Our Government has always given priority towards welfare of farmers: PM Modi

Published By : Admin | January 2, 2020 | 15:40 IST
There was a period when only 15 paise out of one rupee reached the beneficiaries. But now the poor directly get benefits without intervention of the middlemen: PM
Our Government has always given priority to the interests of our farmers: PM Modi
Due to the efforts of the government, both the production and export of spices from India has increased considerably: PM

आप सभी को नमस्कार। सबसे पहले आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं। साथ ही, फसल कटाई के त्योहार संक्रांति की भी आपको शुभकामनाएं।

कर्नाटक के लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री और रायतुबंधु श्रीमान येदियुरप्‍पा जी, केन्‍द्रीय केबिनेट की मेरे सहयोगी और देश में कृषि आंदोलन चला रहे मेरे साथी श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर जी, श्री सदानंद गौड़ा जी, श्री प्रह्लाद जोशी जी, मणिपुर के मुख्‍यमंत्री श्रीमान एन. बिरेन सिंह, उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री श्रीमान त्रि‍वेन्‍द्र सिंह रावत जी, केन्‍द्र व कर्नाटक सरकार के अन्‍य मंत्रिगण, सांसदगण, विधायकगण, देश के दूसरे राज्‍यों से आए सभी प्रति‍निधिगण और भारी संख्‍या में यहां जुटे मेरे किसान बंधु-भगिनी।

नए वर्ष, नए दशक की शुरुआत में, देश के अन्नदाता-हमारे किसान भाई-बहनों के दर्शन होना, मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। मैं 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से, देश के हर किसान को नए वर्ष की शुभकामनाएं देता हूं, देश के लिए अन्न उपजाने वाले किसानों का आभार व्यक्त करता हूं। ये आप किसानों का ही परिश्रम है जिसकी वजह से आज भारत में अन्न उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है।

देश के कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने वाले ऐसे ही किसान साथियों और उनके राज्यों को सम्मानित करने का आज मुझे यहां अवसर मिला है। कृषि कर्मण अवार्ड पाने वाले सभी किसानों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उनके प्रयासों की प्रशंसा करता हूं।

आज ही यहां तमिलनाडु और कर्नाटका के मछलीपालकों को, मछुआरों को, डीप सी फिशिंग बोट और ट्रांसपोंडर्स दिए गए हैं। इसके लिए मैं अपने सभी मछुआरे साथियों को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों, कृषि कर्मण अवार्ड के साथ ही, आज कर्नाटका की ये धरती, एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की गवाह बनी है। आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 8 करोड़वें किसान साथी के खाते में पैसा जमा किया गया है। इतने कम समय में ये उपलब्धि हासिल करना बहुत बड़ी बात है। इतना ही नहीं, आज अभी, इस कार्यक्रम में ही एक साथ देश के 6 करोड़ किसान परिवारों के खाते में 12 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं।

साथियों, देश में एक वो दौर भी था जब देश में गरीब के लिए एक रुपए भेजा जाता था तो सिर्फ 15 पैसे पहुंचते थे। बाकी के 85 पैसे बिचौलिए मार जाते थे।

आज जितने भेजे जा रहे हैं, उतने, पूरे के पूरे सीधे गरीब के खाते में पहुंच रहे हैं। मैं कर्नाटका सहित देशभर की उन राज्य सरकारों का बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, जो लाभार्थी किसानों की पहचान का काम तेज़ी से कर रही हैं।

नए वर्ष में मैं उम्मीद करता हूं कि वो राज्य, जो पीएम किसान सम्मान योजना से नहीं जुड़े हैं, अब इस साल इस योजना से जरूर जुड़ेंगे। ये योजना इस दल की है, हमारी नहीं, या इस योजना को लागू करेंगे तो उसको लाभ मिलेगा, इस सोच और तौर-तरीके ने देश के लोगों का बहुत नुकसान किया है।

देश के किसानों को भी इस तरह की राजनीति ने कभी मजबूत नहीं बनने दिया।

आपकी आवश्यकताओं, आपकी चिंताओं, आपकी जरूरतों को समझा हमारी सरकार ने। हमने कृषि को टुकड़ों-टुकड़ों में नहीं, पूरी समग्रता से देखा, और इस सेक्टर से जुड़ी चुनौतियों के लिए मिलकर प्रयास किया।

साथियों, दशकों से लटकी सैकड़ों सिंचाई परियोजनाएं हों, फसल बीमा से जुड़े नियमों में बदलाव हो, सॉयल हेल्थ कार्ड हो या फिर यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग, हमने हमेशा किसानों के हितों को प्राथमिकता दी। कई बरसों से किसान मांग कर रहे थे कि MSP लागत का डेढ़ गुना तक बढ़ाई जाए। ये ऐतिहासिक फैसला भी हमारी ही सरकार ने लिया।

भाइयों और बहनों, आपकी वर्तमान जरूरतों का समाधान करने के साथ ही, हमारा ध्यान, भविष्य की आवश्यकताओं पर भी है। किसानों को अनाज भंडारण, फल-फूल और सब्जियों के भंडारण की दिक्कत न हो, इसके लिए देशभर में कोल्ड स्टोरेज की क्षमता बढ़ाई जा रही है। किसान, अपनी फसल देश के किसी भी हिस्से की इलेक्ट्रॉनिक मंडी में बेच सकें, इसके लिए e-Nam नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है।

साथियों, किसानों को, अपने पशुओं की बीमारियों पर, उनके इलाज पर कम से कम खर्च करना पड़े, इसके लिए Foot and Mouth Diseases से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। किसान, अपने खेत में ही सौर ऊर्जा पैदा करके, उसे नेशनल ग्रिड में बेच सके, इसके लिए पीएम कुसुम योजना शुरू की गई है।

साथियों, भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में देश के एग्रीकल्चर सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है। इसके लिए हमारी सरकार Cash Crop और Export केंद्रित कृषि व्यवस्था तैयार करने पर जोर दे रही है।

जब कृषि उत्पादों के निर्यात की बात आती है तो इसमें पुरातन काल से ही दक्षिण भारत का, साउथ इंडिया का अहम रोल रहा है। इसका कारण एक तो यहां का मौसम, यहां की मिट्टी है और दूसरा समंदर के रास्ते विश्व से आसान कनेक्टिविटी। साउथ इंडिया की इसी ताकत को हम न्यू इंडिया के Agro Export की भी शक्ति बनाना चाहते हैं।

भाइयों और बहनों, कर्नाटका हो, केरल हो, आंध्रा हो, तेलंगाना हो, तमिलनाडु हो, यहां Horticulture और मसालों से जुड़े प्रोडक्ट्स की Processing और Export की व्यापक संभावनाएं हैं। यही कारण है कि Agricultural and Processed Products Export Development Authority के माध्यम से विशेष एक्शन प्लान बनाए जा रहे हैं। इसका लाभ कर्नाटका को भी हुआ है।

सरकार द्वारा बेलगांव और मैसूर के अनार, चिक्काबल्लापुरा और बेंगलुरू का गुलाबी प्याज, चिक्कामंगलुरु, कोडागु और हासन की कॉफी, लाल मिर्च, इनको बढ़ावा देने के लिए विशेष क्लस्टर की पहचान की गई है। हमारा प्रयास है कि हर ब्लॉक, हर जिले के विशेष प्रोडक्ट की पहचान करके, उसकी वैल्यू एडिशन और एक्स्पोर्ट से जुड़ी सुविधाएं वहां विकसित की जाएं।

साथियों, हमारी सरकार के प्रयासों के कारण भारत द्वारा मसालों के उत्पादन और निर्यात, दोनों में काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत में मसाला उत्पादन 25 लाख टन से अधिक बढ़ा है तो एक्सपोर्ट भी करीब 15 हज़ार करोड़ से बढ़कर लगभग 19 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।

मसालों में भी अगर हम हल्दी की बात करें, तो सरकार के प्रयासों से बीते 5 वर्षों में हल्दी के निर्यात में बहुत बढ़ोतरी हुई है। सरकार हल्दी के नए और उन्नत बीजों को लेकर रिसर्च को बढ़ावा दे रही है। तेलंगाना हल्दी का हब बनकर उभरा है, लेकिन कर्नाटका सहित बाकी राज्यों में भी हम हल्दी उत्पादन को गति दे रहे हैं।

भाइयों और बहनों, साउथ इंडिया में नारियल, काजू, कॉफी और रबर की खेती भी बरसों से फल-फूल रही है। देश और दुनिया में नारियल की डिमांड को देखते हुए सरकार अन्य बातों के साथ इसका भी ध्यान रख रही है कि नारियल से जुड़े किसानों को उचित दाम मिले। इसके लिए नारियल किसानों से जुड़े संघ बनाए गए हैं, सोसायटी बनाई जा रही हैं। मुझे बताया गया है कि यहां कर्नाटका में ही नारियल किसानों से जुड़ी ऐसी करीब साढ़े 5 सौ संस्थाएं बनाई जा चुकी हैं।

साथियों, हमारे यहां काजू के बागानों के विस्तार की भरपूर संभावनाएं हैं। सरकार का प्रयास है कि काजू के उत्तम गुणवत्ता वाले प्लांट किसान-बागवान बहन-भाइयों को उपलब्ध कराए जाएं।

इसी तरह रबर उत्पादन के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए भी बड़े स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। हमारा पहला लक्ष्य ये होना चाहिए कि देश की ज़रूरत के मुताबिक रबर हम यहीं पैदा कर सकें, हमें आयात पर निर्भर ना रहना पड़े। मुझे बताया गया है कि रबर बोर्ड, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत यहां अनेक युवाओं को प्रशिक्षण दे रहा है। इसका निश्चित लाभ रबर के किसानों और उद्योगों को होने वाला है।

साथियों, कॉफी के बाग तो कर्नाटका समेत दक्षिण भारत की शान हैं। सरकार का प्रयास है कि कॉफी की वैल्यू चैन को मजबूत किया जाए, इसके लिए Integrated Coffee Development Programme चलाया गया है। इस प्रोग्राम के तहत बीते 2-3 सालों में कॉफी के उत्पादन से लेकर पैकेजिंग तक से जुड़ी पूरी व्यवस्था को विशेष सहयोग और प्रोत्साहन दिया गया है। छोटे उत्पादकों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी संघों को मार्केटिंग में सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

साथियों, Horticulture के अलावा दाल, तेल और मोटे अनाज के उत्पादन में भी दक्षिण भारत का हिस्सा अधिक है। भारत में दाल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बीज हब बनाए गए हैं, जिनमें से 30 से अधिक सेंटर कर्नाटका, आंध्रा, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में ही हैं। इसी तरह मोटे अनाज के लिए भी देश में नए हब बनाए गए हैं, जिसमें से 10 साउथ इंडिया में ही हैं।

साथियों, दक्षिण भारत के फिशरीज सेक्टर में भी एक्सपोर्ट बढ़ाने की बहुत संभावनाएं हैं। फिशरीज सेक्टर को मजबूत करने के लिए सरकार तीन स्तरों पर काम कर रही है।

पहला- गांवों में मछलीपालन को बढ़ावा, मछुवारे भाई-बहनों को आर्थिक मदद।

दूसरा- ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम के तहत नावों का आधुनिकीकरण।

और तीसरा- मछली के व्यापार और कारोबार से जुड़े आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।

भाइयों और बहनों, मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा जा चुका है। मछली पालकों की सहूलियत के लिए बड़ी नदियों और समंदर में नए फिशिंग हार्बर बनाए जा रहे हैं। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए साढ़े 7 हज़ार करोड़ रुपए का विशेष फंड भी बनाया गया है।

सरकार द्वारा नावों के आधुनिकीकरण के लिए, ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम के लिए राज्यों को 2500 करोड़ रुपए से अधिक दिए गए हैं। डीप सी फिशिंग के लिए मछुआरों की नावों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और इसरो की मदद से मछुआरों की सुरक्षा के लिए नेविगेशन डिवाइस नावों में लगाए जा रहे हैं। आज यहां तमिलनाडु और कर्नाटका के अनेक किसानों को इसका लाभ लेते हुए आपने भी देखा है।

साथियों, कर्नाटका सहित पूरे भारत में जल संकट की स्थिति निपटने के लिए सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल पहुंचाने का संकल्प लिया है। कुछ दिन पहले इसी दिशा में एक और अभियान शुरु किया है। इस अभियान का नाम है अटल भूजल योजना। इसके तहत कर्नाटका समेत देश के 7 राज्यों में भूजल यानि ग्राउंडवॉटर के स्तर को ऊपर उठाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

भाइयों और बहनों, सरकार के प्रयासों के बीच आज मैं, कृषि कर्मण अवार्ड को भी विस्तार दिए जाने की आवश्यकता महसूस करता हूं। मेरा आग्रह है कि कृषि कर्मण अवार्ड में देश की पोषण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पौष्टिक अनाज- Nutri Cereals, Horticulture और Organic Agriculture को लेकर भी नई कैटेगरी बनाई जाए। इससे, इन क्षेत्रों में बेहतर काम कर रहे लोगों और राज्यों को प्रोत्साहन मिलेगा।

भाइयों और बहनों, वर्ष 2022 में जब हमारा देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तब हमारे संकल्पों की सिद्धि ही हमारे राष्ट्र निर्माताओं को हमारी श्रद्धांजलि होगी। आज हमें यहां से किसानों की आय दोगुनी करने के लिए नई ऊर्जा लेकर, नई प्रतिबद्धता लेकर जाना है।

मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा हर संकल्प जरूर सिद्ध होगा। एक बार फिर कृषि कर्मण पुरस्कार विजेता हर राज्य, हर किसान साथी को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई। आप सभी को, देश के हर किसान को नए साल और संक्रांति के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Prime Minister pays tributes to legendary Raj Kapoor on his 100th birth anniversary
December 14, 2024
Shri Raj Kapoor was not just a filmmaker but a cultural ambassador who took Indian cinema to the global stage: PM

The Prime Minister Shri Narendra Modi today pays tributes to legendary Shri Raj Kapoor on his 100th birth anniversary. He hailed him as a visionary filmmaker, actor and the eternal showman. Referring Shri Raj Kapoor as not just a filmmaker but a cultural ambassador who took Indian cinema to the global stage, Shri Modi said Generations of filmmakers and actors can learn so much from him.

In a thread post on X, Shri Modi wrote:

“Today, we mark the 100th birth anniversary of the legendary Raj Kapoor, a visionary filmmaker, actor and the eternal showman! His genius transcended generations, leaving an indelible mark on Indian and global cinema.”

“Shri Raj Kapoor’s passion towards cinema began at a young age and worked hard to emerge as a pioneering storyteller. His films were a blend of artistry, emotion and even social commentary. They reflected the aspirations and struggles of common citizens.”

“The iconic characters and unforgettable melodies of Raj Kapoor films continue to resonate with audiences worldwide. People admire how his works highlight diverse themes with ease and excellence. The music of his films is also extremely popular.”

“Shri Raj Kapoor was not just a filmmaker but a cultural ambassador who took Indian cinema to the global stage. Generations of filmmakers and actors can learn so much from him. I once again pay tributes to him and recall his contribution to the creative world.”