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The setback in Chandrayaan landing has only made India’s resolve to land on the moon even stronger: PM Modi
Despite setbacks in landing, we must remember that Chandryaan had quite successful journey until now: Prime Minister Modi
We must not be disappointed that Chandrayaan was not able to land on the moon, instead, we need to learn from our mistakes and keep going till we are successful: PM Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय,

आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए, उसकी जय के लिए जीते हैं, आप वो लोग हैं जो मां भारती की जय के लिए जूझते हैं, आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए जज्‍बा रखते हैं और इसलिए मां भारती का सर ऊंचा हो इसके लिए पूरा जीवन खपा देते हैं, अपने सपनों को समाहित कर देते हैं।

साथियों, मैं कल रात को आपकी मन:स्थिति को समझ रहा था, आपकी आंखे बहुत कुछ कहती थीं, आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पाता था और उसके लिए ज्‍यादा देर मैं आपके बीच नहीं रुका। कई रातों से आप सोए नहीं है फिर भी मेरा मन करता था कि एक बार सुबह फिर से आपको बुलाऊं, आपसे बाते करुं। इस मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर व्‍यक्ति एक अलग ही अवस्‍था में था। बहुत से सवाल थे। और बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ते हैं। और अचानक सब कुछ नजर आना बंद हो जाए। मैंने भी उस पल को आपके साथ जीया है। जब communication off आया तो आप सब हिल गए थे। मैं देख रहा था, उसे मन में स्‍वाभाविक प्रश्‍न करता था क्‍यों हुआ, कैसे हुआ और वैज्ञानिक का मन ही तो वही होता है वो हर बात को क्‍यों और क्‍यों से शुरू करता है। बहुत सी उम्‍मीदें थी। मैं देख रहा था उसके बाद भी आपको लगता था अरे यार कुछ तो होगा क्‍योंकि उसके पीछे आपका परिश्रम था, पल-पल आपने बड़ी बारी‍की से आपने बढ़ाया था।

साथियों, आज भले ही कुछ रूकावटें आई हों, रूकावटें हाथ लगी हों लेकिन इससे हमारा हौंसला कमजोर नहीं पड़ा है बल्कि और मजबूत हुआ है। आज हमारे रास्‍ते में भले ही एक आखिरी कदम पर रूकावट आई हो लेकिन इससे हमें अपनी मंजिल के रास्‍ते से डिगे नहीं हैं। आज भले ही हम चंद्रमा की सतह पर हमारी योजना से नहीं जा पाए और अगर कोई कवि को आज की घटना का लिखना होगा, साहित्‍यकारों को लिखना होगा। विज्ञान की सोच, विज्ञान की भाषा अलग है। लेकिन कला और साहित्‍य को किसी को अगर लिखना होगा तो जरूर लिखेगा कि हमनें चांद का इतना वर्णन किया है इतना रोमांटिक वर्णन किया है जीवन में तो चंद्रयान के भी स्‍वभाव में वो आ गया था। और इसलिए आखिरी कदम पर चंद्रयान... चंद्रमा को गले लगाने के लिए दौड़ पड़ा था। कवि ऐसा ही कहेंगे... आज चंद्रमा को छूने की हमारी इच्‍छाशक्ति, चंद्रमा को आगोश में लेने की हमारी इच्‍छाशक्ति और संकल्‍प और प्रबल हुआ है, और मजबूत हुआ है, दृढ़ हुआ है।   

Sisters and brothers of India, my scientist friends, for the last few hours the entire nation was awake. We were awake in solidarity with our scientists, who had embarked on one of the most ambitious mission of our space program.

We came very close but we will need to cover more ground in the times to come. Every Indian is filled with a spirit of pride as well as confidence. We are proud of our space program and scientists, their hard work and determination has ensured a better life not only for our citizens but also for other nations.

It is the outcome of their innovative zeal that several people have got access to a better quality of life including better Health Care and education facilities. India is certain that there will be many more opportunities to be proud and rejoice, thanks.

At the same time, we are full of confidence that when it comes to our space program the best is yet to come.

There are new frontiers to discover and new places to go. We will rise to the occasion and scale newer heights of success.

