Text of PM's remarks at launch of Social Security Schemes

Published By : Admin | May 9, 2015 | 22:12 IST

उपस्थित सभी महानुभाव,

यह कार्यक्रम कलकत्ता के एक सभागृह में हो रहा है, लेकिन देश के 115 स्था नों पर simultaneous यह कार्यक्रम चल रहा है। उस कार्यक्रम में उपस्थित भी सभी महानुभाव को मैं अपना प्रणाम करता हूं।

आज पूज्य। गुरूदेव रविंद्रनाथ टैगोर की जन्म जयंती का पावन पर्व है। बंगाल का स्म>रण करते हुए हर एक हिंदुस्ताटनी का सिर ऊंचा हो जाता है, आंखों में चमक आ जाती है, सीना चौड़ा हो जाता है। भारत के ऐतिहासिक जीवन की अनेक घटनाएं हैं, जिसकी प्रेरणा इस धरती से मिली। अगर परिवर्तन का कहीं प्रारंभ हुआ तो इसी धरती से हुआ। और गोखले जी कहा करते थे कि बंगाल जो आज सोचता है, हिंदुस्ताीन बाद में वही सोचता है।

और यह धरती एक समय था जब हिंदुस्ता्न की आर्थिक विकास की पूरी बागडोर उसके हाथ में थी। भारत की आर्थिक गतिविधि बंगाल से केंद्रित होती थी। इस धरती की विशेषता रही है कि मां दुर्गा की पूजा में तो लीन रहते हैं। लेकिन इसे सरस्वषती का भी आर्शीवाद है और साथ-साथ लक्ष्मी का भी आशीर्वाद है। और जहां सरस्वाती और लक्ष्मीm दोनों को आशीर्वाद मिले हो ऐसी यह धरती रही है। औद्योगिक जगत में भी manufacturing sector की बात करें, यही धरती है जिसने बहुत बड़ा योगदान किया है।

और अभी आदरणीय मुख्यजमंत्री जी अपने भाषण में उल्ले ख कर रहीं थी कि गांवों में बैंक भी नहीं है। 60 साल का हिसाब है यह। उनकी पीड़ा बहुत स्वालभाविक है, मैं भी उसमें अपना स्वनर जोड़ता हूं। लेकिन उन्हों ने यह बात मेरे सामने रखी, क्योंतकि उनको भरोसा है, अगर करेगा तो यही करेगा। आप कल्पूना कर सकते हैं कि देश में गरीबों के लिए बैंकों का राष्ट्री यकरण किया गया था। लेकिन इस देश के गरीब को कभी हमें बैंकों में देखने का अवसर नहीं मिला था।

आज भी यह जो स्कीाम लेकर के हम आए हैं, 80 से 90 Percent इस देश के लोग हैं, जिनको कोई insurance नहीं है, जिनको कोई पेंशन की संभावना नहीं है। सवा सौ करोड़ का देश, 80-90 प्रतिशत जनसंख्या, इन सामान्य आवश्यकताओं की पूर्ति उसके भाग्य में न लिखी हो तो कितनी पीड़ा होती है। और ये सारी योजनाएं जन्म ले रही हैं, आ रही हैं, वो गरीबों के प्रति हमारे दायित्व में से एक है, गरीबों के प्रति संवेदना में से एक है। और हम विकास कितना ही करें, नई ऊंचाइयों को कितना ही पाएं, प्राप्त करें। लेकिन अगर इसके सुफल गरीबों की झोंपड़ी तक नहीं पहुंचते हैं तो विकास अधूरा है। और इसलिए एक तरफ हम विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए सारी दुनिया को झकझोर रहे हैं, Make in India के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो दूसरी तरफ गरीब से गरीब का बैंक का खाता खुले इसके लिए दिन-रात कोशिश करते हैं। और मुझे खुशी है कि जब प्रधानमंत्री जन-धन योजना हम लेकर के हम आए, 15 अगस्त को मैंने घोषित किया, 26 जनवरी तक पूरा करने की कल्पना थी, लेकिन देश के बैंकों में काम करने वाले सभी मित्रों ने इतनी मदद की, एक ऐसा जनांदोलन बन गया। 15 करोड़ नए खाते खोल दिए और आज देश में करीब-करीब 95 percent से ज्यादा लोग अर्थव्यवस्था की जो मुख्यधारा होती है Banking Sector उससे जुड़ गए हैं। जो कभी आधे भी नहीं थे।

ये काम सौ-सवा सौ दिन में पूरा कर दिया गया। और मैंने गरीबों को कहा था कि ये देश आपके लिए हैं, सरकार आपके लिए हैं, बैंक आपके लिए हैं। आपको एक पैसा देना नहीं है, बैंक का खाता खोलना है, Zero balance से। लेकिन गरीबों में अमीरी बहुत होती है। अमीरों की गरीबी की चर्चा करने की तो हिम्मत लोगों में कम होती है, लेकिन गरीबों की अमीरी की चर्चा मैं आज करना चाहता हूं। हमने तो कहा था Zero balance से खाते खोल देंगे। लेकिन मैं आज उन गरीबों को सलाम करता हूं कि उन्होंने मन में सोचा कि ये तो अच्छा नहीं है, ये तो हमें शोभा नहीं देता है। और मैं आज गर्व से कहता हूं कि ये जो 15 करोड़ बैंक खाते खुले उसमें 15 हजार 800 करोड़ रुपए राशि गरीबों ने जमा कर दी।

इस देश के गरीबों की अमीरी की ताकत देखिए। और तब जाकर के मन करता है, इन गरीबों के लिए कुछ करते रहना चाहिए। और मेरा ये विश्वास है, गरीबों को सहारा नहीं चाहिए। हमें हमारी सोच बदलनी होगी, हमारे कार्यकलाप बदलने होंगे, हमारे तौर-तरीके बदलने होंगे। गरीबों को सहारा नहीं चाहिए, गरीबों को शक्ति चाहिए। अगर उसको शक्ति मिलेगी तो गरीब गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है और गरीबी से मुक्ति का आनंद लेने के लिए वो पूरी शक्ति लगाने के लिए तैयार है, उसे शक्ति देने की आवश्यकता है।

और आज जब गुरुदेव रविंद्र नाथ जी की जन्म जयंती की अवसर पर मैं बोल रहा हूं तब गुरुदेव ने 1906 में आत्मत्राण इस कविता में जो लिखा था, मैं समझता हूं 1906 की वो बात आज 2015 में भी हमें लागू हो रही है। गुरुदेव ने कहा था “It is not my prayer that you will save me from difficulties, give me the strength to overcome the difficulty. do not take away my burden or console me, give me the capacity to bear my burden” - यह बात गुरूदेव जी ने कही थी। और आज हमारा संकल्पe है उस आदेश का पालन करना जो गुरूदेव ने दिया है। और उसी में से यह योजना और कलकत्तेi की धरती पर हो रहा है। क्योंिकि मुझे विश्वांस है, जो चीज इस धरती से प्रारंभ होती है वो फिर आगे बढ़ती ही बढ़ती जाती है, परिणाम मिलता ही मिलता है। और रविंद्रनाथ जी के गुरूदेव की जन्मढ जंयती पर कोई चीज प्रारंभ होती हो और उन्होंंने जो भावना व्यिक्त की थी उसी की अभिव्य क्ति होती हो तो मुझे विश्वारस है गुरूदेव के आशीर्वाद इस योजना को सफल बनाएंगे और देश के गरीबों एक नई शक्ति प्राप्ति करने का अवसर प्रतिपादित होगा। यह मेरा पूरा विश्वारस है।

