QuoteVoters of Bihar have taken a resolve that they won't let those who have a history of making the state 'Bimaru' come near them: PM Modi in Sasaram
QuoteNDA govt abrogated Article 370, opposition wants it back, says PM at a public meeting in Bihar
QuoteSons of Bihar lost their lives in Galwan Valley for the tricolour, I bow my head at their feet and pay respects: PM Modi in Sasaram
QuoteMandi and MSP are excuses, the opposition wants to save the brokers and middlemen: PM Modi
QuotePM Modi says that whenever the middlemen are hammered for providing direct benefits to farmers, the opposition start fanning false propogandas
QuoteTime of 'lantern' is gone now: PM Narendra Modi attacks opposition ahead of Bihar assembly polls
QuoteBihar deserves quality education, can it be ensured by those who don't even value it: PM Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय। 

बिहार के स्वाभिमानी अउर मेहनती भाई-बहिन आप सभे के परनाम।

अन्नदाता, मेहनतकष किसान भाई लोग के ई धान के कटोरा कहल जाये, गौरवषाली धरती के हम नमन करअ तानी !

मां मुण्डेष्वरी, तारा चण्डी माता के ई पावन भूमि पर रऊआ सब के अभिनंदन करअ तानी !!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी आर के सिंह जी, अश्विनी चौबे जी, बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल जी, वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष भाई मुकेश साहनी जी, भाजपा सांसद भाई छेदी पासवान जी, और मेरे प्यारे भाइयो और बहनो

साथियो, हाल ही में बिहार ने अपने दो सपूतों को खोया है जिन्होंने यहां के लोगों की दशकों तक सेवा की है।

मेरे करीबी मित्र,गरीबों-दलितों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले और आखिरी समय तक, आखिरी सांस तक मेरे साथ रहने वाले रामविलास पासवान जी, उन्हें मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

उसी प्रकार से बाबू रघुवंश प्रसाद सिंह जी ने भी गरीबों के उत्थान के लिए निरंतर काम किया। वो भी अब हमारे बीच नहीं हैं। मैं उन्हें भी अपनी आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।   

साथियो, आज रोहतास के साथ-साथ, आसपास के अन्य जिलों के साथी भी यहां आए हैं, तकनीक के माध्यम से भी काफी साथी और एनडीए के उम्मीदवार हमारे साथ जुड़े हैं। 

मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं। 

भाइयो और बहनो, सबसे पहले तो मैं बिहार के लोगों को बधाई देना चाहता हूं।

बधाई इस बात के लिए, कि बिहार के लोग इतनी बड़ी आपदा का डटकर मुकाबला कर रहे हैं। कोरोना महामारी से बचने के लिए तेजी से जो फैसले लिए गए हैं, जिस तरह बिहार के लोगों ने काम किया, नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने काम किया, उसके नतीजे आज दिख रहे हैं।

दुनिया के बड़े-बड़े अमीर देशों की हालत किसी से छिपी नहीं है। अगर बिहार में तेजी से काम न हुआ होता तो ये महामारी न जाने कितने साथियो की, हमारे परिवारजनों की जान ले लेती, कितना बड़ा हाहाकार मचता, इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।

लेकिन आज बिहार कोरोना का मुकाबला करते हुए सारी सावधानियों के साथ लोकतंत्र का पर्व मना रहा है।

साथियो, मैंने बिहार के बहुत से लोगों के साथ करीब से काम किया है। उनसे बहुत कुछ सीखा भी है। एक बात जो बिहार के लोगों में बहुत अच्छी होती है, वो है उनकी स्पष्टता। कभी बिहार के लोग कन्फ्यूजन में नहीं रहते, किसी भ्रम में नहीं रहते।

मैं और एक बधाई भी देना चाहता हूं, बिहार के लोगों को इसलिए देना चाहता हूं क्योंकि चुनाव से इतने दिन पहले ही उन्होंने अपना स्पष्ट संदेश सुना दिया है।

जितने सर्वे हो रहे हैं, जितनी रिपोर्टें आ रही हैं, सब में यही 

आ रहा है बिहार में फिर एक बार एनडीए सरकार बनने जा रही है। लेकिन मेरे बिहार के प्यारे भाइयो-बहनो हर चुनाव में ऐसा भी होता है जब कुछ लोग भ्रम फैलाने के लिए एक दो चेहरों को अचानक बड़ा दिखाने लग जाते हैं। कभी किसी नई शक्ति के उभरने की बातें फैलाई जाती हैं। लेकिन इसका मतदान पर कोई असर नहीं पड़ता। बिहार का मतदाता तो इतना समझदार है कि वो भ्रम फैलाने वालों की हर कोशिश को खुद ही नाकाम कर रहा है। 

