Published By : Admin |
January 12, 2024 | 12:49 IST
Share
“পরাধীনতা ও দাসত্বের অধ্যায়ে স্বামী বিবেকানন্দ দেশে নতুন শক্তি ও আশার সঞ্চার করেছিলেন”
“রাম মন্দিরের উদ্বোধন উপলক্ষে দেশের সব মন্দিরে পরিচ্ছন্নতার অভিযান চলুক”
“সারা বিশ্বের আঙিনায় দক্ষতায় ভরপুর নতুন শক্তি হিসেবে উঠে এসেছে ভারত ”
“আজকের যুবার সামনে এসেছে ইতিহাস তৈরি করার সুযোগ” “আজ দেশের ভাবধারা এবং কর্মকাণ্ড যৌবনপ্রাচুর্যে ভরপুর”
“অমৃতকাল ভারতের কাছে গর্বের এক অধ্যায়। ভারতকে ‘বিকশিত ভারত’-এ রূপান্তরিত করার দায়িত্ব নিতে হবে যুব সমাজকে”
“গণতান্ত্রিক প্রক্রিয়ায় যুবাদের আরও অংশগ্রহণ দেশের উজ্জ্বলতর ভবিষ্যতের চাবিকাঠি”
“প্রথমবারের ভোটাররা ভারতীয় গণতন্ত্রকে আরও শক্তিশালী করতে পারেন”
“অমৃতকালের ২৫ বছর হল যুবাদের দায়িত্ব পালনের সময়। তরুণ সমাজ কর্মদ্যোগী হলে এগিয়ে চলবে সমাজ ও দেশ”
সেখানে প্রদর্শিত হয় রিদমিক জিমন্যাস্টিক্স, মাল্লাখাম, যোগাসন এবং জাতীয় যুব উৎসব সঙ্গীত।
মহারাষ্ট্রের নাসিকে আজ ২৭ তম জাতীয় যুব উৎসবের উদ্বোধন করলেন প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী। স্বামী বিবেকানন্দ এবং রাজমাতা জিজাউ-এর ছবিতে পুস্পার্ঘ অর্পণ করেন তিনি। ওই রাজ্যের পক্ষ থেকে আয়োজিত কুচকাওয়াজ প্রত্যক্ষ করেন তিনি। পরিবেশিত হয় ‘বিকশিত ভারত @২০৪৭- যুবাদের জন্য, যুবাদের দ্বারা’ শীর্ষক সাংস্কৃতিক অনুষ্ঠান। সেখানে প্রদর্শিত হয় রিদমিক জিমন্যাস্টিক্স, মাল্লাখাম, যোগাসন এবং জাতীয় যুব উৎসব সঙ্গীত।
ভাষণে প্রধানমন্ত্রী বলেন, আজকের দিনটি ভারতের যুব শক্তি এবং স্বামী বিবেকানন্দেরর বিশাল ব্যক্তিত্বের প্রতি উৎসর্গীকৃত- যিনি পরাধীনতা ও দাসত্বের সময়ে দেশে নতুন শক্তি ও আশার সঞ্চার করেছিলেন। স্বামীজির জন্মবার্ষিকীতে আয়োজিত জাতীয় যুব দিবস উপলক্ষে তিনি দেশের তরুণ প্রজন্মকে শুভেচ্ছা জানান। ভারতীয় নারীশক্তির অন্যতম মূর্ত রূপ রাজমাতা জিজাবাঈ-এর জন্মবার্ষিকী উপলক্ষে তাঁর প্রতিও শ্রদ্ধা জানান তিনি।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, মহারাষ্ট্রের মাটির মধ্যে লুকিয়ে রয়েছে সাহসিকতার বীজ- যার সুবাদে এসেছেন রাজমাতা জিজাবাঈ, ছত্রপতি শিবাজী, দেবী অহল্যাবাঈ হোলকার, রমাবাঈ আম্বেদকর, লোকমান্য তিলক, বীর সাভারকর, অনন্ত কানহেরে, দাদাসাহেব পোটনিস, চাপেকর বনধু প্রমুখ। নাসিকে পঞ্চবটিতে ভগবান শ্রীরাম দীর্ঘ সময় অতিবাহিত করেছেন বলে প্রধানমন্ত্রী উল্লেখ করেন। ২২ শে জানুয়ারী অযোধ্যায় শ্রীরাম মন্দিরের আসন্ন উদ্বোধন উপলক্ষে দেশের প্রতিটি মন্দিরে পরিচ্ছন্নতার অভিযানের ডাক দেন তিনি।
যুব শক্তির প্রসঙ্গে আলোচনায় প্রধানমন্ত্রী শ্রী অরবিন্দ এবং স্বামী বিবেকানন্দের বাণী থেকে উদ্ধৃতি দেন। ভারত বিশ্বের প্রথম ৫ টি অর্থনীতির মধ্যে জায়গা করে নেওয়ার ক্ষেত্রে তরুণ প্রজন্মের অবদানের উল্লেখ করেন তিনি। প্রধানমন্ত্রী বলেন, বিশ্বের অন্যতম প্রাণবন্ত স্টার্টআপ বাস্তুতন্ত্র রয়েছে এদেশে। নজিরবিহীন সংখ্যক মেধাস্বত্ত্বের অধিকারী এই দেশ হয়ে উঠেছে বিশ্বের অন্যতম উৎপাদন কেন্দ্র।
