Published By : Admin |
September 17, 2017 | 12:25 IST
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PM Modi lays foundation stone for 'National Tribal Freedom Fighters' Museum in Dhaboi
We remember our freedom fighters from the tribal communities who gave a strong fight to colonialism: PM
Sardar Sarovar Dam would positively impact the lives of people in Gujarat, Maharashtra and Madhya Pradesh: PM Modi
It is because of Sardar Patel we are realising the dream of Ek Bharat, Shreshtha Bharat: PM Modi
The Statue of Unity will be a fitting tribute to Sardar Patel and will draw tourists from all over: PM
India would never forget the excellent leadership of Marshal of the IAF Arjan Singh in 1965: PM
The Prime Minister, Shri Narendra Modi, today dedicated the Sardar Sarovar Dam to the nation. The occasion was marked by prayers and chanting of hymns at the Dam at Kevadia. The Prime Minister unveiled a plaque to mark the occasion.
Later, the Prime Minister visited the construction site of the Statue of Unity, an iconic structure dedicated to Sardar Vallabhbhai Patel, at Sadhu Bet, a short distance from the Sardar Sarovar Dam. He was given an overview of the progress of work at the site.
At a large public meeting in Dabhoi, the Prime Minister unveiled a plaque to mark the laying of foundation stone of the National Tribal Freedom Fighters' Museum. The occasion also marked the closing ceremony of the Narmada Mahotsav, which generated awareness about the River Narmada, in various districts of Gujarat.
Speaking on the occasion, he said the huge gathering shows the respect that people have for Maa Narmada. On the occasion of Vishwakarma Jayanti, he said that he salutes all those who are working to build the nation. Let us leave no stone unturned to build a New India by 2022, the Prime Minister exhorted.
The Prime Minister recalled Sardar Patel's vision of the dam. He said that both Sardar Patel and Dr. Babasaheb Ambedkar gave a lot of emphasis to irrigation and waterways.
The Prime Minister said lack of water resources has been a major impediment to development. He recalled visiting the border areas in the past, when BSF jawans did not have enough water. We brought Narmada waters to the border areas for the jawans, he said.
The saints and seers of Gujarat have played a very big role in the making of the Sardar Sarovar Dam, he said. The waters of the River Narmada will help citizens and transform lives, he added.
The Prime Minister said that in the western part of the country, there is water shortage, and in the eastern part, there is power and gas shortage. He said the Government is working to overcome these shortages, so that India scales new heights of development.
The Prime Minister said the Statue of Unity would be a fitting tribute to Sardar Patel, and would draw tourists from all over. He recalled freedom fighters from tribal communities, who fought against colonialism.