बिहार के लोगों ने मन बना लिया है, ठान लिया है कि जिनका इतिहास बिहार को बीमारू बनाने का है, उन्हें आसपास भी नहीं फटकने देंगे।

भाई-बहिनी लोगन, भारत के दिल बाटे बिहार। भारत के सम्मान बा बिहार, भारत के स्वाभिमान बा बिहार, भारत के संस्कार बा बिहार, आजादी के जयघोष बा बिहार, संपूर्ण क्रांति के शंखनाद बा बिहार, आत्मनिर्भर भारत के परचम बा बिहार।

देश के सुरक्षा हो या देश के विकास, बिहार के लोगन सबसे आगे रहेलन। बिहार के सपूत गलवान घाटी में तिरंगा के खातिर शहीद हो गइलें लेकिन भारत माता के माथा ना झुके देलें। पुलवामा हमले में भी बिहार के जवान शहीद भइलें। हम उनके चरणन में शीश झुकावतानी, श्रद्धांजलि देवतानी। 

बिहार अब विकास की ओर तेजी से बढ़त बाटे। अब बिहार के कोई बीमारू-बेबस राज्य नाहीं कह सकत। लालटेन के जमाना गईल, पिछले छह सालन में बिजली के खपत तीन गुना बढ़ गईल बाटे।

भाइयो और बहनो, अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ना इसी को कहते हैं। बिहार के लोग भूल नहीं सकते वो दिन जब सूरज ढलते का मतलब होता था, सब कुछ बंद हो जाना, ठप्प पड़ जाना।

आज बिजली है, सड़के हैं, लाइटें हैं और सबसे बड़ी बात वो माहौल है जिसमें राज्य का सामान्य नागरिक बिना डरे रह सकता है, बिना डरे जी सकता है।

वो दिन जब सरकार चलाने वालों की निगरानी में दिन-दहाड़े डकैती होती थी, हत्याएं होती थीं, रंगदारी वसूली जाती थी

वो दिन जब घर की बिटिया, घर से निकलती थी, तो जब तक वापस न आ जाए माता-पिता की सांस अटकी रहती थी। जिन लोगों ने एक-एक सरकारी नौकरी को हमेशा लाखों-करोड़ों रुपए कमाने का जरिया माना, जिन लोगों ने सरकारी नियुक्तियों के लिए बिहार के नौजवानों से लाखों की रिश्वत खाई, वो फिर बढ़ते हुए बिहार को ललचाई नजरों से देख रहे हैं।

आज बिहार में पीढ़ी भले बदल गई हो लेकिन बिहार के नौजवानों को ये याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे।

साथियों, 2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद, जितने समय बिहार को डबल इंजन की ताकत मिली, राज्य के विकास के लिए और ज्यादा तेजी से काम हुआ है। बिहार को जो प्रधानमंत्री पैकेज मिला था उस पर काम की रफ्तार भी तेज गति से आगे बढ़ रही है।

कोरोना के इस समय में भी गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एनडीए सरकार ने काम किया है। जहां कभी गरीब का राशन, राशन की दुकान में ही लुट जाता था, वहां कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन घर पहुंचाया गया है।

गरीब भूखा ना सोए, त्योहार ठीक से मना सके, दीवाली और छठ पूजा ठीक से मना सके, इसके लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की गई है। इसी कोरोना के दौरान करोड़ों गरीब बहनों के खाते में सीधी मदद भेजी गई, मुफ्त गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई। शहरों में जो रेहड़ी, ठेला, चलाने वाले साथी हैं

उनके लिए भी बैंकों से आसान ऋण सुनिश्चित कराया जा रहा है ताकि वो अपना काम फिर शुरु कर सकें, आगे बढ़ सकें। 

साथियो, देश जहां संकट का समाधान करते हुए आगे बढ़ रहा है, ये लोग देश के हर संकल्प के सामने रोड़ा बनकर खड़े हैं। देश ने किसानों को बिचौलियों और दलालों से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया तो ये बिचौलियों और दलालों के पक्ष में खुलकर मैदान में हैं। मंडी और MSP का तो बहाना है, असल में दलालों और बिचौलियों को बचाना है।

याद कीजिए, लोकसभा चुनाव से पहले जब किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे देने का काम शुरु हुआ था, तब इन्होंने कैसे-कैसे भ्रम फैलाया था। जब देश की रक्षा के लिए राफेल विमानों को खरीदा गया, तब भी ये बिचौलियों और दलालों की भाषा बोल रहे थे। 

साथियो, आज देश की जनता, देश के किसान, देश के नौजवान देख रहे हैं कि इन लोगों के लिए देशहित नहीं, दलालों का हित ज्यादा महत्वपूर्ण है।

इसलिए जब-जब, बिचौलियों और दलालों पर चोट की जाती है, तब-तब ये तिलमिला जाते हैं, बौखला जाते हैं। आज हालत ये हो गई है कि ये लोग भारत को कमजोर करने की साजिश रच रहे लोगों का साथ देने से भी नहीं हिचकिचाते।

आप मुझे बताइए, जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने का इंतजार देश बरसों से कर रहा था या नहीं। ये फैसला हमने लिया, एनडीए की सरकार ने लिया। लेकिन आज ये लोग इस फैसले को पलटने की बात कर रहे हैं।

ये कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो आर्टिकल-370 फिर लागू कर देंगे। और इनका दुस्साहस देखिए। इतना कहने के बाद भी ये लोग बिहार के लोगों से वोट मांगने की हिम्मत दिखा रहे हैं।

जो बिहार अपने बेटे-बेटियों को सीमा पर देश की रखवाली के लिए भेजता है क्या ये उसकी भावना का अपमान नहीं है?

मैं जवानों और किसानों की भूमि बिहार से इन लोगों को एक बात एकदम स्पष्ट कहना चाहता हूं। ये लोग जिसकी चाहें मदद ले लें, देश अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा, भारत अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा।

भाइयो और बहनो, इन लोगों को आपकी जरूरतों से कभी सरोकार नहीं रहा। इनका ध्यान रहा है अपने स्वार्थों पर, अपनी तिजोरी पर। यही कारण है कि भोजपुर सहित पूरे बिहार में लंबे समय तक बिजली, सड़क, पानी जैसी मूल सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया।

हालत ये थी कि कैमूर में जिस दुर्गावती सिंचाई परियोजना का शिलान्यास, आप याद रखिए ये सारी बातें। कैमूर में जिस दुर्गावती सिंचाई परियोजना का शिलान्यास बाबू जगजीवन राम जी ने 70 के दशक में किया था, वो इतने वर्षों में भी पूरी नहीं हुई थी। इस काम को NDA सरकार ही पूरा कर रही है।

साथियो, बिहार के विकास की हर योजना को अटकाने और लटकाने वाले ये वो लोग हैं जिन्होंने अपने 15 साल के शासन में लगातार बिहार को लूटा, बिहार का मान-मर्दन किया।

आपने बहुत विश्वास के साथ इन्हें सत्ता सौंपी थी, लेकिन इन्होंने सत्ता को अपनी तिजोरी भरने का माध्यम बना लिया। जब बिहार के लोगों ने इन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया, नीतीश जी को मौका दिया तो ये बौखला गए।

जो बात मैं बता रहा हूं इसको जरा बारीकी समझने की कोशिश कीजिए, जब उनको सत्ता से बेदखल किया गया तो ये लोग बौखला गए। उनके अंदर एक गुस्सा आया, जहर भर गया। इसके बाद दस साल तक इन लोगों ने दिल्ली में यूपीए की सरकार में रहते हुए बिहार पर, बिहार के लोगों पर अपना गुस्सा निकाला। 

और मुझे याद है, मैं भी गुजरात का मुख्यमंत्री था, नितीश जी बिहार के मुख्यमंत्री थे और जब हम भारत सरकार की मीटिंगो में जाया करते थे, नितीश जी बार-बार उनको कहते थे कि आप बिहार के काम में रोड़े मत अटकाइए। बिहार का राजनीतिक अखाड़ा दिल्ली को मत बनाइए। लेकिन 10 साल तक यूपीए सरकार में बैठे लोगों ने, जिसको टाइट चाबी करने के लिए बिहार के लोग पहुंचे हुए थे वे पराजय के गुस्से में नितीश जी को एक काम नहीं करने देते थे, दस साल बर्बाद कर दिए नितीश जी के। बाद में 18 महीने क्या हुआ, ये मुझे कहने की जरूरत नहीं है। आप भली-भांति जानते हैं।

