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सातारा की पराक्रमी भूमि पर मुझे पहले भी कई बार आने का सौभाग्य मिला है और इसलिए सातारा के सत्कार से मैं हमेशा परिचित रहा हूं। आज जिस प्रकार आप यहां भारी संख्या में मुझे और मेरे तमाम साथियों को आशीर्वाद देने पहुंचे हैं इसके लिए मैं आप सबको नमन करता हूं। आपका उत्साह, आपका जोश विपक्ष के होश उड़ा रहा है। जब उस दिन राजेश जी बोल रहे थे, मेरा मन करता था सुनता ही रहूं। एक-एक शब्द दिल की गहराई से निकल रहा था।

भाइयो-बहनो, सातारा संतों की भूमि है, समाज को, देश को दिशा देने वाले नेतृत्व की भूमि है। वीर संभा जी, वीर साहू जी, समर्थ रामदास स्वामी, रामशास्त्री प्रभुणे, सावित्री बाई फुले, क्रांति सिंह नाना पाटील जैसे अतुलनीय सामाजिक और आध्यात्मिक नेतृत्व इसी धरती से निकले हैं और यशवंत राव चौहान जी जैसा विजनरी नेता भी सातारा ने देश को दिया है, मेरे लिए तो सातारा एक प्रकार से गुरू भूमि भी है। उदयन राजे जी ने बड़ा आदर पूर्वक उस बात का उल्लेख किया और आझ मैं जो कुछ भी कर पा रहा हूं, जिन संस्कारों में पला-बढ़ा हूं, जिनसे मैंने शिक्षा-दिक्षा पाई है वे सातारा का घटाव गांव के लक्ष्मण राव जी नामदार, जिनको हम लोग गुजरात में वकील साहब कहा करते थे उनकी ये जन्मस्थली है और उनकी शिक्षा-दीक्षा यहीं हुई थी बाद में गुजरात आए और मेरे जैसे की शिक्षा-दीक्षा की जिम्मेदारी उन्होंने संभाली और इसलिए ये मेरे लिए गुरूभूमि भी है। यही कारण है कि सातारा की यात्रा मेरे लिए तीर्थयात्रा के भी समान है।

भाइयो और बहनो, यह गौरवपूर्ण इतिहास की घटनाओं को स्मरण करने का रोमांचकारी अनुभव है। आज भी सह्याद्री पर्वत श्रंखला के पीछे से जब सूरज निकलता है तो लगता है कि हाथ में केसरी ध्वज लहराते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज चले आ रहे हैं। यही वो पवित्र भूमि है जहां शिवाजी महाराज मां भवानी के मंदिर के दर्शन किया करते थे। भाइयो-बहनो, भारतीय जनता पार्टी के पास सिर्फ शिवाजी महाराज के संस्कार थे और अब हमारे पास शिवाजी महाराज के संस्कार के साथ-साथ उनका पूरा परिवार भी हमारे साथ है। संस्कार और परिवार का ये संगम, वीर शिवाजी के सपनों का महाराष्ट्र, उनके सपनों का अखण्ड हिंदुस्तान, एकता, अभेद्यता, एक भारत-श्रेष्ठ भारत, इन सपनों का भारत बनाने में हमें एक नई ताकत मिलेगी, नई ऊर्जा मिलेगी, एक नया संबल मिलेगा भाइयो-बहनो। भाइयो और बहनो, बीते पांच वर्षों से महायुती की सरकार ने केंद्र में भी और महाराष्ट्र में भी शिवाजी महाराज के संस्कार के अनुसार ही काम करने का पूरा प्रयास किया है। राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रवाद को हमने प्राथमिकता दी है, भारत भूमि पर बुरी नजर रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। शिवाजी महाराज ने राष्ट्ररक्षा के लिए सशक्त सेना को प्राथमिकता दी, उस काल में भी उन्होंने एक सशक्त सेना का निर्माण किया था। बीते पांच वर्षों में हमारी सरकार ने भारत की सेना को दुनिया की ताकतवर सेनाओं की पंक्ति में ला कर के खड़ा कर दिया है। जल हो, थल हो, नभ हो या अंतरिक्ष हो, एक के बाद एक आधुनिक अस्त्र-शस्त्र आज भारतीय सेना का एक अटूट हिस्सा बन रहा है। राष्ट्ररक्षा के लिए, राष्ट्र के एकीकरण के लिए महायुती की सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं जिनको लेने की हिम्मत पहले नहीं दिखाई देती थी लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि आज यहां महाराष्ट्र में जो हमारे विरोध में खड़े हैं उन्होंने राष्ट्ररक्षा के लिए हमारे उठाए हर कदम का विरोध किया।

