QuotePM Modi, addressing a massive gathering in Krishnanagar, West Bengal, honours the legacy of Chaitanya Mahaprabhu, and extends his greetings to the revered mothers, sisters, and daughters present
QuoteHighlighting the developmental projects worth over Rs. 22,000 crores inaugurated in West Bengal, PM Modi emphasized their role in enhancing connectivity, electricity, and job opportunities for the youth
QuotePM Modi criticizes TMC's oppression, autocracy, corruption, and nepotism, alleging betrayal of trust and reluctance to uplift the state's populace in West Bengal
QuotePM Modi underscores BJP government's commitment to healthcare improvement, citing the doubling of government medical colleges in West Bengal in the past decade
QuotePM Modi criticizes TMC's failure to implement central schemes for women's safety and empowerment, urges the youth for support in the upcoming Lok Sabha elections

हरे कृष्णा! हरे कृष्णा !
जय गौरांग महाप्रभु ! जय गौरांग महाप्रभु !
येखाने उपस्थित शबाई के नमोष्कार जानाई

सबसे पहले तो मैं भारतीय जनता पार्टी के हमारे सभी टीम का आभार व्यक्त करता हूं। क्योंकि बीच में से आपके बीच से निकल करके आपके दर्शन करने का मुझे सौभाग्य मिला। इतनी बड़ी तादाद में आप हमें आशीर्वाद देने आए हैं, मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं। मैं यहां सबसे पहले तो आप सब भाई-बहनों से क्षमा चाहता हूं क्योंकि मैदान बहुत छोटा पड़ गया। और उसके कारण आपलोगों को बहुत दिक्कत हो रही है। लेकिन मेरी आपको प्रार्थना है अब मैदान में जरा भी जगह नहीं है, कृपा करके आप आगे आने की कोशिश मत करिए। आप जहां है वहां रुकिए। अब आगे जगह नहीं बची है जी। आप वहीं रुकिए, आप आगे नहीं आ पाएंगे। आप इतनी बड़ी तादाद में आए। पूरा मैदान छोटा पड़ गया। ये आपका प्यार, आपके आशीर्वाद के लिए मैं आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

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ये धरती, भगवान श्री कृष्ण भक्ति के परम प्रचारक चैतन्य महाप्रभु की जन्म स्थली है। मैं चैतन्य महाप्रभु के चरणों में नमन करता हूं। और ये मेरा सौभाग्य है कि भगवान श्रीकृष्ण ने जो द्वारका नगरी बसाई थी जो समुद्र के अंदर डूब चुकी थी, मुझे अभी कुछ दिनों पहले समंदर की गहराई में जा करके उस पुरातन श्रीकृष्ण की भूमि को नमन करने का सौभाग्य मिला।

साथियों,
आप सभी ईश्वर-तुल्य जनता जनार्दन, हमारी माताओं-बहनों-बेटियों को भी मेरा प्रणाम। आपका यहां इतनी बड़ी संख्या में यहां आना ये साफ-साफ संदेश दे रहा है -ऐई बार...चार शो पार, ऐई बार...चार शो पार, ऐई बार...चार शो पार, NDA शोरकर, चार शो पार !

साथियों,
पश्चिम बंगाल में भी आज मेरा ये दूसरा दिन है। इन दो दिनों में पश्चिम बंगाल के विकास से जुड़े 22 हज़ार करोड़ रुपए- Twenty Two Thousand Crore Rupees से ज्यादा के प्रोजेक्टस आपको सौंपने का अवसर मुझे मिला है। ये सारे प्रोजेक्ट, पश्चिम बंगाल की कनेक्टिविटी, बिजली और पेट्रोलियम के इंफ्रास्ट्रक्चर को, पोर्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेंगे। इससे यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आएगा, नौजवानों के लिए अधिक नौकरियां बनेंगी। स्वरोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे, क्षेत्र का भी विकास होगा। लेकिन, यहां जिस तरह TMC की राज्य सरकार चल रही है, उसने बंगाल को निराश कर दिया है। पश्चिम बंगाल की जनता ने बहुत उम्मीदों के साथ TMC को बार-बार इतना बड़ा जनादेश दिया है। लेकिन TMC अत्याचार और विश्वासघात का दूसरा नाम बन गई है। TMC के लिए बंगाल का विकास नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और परिवारवाद ही प्राथमिकता है। TMC माने विश्वाशघात, औत्ताचार, TMC माने भ्रष्टाचार, पोरिवारवाद। TMC बंगाल के लोगों को गरीब बनाए रखना चाहती है, ताकि उसकी राजनीति चलती रहे, उसका खेल चलता रहे।

