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प्रधानमंत्री ने कुआलालंपुर में पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया और भारतीय समुदाय को संबोधित किया 
पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री: आतंकवाद का दुष्प्रभाव हमारे समाज और पूरे विश्वभर में फैला हुआ है

ईस्ट एशिया समिट

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज कुआलालंपुर में ईस्ट एशिया समिट में भाग लिया। समिट में अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद की वैश्विक चुनौतियों पर बात की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पेरिस, अंकारा, बेरुत, माली और रूसी विमान पर हुए जघन्य आतंकवादी हमले बताते हैं कि इसका प्रभाव हमारे समाज और हमारे विश्व में फैला हुआ है, रिक्रूटमेंट और लक्ष्य के मामले में। हमें आतंकवाद से लड़ने के लिए नए वैश्विक समाधान और नई रणनीतियां विकसित करनी चाहिए, जिसमें किसी भी तरह से राजनीतिक विचारों का संतुलन नहीं होना चाहिए। किसी भी देश को आतंकवाद का इस्तेमाल या समर्थन नहीं करना चाहिए। समूहों में कोई भी भेदभाव नहीं होना चाहिए। इनके लिए कोई शरणगाह नहीं हो। कोई फंड नहीं होना चाहिए। हथियारों की पहुंच नहीं होनी चाहिए। हालांकि हमें अपने समाज और अपने युवाओं के साथ भी काम करना है। मैं धर्म को आतंकवाद से अलग करने की प्रतिबद्धता और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के प्रयासों का स्वागत करता हूं, जो हर आस्था की व्याख्या करते हों।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत और बांग्लादेश ने हाल में यूएनसीएलओएस के मैकेनिज्म का इस्तेमाल करते हुए अपनी समुद्री सीमाओं को तय कर लिया। भारत को उम्मीद है कि साउथ चाइना में विवादों से जुड़े सभी पक्ष कंडक्ट ऑन साउथ चाइना पर हुईं डेक्लेरेशन को मानने व उनके कार्यान्वयन के लिए बाध्य होंगे। सभी पक्षों को आम सहमति के आधार पर कोड ऑफ कंडक्ट को जल्द से जल्द अपनाने के प्रयास भी तेज करने चाहिए।’ 

स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण

प्रधानमंत्री ने रामकृष्ण मिशन में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद महज एक व्यक्ति नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा थे। उन्होंने कहा कि यदि हम उपनिषद से लेकर उपग्रह तक भारतीय संस्कृति को महसूस करते हैं, तो इसका मतलब है कि हमने अपने भीतर विवेकानंद को स्थापित कर लिया है। उन्होंने कहा कि एक समय जब दुनिया भौतिकवाद और आध्यात्मवाद के बीच संघर्ष कर रही थी, तो स्वामी विवेकानंद ने पश्चिम को भारतीय आध्यात्म का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि आसियान समिट्स जिसमें उन्होंने बीते दो दिनों के दौरान भाग लिया, ने ‘वन एशिया’ थीम की याद दिलाई है। उन्होंने कहा कि यह वह विचार है, जिसे स्वामी विवेकानंद ने आगे बढ़ाया था

भारतीय समुदाय को संबोधन

प्रधानमंत्री ने मलेशियाई-भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘भारत अपने क्षेत्र तक सीमित नहीं है। भारत दुनिया के हर हिस्से में रहने वाले भारतीय में बसता है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्वतंत्र भारत मलय-भारतीयों का खासा ऋणी है। भारत के स्वाधीनता संग्राम का इतिहास मलय-भारतीयों के संघर्ष और बलिदान से लिखा गया था। हमारे हजारों पूर्वज नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से जुड़ने के लिए आगे आए थे। नेताजी सुभाष बोस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के लिए महिलाएं भी बड़ी संख्या में घरों से निकल आई थीं।’

प्रधानमंत्री ने उन मलय-भारतीयों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने ‘भारत की आजादी के लिए अपनी जिंदगी का बलिदान दिया।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ’70 साल पहले एक दुखद और भयानक विश्व युद्ध का अंत हुआ। मैं उन भारतीयों को भी श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने मलेशिया के युद्ध के मैदानों में अपनी जिंदगियां कुर्बान की। अपनी जान देने वालों में अधिकांश सिक्ख थे। उनका रक्त स्थायी तौर पर मलेशिया की मिट्टी में मिल गया है। इस युद्ध का दोनों देशों के लिए महत्व था। मलेशिया की मिट्टी में मिला उनका रक्त दोनों देशों के बीच जुड़ाव की वजह बन गया है, जिसे कभी खत्म नहीं किया जा सकता।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आतंकवाद आज दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। यह कोई सीमा नहीं जानता है। यह धर्म का नाम लेकर अपने स्वार्थ के लिए लोगों को अपनी ओर खींचता है। लेकिन यह झूठ है। यह लोगों के विश्वास की हत्या करता है। हमें धर्म से आतंकवाद को अलग करना है। उनके बीच सिर्फ यही अंतर है, जो मानवता में विश्वास करते हैं और जो विश्वास नहीं करते हैं। मैंने पहले ही भी कहा है और मैं इसे आगे भी कहता रहूंगा। दुनिया को अपने दौर की सबसे बड़ी चुनौती से लड़ने के लिए एक साथ आना चाहिए।’

श्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मलेशिया में उन मलेशियाई-भारतीय बच्चों की वित्तीय मदद के लिए 1954 में एक इंडिया स्टूडेंट्स ट्रस्ट फंड की स्थापना की गई थी, जो शिक्षा से वंचित हों। इस फंड की आज भी मलेशिया में रह रहे भारतीय समुदाय के एक तबके को जरूरत है। हमें इस ट्रस्ट फंड को 10 लाख डॉलर के अतिरिक्त अनुदान की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। आपके हजारों बच्चे डॉक्टर बनने के लिए भारत जा सकते हैं। डॉक्टर हमारे समाज की अहम जरूरत हैं, मुझे उम्मीद है कि आप दूसरे क्षेत्रों में शिक्षा प्राप्त करने के अवसर का इस्तेमाल करेंगे। मलेशिया और भारत को दोनों देशों द्वारा दी जाने वाली डिग्रियों को तत्काल प्रभाव से मान्यता देनी चाहिए। मैं इस बारे में प्रधानमंत्री नजीब से बात करूंगा।’

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PM expresses grief on the bus accident in Jammu and Kashmir
May 31, 2023
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Announces ex-gratia from PMNRF

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed grief over the loss of lives due to the bus accident in Jammu and Kashmir. Shri Modi has announced an ex-gratia from the Prime Minister's National Relief Fund (PMNRF) for the victims.

The Prime Minister's office tweeted;

"Expressing grief on the bus accident in Jammu and Kashmir, PM @narendramodi has announced an ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF for the next of kin of each deceased. The injured would be given Rs. 50,000."