‘অমৃতকাল’- এর এই অধ্যায় দেশে যুবাদের কাছে বিশেষ তাৎপর্যপূর্ণ এক অধ্যায় বলে প্রধানমন্ত্রী মন্তব্য করেন। এম বিশ্বেশ্বরাইয়া, মেজর ধ্যানচাঁদ, ভগৎ সিং, চন্দ্রশেখর আজাদ, বটুকেশ্বর দত্ত, মহাত্মা ফুলে, সাবিত্রী বাঈ ফুলে-র মতো ব্যক্তিত্বকে সামনে রেখে অমৃতকালে যুবসমাজ এগিয়ে চলুক, এমনটাই চান তিনি। দেশকে নতুন উচ্চতায় নিয়ে যাওয়ায় যুব সমাজ অবশ্যই সফল হবে বলে প্রধানমন্ত্রী প্রত্যয়ী। ‘আমার যুব ভারত পোর্টাল’-এ মাত্র ৭৫ দিনে ১.১০ কোটি যুবক-যুবতীর নাম লেখানো তাঁদের উদ্যমী মনোভাবকেই তুলে ধরে বলে প্রধানমন্ত্রী মন্তব্য করেন।
বিগত ১০ বছরে তাঁর সরকার তরুণ প্রজন্মের সামনে অপার সম্ভাবনার দরজা খুলে দিয়েছে বলে উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, শিক্ষা, কর্মসংস্থান, ঔদ্যোগিকতা, স্টার্টআপ, দক্ষতা বিকাশ, ক্রীড়াসহ উদীয়মান নানা ক্ষেত্রে তৈরি হয়ে উঠেছে প্রাণবন্ত পরিকাঠামো। এপ্রসঙ্গে তিনি নতুন শিক্ষানীতি এবং পিএম বিশ্বকর্মা যোজনার কথা তুলে ধরেন। প্রধানমন্ত্রী কৌশল বিকাশ যোজনার আওতায় কোটি কোটি তরুণ-তরুণীর কর্মদক্ষতার প্রসার, নতুন নতুন আইআইটি এবং এনআইটি গড়ে ওঠার প্রসঙ্গও উঠে আসে। প্রধানমন্ত্রী বলেন, আজ বিশ্বের চোখে ভারত হয়ে উঠেছে দক্ষতায় ভরপুর নতুন এক শক্তি। ফ্রান্স, জার্মানি, ব্রিটেন, অস্ট্রেলিয়া, ইটালি, অস্ট্রিয়ার মতো দেশের সঙ্গে ভারতের শ্রমের আদানপ্রদান সংক্রান্ত একাধিক চুক্তি দেশের যুবসমাজের কাছে আশীর্বাদ হয়ে উঠেছে বলে তাঁর মন্তব্য।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, তরুণ প্রজন্মের সামনে সম্ভাবনার নতুন নতুন দিগন্ত খুলে দিতে অবিরত কাজ করে চলেছে সরকার। ড্রোন, অ্যানিমেশন, গ্যামিং, ভিস্যুয়াল এফেক্টস থেকে শুরু করে পরমাণু, মহাকাশসহ বিভিন্ন ক্ষেত্রে উদ্ভাবনা এবং কাজের নতুন পরিবেশ তৈরি হয়েছে বলে প্রধানমন্ত্রী মন্তব্য করেন। তিনি বলেন, সড়ক নির্মাণ, নতুন ট্রেন, বিশ্বমানের বিমানবন্দর, ডিজিটাল নানা পরিষেবার সুবাদে কর্মক্ষেত্রে যুবক-যুবতীরা নতুন আশার আলো দেখছেন।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, আজ দেশের ভাবধারা এবং কর্মকাণ্ড যৌবনপ্রাচুর্যে ভরপুর। তরুণ প্রজন্ম আজ নেতৃস্থানীয় ভূমিকায়। তারই সুবাদে চন্দ্রযান-৩ এবং আদিত্য এল ওয়ান অভিযান সফল হয়েছে। ‘মেক ইন ইন্ডিয়া’ কর্মসূচি দেশকে উপহার দিয়েছে আইএনএস বিক্রান্ত-এর মতো রণতরী, তেজস যুদ্ধবিমান। ছোটখাটো দোকান থেকে ঝাঁ চকচকে শপিং মল সবখানেই চলছে ইউপিআই-এর মাধ্যমে লেনদেন। গর্বের এই অমৃতকালে দেশকে বিকশিত ভারতের লক্ষ্যপূরণে গিয়ে নিয়ে যাওয়ার দায়িত্ব বর্তায় যুবসমাজেরই ওপরে।
সামনে থাকা চ্যালেঞ্জই শুধু পেরিয়ে যাওয়া নয়, নতুন চ্যালেঞ্জ সামনে এনে তা অতিক্রম করার স্পর্ধার শক্তিকে কাজে লাগিয়ে অর্থনৈতিক কর্মকাণ্ডের বহরকে ৫ ট্রিলিয়ন ডলারে নিয়ে গিয়ে ভারতকে বিশ্বের তৃতীয় বৃহত্তম অর্থনীতির দেশ তথা অন্যতম উৎপাদন কেন্দ্র করে তোলার লক্ষ্যে এগিয়ে যেতে হবে প্রধানমন্ত্রী মনে করিয়ে দেন। জলবায়ু পরিবর্তনের মোকাবিলা এবং প্রাকৃতিক কৃষির স্বপ্নের বাস্তবায়নে অগ্রাধিকার দেন তিনি।
যুবসমাজের প্রতি তাঁর অগাধ আস্থার কথা তুলে ধরে প্রধানমন্ত্রী বলেন, আজকের নবীন প্রজন্ম দাসত্বের মনোভাব থেকে মুক্ত এবং দেশের সেবায় নিবেদিত প্রাণ। উন্নয়নের সঙ্গে জোর দিতে হবে ঐতিহ্য রক্ষায়। ভারতের যোগ এবং আয়ুর্বেদের ব্র্যান্ড অ্যাম্বাসাডর হয়ে উঠতে হবে তরুণ-তরুণীদের।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, দাসত্বের মনোভাবের কারণেই মিলেটজাত খাদ্যকে একসময়ে খাটো করে দেখা হত। সরকারের সনির্বন্ধ উদ্যোগের সুবাদে আজ হয়ে উঠেছে শ্রী অন্ন-সুপার ফুড।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, ভারত হল গণতন্ত্রের মাতা। এই প্রক্রিয়ায় যুবক-যুবতীরা যত বেশি সামিল হবেন ততই দেশের মঙ্গল। পরিবারতান্ত্রিক রাজনীতিকে উপড়ে ফেলতে যুব সমাজকে এগিয়ে আসতে হবে বলে মন্তব্য করে প্রধানমন্ত্রী বলেন প্রথমবারের ভোটাররা ভারতীয় গণতন্ত্রকে আরও শক্তিশালী করে তুলতে পারেন।
