For us, the country is bigger than the party: PM Modi in Mumbai

Published By : Admin | October 18, 2019 | 19:46 IST
PM Modi says that he is witnessing enthusiasm in Maharashtra Assembly elections than that seen during Lok Sabha polls
PM Modi says that there is no stain of corruption on the BJP-led Central or state governments
For us, the country is bigger than the party, and therefore, our priorities are not dictated by votes: PM Modi
PM Narendra Modi pays floral tributes to Chhatrapati Shivaji Maharaj at an election rally in Mumbai 

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। मंच पर विराजमान यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान देवेंद्र जी, उद्धव ठाकरे जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव, इस चुनाव में महायुती के सभी उम्मीदवार और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो। आप सभी के बीच आना मेरे लिए हर बार सुखद होता है, यादगार रहता है। महायुती के प्रति आपका स्नेह और आशीर्वाद साफ-साफ दिख रहा है। साथियो, मुझे महाराष्ट्र में कई स्थानों पर जाने का अवसर मिला है और जो दृश्य मैं लोकसभा के चुनाव में देख रहा था उससे भी ज्यादा उमंग और उत्साह महाराष्ट्र के चुनाव में भी नजर आ रहा है। 

साथियो, मुंबई को अवसरों की भूमि के रूप में जाना जाता है, जो भी यहां आया है यहां से बहुत कुछ पाया है ये इस धरती की महानता है। मुंबई में बेहतरीन ह्यूमन कैपिटल है, मुंबई में इनोवेटिव वेंचर कैपिटल है और मुंबई भारत की स्ट्रांग फाइनेंनशियल कैपिटल भी है। मुंबई में भारत के बेहतरीन मस्तिष्क, ह्यूमन कैपिटल देश को आगे ले जाने के लिए काम करते हैं। मुंबई के इनोवेटिव वेंचर होने की वजह से दुनिया भर के निवेशक यहां आना और निवेश करना चाहते हैं और आजादी के बाद मुंबई भारत की फाइनेंशियल कैपिटल भी है, जब ये तीनों कैपिटल आपस में जुड़ती हैं तो अभूतपूर्व शक्ति का निर्माण होता है। ये शक्ति को मजबूत करने का काम पिछले पांच साल में महायुती की सरकार ने, देवेंद्र जी की सरकार ने किया है वरना याद कीजिए पहले क्या स्थिति थी। कांग्रेस-एनसीपी के शासन में मुंबई के विकास से ज्यादा, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा मंत्रालय के स्ट्रक्चर पर फोकस होता था। कौन सा सीएम, कौन सा मिनिस्टर कब बदल जाए और किसकी लॉट्री कब लग जाए इसी कयास और प्रयास में इनके पांच साल बीत जाते थे लेकिन महायुती ने पांच साल का कार्यकाल यशस्वी रूप से पूरा करने वाला मंत्री दिया है और ये भी करीब-करीब 50 साल के बाद हुआ है। इसके पहले 50 साल तक किसी को भी पांच साल महाराष्ट्र की सेवा करने का सद्भाग्य नहीं मिला, तू जा मैं आता हूं यही चलता था। ये इसलिए संभव हो पाया क्योंकि आपने स्थिरता को चुना, आपने एक मजबूत और सरकार को चुना। 

साथियो, आपने महाराष्ट्र में कई भ्रष्ट सरकारों का दौर भी देखा है और अब भरोसेमंद सरकार का भी दौर देख रहे हैं। याद करिए उन्होंने हमारे वीर सैनिकों के परिवारों तक को नहीं छोड़ा, आदर्श की बातें करते हुए उन्हें ही धोखा दे दिया। इन भ्रष्ट सरकार के तरीके भी भ्रष्टतम रहे, परियोजनाओं को लटकाकर उनसे पैसा निचोड़ा, मुद्दा बनाकर लोगों को भरमाया, वहीं फडणवीस जी की ईमानदार और भरोसेमंद सरकार महाराष्ट्र के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को गति दो रही है ताकी आप लोगों को सुविधाएं जल्द से जल्द मिलें, आप की ईज ऑफ लिविंग बढ़े। साथियो, पहले की भ्रष्ट सरकार भ्रष्टाचारियों के सपने को पूरा करने के लिए काम करती थी, नई योजनाओं के नाम पर किसानों को सिंचाई के नाम पर इन लोगों ने महराष्ट्र को घोटालों से सींच दिया था। आज आपकी भरोसेमंद सरकार लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए काम करती है। पिछले पांच वर्षों में हम पर, चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हो भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा है। शेतकरी से लेकर स्टार्टअप तक के हर सपने को पूरा किया जा रहा है, अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं और भ्रष्टाचार कम होता चला जा रहा है। साथियो, यही फर्क सरकार में होता है, संस्कार में होता है, कांग्रेस ने जो सरकारें इस देश में चलाईं उनकी सोच जनता को कंट्रोल करने की रहीं, जनता को सरकारों पर आश्रित करने की रही, जबकि भाजपा-महायुती की राजनीति ने, उसके मूल में जनभागीदारी है, जन सशक्तिकरण है। हम गरीबों के लिए सेवा भाव से, सेवक के भाव से काम करते हैं और उन्हें गरीबी से लड़ने के लिए सशक्त बनाते हैं। इसी सोच के साथ अपना पक्का घर, घर में बिजली, पानी की सुविधा, साथ-साथ शौचालय और गैस का कनेक्शन और अगर बीमार हो जाएं तो पांच लाख तक के मुफ्त इलाज, ऐसे अनेक प्रयास गरीबों के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे हैं। 

भाइयो-बहनो, मैं मानता हूं, गरीबी के खिलाफ लड़ाई में जॉब क्रिएटर्स का रोल अहम है, हम हर उस व्यक्ति का सम्मान करते हैं जो अपने लिए और दूसरों के लिए रोजगार पैदा करता है। आज जॉब क्रिएटर्स का सम्मान करने वाली सरकार है और इसलिए हम रेड टेपिज्म को कम कर रहे हैं और रेड कार्पेट के कल्चर को हम बढ़ावा दे रहे हैं वरना वो सरकारें भी रही है जब लाइंसेंस परमिट राज के साथ जॉब क्रिएटर्स को कुचला जाता था। इसी कड़ी में अब हम कैशलेस टैक्स एसेस्मेंट की आधुनिकता की तरफ बढ़ रहे हैं यानी की ऐसी व्यवस्था जो लोगों को भय से मुक्त करेगी, उन पर आवश्यक दबाव नहीं बनाएगी और पूरा जोर इस बात पर होगा कि ईमानदार टैक्सपेयर कभी परेशान ना हो। पिछले कई दशकों से टैक्स एसेसमेंट से जुड़ी जो व्यवस्था चली आ रही थी वो आने वाले समय में हम बदलने जा रहे हैं। साथियो, हम लोग जब से आए हैं, हम ही हैं जिन्होंने एंजल टैक्स खत्म किया है और एक वो भी थे जिन्होंने एंजल टैक्स लगाया था। एक हम हैं जो भारत में कॉर्पोरेट टैक्स को दुनिया के अनुकूल बना रहे हैं, एक वो भी थे जिन्होंने दुनिया की सबसे महंगी कॉर्पोरेट टैक्स रिजिम भारत में बनाई थी। एक हम हैं जो मुद्रा जैसी योजनाओं के माध्यम से सामान्य व्यक्ति के खाते में लोन की राशि ट्रांसफर करते हैं। एक वो भी थे जिन्होंने फोन बैंकिंग से बेईमान और लालची लोगों के बैंक खातों में बैंकों का लाखों-करोड़ डलवा दिया। भाइयो-बहनो, जिन्होंने ये काम किया है उनकी सच्चाई महाराष्ट्र और पूरा देश समझ चुका है। दस साल तक जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था, बैंकिंग व्यवस्था को बर्बाद किया है। आज कोई तिहाड़ जेल में है तो कोई मुंबई की जेल में है और ये तो सफाई अभियान की शुरुआत है आगे तेज काम होने वाला है और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ईमानदार की कमाई पर कोई आंच नहीं आएगी और बेईमान को सज मिलने से कई ताकत नहीं बचा पाएगी। भाइयो-बहनो, ये हमारी सरकार के काम करने का तरीका है, हम जो संकल्प लेते हैं उस सिद्ध किए बिना ना रुकते हैं ना थकते हैं और झुकना तो हमें मंजूर ही नहीं है, ये भी दो सरकारों का बहुत बड़ा फर्क होता है। एक सरकार वो होती है जिसकी आदत होती है योजनाओं को लटकाना-भटकाना, वहीं दूसरी तरह की सरकार होती है जो हर प्रयास करती है कि कोई योजना अटके नहीं, लटके नहीं बल्कि तय समय पर पूरी हो। मैं आपको कुछ बातें याद कराना चाहता हूं। 

साथियो, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के बारे में 2004 में सोचा गया था, ये योजना फाइलों में अटकी रही और फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस प्रोजेक्ट को हमारी महायुती की सरकार ने डिब्बों में से बाहर निकाला और योजना को पुनर्जीवित किया। 2016 में इसकी आधारशिला रखी गई और अगले कुछ ही वर्षों में ये काम पूरा भी हो जाएगा। साथियो, ऐसे ही नवी मुंबई में हवाई अड्डा बनाने की योजना पर, ये बात 1997 में शुरू की गई थी लेकिन ये प्रोजेक्ट भी लटक गया। केंद्र और राज्य में महायुती की सरकार के कारण ये प्रोजेक्ट अब जमीन पर उतर रहा है। एक और उदाहरण मैं आपको देता हूं। मुंबई में मेट्रो बनाने का प्रस्ताव 1997 में रखा गया था लेकिन मुंबई मेट्रो की नींव, समय बीतता गया 2006 तक बात पहुंची और वर्ष 2013-14 तक केवल एक सिंगल लाइन खोली गई। 16 साल में केवल 11 किलोमीटर, अरे ऐसी चाल है इस चाल से वाकई कछुआ भी शर्मा जाए। इसी मेट्रो नेटवर्क के लिए महायुती की सरकार ने तेजी से काम प्रारंभ कर दिया। आने वाले दो-तीन वर्षों के भीतर ही मेट्रो का एक बहुत बड़ा नेटवर्क मुंबई में खड़ा हो जाएगा। साथियो, ऐसे जितने भी काम हैं उसका सबसे बड़ा फायदा कॉमन मैन को, सामान्य मानवी को होता है। दशकों से चली आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए किया गया हर प्रयास कहीं ना कहीं सामान्य आदमी के जीवन को आसान बनाता है। 

साथियो, मुंबई को तो सपनों का शहर कहा जाता है, यहां मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए सबसे बड़ा सपना क्या है? एक ऐसा घर जिसे वो अपना कह सकें। पहले स्थिति ये थी कि ज्यादातर लोगों के लिए मुंबई में अपना घर होना बहुत बड़ा सपना होता था। जो लोग हिम्मत करके कहीं निवेश भी करते थे उन्हें रियल एस्टेट सेक्टर के माफियाओं के खिलाफ कोई कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं था। भाइयो-बहनो, रियल एस्टेट सेक्टर में सैंकड़ो कंपनियां और फर्म हैं उनमें से लगातार अच्छा भी काम कर रही थीं पर कुछ ऐसी भी थीं जो होम बायर्स के साथ विश्वासघात करती थीं उन बिल्डर माफियाओं को कोई डर नहीं था लेकिन लोग हमेशा इस डर के साएं में रहते थे कि कहीं उनकी जिंदगी भर की कमाई डूब तो नहीं जाएगी। ये स्थिति दशकों से चली आ रही थी लेकिन इसे बदलने की हिम्मत दिखाई हमारी सरकार ने, फ्लैट खरीदने वालों को घोखा ना मिले इसके लिए हम रियल एस्टेट सेक्टर को रेरा के माध्यम से कानूनी व्यवस्था के तहत लाए और होम बायर्स की आवाज बुलंद की। शहरी गरीबों को भी सस्ते कीमत पर घर मिल सकें, इसके लिए हमने प्रधानमंत्री योजना के माध्यम से लाखों घर भी दिए और लाखों का निर्माण चालू है। मध्यम वर्ग भी अपने घर के सपने को साकार कर सके इसके लिए ब्याज में सब्सिडी भी दी जा रही है। इस वजह से एक घर खरीदने पर पांच से छे लाख रुपए की बचत हो रही है। भाइयो-बहनो, कोई भी सरकार ऐसा काम तभी कर पाती है जब देश के लोग उसके लिए सर्वोपरि होते हैं, जो जनभावनाओं के प्रति संवेदनशील होते हैं। मैंने हमेशा कहा है कि हमारे लिए दल से बड़ा देश है, राजनीति हम लोगों के लिए राष्ट्रसेवा का माध्यम है और हम तो भारतीय जनता पार्टी वाले हैं मुंबई के साथ हमारा गर्भ और नाड़ का संबंध है क्योंकि हमारा जन्म इस मुंबई की धरती पर हुआ था भारतीय जनता पार्टी के रूप में हम यहीं पैदा हुए थे। इसलिए मुंबई के लोगों की सेवा करना, महाराष्ट्र के लोगों की सेवा करना ये हमारा सहज दायित्व बन जाता है। 

भाइयो-बहनो, महाराष्ट्र के लोगों ने, देश के लोगों ने कांग्रेस और उसके साथियों को ऐसी राजनीति करते हुए देखा है जिससे सबसे ज्यादा नुकसान देश का हुआ है। साथियो, याद करिए एक समय था जब मुंबई में बम धमाके और आतंक के हमले कभी भी हो जाया करते थे। मुंबई के समुद्री तट जो बिजनेस के ऑउटलेट थे वो आतंकियों का प्रवेश द्वार बन गए थे, अब भी क्या यही स्थिति है? नहीं ना, क्यों? मैं आपको बताता हूं, अब आतंक को पालने वाले जानते हैं कि अगर कोई गलती की तो उसकी पूरी सजा मिलेगी। सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट ये सिर्फ दो-तीन शब्द नहीं हैं, ये भारतीय जनता पार्टी, उसके सहयोगियों की रीति-नीति की पहचान भी है। लेकिन साथियो, ये भी याद करिए कि जब मुंबई में आतंकी हमले होते थे तो उस समय कांग्रेस और उसके साथियों की सरकार ने क्या किया था, तब कांग्रेस और उसके साथी किसके साथ खड़े थे। भाइयो-बहनो, बम धमाकों की हर जांच इशारा करती थी कि आतंकी हमला सीमा पार बैठे मास्टरमाइंड और आतंक के आकाओं ने करवाया। आतंकी संगठन खुद आ कर के हमलों की जिम्मेदारी लेते थे लेकिन तब कांग्रेस के नेता कहते थे, नहीं जी आपने थोड़े किया है यो तो हमारे लोगों ने किया है। भाइयो-बहनो, ये वही लोग हैं जो दशकों तक आर्टिकल 370 और 35 ए को पाले हुए थे इसकी वजह से घाटी में आतंकवाद बढ़ता गया, भ्रष्टाचार बढ़ता गया, अनेक लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया लेकिन कांग्रेस और उसके जैसे अपनी स्वार्थ भरी राजनीति करते रहे। अब फिर देखिए हमने 370 हटाया, 35 ए हटा, जम्मू-कश्मीर-लद्दाख पूरे देश के साथ एकजुटता से खड़े होने के बजाए, ये हमारे विरोधियों की भाषा देखिए कैसी भाषा बोल रहे हैं, किसकी मदद कर रहे हैं, किसका भला कर रहे हैं उनका एक-एक शब्द किसकी वकालत कर रहा है। भाइयो-बहनो, ऐसा क्यों है जब पीड़ितों को न्याय देने की बात आती है तो कांग्रेस और उसके साथी आतंकियों का बचाव करने लगते हैं। 1993 में मुंबई बम धमाकों के घाव कभी मुंबई भूल नहीं सकता, महाराष्ट्र भूल नहीं सकता, हिंदुस्तान भूल नहीं सकता। धमाकों में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ उस समय की सरकारों ने कोई न्याय नहीं किया। जिन लोगों ने हमारे अपनों को मारा वो भाग निकले और उसकी वजह अब खुलकर के सामने आने लगी है। ये लोग दोषियों को पकड़ने के बजाए उनके साथ मिर्ची का व्यापार कर रहे हैं, कभी मिर्ची का व्यापार-कभी मिर्ची से व्यापार। मैं आज मुंबई के इस मंच से आप पूरे महाराष्ट्र के लोगों को आग्रह करूंगा। इन लोगों को पहचानिए, इनके दलों से सावधान रहिए। साथियो, इन दलों को महाराष्ट्र और देश के गौरव, इसकी इन लोगों को कोई परवाह नहीं है, इन लोगों ने तो देश और दुनिया को यही एहसास दिलाया कि सैंकड़ों वर्षों की गुलामी से भारत को आजादी तो सिर्फ एक ही परिवार ने दिलाई। सोचिए इतना विराट भारत, आजादी के लिए लड़ने वाले असंख्य भारतीय, आजाद भारत को बनाने वाले अनेक हीरो, अनसंग ही रह गए, अतीत के पिछले पृष्ठों में ही छुपे रह गए। यही वो लोग हैं जिन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया था, अब यही काम ये लोग छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य स्मारक के साथ भी कर रहे हैं। जब से स्मारक के निर्माण का ऐलान हुआ है तब ही से इसको लेकर एक नाकारात्मक्ता का माहौल बनाया गया। साथियो, आप आश्वस्त रहें, ऐसे हर अपप्रचार के बावजूद हम जल्द ही छत्रपति शिवाजी महाराज के इस भव्य स्मारक को पूरा करने का प्रयास करेंगे। कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही इस पर निर्माण कार्य तेज हो जाएगा। इतना ही नहीं, मैं महाराष्ट्र की महायुती सरकार को बधाई दूंगा जो उन्होंने महान लेखक और कवि अण्णा भाऊ साठे का जन्म शताब्दी मनाने का फैसला लिया है। ऐसे हर राष्ट्रनायक-नायिकाओं को सम्मानित करना हमारी प्रतिबद्धता है, जो इसके आड़े आए हैं, जिन्होंने इसके आगे रोड़े अटकाए हैं उनको बार-बार सबक सिखाना महाराष्ट्र की जनता ने ठान लिया है। 

साथियो, पिछले कुछ दिनों में मैंने महाराष्ट्र के अनेक शहरों का दौरा किया, हजारों लोगों से संवाद किया, यहां के बौद्ध लोगों को उनसे मुलाकात की है। एक बात स्पष्ट है महाराष्ट्र में एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस जी के नेतृत्व में महायुती की सरकार बनने जा रही है। आब आप सभी की, पूरे महाराष्ट्र की जिम्मेदारी है इस विजय को और भव्य विजय बनाने की। मुंबईकर मैं सही कह रहा हूं ना, आप इसी प्रतिबद्धता को दोहराएंगे? भाइयो-बहनो, 21 अक्टूबर, 21 अक्टूबर को क्या है? अरे 21 अक्टूबर को सोमवार है और रविवार के बाद सोमवार आता है। रविवार को छुट्टी होती है, सोमवार को चुनाव की छुट्टी तो फिर मन कर जाता है दो दिन की छुट्टी मिल गई है चलो जरा गुजरात हो आते हैं, चलो गोवा हो आते हैं, चलो पुणे जाते हैं रिश्तेदारों को मिलकर के आ जाते हैं। मेरा आपसे आग्रह है भले दो छुट्टियां आ गईं साथ-साथ, लेकिन 21 अक्टूबर को अपने ही पोलिंग बूथ में रहेंगे, अपने पोलिंग बूथ के हर मतदाता को मिलेंगे। ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, महायुती को जिताएंगे, इस बार मुंबई में ऐतिहासिक मतदान कराएंगे। 

भाइयो-बहनो, फिर एक बार मैं आपका धन्यवाद करता हूं। साथियो, देर शाम आप सभी यहां आए, हम सभी को आशीर्वाद दिया इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। जय महाराष्ट्रा, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।    

 

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Industry leaders hail PM Modi’s bold vision for a Digital India
October 15, 2024
Industry leaders hail Prime Minister’s bold vision for a Digital India and appreciate government’s support towards reforms, innovation and collaboration
Industry leaders highlight Prime Minister’s emphasis on need for global framework for digital governance

The Prime Minister, Shri Narendra Modi inaugurated the 8th edition of India Mobile Congress during the International Telecommunication Union – World Telecommunication Standardization Assembly (ITU-WTSA) 2024 held at Bharat Mandapam in New Delhi today. WTSA is the governing conference for the standardization work of the International Telecommunication Union, the United Nations Agency for Digital Technologies, organized every four years. It is for the first time that the ITU-WTSA is being hosted in India and the Asia-Pacific. It is a pivotal global event that has brought together more than 3,000 industry leaders, policy-makers and tech experts from over 190 countries, representing telecom, digital, and ICT sectors.

Chairman of the Reliance JIO-INFOCOMM Limited, Shri Akash Ambani, commended Prime Minister Shri Narendra Modi for his visionary leadership, which has catalyzed India’s remarkable digital transformation. He said that in the third term, Shri Modi has positioned the Indian Mobile Congress (IMC) as a significant platform for innovation and collaboration, driving unprecedented growth in the digital sector. Shri Ambani noted that India has transitioned from a nation struggling with 2G speeds to becoming the world’s largest data market. He emphasized that India’s journey from ranking 155th in mobile broadband adoption to its current status demonstrates the power of synergy between government and industry. He further highlighted the inclusion of over 530 million unbanked Indians through initiatives like Jan Dhan accounts, with a significant portion being women. “Modi ji’s commitment to innovation has ensured that technology reaches every corner of our nation, leaving no one behind,” Shri Ambani stated. He proposed leveraging artificial intelligence (AI) as a transformative tool across various sectors, aiming for a developed India by 2047 and urged for updates to the data center policy to retain Indian data within the country, fostering a robust AI ecosystem.

