Published By : Admin |
August 26, 2016 | 19:48 IST
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PM Modi announces setting up of special Task Force for upcoming three Olympic Games
Govt's Task Force for Olympics to prepare strategy for sports facility, training, selection procedure
The Prime Minister Shri Narendra Modi announced at the meeting of the Council of Minister’s today that Task Force will be set up to prepare a comprehensive action plan for effective participation of Indian sports persons in the next three Olympic games 2020, 2024 and 2028.
The Task Force will prepare overall strategy for sports facility, training, selection procedure and other related matters.
The Task Force will comprise of members who are in house experts as well as those from outside.
The Prime Minister said that the Task Force will be set up over the next few days.
We are working with a spirit of service for the welfare of all sections of society: PM Modi in Banswara, Rajasthan
September 25, 2025
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Our Government is turning the clean energy mission into a people's movement: PM
We are working with a spirit of service for the welfare of all sections of society: PM
It is our commitment to ensure that tribal communities live with dignity and self-respect: PM
मां त्रिपुर सुंदरी की जय, बेणेश्वर धाम की जय, मानगढ़ धाम की जय, आप सभी को जय गुरु! राम-राम! राज्यपाल श्रीमान हरिभाऊ बागडे जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी, पूर्व मुख्यमंत्री बहन वसुंधरा राजे जी, मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी प्रह्लाद जोशी जी, जोधपुर से हमारे साथ जुड़ रहे भाई गजेंद्र सिंह शेखावत जी, अश्विनी वैष्णव जी, बीकानेर से हमारे साथ जुड़ रहे श्रीमान अर्जुन राम मेघवाल जी, यहां उपस्थित उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा जी, दिया कुमारी जी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान मदन राठौड़ जी, राजस्थान सरकार के मंत्रिगण, अन्य सभी महानुभाव, भाइयों और बहनों,
आज नवरात्रि के चौथे दिन मुझे बांसवाड़ा में मां त्रिपुर सुंदरी की धरती पर आने का सौभाग्य मिला है। मुझे कांठल और वागड़ की गंगा मानी जाने वाली माही मां के भी दर्शन हुए। माही का पानी हमारे आदिवासी भाई-बहनों के संघर्ष और उनकी जीवटता का भी प्रतीक है। महानायक गोविंद गुरु जी के प्रेरणादायी नेतृत्व ने जो अलख जगाई, माही का पवित्र जल, उस महागाथा का साक्षी है। मैं मां त्रिपुर सुंदरी और मां माही को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।
साथियों,
साधना और शौर्य की इस धरती से मैं महाराणा प्रताप, राजा बांसिया भील उनको श्रद्धापूर्वक, उनका पुण्य स्मरण करता हूँ और उन्हें नमन करता हूं।
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साथियों,
नवरात्रि में हम शक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और आज यहां ऊर्जा शक्ति यानी बिजली उत्पादन से जुड़ा इतना बड़ा आयोजन हो रहा है। राजस्थान की धरती से आज बिजली क्षेत्र में भारत के सामर्थ्य का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। आज राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बिजली प्रोजेक्ट्स शुरू हुए हैं। 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स एक साथ शुरू होना, यह दिखाता है कि देश आज बिजली की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और इस रफ्तार में देश के सभी हिस्से शामिल हैं। हर राज्य को प्राथमिकता दी जा रही है। यहां राजस्थान में भी क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट और ट्रांसमिशन लाइन की आधारशिला रखी गयी है। बांसवाड़ा में राजस्थान एटोमिक पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ है। यहां सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी हुआ है यानी सोलर ऊर्जा से लेकर परमाणु ऊर्जा तक देश अपनी बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊँचाई तक लेकर जा रहा है।
