एक तरफ श्री अमरनाथ यात्रा चल रही है, बड़ा पवित्र माहौल है दूसरी तरफ रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और तीसरी तरफ आज माता वैष्णों देवी के चरणों में भारत भर से भक्तों को लाने की सुविधा प्रदान करने का एक मंगल प्रारंभ हो रहा है। एक प्रकार से सब ओरएक पवित्रता का माहौल हैऔर पवित्रता के माहौल में इस मंगल कार्य का आरंभ हो रहा है। प्रदेश के माता वैष्णों देवी के चरणों में आने वाले करोड़ों-करोड़ों भक्तों को शुभकामनाएं देता हूँ और आज ये सुविधा सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए सुविधा नहीं है और न ही यह सिर्फ जम्मू-कश्मीर को भेंट है, यह भेंट पूरे हिन्दुस्तान को है,सवा सौ करोड़ देशवासियों को है जो जम्मू-कश्मीर आने के लिए लालायित रहते हैं, जो माता वैष्णों देवी के चरणों में आने के लिए आतुर रहते हैं। ऐसे कोटि-कोटिजनों के लिए ये सुविधा है और उनके चरणों में ये समर्पित करते हुए मैं गर्व महसूस कर रहा हूँ और उनको मंगल कामनाएं देता हूँ। ये रेल सुविधा आज प्रारंभ हो रही है।
मैंने रेल मंत्री को सुझाया था किदिल्ली से कटरा तक की जो सुविधा है और आगे चलकर और स्थानों से भी जुड़करकेदेश के भिन्न-भिन्न कोने से यात्रियों को कटरा तक लाने का जो प्रबंध हो रहा है। इस ट्रेन को “श्री शक्तिएक्सप्रेस” के रूप में जाना जाए ताकिमाता वैष्णों देवी के चरणों में हम जा रहे हैं इसकी अनुभूतियात्रियों को लगातार होती रहे। मैं ‘माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड’ का भी अभिनंदन करना चाहता हूँ। गवर्नर साहब का भी अभिनंदन करना चाहता हूँ कियहां रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों के लिए आवश्यक आई-कार्ड निकालने की सुविधाओं का प्रबंध हुआ है। टैक्नोलॉजी का प्रबंध हुआ है और इसीलिए हिन्दुस्तान के किसी भी कोने से आने वाले यात्री के लिए ये बहुत सुनिश्चित हो जाएगा कियात्री का समय न खराब होते हुए उसके आगे की यात्रा के लिए जो भी प्रबंध होना चाहिए उसके लिए पूरी व्यवस्था मिलेगी, पूरा मार्गदर्शन मिलेगा।
जब विकास होता है तो कभी-कभार ऐसा लगता है किवहां पर ये हुआ तो मेरा क्या होगा जैसे मुख्यमंत्री जी ने जम्मू के लोगों की चिंता का जिक्र किया। मैं अनुभव से कह सकता हूँ किजम्मू के विकास को कभी कोई रूकावट नहीं आएगी। जब सुविधाएं बढ़ती है तो लोग भी अपने समय का सदुपयोग और जगह पर जाने के लिए करते हैं और इसीलिए जो सीधा कटरा आएगा वो जम्मू गए बिना जाएगा नहीं ऐसा मैं नहीं मानता और इसलिए जम्मू की विकास यात्रा और अधिक क्वालिटी की बन पाएगी, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है और साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा में कटरा का जुड़ना, कटरा का सेंटर स्टेज पर आना, आने वाले 10 साल की आप कल्पना कीजिए कटरा इतनी तेजी से विकास करेगा, इतनी तेजी से विकास करेगा जो पूरे जम्मू-कश्मीर के विकास के अंदर एक नया योगदान करने वाला एक आर्थिक प्रभुत्तिका केन्द्र बन जाएगा। जब व्यवस्था विकसित होती है और विकास के केन्द्र बिंदु में हमेशा इनफ्रास्ट्रक्चर का सबसे बड़ा महत्व होता है। जैसे ही इंफ्रास्ट्रक्चर बना आप मानके चलिए किउसके अगल-बगल में व्यवस्थाएं विकसित होना शुरू हो जाएगी। मुझे अभी बताया जा रहा था किट्रेन तो अभी आज शुरू हो रही है लेकिन स्टेशन के अगल-बगल व्यापारियों ने अपनी-अपनी जगह बना ली है और काम शुरू कर दिया है। अगर उनको समय दे किविकास के अंदर कैसे फायदा उठाना, विकास को कैसे भागीदार बनाना है और इसलिए ये सिर्फ एक रेलवे है, एक यात्रा करने की सुविधा है ऐसा नहीं है।
ये एक प्रकार से विकास की जननी बन जाती है और मेरे हिसाब से जम्मू-कश्मीर को रेल से जोड़ने का अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जो शुभारंभ किया है उसको हमें और आगे बढ़ाना है और आने वाले दिनों में बनिहाल तक जाने की जो व्यवस्था है उसको भी आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इतना ही नहीं, हिन्दुस्तान में पहली बार राज्य और केन्द्र मिल करके एक नवीन व्यवस्था को आज प्रारंभ कर रहे हैं। एक प्रकार से हाइब्रिड व्यवस्था है। रेल और बस की कनेक्टिविटी को कॉम्बिनेशन बनाया गया है। अब जो लोग श्रीनगर जाना चाहते होंगे उनको रेलवे से ही रेलवे की भी टिकट मिलेगी और कटरा से बनिहाल तक जो किजहां रेल-मार्ग नहीं है वहां बस की भी टिकट मिलेगी, कटरा वो उतरेगा, बस उपलब्ध होगी, बनिहाल पहुंचेगा, रेल उपलब्ध होगी और तुरंत वो आगे श्रीनगर पहुंचेगा। एक ही टिकट में रेल और बस दोनों का ट्रेवलिंग हो और पैसेंजर को कठिनाई न हो, यात्री को कठिनाई न हो ऐसी सुविधा का आरंभ राज्य और केन्द्र की रेल मिल करके ये दे रहे हैं और भविष्य में भी रेलवे का विकास करने के लिए केन्द्र और राज्य की पार्टनरशिप का मॉडल जितना ज्यादा विकसित होगा उतना फायदा होने वाला है।