Emphasizing Prime Minister Shri Narendra Modi’s vision for a Digital India, Founder and Chairman of Bharti Airtel, Shri Sunil Bharti Mittal, reflected on India’s telecom journey, emphasizing its transformative progress in telecom infrastructure and digital technologies. He said, “the real transformation began in 2014 with Prime Minister Modi’s vision for a ‘Digital India,’ which ignited the 4G revolution. This has empowered millions, including those in our rural areas, to access smartphones and essential digital services.” He highlighted the transformative impact of 4G technology, which has brought smartphones and digital services to millions, including those in rural areas. He underscored the government’s initiatives to boost local manufacturing through the Production Linked Incentives (PLI) program, positioning India as a manufacturing hub for telecom equipment. “We are committed to reducing our dependence on imports. With initiatives like the Production Linked Incentive (PLI) program, we are transforming India into a manufacturing hub for telecom equipment,” he said. Discussing future ambitions, Mittal announced that India is set to lead in 5G technology, with extensive rollouts planned across urban and rural regions within the next 12 to 18 months. He also discussed the potential of Low Earth Orbit (LEO) networks, stating, “These networks will bridge the connectivity gap in our most challenging terrains, ensuring all Indians have access to fast internet services.”

Chairman of Aditya Birla Group, Shri Kumar Mangalam Birla highlighted the steadfast support by the government in consistently recognizing the importance of digital connectivity and introducing several reforms over the years to drive India towards an even more connected, empowered and inclusive digital nation. He lauded the government's continued thrust on expanding digital infrastructure and accelerating digital adoption for people and businesses equally. Recalling the Prime Minister’s quote on MSME meaning maximum support to micro, small and medium enterprises, Shri Birla said that they are committed to providing maximum support by promoting digital transformation to India's small businesses making them future ready. He laid emphasis on focus on technologies like 5G, IoT, AI and cloud services and expressed the belief that a thriving digital ecosystem can be created that empowers India’s MSMEs to drive economic growth. He informed that India achieved the remarkable feat of 10 crore telecommunication consultations in tele-medicine and said that it is a matter of great pride for every Indian. Pointing out one of the most pressing issues being addressed by the government regulator and industry in the past year, Shri Birla touched upon spam control and fraud protection. Talking about the potential of the Indian telecom sector he hailed the Prime Minister's bold vision of a digital India. He expressed confidence that they would do their part with the continued support of the government, and help in realizing the Prime Minister's digital India destiny. He thanked the government, partners and the entire telecom community for making the past year truly an exceptional one.

Secretary General ITU, Ms. Doreen Bogdan Martin said that it is a great honor to be present at the joint ceremony with the Prime Minister on the occasion of 2024 World Telecommunications Standardization Assembly and India Mobile Congress. She said that it is a powerful symbol of the deep ties between the ITU and India and recalled the meaningful conversation with the Prime Minister last year during the inauguration of ITU Area Office and Innovation Center. She spoke about world leaders coming together just a few weeks ago in New York and adopting the Pact of the Future and its global digital compact where a powerful message was sent out to the world about the digital future. She recalled the Prime Minister’s emphasis on the need for global digital governance and highlighted how he made India's ambition very clear to lead by example and share its digital public infrastructure with the entire world. Referring to India’s G20 Presidency where DPI was a huge priority, Ms Bogdan Martin expressed delight in ITU becoming a knowledge partner. She underlined that the world has a lot to learn from India’s accomplishments with regard to unified payments interface. She stressed that standards build trust and that they are the engine which powers such platforms allowing them to operate at scale and providing every Indian with life-changing services through mobile device access. Ms Bogdan Martin further added that trust nurtures inclusion and inclusion can unlock the full potential of digital and emerging technologies for everyone, including the third of humanity that's still offline. She noted that this is a first-of-its-kind meet in Asia and called for bold collective action. She expressed confidence that in the next 10 days the role of international standards can be strengthened as the bedrock of global digital governance. She also touched upon ethical use of AI and urged to align technological progress with digital inclusion.