साथियों,
आज तकनीक और उद्योगों के जमाने में विकास की गाड़ी बिजली से ही दौड़ती है। बिजली है, तो उजाला है! बिजली है, तो गति है! बिजली है, तो प्रगति है! बिजली है, तो दूरियां मिटती हैं! और बिजली है, तो दुनिया हमारे पास है।
लेकिन मेरे भाइयों और बहनों,
हमारे देश में कांग्रेस की सरकार ने बिजली के महत्व पर ध्यान ही नहीं दिया। जब 2014 में आपने मुझे सेवा का अवसर दिया और जब मैंने दायित्व संभाला, तो देश के ढाई करोड़ घर ऐसे थे, जहां बिजली का कनेक्शन नहीं था। आज़ादी के 70 साल बाद भी देश के 18 हजार गांवों में बिजली का खंभा तक नहीं लगा था। देश के बड़े-बड़े शहरों में घंटों-घंटों की बिजली कटौती होती थी। गांवों में तो 4-5 घंटे बिजली आ जाए तो बड़ी बात होती थी। और उस समय लोग चुटकुला सुनाते थे कि हमारे यहां बिजली जाती है, यह न्यूज नहीं है, लोग कहते थे कि बिजली आयी, वो न्यूज होता था। लोग एक-दूसरे को बधाई देते थे कि आज एक घंटा बिजली आयी थी, वो हाल थे और बिजली नहीं थी, तो फ़ैक्टरियां भी नहीं चल पाती थीं। नए उद्योग नहीं लग पाते थे। राजस्थान समेत पूरे देश में यही हालत थी।
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भाइयों-बहनों,
2014 में हमारी सरकार ने इन हालातों को बदलने का संकल्प लिया। हमने देश के हर गाँव तक बिजली पहुंचाई। हमने ढाई करोड़ घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया। और, जहां-जहां बिजली के तार पहुंचें, वहाँ बिजली भी पहुंची, वहाँ लोगों की जिंदगी आसान हुई, वहां नए-नए उद्योग पहुँचें।
साथियों,
21वीं सदी में जिस देश को तेज गति से विकास करना है, उसे अपने यहां बिजली उत्पादन बढ़ाना ही होगा। और इसमें भी सबसे सफल वही देश होंगे जो स्वच्छ ऊर्जा यानी क्लीन एनर्जी में आगे रहेंगे। इसलिए हमारी सरकार स्वच्छ ऊर्जा के अभियान को एक जन-आंदोलन बनाकर काम कर रही है। हमने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की। आज इस योजना के तहत शहरों और गांवों में छतों पर सोलर पैनल लग रहे हैं। हमारे किसानों को सस्ती बिजली मिले, इसके लिए पीएम-कुसुम योजना के तहत खेतों में भी सोलर पंप लगाए जा रहे हैं। आज इस दिशा में कई राज्यों में सोलर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन हुआ है। इन प्रोजेक्ट्स से लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यानी, घर में मुफ्त बिजली के लिए पीएम-सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और खेतों में मुफ्त बिजली के लिए पीएम-कुसुम योजना, अभी मैं कुछ देर पहले पीएम कुसुम योजना के कई मेरे किसान भाई-बहनों से, जो इनके लाभार्थी हैं, उनसे बात कर रहा था, मैं महाराष्ट्र के भी किसान भाई-बहनों से बात कर रहा था और वो अपने जो अनुभव बता रहे थे, वो बहुत ही उत्साहवर्धक थे, सौर ऊर्जा से मुफ्त बिजली, उनके लिए बहुत बड़ा वरदान साबित हो रहा है।
साथियों,