भाइयो-बहनो, सातारा ने महाराष्ट्र के लिए अनेक शूरवीर दिए हैं, यहां के अपशिंगे मिलिट्री गांव तो जैसे राष्ट्ररक्षा के लिए ही समर्पित है, वहां के घर-घर से राष्ट्ररक्षक निकले हैं। ऐसे संस्कार जहां के हों वहां राष्ट्र का अहित करने वाली राजनीति को जगह भला कैसे सहन हो सकती है। यही कारण है कि कांग्रेस और एनसीपी के नेता जब हमारे वीर-जवानों के शौर्य पर सवाल उठाते हैं तो सबसे ज्यादा ठेस मेरी ये सातारा की भूमि को पहुंचती है, जब ये राफेल जैसे आधुनिक जहाज को लेकर अपप्रचार करते हैं, मुझे विश्वास है ये राष्ट्रभक्तों की धरती को अपार पीड़ा होती है। जब ये आर्टिकल 370 को लेकर अफवाहें फैलाते हैं तो पूरा सातारा गुस्से से भर जाता है। जब वीर सावरकर जैसे राष्ट्रनायकों को ये बदनाम करने का प्रयास करते हैं तब सातारा का पारा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। भाइयो-बहनो, कांग्रेस और एनसीपी के नेता जन भावनाओं को नहीं समझ पा रहे हैं और जिसकी सजा पिछले लोकसभा के चुनाव में पूरे देशवासी दे चुके हैं और इस बार भी चाहे महाराष्ट्र हो, चाहे हरियाणा हो कड़ी से कड़ी सजा जनता जनार्दन देने वाली है बल्कि इस बार तो उनकी हालत और भी खस्ता है। आप कल्पना कर सकते हैं, जिस सातारा को कभी ये अपना अभेद किला माना करते थे वहां से लोकसभा चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। एनसीपी वालों ने पृथ्वीराज चव्हाण जी को यहां से उतरने के लिए कहा लेकिन जमीन पर जो हालात हैं उनको भांपते हुए उन्होंने कहा नहीं भाई माफ करो। उन्होंने वहां से उल्टा पासा फेंका और कहा शरद राव क्यों नहीं मैदान में उतरते, लेकिन शरद राव-शरद राव हैं वो हवा के रुख को भलीभांति जानते हैं, उसके वो बड़े खिलाड़ी हैं और इसलिए उन्होंने साफ-साफ इन्कार कर दिया, जी नहीं मेरा काम नहीं है। साथियो, ये जो किस्सा मैंने आपको बताया है वो कोई सीक्रेट नहीं है बल्कि ये खुद पृथ्वीराज चव्हाण जी का बयान है। अपने इंटरव्यू में उन्होंने ये कहा है, ये सातारा के साथ-साथ पूरे महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी की युती की यही एक सच्चाई बचा है। वहां दलों के भीतर भी दंगल है और दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी जोरों का दंगल चल रहा है। वो एक दूसरे को हैसियत बताने के लिए बिसात बिछा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा-शिवसेना की महायुती महाराष्ट्र को और महान बनाने के मिशन पर निकल पड़ी है।

