Published By : Admin | November 22, 2015 | 19:18 IST
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PM attends East Asia Summit in Kuala Lumpur, unveils Statue of Swami Vivekananda, addresses Indian Community
PM at East Asia Summit: The shadow of terrorism stretches across our societies and our world
East Asia Summit
The Prime Minister, Shri Narendra Modi, today attended the East Asia Summit in Kuala Lumpur. In his intervention at the Summit, he spoke of the global challenge of terrorism.
“The barbaric terrorist strikes in Paris, Ankara, Beirut, Mali and on the Russian aircraft is a stark reminder that its shadow stretches across our societies and our world, both in recruitment and choice of targets. We must build new global resolve and new strategies for combating terrorism, without balancing it against political considerations. No country should use or supports terrorism. There is no distinction between groups. There are no sanctuaries. There are no funds. There is no access to arms. But, we also have to work within our societies and with our youth. I welcome the commitment to delink religion from terrorism and the efforts to promote human values that define every faith,” the Prime Minister said.
“India and Bangladesh recently settled their maritime boundary using the mechanism of UNCLOS. India hopes that all parties to the disputes in the South China Sea will abide by the Declaration on the Conduct on South China Sea and the guidelines on the implementation. Parties must also redouble efforts for early adoption of a Code of Conduct on the basis of consensus,” the Prime Minister said.
Unveiling of Statue of Swami Vivekananda
The Prime Minister unveiled a statue of Swami Vivekananda at Ramakrishna Mission. Speaking on the occasion, he said Swami Vivekananda was not just an individual, but the very soul of the millennia-old Indian culture. He said that if we can imbibe the breadth of Indian culture, from the Upanishad to the Upagrah (satellite), we would have installed Vivekananda within us. He said that at a time when the world was torn between materialism and spirituality, Swami Vivekananda had taken the message of Indian spirituality to the west. He said that the ASEAN Summits that he had attended over the last two days, had an oft-repeated theme of “One Asia.” He said that this was an idea first propounded by Swami Vivekananda.
Address to Indian Community
The Prime Minister addressed the Malaysian-Indian Community. He said “India is not confined to its territory. India also exists in every Indian in every part of the world.”
“Independent India owes a debt of gratitude to Malaya-Indians. The glory of India's freedom struggle was written, in part, by the struggles and sacrifices of Malaya-Indians. Thousands of your forefathers came forward to join Netaji Subhas Chandra Bose and the Indian National Army. Women poured out in large numbers from the comfort of their homes to march shoulder to shoulder with Netaji Subhash Bose,” the Prime Minister said.
The Prime Minister paid homage to the Malay-Indians “who had laid down their lives so that a free India could rise.”
“70 years ago a tragic and deadly World War came to an end. I also pay homage to the countless Indian soldiers who lost their lives in the battle fields of Malaysia. A majority of those who laid down their lives were Sikhs. Their blood is permanently mixed with the soil of Malaysia. It was a war that mattered for both our countries. And, their blood in the Malaysian soil now forms a bond between our two countries that can never be erased,” the Prime Minister said.
“Terrorism is the biggest threat to the world today. It knows no boundary. It uses the name of religion to draw people to its cause. But, it is false. And, it kills people of all faith. We have to delink religion from terror. The only distinction is between those who believe in humanity and those who do not. I have said it before and I will say it here. The world must come together to combat the biggest challenge of our times,” the Prime Minister said.
“In Malaysia an India-students Trust Fund was set up in 1954 to give financial assistance to Malaysian-Indian children who lacked the means for education. This Fund is still needed by a section of the Indian community in Malaysia. We are happy to announce a grant of about 1 million US dollars in additional funds to the corpus of the Trust Fund. Thousands of your children go to India to become doctors. While doctors are a critical need for our societies, I hope that you will take the opportunity to get education in other areas as well. Malaysia and India should immediately recognize the degrees conferred by both our countries. This is something I intend to take up with Prime Minister Najib,” Shri Narendra Modi said.
Text of PM’s address at dedication & foundation laying ceremony of various projects in Varanasi, Uttar Pradesh
March 24, 2023
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Lays foundation stone of the Passenger Ropeway from Varanasi Cantt station to Godowlia
Dedicates 19 drinking water schemes under the Jal Jeevan Mission
“Kashi defied the apprehensions of people and succeeded in transforming the city”
“Everyone has witnessed the transforming landscape of Ganga Ghats in the past 9 years”
“8 crore households in the country have received tapped water supply in the last 3 years”
“The government strives that every citizen contributes and none are left behind during the development journey of India in the Amrit Kaal”
“Uttar Pradesh is adding new dimensions to every sector of development in the state”
“Uttar Pradesh has emerged from the shadows of disappointment and now treading the path of its aspirations and expectations”
हर-हर महादेव!