आज भारत विकसित होने के लिए तेज गति से काम कर रहा है और इसमें राजस्थान की भी बड़ी भूमिका है। आज यहां राजस्थान के लोगों के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की अन्य परियोजनाओं को भी शुरू किया गया है। पानी-बिजली-सेहत, इससे जुड़ी इन परियोजनाओं को उससे आप लोगों की सुविधाएं बढ़ेंगी। मैंने अभी वंदेभारत समेत तीन नई ट्रेनों को हरी झंडी भी दिखाई है। इस समय देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करने का भी बड़ा अभियान चल रहा है, उसी कड़ी में आज राजस्थान के 15 हज़ार युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र भी मिले हैं। मैं इन सभी युवाओं को जीवन की इस नई यात्रा की शुभकामनाएं देता हूं। मैं राजस्थान के लोगों को विकास की इन परियोजनाओं के लिए भी बधाई देता हूँ।
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साथियों
मुझे खुशी है कि आज राजस्थान की भाजपा सरकार, राज्य के विकास में पूरी ईमानदारी से जुटी है। कांग्रेस ने राजस्थान को लूटकर जो जख्म दिए, उसे भरने का काम हमारी सरकार कर रही है। कांग्रेस सरकार में राजस्थान पेपर-लीक का सेंटर बन गया था। जल जीवन मिशन को भी कांग्रेस ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया था। महिलाओं पर अत्याचार चरम पर था, बलात्कारियों को संरक्षण दिया जा रहा था। काँग्रेस राज में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ जैसे क्षेत्रों में अपराध और अवैध शराब का कारोबार खूब पनपा। लेकिन जब यहां आपने भाजपा को मौका दिया, तो हमने कानून व्यवस्था को मजबूत किया, योजनाओं में तेजी लाए। हम यहाँ बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स लगा रहे हैं। आज राजस्थान में हाइवेज, एक्सप्रेसवेज का नेटवर्क बिछाया जा रहा है। आज भाजपा सरकार राजस्थान को, दक्षिण राजस्थान को तेज विकास की राह पर आगे बढ़ा रही है।
साथियों,
आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म जयंती है। उन्होंने हमें अंत्योदय का सिद्धांत दिया था। अंत्योदय यानी, समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति का उत्थान! उनका ये विज़न आज हमारा मिशन बन चुका है। आज हम बहुत सेवा भाव से गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी, सभी के हित में काम कर रहे हैं। सबका साथ, सबका विकास, इसी मंत्र को लेकर के चल रहे हैं।
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साथियों,
कांग्रेस ने आदिवासी समाज को हमेशा नजर अंदाज किया, उनकी जरूरतों को कभी समझा ही नहीं। ये भाजपा सरकार है, जिसने आदिवासी कल्याण को प्राथमिकता देते हुए अलग मंत्रालय बनाया। जब अटल जी की सरकार आयी, तब पहली बार आदिवासी मंत्रालय बना। उसके पहले इतनी दशक चले गए, इतने बड़े महान नेता पैदा हो गए, लेकिन आदिवासियों के लिए एक अलग मंत्रालय नहीं बना, यह भाजपा सरकार आई, जब अटल जी आए, तब बना। काँग्रेस के दौर में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि आदिवासी अंचल में इतने बड़े प्रोजेक्ट्स आएंगे! आज भाजपा सरकार में वो सब कुछ संभव है। अभी हमने मध्य प्रदेश के धार में एक बहुत बड़ा PM मित्र पार्क शुरू किया है और यह भी आदिवासी क्षेत्र है। इससे आदिवासी किसानों को, कपास उत्पादक किसानों को बहुत बड़ा लाभ होने वाला है।
साथियों,
भाजपा के प्रयासों से ही आज गरीब आदिवासी परिवार की बेटी आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी, देश की राष्ट्रपति बनी हैं और राष्ट्रपति जी ने ही आदिवासियों में भी अति पिछड़े आदिवासी समाज का विषय उठाया था। उनकी प्रेरणा से ही हमने पीएम जनमन योजना शुरू की है। इसके तहत आदिवासियों में भी अति पिछड़े समाज को प्राथमिकता दी जा रही है। आज धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत जनजातीय गांवों को आधुनिक बनाया जा रहा है, भगवान बिरसा मुंडा को लोग धरती आबा के रूप में भी जानते हैं। इसका लाभ 5 करोड़ से ज्यादा आदिवासियों तक पहुँचेगा। आज देश में सैकड़ों एकलव्य मॉडल आदिवासी विद्यालय खोले जा रहे हैं। हमने वनवासियों और अनुसूचित जनजातियों के वन अधिकारों को भी मान्यता दी।