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साथियों,
यहां की राज्य सरकार क्या काम कर रही है, इसका उदाहरण, पश्चिम बंगाल का पहला एम्स है। मोदी ने पश्चिम बंगाल को पहला एम्स देने की गारंटी दी थी। और मोदी की गारंटी मतलब गारंटी पूरा होने की गारंटी। आमार बांग्लार मानुष बुझलेन- मोदीर गारंटी माने गारंटी पूर्ण होवार गारंटी। नाडिया जिले के कल्याणी में बने इस एम्स का कुछ दिन पहले ही वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मैंने लोकार्पण किया है। लगभग 1 हज़ार बेड्स का ये आधुनिक अस्पताल बहुत सारी सुविधाएं लेकर आया है, रोजगार के अवसर लेकर आया है। लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार को कल्याणी एम्स के बन जाने से दिक्कत है। उसको परेशानी है। वो कह रही है कि इसकी परमीशन क्यों नहीं ली? पूरे पश्चिम बंगाल में TMC के तोलाबाज़ों को, भू-माफिया को, लूट की, गुंडागर्दी की खुली परमीशन है। लेकिन इतने बड़े अस्पताल को लेकर TMC सरकार पर्यावरण से जुड़ी परमीशन का अड़ंगा लगा रही है। कमीशन ना मिले तो TMC सरकार हर तरह की परमीशन रोक देती है। पहले कमीशन फिर परमीशन। मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं। भाजपा सरकार, आयुष्मान योजना के तहत गरीबों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। लेकिन TMC की सरकार, गरीबों की इस योजना को भी यहां लागू नहीं होने दे रही। भाजपा, पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सुविधा के लिए, नौजवानों के भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए यहां स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। देश में जबसे मेडिकल कॉलेज बनने शुरु हुए हैं, तबसे लेकर 2014 तक पश्चिम बंगाल में सिर्फ 14 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। बीते 10 वर्षों में सरकारी मेडिकल कॉलेज की संख्या 26 यानि लगभग दोगुनी हो गई है। (थैंक्यू बेटा, आप नीचे बैठो बेटा…थैंक्यू, थैंक्यू)।

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साथियों,
ये क्षेत्र जूट किसानों, जूट उद्योगों के लिए मशहूर रहा है। लेकिन (मुझे मिल जाएगा बेटा…तुम बैठो…बैठो बेटा, ऐसा नहीं करते…शाबाश।) लेकिन टीएमसी, लेफ्ट और कांग्रेस की गलत नीतियों के चलते, जूट की खेती और उद्योग दोनों बर्बाद हो गए।भाजपा की केंद्र सरकार ने जूट की खेती और उद्योग दोनों के लिए लगातार बड़े निर्णय लिए हैं। ये भाजपा सरकार है जिसने गेहूं, चावल और चीनी की पैकिंग को…पहले जो बड़े-बड़े प्लास्टिक बैग होते थे, वो बंद करा दिए… जूट के बोरों में ही पैक करने का हमने कंपलसरी किया, अनिवार्य कर दिया। इससे यहां की जूट मिलों को हर साल कई हज़ार करोड़ रुपए के ऑर्डर मिलने लगे हैं। भाजपा सरकार जूट के MSP में भी लगातार वृद्धि कर रही है। पश्चिम बंगाल के 100 से अधिक ब्लॉक्स में 3 लाख-Three Lakhs से अधिक किसानों को जूट के सर्टिफाइड बीज दिए गए हैं। जूट किसान हो या फिर फूल की खेती से जुड़े किसान, सभी को पीएम किसान सम्मान निधि का भी बहुत लाभ मिल रहा है।