असम के गवर्नर लक्ष्मण प्रसाद आचार्य जी, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा जी, केंद्र में मेरे सहयोगी और यहीं के आपके प्रतिनिधि, असम के पूर्व मुख्यमंत्री, सर्बानंद सोनोवाल जी, असम सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक, अन्य महानुभाव, और विशाल संख्या में आए हुए, हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए हुए, मेरे सभी भाइयों और बहनों, जितने लोग पंडाल में हैं, उससे ज्यादा मुझे वहां बाहर दिखते हैं।
सौलुंग सुकाफा और महावीर लसित बोरफुकन जैसे वीरों की ये धरती, भीमबर देउरी, शहीद कुसल कुवर, मोरान राजा बोडौसा, मालती मेम, इंदिरा मिरी, स्वर्गदेव सर्वानंद सिंह और वीरांगना सती साध`नी की ये भूमि, मैं उजनी असम की इस महान मिट्टी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ।
साथियों,
मैं देख रहा हूँ, सामने दूर-दूर तक आप सब इतनी बड़ी संख्या में अपना उत्साह, अपना उमंग, अपना स्नेह बरसा रहे हैं। और खासकर, मेरी माताएँ बहनें, इतनी विशाल संख्या में आप जो प्यार और आशीर्वाद लेकर आईं हैं, ये हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, सबसे बड़ी ऊर्जा है, एक अद्भुत अनुभूति है। मेरी बहुत सी बहनें असम के चाय बगानों की खुशबू लेकर यहां उपस्थित हैं। चाय की ये खुशबू मेरे और असम के रिश्तों में एक अलग ही ऐहसास पैदा करती है। मैं आप सभी को प्रणाम करता हूँ। इस स्नेह और प्यार के लिए मैं हृदय से आप सबका आभार करता हूँ।
साथियों,
आज असम और पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए बहुत बड़ा दिन है। नामरूप और डिब्रुगढ़ को लंबे समय से जिसका इंतज़ार था, वो सपना भी आज पूरा हो रहा है, आज इस पूरे इलाके में औद्योगिक प्रगति का नया अध्याय शुरू हो रहा है। अभी थोड़ी देर पहले मैंने यहां अमोनिया–यूरिया फर्टिलाइज़र प्लांट का भूमि पूजन किया है। डिब्रुगढ़ आने से पहले गुवाहाटी में एयरपोर्ट के एक टर्मिनल का उद्घाटन भी हुआ है। आज हर कोई कह रहा है, असम विकास की एक नई रफ्तार पकड़ चुका है। मैं आपको बताना चाहता हूँ, अभी आप जो देख रहे हैं, जो अनुभव कर रहे हैं, ये तो एक शुरुआत है। हमें तो असम को बहुत आगे लेकर के जाना है, आप सबको साथ लेकर के आगे बढ़ना है। असम की जो ताकत और असम की भूमिका ओहोम साम्राज्य के दौर में थी, विकसित भारत में असम वैसी ही ताकतवर भूमि बनाएंगे। नए उद्योगों की शुरुआत, आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, Semiconductors, उसकी manufacturing, कृषि के क्षेत्र में नए अवसर, टी-गार्डेन्स और उनके वर्कर्स की उन्नति, पर्यटन में बढ़ती संभावनाएं, असम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मैं आप सभी को और देश के सभी किसान भाई-बहनों को इस आधुनिक फर्टिलाइज़र प्लांट के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। मैं आपको गुवाहटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के लिए भी बधाई देता हूँ। बीजेपी की डबल इंजन सरकार में, उद्योग और कनेक्टिविटी की ये जुगलबंदी, असम के सपनों को पूरा कर रही है, और साथ ही हमारे युवाओं को नए सपने देखने का हौसला भी दे रही है।
साथियों,
विकसित भारत के निर्माण में देश के किसानों की, यहां के अन्नदाताओं की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए हमारी सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए दिन-रात काम कर रही है। यहां आप सभी को किसान हितैषी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। कृषि कल्याण की योजनाओं के बीच, ये भी जरूरी है कि हमारे किसानों को खाद की निरंतर सप्लाई मिलती रहे। आने वाले समय में ये यूरिया कारख़ाना यह सुनिश्चित करेगा। इस फर्टिलाइज़र प्रोजेक्ट पर करीब 11 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यहां हर साल 12 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद बनेगी। जब उत्पादन यहीं होगा, तो सप्लाई तेज होगी। लॉजिस्टिक खर्च घटेगा।
