QuoteThe entire nation has witnessed the extent to which the TMC of Mamata Didi is willing to go to repress democratic voices: PM Modi
QuoteThe election results of 23rd May will provide a reality check to the arrogant and repressive regime of Mamata Didi: PM Modi
QuoteWith renewed supprt from the people, the BJP will make reviving Bengali culture a priority: Prime Minister Modi

भारत माता की…जय

भारत माता की…जय

भारत माता की…जय

गंगा के तट पर बसे आप सभी साथियो को गंगा मां के इस बेटे का प्रणाम।

भाइयो और बहनो, 2019 के इस चुनाव अभियान में पूरे देश ने अपने इस सेवक को भरपूर समर्थन दिया है, लेकिन पश्चिम बंगाल के लोग एक विशिष्ट दायित्व निभाने जा रहे हैं। उनका ये सेवक एक मजबूत सरकार बना पाए, बुलंद हौसले वाली सरकार बना पाए, इसीलिए पश्चिम बंगाल कि जनता ने ठान लिया है की वो बीजेपी को 300 सीटें पार कराएगी। भाइयो-बहनो, अभी मैं हेलीपैड से उतरा, मुझे वहां गाड़ी से बाहर निकल कर रोड शो करना पड़ा। जितने लोग मैं यहां देख रहा हूं, इससे 3 गुना ज्यादा वहां हेलीपैड के पास दोनों तरफ खड़े थे। ये आपका अद्भुत प्यार मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। ये जो मंच पर चढ़ गए उनको नीचे उतारिए, ये पूरा मंच नीचे गिरेगा। वो लाल शर्ट वाले सज्जन, आप नीचे आइए भैया, जो ऊपर हैं सब नीचे आ जाइए। देखिए आपका कोई भी नुकसान वो मेरा नुकसान है। कृपा करके नीचे आ जाइए। देखिए कभी चोट लग जाएगी तो मुझे बहुत दुख होगा भैया। शाबाश, बहुत समझदार लोग हैं।

बहनो और भाइयो, बीजेपी पर इस विशेष आशीर्वाद के साथ ही बंगाल की जनता, दीदी को लोकतंत्र का मतलब भी समझाने जा रही है। जिस प्रकार दीदी, पश्चिम बंगाल को अपनी और अपने भतीजे की जागीर समझ बैठी है, जिस तरह की हरकतें कर रही है, उसे देश भली-भांति जान गया है।

साथियो, चुनाव प्रचार के दौरान और खासकर बीते 3-4 दिन से यहां जो हो रहा है, वो आप सभी देख रहे हैं। टीएमसी के गुंडों ने जो नर्क यहां बना रखा है, जिस प्रकार की हिंसा यहां फैला रखी है, उसके कारण गणतंत्र बदनाम हुआ है। टीएमसी के इन गुंडों ने जिस प्रकार का तूफान मचा दिया और एक कमरे में बंद जहां ताला लगा हुआ है, वहां पर रात को महान शिक्षाविद्, समाज सुधारक ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जी की मूर्ति को तोड़ दिया गया। उस कॉलेज में CCTV कैमरा लगे हुए हैं। क्या कारण है सरकार जैसे नारदा-शारदा के सबूत मिटाए, वैसे इसके सबूत भी मिटाने में लगी है। ये साफ दिखाता है कि वोटबैंक की राजनीति के लिए दीदी किस स्तर पर जा सकती है।  

साथियो, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जी सिर्फ बंगाल के ही नहीं पूरे देश के सपूत थे। उनकी मूर्ति को नुकसान पहुंचाकर, जिन लोगों ने काम किया है, ये पाप किया है मूर्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को कड़ी कार्रवाई की जानी, कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए, ये मेरी मांग है। भाइयो और बहनो, स्वामी विवेकानंद से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी तक भारतीय जनता पार्टी के चिंतन को गढ़ने में बंगाल की संस्कृति का बहुत बड़ा योगदान रहा है। बंगाल के गौरव की रक्षा करना, ये भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता है। आज ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जी जहां भी होंगे, वो देख रहे होंगे की कौन सा दल बंगाल के गौरव की रक्षा के लिए लड़ रहा है और कौन घुसपैठियों की रक्षा लिए काम कर रहा है।   