हमने जब प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की तब कई लोगों को लग रहा था कि क्या् होगा, कैसे होगा लेकिन आज अनुभव यह आ रहा है कि गरीबों के लिए एक के बाद एक योजनाएं - एक बार बैंक खाता खुल गया, तो हम बात वहां रोकना नहीं चाहते। वो तो हमारा foundation था हम एक के बाद एक हमारी बातें unfold करते चले जा रहे हैं। हमने कहा आपको हैरानी होगी, इस देश में कुछ लोगों को सरकारी पेंशन मिलता है करीब 35 लाख लोग, करीब-करीब 35 लाख लोग और कितना पेंशन मिलता था? किसी को सात रुपया, किसी को 20 रुपया, किसी को सवा सौ, किसी को ढ़ाई सौ। बेचारे को पेंशन लेने के लिए जाना है इस उम्र में ऑटो रिक्शास में जाए या बस में जाए तो पेंशन से ज्याकदा खर्चा उसका बस में जाने से होता था। लेकिन यह चल रहा था। हमने आकर तय किया कि जिसको भी पेंशन मिलता है एक हजार से कम किसी को नहीं होगा। और हमने देना प्रारंभ कर दिया है। क्यों ? गरीब सम्माान से जीए, उसे शक्ति चाहिए। वो शक्ति देना का प्रयास उसको हमने आगे बढ़ाया।

हमारे देश में कभी-कभी लोगों को लगता है कि ये जो बहुत बड़े-बड़े औद्योगिक घराने हैं न वो देश में बहुत बड़ी आर्थिक क्रांति करते हैं। यह बहुत बड़ा भ्रम है। उनका योगदान है लेकिन बहुत सीमित है। देश के अर्थतंत्र को कौन चलाता है? जो छोटा-सा कारोबार करने वाला व्योक्ति है, चौराहे पर खड़े रहकर के सब्जीह बेचता है, धोबी की दुकान चलाता है, biscuit बेचता है, चाय-पान का गल्लाह चलाता है, कपड़े बेचता है, readymade garment बेचता है। छोटे-छोटे लोग! हिंदुस्ताान में करीब साढ़े पांच करोड़ से ज्याेदा ये लोग देश को अर्थतंत्र को गति देते हैं। और बड़े-बड़े औद्योगिक घराने बहुत कम लोगों को रोजगार देते हैं, यह पांच-साढ़े पांच करोड़ जो छोटे काम करने वाले लोग हैं, वे करीब 14 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं, आप कल्पोना कर सकते हैं यानि 14 करोड़ परिवारों का पेट भरने का काम इनके द्वारा होता है। और उनकी Total संपदा जो है इतने सारे लोगों की बहुत ज्या दा नहीं है। कोई 11-12 लाख करोड़ रुपया है। और वो जो पैसा उनको चाहिए interest से, बाजार से - कोई बैंक वाला उनको पैसा नहीं देता है, व्याोपारी बड़े छोटे हैं। इन सबका average जो कर्ज है वो seventeen thousand rupees है, average अगर निकाली जाए तो seventeen thousand. उनको साहूकारों से पैसा लेना पड़ता है। उस प्रकार की कंपनियों के वहां जाना पड़ता है पैसा लेने के लिए कि जिसमें उनका खून चूस लिया जाता है। हम गरीबों की भलाई के लिए काम करने वाली सरकार होने के कारण हम एक मुद्रा बैंक का Concept इस बजट में लाए हैं और बजट में लाए इतना ही नहीं अभी तो बजट सत्र चल रहा है, वो मुद्रा बैंक का काम आरंभ हो गया। और उसके अंतर्गत ये जो साढ़े पांच करोड़ सामान्य लोग हैं, जिनको 5 हजार, 10 हजार रुपया भी मिल जाए तो बहुत तेजी से अपने काम को बढ़ा सकते हैं। उनको बैंक loan देने के लिए एक बहुत बड़ा अभियान हमने चलाया है। उनको पैसे मिलने चाहिए, सरकार सामने से जाकर के पूछ रही है कि बताओ भाई तुम्हारे आगे बढ़ने की कोई योजना है क्या? गरीबों के लिए काम करना है, एक के बाद एक कैसे काम होते हैं।

उसी प्रकार से हमारे यहां, हम Corruption के खिलाफ भी बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं, एक ऐसी क्रांति ला रहे हैं जो इस प्रकार के Leakages को अपने आप ताले लग जाएंगे। हमारे यहां गैस सिलिंडर लेने वाले को सब्सिडी मिलती है। अमीर हो, गरीब हो सबको सब्सिडी मिलती है। हमने तय किया कि सब्सिडी Direct बैंक के खाते में जाएगी। जन-धन account खोल दिए, और उस बैंक के खाते में जिसके पास गैस सिलिंडर, Direct सब्सिडी जाएगी, ये दुनिया का सबसे बड़ा विक्रम है कि करीब 12 करोड़ से ज्यादा लोगों के खाते में भारत सरकार सीधी-सीधी गैस सिलिंडर की सब्सिडी देती है। और उसके कारण पहले किसी न किसी नाम से सब्सिडी जाती थी वो सारा बंद हो गया, पहले की तुलना में बहुत बड़ा फर्क आया है। आकंड़ा में बोलना नहीं चाहता हूं इसलिए क्योंकि मैं चाहता हूं कुछ खोज करने वाले लोग इसको खोजें, आप कल्पना नहीं कर सकते हैं अरबों-खरबों रुपयों का leakage था, अरबों-खरबों रुपयों का, जो हमने रोक दिया।

जन-धन account खुलते ही उसको follow-up में किस प्रकार से काम होता है, इसके ये उदाहरण है। और आज तीन नई योजनाएं हैं। हमारे देश, हम जब मुद्रा बैंक लाए तो हमने कहा था “Funding the Unfunded” जिनको Fund नहीं मिलता है, जिनके पैसे नहीं मिलते हैं, उनको Fund देंगे। जब हम जन-धन योजना लेकर के आए तो हमने कहा था, जिसको Banking की व्यवस्था नहीं है, उसको Banking की व्यवस्था, जिसका खाता नहीं, उसका खाता खोलेंगे और आज हम आए हैं कि जिसको सुरक्षा का कवच नहीं है, उसको हम सुरक्षा का कवच देंगे।