आप सब लोगन के हमार प्रणाम बा..
यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगीगण, राज्य सरकार के मंत्रिगण, विधायकगण, अन्य महानुभाव और मेरी काशी के मेरे प्रिय भाइयों और बहनों!
नवरात्र का पुण्य समय है, आज मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन है। ये मेरा सौभाग्य है कि इस पावन अवसर पर आज मैं काशी की धरती पर आप सबके बीच हूं। मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद से आज बनारस की सुख-समृद्धि में एक और अध्याय जुड़ रहा है। आज यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे का शिलान्यास किया गया है। बनारस के चौतरफा विकास से जुड़े सैकड़ों करोड़ रुपए के दूसरे प्रोजेक्ट्स का भी लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। इनमें पीने के पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, गंगा जी की साफ-सफाई, बाढ़ नियंत्रण, पुलिस सुविधा, खेल सुविधा, ऐसे अनेक प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। आज यहां IIT BHU में ‘Centre of Excellence on Machine Tools Design का शिलान्यास भी हुआ है। यानि बनारस को एक और विश्वस्तरीय संस्थान मिलने जा रहा है। इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए बनारस के लोगों को, पूर्वांचल के लोगों को बहुत-बहुत बधाई।
भाइयों और बहनों,
काशी के विकास की चर्चा आज पूरे देश और दुनिया में हो रही है। जो भी काशी आ रहा है, वो यहां से नई ऊर्जा लेकर जा रहा है। आप याद कीजिए, 8-9 वर्ष पहले जब काशी के लोगों ने अपने शहर के कायाकल्प का संकल्प लिया था, तो बहुत लोग ऐसे थे, जिनको आशंकाएं थीं। कई लोगों को लगता था कि बनारस में कुछ बदलाव नहीं हो पाएगा, काशी के लोग सफल नहीं हो पाएंगे। लेकिन काशी के लोगों ने, आप सबने आज अपनी मेहनत से हर आशंका को गलत साबित कर दिया है।
साथियों,
आज काशी में पुरातन और नूतन दोनों स्वरूपों के दर्शन एक साथ हो रहे हैं। मुझे देश-विदेश में मिलने वाले लोग बताते हैं कि वो किस तरह विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण से मंत्रमुग्ध हैं। लोग गंगा घाट पर हुए काम से प्रभावित हैं। हाल ही में जब दुनिया का सबसे लंबा रिवरक्रूज हमारी काशी से चला, उसकी भी बहुत चर्चा हुई है। एक समय था, जब गंगा जी में इसके बारे में सोचना भी असंभव था। लेकिन बनारस के लोगों ने ये भी करके दिखाया। आप लोगों के इन्हीं प्रयासों की वजह से एक साल के भीतर 7 करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए। और आप मुझे बताइए, ये जो 7 करोड़ लोग यहां आ रहे हैं, वो बनारस में ही तो ठहर रहे हैं, वो कभी पूड़ी कचौड़ी खा रहे हैं, कभी जलेबी-लौंगलता का आनंद ले रहे हैं, वो कभी लस्सी का पान कर रहे हैं तो कभी ठंडई का मजा लिया जा रहा है। और अपना बनारसी पान, यहां के लकड़ी के खिलौने, ये बनारसी साड़ी, कालीन का काम, इन सबके लिए हर महीने 50 लाख से ज्यादा लोग बनारस आ रहे हैं। महादेव के आशीर्वाद से ये बहुत बड़ा काम हुआ है। बनारस आने वाले ये लोग अपने साथ बनारस के हर परिवार के लिए आय के साधन ला रहे हैं। यहां आने वाले पर्यटक रोज़गार के, स्वरोज़गार के नए अवसर बना रहे हैं।
साथियों,
8-9 वर्षों के विकास कार्यों के बाद, जिस तेजी से बनारस का विकास हो रहा है, अब उसे नई गति देने का भी समय आ गया है। आज यहां टूरिज्म से जुड़े, शहर के सुंदरीकरण से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। रोड हो, पुल हो, रेल हो, एयरपोर्ट हो, कनेक्टिविटी के तमाम नए साधनों ने काशी आना-जाना बहुत आसान कर दिया है। लेकिन अब हमें एक कदम और आगे बढ़ना है। अब जो ये रोप वे यहां बन रहा है, इससे काशी की सुविधा और काशी का आकर्षण दोनों बढ़ेगा। रोप वे बनने के बाद, बनारस कैंट रेलवे स्टेशन और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बीच की दूरी बस कुछ मिनटों की रह जाएगी। इससे बनारस के लोगों की सुविधा और बढ़ जाएगी। इससे कैंट स्टेशन से गौदोलिया के बीच ट्रैफिक जाम की समस्या भी बहुत कम हो जाएगी।
