QuotePt Deendayal Upadhyaya, Gandhi ji and Dr. Lohia were great thinkers whose influence on country’s politics can be seen even today: PM
QuoteOur Govt is committed to the welfare of the poor and it draws inspirations from Mahatma Gandhi and Deendayal Upadhyaya: PM
QuoteThere is one nation in Asia whose aim is that this century does not become Asia's and is associated with terrorism: PM Modi
QuoteTerrorists that our neighbours exported killed our jawans. India will never forget this: PM Narendra Modi
QuoteBoth our countries got freedom in same year but India exports software & Pakistan exports terrorists: PM

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान अमितभाई शाह, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रद्धेय आडवाणी जी, डा. मुरली मनोहर जोशी जी, श्रीमान वेंकैया नायडू जी, श्री नितिन गड़करी जी, श्रीमान राजनाथ सिंह जी, मंच पर विराजमान केरल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं केन्द्र और राज्य के सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए केरल के मेरे प्यारे भाईयों और बहनों....

प्रिया सहोदरी सहोदरन मारे... एल्लावरक्कुम नमस्कारम,

“सामुथिरियुडे मन्निलविशालमायाई, सम्मेलानाथिर एथी चेरना एल्लावरक्कुम एंटे आशा मशकल, पाजा शिरेजा विंटेयुम, कुंजलिमरक्कंडेयम, नटिल निंगले नेरिलक्कानाम, ऐथी चेरन स्वाधि आदि आया संतोष मुंड”

गॉड्स ओन्ड कंट्री

केरल का स्मरण मात्र से... मन में एक गॉड्स ओन्ड कंट्री के रूप में एक श्रद्धा का... एक पवित्रता का एक भाव पैदा होता है।

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और ये श्रद्धा, ये पवित्रता का भाव सिर्फ भू-भाग के कारण नहीं है, यहां के लोगों ने, यहां के ऋषियों ने, मुनियों ने, साधु-संतों ने, यहां की भिन्न-भिन्न परम्पराओं ने जिन उच्च आदर्शों, मूल्यों, सादगी, परिश्रम, जन-जन के अंदर संस्कारित किया है उसी का परिणाम है कि आज पूरे देश में जहां कहीं भी केरल का व्यक्ति है हर कोई उसको आदर-भाव से देखता है।

पिछले दिनों मुझे खाड़ी के देशों में.. गल्फ कंट्रीज़ में जाने का मौका मिला। कोई देश का मुखिया किसी दूसरे देश में जाता है तो दो देशों के मुखियाओं के बीच बातें होना बड़ा स्वाभाविक होता है लेकिन मैंने आगृह किया था कि सरकारी तौर पर जो बातें होंगी सो होंगी लेकिन मैं इस इलाके में मेरे देश के जो लोग आकर के बसे हैं, पसीना बहाते हैं और जिसमें ज़्यादातर केरल के लोग हैं मैं उनको मिलना चाहूंगा... उनके दर्शन करना चाहूंगा।

और जिस किसी देश के मेज़बानों को मिलता था, उनके मुखियाओं को मिलता था, हर किसी के मूंह से हिन्दुस्तानियों की.. केरल के लोगों की.. उनके काम की.. उनके Discipline की.. उनके जीवन की.. भरपूर प्रशंसा सुनकर के गर्व महसूस करता हूं।

आज इस धरती पर मुझे दोबारा आने का अवसर मिला है। इसी मैदान में कुछ वर्ष पूर्व मुझे एक पॉलिटिकल रैली को सम्बोधित करने का सौभाग्य मिला था लेकिन उस दिन में और आज दिन के नज़रिए में... मैं इतना फर्क देख रहा हूं कि हैलीपैड से लेकर के यहां तक... पूरे रास्ते भर ह्युमैन चेन नहीं... मैने ह्यूमैन वॉल देखा... और उत्साह से भरा हुआ लोगों का जमघट देखा।