एक योजना है प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना - अभी फिल्म में हमने देखा, बड़ा चोट पहुंचाने वाला dialogue था कि 12 रुपए में कफन भी नहीं मिलता है। 12 रुपए में दो लाख रुपए की Insurance scheme हम लेकर के आए हैं, क्योंकि हम चाहते हैं कि देश के सामान्य व्यक्ति के जीवन में - क्योंकि संकट अमीर को नहीं आता है, संकट गरीब को आता है, फुटपाथ पर सोता है, बेचारे को मरना पड़ता है, साईकिल लेकर जाता है, मर जाता है, बच्चा स्कूल जाता है, बस के नीचे आता है, मरता है - उनकी सुरक्षा कौन करेगा? और इसलिए एक जागरुकता आए, भागीदारी बने और जैसे रविंद्रनाथ जी टेगौर ने हमें आदेश दिया है, गुरुदेव का आदेश है, उसको शक्ति दो - ये शक्ति देने का प्रयास है।

2 लाख रुपए का Insurance, अगर Injury हो गई, तो दो लाख रुपया भी मिल सकता है, एक लाख रुपया भी मिल सकता है। आप भी सोचिए, आपके यहां ड्राइवर होगा, आपके यहां झाड़ू-पोंछा करने वाले, कोई बाई काम करती होगी, खाना पकाने वाला कोई काम करता होगा। क्या आपको नहीं लगता है कि 12 रुपया खुद आपकी जेब से देकर के, उसको सुरक्षा का बीमा नहीं निकाल सकते आप? मैं इस देश के उन करोड़ों लोगों से आज प्रार्थना करना चाहता हूं कि आप अपनी जेब से, अपने यहां जो काम करने वाले लोग हैं, आपका ड्राइवर है, वो आपकी Society का lift man हो, गरीब लोग जिसके साथ आपका नेता, आपके मोहल्ले में झाडू लगाने आता है। आप उसे कहिए मेरे लिए 12 रुपये कुछ नहीं है। शाम को कभी कॉफी पीने जाता हूं तो 12 रुपये से ज्या दा खर्च करके आ जाता हूं। मैं तेरे लिए खर्च करूंगा। और अगर एक किस्तै बैंक में जमा कर दी और बैंक वालों को कह दिया कि ब्या ज उसका काटते रहिए, मुझे बताइये कि उसके जीवन को कितनी बड़ी सुरक्षा मिलेगी। और वो कभी आपको छोड़कर के जाएगा क्याउ? कभी नहीं जाएगा।

उसी प्रकार से प्रधानमंत्री जीवन ज्योोति बीमा योजना - पहले वाला जो 12 रुपये वाली स्की म में है Natural Calamity में भी अगर किसी के मृत्युन होती है तब भी उसको benefit मिलेगा। अगर आज ऐसी स्की म नेपाल में हुई होती, तो नेपाल में जो हादसा हुआ उसने परिवारजनों को सबको मदद मिल जाती। और Natural Calamity हमारे हाथ में नहीं होती है। उसी प्रकार से प्रधानमंत्री जीवन ज्योीति बीमा योजना 18 से 50 साल के उम्र के लोगों की है। आमतौर पर आपको मालूम है आप insurance निकालने जाए तो पता नहीं कितने डॉक्टेर आपको check करते हैं, कितना Medical checkup होता है - और वो तय करते हैं कि इनको दें या न दें। पता नहीं यह लुढ़क जाएगा तो। यह स्की म ऐसी है आपको सिर्फ form भरना है। अगर आप बीमार भी होंगे तो भी इसको बीमा मिल सकता है। पहली बार इस प्रकार की सोच के साथ हम आए हैं। गरीब से गरीब व्यीक्ति भी और per day एक रुपये से ज्यासदा नहीं है। 330 रुपये एक दिन का एक रुपया। अगर आप अपने ही employee को, even house wife भी अपना insurance निकाल सकती है। आप अपने छोटे-मोटे काम करने वाले अपने घर के साथ दुकान में काम करने वाले लोग, उनसे भी यह करवा सकते हैं। आप विचार कीजिए 330 रुपया एक व्यमक्ति के लिए साल में खर्च करना, न उनके लिए कोई कठिन है, न उनके लिए कोई करे तो भी कठिन नहीं है। लेकिन एक समाज को सुरक्षा देने का एक बहुत बड़ा काम हो सकता है।

तीसरी हमारी योजना आज जिसका हम प्रांरभ कर रहे हैं - अटल पेंशन योजना। आप देखिए कि हिंदुस्तापन में 10-15% लोगों को ही यह नसीब होता है पेंशन। बाकी सबके लिए बुढ़ापा कहां बिताएंगे चिंता का विषय है, कैसे बिताएंगे चिंता का विषय है। हमारे 60 साल से ऊपर के लोगों की जिंदगी कैसी हो? यह योजना ऐसी है जिसको वोट से लेना-देना नहीं है, क्योंीकि यह योजना का लाभ जब वो 60 साल का होगा, तब शुरू होगा। और अभी तो लगेगा हां यार योजना में जोड़ गया, लेकिन जब लाभ मिलना शुरू होगा न तब उसको रविंद्रनाथ टैगोर की याद आएगी, तब यह कोलकाता के कार्यक्रम की याद आएगी - और तब यह प्रसंग याद आएगा कि हां यार उस दिन यह हुआ था। अब बुढ़ापे में बच्चेद तो नहीं देख रहे, लेकिन यह मोदी जी कुछ करके गए थे यार, कुछ काम आ गया। सामान्यच रहते राजनेता उन योजनाओं को लाते हैं जिसके कारण अगले चुनाव में फायदा हो जाए। लेकिन मैं राजनेता नहीं हूं। मैं एक प्रधान सेवक के रूप में आया हूं। और इसलिए आज जो योजना लाया हूं उन नौजवानों के लिए हैं ताकि आप जब 60 साल के होंगे आपको कभी किसी के सहारे की जरूरत न पड़े। आपके भीतर की शक्ति हो, आपकी अपनी शक्ति हो। आप अपना गौरव के साथ बुढ़ापा भी बिता सको।

अगर आपकी आवश्य कता एक हजार रुपये की पेंशन की है तो उसकी स्की म है, दो हजार पेंशन चाहते हो तो उसकी स्कीयम है, तीन हजार पेंशन चाहते है तो उसकी स्की,म है, चार हजार चाहो तो उसकी स्की म है, पांच हजार चाहो तो उसकी स्कीचम है। और जून महीने से मई महीने तक उसका tenure है, उसमें जुड़ने का। बचत आपको करनी है, लेकिन यह पहली बार ऐसी पेंशन स्कीसम है कि सरकार उसमें गांरटी देती है और आपके पैसे कम पड़ गए तो पैसे भरने का जिम्मास सरकार लेती है। अगर आपको उसका रिटर्न कम मिलेगा तो उसकी जिम्मेावारी सरकार लेती है। और उसके कारण, सामान्य गृहणी भी ये अटल पेंशुं योजना के साथ जुड़ सकती है। किसान - कभी किसान ने सोचा है कि मेरे लिए पेंशन हो सकता है? इस योजना के साथ अगर आज 18 से 40 की उम्र का किसान का बेटा जुड़ा जाता है तो वो जब 60 साल का होगा, अपने आप उसका पेंशन आना शुरू हो जाएगी। एक सुरक्षा का माहौल बनेगा और उसी माहौल को बनाने के लिए सामान्य मानव के जीवन में... और खासकर के गरीब और निम्न, मध्यम वर्ग के लोग जो जीवन को एक संतोष के साथ जीना चाहते हैं, उनके लिए सरकार की योजनाएं होनी चाहिए।