साथियो, ये भाजपा ही है जिसने बंगाल में हो रहे अत्याचार के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाई। यहां दुर्गा पूजा को लेकर दिक्कत है, सरस्वती पूजा को लेकर दिक्कत है, जय श्री राम बोलना भी यहां गुनाह हो गया है। बंगाल की जनता कुछ वर्षों से इन बातों से बहुत ज्यादा परेशान थी। इन विषयों को राष्ट्रीय पटल पर कौन लेकर के आया, कौन सी पार्टी आज बंगाल की आवाज बनी है? इसका जवाब एक ही है और वो है भारतीय जनता पार्टी।

भाइयो और बहनो, हार की हताशा दीदी को इस तरह से डरा रही है कि वो सरेआम धमकियों पर उतर आई है। आज सुबह-सुबह ही मुझे जेल भेजने की धमकी दी गई है। कल मीडिया में मैंने देखा कि दीदी ने बीजेपी के दफ्तर पर, बीजेपी के ऑफिस पर कब्जा करने की भी धमकी दी है। दीदी, बीजेपी के कार्यकर्ताओं के घर पर कब्जा करने की भी धमकी दे रही है। दीदी, जनता के बीच आपकी जो पहचान बनी है, उसका कारण जमीन और प्रॉपर्टी के लिए आपकी अंधी दौड़ है। इसी मानसिकता से अब आपको बीजेपी के कार्यालयों को भी हड़पना है, इसी मानसिकता से पश्चिम बंगाल आपसे परेशान है और आपका बोरिया-बिस्तर पैक करने की ठान चुका है। ममता दीदी, चुनाव में जय और पराजय तो आता जाता रहता है। ये लोकतंत्र का हिस्सा है। कभी इसी बंगाल की जनता ने आपको इतना स्नेह दिया था, आज वही जनता आज खुले आम आपको हटाना चाहती है। भयभीत मत होइए दीदी, ये बंगाल की सच्चाई को स्वीकार कीजिए।

भाइयो और बहनो, दीदी को पश्चिम बंगाल के सामान्य मानवी की जरा भी चिंता नहीं है, सिर्फ और सिर्फ सत्ता का अहंकार है। वो भारत के प्रधानमंत्री को, अपना प्रधानमंत्री नहीं मानती, लेकिन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते वो थकती नहीं हैं। वो बंगाल के बच्चों को, बंगाल की बेटियों को बात-बात पर जेल में ठूंस देती है, लेकिन घुसपैठियों और तस्करों को उन्होंने खुली छूट दी है। दीदी के गुंडे बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर हमले करते हैं, उन्हें फांसी पर लटका देते हैं, लेकिन दीदी ऐसा करने वालों को और आगे बढ़ाती है। आखिर किस दिशा में बंगाल को वो ले जाना चाह रही है।

भाइयो और बहनो, अपने भतीजे के साथ मिलकर इन्होंने टोलाबाजों और तस्करों का एक सिंडिकेट चला रखा है। जिसने बंगाली मानुष को परेशान कर के रखा है और पश्चिम बंगाल के विकास पर स्पीड ब्रेकर लगा रखा है।

भाइयो और बहनो, पूरे देश में किसानों के बैंक के खाते में मोदी सरकार सीधे पैसे जमा कर रही है, लेकिन दीदी की सरकार सोई हुई है। पूरे देश में गरीब परिवारों को हर वर्ष पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है, लेकिन दीदी ने उसमें भी यहां के गरीबों को वंचित कर दिया है।  

भाइयो और बहनो, गरीबों की जिंदगी आसान बनाने वाले हर काम में दीदी लूट का रास्ता निकाल रही है। दिल्ली से आपका ये सेवक, जो आपके लिए मदद भेजता है उसमें वो अपना स्टीकर लगाती है ताकि आसानी से टोलाबाजी की जा सके। भाइयो बहनो, ये जगह बहुत छोटी है, आप आगे आने की कोशिश मत कीजिए, आपके प्यार के लिए मैं आपका आभारी हूं। आप एक दूसरे को धक्का मत लगाइये। देखिए कुछ माताएं छोटे बच्चे भी लेकर आयी हैं, उनको परेशानी नहीं होनी चाहिए। आप इतना प्यार दे रहे हो, इतना आशीर्वाद दे रहे हो, बस थोड़ी धीरज रखो।  