साथियों,
वाराणसी में आस-पास के शहरों से, दूसरे राज्यों से लोग अलग-अलग काम से भी आते हैं। वर्षों से वो वाराणसी के किसी एक इलाके में आते हैं, काम खत्म करके रेलवे या बस स्टैंड चले जाते हैं। उनका मन होता है बनारस घूमने का। लेकिन सोचते हैं, इतना जाम है, कौन जाएगा? वो बचा हुआ समय स्टेशन पर ही बिताना पसंद करते हैं। इस रोप-वे से ऐसे लोगों को भी बहुत फायदा होगा।
भाइयों और बहनों,
ये रोप-वे प्रोजेक्ट सिर्फ आवाजाही का प्रोजेक्ट भर नहीं है। कैंट रेलवे स्टेशन के ऊपर ही रोप-वे का स्टेशन बनेगा, ताकि आप लोग इसका सीधे लाभ ले सकें। ऑटोमैटिक सीढ़ियां, लिफ्ट, व्हील चेयररैंप, रेस्टरूम और पार्किंग जैसी सुविधाएं भी वहीं उपलब्ध हो जाएगी। रोप वे स्टेशनों में खाने-पीने की सुविधा, खरीदारी की सुविधा भी होगी। ये काशी में बिजनेस और रोजगार के एक और सेंटर के रूप में विकसित होंगे।
साथियों,
आज बनारस की एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में भी बड़ा काम हुआ है। बाबतपुर हवाई अड्डे में आज नए एटीसी टावर का लोकार्पण हुआ है। अभी तक यहां देश-दुनिया से आने वाले 50 से अधिक विमानों को हैंडल किया जाता है। नया एटीसी टावर बनने से ये क्षमता बढ़ जाएगी। इससे भविष्य में एयरपोर्ट का विस्तार करना आसान होगा।
भाइयों और बहनों,
काशी में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जो काम हो रहे हैं, उनसे भी सुविधाएं बढ़ेंगी और आने-जाने के साधन बेहतर हो जाएंगे। काशी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की छोटी-छोटी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही फ्लोटिंगजेट्टी का निर्माण किया जा रहा है। नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा किनारे के शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट का एक बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार हुआ है। पिछले 8-9 वर्षों में आप गंगा के बदले हुए घाटों के साक्षी बने हैं। अब गंगा के दोनों तरफ पर्यावरण से जुड़ा बड़ा अभियान शुरू होने वाला है। सरकार का प्रयास है कि गंगा के दोनों तरफ 5 किलोमीटर के हिस्से में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए इस वर्ष के बजट में भी ऐलान किए गए हैं। चाहे खाद हो या फिर प्राकृतिक खेती से जुड़ी दूसरी मदद इसके लिए नए केंद्र बनाए जा रहे हैं।
साथियों,
मुझे ये भी खुशी है कि बनारस के साथ पूरा पूर्वी उत्तर प्रदेश, कृषि और कृषि निर्यात का एक बड़ा सेंटर बन रहा है। आज वाराणसी में फल-सब्जियों की प्रोसेसिंग से लेकर भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी कई आधुनिक सुविधाएं तैयार हुई हैं। आज बनारस का लंगड़ा आम, गाज़ीपुर की भिंडी और हरी मिर्च, जौनपुर की मूली और खरबूजे, विदेश के बाजारों तक पहुंचने लगे हैं। इन छोटे शहरों में उगाई गईं फल-सब्जियां लंदन और दुबई के बाज़ारों तक पहुंच रही हैं। और हम सब जानते हैं, जितना ज्यादा एक्सपोर्ट होता है, उतना ही अधिक पैसा किसान तक पहुंचता है। अब करखियांव फूडपार्क में जो इंटिग्रेटेड पैकहाउस बना है, उससे किसानों-बागबानों को बहुत मदद मिलने जा रही है। आज यहां पुलिस फोर्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स का भी लोकार्पण हुआ है। मुझे विश्वास है कि इससे पुलिसबल का आत्मविश्वास बढ़ेगा, कानून-व्यवस्था और बेहतर होगी।
साथियों,
विकास का जो रास्ता हमने चुना है, उसमें सुविधा भी है और संवेदना भी है। इस क्षेत्र में एक चुनौती पीने के पानी की रही है। आज यहां पीने के पानी से जुड़ी अनेक परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है और नई परियोजनाओं पर काम भी शुरु हुआ है। गरीब की परेशानी कम करने के लिए ही हमारी सरकार हर घर नल से जल अभियान चला रही है। बीते तीन साल में देश-भर के 8 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचना शुरू हुआ है। यहां काशी और आस-पास के गांवों में भी हजारों लोगों को इसका लाभ मिला है। उज्ज्वला योजना का भी बहुत लाभ बनारस के लोगों को हुआ है। सेवापुरी में नया बॉटलिंग प्लांट इस योजना के लाभार्थियों की भी मदद करेगा। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में गैस सिलेंडर की आपूर्ति सुगम होगी।
