Text of PM's statement in Lok Sabha

Published By : Admin | April 23, 2015 | 15:57 IST
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Following is the text of Prime Minister Shri Narendra Modi's statement in the Lok Sabha today: 

"आदरणीय सभापति जी, 

कई वर्षों से, किसानों की आत्महत्या, समग्र देश के लिए चिंता का विषय रहा है।  समय समय पर, हर सरकार ने, उनसे जो भी संभव हुआ, करती रही है। कल की घटना के कारण पूरे देश में जो पीड़ा है, उसकी अभिव्यक्ति सदन के भी सभी माननीय सदस्यों ने की है।  मैं भी इस पीड़ा में सहभागी होता हूँ। यह हम सब का संकल्प रहे, हम सब मिल कर के, इस समस्या का समाधान कैसे ढूंढें। समस्या बहुत पुरानी है, समस्या बड़ी व्यापक है, और उसे उस रूप में लेना पड़ेगा। जो भी अच्छे सुझाव होंगे उसे ले करके चलने के लिए सरकार तैयार है। किसान की ज़िंदगी से बड़ी कोई चीज़ नहीं होती।  इंसान की ज़िंदगी से बड़ी कोई चीज़ नहीं होती। और इसलिए, राजनाथ जी ने सरकार की तरफ से जो जानकारी देनी थी वह आपको दी है, लेकिन मैं, इस सदन की पीड़ा के साथ अपने आप को जोड़ते हुए..., हम सब, दल कोई भी हो, देश बहुत बड़ा होता है, समस्या पुरानी है, गहरी है, हम सबको सोचना होगा कि हम कहाँ गलत रहे, वो कौनसे गलत रास्ते पर चल पड़े, वो कौनसी कमियां रही, पहले क्या कमियां रही, पिछले दस महीनों में क्या कमियां रही, यह सबका दायित्व है। लेकिन किसानों की इस समस्या के समाधान का रास्ता हमको खोजना है, और मैं इस विषय पर खुले मन से, जो भी सुझाव आये, आप ज़रूर बताइये, हम कोई न कोई रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे। किसान को असहाय नहीं छोड़ सकते। हमने उसके साथ, उसके दुःख में सहभागी होना है, उसके भविष्य के लिए भी सहभागी होना है। और उस संकल्प... आज की चर्चा में वो संकल्प उभर कर आये, सामूहिक संकल्प उभर कर आये,  कि हम सब मिलकर, अब हमारे किसानों को हम न मरने दें, मैं इतनी  ही प्रार्थना इस सदन को करता हूँ।"

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नमस्‍कार,

असम के गवर्नर श्रीमान गुलाब चंद कटारिया जी, मुख्यमंत्री भाई हेमंत बिस्वा सरमा जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सदस्य अश्विनी वैष्णव जी, सर्बानंद सोनोवाल जी, रामेश्वर तेली जी, निशीथ प्रमाणिक जी, जॉन बारला जी, अन्य सभी मंत्रिगण, सांसदगण, विधायक और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

आज असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की रेल कनेक्टिविटी के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी से जुड़े तीन काम एक साथ हो रहे हैं। पहला, आज नॉर्थ ईस्ट को अपनी पहली मेड इन इंडिया, वंदे भारत एक्सप्रेस मिल रही है। ये पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है। दूसरा, असम और मेघालय के लगभग सवा चार सौ किलोमीटर ट्रैक पर बिजलीकरण का काम पूरा हो गया है। तीसरा, लामडिंग में नवनिर्मित डेमू-मेमू शेड का भी आज लोकार्पण हुआ है। मैं इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए असम, मेघालय सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट और पश्चिम बंगाल के साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

गुवाहाटी-जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, असम और पश्चिम बंगाल के बीच सदियों पुराने संबंधों को और मजबूत करेगी। इससे, इस पूरे क्षेत्र में आना-जाना और तेज़ हो जाएगा। इससे, कॉलेज-यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले युवा साथियों को सुविधा होगी। और सबसे अहम बात, इससे पर्यटन और व्यापार से बनने वाले रोजगार बढ़ेंगे।

ये वंदे भारत एक्सप्रेस मां कामाख्या मंदिर, काजीरंगा, मानस राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को कनेक्ट करेगी। इसके साथ-साथ मेघालय के शिलॉन्ग, चेरापूंजी और अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पासीघाट तक भी पर्यटकों की सुविधा बढ़ जाएगी।