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साथियों,
आप ये भी जानते हैं, हमारे आदिवासी भाई-बहन हजारों वर्षों से जंगल के संसाधनों का इस्तेमाल करते आए हैं। ये वन संसाधन उनकी प्रगति का जरिया बनें, इसके लिए हमने वनधन योजना शुरू की। वन उपज की चीजों पर हमने MSP को बढ़ाया। हमने जनजातीय समाज के उत्पादों को बाजार से जोड़ा। इसका परिणाम है, आज देश में वन उपज में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
साथियों,
आदिवासी समाज को स्वाभिमान से जीवन जीने का अवसर मिले, ये हमारी प्रतिबद्धता है। उनकी आस्था, उनके आत्मसम्मान और उनकी संस्कृति की रक्षा करना, यह हमारा संकल्प है।
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साथियों,
जब देश के सामान्य मानवी का जीवन आसान होता है, तो वो खुद आगे बढ़कर देश की प्रगति का नेतृत्व करता है। आप लोगों को याद होगा, आज से 11 साल पहले, कांग्रेस के समय हालात इतने खराब थे, और खराब क्यों थे? क्योंकि, कांग्रेस सरकार देशवासियों के ही शोषण में लगी थी, कांग्रेस सरकार देश के लोगों को ही लूट रही थी। कांग्रेस के समय में टैक्स और महंगाई, दोनों आसमान पर थी, आपने जब मोदी को आशीर्वाद दिया, तो हमारी सरकार ने कांग्रेस की लूट को बंद किया।
साथियों,
ये आजकल बहुत मुझ पर गुस्से में रहते हैं न, इसका कारण भी यही है।
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साथियों,
2017 में हमने GST लागू करके देश को टैक्स और टोल के जंजाल से मुक्ति दिलाई थी। अभी नवरात्रि के पहले दिन से फिर GST में बहुत बड़ा सुधार किया गया है। इसका नतीजा ये हुआ है कि आज पूरा भारत GST बचत उत्सव मना रहा है। हर रोज इस्तेमाल की जाने वाली ज़्यादातर चीजें सस्ती हो गईं हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहने आई हैं और जब मैं अभी जीप में आ रहा था, सब माताएं-बहनें आशीर्वाद दे रही थीं, घर में माताओं बहनों के लिए रसोई का खर्च कम हो गया है।
साथियों,
साल 2014 से पहले अगर आप साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, टूथ पाउडर, ऐसे रोजमर्रा के सामान पर अगर आप सौ रुपए की चीज खरीदते थे, तब ये सौ रुपए का सामान आपको 131 रुपए का पड़ता था, सामान सौ का और देना पड़ता था 131 रुपया और 2014 के पहले की बात कर रहा हूं, जो आजकल बयान बहादुर भांति-भांति के झूठ फैला रहे हैं न, यानी कांग्रेस सरकार 100 रुपए की खरीद पर 31 रुपए टैक्स लेती थी। 2017 में जब पहली बार हमने GST लागू किया, तो यही सौ रुपए का सामान सिर्फ 18 रुपए बढ़े और 118 रुपए में आने लगा। यानि कांग्रेस सरकार से भाजपा सरकार आते-आते सौ रुपए पर 13 रुपए की बचत हुई। अब 22 सितंबर को हमने दोबारा GST में रिफॉर्म किया, GST रिफॉर्म के बाद जो 2014 के पहले सौ रुपये का 131 रुपया देना पड़ता था, अब सौ रुपये में सिर्फ 5 रुपया टैक्स लगता है, सिर्फ 105 रुपया देना पड़ता है। कहां 31 रुपया और कहां 5 रुपया। यानी कांग्रेस के जमाने की तुलना में आज आपको सौ रुपये की खरीदारी पर 26 रुपये की बचत हो रही है। माताएं-बहनें तो महीने के बजट का पूरा हिसाब रखती हैं। इस हिसाब से तो हर महीने अब आपको सैकड़ों रुपए की बचत होने वाली है।
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साथियों,
जूते-चप्पल तो सबकी जरूरत होते हैं। कांग्रेस के राज में अगर आपको पांच सौ रुपए का जूता खरीदना होता था, तो वो 575 रुपए का आता था। यानि 500 का जूता और बिल आता था 575, यानि कांग्रेस 500 रुपये के जूते पर 75 रुपए का टैक्स आपसे वसूलती थी। हमने GST लागू किया, तो टैक्स 15 रुपए कम हो गया। अब नए GST के बाद, आपको इसी जूते पर 50 रुपए कम देना पड़ेगा। पहले 500 से ऊपर के जूतों पर और भी ज्यादा टैक्स लगता था। हमने वो 500 वाला स्लैब भी हटा दिया। अब हमने जो 500 तक का स्लैब था, उसको हटाकर के 2500 रुपए तक के जूते, उसका टैक्स भी कम कर दिया।