साथियों,
आज केंद्र में जो सरकार है, यहां यूपी में जो सरकार है, वो गरीब की चिंता करने वाली सरकार है, गरीब की सेवा करने वाली सरकार है। और आप लोग भले प्रधानमंत्री बोलें, सरकार बोलें, लेकिन मोदी तो खुद को आपका सेवक ही मानता है। इसी सेवाभाव से मैं काशी की, देश की, यूपी की सेवा कर रहा हूं। थोड़ी देर पहले मेरी सरकार की अनेक योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत हुई है। किसी को आंखों की रोशनी मिली, तो किसी को सरकारी मदद से अपनी रोज़ी-रोटी कमाने में मदद मिली। स्वस्थ दृष्टि, समृद्ध काशी अभियान और अभी मैं एक सज्जन से मिला तो वो कह रहे थे- साहब स्वस्थ दृष्टि, दूरदृष्टि करीब एक हजार लोगों का मोतियाबिंद का मुफ्त इलाज हुआ है। मुझे संतोष है कि आज बनारस के हजारों लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। आप याद कीजिए, 2014 से पहले के वो दिन जब बैंकों में खाता खोलने में भी पसीने छूट जाते थे। बैंकों से ऋण लेना, इसके बारे में तो सामान्य परिवार सोच भी नहीं सकता था। आज गरीब से गरीब के परिवार के पास भी जनधन बैंक खाता है। उसके हक का पैसा, सरकारी मदद, आज सीधे उसके बैंक खाते में आता है। आज छोटा किसान हो, छोटा व्यवसायी हो, हमारी बहनों के स्वयं सहायता समूह हों, सबको मुद्रा जैसी योजनाओं के तहत आसानी से ऋण मिलते हैं। हमने पशुपालकों और मछली पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा है। रेहड़ी, पटरी, फुटपाथ पर काम करने वाले हमारे साथियों को भी पहली बार पीएम स्वनिधि योजना से बैंकों से ऋण मिलना शुरु हुआ है। इस वर्ष के बजट में विश्वकर्मा साथियों की मदद के लिए भी पीएम विश्वकर्मा योजना लेकर आए हैं। प्रयास यही है कि अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण में हर भारतीय का योगदान हो, कोई भी पीछे ना छूटे।
भाइयों और बहनों,
अब से कुछ देर पहले मेरी खेलो बनारस प्रतियोगिता के विजेताओं से भी बात हुई है। इसमें एक लाख से अधिक युवाओं ने अलग-अलग खेलों में हिस्सा लिया। सिर्फ ये अपने बनारस संसदीय क्षेत्र में मैं सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बनारस के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा खेलने का मौका मिले, इसके लिए यहां पर नई सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं। पिछले वर्ष सिगरा स्टेडियम के पुनर्विकास का फेज़-1 शुरु हुआ। आज फेज़-2 और फेज़-3 का भी शिलान्यास किया गया है। इससे यहां अब अलग-अलग खेलों की, हॉस्टल की आधुनिक सुविधाएं विकसित होंगी। अब तो वाराणसी में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी बनने जा रहा है। जब ये स्टेडियम बनकर तैयार होगा, तो एक और आकर्षण काशी में भी जुड़ जाएगा।
भाइयों और बहनों,
आज यूपी, विकास के हर क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। कल यानि 25 मार्च को योगी जी की दूसरी पारी का एक वर्ष पूरा हो रहा है। दो-तीन दिन पहले योगी जी ने लगातार सबसे ज्यादा समय तक यूपी के मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड भी बनाया है। निराशा की पुरानी छवि से बाहर निकलकर, यूपी, आशा और आकांक्षा की नई दिशा में बढ़ चला है। सुरक्षा और सुविधा जहां बढ़ती है, वहां समृद्धि आना तय है। यही आज उत्तर प्रदेश में होता हुआ दिख रहा है। आज जो ये नए प्रोजेक्ट्स यहां जमीन पर उतरे हैं, ये भी समृद्धि के रास्ते को सशक्त करते हैं। एक बार फिर आप सभी को विकास के अनेक कामों के लिए बहुत-बहुत बधाई। बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हर-हर महादेव !