jungle raj, West Bengal must now free itself from what he described as Maha Jungle Raj. Referring to the popular slogan, he said the state is calling out, “Bachte Chai, BJP Tai.”

The PM emphasised that there is no shortage of funds, intent or schemes for West Bengal’s development, but alleged that projects worth thousands of crores are stalled due to corruption and commissions. He appealed to the people to give BJP a chance and form a double-engine government to witness rapid development.

He cautioned people to remain alert against what he described as TMC’s conspiracies, alleging that the party is focused on protecting infiltrators. He said that whenever BJP raises concerns over infiltration, TMC leaders respond with abuse, which also explains their opposition to SIR in West Bengal.

Concluding his address, PM Modi said West Bengal needs a BJP government that works at double speed to restore the state’s pride. He assured that he would speak in greater detail about BJP’s vision when he visits the state in person.