और इसलिए वोट की राजनीति से हटकर के भी, समाज में अगर शक्ति पैदा करेंगे तो शक्तिशाली समाज स्वंय गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एक बहुत बड़ी सेना बनकर के खड़ा हो सकता है। और हमारी कोशिश ये है, हमें गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ना है लेकिन उस लड़ाई लड़ने के लिए हमारे सिपाही, हम गरीबों को वो ताकत देना चाहते हैं, वो स्वंय इस गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए हमारे सिपाही बनेंगे।

और इसलिए गरीबों के कल्याण के लिए आज इन तीन योजनाओं का आरंभ हो रहा है। मुझे विश्वास है कि देश के गरीब 115 स्थान पर इस कार्यक्रम को जो सुन रहे हैं। आज कार्यक्रम का आरंभ हो रहा है विधिवत रूप से, लेकिन हमने जब प्रधानमंत्री जन-धन योजना शुरू की थी तो एक हफ्ते पहले ट्रायल शुरू किया था कि भई देखो कैसे मामला गाड़ी चलती है। और तब हमारा अनुभव था प्रथम सप्ताह में जब हमने काम किया शुरू, नया था, लोगों को समझाना था। लेकिन एक सप्ताह के अंदर हम करीब 1 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोलने में सफल हुए थे। वो भी अपने आप में एक बहुत बड़ा record था। इस बार भी हमने 1 मई से Trail basis पर काम शुरू किया था। बहुत बड़ा announcement नहीं किया था, ऐसे ही शुरू किया था। और आज मुझे गर्व के साथ कहना है कि इस 1 मई से शुरू किया हमने, इस 7 दिन के भीतर-भीतर 5 करोड़, 5 लाख लोगों ने enrolment करा दिया है।

ये अपने आप में सरकार की बातों पर भरोसा कितना है, स्वंय की सुरक्षा के लिए सामान्य मानव जुड़ने के लिए कितना आतुर है और हमारे banking sector के लोग भी सरकार के इस काम को करने के लिए कितने उमंग और उत्साह के साथ जुड़ रहे हैं, इसका ये जीता-जागता उदाहरण है। और मैं पश्चिम बंगाल को भी बधाई देता हूं, ये 5 करोड़, 5 लाख में, 42 लाख पश्चिम बंगाल में भी है, 42 lakhs. आने वाले दिनों में... क्योंकि 1 जून से योजना विधिवत रूप से प्रारंभ होने वाली है। अधिकतम लोगों से मेरा आग्रह है कि 1 जून के पहले इस योजना का लाभ लेने के लिए अपने निकट बैंकों का संपर्क करके, वो जुड़ें। और अटल पेंशन योजना में सरकार की तरफ से जो special incentive दिया जा रहा है, जिसमें सरकार आपको गारंटी दे रही है, सरकार कुछ न कुछ धन दे रही है, ये 31 December तक है। मैं चाहता हूं कि 31 December तक अटल पेंशन योजना में जो भारत सरकार का आपको योगदान मिल रहा है उसका फायदा उठाइए, जून महीने से कार्यक्रम प्रारंभ हो रहा है लेकिन इस बार हमने 30 अगस्त तक उसको लंबा किया है। तो मैं चाहूंगा कि 30 अगस्त के पहले इन तीन योजनाओं में सर्वाधिक लोग जुड़ें।

मुझे विश्वास है कि एक ऐसी सुरक्षा की व्यवस्था हम लेकर के आए हैं जो मूलतः गरीबों के लिए है, सामान्य मानव के लिए है और जो संपन्न लोग हैं, वे भी अपने यहां काम करने वाले लोगों के लिए इस काम में जुड़कर के अपने यहां काम करने वाले और कुछ तो परिवार ऐसे होते हैं दो-दो पीढ़ी तक एक परिवार उनके यहां काम करता है। ड्राइवर होंगे तो तीन पीढ़ी से ड्राइवर उनके यहीं काम करने वाले होंगे, एक प्रकार से वो परिवार के अंग बन जाते हैं। सरकार की ये योजना आपके माध्यम से गरीब की सेवा का एक कारण बन सकता है, आपके जीवन में भी संतोष का कारण बन सकता है। और आखिरकर ये धरती ऐसी है स्वामी विवेकानंद ने हमें दरिद्र नारायण की सेवा करने की प्रेरणा दी थी। ये धरती ऐसी है जहां से रामकिशन मिशन के द्वारा आज भी गरीबों के कितने सेवा के काम हो रहे हैं। हम भी उस संकल्प को लेकर के आगे बढ़ें, इस व्यवस्था का फायदा उठाएं, जन-धन की योजना को जन-कल्याण में परिवर्तित करें। इसी एक अपेक्षा के साथ मैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद।

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August 02, 2025
QuotePM releases 20th instalment of PM-KISAN transferring more than Rs 20,500 crore to over 9.7 crore Farmers across India
QuoteThe Government is working with full strength to change the lives of farmers, to increase their income, to reduce the cost of farming, We stand with farmers from seed to market: PM
QuoteWhoever attacks India will not be safe even in hell: PM
QuoteDuring Operation Sindoor, the strength of India's indigenous weapons was witnessed by the entire world: PM
QuoteThe interests of our farmers, our small industries are paramount for us, the government is making every effort in this direction : PM
QuoteIndia is going to become the third largest economy in the world, it has to be vigilant about its economic interests: PM

नम: पार्वती पतये, हर हर महादेव, सावन के पावन महीने में आज हमके काशी के हमरे परिवार के लोगन से मिले का अवसर मिलल हौ। हम काशी के हर परिवारजन के प्रणाम करत हई।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जी, ब्रजेश पाठक जी, पटना से हमारे साथ जुड़े कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी, देश के अलग-अलग हिस्सों में जुड़े हुए सभी आदरणीय मुख्यमंत्रीगण, गवर्नर श्री, मंत्रिगण, यूपी सरकार के मंत्रिगण, यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी जी, सभी विधायक एवं जनप्रतिनिधि गण और मेरे प्यारे किसान भाइयों एवं बहनों, और विशेष रूप से काशी के मेरे मालिक जनता जनार्दन!

आज हम काशी से देशभर के लाखों किसानों से जुड़े हुए हैं। सावन का महीना हो, काशी जैसा पवित्र स्थान हो और देश के किसानों के साथ जुड़ने का अवसर हो, इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है? आज मैं ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार काशी आया हूँ। जब 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, 26 निर्दोष लोगों की इतनी बेरहमी से हत्या कर दी गई, उनके परिवार की पीड़ा, उन बच्चों का दुख, उन बेटियों की वेदना, मेरा हृदय बहुत तकलीफ से भर गया था। तब मैं बाबा विश्वनाथ से यही मना रहा था कि सभी पीड़ित परिवारों को ये दुख सहने की हिम्मत दें। काशी के मेरे मालिकों, मैंने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का जो वचन दिया था, वो भी पूरा हुआ है। ये महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुआ है। मैं ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को उनके चरणों में समर्पित करता हूँ।

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साथियों,

इन दिनों जब काशी में गंगाजल लेकर जाते हुये शिवभक्तों की तस्वीरें जब देखने का अवसर मिल रहा है दिव्यता से, और खासकर सावन के पहले सोमवार को, जब हमारे यादव बंधु बाबा का जलाभिषेक करने निकलते थे, गौरी केदारेश्वर से कंधे पर गंगाजल लेकर यादव बंधुओं का समूह, कितना मनोरम दृश्य होता है। डमरू की आवाज, गलियों में कोलाहल, एक अद्भुत भाव विश्व पैदा होता है। मेरी भी बहुत इच्छा थी, कि सावन के पवित्र महीने में बाबा विश्वनाथ और मार्कन्डेय महादेव के दर्शन करूँ! लेकिन, मेरे वहां जाने से महादेव के भक्तों को असुविधा न हो, उनके दर्शन में बाधा न पड़े, इसलिए, मैं आज यहीं से भोलेनाथ और मां गंगा को प्रणाम कर रहा हूं। हम सेवापुरी के इ मंच से बाबा काशी विश्वनाथ के प्रणाम करत हई। नम: पार्वती पतये, हर हर महादेव!

साथियों,

कुछ दिनों पहले मैं तमिलनाडु में था, मैं वहां एक हजार साल पुराने एक ऐतिहासिक मंदिर गया था, गंगई-कोंडा चोलापुरम मंदिर, ये मंदिर देश की शैव परंपरा का एक प्राचीन केंद्र है। ये मंदिर हमारे देश के महान और प्रसिद्ध महान राजा राजेन्द्र चोल ने बनवाया था। राजेन्द्र चोल ने उत्तर भारत से गंगाजल मंगवाकर उत्तर को दक्षिण से जोड़ा था। हजार साल पहले, अपनी शिवभक्ति और शैव परंपरा के जरिए राजेन्द्र चोल ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का उद्घोष किया। आज काशी-तमिल संगमम् जैसे प्रयासों के जरिए हम उसे आगे बढ़ाने का एक नम्र प्रयास कर रहे हैं। और मैं जब अभी-अभी गंगई-कोंडा चोलापुरम गया, तो मेरे लिए बहुत संतोष की बात है, कि एक हजार साल बाद आपके आशीर्वाद से, मैं भी गंगाजल लेकर वहाँ गया था। मां गंगा के आशीर्वाद से बहुत ही पवित्र माहौल में वहां पूजा संपन्न हुई। गंगाजल से वहां जलाभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

साथियों,

जीवन में ऐसे अवसर बहुत प्रेरणा देते हैं। देश की एकता ही हर बात नई चेतना जगा देती है और तभी तो ऑपरेशन सिंदूर सफल होता है। 140 करोड़ देशवासियों की एकता ऑपरेशन सिंदूर की ताकत बन जाती है।

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साथियों,

ऑपरेशन सिंदूर जवानों के पराक्रम का वो पल और आज किसानों को प्रणाम करने का अवसर। आज यहाँ एक विराट किसान उत्सव का आयोजन हो रहा है। देश के 10 करोड़ किसान भाई-बहनों के खातों में, 21 हजार करोड़ रुपए पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में भेजे गए हैं।और जब काशी से धन जाता है ना, वो तो अपने आप प्रसाद बन जाता है। 21 हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में जमा।

साथियों,

आज यहाँ भी 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी हुआ है। बाबा के आशीर्वाद से काशी में विकास की अविरल धारा मां गंगा के साथ-साथ आगे बढ़ रही है। मैं आप सभी को, देश के किसानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। अभी कुछ ही दिन पहले काशी में सांसद टूरिस्ट गाइड प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी। यानी स्पर्धा के द्वारा स्किल डेवलपमेंट, स्वयं प्रयास से स्किल डेवलपमेंट, उसके अनेक प्रयोग आज काशी की भूमि में हो रहे हैं। आने वाले दिनों में काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता, सांसद रोजगार मेला समेत कई और आयोजन भी होने वाले हैं। मैं यहां सरकार के सारे मुलाजिमों को, सरकार के सभी अधिकारियों को भी सार्वजनिक रूप से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, ताकि वे जन भागीदारी से युवा पीढ़ी को जोड़कर के ऐसे अद्भुत कार्यकर्मों की रचना करते हैं और सफलता पूर्वक उसको आगे बढ़ाते हैं, इस काम में जुड़े हुए सभी अधिकारी भी बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं। जो ये प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं, उनको भी मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

साथियों,

हमारी सरकार निरंतर किसानों की खुशहाली के लिए काम कर रही है। पहले की सरकारों में किसानों के नाम पर हुई एक घोषणा भी पूरी होना मुश्किल होता था। लेकिन भाजपा सरकार जो कहती है, वो करके दिखाती है! आज पीएम किसान सम्मान निधि सरकार के पक्के इरादों का उदाहरण बन चुकी है।

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भाइयों और बहनों,

आपको याद होगा, 2019 में जब पीएम-किसान सम्मान निधि शुरू हुई थी, तब सपा-काँग्रेस जैसे विकास विरोधी लोग, विकास विरोधी दल कैसी-कैसी अफवाहें फैला रहे थे? लोगों को गुमराह कर रहे थे, किसानों को उलझन में डालते थे, कोई कहता था, मोदी भले ही योजना लाया, लेकिन 2019 का चुनाव जाएगा, ये सब बंद हो जाएगा, इतना ही नहीं मोदी ने जो पैसा अभी जमा किया है ना, वो भी वापस निकाल देगा। कैसा झूठ बोलते हैं। और यही देश का दूर्भाग्य है, कि निराशा की गर्त में डूबा हुआ विरोधी मानसिकता वाले लोग ऐसी ही झूठी सच्चाई को लेकर के जी रहे हैं। ये सिर्फ किसानों से, देश के लोगों से झूठ बोल सकते हैं। आप मुझे बताईये क्या इतने वर्षों में कभी एक भी किश्त बंद हुई क्या? पीएम सम्मान किसान निधि बिना ब्रेक के जारी है। आज तक पौने चार लाख करोड़ रुपए, आंकड़ा याद रखिये, पौने चार लाख करोड़ रुपए किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं। जर आप मेरे साथ बोलेंगे कितने? पौने चार लाख करोड़। कितने? कितने? कितने? और ये पौने चार लाख करोड़, इतने रुपए किसके खाते में जमा किए? किसके खाते में जमा किए? मेरे किसान भाई-बहनों के खाते में जमा किएए। यहां यूपी के भी करीब ढाई करोड़ किसानों को इसका लाभ मिला है। यूपी में किसानों को इस योजना के 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा भेजे गए हैं। इतना ही नहीं, मेरी काशी के किसानों को भी करीब-करीब 900 करोड़ रुपए मिले हैं। आपने ऐसा सांसद चुना कि आपके खाते में 900 करोड़ रुपया आया है। और इससे बड़ी बात, बिना किसी कट-कमीशन के, कोई बिचौलिया नहीं, कोई कट नहीं, कोई कमीशन नहीं, कोई पैसे की हेराफेरी नहीं, सीधे ये पैसे किसानों के खाते में पहुंचे हैं। और मोदी ने ये परमानेंट व्यवस्था बना दी है। ना लीकेज होगी, ना गरीब का हक छीना जाएगा।

साथियों,

मोदी के विकास का मंत्र है- जो जितना पिछड़ा, उसे उतनी ज्यादा प्राथमिकता! जो जितना पिछड़ा, उसे ज्यादा प्राथमिकता! इस महीने केंद्र सरकार ने एक और बड़ी योजना को मंजूरी दी है। इसका नाम है- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना। इस योजना पर 24 हजार करोड़ रुपए, किसानों के कल्याण के लिए, कृषि व्यवस्था के लिए, कृषि विकास के लिए, 24 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। देश के ऐसे जिले जो पिछली सरकारों की गलत नीतियों के कारण विकास की राह में पिछड़ गए, पिछड़े रह गए, जो कृषि उत्पादन भी कम हो रहा है जहां, जहां किसानों की आमदनी भी कम है, अरे कोई पूछने वाला नहीं था, उन जिलों पर प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का फोकस होगा। इससे यूपी के भी लाखों किसानों को फायदा होगा।

साथियों,

किसानों के जीवन में बदलाव के लिए, उनकी आय बढ़ाने के लिए, खेती पर होने वाला खर्च कम करने के लिए, एनडीए सरकार पूरी शक्ति से काम कर रही है, पूरी ताकत लगा रही है। हम बीज से बाजार तक किसानों के साथ खड़े हैं। खेतों तक पानी पहुंचे, इसके लिए देश में लाखों करोड़ रुपये की सिंचाई योजना चलाई जा रही है।

साथियों,

किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती मौसम की होती रही है, कभी ज्यादा बारिश हो गई, कभी ओला गिर गया, पाला पड़ गया! किसानों को इससे सुरक्षा देने के लिए पीएम फसल बीमा योजना शुरू हुई। इस योजना के तहत, ये आंकड़ा याद रखिए, इस बीमा योजना के तहत अब तक पौने दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का क्लेम किसानों को दिया जा चुका है। बीमा के माध्यम से पौने दो लाख करोड़ रुपया। कितना बताएंगे? कितना? पौने दो लाख करोड़ रुपया।

साथियों,

हमारी सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि आपको आपकी फसल की सही कीमत मिले। इसके लिए फसलों की MSP में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। धान और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों की MSP भी बढ़ाई गई है। आपकी उपज सुरक्षित रहे इसलिए सरकार देश में हजारों नए गोदाम भी बनवा रही है।

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भाइयों बहनों,

हमारा जोर कृषि अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी है। हम लखपति दीदी अभियान चला रहे हैं। हमारा लक्ष्य देश में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का है, तीन करोड़ लखपति दीदी। ये सपा वाले तो ये आंकड़ा सुनते ही साईकिल लेकर भाग जाएंगे। अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा लखपति दीदी भी बन भी चुकी हैं। तीन करोड़ का लक्ष्य में से आधा काम पूरा कर लिया। डेढ़ करोड़ गांव में काम करने वाली गरीब परिवार की, किसान परिवार की हमारी बहनें, डेढ़ करोड़ बहने लखपति दीदी बन जाए, ये बहुत बड़ा काम हो रहा है। सरकार के ड्रोन दीदी अभियान ने भी लाखों बहनों की आय बढ़ाई है।

साथियों,

हमारी सरकार कृषि से जुड़ी आधुनिक रिसर्च को खेतों तक पहुंचाने में भी जुटी है। इसके लिए मई और जून के महीने में खास तौर पर विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया गया। लैब से लैंड के मंत्र के साथ सवा करोड़ से अधिक किसानों से सीधा संवाद किया गया है। हमारे देश में ये माना गया है और यह व्यवस्था भी है, कि कृषि यह राज्य का विषय है और सही भी है, लेकिन उसके बावजूद भी भारत सरकार को लगा, एनडीए सरकार को लगा, मोदी सरकार को लगा, कि भले विषय राज्य का हो, राज्य करें, कर पाए ना कर पाए, बहुत से राज्य हैं जो नहीं कर पाते हैं, तो हमने तय किया कि हम खुद भी कुछ करेंगे और करोड़ों किसानों के साथ सीधा संवाद किया।

साथियों,

केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ आप सभी तक निरंतर पहुंचता रहे, इस दिशा में आज मुझे आपके साथ एक अहम जानकारी साझा करनी है। और उसमे मुझे आपकी मदद भी चाहिए, यहां बैठे हुए लोगों की भी मदद चाहिए। आपको पता है जनधन योजना के तहत देश में 55 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले गए हैं। जिनको बैंक के दरवाजे देखने का सौभाग्य नहीं मिला था, ऐसे 55 करोड़ लोगों के खाते, ये मोदी को जब से आपने काम करने का अवसर दिया है ना, मैं यह काम कर रहा था, 55 करोड़। अब इस योजना को हाल ही में 10 साल पूरे हुए हैं। अब बैंकिंग क्षेत्र का किुछ नियम है, नियम ये कहते हैं कि 10 साल बाद बैंक खातों का दोबारा से KYC करना जरूरी होता है। एक प्रक्रिया पूरी करनी होती है। अब आप बैंक में जाएं, करें या ना करें, पहले सब आपको करना होता है। अब मैंने थोड़ा आपका भार कम करने का बीड़ा उठाया है। तो मैंने बैंक वालों से कहा कि लोग आए, केवाईसी करें, अच्छी बात है। हमें नागरिकों को हमेशा जागृत रखना चाहिए। लेकिन हम क्या एक अभियान चला सकते हैं? मैं आज रिजर्व बैंक का, हमारे देश की सभी बैंकों का, बैंक के सभी कर्ता धर्ताओं का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। आज उन्होंने एक ऐसा काम उठाया है, जो हमें गर्व से भर देता है। बैंक के लोग इस 10 करोड़ लोगों को और 10 साल के बाद ये 55 करोड़ लोग अपना फिर से रिव्यू करें इसलिए केवाईसी जो करना है, इस काम को पूरा करने के लिए एक जुलाई से देश भर में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। हमारे बैंक स्वयं हर ग्राम पंचायत तक पहुंच रहे हैं। वहां पर जाकर के मेला लगाते हैं। अब तक ऐसी करीब एक लाख ग्राम पंचायत में बैंक, अपने कैंप, अपना मेला लगा चुके हैं। लाखों लोगों ने दोबारा अपना KYC भी करा लिया है। और ये अभियान आगे भी चलने वाला है। मैं हर ऐसे साथी, जिसका जनधन खाता है, उससे आग्रह करूंगा कि वो फिर से अपना KYC जरूर करा लें।

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साथियों,

ग्राम पंचायतों में बैंक जो स्पेशल कैंप लगा रहे हैं, अभी भी लाखों पंचायतों को काम जारी है। मैं समझता हूं कि इन कैंप का फायदा उठाना चाहिए। और उसके कई फायदे हैं, एक और फायदा भी है, इन कैंपों में, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना., अटल पेंशन योजना, ऐसी अनेक योजनाओं का रजिस्ट्रेशन भी हो रहा है। और ये बीमा तो ऐसा है कि एक चाय के खर्चे से भी कम खर्चा लग जाता है। ये योजनाएं आपकी बहुत मदद करती हैं। इसलिए बैंकों ने जो जितना बड़ा अभियान चलाया है, आप इसका बहुत फायदा लीजिए, पूरे देश के लोगों से मैं कहता हूं, आप इन कैंपों में जरूर जाइए। अगर अब तक इन योजनाओं से नहीं जुड़े हैं, तो उनके लिए रजिस्ट्रेशन कराइए और अपने जनधन खाते का KYC भी कराइए। मैं भाजपा के और एनडीए के सभी प्रतिनिधियों से भी कहूंगा, कि वो ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस अभियान के प्रति जागरूक करें, बैंकों से बात करें, कब कैंप कहां लगने वाला है? वो क्या मदद हम कर सकते हैं। हम सामने से होकर बैंकों के इतने बड़े काम में हाथ बटाएं, उनको मदद करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जहां भी कैंप लगता है, उस इलाके के लोगों को इस अभियान से जोड़े।

साथियों,

आज महादेव की नगरी में विकास और जनकल्याण के इतने काम हुए! शिव का अर्थ ही होता है, शिव का मतलब ही है- कल्याण! लेकिन, शिव का एक रूप और भी है, शिव का एक रूप कल्याण है, शिव का दूसरा रूप है- रुद्र रूप! सामने जब आतंक और अन्याय होता है, तब हमारे महादेव रुद्र रूप धारण करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने भारत का यही रूप देखा है। भारत पर जो वार करेगा, वो पाताल में भी नहीं बचेगा।

लेकिन भाइयों बहनों,

दुर्भाग्य से, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर हमारे देश के कुछ लोगों को भी पेट में दर्द हो रहा है। ये काँग्रेस पार्टी और उनके चेले चपाटे, उनके दोस्त, इस बात को पचा नहीं पा रहे, कि भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। मैं मेरे काशी के मालिकों से पूछना चाहता हूं। भारत की ताकत से आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? ऑपरेशन सिंदूर से गर्व होता है कि नहीं होता है? आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने का आपको गर्व होता है कि नहीं होता है?

साथियों,

आपने वो तस्वीरें देखी होंगी, कैसे हमारे ड्रोन्स, हमारे मिसाइल्स ने सटीक वार करके आतंक के हेडक्वार्टर्स को खंडहर बना दिया। पाकिस्तान के कई सारे एयर बेस तो आज भी ICU में पड़े हैं। पाकिस्तान दुखी है, ये तो सब कोई समझ सकता है, लेकिन पाकिस्तान का ये दुख काँग्रेस और सपा से सहन नहीं हो पा रहा, उधर आतंक का आका रोता है, इधर कांग्रेस-सपा वाले आतंकियों की हालत को देखकर रोते हैं।

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साथियों,

कांग्रेस, हमारी सेनाओं के पराक्रम का लगातार अपमान कर रही है। कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा कहा है। आप मुझे बताइए, सिंदूर कभी भी तमाशा हो सकता है क्या? हो सकता है क्या? क्या सिंदूर को तमाशा कोई कह सकता है क्या? हमारी सेना का पराक्रम, और बहनों के सिंदूर का बदला तमाशा कहने की ये हिम्मत, ये निर्लज्जता।

भाइयों बहनों,

वोट बैंक और तुष्टीकरण की इस राजनीति में ये समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं है। ये सपा के नेता संसद में कह रहे थे, पहलगाम के आतंकवादियों को अभी क्यों मारा? अब बताइए। क्या उनको पूछ फोन करूं क्या? सपा वालों को मारूं कि ना मारूं? कोई मुझे बताए भाई, सामान्य बुद्धि से बताए। क्या आतंकवादियों को मारने के लिए भी क्या इंतजार करना चाहिए क्या? क्या उन्हें भागने का मौका देना था क्या? ये वही लोग हैं, जो यूपी में जब सत्ता में थे, तब आतंकवादियों को क्लीन चीट देते थे। बम धमाके करने वाले आतंकियों से मुकदमे वापस लेते थे। अब उन्हें आतंकवादियों के मारे जाने पर परेशानी हो रही है। इन्हें ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर परेशानी हो रही है। मैं इन लोगों को काशी की धरती से कहना चाहता हूं। ये नया भारत है। ये नया भारत भोलेनाथ को भी पूजता है और देश के दुश्मनों के सामने कालभैरव भी बनना जानता है।

साथियों,

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के स्वदेशी हथियारों की ताकत पूरी दुनिया ने देखी है। हमारे एयर डिफेंस सिस्टम, हमारी स्वदेशी मिसाइलें, स्वदेशी ड्रोन्स, इन्होंने आत्मनिर्भर भारत की ताकत को साबित किया है। खासकर, हमारी ब्रह्मोस मिसाइलें, इनकी दहशत भारत के हर दुश्मन के भीतर भर गई है। पाकिस्तान में कहीं यूं ही ब्रह्मोस आवाज आ जाए ना, तो नींद नहीं आती।

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मेरे प्यारे भाई बहनों,

मैं यूपी का सांसद हूं। यूपी के सांसद के नाते मुझे खुशी है कि वो ब्रह्मोस मिसाइलें हमारे यूपी में भी बनेंगी। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल की manufacturing शुरू हो रही है। यूपी डिफेंस कॉरिडॉर में भी कई बड़ी डिफेंस कंपनियाँ अपने प्लांट लगा रही हैं। आने वाले समय में यूपी में बने हथियार, हिन्दुस्तान के हर भाग में बने हथियार, भारतीय सेनाओं की ताकत बनेंगे। मुझे साथियों बताइए, जब यह आत्मनिर्भर सैन्य शक्ति की बात सुनते हैं आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? जरा पूरी ताकत से हाथ ऊपर करके बताइए आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? गर्व होता है कि नहीं होता है, बोलो हर हर महादेव। अगर पाकिस्तान ने फिर कोई पाप किया, तो यूपी में बनी मिसाइलें, आतंकियों को तबाह कर देंगी।