অমৃতকালের ২৫ বছর যুব সমাজের কাছে দায়িত্ব পালনের সময়- একথা মনে করিয়ে প্রধানমন্ত্রী বলেন, তরুণ প্রজন্ম কর্মদ্যোগী হলে এগিয়ে চলবে সমাজ ও দেশ। স্থানীয় ও দেশজ পণ্যের প্রসার, মাদকের বিরুদ্ধে প্রতিরোধ, মহিলাদের পক্ষে অবমাননাকর উক্তির প্রতিবাদে যুব সমাজকে সক্রিয় থাকতে হবে বলে প্রধানমন্ত্রী মন্তব্য করেন।
দেশের যুবারা সর্বশক্তি দিয়ে নিজেদের দায়িত্ব পালন করবেন বলে প্রধানমন্ত্রী প্রত্যয়ী। ভাষণের শেষে তিনি বলেন, প্রাণচঞ্চল তরুণ প্রজন্ম যে আলোকবর্তিকার সন্ধান দেবেন তা হয়ে উঠবে অনির্বাণ। অনুষ্ঠানে উপস্থিত ছিলেন মহারাষ্ট্রের মুখ্যমন্ত্রী শ্রী একনাথ শিন্ডে, উপমুখ্যমন্ত্রী শ্রী দেবেন্দ্র ফড়নবীশ ও শ্রী অজিত পাওয়ার, কেন্দ্রীয় ক্রীড়া ও যুব বিষয়ক মন্ত্রী শ্রী অনুরাগ সিং ঠাকুর, ওই দফতরের প্রতিমন্ত্রী শ্রী নিশীথ প্রামানিক প্রমুখ।
आज मुझे कालाराम मंदिर में दर्शन करने का, मंदिर परिसर में सफाई करने का सौभाग्य मिला है।
मैं देशवासियों से फिर अपना आग्रह दोहराउंगा कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर के निमित्त, देश के सभी मंदिरों में स्वच्छता अभियान चलाएं, अपना श्रमदान करें: PM @narendramodipic.twitter.com/B6ItrbRLsT
10 वर्षों में हमने पूरा प्रयास किया है कि युवाओं को खुला आसमान दें, युवाओं के सामने आने वाली हर रुकावट को दूर करें: PM @narendramodipic.twitter.com/HUJM5qE0Cg
असम के गवर्नर लक्ष्मण प्रसाद आचार्य जी, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा जी, केंद्र में मेरे सहयोगी और यहीं के आपके प्रतिनिधि, असम के पूर्व मुख्यमंत्री, सर्बानंद सोनोवाल जी, असम सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक, अन्य महानुभाव, और विशाल संख्या में आए हुए, हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए हुए, मेरे सभी भाइयों और बहनों, जितने लोग पंडाल में हैं, उससे ज्यादा मुझे वहां बाहर दिखते हैं।
सौलुंग सुकाफा और महावीर लसित बोरफुकन जैसे वीरों की ये धरती, भीमबर देउरी, शहीद कुसल कुवर, मोरान राजा बोडौसा, मालती मेम, इंदिरा मिरी, स्वर्गदेव सर्वानंद सिंह और वीरांगना सती साध`नी की ये भूमि, मैं उजनी असम की इस महान मिट्टी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ।
साथियों,
मैं देख रहा हूँ, सामने दूर-दूर तक आप सब इतनी बड़ी संख्या में अपना उत्साह, अपना उमंग, अपना स्नेह बरसा रहे हैं। और खासकर, मेरी माताएँ बहनें, इतनी विशाल संख्या में आप जो प्यार और आशीर्वाद लेकर आईं हैं, ये हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, सबसे बड़ी ऊर्जा है, एक अद्भुत अनुभूति है। मेरी बहुत सी बहनें असम के चाय बगानों की खुशबू लेकर यहां उपस्थित हैं। चाय की ये खुशबू मेरे और असम के रिश्तों में एक अलग ही ऐहसास पैदा करती है। मैं आप सभी को प्रणाम करता हूँ। इस स्नेह और प्यार के लिए मैं हृदय से आप सबका आभार करता हूँ।