भाइयो-बहनो, जहां कार्यकर्ताओं में गठबंधन में ही बंटवारा है वो महाराष्ट्र के समाज को एकजुट भला कैसे कर सकते हैं। इनकी राजनीति का एक ही आधार है बांटों और मलाई खाओ, ये संस्कार छत्रपति शिवाजी के बिल्कुल नहीं हैं, उन्होंने तो समभाव और सद्भाव से राष्ट्र सेवा का भाव हमें दिखाया है। इसी रास्ते को बीते पांच वर्ष में महायुती की सरकार ने सशक्त किया है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इसको हमने शासन का मूलमंत्र बनाया है। साथियो, विकास में हर व्यक्ति, हर क्षेत्र की भागीदारी हो हमने ये सुनिशचित किया है। केद्र और राज्य सरकार ने हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट यहां के लिए दिए हैं इसमें सड़कों पर हाईवे पर ही हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। गुहागार के फोर लेनिंग का काम हो या सातारा-कागल की 6 लेनिंग का काम ऐसे अनेक प्रोजेक्ट्स पर आज काम चल रहा है वरना पहले विकास के नाम पर कैसी राजनीति यहां होती थी इससे आप भली-भांति परिचित हैं। मैं आपको पानी का ही उदाहरण देता हूं, जिसके लिए इस जिले का पूर्वी क्षेत्र तरसता रहा है। 90 के दशक में जब महायुती की सरकार थी तब यहां पानी की समस्या को देखते हुए कुछ डैम के काम स्वीकृत हुए थे लेकिन महायुती की सरकार गई, डैम की वो फाइलें भी दब गईं। 2014 के बाद केंद्र में नरेंद्र और महाराष्ट्र में देवेंद्र को अवसर आपने दिया, पुरानी फाइलें खुल गईं। अब सिंचाई की तमाम परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है और इसमें लक्ष्मण राव जी नामदार की समृति में बन रहा कटापुर योजना भी उसका एक हिस्सा है।

भाइयो-बहनो, महाराष्ट्र के मेहनती शेतकरी समाज के नाम पर बातें और वादे बहुत किए गए, उनके नाम पर नेतागिरी भी बहुतों ने चमकाई लेकिन सही मायने में शेतकरी समाज के बारे में सोचने का काम महायुती सरकार ने ही किया है। सिंचाई से लेकर कमाई तक के तमाम प्रयास हम कर रहे हैं, महाराष्ट्र के सभी किसान परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ सीधा उनके खाते में पहुंच रहा है। लघु किसान परिवारों, खेत मजदूरों को, छोटे-छोटे दुकानदारों को 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन की सुविधा भी तय हो चुकी है। साथियो, गन्ना किसानों की मुश्किलों को हल करने के लिए हर संभव कोशिश बीते पांच वर्षों में की गई है। गन्ने के लाभकारी मूल्य को लागत से डेढ़ गुना अदिख तय किया गया है। जब भी कोई समस्या हुई है हमने ये कोशिश की है कि किसानों को उनका बकाया समय पर मिले, अब ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि बकाया हो या दूसरी मदद वो सीधी गन्ना किसानों के बैंक खाते में ही पहुंचेगी। हाल में ही केंद्र सरकार ने 60 लाख मीट्रिक टन चीना के निर्यात पर 6 हजार करोड़ सो अधिक की सब्सिडी देने का फैसला लिया है, इतना ही नहीं हमने ये भी तय किया है कि ये सब्सिडी भी सीधे गन्ना किसानों के खाते में जाए। भाइयो-बहनो, गन्ना किसानों को सिर्फ चीनी के भरोसे ना रहना पड़े इसलिए एथेनॉल के उत्पादन पर भी बल दिया जा रहा है। देश भर में इसके लिए आधुनिक फैक्ट्रियां बनाई जा रही हैं, हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल में करीब-करीब 10 प्रतिशत तक के एथेनॉल का प्रयोग किया जा सके। जैसे-जैसे एथेनॉल की डिमांड बढ़ेगी वैसे-वैसे गन्ना किसानों को भी अधिक लाभ मिलना तय है। साथियो, किसान हो, जवान हो या युवा, महायुती की सरकार हर वर्ग के लिए समर्पित है। समाज के हर व्यक्ति हर परिवार को शिक्षा और सरकारी सेवाओं में उचित अवसर मिले इसके लिए हमने एक के बाद एक कदम उठाए हैं। मराठा समाज को आरक्षण हो, सामान्य वर्ग के गरीब को इतिहास में पहली बार मिला हुआ आरक्षण हो ये महायुती की ही सरकार ने कर के दिखाया है। महायुती की सरकार का हमेशा से ये प्रयास रहा है कि किसी का शोषण ना हो, किसी का हक ना मारा जाए। बीते पांच वर्ष में महिला सशक्तिकरण को भी अभूतपूर्व बल मिला है, हमारी बहनों की सुरक्षा से लेकर सम्मान के लिए पहली बार बड़े कदम उठाए गए हैं। सामाजिक सद्भाव की यही नीति पूरे देश को पसंद आ रही है इसलिए पूरे देश का स्नेह और आशीर्वाद हम सब साथियों को मिल रहा है।