साथियों,

आज यूपी इतनी तेज गति से औद्योगिक विकास कर रहा है, देश और दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ यहाँ निवेश कर रही हैं, इसके पीछे भाजपा सरकार की विकासपरक नीतियों की बड़ी भूमिका है। सपा के समय में यूपी में अपराधी बेखौफ थे और निवेशक यहां आने से भी डरते थे। लेकिन, भाजपा की सरकार में अपराधी में खौफ हैं, और निवेशक यूपी के भविष्य में भरोसा देख रहे हैं। मैं विकास की इस रफ्तार के लिए यूपी सरकार को बधाई देता हूँ।

साथियों,

मुझे संतोष है कि काशी में विकास का महायज्ञ लगातार जारी है। आज शुरू हुए रेल ओवर ब्रिज, जल जीवन मिशन से जुड़े प्रोजेक्ट्स, काशी के स्कूलों का नवनिर्माण कार्य, होम्योपैथिक कॉलेज का निर्माण, मुंशी प्रेमचंद की विरासत को सहेजना, ये सारे काम, भव्य काशी, दिव्य काशी, समृद्ध काशी और मेरी काशी के निर्माण को गति देंगे। यहां सेवापुरी में आना भी सौभाग्य से ही होता है। ये मॉ कालका देवी की ड्योढी है। मैं यहाँ से मां कालका के चरणों में वंदन करता हूं। मुझे खुशी है कि मॉ कालका धाम का हमारी सरकार ने सुंदरीकरण कर उसे और भव्य बना दिया है। मंदिर तक आना-जाना भी आसान हो गया है। सेवापुरी का इतिहास क्रांति का इतिहास रहा है। स्वतंत्रता संग्राम में यहां के अनेकों लोगों ने भागीदारी की थी। यही वो सेवापुरी है जहां महात्मा गॉधी की कल्पना साकार हुई। यहां घर घर महिला पुरुष के हाथों में चरखा हुआ करता था और संयोग देखिए, अब चांदपुर से भदोही रोड जैसे प्रोजेक्ट से काशी के बुनकरों के साथ भदोही के बुनकर भी जुड़ रहे हैं। इसका लाभ बनारसी सिल्क के बुनकरों को भी होगा, और भदोही के कारीगरों को भी होगा।

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साथियों,

काशी बौद्धिक जनों की नगरी है। आज जब हम आर्थिक प्रगति की बात कर रहे हैं, तो मैं आपका ध्यान वैश्विक हालातों पर भी ले जाना चाहता हूँ। आज दुनिया की अर्थव्यवस्था कई आशंकाओं से गुजर रही है, अस्थिरता का माहौल है। ऐसे में दुनिया के देश अपने-अपने हितों पर फोकस कर रहे हैं। अपने अपने देश के हितों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। भारत भी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। इसलिए भारत को भी अपने आर्थिक हितों को लेकर सजग रहना ही है। हमारे किसान, हमारे लघु उद्योग, हमारे नौजवानों के रोजगार, इनका हित हमारे लिए सर्वोपरि है। सरकार इस दिशा में हर प्रयास कर रही है। लेकिन देश के नागरिक के रूप में भी हमारे कुछ दायित्व हैं। और ये बात सिर्फ मोदी नहीं, हिन्दुस्तान के हर व्यक्ति ने दिल में हर पल बोलते रहना चाहिए, दूसरे को कहते रहना चाहिए, जो देश का भला चाहते हैं, जो देश को तीसरे नंबर की इकॉनमी बनाना चाहते हैं, ऐसा कोई भी राजनीतिक दल हो, कोई भी राजनेता हो, उसने अपने संकोच को छोड़कर के, देश हित में हर पल, हर बार, हर जगह, देशवासियों के अंदर एक भाव जगाना होगा, और वो है - हम स्वदेशी का संकल्प लें! अब हम कौन सी चीजों को खरीदेंगे, कौन से तराजू से तोलेंगे।

मेरे भाइयों बहनों, मेरे देशवासियों,

अब हम कुछ भी खरीदें तो एक ही तराजू होना चाहिए, हम उन चीजों को खरीदेंगे, जिसे बनाने में किसी भारतीय का पसीना बहा है। और जो चीज भारत के लोगों द्वारा बनी है, भारत के लोगों के कौशल्य से बनी है, भारत के लोगों के पसीने से बनी है। हमारे लिए वह स्वदेशी है। हमें वोकल फॉर लोकल, वोकल फॉर लोकल मंत्र को अपनाना होगा। हम संकल्प ले कि हम मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स को ही बढ़ावा देंगे। हमारे घर में जो कुछ भी नया सामान आएगा, मैं नए सामान की बात कर रहा हूं। हमारे घर में जो भी नया सामान आएगा, वो स्वदेशी ही होगा, ये ज़िम्मेदारी हर देशवासी को लेनी होगी। और मैं आज मेरे व्यापार जगत के भाई बहनों से विशेष आग्रह करना चाहता हूं, मैं मेरे दुकानदार भाई बहनों से आग्रह करना चाहता हूं, जब दुनिया इस प्रकार से अस्थिरता के माहौल से गुजर रही है, तब हम भी चाहे व्यापार हो, छोटी दुकान हो, कारोबार करते हो। अब हम हमारे यहां से सिर्फ और सिर्फ स्वदेशी माल ही बेचेंगे।

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साथियों,

यह स्वदेशी माल बेचने का संकल्प भी देश की सच्ची सेवा होगा। आने वाले महीने त्योहारों के महीने हैं। दिवाली आएगी, बाद में शादियों का समय आएगा। हर पल अब स्वदेशी ही खरीदेंगे। मैंने जब देशवासियों को कहा था, वेड इन इंडिया। अब विदेशों में जाकर के शादियां कर करके देश का धन मत लुटाओ। और मुझे खुशी है कई नौजवान मुझे चिट्ठी लिखते थे, कि हमारा परिवार तो विदेश में शादी करना तय किया था। लेकिन आपकी बात सुनकर के अब हमने वहां का सारा कैंसिल कर दिया, थोड़ा खर्चा भी हो गया। लेकिन अब हम भारत में ही शादी करेंगे। हमारे यहां भी बहुत अच्छे स्थान है, जहां शादी ब्याह हो सकता है। हर बात में स्वदेशी का भाव आने वाले दिनों में हमारा भविष्य तय करने वाला है। दोस्तों और यह महात्मा गांधी को भी बड़ी श्रद्धांजलि होगी।

साथियों,

सबके प्रयास से ही विकसित भारत का सपना पूरा होगा। एक बार फिर आपको आज के विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं और भविष्य में वोकल फॉर लोकल खरीदेंगे तो स्वदेशी खरीदेंगे, घर सजाएंगे तो स्वदेशी से सजाएंगे, जिंदगी बढ़ाएंगे तो स्वदेशी से बढ़ाएंगे। इस मंत्र को लेकर के चल पड़े। बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरे साथ बोलो हर हर महादेव।