साथियों,
नामरूप की ये यूनिट रोजगार-स्वरोजगार के हजारों नए अवसर भी बनाएगी। प्लांट के शुरू होते ही अनेकों लोगों को यहीं पर स्थायी नौकरी भी मिलेगी। इसके अलावा जो काम प्लांट के साथ जुड़ा होता है, मरम्मत हो, सप्लाई हो, कंस्ट्रक्शन का बहुत बड़ी मात्रा में काम होगा, यानी अनेक काम होते हैं, इन सबमें भी यहां के स्थानीय लोगों को और खासकर के मेरे नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
लेकिन भाइयों बहनों,
आप सोचिए, किसानों के कल्याण के लिए काम बीजेपी सरकार आने के बाद ही क्यों हो रहा है? हमारा नामरूप तो दशकों से खाद उत्पादन का केंद्र था। एक समय था, जब यहां बनी खाद से नॉर्थ ईस्ट के खेतों को ताकत मिलती थी। किसानों की फसलों को सहारा मिलता था। जब देश के कई हिस्सों में खाद की आपूर्ति चुनौती बनी, तब भी नामरूप किसानों के लिए उम्मीद बना रहा। लेकिन, पुराने कारखानों की टेक्नालजी समय के साथ पुरानी होती गई, और काँग्रेस की सरकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा ये हुआ कि, नामरूप प्लांट की कई यूनिट्स इसी वजह से बंद होती गईं। पूरे नॉर्थ ईस्ट के किसान परेशान होते रहे, देश के किसानों को भी तकलीफ हुई, उनकी आमदनी पर चोट पड़ती रही, खेती में तकलीफ़ें बढ़ती गईं, लेकिन, काँग्रेस वालों ने इस समस्या का कोई हल ही नहीं निकाला, वो अपनी मस्ती में ही रहे। आज हमारी डबल इंजन सरकार, काँग्रेस द्वारा पैदा की गई उन समस्याओं का समाधान भी कर रही है।
साथियों,
असम की तरह ही, देश के दूसरे राज्यों में भी खाद की कितनी ही फ़ैक्टरियां बंद हो गईं थीं। आप याद करिए, तब किसानों के क्या हालात थे? यूरिया के लिए किसानों को लाइनों में लगना पड़ता था। यूरिया की दुकानों पर पुलिस लगानी पड़ती थी। पुलिस किसानों पर लाठी बरसाती थी।
भाइयों बहनों,
काँग्रेस ने जिन हालातों को बिगाड़ा था, हमारी सरकार उन्हें सुधारने के लिए एडी-चोटी की ताकत लगा रही है। और इन्होंने इतना बुरा किया,इतना बुरा किया कि, 11 साल से मेहनत करने के बाद भी, अभी मुझे और बहुत कुछ करना बाकी है। काँग्रेस के दौर में फर्टिलाइज़र्स फ़ैक्टरियां बंद होती थीं। जबकि हमारी सरकार ने गोरखपुर, सिंदरी, बरौनी, रामागुंडम जैसे अनेक प्लांट्स शुरू किए हैं। इस क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आज इसी का नतीजा है, हम यूरिया के क्षेत्र में आने वाले कुछ समय में आत्मनिर्भर हो सके, उस दिशा में मजबूती से कदम रख रहे हैं।
साथियों,
2014 में देश में सिर्फ 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का ही उत्पादन होता था। आपको आंकड़ा याद रहेगा? आंकड़ा याद रहेगा? मैं आपने मुझे काम दिया 10-11 साल पहले, तब उत्पादन होता था 225 लाख मीट्रिक टन। ये आंकड़ा याद रखिए। पिछले 10-11 साल की मेहनत में हमने उत्पादन बढ़ाकर के करीब 306 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। लेकिन हमें यहां रूकना नहीं है, क्योंकि अभी भी बहुत करने की जरूरत है। जो काम उनको उस समय करना था, नहीं किया, और इसलिए मुझे थोड़ा एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ रही है। और अभी हमें हर साल करीब 380 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत पड़ती है। हम 306 पर पहुंचे हैं, 70-80 और करना है। लेकिन मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं, हम जिस प्रकार से मेहनत कर रहे हैं, जिस प्रकार से योजना बना रहे हैं और जिस प्रकार से मेरे किसान भाई-बहन हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, हम हो सके उतना जल्दी इस गैप को भरने में कोई कमी नहीं रखेंगे।