भाइयो-बहनो, समाज में जब सद्भाव होता है तब उद्योग लगते हैं, उद्यमशीलता बढ़ती है। आज मुद्रा योजना के तहत पूरे देश में स्वरोजगार से युवा जुड़ रहे हैं। स्वरोजगार और रोजगार का एक बहुत बड़ा माध्यम टूरिज्म है। सातारा के पास तो इतना कुछ है, यहां इतिहास का गौरव भी है, आध्यात्म की ताकत भी है और प्रकृति की छटा भी यहां मौजूद है। टूरिज्म की इन संभावनाओं को बढ़ाने के लिए यहां कनेक्टिविटी की सुविधाओं पर बल दिया जाएगा। हमारा ये प्रयास रहेगा कि सातारा देश और दुनिया के हर टूरिस्ट के 15 बेस्ट डेस्टीनेशन में ये हमेशा बना रहना चाहिए। सातारा ने स्वच्छता के मामले में जो रिकॉर्ड बनाया है उससे भी इसमें मदद मिलने वाली है और स्वच्छता के इस अभियान के लिए मैं आप सबको प्रणाम करता हूं, बधाई देता हूं, धन्यवाद करता हूं।

साथियो, महाराष्ट्र के विकास के लिए जो भी संकल्प हमने लिए हैं वो तभी सिद्ध हो सकते हैं जब आप महायुती के उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा मतों से विजयी बनाएंगे। ये तभी होगा जब 21 अक्टूबर को, 21 अक्टूबर को क्या है? अरे जरा जोर से बताइए ना, 21 अक्टूबर को क्या है? अरे 21 अक्टूबर को सोमवार है और रविवार की छुट्टी फिर दूसरे दिन सोमवार की छुट्टी, दो दिन की छुट्टी, तो फिर मन करेगा कि पुराने कुछ काम बाकी हैं कर लें, लोग वोट तो देने वाले ही हैं और शिवेंद्र जी हैं, उदयेन राजे जी हैं तो इस बार तो बड़ा बेड़ा पार है। मैं वोट दूं या ना दूं, मैं चला जाउंगा मुंबई का काम करके आ जाउंगा, पुणे का काम करके आ जाउंगा। मेरी आपसे प्रार्थना है, संडे-मंडे दोनों छुट्टियां होने के बावजूद भी हम अपना पोलिंग बूथ नहीं छोड़ेंगे। मेरी बात मानेंगे, पक्का मानेंगे? मेरी दूसरी भी एक बात है। क्या एक काम मेरे लिए कर सकते हैं क्या, मेरे लिए करेंगे? शिवेंद्र जी और उदयेन राजे जी अब तक जितने ज्यादा वोटों से जीते हैं वो सारे रिकार्ड तोड़ के देंगे क्या? उनके ही सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिएं। तो मेरी बात पूरी करोगे आप लोग? मुजे विश्वास है आप बहुत बड़ी ताकत लगाने वाले हैं, मुझे विश्वास है आप घर-घर जाने वाले हैं, मुझे विश्वास है कि आप लोकसभा के वोटिंग रिकॉर्ड भी तोड़ने वाले हैं। मुझे विश्वास है कि इस बार पुरुषों से ज्यादा महिलाएं वोट करने के लिए निकलने वाली हैं। हर बूथ मजबूत हो, अब पूरा समय, 21 तारीख शाम मतदान पूरा हो तब तक, पूरी ताकत बूथ में लगाएंगे, मतदाताओं के घरों में जाएंगे, एक-एक मतदाता को लोकतंत्र के इस महा उत्सव में जोड़ने के लिए आप पूरा प्रयास करेंगे। आप सब हमें आशीर्वाद देने के लिए आए, एक बार फिर आपका मैं बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। जय महाराष्ट्र, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM condoles demise of Indian Cricketer, Salim Durani
April 02, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed deep grief over the demise of former Indian Cricketer, Salim Durani.

In a tweet thread, the Prime Minister said;

“Salim Durani Ji was a cricketing legend, an institution in himself. He made a key contribution to India’s rise in the world of cricket. On and off the field, he was known for his style. Pained by his demise. Condolences to his family and friends. May his soul rest in peace.”

“Salim Durani Ji had a very old and strong association with Gujarat. He played for Saurashtra and Gujarat for a few years. He also made Gujarat his home. I have had the opportunity to interact with him and was deeply impressed by his multifaceted persona. He will surely be missed.”

The Prime Minister, Shri Narendra Modi also shared glimpses of his meeting with former Indian Cricketer, Salim Durani.