To our scientists I want to say India is with you. You are exceptional professionals who have made an incredible contribution to national progress.

you have given your best always and will give us several more opportunities to smile true to your nature you ventured into a place where no one had ever done before a bloke

आप लोग मक्‍खन पर लकीर करने वाले नहीं, पत्‍थर पर लकीर करने वाले लोग हैं।

You came as close as you could. Stay steady and look ahead. I also salute the families of our space scientists. Their silent but valuable support remains a major asset.

Sisters and brothers of India resilience and tenacity are Central to India’s ethos. In our glorious history of thousands of years we have faced moments that may have slowed us but they have never crushed our spirit. We have bounced back again and gone to do spectacular things. This is the reason our civilization stands tall.

My dear friends as important as the final result, is the journey and the effort. I can proudly say that the effort was worth it and so was the journey. Our team worked hard, traveled far and those teachings will always remain with us. We will look back at the journey and effort with great satisfaction. The learnings from today will make us stronger and better. There will be a new dawn and a brighter tomorrow very soon .

साथियों, परिणामों से निराश हुए बिना, निरंतर लक्ष्‍य की तरफ बढ़ने की हमारी परंपरा भी रही हैं, और हमारे संस्‍कार भी है। हमारा हजारों वर्ष का इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा हुआ है। जब शुरुआती रूकावटों के बावजूद हमने ऐतिहासिक स्थितिया हासिल की हैं.

खुद इसरो भी कभी ना हार मानने वाली संस्‍कृत का जीता-जागता उदाहरण है। अगर अपनी शुरूआती दिकक्‍तों और चुनौतियों से हम हार जाते तो आज इसरो दुनियां की अग्रणी स्‍पेस एजेंसी में से एक का स्‍थान नहीं ले पाता।

साथियों, परिणाम अपनी जगह है लेकिन मुझे वह पूरे देश को अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों आप सभी के प्रयासों पर गर्व है। मैंने आपसे रात में भी कहा था और अभी फिर कह रहा हूं कि मैं आपके साथ हूं, देश भी आपके साथ है।

साथियों, हर मुश्किल.. हर संघर्ष.. हर कठिनाई हमें कुछ नया सिखा कर जाती है। कुछ नए आविष्‍कार, नई टेक्‍नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है। और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती है वैसे भी मैं मानता हूं ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता होती ही नहीं है केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। हर प्रयोग, हर प्रयास ज्ञान के नए बीज बो कर जाता है। नई संभावनाओं की नींव रखकर के जाता है और हमें अपने असीम सामर्थ्‍य का एहसास दिलाता है।

साथियों, चंद्रयान के सफर का आखिरी पड़ाव भले ही आशा के अनुकूल न रहा हो लेकिन हमें यह भी याद रखना होगा कि चंद्रयान की यात्रा शानदार रही है, जानदार रही है। इस पूरे मिशन के दौरान देश अनेक बार आनंदित हुआ है। गर्व से भरा है इस वक्‍त भी हमारा orbiter पूरी शान से चंद्रमा के चक्‍कर लगा रहा है। मैं खुद भी इस मिशन के दौरान चाहे देश में रहा या विदेश में हर बार चंद्रयान की स्थिति से जुड़ी सूचना लेता रहता था।

साथियों, भारत दुनिया की अहम स्‍पेस पावर में से एक है तो उसके पीछे आप सभी का दशकों से.... जिन साथियों ने इसरो में काम किया है..... उनका परिश्रम है, उनका योगदान है। यह आप ही लोग है जिन्‍होंने अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह पर भारत का झंडा फहराया था। इससे पहले दुनिया में ऐसी उपलब्धि किसी के नाम नहीं थी। हमारे चंद्रयान ने ही दुनिया को चांद पर पानी होने जैसी अहम जान‍कारियां दी। यह भी आपके ही प्रयास थे कि हमने सौ से ज्‍यादा सैटेलाइट एक साथ लान्‍च करके एक नया रिकार्ड बनाया था। जब इसरो के पास success के encyclopedia हो तो रूकावट के एक दो लम्‍हों से आपकी उड़ान out of trajectory नहीं हो सकती।