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साथियों,
पश्चिम बंगाल में TMC ने मां, माटी और मानुष का नारा लगाकर, यहां की माताओं-बहनों का वोट लिया। उनको गुमराह किया। लेकिन आज मां-माटी और मानुष, सभी TMC के कुशासन में रो रहे हैं। संदेशखाली की बहनें इंसाफ की गुहार लगाती रहीं, लेकिन TMC सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी। बंगाल में स्थिति ये है कि यहां पुलिस नहीं बल्कि अपराधी तय करते हैं कि उन्हें कब सरेंडर करना है, कब गिरफ्तार होना है। राज्य सरकार तो चाहती ही नहीं थीं कि संदेशखाली का गुनहगार कभी गिरफ्तार हो। लेकिन ये तो बंगाल की नारीशक्ति, दुर्गा बनकर खड़ी हो गई। भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता उनके साथ खड़ा हो गया, तब मजबूरन इस राज्य सरकार को झुकना पड़ा।

साथियों,
महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए जो भी योजना भारत सरकार लाती है, उसको भी TMC सरकार यहां ठीक से लागू नहीं होने देती। पूरे देश में…(भारत माता की…भारत माता की…नौजवानों आपका जोश मेरे सर आंखों पर…आपका प्यार मेरे सर आंखों पर…लेकिन दोस्तों मैं आपके दर्शन करके यहां आया हूं।अब आप आगे आने की कोशिश मत कीजिए, आपका प्यार मुझे मंजूर है। मैं इस प्यार को कभी भूलूंगा नहीं।लेकिन दोस्तों आप जहां हैं वहीं खड़े रहिए।ऐसा प्यार हर किसी को नसीब नहीं होता है, जो मुझे हो रहा है लेकिन मेरी आपसे प्रार्थना है खासकर नौजवान साथियों से कृपा करके जगह नहीं है, आगे आने की कोशिश मत करो दोस्तों। बोलिए भारत माता की…मेरी बात मानोगे न, पक्का मानोगे…इतने अच्छे लोग हैं बंगाल के…मैं उनको शत-शत प्रणाम करता हूं दोस्तों।) पूरे देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चला। लेकिन पश्चिम बंगाल की सरकार ने इसे यहां लागू नहीं होने दिया। महिला सुरक्षा को सशक्त करने के लिए पूरे देश में महिला हेल्पलाइन स्थापित की गई है। लेकिन TMC सरकार इसे लेकर भी गंभीर नहीं है। बहनों को धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए पूरे देश में 10 करोड़ मुफ्त उज्जवला गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। गरीब परिवार की बहनों को केंद्र सरकार सस्ता सिलेंडर दे रही है। यहां पश्चिम बंगाल में भी इसके लिए 13 लाख एप्लीकेशन आई हैं। लेकिन इसके लिए हर जिले में जो उज्जवला कमेटी बनानी होती है, वो तक TMC सरकार नहीं बना रही है। ये चाहते हैं कि केंद्र की योजनाओं का लाभ किसे मिले, ये भी TMC के तोलाबाज़ ही तय करेंगे। गरीब के घर की योजना को भी ये लोग तोलाबाज़ों के अधीन देना चाहते हैं। हर घर नल की योजना में भी ये लोग तोलाबाज़ों का दखल चाहते हैं। आप सपने में भी नहीं सोच सकते, लेकिन यहां 25 लाख…ये मेरे बंगाल के नौजवान ये आंकड़ा याद रखिए और घर-घर जाके बताइए…बताएंगे? घर-घर जाके बताएंगे? मनरेगा में 25 लाख फर्ज़ी मनरेगा जॉब कार्ड बनवाए गए। जो पैदा नहीं हुआ था उसका कार्ड बना दिया। जो पैसा गांव में गरीब मजदूर को मिलना चाहिए था, उसको TMC के तोलाबाज़ों ने लूट लिया।