और भाइयों और बहनों,
मैं आपको एक और बात बताना चाहता हूं, आपके हितों को लेकर हमारी सरकार बहुत ज्यादा संवेदनशील है। जो यूरिया हमें महंगे दामों पर विदेशों से मंगाना पड़ता है, हम उसकी भी चोट अपने किसानों पर नहीं पड़ने देते। बीजेपी सरकार सब्सिडी देकर वो भार सरकार खुद उठाती है। भारत के किसानों को सिर्फ 300 रुपए में यूरिया की बोरी मिलती है, उस एक बोरी के बदले भारत सरकार को दूसरे देशों को, जहां से हम बोरी लाते हैं, करीब-करीब 3 हजार रुपए देने पड़ते हैं। अब आप सोचिए, हम लाते हैं 3000 में, और देते हैं 300 में। यह सारा बोझ देश के किसानों पर हम नहीं पड़ने देते। ये सारा बोझ सरकार खुद भरती है। ताकि मेरे देश के किसान भाई बहनों पर बोझ ना आए। लेकिन मैं किसान भाई बहनों को भी कहूंगा, कि आपको भी मेरी मदद करनी होगी और वह मेरी मदद है इतना ही नहीं, मेरे किसान भाई-बहन आपकी भी मदद है, और वो है यह धरती माता को बचाना। हम धरती माता को अगर नहीं बचाएंगे तो यूरिया की कितने ही थैले डाल दें, यह धरती मां हमें कुछ नहीं देगी और इसलिए जैसे शरीर में बीमारी हो जाए, तो दवाई भी हिसाब से लेनी पड़ती है, दो गोली की जरूरत है, चार गोली खा लें, तो शरीर को फायदा नहीं नुकसान हो जाता है। वैसा ही इस धरती मां को भी अगर हम जरूरत से ज्यादा पड़ोस वाला ज्यादा बोरी डालता है, इसलिए मैं भी बोरी डाल दूं। इस प्रकार से अगर करते रहेंगे तो यह धरती मां हमसे रूठ जाएगी। यूरिया खिला खिलाकर के हमें धरती माता को मारने का कोई हक नहीं है। यह हमारी मां है, हमें उस मां को भी बचाना है।
साथियों,
आज बीज से बाजार तक भाजपा सरकार किसानों के साथ खड़ी है। खेत के काम के लिए सीधे खाते में पैसे पहुंचाए जा रहे हैं, ताकि किसान को उधार के लिए भटकना न पड़े। अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 4 लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में भेजे गए हैं। आंकड़ा याद रहेगा? भूल जाएंगे? 4 लाख करोड़ रूपया मेरे देश के किसानों के खाते में सीधे जमा किए हैं। इसी साल, किसानों की मदद के लिए 35 हजार करोड़ रुपए की दो योजनाएं नई योजनाएं शुरू की हैं 35 हजार करोड़। पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, इससे खेती को बढ़ावा मिलेगा।
साथियों,
हम किसानों की हर जरूरत को ध्यान रखते हुए काम कर रहे हैं। खराब मौसम की वजह से फसल नुकसान होने पर किसान को फसल बीमा योजना का सहारा मिल रहा है। फसल का सही दाम मिले, इसके लिए खरीद की व्यवस्था सुधारी गई है। हमारी सरकार का साफ मानना है कि देश तभी आगे बढ़ेगा, जब मेरा किसान मजबूत होगा। और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
साथियों,
केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद हमने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से पशुपालकों और मछलीपालकों को भी जोड़ दिया था। किसान क्रेडिट कार्ड, KCC, ये KCC की सुविधा मिलने के बाद हमारे पशुपालक, हमारे मछली पालन करने वाले इन सबको खूब लाभ उठा रहा है। KCC से इस साल किसानों को, ये आंकड़ा भी याद रखो, KCC से इस साल किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी गई है। 