भाइयों और बहनों,

इसी सप्ताह, केंद्र में एनडीए की सरकार के 9 साल पूरे हुए हैं। बीते 9 साल, भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों के रहे हैं, नए भारत के निर्माण के रहे हैं। कल ही देश को आज़ाद भारत की भव्य-दिव्य आधुनिक संसद मिली है। ये भारत के हज़ारों वर्ष पुराने लोकतांत्रिक इतिहास को हमारे समृद्ध लोकतांत्रिक भविष्य से जोड़ने वाली संसद है।

बीते 9 वर्षों की ऐसी अनेक उपलब्धियां हैं, जिनके बारे में पहले कल्पना करना भी मुश्किल था। 2014 से पहले के दशक में इतिहास के घोटालों के हर रिकॉर्ड टूट गए थे। इन घोटालों ने सबसे ज्यादा नुकसान देश के गरीब का किया था, देश के ऐसे क्षेत्रों का किया था, जो विकास में पीछे रह गए थे।

हमारी सरकार ने सबसे ज्यादा गरीब कल्याण को प्राथमिकता दी। गरीबों के घर से लेकर महिलाओं के लिए टॉयलेट तक, पानी की पाइपलाइन से लेकर बिजली कनेक्शन तक, गैस पाइपलाइन से लेकर एम्स-मेडिकल कॉलेज तक, रोड, रेल, जलमार्ग, पोर्ट, एयरपोर्ट, मोबाइल कनेक्टिविटी, हमने हर क्षेत्र में पूरी शक्ति से काम किया है।

आज भारत में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के काम की पूरी दुनिया में बहुत चर्चा हो रही है। क्योंकि यही इंफ्रास्ट्रक्चर तो जीवन आसान बनाता है। यही इंफ्रास्ट्रक्चर तो रोज़गार के अवसर बनाता है। यही इंफ्रास्ट्रक्चर तेज़ विकास का आधार है। यही इंफ्रास्ट्रक्चर गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी, ऐसे हर वंचित को सशक्त करता है। इंफ्रास्ट्रक्चर सबके लिए है, समान रूप से है, बिना भेदभाव के है। औऱ इसलिए ये इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण भी एक तरह से सच्चा सामाजिक न्याय है, सच्चा सेकुलरिज्म है।

भाइयों और बहनों,

इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के इस काम का सबसे अधिक लाभ अगर किसी को हुआ है तो वो पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत है। अपने अतीत की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए कुछ लोग कहते हैं कि पहले भी तो नॉर्थ ईस्ट में बहुत काम हुआ था। ऐसे लोगों की सच्चाई, नॉर्थ ईस्ट के लोग बहुत अच्छी तरह जानते हैं। इन लोगों ने नॉर्थ ईस्ट के लोगों को मूल सुविधाओं के लिए भी दशकों तक इंतजार करवाया। इस अक्षम्य अपराध का बहुत बड़ा नुकसान नॉर्थ ईस्ट ने उठाया है। जो हज़ारों गांव, करोड़ों परिवार 9 साल पहले तक बिजली से वंचित थे, उनमें से बहुत बड़ी संख्या नॉर्थ ईस्ट के परिवारों की थी। टेलिफोन-मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित हुई बहुत बड़ी आबादी नॉर्थ ईस्ट की ही थी। अच्छे रेल-रोड-एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी का अभाव भी सबसे अधिक नॉर्थ ईस्ट में था।

भाइयों और बहनों,

जब सेवाभाव से काम होता है तो कैसे बदलाव आता है, इसका साक्षी नॉर्थ ईस्ट की रेल कनेक्टिविटी है। मैं जिस स्पीड, स्केल और नीयत की बात करता हूं, ये उसका भी प्रमाण है। आप कल्पना कीजिए, देश में डेढ़ सौ वर्ष से भी पहले पहली रेल मुंबई महानगर से चली थी। उसके 3 दशक के बाद ही असम में भी पहली रेल चल चुकी थी।