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साथियों,
TMC की लगातार कोशिश है कि केंद्र सरकार की योजना पर अपना स्टीकर लगाए और हर स्कीम. को…जरा देशवासी भी सुन लें, ये बंगाल की क्या पहचान बन गई है…यहां की TMC ने कैसे बंगाल को बदनाम किया है। TMC में किस प्रकार के कारनामे चल रहे हैं।आप जानकर चौंक जाएंगे। ये TMC सरकार हर स्कीम को हर स्कीम को स्कैम में बदल देती है। स्कीम को स्कैम में बदलने में TMC की मास्टरी है। भाजपा की केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल के 6 करोड़ मेरे भाई-बहनों को मुफ्त राशन दे रही है। आने वाले 5 वर्ष तक ये योजना चलती रहेगी- ये मोदी की गारंटी है... एटा मोदीर गारंटी। लेकिन इस योजना पर भी TMC के लोग अपना स्टीकर लगाते हैं। ये लोग तो गरीबों का राशन लूटने से भी पीछे नहीं रह रहे हैं।

साथियों,
आने वाले 5 वर्षों में भाजपा सरकार, पूरे देश में निवेश और नौकरी के अनगिनत नए अवसर बनाने वाली है। ये समय पश्चिम बंगाल के लिए भी अभूतपूर्व बदलाव का है। लेकिन इसके लिए आपको शुरुआत इसी लोकसभा चुनाव से करनी होगी। करेंगे…करेंगे…करेंगे। बांग्लार विकाश होबे, तबेई देशेर विकाश होबे। इसलिए, इस बार 42 की 42 सीटों पर कमल खिलना चाहिए। और देश में, अबकी बार...400 पार, ज़रूर होगा। ऐई बार...चार शो पार, ऐई बार...चार शो पार, NDA शोरकर, चार शो पार ! भाइयों-बहनों, अब TMC का मतलब ही बदल गया है। TMC का मतलब है तू, मैं करप्शन ही करप्शन।

साथियों,
आप सब मेरा एक काम करेंगे। मेरा एक काम करेंगे। पक्का करेंगे। सभी नौजवान करेंगे। पक्का, वादा…करने वाले हैं। देखिए गांव-गांव जाना होगा। अगले 100 दिन तक एक-एक घर जाएंगे? 100 दिन तक लोगों को मिलते रहेंगे। मिलकर ये बताएंगे मैं जो कहूंगा वो। उनको बताना मोदी जी आए थे मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। कह देंगे? मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। पक्का पहुंचा देंगे।
मेरे साथ बोलिए…भारत माता की…भारत माता की…भारत माता की…
मैं फिर एक बार जगह कम पड़ने के कारण आपको जो दिक्कत हुई है, संख्या बहुत बड़ी आई है, आप आगे आने की कोशिश भी कर रहे हैं लेकिन बहुत ही मुश्किल हो गया आपलोगों को इसलिए जो आपको दिक्कत हुई है मैं आपका सेवक हूं, सेवक नाते मैं फिर एक बार क्षमा मांगता हूं
मेरे साथ बोलिए…भारत माता की…भारत माता की…भारत माता की…
बहुत-बहुत धन्यवाद!

  • Dheeraj Thakur March 04, 2025

    जय श्री राम।
  • Dheeraj Thakur March 04, 2025

    जय श्री राम
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    जय श्री राम सा
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
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    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • krishangopal sharma Bjp July 10, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp July 10, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp July 10, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

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India is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM Modi
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteThe success of Chandrayaan mission and your historic journey renew interest in science among the children and youth of the country: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteYour historic journey is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission and will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!