साथियों,
आज असम और पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए बहुत बड़ा दिन है। नामरूप और डिब्रुगढ़ को लंबे समय से जिसका इंतज़ार था, वो सपना भी आज पूरा हो रहा है, आज इस पूरे इलाके में औद्योगिक प्रगति का नया अध्याय शुरू हो रहा है। अभी थोड़ी देर पहले मैंने यहां अमोनिया–यूरिया फर्टिलाइज़र प्लांट का भूमि पूजन किया है। डिब्रुगढ़ आने से पहले गुवाहाटी में एयरपोर्ट के एक टर्मिनल का उद्घाटन भी हुआ है। आज हर कोई कह रहा है, असम विकास की एक नई रफ्तार पकड़ चुका है। मैं आपको बताना चाहता हूँ, अभी आप जो देख रहे हैं, जो अनुभव कर रहे हैं, ये तो एक शुरुआत है। हमें तो असम को बहुत आगे लेकर के जाना है, आप सबको साथ लेकर के आगे बढ़ना है। असम की जो ताकत और असम की भूमिका ओहोम साम्राज्य के दौर में थी, विकसित भारत में असम वैसी ही ताकतवर भूमि बनाएंगे। नए उद्योगों की शुरुआत, आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, Semiconductors, उसकी manufacturing, कृषि के क्षेत्र में नए अवसर, टी-गार्डेन्स और उनके वर्कर्स की उन्नति, पर्यटन में बढ़ती संभावनाएं, असम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मैं आप सभी को और देश के सभी किसान भाई-बहनों को इस आधुनिक फर्टिलाइज़र प्लांट के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। मैं आपको गुवाहटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के लिए भी बधाई देता हूँ। बीजेपी की डबल इंजन सरकार में, उद्योग और कनेक्टिविटी की ये जुगलबंदी, असम के सपनों को पूरा कर रही है, और साथ ही हमारे युवाओं को नए सपने देखने का हौसला भी दे रही है।
साथियों,
विकसित भारत के निर्माण में देश के किसानों की, यहां के अन्नदाताओं की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए हमारी सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए दिन-रात काम कर रही है। यहां आप सभी को किसान हितैषी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। कृषि कल्याण की योजनाओं के बीच, ये भी जरूरी है कि हमारे किसानों को खाद की निरंतर सप्लाई मिलती रहे। आने वाले समय में ये यूरिया कारख़ाना यह सुनिश्चित करेगा। इस फर्टिलाइज़र प्रोजेक्ट पर करीब 11 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यहां हर साल 12 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद बनेगी। जब उत्पादन यहीं होगा, तो सप्लाई तेज होगी। लॉजिस्टिक खर्च घटेगा।
साथियों,
नामरूप की ये यूनिट रोजगार-स्वरोजगार के हजारों नए अवसर भी बनाएगी। प्लांट के शुरू होते ही अनेकों लोगों को यहीं पर स्थायी नौकरी भी मिलेगी। इसके अलावा जो काम प्लांट के साथ जुड़ा होता है, मरम्मत हो, सप्लाई हो, कंस्ट्रक्शन का बहुत बड़ी मात्रा में काम होगा, यानी अनेक काम होते हैं, इन सबमें भी यहां के स्थानीय लोगों को और खासकर के मेरे नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
लेकिन भाइयों बहनों,
आप सोचिए, किसानों के कल्याण के लिए काम बीजेपी सरकार आने के बाद ही क्यों हो रहा है? हमारा नामरूप तो दशकों से खाद उत्पादन का केंद्र था। एक समय था, जब यहां बनी खाद से नॉर्थ ईस्ट के खेतों को ताकत मिलती थी। किसानों की फसलों को सहारा मिलता था। जब देश के कई हिस्सों में खाद की आपूर्ति चुनौती बनी, तब भी नामरूप किसानों के लिए उम्मीद बना रहा। लेकिन, पुराने कारखानों की टेक्नालजी समय के साथ पुरानी होती गई, और काँग्रेस की सरकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा ये हुआ कि, नामरूप प्लांट की कई यूनिट्स इसी वजह से बंद होती गईं। पूरे नॉर्थ ईस्ट के किसान परेशान होते रहे, देश के किसानों को भी तकलीफ हुई, उनकी आमदनी पर चोट पड़ती रही, खेती में तकलीफ़ें बढ़ती गईं, लेकिन, काँग्रेस वालों ने इस समस्या का कोई हल ही नहीं निकाला, वो अपनी मस्ती में ही रहे। आज हमारी डबल इंजन सरकार, काँग्रेस द्वारा पैदा की गई उन समस्याओं का समाधान भी कर रही है।
साथियों,
असम की तरह ही, देश के दूसरे राज्यों में भी खाद की कितनी ही फ़ैक्टरियां बंद हो गईं थीं। आप याद करिए, तब किसानों के क्या हालात थे? यूरिया के लिए किसानों को लाइनों में लगना पड़ता था। यूरिया की दुकानों पर पुलिस लगानी पड़ती थी। पुलिस किसानों पर लाठी बरसाती थी।
भाइयों बहनों,
काँग्रेस ने जिन हालातों को बिगाड़ा था, हमारी सरकार उन्हें सुधारने के लिए एडी-चोटी की ताकत लगा रही है। और इन्होंने इतना बुरा किया,इतना बुरा किया कि, 11 साल से मेहनत करने के बाद भी, अभी मुझे और बहुत कुछ करना बाकी है। काँग्रेस के दौर में फर्टिलाइज़र्स फ़ैक्टरियां बंद होती थीं। जबकि हमारी सरकार ने गोरखपुर, सिंदरी, बरौनी, रामागुंडम जैसे अनेक प्लांट्स शुरू किए हैं। इस क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आज इसी का नतीजा है, हम यूरिया के क्षेत्र में आने वाले कुछ समय में आत्मनिर्भर हो सके, उस दिशा में मजबूती से कदम रख रहे हैं।
साथियों,
2014 में देश में सिर्फ 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का ही उत्पादन होता था। आपको आंकड़ा याद रहेगा? आंकड़ा याद रहेगा? मैं आपने मुझे काम दिया 10-11 साल पहले, तब उत्पादन होता था 225 लाख मीट्रिक टन। ये आंकड़ा याद रखिए। पिछले 10-11 साल की मेहनत में हमने उत्पादन बढ़ाकर के करीब 306 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। लेकिन हमें यहां रूकना नहीं है, क्योंकि अभी भी बहुत करने की जरूरत है। जो काम उनको उस समय करना था, नहीं किया, और इसलिए मुझे थोड़ा एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ रही है। और अभी हमें हर साल करीब 380 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत पड़ती है। हम 306 पर पहुंचे हैं, 70-80 और करना है। लेकिन मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं, हम जिस प्रकार से मेहनत कर रहे हैं, जिस प्रकार से योजना बना रहे हैं और जिस प्रकार से मेरे किसान भाई-बहन हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, हम हो सके उतना जल्दी इस गैप को भरने में कोई कमी नहीं रखेंगे।
और भाइयों और बहनों,
मैं आपको एक और बात बताना चाहता हूं, आपके हितों को लेकर हमारी सरकार बहुत ज्यादा संवेदनशील है। जो यूरिया हमें महंगे दामों पर विदेशों से मंगाना पड़ता है, हम उसकी भी चोट अपने किसानों पर नहीं पड़ने देते। बीजेपी सरकार सब्सिडी देकर वो भार सरकार खुद उठाती है। भारत के किसानों को सिर्फ 300 रुपए में यूरिया की बोरी मिलती है, उस एक बोरी के बदले भारत सरकार को दूसरे देशों को, जहां से हम बोरी लाते हैं, करीब-करीब 3 हजार रुपए देने पड़ते हैं। अब आप सोचिए, हम लाते हैं 3000 में, और देते हैं 300 में। यह सारा बोझ देश के किसानों पर हम नहीं पड़ने देते। ये सारा बोझ सरकार खुद भरती है। ताकि मेरे देश के किसान भाई बहनों पर बोझ ना आए। लेकिन मैं किसान भाई बहनों को भी कहूंगा, कि आपको भी मेरी मदद करनी होगी और वह मेरी मदद है इतना ही नहीं, मेरे किसान भाई-बहन आपकी भी मदद है, और वो है यह धरती माता को बचाना। हम धरती माता को अगर नहीं बचाएंगे तो यूरिया की कितने ही थैले डाल दें, यह धरती मां हमें कुछ नहीं देगी और इसलिए जैसे शरीर में बीमारी हो जाए, तो दवाई भी हिसाब से लेनी पड़ती है, दो गोली की जरूरत है, चार गोली खा लें, तो शरीर को फायदा नहीं नुकसान हो जाता है। वैसा ही इस धरती मां को भी अगर हम जरूरत से ज्यादा पड़ोस वाला ज्यादा बोरी डालता है, इसलिए मैं भी बोरी डाल दूं। इस प्रकार से अगर करते रहेंगे तो यह धरती मां हमसे रूठ जाएगी। यूरिया खिला खिलाकर के हमें धरती माता को मारने का कोई हक नहीं है। यह हमारी मां है, हमें उस मां को भी बचाना है।
साथियों,
आज बीज से बाजार तक भाजपा सरकार किसानों के साथ खड़ी है। खेत के काम के लिए सीधे खाते में पैसे पहुंचाए जा रहे हैं, ताकि किसान को उधार के लिए भटकना न पड़े। अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 4 लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में भेजे गए हैं। आंकड़ा याद रहेगा? भूल जाएंगे? 4 लाख करोड़ रूपया मेरे देश के किसानों के खाते में सीधे जमा किए हैं। इसी साल, किसानों की मदद के लिए 35 हजार करोड़ रुपए की दो योजनाएं नई योजनाएं शुरू की हैं 35 हजार करोड़। पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, इससे खेती को बढ़ावा मिलेगा।
साथियों,
हम किसानों की हर जरूरत को ध्यान रखते हुए काम कर रहे हैं। खराब मौसम की वजह से फसल नुकसान होने पर किसान को फसल बीमा योजना का सहारा मिल रहा है। फसल का सही दाम मिले, इसके लिए खरीद की व्यवस्था सुधारी गई है। हमारी सरकार का साफ मानना है कि देश तभी आगे बढ़ेगा, जब मेरा किसान मजबूत होगा। और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
साथियों,
केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद हमने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से पशुपालकों और मछलीपालकों को भी जोड़ दिया था। किसान क्रेडिट कार्ड, KCC, ये KCC की सुविधा मिलने के बाद हमारे पशुपालक, हमारे मछली पालन करने वाले इन सबको खूब लाभ उठा रहा है। KCC से इस साल किसानों को, ये आंकड़ा भी याद रखो, KCC से इस साल किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी गई है। 10 लाख करोड़ रुपया। बायो-फर्टिलाइजर पर GST कम होने से भी किसानों को बहुत फायदा हुआ है। भाजपा सरकार भारत के किसानों को नैचुरल फार्मिंग के लिए भी बहुत प्रोत्साहन दे रही है। और मैं तो चाहूंगा असम के अंदर कुछ तहसील ऐसे आने चाहिए आगे, जो शत प्रतिशत नेचुरल फार्मिंग करते हैं। आप देखिए हिंदुस्तान को असम दिशा दिखा सकता है। असम का किसान देश को दिशा दिखा सकता है। हमने National Mission On Natural Farming शुरू की, आज लाखों किसान इससे जुड़ चुके हैं। बीते कुछ सालों में देश में 10 हजार किसान उत्पाद संघ- FPO’s बने हैं। नॉर्थ ईस्ट को विशेष ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने खाद्य तेलों- पाम ऑयल से जुड़ा मिशन भी शुरू किया। ये मिशन भारत को खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर तो बनाएगा ही, यहां के किसानों की आय भी बढ़ाएगा।