इन 18 महीनों में परिवार ने क्या-क्या किया, कैसे-कैसे खेल किए, कौन सी बातें अखबारों में छाई रहती थीं, कौन सी बातें टीवी वालों को भाती थीं, ये बातें मुझे कहने की जरूरत नहीं है। बिहार और देश के लोगों से ये छिपा नहीं है। 

जब नीतीश जी इस खेल को भांप गए, ये समझ गए कि इन लोगों के साथ रहते हुए बिहार का भला तो छोड़िए, बिहार और 15 साल पीछे चला जाएगा तो उन्हें सत्ता छोड़ने का फैसला लेना पड़ा।

साथियो, बिहार के लिए, बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए हम फिर एक बार नितीश जी के साथ आए हैं। साथियो, 2014 में प्रधानसेवक बनने के बाद, ये आंकड़ा लोगों को याद नहीं आ रहा है बिहार में, लोगों को याद कराना पड़ेगा।  

मुझे नीतीश जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए सिर्फ तीन-चार साल ही मौका मिला है। बाकी तो यूपीए के साथ संघर्ष करने में बिहार का टाइम गया है। 

लेकिन इन तीन-चार वर्षों में भी कहीं तीन-चार गुना काम किया, कहीं पर पांच गुना तेजी से काम किया गया है।

साथियो, आज एनडीए के सभी दल मिलकर आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी बिहार के निर्माण में जुटे हैं। बिहार को अभी भी विकास के सफर में मीलों आगे जाना है, नई बुलंदी की तरफ उड़ान भरनी है।

बीते वर्षों में बिहार के गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, अतिपिछड़े, आदिवासी उन सब तक वो सुविधाएं पहुंचाने का प्रयास किया गया है, जिन्हें पाना कभी बहुत मुश्किल होता था।

आज उसको अपना पक्का घर बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है। आज वो भी संपन्न परिवारों की ही तरह गैस चूल्हे पर खाना बना रहा है। आज उसके घर में भी शौचालय की सुविधा है। आज उसके बच्चे भी बिजली की रोशनी में पढ़ाई कर पा रहे हैं। आज वो बीमार होता है तो उसके पास 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा है।

साथियो, शुद्ध पीने के पानी की क्या स्थिति थी, ये बिहार की बहनो-बेटियो से बेहतर कौन समझ सकता है। आज जल जीवन मिशन से हर घर जल पहुंचाने का काम तेज़ी से चल रहा है। इस मिशन का लाभ यहां इस क्षेत्र में रहने वाले हमारे आदिवासी भाई-बहनों को भी होगा। उनके घर में भी पाइप से पानी पहुंचेगा।

साथियो, हमारे यहां गांवों के घरों के स्वामित्व को, घर का मालिक कौन है, उसका स्वामित्व किसके पास है, इन बातों को लेकर हमेशा बहुत बड़ा सवाल रहा है।

गांव की जमीन, इन जमीनों पर घर, पुरखों के बनाए घर, इनमें बरसों से लोग रह तो रहे हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेजों में इनका अस्तित्व ही नहीं रहता। ऐसे में अक्सर दो फुट-चार फुट को लेकर हर घर के साथ दूसरे का विवाद चलता रहता है, रिश्तेदारों में विवाद चलता रहता है। गांव में झगड़े होते रहते हैं। मार-पिटाई होती है, कभी-कभी मौतें हो जाती हैं।   

इन जमीनों पर, इन घरों पर, मैं बिहार के हर गांव के नागरिक से ये बात विशेष रूप से कहना चाहता हूं। इन घरों पर, आज आपको बैंकों से कोई कर्ज भी नहीं मिलता है।

भारत के गांवों में रहने वालों की इस दिक्कत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘स्वामित्व योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना में सब कुछ टेक्नोलॉजी कर रही है। ड्रोन की मदद से गांव के घर-घर की मैपिंग, उसको नापा जा रहा है, मैंपिंग कराई जा रही है।

सारी कार्रवाई के बाद, गांव के लोगों को, हर एक नागरिक को उनके घर का, उनकी जमीन का स्वामित्व कार्ड दिया जा रहा है। भारत के 6 राज्यों में ये योजना पायलेट के रूप में शुरू हो गई है। 

कुछ दिन पहले, बाबू जय प्रकाश नारायण जी की जयंती के दिन, एक लाख लोगों को स्वामित्व कार्ड दिए गए हैं। बिहार में चुनाव के बाद, एनडीए की सरकार बनने के बाद बहुत जल्द इस योजना को यहां भी शुरू किया जाएगा। बिहार के गांव के हर नागरिक को इसका बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है। 

यहां के नौजवानों को लाभ होने वाला है। घर के स्वामित्व कार्ड पर गांव का नागरिक भी बैंकों से बहुत आसानी से ऋण ले सकेगा, कोई दिक्कत नहीं होगी।

ये स्वामित्व कार्ड आपके जीवन में एक नई निश्चिंचता लेकर आएगा।

साथियों, सुविधा के साथ-साथ बिहार के सभी वर्गों को अधिक से अधिक अवसर देने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को अगले 10 साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है। उसी प्रकार से सवर्ण समाज में जो आरक्षण से वंचित थे उसमें जो गरीब है उनको दस प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय भी हमारी सरकार ने किया है। यही नहीं, सरकारी भर्ती प्रक्रिया में जो सुधार किए गए जा रहे हैं, उसका भी लाभ बिहार को मिलना तय है। इस क्षेत्र के भी बहुत से युवा इंट्रेंस एक्जाम के लिए बड़े शहरों का रुख करते हैं। बार-बार होने वाली परीक्षाओं के कारण युवा साथियो का समय, ऊर्जा और धन, तीनों बर्बाद होता था।

अब देश में अधिकतर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की सुविधा मिलने से युवा साथियो की परेशानी कम होगी। एक ही एग्जाम से सरकार के अनेक नौकरी के दरवाजे खुलेंगे। 

साथियो, एक और बड़ा प्रयास किया जा रहा है मातृभाषा में शिक्षा को लेकर। अभी हमारे डॉक्टर जयसवाल जी, जब मैं आया बड़े विस्तार से इसका वर्णन कर रहे थे और ये काम जब मैं कह रहा हूं। मैं कहता हूं मन, बुद्धी, कर्म से मैं स्वर्गीय आदरणीय करपूरी साहब को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि भी देता हूं। आज वो जहां भी होंगे, हमारी इस कल्पना से वो हम पर आशीर्वाद बरसाते होंगे। 

भाइयो-बहनो, देश की शिक्षा व्यवस्था में तो बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रेरणा लेते हुए, अब कोशिश होगी, मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत सभी तकनीकि कोर्सेस को भी मातृभाषा में पढ़ाने की शुरुआत की जाएगी। उसके कारण, अंग्रेजी के अभाव के कारण गांव का, गरीब का, दलित का, पीड़ित का बच्चा, उसका अब डॉक्टर बनने का सपना पूरा होगा। इंजीनियर बनने का सपना पूरा होगा। ये बहुत बड़ा निर्णय हम करने जा रहे हैं। और मैं बिहार भाजपा को बधाई देता हूं कि उन्होंने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की घोषणा की है   

साथियो,बिहार में स्वरोज़गार के अवसरों के लिए भी निरंतर प्रयास किया जा रहा है। आज मुद्रा योजना से गरीबों को, महिलाओं को, युवा उद्यमियों को, दुकानदारों को बिना गारंटी का ऋण मिल रहा है। 

गांवों में जो उद्यमी दीदियों के समूह हैं, उनको भी बैंकों से मिलने वाली सुविधा अब बढ़ाई गई है। आज छोटे किसानों, मछुआरों, पशुपालकों, सभी को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। 

पीएम किसान योजना के तहत बिहार के 74 लाख किसान परिवारों के खाते में करीब 6 हज़ार करोड़ रुपए सीधे जमा कराए गए हैं, कोई बिचौलिया नहीं कोई कट नहीं। 

साथियो, कनेक्टिविटी, NDA की डबल इंजन की सरकार की प्राथमिकता रही है,पहचान रही है। आज बिहार के करीब-करीब हर गांव तक सड़क पहुंच रही है। नेशनल हाईवे चौड़े हो रहे हैं। बिहार की नदियों पर आज एक के बाद एक नए और आधुनिक पुल बन रहे हैं। 