साथियों, हमारे संस्‍कार, हमारा चिंतन, हमारी सोच इस बात से भरी पड़ी है जो हमें कहते हैं और जिन पर हम विश्‍वास करते हैं वयम् अमृतस्य पुत्र:। हम अमृत की संतान है जिसके साथ अमृत जुड़ा हुआ होता है। अमृत की संतान के लिए न कोई रूकावट है और न ही कोई निराशा। हमें पीछे मुडकर निराश नहीं होना है। हमें सबक लेना है, सीखना है, आगे ही बढ़ते जाना है और लक्ष्‍य की प्राप्ति तक रूकना नहीं है। हम निश्‍चित रूप से सफल होंगे, हम मिशन के अगले प्रयास में भी और उसके बाद हर प्रयास में भी कामयाबी हमारे साथ होगी।

21वीं सदी में भारत के सपनों और आंकाक्षाओं को पूरा करने से हमे कोई भी क्षणिक बाधा रोक नहीं सकती है। आप सभी को आने वाले हर मिशन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। और मैंने पहले कहा भी, विज्ञान परिणामों से कभी संतुष्‍ट नहीं होता है। विज्ञान की inherent quality है प्रयास, प्रयास और प्रयास । वो परिणाम में से भी नए प्रयास के अवसर ढ़ूढंता है, वो परिणाम से रूकता नहीं है। न ही वो परिणाम के सामने झुकता है और ये आपके संस्‍कारों में हैं। और इसीलिए तो देश आपके प्रति गर्व करता है। मेरा आप पर भी विश्‍वास है, मुझसे भी आपके सपने बहुत ऊंचे हैं, मुझसे भी आपके संकल्‍प और गहरे हैं। मुझसे भी आपका प्रयास सिद्धियों को चूमने का सामर्थ्‍य रखता है और इसलिए मैं पूरे विश्‍वास के साथ आपके हौसलों पर भरोसा करके.... दरअसल मैं आपको उपदेश देने नहीं आया हूं। मैंने सुबह-सुबह आपके दर्शन आपसे प्रेरणा पाने के लिए किए हैं। आप अपने-आप में प्रेरणा का समंदर हैं, प्रेरणा की जीता-जागता स्‍वरूप हैं। और इसलिए इस प्रेरणा की पल है मेरे लिए, जहां निराशा को वैज्ञानिक मन आशा में परिवर्तित कर देता है। जहां सपनों को वैज्ञानिक मन सिद्धि में अंकुरित कर देता है, और इसलिए ऐसी सामर्थ्‍यवान, ऊर्जावान, संकल्‍पवान सिद्धि के लिए समर्पित इन साथियों की टोली को अनेक-अनेक बधाई भी देता हूं, अनेक-अनेक शुभकामनाएं भी देता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय,

बहुत-बहुत धन्‍यवाद

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Uttar Pradesh is adding new dimensions to every sector of development: PM Modi in Varanasi
March 24, 2023
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Lays foundation stone of the Passenger Ropeway from Varanasi Cantt station to Godowlia
Dedicates 19 drinking water schemes under the Jal Jeevan Mission
“Kashi defied the apprehensions of people and succeeded in transforming the city”
“Everyone has witnessed the transforming landscape of Ganga Ghats in the past 9 years”
“8 crore households in the country have received tapped water supply in the last 3 years”
“The government strives that every citizen contributes and none are left behind during the development journey of India in the Amrit Kaal”
“Uttar Pradesh is adding new dimensions to every sector of development in the state”
“Uttar Pradesh has emerged from the shadows of disappointment and now treading the path of its aspirations and expectations”

हर-हर महादेव!

आप सब लोगन के हमार प्रणाम बा..

यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगीगण, राज्य सरकार के मंत्रिगण, विधायकगण, अन्य महानुभाव और मेरी काशी के मेरे प्रिय भाइयों और बहनों!

नवरात्र का पुण्य समय है, आज मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन है। ये मेरा सौभाग्य है कि इस पावन अवसर पर आज मैं काशी की धरती पर आप सबके बीच हूं। मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद से आज बनारस की सुख-समृद्धि में एक और अध्याय जुड़ रहा है। आज यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे का शिलान्यास किया गया है। बनारस के चौतरफा विकास से जुड़े सैकड़ों करोड़ रुपए के दूसरे प्रोजेक्ट्स का भी लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। इनमें पीने के पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, गंगा जी की साफ-सफाई, बाढ़ नियंत्रण, पुलिस सुविधा, खेल सुविधा, ऐसे अनेक प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। आज यहां IIT BHU में ‘Centre of Excellence on Machine Tools Design का शिलान्यास भी हुआ है। यानि बनारस को एक और विश्वस्तरीय संस्थान मिलने जा रहा है। इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए बनारस के लोगों को, पूर्वांचल के लोगों को बहुत-बहुत बधाई।