साथियों,
एक सामान्य परिवार का सपना होता है कि उसके पास एक स्कूटर या मोटरसाइकिल हो। कांग्रेस राज में ये भी पहुंच से बाहर था। कांग्रेस, साठ हज़ार की बाइक पर अगर एक बाइक आप खरीदते हैं 60 हजार रुपए में, तो 19 हजार रुपए से अधिक टैक्स लेती थी, बताइए। 60 हजार के रुपए के सामने 19 हजार से ज्यादा टैक्स, 2017 में हम GST लाए तो ये टैक्स दो ढाई हजार रुपए कम किया और अब 22 सितंबर को जो दरें लागू की, उसके बाद अब साठ हजार की बाइक पर सिर्फ 10 हज़ार रुपए टैक्स हम ले आए नीचे, यानी 2014 की तुलना में करीब 9 हजार रुपए का फायदा हुआ।
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साथियों,
कांग्रेस के राज में, अपना घर बनाना भी बहुत महंगा था। तीन सौ रुपए के सीमेंट के बैग पर कांग्रेस सरकार नब्बे रुपए से अधिक टैक्स लेती थी। 2017 में GST आने के बाद ये करीब दस रुपए कम हुआ और अब जब दोबारा हम रिफॉर्म करके जीएसटी लाए, तो 22 सितंबर के बाद सीमेंट के उसी बैग पर करीब पच्चास रुपए ही GST लग रही है। यानि सीमेंट के हर बैग पर भी 2014 की तुलना में आज चालीस रुपए की बचत हो रही है। यानि कांग्रेस राज में जहां लूट ही लूट थी, वहीं आज भाजपा की सरकार में बचत ही बचत है। और तभी तो देश जीएसटी बचत उत्सव मना रहा है और जीएसटी बचत उत्सव को पूरे देश में मनाया जा रहा है।
लेकिन भाइयों और बहनों,
ये GST बचत उत्सव तो चल रहा है, लेकिन हमारा एक और लक्ष्य है- आत्मनिर्भर भारत का, हम किसी और पर निर्भर न रहे, ये अब बहुत आवश्यक है और उसका रास्ता जाता है स्वदेशी के मंत्र से और इसलिए हमें स्वदेशी के मंत्र को भूलना नहीं है। मैं आप सबसे आग्रह करूंगा और राजस्थान में और देश के कोने-कोने में जो लोग मुझे सुन रहे हैं, उन सबसे भी आग्रह करूंगा, खासकर के मेरे दुकानदार व्यापारियों से आग्रह करूंगा, हम जो बेचेंगे, वो स्वदेशी ही बेचेंगे और मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा, हम जो खरीदेंगे, वो भी स्वदेशी ही खरीदेंगे। हम दुकानदार को पूछेंगे, बताओ भाई ये स्वदेशी है कि नहीं है और मेरी तो स्वदेशी की व्याख्या बहुत सिंपल है, कंपनी दुनिया के किसी भी देश की क्यों न हो, ब्रांड दुनिया के किसी भी देश की क्यों न हो, लेकिन वो हिंदुस्तान में बनने वाला होना चाहिए, हिंदुस्तान के मेरे नौजवानों की मेहनत से बना हुआ होना चाहिए, मेरे देश के लोगों के पसीने की उसमें महक हो, उसमें मेरे देश की मिट्टी की महक हो, मेरे लिए वो सब स्वदेशी है। और इसलिए मैं सभी व्यापारियों को कहता हूं, दुकान पर एक बोर्ड लगाइए, गर्व से कहो- ये स्वदेशी है। जब आप स्वदेशी खरीदते हैं, तो वो पैसा देश के ही किसी कारीगर, कामगार और व्यापारी के पास जाता है। वो पैसा देश के बाहर न जाकर, देश के विकास में लगता है। उससे नए हाइवे बनते हैं, नई सड़कें बनती हैं, स्कूल बनते हैं, अस्पताल बनते हैं, गरीबों के लिए घर बनते हैं। और इसलिए साथियों, हमें स्वदेशी को अपना स्वाभिमान बनाना है। मैं चाहूँगा, त्योहारों के इस मौसम में आप सब स्वदेशी ही खरीदने का संकल्प लें। इसी संकल्प के साथ मैं एक बार फिर विकास और रोजगार से जुड़ी ढेर सारी परियोजनाओं के लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद! मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, भारत माता की जय! दोनों हाथ ऊपर करके मां भारती का जय-जयकार करें। भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय! बहुत-बहुत धन्यवाद!