गुलामी के उस कालखंड में भी असम हो, त्रिपुरा हो, पश्चिम बंगाल हो, हर क्षेत्र को रेल से जोड़ा गया था। हालांकि तब जो नीयत थी, वो जनहित के लिए नहीं थी। उस समय अंग्रेजों का इरादा क्‍या था, इस पूरे भूभाग के संसाधनों को लूटना। यहां की प्राकृतिक संपदा को लूटना। आज़ादी के बाद नॉर्थ ईस्ट में स्थितियां बदलनी चाहिए थीं, रेलवे का विस्तार होना चाहिए था। लेकिन नॉर्थ ईस्ट के अधिकतर राज्यों को रेल से जोड़ने का काम 2014 के बाद हमें करना पड़ा।

भाइयों और बहनों,

आपके इस सेवक ने नॉर्थ ईस्ट के जन-जीवन की संवेदना और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। देश में आया यही बदलाव बीते 9 वर्षों में सबसे बड़ा और सबसे प्रखर है, जिसे नॉर्थ ईस्ट ने विशेष रूप से अनुभव किया है। पिछले 9 वर्षों में पहले की तुलना में नॉर्थ ईस्ट में रेलवे के विकास के लिए बजट भी कई गुणा बढ़ाया गया है। 2014 से पहले नॉर्थ ईस्ट के लिए रेलवे का बजट औसत बजट करीब-करीब ढाई हज़ार करोड़ रुपए का होता था। इस बार नॉर्थ ईस्ट का रेल बजट 10 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक है। यानि लगभग 4 गुणा बढ़ोतरी की गई है। इस समय मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय और सिक्किम की राजधानियों को बाकी देश से जोड़ने का काम भी तेज गति से चल रहा है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट की सभी राजधानियां ब्रॉडगेज नेटवर्क से जुड़ने वाली हैं। इन प्रोजेक्ट्स पर एक लाख करोड़ रुपए का खर्च किया जा रहा है। ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी के लिए बीजेपी की सरकार कितनी प्रतिबद्ध है।

भाइयों और बहनों,

आज जिस स्केल के साथ, जिस स्पीड के साथ हम काम कर रहे हैं, वो अभूतपूर्व है। अब नॉर्थ ईस्ट में पहले के मुकाबले, तीन गुना तेजी से नई रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं। अब नॉर्थ ईस्ट में पहले के मुकाबले, 9 गुना तेजी से रेल लाइनों का दोहरीकरण हो रहा है। पिछले 9 वर्षों में ही नॉर्थ ईस्ट के रेल नेटवर्क का बिजलीकरण शुरु हुआ और अब शत-प्रतिशत लक्ष्य की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है।

साथियों,

ऐसी ही स्पीड और स्केल के कारण, आज नॉर्थ ईस्ट के अनेक क्षेत्र पहली बार रेलसेवा से जुड़ रहे हैं। नागालैंड को 100 साल के बाद अपना दूसरा रेलवे स्टेशन अब मिला है। जहां कभी नैरो गेज पर धीमी रेल चलती थी, वहां अब सेमी-हाईस्पीड वंदे-भारत और तेजस एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलने लगी हैं। आज नॉर्थ ईस्ट के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे के विस्टाडोम कोच भी नया आकर्षण बन रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

गति के साथ-साथ भारतीय रेल आज दिलों को जोड़नें, समाज को जोड़ने और लोगों को अवसरों से जोड़ने का भी माध्यम बन रही है। आप देखिए, गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर भारत का पहला ट्रांसजेंडर टी-स्टॉल खोला गया है। ये उन साथियों को सम्मान का जीवन देने का प्रयास है जिनकी समाज से बेहतर बर्ताव की अपेक्षा है। इसी प्रकार 'वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट' इस योजना के तहत नॉर्थ ईस्ट के रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल्‍स बनाए गए हैं। ये वोकल फॉर लोकल को बल दे रहे हैं। इससे हमारे स्थानीय कारीगर, कलाकार, शिल्पकार, ऐसे साथियों को नया बाज़ार मिला है। नॉर्थ ईस्ट के सैकड़ों स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा दी गई है। संवेदनशीलता और गति के इसी संगम से ही प्रगति पथ पर नॉर्थ ईस्ट आगे बढ़ेगा। विकसित भारत के निर्माण का रास्ता सशक्त होगा।

एक बार फिर, आप सभी को वंदे भारत और दूसरे सभी प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !