Centre has taken a historic move by giving 10% reservation to the economically weak belonging to the General Category: PM Modi
Government will stand with the children of 'Ma Bharti' who have faced persecution in Pakistan, Afghanistan and Bangladesh: PM
I understand the pain of Kashmiri Pandits. We never forgot the situation they faced at the time of exodus: PM

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान श्रीमान रवीन्‍द्र रैना जी, डॉक्‍टर जितेंद्र सिंह, अविनाश राय, शमशेर सिंह, निर्मल सिंह, जुगल किशोर जी, चंद्रमोहन जी, कविंद्र जी, पूर्णिमा जी, शर्मा जी, चंद्रप्रकाश जी, अब्‍दुल गनी जी, किके मनियाल जी, राजीव जी, श्‍याम चौधरी जी, सुखनंदन जी, बाली भगत जी, प्रिया सैठी जी, अजय नंदा जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्‍ठ महानुभव और विशाल संख्‍या में पधारे हुए मेरे प्‍यारे भाईयों और बहनों।

मैं देख रहा हूं कि पंडाल से भी बाहर खैर इतने ही लोग बाहर है, वे धूप का भी मजा ले रहे हैं। मां वैष्‍णों की छत्र छाया में जम्‍मू में एक बार फिर आना मेरे लिए सौभाग्‍य की बात हे। मैं जब भी आता हूं यहां की ऊर्जा मुझे और ज्‍यादा सख्‍ती से काम करने को मुझे प्रेरित करती है। आपक यह ही स्‍नेह मुझे इस बात का एहसास दिलाता रहता है कि मुझे लगातार काम करना है। आपकी आशाओं, अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए मेहनत करनी है। जब मैं यहां बैठा था। कई पुराने चेहरे हाथ ऊपर कर करके मेरा ध्‍यान आकर्षित कर रहे थे। वे सभी पुराने चेहरे, जिनके साथ सालों तक मुझे काम करने का मौका मिला है, आज एक बार फिर उन सबके दर्शन करने का मुझे अवसर मिला है। साथियों आज मुझे जम्‍मू के विकास को नई गति देने वाले छह हजार करोड़ रुपये के अनेक प्रोजेक्‍ट के शिलान्‍यास का और लोकार्पण का अवसर मिला। जम्‍मू में बनने वाला AIMS, Engineering College, Indian Institute of Mass Communication का नया कैम्‍पस, Infrastructure के अन्‍य प्रोजेक्‍ट यहां के लोगों के जीवन को सरल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

भाईयों और बहनों, यह जो सात सौ पचास बेड़ का अत्‍याधुनिक एम्‍स यहां बनने जा रहा है, इससे जम्‍मू वासियों को उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं तो मिलेगी हीशहर के दूसरे मेधावी छात्रों के लिए अनेक नये अवसर भी बनेंगे। एम्‍स के साथ-साथ अनंतनाग, बारामूला, डोडा, कठुआ और राजौरी में पांच मेडिकल कॉलेजों को बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इन कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार ने साढ़े सात सौ करोड़ रुपये से ज्‍यादा का फंड जारी कर दिया है। इन कॉलेजों में जल्‍द ही पढ़ाई भी शुरू होगी। इसका मतलब होगा कि राज्‍य में एमबीबीएस की पांच सौ सीटें आौर बढ़ेगी।

आप चाहते हैं न मेडिकल कॉलेज में यहां के बच्‍चों को अवसर मिले? चाहते है कि नहीं चाहते? सुनाई नहीं देता है? सुनाई देता है, पक्‍का? जम्‍मू-कश्‍मीर में पिछले 70 साल में 500 ही एमबीबीएस की सीटें थी, जो भाजपा सरकार के प्रयास के बाद अब दो गुना से भी अधिक होने वाली है। एम्‍स मेडिकल कॉलेज के अलावा कठुआ का इंजीनियरिंग कॉलेज और जम्‍मू में Indian Institute of Mass Communicationका नया कैम्‍पस यहां के युवा साथियों को professional educationके नये अवसर देने वाले है। मुझे बताया गया है कि यहां पर IIT की बिल्डिंग का काम भी पूरा हो गया है और IIM की बिल्डिंग के लिए काम शुरू होने जा रहा है।

साथियों केंद्र सरकार युवाओं को समान अवसर देने के लिए समर्पित है। हाल में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए शिक्षा और सरकारी सेवाओं में सामान्‍य वर्ग के गरीब युवाओं को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया गया है। इससे जम्‍मू के भी अनेक मेधावी गरीब युवा नौजवानों को लाभ होने वाला है। इसके अलावा सरकार देशभर के शैक्षणिक संस्‍थानों में करीब-करीब 25 प्रतिशत सीटों में भी वृद्धि करने जा रही है। भाईयों और बहनों जम्‍मू में यातायात और दूसरे Infrastructure को भी मजबूत किया जा रहा है। दूर-दराज के इलाकों को जोड़ने यहां की सड़क नेटवर्क को सुधारने के लिए भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज में 40 हजार करोड़ रुपये प्रावधान इस काम के लिए किया है। मुझे इस बात की खुशी है कि इस पैकेज से बन रही सड़क, पुल, सुरंग, National Highway का काम अब तेजी से शुरू हो गया है। चेनाब नदी पर बनने वाले सजवाल पूल से सजवाल और इंद्रीपट्टन की दूरी करीब 50 किलोमीटर से घटकर सिर्फ 5 किलोमीटर रह जायेगी। 2100 करोड़ की लागत से बन रही सेनानी सुध महादेव गोहा सड़‍क के लिए भी बाधाओं को अब दूर कर लिया गया है। अब इस पर तेजी से काम किया जाएगा। इसी तरह जम्‍मू अखनुर पुंज हाइवे पर 5100 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे जम्‍मू अखनुर सेक्‍शन पर भी तेजी से काम चल रहा है। साथियों जम्‍मू में connectivity के साथ-साथ electricity का Infrastructure भी मजबूत किया जा रहा है। किश्‍तवाड़ में चेनाब पर जो electric power project बनेगा, उससे जम्‍मू कश्‍मीर की बिजली की जरूरत तो पूरी होगी ही। यहां के हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। इस प्रोजेक्‍ट के साथ ही सरकार ने रातले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्‍ट को चलाने के भी व्‍यवस्‍था कर ली है। इस प्रोजेक्‍ट के पूरा होते ही राज्‍य को साढ़े आठ सौ मेगावाट अतिरिक्‍त बिजली मिलेगी। ऐसा ही एक प्रोजेक्‍ट पिछले 40 साल से लटका हुआ था। शाहपुरकंदी बांध परियोजना पर भी अब जम्‍मू कश्‍मीर ने पंजाब के साथ समझौता कर लिया है। इससे राज्‍य को बिजली तो मिलेगी साथ ही साबा और कठुआ जिलों की 32 हजार हेक्‍टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में भी लाया जा सकेगा।

भाईयों और बहनों। पहले की सरकारों का देश की आवश्‍यकताओं और भावनाओं को नजरंदाज करने का रवैया आप भलिभांति जानते थे। अब करतारपुर कोरिडोर की बात ही ले लीजिए अगर ध्‍यान गया होता तो आज हमारे गुरूनानक देव जी की भूमि हमारे देश में होती,हिन्‍दुस्‍तान का हिस्‍सा होती। इसी तरह पाकिस्‍तान, अफगानिसतान और बंगलादेश में ऐसे अनेक मां भारती की संतानें हैं जिनके साथ अत्‍याचार हुआ है। हमारे इन भाईयों-बहनों की पीड़ा पर भी किसी ने ध्‍यान नहीं दिया। हमें एक संकल्‍प के साथ नागरिकता कानून में संशोधन का प्रस्‍ताव लाए हैं। यह देश के उस संकल्‍प का हिस्‍सा है, जिसके मुताबिक हम उन सभी लोगों के साथ खड़े रहेंगे, जो कभी भारत का हिस्‍सा थे, लेकिन 1947 में बनी परिस्थितियों के चलते हमसे अलग हो गए। अब अगर उनका आस्‍था के आधार पर शोषण होता है तो उनके साथ देश को खड़ा होना जरूरी है। इन सभी लोगों के हकों की रक्षा के लिए भारत हमेशा खड़ा रहेगा। न्‍याय और जीवन के उनके अधिकारों की रक्षा की जायेगी।

साथियों, आज इस अवसर पर मैं एक और बहुत महत्‍वपूर्ण विषय,बहुत ही भावनापूर्ण विषय पर भी बात करना चाहता हूं। यह विषय है मेरे कश्‍मीरी पंडित, कश्‍मीरी विस्‍थापित भाईयों और बहनों का। केंद्र की सरकार, उनके अधिकार, उनके सम्‍मान, उनके गौरव के लिए प्रतिबद्ध है, समर्पित है। हिंसा और आतंकवाद के जिस दौर में उन्‍हें अपना घर छोड़ना पड़ा, जो यातनाएं सहनी पड़ी, वो हिन्‍दुस्‍तान कभी नहीं भूल सकता। मैं हर अवसर पर कहता नहीं हूं, लेकिन वो पीड़ा है मेरे मन में हमेशा रही है। और इसलिए जब तीन, साढ़े तीन साल पहले जम्‍मू कश्‍मीर के लिए पैकेज का एलान किया गया था, तो अपने कश्‍मीरी पंडित भाईयों-बहनों के लिए एक पहल की गई थी। अब मुझे संतोष है कि श्रीनगर में थोड़ी देर बाद जब मैं पहुंचुंगा तो बांदीपुरा और गान्दरबल में transit accommodationका विस्‍तार करने वाली योजना का शिलिन्‍यास होने जा रहा है। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कश्‍मीरी विस्‍थापितों को जिन तीन हजार पदों पर नियुक्‍त करने का वादा किया गया था, उस पर भी काम शुरू किया जा चुका है।

भाईयों और बहनों, जब हम सरकारमें, गठबंधन में तो बहुत सी चीजें हो नहीं पाई थी। हम लोग बहुत प्राथमिकता दे रहे थे राज्‍य में पंचायत चुनाव को, लेकिन तब वो संभव नहीं हो पाया। अब बीते दिनों यहां हुए पंचायत चुनाव में जिस तरह लोगों ने हिस्‍सा लिया। हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। 70 प्रतिशत से ज्‍यादा मतदाना हुआ। यह अपने आप में अभूतपूर्व है। जम्‍मू-कश्‍मीर के नागरिक इसके लिए बधाई के पात्र है। यहां का administration बधाई का पात्र है। अब राज्‍य में आतंकवाद से भी सख्‍ती से निपटा जा रहा है। पहले की अनेक परियोजनाओं में भी तेजी आई है। मैं विश्‍वास दिलाता हूं कि लोकतंत्र को सशक्‍त करने के लिए जम्‍मू-कश्‍मीर के संतुलित विकास के लिए कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

भाईयों और बहनों केंद्र की सरकार के लिए देशहित और देश के लोगों का हित यह हमारे लिए सर्वोपरि है। दो दिन पहले जो बजट पेश किया गया है, उसमें सबका साथ, सबका विकास के हमारे संकल्‍प को और मजबूत बनाया है। यह बजट गरीब, किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्‍यापारी, युवा हो, बुजुर्ग हो, महिला हो, दलित हो, आदिवासी हो, हर किसी के विकास को गति देने वाला है। देश के 70 साल के इतिहास में पहली बार भाजपा सरकार किसानों के लिए एक ऐसी ऐतिहासिक योजना लेकर आई है, जिसकी पहले कल्‍पना भी नहीं की जा सकती थी।

साथियों, देश के 12 करोड़ से अधिक छोटे किसान परिवारों जिनके पास पांच एकड़ तक की जमीन है, उनको अब हर वर्ष छह हजार रुपये सीधे बैंक खाते में भेजे जाएंगे। मोदी ने जो बैंकों में खातों खुलवाने का अभियान चलाया था, तो उस समय अपने आप को बड़ा दिग्‍गज और बुद्धिमान मानने वाले लोगों ने उसकी मजाक उड़ाई थी, मजाक उड़ाते वो थकते नहीं थे। अब पता चला कि जनधन अकाउंट का फायदा कैसे पहुंचने वाला है। दो-दो हजार रुपये की तीन किश्‍तों में यह रुपये किसानों के खाते में जमा होंगे, जिसमें से पहली किश्‍त आने वाले कुछ समय में ही किसानों के खातों में आने वाली है।

साथियों, पीएम किसान सम्‍मान निधि जिसको short में कहते हैं पीएम किसान। इस योजना के माध्‍यम से 75 हजार करोड़ रुपये सुनिये, 75 हजार करोड़ रुपये, seventy five thousand core rupees किसानों के खाते में सीधे पहुंचने वाले हैं। कोई बिचौलिया नहीं, कोई दलाल नहीं, इससे करोड़ों छोटे किसान जिनको कभी सरकारी मदद नहीं मिली, उनको मदद पहुंचने वाली है।

साथियों, अब आप ही बताइये अगर आप एक मरीज है तो आप क्‍या पसंद करेंगे कि आप हर छह महीने में बीमार पड़े और फिर जब डॉक्‍टर के पास जाए तो डॉक्‍टर कुछ पुडि़या पकड़ा दे, इंजेक्‍शन लगादे, रुपये मार ले। यही क्रम जिंदगीभर चला रहे। हर छह महीने डॉक्‍टर के पास जाना या फिर आप एक बार बीमार पड़ने के बाद और डॉक्‍टर के पास जाए तो डॉक्‍टर आपको उस बीमारी को जड़ से मिटाने का इलाज करे। किसके पास जाएंगे भाई? बार-बार बीमार होना पड़े ऐसे डॉक्‍टर के पास जाएंगे, कि जो बीमारी को जड़ से उखाड़ दे उसके पास जाएंगे? किसके पास जाएंगे? निश्चित तौर पर आप जो जड़ से उखाड़ने वाला डॉक्‍टर है उसके पास ही जाएंगे। लेकिन आज तक हमारे यहां किसानों के लिए पहले वाला ही इलाज अपनाया जा रहा था। बीमार करो, पुडि़या दो, बीमार करो, पुडि़या दो। कर्ज माफी से किसान का कर्ज कभी खत्‍म नहीं हुआ और न ही होता। और बिचौलियों की जैब मोटी होती जाती है। मैं आपको उदाहरण देना चाहता हूं कांग्रेस ने 10 वर्ष पहले 2008-09 में चुनाव जीतने के लिए किसानों के लिए कर्ज माफी का एलान किया था। देश के किसानों पर उस समय छह लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, आज से दस साल पहले की मैं बात बता रहा हूं। जब रिमोर्ट कंट्रोल वाली सरकार चल रही थी। छह लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। छह लाख करोड़ में से कर्ज माफी के नाम पर चुनाव लड़ा, किसानों के वोट बंटोर लिए, किसानों की आंख में धूल झौंक दी, सत्‍ता पर बैठ गए, आने के बाद किया क्‍या। आप चौंक जाएंगे भईया। छह लाख करोड़ का कर्ज था, माफ किया सिर्फ 52 हजार करोड़ रुपये। बात थी छह लाख करोड़ कर्ज माफ करने की। धोखा किया किसानों के साथ और किए सिर्फ 52 हजार करोड़। और जब सीएजी ने जांच की तो उसमें भी 30-35 लाख लोग ऐसे मिले, जो कर्ज माफी के हकदार ही नहीं थे। अब आप मुझे बताइये, यह 30-35 लाख वो कौन लोग थे, वो कौन सा पंजा था जो खजाना खाली कर गया? वो रुपये कहां गए? यह बताने की जरूरत मुझे नहीं हैं, क्‍योंकि देश के नामदारों का दागदार ट्रेक रिकॉर्ड जनता भलिभांति जानती है। देश यह भी जानता है कि जिनकी तब कर्ज माफी हुई वो भी फिर से कर्जदार बन गए, कर्ज में डूब गए। अब जब 10 वर्ष पूरे हो गए तो फिर कर्ज माफी का शोर कांग्रेस ने मचाना पूरा कर दिया। चुनाव आते है, और उनको कर्ज माफी का बुखार आता है, क्‍योंकि यह ऐसी जड़ीबूटी उनके पास थी कि भले-भौले किसानों की आंख में धूल झौंक करके चुनाव निकाल दो, बाद में उनको छोड़ दो। लेकिन फिर एक बार कांग्रेस की वही सच्‍चाई सामने आ रही है।

अब आप देखिए पिछले दिनों क्‍या हुआ। अभी-अभी मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। वहां क्‍या किया? किसानों की कर्ज माफी पर वो चुनाव में आए, मध्‍यप्रदेश में ऐसे किसानों का कर्ज माफ हो रहा है, जिन पर कभी कर्ज ही नहीं था। और जिन पर कर्ज है उनको कितने रुपये का चैक मिला है। आप हैरान हो जाओगे। 13 रुपये का कर्ज माफ हुआ है, 13 रुपये। राजस्‍थान में सरकार ने आते ही हाथ खड़े कर दिए। साथियों, इनकी नीति और नीयत किसानों को कर्ज से मुक्‍त करने की कभी रही नहीं। किसानों के नाम पर बिचौलियों के पेट भरना, जेब भरना, यही सिलसिला चला है। एक पल के लिए मान लिया जाए कि ईमानदारी से किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा, तब भी क्‍या स्थिति बनेगी, यह ईमानदारी से काम करने वाले नहीं है, फिर भी चलो माता वैष्‍णों देवी के चरणों में बैठे हैं, तो हम एक बार सोच ले कि चलो ईमानदारी से करेंगे। इसका लाभ किसको मिलेगा, मैं आपको समझाना चाह रहा हूं। अगर कर्नाटक में जो उन्‍होंन कर्जमाफी का वादा किया है, अगर उसका hundred percent लागू करेंगे और सचमुच से ईमानादी से करेंगे तो भी उसका लाभ सौ किसानों में से 30-40 से अधिक किसानों को नहीं मिलेगा। 100 में से 30-40 और उसमें बेईमान कितने घुस जाएंगें वो अलग। उसी तरह राजस्‍थान में भी अगर यह अपना कर्जमाफी का वादा ईमानदारी से पूरा करते हैं तो भी राजस्‍थान में सौ में से 20-30 को ही लाभ मिलेगा ज्‍यादा को फायदा नहीं मिलेगा। अगर पंजाब में उनकी सरकार है, वहां भी अगर यह ईमानदारी से उन्‍होंने जो कहा है वो लागू करेंगे तो भी 100 में से 20-30 को ही फायदा मिलेगा। ज्‍यादा लोगों को लाभ नहीं मिलेगा। 2008 की इनकी कर्जमाफी का लाभ भी तो औसतन 20-30 लोगों को ही तो मिला है। यानी कांग्रेस की कर्ज माफी से हमेशा 70-80 percent लोग, उससे बाहर रह गए किसान, उन किसानों का क्‍या गुनाह, उन गरीब किसानों का क्‍या गुनाह जो बैंक के दरवाजे तक नहीं जा पाया। उस किसान का क्‍या गुनाह? सिर्फ उनकी अगल-बगल में जो लोग बड़े-बड़े हैं उन्‍हीं के लिए योजनाएं बनती थी। हम जो योजना ले करके आए हैं उसका लाभ देशभर के 12 करोड़ किसान परिवारों को मिलेगा। मतलब कि 100 में से 90-95 किसान हर गांव में इसके हकदार बनेंगे। आपने कल्‍पना की है? साथियों, यह इनकी निराशा का दूसरा और सबसे बड़ा कारण है। आपने देखा होगा जब हमारे वित्‍त मंत्री बजट पढ़ रहे थे, तो विपक्ष का चेहरा कैसा था, सब कुछ लटक गया था, होश गवां बैठे थे। क्‍योंकि पाई-पाई का उपयोग, जनहित में उपयोग, सामान्‍य मानव के कल्‍याण में उपयोग यह उन्‍होंने कभी न सोचा है, न सीखा है, न किया है। एक तो कर्ज माफी से मिलने वाला कर्ज चला गया, बिचौलियों की दुकानें बंद हो गई। और दूसरा उनके चुनावी गुब्‍बारे की हवा भी निकल गई। कर्जमाफी से इस सलतनत वापसी की कांग्रेस की इस 10 वर्षीय योजना से अब किसान सचेत हो चुका है।

भाईयों और बहनों, मैं आपको बताना चाहूंगा कि परसों बजट में घोषित की गई पीएम किसान सम्‍मान योजना का लाभ केवल एक बार नहीं, एक बार की योजना नहीं है, यह हर वर्ष मिलेगा। और यह तो हर वर्ष... और इनका क्‍या था, 10 वर्ष बाद, आप देखिए हिसाब जरा, 10 साल में एक बार, 50-60 हजार करोड़ रुपये कर्ज माफी करके 10 साल तक अपने आप को किसानों का मसीहा बताते रहते थे। भाजपा सरकार ने जो योजना बनाई है अगर उसको आने वाले 10 साल के हिसाब से देखा जाए तो आने वाले 10 साल में यह पीएम किसान योजना के तहत जो हर वर्ष किसान के खाते में छह हजार रुपया जाने वाला है, उसका अगर मैं 10 साल का हिसाब लगाऊं, तो साढ़े सात लाख करोड़ रुपया किसानों के खाते में जमा होंगे।

साथियों, पीएम किसान समृद्धि योजना बीते साढ़े चार वर्ष से किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए किया जा रहा प्रयासों का एक बड़ा पढ़ाव है। बीच से बाजार तक अनेक प्रयास निरंतर किये जा रहे हैं। खेती पर होने वाला खर्च कम करने की कोशिश के साथ-साथ किसान को पैदरावार की उचित कीमत मिले, इसके लिए भी अनेक प्रयास किए गए। यह हमारी सरकार ही है, जिसने एमएसपी पर किसानों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया गया है। रबी और खरीब की 22 फसलों का समर्थन मूल्‍य डेढ़ गुना से अधिक तय किया गया है। अब राज्‍य सरकारों को इस बात के लिए प्रोत्‍साहित किया जा रहा है कि यह समर्थन मूल्‍य किसानों तक पहुंचे।

साथियों, इस बजट में जय किसान के साथजय जवान के लिए भी बहुत बड़ा फैसला लिया गया है। जम्‍मू तो डोगरा परंपरा, शौर्य की भूमि है। मैं जम्‍मू कश्‍मीर के हजारों फौजी परिवारों को बधाई देता हूं, क्‍योंकि देश का Defense Budget तीन लाख करोड़ रुपये के पार कर गया है। इससे हमारी रक्षा तैयारियां तो मजबूत होगी ही, हमारे जवानों को भी लाभ मिलेगा।

भाईयों और बहनों, देश इस बात का भी साक्षी रहा है कि कैसे चार दशकों से ‘one rank one pension’का मुद्दा लटका हुआ था। नीयत में क्‍या अंतर होता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस की सरकार ने ‘one rank one pension’के लिए 2014 में ऐसे ही आंकड़ा मार दिया थाबजट में 500 करोड़ का, जबकि केंद्र की भाजपा सरकार इसके लिए अब तक 35 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा आवंटित कर चुकी है। यह कितना झूठ बोलते थे। 500 करोड़ में घोषणाएं करते थे, जरूरत थी 35 हजार करोड़ की। लेकिन सेना की जवान की आंख में भी धूल झौंकने में उनको कोई शर्म नहीं आई। इसमें भी लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का तो एरियर ही है, जो देशभर के सैनिक परिवारों के खाते में पहुंच चुका है।

साथियों, आज जम्‍मू और कश्‍मीर पुलिस हो, हमारा central forces के जवान हो, सेना के जवान हो, मुश्किल परिस्थितियों में भी देश और शांति के दुश्‍मनों से लौहा ले रहे हैं। मैं शहीद नजीर अहमद वाणी, शहीद औरंगजेब, इम्तियाज़ अहमद मीर जैसे अनेक बहादुर साथियों को आरदपूर्वक श्रद्धासूमन अर्पित करता हूं। मैं हर शहीद के परिवार को विश्‍वास दिलाता हूं कि देश की सरकार आपके साथ हर कदम पर खड़ी रहेगी। मैं सीमा पार गोलीबार का सामना कर रहे परिवारों को भी आश्‍वस्‍त करता हूं कि उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। एक तरफ तो दुश्‍मन को करारा जवाब दिया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ सीमा पार 14 हजार बंकर बनाए जा रहे हैं, ताकि आप सभी सुरक्षित रह सके।

भाईयों और बहनों, देश की सुरक्षा और देशवासियों का जीवन स्‍तर ऊपर उठाने के लिए नये भारत के निर्माण के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से समर्पित है। आप सभी के सहयोग से नया भारत सक्षम भी होगाऔर सुरक्षित भी होगा। एक बार फिर से विकास की सभी योजनाओं के लिए मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिये –

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत बहुत धन्‍यवाद।

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Prime Minister Pays Tribute to the Martyrs of the 2001 Parliament Attack
December 13, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi today paid solemn tribute to the brave security personnel who sacrificed their lives while defending the Parliament of India during the heinous terrorist attack on 13 December 2001.

The Prime Minister stated that the nation remembers with deep respect those who laid down their lives in the line of duty. He noted that their courage, alertness, and unwavering sense of responsibility in the face of grave danger remain an enduring inspiration for every citizen.

In a post on X, Shri Modi wrote:

“On this day, our nation remembers those who laid down their lives during the heinous attack on our Parliament in 2001. In the face of grave danger, their courage, alertness and unwavering sense of duty were remarkable. India will forever remain grateful for their supreme sacrifice.”