यहां सोन नदी पर ही ना जाने कितने दशकों से अनेक पुल सिर्फ हवा में ही बन रहे थे। अब इस दिशा में पूरी ईमानदारी से काम चल रहा है। 

सोन नदी पर कोईल-वर पुल के समानंतर फोर लेन पुल का काम अंतिम चरणों में है। बिहार को झारखंड से कनेक्ट करने के लिए भी सोन नदी पर पुल बनाया जा रहा है। इस क्षेत्र में भी, और विशेषकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हज़ारों करोड़ रुपए खर्च करके लंबी सड़कों और दर्जनों पुलों के निर्माण पर काम चल रहा है।

रेल लाइनों का बिजलीकरण और रेलवे स्टेशनों का सुंदरीकरण तेज़ी से चल रहा है। सासाराम सहित अनेक शहरों में बाइपास भी बन रहे हैं। कनेक्टिविटी के साथ-साथ बक्सर के चौसा में 

10 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले पावर प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो रहा है। 

साथियो, कनेक्टिविटी सुधारने का बहुत बड़ा लाभ यहां के किसानों, नौजवानों, उद्यमियों, व्यापारियों, कारोबारियों को मिलेगा। इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की बहुत बड़ी क्षमता है।

कैमूर का सोनाचुर चावल हो या आदिवासी साथियों की वन-उपज हो, फल-सब्जियां हो, इन सबसे अब ज्यादा आय होने की संभावना बढ़ी है।

अब केंद्र सरकार गांवों में भंडारण और दूसरी सुविधाएं बनाने के लिए लाखों करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। इससे इस क्षेत्र में भी फूड पार्क जैसी सुविधाएं विकसित होंगी। हाल में कृषि क्षेत्र से जुड़े जितने भी सुधार किए गए हैं, उनका लक्ष्य ये भी है कि गांव के पास ही ज्यादा से ज्यादा कृषि से जुड़े उद्योग लगें।

भाइयो और बहनो, आत्मनिर्भरता के संकल्प को मजबूत करने के लिए फिर नीतीश जी की अगुवाई में सरकार बनाना ज़रूरी है।

बिहार में भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और VIP के गठबंधन 

यानी NDA की सरकार ज़रूरी है। बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एनडीए की जीत जरूरी है। 

मुझे खुशी है कि बूथ लेवल पर भी एनडीए के सभी कार्यकर्ता, सभी राजनीतिक दलों के, घटक दलों के साथी एक जुट हो कर के पूरी ताकत से जुटे हुए हैं, एक दूसरे के साथी बने हुए हैं।

इस बार तो मैं देख रहा हूं कि मतदाता, बिहार की महिलाएं-बहनें-बेटियां एनडीए को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं। जो भी एनडीए का है, उसकी जीत के लिए ये साझा संकल्प, सभी की बहुत बड़ी ताकत है।

आप सभी समय निकालकर हम सभी को आशीर्वाद देने आए, इसके लिए आपका फिर से बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

  • Aditya Mishra March 13, 2023

    नमो नमो
  • Aditya Mishra March 13, 2023

    जय हो
  • Laxman singh Rana June 22, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷
  • Laxman singh Rana June 22, 2022

    नमो नमो 🇮🇳
  • शिवकुमार गुप्ता February 07, 2022

    जय भारत
  • शिवकुमार गुप्ता February 07, 2022

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  • शिवकुमार गुप्ता February 07, 2022

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  • शिवकुमार गुप्ता February 07, 2022

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Prime Minister condoles passing of Shri Sukhdev Singh Dhindsa Ji
May 28, 2025

Prime Minister, Shri Narendra Modi, has condoled passing of Shri Sukhdev Singh Dhindsa Ji, today. "He was a towering statesman with great wisdom and an unwavering commitment to public service. He always had a grassroots level connect with Punjab, its people and culture", Shri Modi stated.

The Prime Minister posted on X :

"The passing of Shri Sukhdev Singh Dhindsa Ji is a major loss to our nation. He was a towering statesman with great wisdom and an unwavering commitment to public service. He always had a grassroots level connect with Punjab, its people and culture. He championed issues like rural development, social justice and all-round growth. He always worked to make our social fabric even stronger. I had the privilege of knowing him for many years, interacting closely on various issues. My thoughts are with his family and supporters in this sad hour."