भाइयों और बहनों,

काशी के विकास की चर्चा आज पूरे देश और दुनिया में हो रही है। जो भी काशी आ रहा है, वो यहां से नई ऊर्जा लेकर जा रहा है। आप याद कीजिए, 8-9 वर्ष पहले जब काशी के लोगों ने अपने शहर के कायाकल्प का संकल्प लिया था, तो बहुत लोग ऐसे थे, जिनको आशंकाएं थीं। कई लोगों को लगता था कि बनारस में कुछ बदलाव नहीं हो पाएगा, काशी के लोग सफल नहीं हो पाएंगे। लेकिन काशी के लोगों ने, आप सबने आज अपनी मेहनत से हर आशंका को गलत साबित कर दिया है।

साथियों,

आज काशी में पुरातन और नूतन दोनों स्वरूपों के दर्शन एक साथ हो रहे हैं। मुझे देश-विदेश में मिलने वाले लोग बताते हैं कि वो किस तरह विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण से मंत्रमुग्ध हैं। लोग गंगा घाट पर हुए काम से प्रभावित हैं। हाल ही में जब दुनिया का सबसे लंबा रिवरक्रूज हमारी काशी से चला, उसकी भी बहुत चर्चा हुई है। एक समय था, जब गंगा जी में इसके बारे में सोचना भी असंभव था। लेकिन बनारस के लोगों ने ये भी करके दिखाया। आप लोगों के इन्हीं प्रयासों की वजह से एक साल के भीतर 7 करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए। और आप मुझे बताइए, ये जो 7 करोड़ लोग यहां आ रहे हैं, वो बनारस में ही तो ठहर रहे हैं, वो कभी पूड़ी कचौड़ी खा रहे हैं, कभी जलेबी-लौंगलता का आनंद ले रहे हैं, वो कभी लस्सी का पान कर रहे हैं तो कभी ठंडई का मजा लिया जा रहा है। और अपना बनारसी पान, यहां के लकड़ी के खिलौने, ये बनारसी साड़ी, कालीन का काम, इन सबके लिए हर महीने 50 लाख से ज्यादा लोग बनारस आ रहे हैं। महादेव के आशीर्वाद से ये बहुत बड़ा काम हुआ है। बनारस आने वाले ये लोग अपने साथ बनारस के हर परिवार के लिए आय के साधन ला रहे हैं। यहां आने वाले पर्यटक रोज़गार के, स्वरोज़गार के नए अवसर बना रहे हैं।

साथियों,

8-9 वर्षों के विकास कार्यों के बाद, जिस तेजी से बनारस का विकास हो रहा है, अब उसे नई गति देने का भी समय आ गया है। आज यहां टूरिज्म से जुड़े, शहर के सुंदरीकरण से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। रोड हो, पुल हो, रेल हो, एयरपोर्ट हो, कनेक्टिविटी के तमाम नए साधनों ने काशी आना-जाना बहुत आसान कर दिया है। लेकिन अब हमें एक कदम और आगे बढ़ना है। अब जो ये रोप वे यहां बन रहा है, इससे काशी की सुविधा और काशी का आकर्षण दोनों बढ़ेगा। रोप वे बनने के बाद, बनारस कैंट रेलवे स्टेशन और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बीच की दूरी बस कुछ मिनटों की रह जाएगी। इससे बनारस के लोगों की सुविधा और बढ़ जाएगी। इससे कैंट स्टेशन से गौदोलिया के बीच ट्रैफिक जाम की समस्या भी बहुत कम हो जाएगी।

साथियों,

वाराणसी में आस-पास के शहरों से, दूसरे राज्यों से लोग अलग-अलग काम से भी आते हैं। वर्षों से वो वाराणसी के किसी एक इलाके में आते हैं, काम खत्म करके रेलवे या बस स्टैंड चले जाते हैं। उनका मन होता है बनारस घूमने का। लेकिन सोचते हैं, इतना जाम है, कौन जाएगा? वो बचा हुआ समय स्टेशन पर ही बिताना पसंद करते हैं। इस रोप-वे से ऐसे लोगों को भी बहुत फायदा होगा।