साथियों,
यहां इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में हमारे टी-गार्डन वर्कर्स भी हैं। ये भाजपा की ही सरकार है जिसने असम के साढ़े सात लाख टी-गार्डन वर्कर्स के जनधन बैंक खाते खुलवाए। अब बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ने की वजह से इन वर्कर्स के बैंक खातों में सीधे पैसे भेजे जाने की सुविधा मिली है। हमारी सरकार टी-गार्डन वाले क्षेत्रों में स्कूल, रोड, बिजली, पानी, अस्पताल की सुविधाएं बढ़ा रही है।
साथियों,
हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। हमारा ये विजन, देश के गरीब वर्ग के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। पिछले 11 वर्षों में हमारे प्रयासों से, योजनाओं से, योजनाओं को धरती पर उतारने के कारण 25 करोड़ लोग, ये आंकड़ा भी याद रखना, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। देश में एक नियो मिडिल क्लास तैयार हुआ है। ये इसलिए हुआ है, क्योंकि बीते वर्षों में भारत के गरीब परिवारों के जीवन-स्तर में निरंतर सुधार हुआ है। कुछ ताजा आंकड़े आए हैं, जो भारत में हो रहे बदलावों के प्रतीक हैं।
साथियों,
और मैं मीडिया में ये सारी चीजें बहुत काम आती हैं, और इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं मैं जो बातें बताता हूं जरा याद रख के औरों को बताना।
साथियों,
पहले गांवों के सबसे गरीब परिवारों में, 10 परिवारों में से 1 के पास बाइक तक होती नहीं थी। 10 में से 1 के पास भी नहीं होती थी। अभी जो सर्वे आए हैं, अब गांव में रहने वाले करीब–करीब आधे परिवारों के पास बाइक या कार होती है। इतना ही नहीं मोबाइल फोन तो लगभग हर घर में पहुंच चुके हैं। फ्रिज जैसी चीज़ें, जो पहले “लग्ज़री” मानी जाती थीं, अब ये हमारे नियो मिडल क्लास के घरों में भी नजर आने लगी है। आज गांवों की रसोई में भी वो जगह बना चुका है। नए आंकड़े बता रहे हैं कि स्मार्टफोन के बावजूद, गांव में टीवी रखने का चलन भी बढ़ रहा है। ये बदलाव अपने आप नहीं हुआ। ये बदलाव इसलिए हुआ है क्योंकि आज देश का गरीब सशक्त हो रहा है, दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब तक भी विकास का लाभ पहुंचने लगा है।
साथियों,
भाजपा की डबल इंजन सरकार गरीबों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं की सरकार है। इसीलिए, हमारी सरकार असम और नॉर्थ ईस्ट में दशकों की हिंसा खत्म करने में जुटी है। हमारी सरकार ने हमेशा असम की पहचान और असम की संस्कृति को सर्वोपरि रखा है। भाजपा सरकार असमिया गौरव के प्रतीकों को हर मंच पर हाइलाइट करती है। इसलिए, हम गर्व से महावीर लसित बोरफुकन की 125 फीट की प्रतिमा बनाते हैं, हम असम के गौरव भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी का वर्ष मनाते हैं। हम असम की कला और शिल्प को, असम के गोमोशा को दुनिया में पहचान दिलाते हैं, अभी कुछ दिन पहले ही Russia के राष्ट्रपति श्रीमान पुतिन यहां आए थे, जब दिल्ली में आए, तो मैंने बड़े गर्व के साथ उनको असम की ब्लैक-टी गिफ्ट किया था। हम असम की मान-मर्यादा बढ़ाने वाले हर काम को प्राथमिकता देते हैं।