आज से पचास साल पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का अध्यक्ष के नाते दायित्व यहां तय हुआ था, उन्होंने कार्यभार संभाला था। पचास साल पहले के अखबार निकाल कर के देखिए। मैं नहीं जानता हूं अखबार के किसी कोने में भारतीय जनसंघ के उस कार्यक्रम की कोई खबर छपी होगी कि नहीं छपी होगी। भारतीय जनसंघ के किसी नेता की तस्वीर छपी होगी या नहीं छपी होगी। भारतीय जनसंघ क्या है... केरल में क्यों आए हैं... क्या कर रहे हैं.. मुझे नहीं लगता है कि पचास साल पहले कोई व्यापक चर्चा हुई होगी। उस समय के पॉलिटिकल पंडितों को... आज आश्चर्य होता होगा कि सवा सौ करोड़ का देश, इतना बड़ा लोकतंत्र... इतनी विवधताओं से भरा हुआ लोकतंत्र... इतनी भाषाएं, इतनी परम्पराएं, इतने सम्प्रदाय और पचास साल के भीतर-भीतर ये दल हिन्दुस्तान की नम्बर एक पार्टी बन गया। भारत में पूर्ण बहुमत के साथ देश की जनता ने उसको सेवा करने का मौका दे दिया।

आज हम उस पूर्व संध्या पर मिल रहे हैं जब कल से हिन्दुस्तान.. राजनीतिक चिन्तन के एक मनीषी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मशती मनाने जा रहा है।

पिछली शताब्दी में भारत के राजनीतिक जीवन को तीन महापुरुषों के चिन्तन ने प्रभावित किया। जिस विचार-प्रभाव से चलने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता आज भी हिन्दुस्तान की राजनीति में अपना योगदान दे रहे हैं। सबसे ऊपर हैं महात्मा गांधी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया। गांधी, दीनदयाल, लोहिया... ये पिछली शताब्दी के तीन महान विचारक, जिनके चिन्तन का प्रभाव आज के हिन्दुस्तान की राजनीति पर कहीं न कहीं नज़र आता है।

जब एनडीए की.. लोकसभा के चुने हुए सदस्यों ने मुझे अपने नेता के रूप में चुना और संसद के सेन्ट्रल हॉल में नेता के रूप में मेरा पहला भाषण हुआ तब मैंने कहा था कि हमारी यह सरकार गरीबों को समर्पित है। ये विचार.. ये भाव महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के चिन्तन में से प्राप्त हुए है.. प्रेरणा में से प्राप्त हुए हैं... अन्त्योदय की दीनदयाल जी की कल्पना में से हमने हमारी सरकार के कार्यकलाप को रेखान्कित करने का प्रयास किया है।

सत्ता की राजनीति के गलियारे में आने से पहले... अनेक वर्षों तक संगठन का कार्य करने का मुझे सौभाग्य मिला और मैं हमेशा कहता भी था, अनुभव करता था कि हमारी पार्टी के जितने महानुभाव हैं... उनकी चिन्तन धारा.. हमारी वैचारिक धरोहर तैयार करती है। लेकिन साथ-साथ केरल के भारतीय जनसंघ के और केरल के भारतीय जनता पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने दशकों में जो बलिदान दिए हैं। हज़ारों कार्यकर्ताओं ने जो यातनाएं झेली हैं... लाखों कार्यकर्ताओं ने...। सामने कुछ नज़र नहीं आता था... सत्ता दूर-दूर तक दिखती नहीं थी। आज भी केरल के कार्यकर्ताओं को सत्ता का सौभाग्य नहीं मिला है। उसके बावजूद भी वे डटे रहे.. वे जूझते रहे... विचार के लिए बलिदान होते रहे... ऐसे केरल के कार्यकर्ता सदा-सर्वदा हिन्दुस्तान के लाखों कार्यकर्ताओं की प्रेरणा रहे हैं।

और मैं केरल के कार्यकर्ताओं के विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जो तपस्या की है, आपने जो यातनाएं झेली हैं, आपने जो बलिदान दिया है ये बलिदान कभी बेकार नहीं जाएगा। कभी न कभी तो आपका बलिदान रंग लाएगा। केरल का भी भाग्य बदलेगा। भारतीय जनता पार्टी केरल के भाग्य को बदलने की निमित्त बनेगी। ये मैं साफ-साफ देख रहा हूं।

केरल में हिन्दुस्तान का नम्बर एक राज्य बनने की हर प्रकार की शक्ति पड़ी हुई है। हम उसको ताकत देना चाहते हैं और देश में केरल अग्रिम पंक्ति में आगे बढ़े...इसके लिए भारतीय जनता पार्टी और भारत सरकार पूरी तरह से अपना योगदान देने के लिए सदा-सर्वदा तैयार रहेंगी।

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देश एक ही मंत्र को लेकर के आज बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ और इसीलिए विकास का मंत्र लेकर के, अनेक योजनाएं लेकर के... आज देश पूरी दुनिया में एक स्वर में यह कहा जा रहा है कि विश्व की तेज गति से बढ़ने वाली इकोनॉमी में, दुनिया की बड़ी-बड़ी इकोनॉमी में हिन्दुस्तान आज सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली इकोनॉमी है।

मछुआरा हो या मज़दूर हो, किसान हो या कारोबारी हो, दिल्ली में बैठी हुई सरकार हर किसी को empower करने के लिए, हर किसी को नई ऊर्जा, नई शक्ति, नई सामर्थ्य, नया अवसर देने के लिए प्रयास कर रही है और सारी योजनाएं समाज के सशक्तिकरण पर केन्द्रित की गई हैं।

आज मानव जाति के सामने अनेक चुनौतियां हैं, हम कई वर्षों से सुन रहे हैं.. 21वीं सदी एशिया की सदी है और 21वीं सदी एशिया की सदी बने... इसके लिए हर प्रकार की संभावनाएं हैं। हर प्रकार की शक्तियां मौज़ूद हैं। और सारे अवसर साफ-साफ नज़र आ रहे हैं।

एशिया के सभी देश, 21वीं सदी एशिया की बने, हर देश अपना योगदान देने के लिए भर्षक प्रयास कर रहा है।

लेकिन एक देश एशिया में ऐसा है जो 21वीं सदी एशिया की न बने, पूरा एशिया रक्तरंजित हो। पूरा एशिया आतंकवाद की चपेट में आ जाए, खून खराबा हो, निर्दोष लोग मौत के घाट उतार दिए जाएं...उसके षड़यंत्र करने में पूरी तरह लगा हुआ है।

एशिया के अंदर जहां-जहां आतंकवाद की घटनाए घट रही है.. हर देश एक ही देश को गुनहगार मानता है। सवाल सिर्फ भारत का नहीं है। यही एक देश है जो चारों तरफ आतंकवाद को एक्सपोर्ट करने में लगा हुआ है।

अफगानिस्तान हो, बांग्लादेश हो... अड़ोस-पड़ोस के और देश हों... सब दूर। और आपने देखा होगा दुनिया में जब भी आतंकवाद की घटनाओं की खबर आती है तो थोड़े दिन में यह भी खबर आती है कि आतंकवादी या तो इस देश से गया था या तो आतंकवादी घटना करने के बाद ओसामा बिन लादेन की तरह उस देश में आकर के बसा था। वही उसका आश्रय स्थान बना था।

भाईयों-बहनों, आतंकवाद कैसा होता है, ये केरल के लोग भलिभांति जानते हैं। हमारी केरल की बेटियों को आतंकवादी उठाकर के ले गए थे। नर्सिंग का काम करने के लिए...मानवता की सेवा करने के लिए... खाड़ी के देशों में हमारी केरल की बेटियां सेवा-भाव से काम कर रहीं थीं। आतंकवादी उठाकर ले गए। पूरा देश बेचैन हो गया था...हमारी बेटियों को हम बचा पाएंगे कि नहीं बचा पाएंगे। उनके जीवन का क्या होगा...वो ज़िंदा बचेगी कि नहीं बचेगी। उनके मां-बाप को हम क्या जवाब दे पाएंगे... चारों तरफ चिंता का माहौल था लेकिन पूरा केरल... उसने देखा कि दिल्ली में बैठी सरकार इतनी चौकन्नी थी, भर्षक प्रयास किया...डिप्लोमेटिक प्रयास किया और मेरी केरल की उन बेटियों को सही-सलामत उनके घर तक हमने पहुंचा दिया।

आतंकवाद...ये मानवता का दुशमन है। पूरे विश्व की मानव जात को.. मानवतावादियों ने एक होकर के आतंकवाद को परास्त करना ही होगा और आतंकवाद के सामने न हिन्दुस्तान झुका है.. न हिन्दुस्तान झुकेगा... आतंकवाद को परास्त करके रहेगा।

भाईयों-बहनों इन दिनों पूरे देश में एक आक्रोश का माहौल है। जम्मू-कश्मीर में- उरी में.. हमारे पड़ोसी देश से एक्सपोर्ट किए हुए टेरररिस्टों ने हमारे 18 जवानों को बलिदान होना पड़ा। आतंकवादी कान खोलके सुन ले... ये देश इस बात को कभी भूलने वाला नहीं है।

मेरे प्यारे भाईयों-बहनों पिछले कुछ महीनों में 17 बार.. ये पड़ोसी देश ने जो टेरररिस्ट एक्सपोर्ट किए थे, 17 बार अलग-अलग गुट... कभी चार की संख्या में.. कभी छः की संख्या में.. सीमा पार करके इन फिदायिन हमलावरों ने इसको तहस-नहस देश को करने का प्रयास किया। लेकिन हमारी सैना...जाबांज सेना ने पिछले कुछ ही महीनों में इन 17 प्रयासों को भी विफल किया... लाइन ऑफ कंट्रोल के पास ही इन फिदायिन हमलावरों को मौत के घाट उतार दिया। पिछले कई वर्षों में इतने कम समय में सबसे ज़्यादा 110 से भी ज़्यादा आतंकवादियों को हमारी सेना के जवानों ने मौत के घाट उतार दिया।

इन संभावित 17 भयंकर घटनाओं से देश को बचाने का महान काम जाबांज सेना ने किया... सुरक्षाबलों ने किया.. सीना तान करके लड़ाईयां लड़ीं... और देश के सामान्य मानवीय को रक्षा देने के लिए वो लड़ते रहे.. वे सदा-सर्वदा जागते रहे और हमें... सवा सौ करोड़ देशवासियों को.. हमारी सेना पर नाज है। हमारी सेना पर हमें गर्व है... उनकी वीरता पे गर्व है... उनके पराक्रम पे गर्व है...उनके बलिदान की गाथाओं पर गर्व है।

आप कल्पना कर सकते हैं... पड़ोसी देश एक घटना में सफल हुआ और हमारे 18 वीरों को.. बलि होना पड़ा... अगर इन 17 घटनाओं में अगर वो सफल हुए होते तो देश को कितना तबाह कर देते...इसका आप अंदाज कर सकते हैं।

मेरे प्यारे देशवासियों हमारी सेना के जवान, हमारे सुरक्षा बलों के जवान...चाहे बीएसएफ हो या सीआरपीएफ हो.. चाहे जम्मू-कश्मीर की पुलिस हो...चाहे नॉर्थईस्ट की पुलिस हो.. जितने भी हमारे सुरक्षाबलों को जवान हैं वो इस लड़ाई को जीतते चले गए हैं। इसका कारण सिर्फ शस्त्र नहीं होते हैं। जवानों के लिए शस्त्र तो एक खिलौना होता है लेकिन जवानों की शक्ति, देश का मनोबल होता है। आज हिन्दुस्तान का मनोबल सबसे ऊंचा है.. सबसे बुलंद हौंसला है। और देश के लिए.. देश के जवानों के लिए देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों का मनोबल... यही हमारी ताकत है और यही हमारे सैन्य का सामर्थ्य है।

पड़ोस के देश के नेता और उनके हुक्मरान... कहा करते थे कि हज़ार साल लड़ेंगे... काल के भीतर कहां खो गए... कहीं नज़र नहीं आते हैं।

और आज के हुक्मरान आतंकवादियों के आकाओं के लिखे हुए भाषण पढ़कर के कश्मीर के गीत गा रहे हैं।

मैं आज यहां से सीधा-सीधा पाकिस्तान की आवाम से बात करना चाहता हूं। उन हुक्मरानों से... जो आतंकवादियों के आकाओं के लिखे हुए भाषण पढ़ते हैं। दुनिया को उनसे कोई अपेक्षा नहीं है। लेकिन मैं.. आज यहां से पाकिस्तान की आवाम से बात करना चाहता हूं।

मैं पाकिस्तान की आवाम को याद दिलाना चाहता हूं कि 1947 के पहले आपके पूर्वज भी इसी संयुक्त हिन्दुस्तान की धरती को प्रणाम करते थे, इसी को अपनी मिट्टी मानते थे... और उस हिसाब से आपके उन पूर्वजों की याद दिलाते हुए मैं आज आपसे कुछ बातें कहना चाहता हूं।

पाकिस्तान की आवाम अपने हुक्मरानों को ज़रा पूछें कि पीओके तो आपके पास है आप उसको भी संभाल नहीं पाते... कभी पश्चिम बंगाल में पूर्वी पाकिस्तान जो आज का बांग्लादेश है.... वो भी आपके पास था... उसको भी संभाल नहीं पाए। आप सिंध को संभाल नहीं पा रहे हो। आप गिलगिट को नहीं संभाल पा रहे हो। आप पाश्तुनिस्ट को नहीं संभाल पा रहे हो... बलोचिस्तान को संभाल नहीं पा रहे हो। ये तो आपके पास हैं... आपका शासन है...आप इसको भी नहीं संभाल पाए हो और आपको कश्मीर की बातें करके ये आपको गुमराह कर रहे हैं। आप पाकिस्तान की आवाम अपने नेताओं को ज़रा पूछें कि जो घर में हैं उनको तो ज़रा ढंग से संभाल कर के दिखाओ।

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पाकिस्तान की आवाम अपने हुक्मरानों को ज़रा पूछे कि दोनों देश एक साथ आज़ाद हुए... क्या कारण है कि हिन्दुस्तान दुनिया में सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट करता है और आपके हुक्मरान टेरररिस्टों को एक्सपोर्ट करते हैं... क्या कारण है...?

पाकिस्तान की आवाम से मैं कहना चाहता हूं... आपको गुमराह करने के लिए आपके हुक्मरान... हज़ार साल तक हिन्दुस्तान से लड़ने की बातें करते हैं। आज दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है। मैं आपकी इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार हूं।

पाकिस्तान की आवाम मैं आपको कहना चाहता हूं... हिन्दुस्तान आपसे लड़ाई लड़ने को तैयार है... आओ...आओ हिम्मत हो...आओ हिम्मत हो.. तो लड़ाई उस बात की लड़ें... आइए हम गरीबी को खत्म करने का काम करें। आप अपने देश में गरीबी को खत्म करने का काम करें... हम दोनों लड़ाई लड़ें... देखते हैं सबसे पहले अपने देश की गरीबी कौन खत्म करता है...आओ...पाकिस्तान की आवाम इसको पसंद करेगी।

पाकिस्तान के नौजवान आओ लड़ाई लड़ें... पहले हिन्दुस्तान बेरोज़गारी खत्म करता है कि पहले पाकिस्तान बेरोज़गारी खत्म करता है। आओ...बेरोज़गारी को खत्म करने की लड़ाई लड़ें और देखें...कि पहले कौन जीतता है।

मैं पाकिस्तान के छोटे-छोटे उन बालकों से बात करना चाहता हूं आइए हम अशिक्षा के खिलाफ लड़ाई लड़ें...पाकिस्तान भी अशिक्षा को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़े। हिन्दुस्तान भी अशिक्षा को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़े। और देखें कि पहले हिन्दुस्तान जीतता है कि पहले पाकिस्तान जीतता है।

हिन्दुस्तान में भी नवजात शिशु मरते हैं. प्रसूता माताएं मरती हैं... पाकिस्तान में भी नवजात शिशु मरते हैं और प्रसूता माताएं मरती हैं। आओ लड़ाई लड़ें...नवजात शिशुओं को बचाने की...प्रसूता माताओं को बचाने की... आप बचाकर के दिखाओ..हम बचाकर के दिखाएं... देखते हैं कौन जीतता है।

और पाकिस्तान के हुक्मरान सुन लें.. हमारे 18 जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।

भारत सफल रहा है आपको पूरी दुनिया में अलग-थलग करने के लिए और हम इसको तेज करेंगे और पूरे विश्व में आपको अकेला रहने के लिए हम मज़बूर करके रहेंगे।

वो दिन दूर नहीं होगा जब पाकिस्तान की आवाम पाकिस्तान के हुक्मरानों के खिलाफ, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में आएगी।