भाइयों और बहनों,

ये रोप-वे प्रोजेक्ट सिर्फ आवाजाही का प्रोजेक्ट भर नहीं है। कैंट रेलवे स्टेशन के ऊपर ही रोप-वे का स्टेशन बनेगा, ताकि आप लोग इसका सीधे लाभ ले सकें। ऑटोमैटिक सीढ़ियां, लिफ्ट, व्हील चेयररैंप, रेस्टरूम और पार्किंग जैसी सुविधाएं भी वहीं उपलब्ध हो जाएगी। रोप वे स्टेशनों में खाने-पीने की सुविधा, खरीदारी की सुविधा भी होगी। ये काशी में बिजनेस और रोजगार के एक और सेंटर के रूप में विकसित होंगे।

साथियों,

आज बनारस की एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में भी बड़ा काम हुआ है। बाबतपुर हवाई अड्डे में आज नए एटीसी टावर का लोकार्पण हुआ है। अभी तक यहां देश-दुनिया से आने वाले 50 से अधिक विमानों को हैंडल किया जाता है। नया एटीसी टावर बनने से ये क्षमता बढ़ जाएगी। इससे भविष्य में एयरपोर्ट का विस्तार करना आसान होगा।

भाइयों और बहनों,

काशी में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जो काम हो रहे हैं, उनसे भी सुविधाएं बढ़ेंगी और आने-जाने के साधन बेहतर हो जाएंगे। काशी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की छोटी-छोटी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही फ्लोटिंगजेट्टी का निर्माण किया जा रहा है। नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा किनारे के शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट का एक बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार हुआ है। पिछले 8-9 वर्षों में आप गंगा के बदले हुए घाटों के साक्षी बने हैं। अब गंगा के दोनों तरफ पर्यावरण से जुड़ा बड़ा अभियान शुरू होने वाला है। सरकार का प्रयास है कि गंगा के दोनों तरफ 5 किलोमीटर के हिस्से में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए इस वर्ष के बजट में भी ऐलान किए गए हैं। चाहे खाद हो या फिर प्राकृतिक खेती से जुड़ी दूसरी मदद इसके लिए नए केंद्र बनाए जा रहे हैं।

साथियों,

मुझे ये भी खुशी है कि बनारस के साथ पूरा पूर्वी उत्तर प्रदेश, कृषि और कृषि निर्यात का एक बड़ा सेंटर बन रहा है। आज वाराणसी में फल-सब्जियों की प्रोसेसिंग से लेकर भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी कई आधुनिक सुविधाएं तैयार हुई हैं। आज बनारस का लंगड़ा आम, गाज़ीपुर की भिंडी और हरी मिर्च, जौनपुर की मूली और खरबूजे, विदेश के बाजारों तक पहुंचने लगे हैं। इन छोटे शहरों में उगाई गईं फल-सब्जियां लंदन और दुबई के बाज़ारों तक पहुंच रही हैं। और हम सब जानते हैं, जितना ज्यादा एक्सपोर्ट होता है, उतना ही अधिक पैसा किसान तक पहुंचता है। अब करखियांव फूडपार्क में जो इंटिग्रेटेड पैकहाउस बना है, उससे किसानों-बागबानों को बहुत मदद मिलने जा रही है। आज यहां पुलिस फोर्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स का भी लोकार्पण हुआ है। मुझे विश्वास है कि इससे पुलिसबल का आत्मविश्वास बढ़ेगा, कानून-व्यवस्था और बेहतर होगी।

साथियों,

विकास का जो रास्ता हमने चुना है, उसमें सुविधा भी है और संवेदना भी है। इस क्षेत्र में एक चुनौती पीने के पानी की रही है। आज यहां पीने के पानी से जुड़ी अनेक परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है और नई परियोजनाओं पर काम भी शुरु हुआ है। गरीब की परेशानी कम करने के लिए ही हमारी सरकार हर घर नल से जल अभियान चला रही है। बीते तीन साल में देश-भर के 8 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचना शुरू हुआ है। यहां काशी और आस-पास के गांवों में भी हजारों लोगों को इसका लाभ मिला है। उज्ज्वला योजना का भी बहुत लाभ बनारस के लोगों को हुआ है। सेवापुरी में नया बॉटलिंग प्लांट इस योजना के लाभार्थियों की भी मदद करेगा। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में गैस सिलेंडर की आपूर्ति सुगम होगी।