लेकिन भाइयों बहनों,
भाजपा जब ये काम करती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ काँग्रेस को होती है। आपको याद होगा, जब हमारी सरकार ने भूपेन दा को भारत रत्न दिया था, तो काँग्रेस ने खुलकर उसका विरोध किया था। काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि, मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहा है। मुझे बताइए, ये भूपेन दा का अपमान है कि नहीं है? कला संस्कृति का अपमान है कि नहीं है? असम का अपमान है कि नहीं है? ये कांग्रेस दिन रात करती है, अपमान करना। हमने असम में सेमीकंडक्टर यूनिट लगवाई, तो भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया। आप मत भूलिए, यही काँग्रेस सरकार थी, जिसने इतने दशकों तक टी कम्यूनिटी के भाई-बहनों को जमीन के अधिकार नहीं मिलने दिये! बीजेपी की सरकार ने उन्हें जमीन के अधिकार भी दिये और गरिमापूर्ण जीवन भी दिया। और मैं तो चाय वाला हूं, मैं नहीं करूंगा तो कौन करेगा? ये कांग्रेस अब भी देशविरोधी सोच को आगे बढ़ा रही है। ये लोग असम के जंगल जमीन पर उन बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाना चाहते हैं। जिनसे इनका वोट बैंक मजबूत होता है, आप बर्बाद हो जाए, उनको इनकी परवाह नहीं है, उनको अपनी वोट बैंक मजबूत करनी है।
भाइयों बहनों,
काँग्रेस को असम और असम के लोगों से, आप लोगों की पहचान से कोई लेना देना नहीं है। इनको केवल सत्ता,सरकार और फिर जो काम पहले करते थे, वो करने में इंटरेस्ट है। इसीलिए, इन्हें अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए ज्यादा अच्छे लगते हैं। अवैध घुसपैठियों को काँग्रेस ने ही बसाया, और काँग्रेस ही उन्हें बचा रही है। इसीलिए, काँग्रेस पार्टी वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण का विरोध कर रही है। तुष्टीकरण और वोटबैंक के इस काँग्रेसी जहर से हमें असम को बचाकर रखना है। मैं आज आपको एक गारंटी देता हूं, असम की पहचान, और असम के सम्मान की रक्षा के लिए भाजपा, बीजेपी फौलाद बनकर आपके साथ खड़ी है।
साथियों,
विकसित भारत के निर्माण में, आपके ये आशीर्वाद यही मेरी ताकत है। आपका ये प्यार यही मेरी पूंजी है। और इसीलिए पल-पल आपके लिए जीने का मुझे आनंद आता है। विकसित भारत के निर्माण में पूर्वी भारत की, हमारे नॉर्थ ईस्ट की भूमिका लगातार बढ़ रही है। मैंने पहले भी कहा है कि पूर्वी भारत, भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बनेगा। नामरूप की ये नई यूनिट इसी बदलाव की मिसाल है। यहां जो खाद बनेगी, वो सिर्फ असम के खेतों तक नहीं रुकेगी। ये बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगी। ये कोई छोटी बात नहीं है। ये देश की खाद जरूरत में नॉर्थ ईस्ट की भागीदारी है। नामरूप जैसे प्रोजेक्ट, ये दिखाते हैं कि, आने वाले समय में नॉर्थ ईस्ट, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। सच्चे अर्थ में अष्टलक्ष्मी बन के रहेगा। मैं एक बार फिर आप सभी को नए फर्टिलाइजर प्लांट की बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिए-
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
और इस वर्ष तो वंदे मातरम के 150 साल हमारे गौरवपूर्ण पल, आइए हम सब बोलें-