10 लाख करोड़ रुपया। बायो-फर्टिलाइजर पर GST कम होने से भी किसानों को बहुत फायदा हुआ है। भाजपा सरकार भारत के किसानों को नैचुरल फार्मिंग के लिए भी बहुत प्रोत्साहन दे रही है। और मैं तो चाहूंगा असम के अंदर कुछ तहसील ऐसे आने चाहिए आगे, जो शत प्रतिशत नेचुरल फार्मिंग करते हैं। आप देखिए हिंदुस्तान को असम दिशा दिखा सकता है। असम का किसान देश को दिशा दिखा सकता है। हमने National Mission On Natural Farming शुरू की, आज लाखों किसान इससे जुड़ चुके हैं। बीते कुछ सालों में देश में 10 हजार किसान उत्पाद संघ- FPO’s बने हैं। नॉर्थ ईस्ट को विशेष ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने खाद्य तेलों- पाम ऑयल से जुड़ा मिशन भी शुरू किया। ये मिशन भारत को खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर तो बनाएगा ही, यहां के किसानों की आय भी बढ़ाएगा।
साथियों,
यहां इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में हमारे टी-गार्डन वर्कर्स भी हैं। ये भाजपा की ही सरकार है जिसने असम के साढ़े सात लाख टी-गार्डन वर्कर्स के जनधन बैंक खाते खुलवाए। अब बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ने की वजह से इन वर्कर्स के बैंक खातों में सीधे पैसे भेजे जाने की सुविधा मिली है। हमारी सरकार टी-गार्डन वाले क्षेत्रों में स्कूल, रोड, बिजली, पानी, अस्पताल की सुविधाएं बढ़ा रही है।
साथियों,
हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। हमारा ये विजन, देश के गरीब वर्ग के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। पिछले 11 वर्षों में हमारे प्रयासों से, योजनाओं से, योजनाओं को धरती पर उतारने के कारण 25 करोड़ लोग, ये आंकड़ा भी याद रखना, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। देश में एक नियो मिडिल क्लास तैयार हुआ है। ये इसलिए हुआ है, क्योंकि बीते वर्षों में भारत के गरीब परिवारों के जीवन-स्तर में निरंतर सुधार हुआ है। कुछ ताजा आंकड़े आए हैं, जो भारत में हो रहे बदलावों के प्रतीक हैं।
साथियों,
और मैं मीडिया में ये सारी चीजें बहुत काम आती हैं, और इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं मैं जो बातें बताता हूं जरा याद रख के औरों को बताना।
साथियों,
पहले गांवों के सबसे गरीब परिवारों में, 10 परिवारों में से 1 के पास बाइक तक होती नहीं थी। 10 में से 1 के पास भी नहीं होती थी। अभी जो सर्वे आए हैं, अब गांव में रहने वाले करीब–करीब आधे परिवारों के पास बाइक या कार होती है। इतना ही नहीं मोबाइल फोन तो लगभग हर घर में पहुंच चुके हैं। फ्रिज जैसी चीज़ें, जो पहले “लग्ज़री” मानी जाती थीं, अब ये हमारे नियो मिडल क्लास के घरों में भी नजर आने लगी है। आज गांवों की रसोई में भी वो जगह बना चुका है। नए आंकड़े बता रहे हैं कि स्मार्टफोन के बावजूद, गांव में टीवी रखने का चलन भी बढ़ रहा है। ये बदलाव अपने आप नहीं हुआ। ये बदलाव इसलिए हुआ है क्योंकि आज देश का गरीब सशक्त हो रहा है, दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब तक भी विकास का लाभ पहुंचने लगा है।
साथियों,
भाजपा की डबल इंजन सरकार गरीबों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं की सरकार है। इसीलिए, हमारी सरकार असम और नॉर्थ ईस्ट में दशकों की हिंसा खत्म करने में जुटी है। हमारी सरकार ने हमेशा असम की पहचान और असम की संस्कृति को सर्वोपरि रखा है। भाजपा सरकार असमिया गौरव के प्रतीकों को हर मंच पर हाइलाइट करती है। इसलिए, हम गर्व से महावीर लसित बोरफुकन की 125 फीट की प्रतिमा बनाते हैं, हम असम के गौरव भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी का वर्ष मनाते हैं। हम असम की कला और शिल्प को, असम के गोमोशा को दुनिया में पहचान दिलाते हैं, अभी कुछ दिन पहले ही Russia के राष्ट्रपति श्रीमान पुतिन यहां आए थे, जब दिल्ली में आए, तो मैंने बड़े गर्व के साथ उनको असम की ब्लैक-टी गिफ्ट किया था। हम असम की मान-मर्यादा बढ़ाने वाले हर काम को प्राथमिकता देते हैं।