साथियों,

आज केंद्र में जो सरकार है, यहां यूपी में जो सरकार है, वो गरीब की चिंता करने वाली सरकार है, गरीब की सेवा करने वाली सरकार है। और आप लोग भले प्रधानमंत्री बोलें, सरकार बोलें, लेकिन मोदी तो खुद को आपका सेवक ही मानता है। इसी सेवाभाव से मैं काशी की, देश की, यूपी की सेवा कर रहा हूं। थोड़ी देर पहले मेरी सरकार की अनेक योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत हुई है। किसी को आंखों की रोशनी मिली, तो किसी को सरकारी मदद से अपनी रोज़ी-रोटी कमाने में मदद मिली। स्वस्थ दृष्टि, समृद्ध काशी अभियान और अभी मैं एक सज्‍जन से मिला तो वो कह रहे थे- साहब स्‍वस्‍थ दृष्टि, दूरदृष्टि करीब एक हजार लोगों का मोतियाबिंद का मुफ्त इलाज हुआ है। मुझे संतोष है कि आज बनारस के हजारों लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। आप याद कीजिए, 2014 से पहले के वो दिन जब बैंकों में खाता खोलने में भी पसीने छूट जाते थे। बैंकों से ऋण लेना, इसके बारे में तो सामान्य परिवार सोच भी नहीं सकता था। आज गरीब से गरीब के परिवार के पास भी जनधन बैंक खाता है। उसके हक का पैसा, सरकारी मदद, आज सीधे उसके बैंक खाते में आता है। आज छोटा किसान हो, छोटा व्यवसायी हो, हमारी बहनों के स्वयं सहायता समूह हों, सबको मुद्रा जैसी योजनाओं के तहत आसानी से ऋण मिलते हैं। हमने पशुपालकों और मछली पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा है। रेहड़ी, पटरी, फुटपाथ पर काम करने वाले हमारे साथियों को भी पहली बार पीएम स्वनिधि योजना से बैंकों से ऋण मिलना शुरु हुआ है। इस वर्ष के बजट में विश्वकर्मा साथियों की मदद के लिए भी पीएम विश्वकर्मा योजना लेकर आए हैं। प्रयास यही है कि अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण में हर भारतीय का योगदान हो, कोई भी पीछे ना छूटे।

भाइयों और बहनों,

अब से कुछ देर पहले मेरी खेलो बनारस प्रतियोगिता के विजेताओं से भी बात हुई है। इसमें एक लाख से अधिक युवाओं ने अलग-अलग खेलों में हिस्सा लिया। सिर्फ ये अपने बनारस संसदीय क्षेत्र में मैं सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बनारस के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा खेलने का मौका मिले, इसके लिए यहां पर नई सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं। पिछले वर्ष सिगरा स्टेडियम के पुनर्विकास का फेज़-1 शुरु हुआ। आज फेज़-2 और फेज़-3 का भी शिलान्यास किया गया है। इससे यहां अब अलग-अलग खेलों की, हॉस्टल की आधुनिक सुविधाएं विकसित होंगी। अब तो वाराणसी में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी बनने जा रहा है। जब ये स्टेडियम बनकर तैयार होगा, तो एक और आकर्षण काशी में भी जुड़ जाएगा।

भाइयों और बहनों,

आज यूपी, विकास के हर क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। कल यानि 25 मार्च को योगी जी की दूसरी पारी का एक वर्ष पूरा हो रहा है। दो-तीन दिन पहले योगी जी ने लगातार सबसे ज्यादा समय तक यूपी के मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड भी बनाया है। निराशा की पुरानी छवि से बाहर निकलकर, यूपी, आशा और आकांक्षा की नई दिशा में बढ़ चला है। सुरक्षा और सुविधा जहां बढ़ती है, वहां समृद्धि आना तय है। यही आज उत्तर प्रदेश में होता हुआ दिख रहा है। आज जो ये नए प्रोजेक्ट्स यहां जमीन पर उतरे हैं, ये भी समृद्धि के रास्ते को सशक्त करते हैं। एक बार फिर आप सभी को विकास के अनेक कामों के लिए बहुत-बहुत बधाई। बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हर-हर महादेव !

धन्‍यवाद।