मेरे प्यारे देशवासियों... हमारे देश का भविष्य शांति, एकता, सदभावना से जुड़ा हुआ है। देश का जवान तब जीतता है जब हम कंधे से कंधा मिलाकर के खड़े होते हैं। एक स्वर से बोलते हैं.. एक ही संकल्प को लेकर के चलते हैं। आज सवा सौ करोड़ देशवासी उस देशभक्ति के ज्वर से भरे हुए हैं...आज सवा सौ करोड़ देशवासी भारत की आन-बान-शान के लिए हर कीमत देने के लिए तैयार बैठे हुए हैं और इसीलिए भाईयों-बहनों... भारत के उज्जवल भविष्य को देख रहा हूं। भारत में सुख चैन की ज़िंदगी देख रहा हूं और इसके लिए मिलकर के सफल होंगे...यह मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।

मेरे प्यारे देशवासियों पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष को हमने गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाना तय किया। हमारे सभी प्रयासों का केन्द्रबिन्दु.. हमारे देश का गरीब हो। हमारा गरीब empower हो... गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एक बहुत बड़ी ताकत निर्माण हो...उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं और इस केरल की धरती.. केरल के लोग... गॉड्स ओन्ड कंट्री...हमें आर्शीर्वाद दे ताकि हम देश के कल्याण के मार्ग पर...गरीबों के कल्याण के मार्ग पर...जन कल्याण के मार्ग पर... लोक कल्याण के मार्ग पर... हम तेज गति से आगे बढ़ें।

21वीं सदी में हमारा संकल्प बने कि..

“हिन्दुस्तान एक ऐसा देश हो... जो गरीबी से मुक्त हो - समृद्धि से युक्त हो।”

“भारत एक ऐसा देश हो जो भेदभाव से मुक्त हो - समानता से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो जो अन्याय से मुक्त हो - न्याय से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो जो गंदगी से मुक्त हो - स्वच्छता से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो जो भ्रष्टाचार से मुक्त हो - पारदर्शिता से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो बेरोज़गारी से मुक्त हो - रोज़गारी से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो महिला उत्पीड़न से मुक्त हो - नारी सम्मान से युक्त हो।”

“भारत ऐसा देश हो जो निराश से मुक्त हो - आशा से युक्त हो।”

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मशती में हम सभी इस संकल्प को लेकर के आगे बढ़ें...इसी एक अपेक्षा के साथ आप सबका बहुत बहुत आभार और आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

मेरे साथ मुट्ठी बंद करकर के पूरी ताकत के साथ बोलिए..

भारत माता की... जय

भारत माता की... जय

भारत माता की... जय

बहुत-बहुत धन्यवाद

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Prime Minister lauds the inscription of ‘Maratha Military Landscapes of India’ on the UNESCO World Heritage List
July 12, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed immense pride and joy over the inclusion of the Maratha Military Landscapes of India in the prestigious UNESCO World Heritage List.

He noted that the inscribed heritage comprises 12 majestic forts- 11 located in Maharashtra and 1 in Tamil Nadu.

Highlighting the significance of the Maratha Empire, the Prime Minister remarked, “When we speak of the glorious Maratha Empire, we associate it with good governance, military strength, cultural pride and emphasis on social welfare. The great rulers inspire us with their refusal to bow to any injustice.”

He urged citizens to visit these forts to learn about the rich history of the Maratha Empire.

The Prime Minister also shared cherished memories from his 2014 visit to Raigad Fort, including a photograph where he paid tribute to Chhatrapati Shivaji Maharaj.

Responding to the X post of UNESCO about aforesaid recognition, the Prime Minister said;

“Every Indian is elated with this recognition.

These ‘Maratha Military Landscapes’ include 12 majestic forts, 11 of which are in Maharashtra and 1 is in Tamil Nadu.

When we speak of the glorious Maratha Empire, we associate it with good governance, military strength, cultural pride and emphasis on social welfare. The great rulers inspire us with their refusal to bow to any injustice.

I call upon everyone to go visit these forts and learn about the rich history of the Maratha Empire.”

“Here are pictures from my visit to Raigad Fort in 2014. Had the opportunity to bow to Chhatrapati Shivaji Maharaj. Will always cherish that visit.”