भाइयो बहनो, सस्ते राशन की योजना हो, घर बनाने की योजना, सड़क बनाने की योजना और सभी केंद्रीय योजनाओं पर दीदी ने अपना स्टीकर लगा दिया है। अरे! स्टीकर दीदी, अपना स्टीकर लगाएं इसे मुझे कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जरा काम तो ढंग से करिए, काम तो जरा देश के लिए करिए। ये देश का काम है, गरीबों का है इतना तो ईमानदारी रखिए, अरे आपको भी पुण्य मिलेगा।

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भाइयो और बहनो, पूरे देश में गांव की सड़कें तेज गति से बन रही है लेकिन पश्चिम बंगाल में हालत खराब है। गंगा जी पर पुल तक यहां की सरकार नहीं बना पा रही है, जबकि हमारा प्रयास की है देश के समुद्री किनारों की कनेक्टिविटी सशक्त हो। इसके लिए देश भर में सागरमाला के तहत बंदरगाहों को सड़कों से जोड़ा जा रहा है। गंगा जी पर जैसे हल्दिया से वाराणसी तक जल मार्ग को विकसित किया गया है, वैसे ही दूसरी नदियों के जल मार्ग पर भी काम चल रहा है। इससे समुद्री किनारे पर बसे क्षेत्रों को लाभ मिलेगा, यहां रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

भाइयो और बहनो, हमारे मछुआरे साथियो की सुविधा के लिए हम व्यापक काम कर रहे हैं। हमने घोषणा की है कि मछुआरों के लिए एक अलग मंत्रालय विभाग बनाया जाएगा। अभी तक पशुपालन विभाग के तहत ही मछली के कारोबार का संचालन होता था। अब अलग विभाग ये सारे काम करेगा। इतना ही नहीं अब मछुआरों के लिए भी किसानों की तरह किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है।   

साथियो, एक तरफ हम लोगों का जीवन आसान बनाने में जुटे हैं, वही तृणमूल अपनी गुंडागर्दी के दम पर आपका जीवन मुश्किल बना रही है, इस गोरख धंधे को बंद करना जरूरी है। आपको एक ही बात याद रखनी है, चुप चाप-कमल छाप

 

मेरे साथ एक नारा बोलेंगे, आप सब मेरे साथ एक नारा बोलेंगे, सब के सब बोलेंगे, सब के सब बोलेंगे? मैं कहूंगा चुप चाप आप कहेंगे कमल छाप। चुप चाप...कमल छाप, चुप चाप...कमल छाप, चुप चाप...कमल छाप, चुप चाप...कमल छाप, चुप चाप...कमल छाप और दूसरा नारा बुलवाता हूं, बूथ-बूथ से टीएमसी साफ, बूथ-बूथ से टीएमसी साफ। बूथ=-बूथ से...टीएमसी साफ, बूथ-बूथ से...टीएमसी साफ, बूथ-बूथ से...टीएमसी साफ, बूथ-बूथ से...टीएमसी साफ। चुप चाप...कमल छाप, चुप चाप...कमल छाप, चुप चाप...कमल छाप।   

भाइयो-बहनो, कमल छाप पर पड़ा हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। भाइयो-बहनो, इनकी सरकार, उनके गुंडे, उनका जुल्म, आपको कुछ नहीं कर सकता। बूथ में जाइए और किसी और को बटन मत दबाने देना, आप खुद अपनी उंगली से कमल के निशान पर बटन दबाना। मतदान करने जाएंगे, सब के सब जाएंगे, भारी मतदान करेंगे, भाजपा को जिताएंगे?

मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। आप इतनी बड़ी मात्रा में आशीर्वाद देने आए, अब दोनों हाथ ऊपर कर के मुट्ठी बंद कर के मेरे साथ बोलिए

भारत माता की...जय

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भारत माता की...जय

बहुत बहुत धन्यवाद।



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India is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM Modi
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteThe success of Chandrayaan mission and your historic journey renew interest in science among the children and youth of the country: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteYour historic journey is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission and will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!