लेकिन भाइयों बहनों,
भाजपा जब ये काम करती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ काँग्रेस को होती है। आपको याद होगा, जब हमारी सरकार ने भूपेन दा को भारत रत्न दिया था, तो काँग्रेस ने खुलकर उसका विरोध किया था। काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि, मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहा है। मुझे बताइए, ये भूपेन दा का अपमान है कि नहीं है? कला संस्कृति का अपमान है कि नहीं है? असम का अपमान है कि नहीं है? ये कांग्रेस दिन रात करती है, अपमान करना। हमने असम में सेमीकंडक्टर यूनिट लगवाई, तो भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया। आप मत भूलिए, यही काँग्रेस सरकार थी, जिसने इतने दशकों तक टी कम्यूनिटी के भाई-बहनों को जमीन के अधिकार नहीं मिलने दिये! बीजेपी की सरकार ने उन्हें जमीन के अधिकार भी दिये और गरिमापूर्ण जीवन भी दिया। और मैं तो चाय वाला हूं, मैं नहीं करूंगा तो कौन करेगा? ये कांग्रेस अब भी देशविरोधी सोच को आगे बढ़ा रही है। ये लोग असम के जंगल जमीन पर उन बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाना चाहते हैं। जिनसे इनका वोट बैंक मजबूत होता है, आप बर्बाद हो जाए, उनको इनकी परवाह नहीं है, उनको अपनी वोट बैंक मजबूत करनी है।
भाइयों बहनों,
काँग्रेस को असम और असम के लोगों से, आप लोगों की पहचान से कोई लेना देना नहीं है। इनको केवल सत्ता,सरकार और फिर जो काम पहले करते थे, वो करने में इंटरेस्ट है। इसीलिए, इन्हें अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए ज्यादा अच्छे लगते हैं। अवैध घुसपैठियों को काँग्रेस ने ही बसाया, और काँग्रेस ही उन्हें बचा रही है। इसीलिए, काँग्रेस पार्टी वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण का विरोध कर रही है। तुष्टीकरण और वोटबैंक के इस काँग्रेसी जहर से हमें असम को बचाकर रखना है। मैं आज आपको एक गारंटी देता हूं, असम की पहचान, और असम के सम्मान की रक्षा के लिए भाजपा, बीजेपी फौलाद बनकर आपके साथ खड़ी है।
साथियों,
विकसित भारत के निर्माण में, आपके ये आशीर्वाद यही मेरी ताकत है। आपका ये प्यार यही मेरी पूंजी है। और इसीलिए पल-पल आपके लिए जीने का मुझे आनंद आता है। विकसित भारत के निर्माण में पूर्वी भारत की, हमारे नॉर्थ ईस्ट की भूमिका लगातार बढ़ रही है। मैंने पहले भी कहा है कि पूर्वी भारत, भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बनेगा। नामरूप की ये नई यूनिट इसी बदलाव की मिसाल है। यहां जो खाद बनेगी, वो सिर्फ असम के खेतों तक नहीं रुकेगी। ये बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगी। ये कोई छोटी बात नहीं है। ये देश की खाद जरूरत में नॉर्थ ईस्ट की भागीदारी है। नामरूप जैसे प्रोजेक्ट, ये दिखाते हैं कि, आने वाले समय में नॉर्थ ईस्ट, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। सच्चे अर्थ में अष्टलक्ष्मी बन के रहेगा। मैं एक बार फिर आप सभी को नए फर्टिलाइजर प्लांट की बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिए-
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
और इस वर्ष तो वंदे मातरम के 150 साल हमारे गौरवपूर्ण पल, आइए हम सब बोलें-