मैं मुख्यमंत्री जी की इस बात से सहमत हूँ किहमारे रेलवे स्टेशन ऐसे पुराने क्या होने की जरूरत है,क्यों न हिन्दुस्तान के महत्वपूर्ण स्थानों के रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट से भी बढ़िया क्यों न हो और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ,सिर्फ जम्मू वासियों को नहीं, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूँ किहम रेलवे के विकास में, प्राथमिकता मेट्रो सिटीज़ में जम्मू जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन को और उसके जैसे रेलवे स्टेशनों को अतिआधुनिक बनाना, एयरपोर्ट से भी रेलवे स्टेशन ज्यादा अधिक सुविधाजनक हो, ये बनाने का हमारा सपना है और ये बन सकता है। ये कोई कठिन काम नहीं है और ये इकनॉमिकली वाइबल प्रोजेक्ट बन सकता है। मैंने पिछले दिनों रेलवे के मित्रों के साथ बड़े विस्तार से समय निकालकर चर्चा की है और मैंने इसके विषय पर उनको डिटेल में प्रारूप दिया है और अब देखिए देखते ही देखते आपको बदलाव नजर आएगा और इसमें प्राइवेट पार्टी भी इनवेस्टमेंट करने के लिए तैयार हो जाएगी क्योंकिये आर्थिक रूप से एक अच्छी योजना होगी। जो सबको लाभ पहुंचाने वाली होगी एक विन-विन सिचुएशन वाला प्रोजेक्ट होगा। उस दिशा में हम आने वाले दिनों में जरूर आगे बढ़ना चाहते हैं, आज जब हम इस रेल सुविधा को दे रहे हैं यह भी मेरे लिए अत्यंत खुशी की बात है। भारत के विभिन्न राज्यों से कटरा तक छह जोड़ी रेल गाड़ियाँ तुरंत चलाई जाएगी। यानि उसका विस्तार और जगहों पर भी किया जाएगा। उसके अतिरिक्त जम्मू और उधमपुर तक चलने वाली तीनजोड़ी डेमू रेलगाड़ियों का कटरा तक, आज से विस्तार भी किया जा रहा है। जो जम्मू से चलने वाली उधमपुर वाली जो डेमू ट्रेन्स है उसको भी कटरा से जोड़ने का काम हो रहा है।
आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में विकास एक नयी ताकत कैसे बनेगी, देखिए आज का दिन एक प्रकारसे महत्वपूर्ण है। महत्वपूर्ण इसलिए है किआज का दिवस जम्मू कश्मीर को नयी गतिभी देने जा रहा है और आज का दिन जम्मू कश्मीर को नयी ऊर्जा भी देने जा रहा है। आज मुझे दो कार्यक्रम करने का अवसर मिला है एक इस रेल कनेक्टिविटी, जो जम्मू कश्मीर को गतिदेगा और उरी में जा करके पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन जो जम्मू कश्मीर को ऊर्जा देगा, विकास की ऊर्जा देगा और जम्मू कश्मीर को विकास की ऊर्जा चाहिए, जम्मू कश्मीर को विकास की गतिचाहिए और एक प्रकार से आज के ये दोनों कार्यक्रम उस निमित्त बड़े महत्वपूर्ण हैं।
मैं मानता हूँ किहमारे देश के जो हिमालयन स्टेट्स हैं, उन हिमालयन् स्टेट्स के विकास के लिए एक अलग से रूप-रेखा की आवश्यकता है। सारे हिमालयन् रेजिंग स्टेटस की कई एक समान कठिनाइयां है कई प्रकार की एक समान अवसर भी हैं अगर उनका एक कॉमन मॉडल विकसित किया जाएगा तो समस्याओं का समाधान भी बहुत जल्दी होगा। केंद्र के पास भी स्पष्ट विज़न होगा। राज्यों की अपेक्षाओं को समझने में केन्द्र सामर्थ बनेगा और हिमालयन स्टेट्स जो है उसके विकास में इस नयी परिधिमें हम जाना चाहते हैं और जिसका लाभ जम्मू कश्मीर को भी मिलेगा और उधर नार्थ-ईस्ट तक हिमालयन रेंज की विकास की यात्रा का लाभ उन सभी राज्यों को मिलेगा और उस दिशा में भी हम आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज मैं जम्मू कश्मीर की धरती पर आया हूँ माता वैष्णोदेवी के चरणों में आया हूँ और जब चुनाव अभियान प्रारंभ किया था तब भी माता वैष्णोदेवी का आशीर्वाद ले करके गया था और आज विकास यात्रा का आरंभ कर रहा हूँ वो भी माता वैष्णोदेवी के आशीर्वाद से कर रहा हूँ और इसलिए मुझे विश्वास है किभारत की विकास यात्रा को और अधिक शक्तिमिलेगी, और अधिक ताकत मिलेगी और अधिक सामर्थ्यवान विस्तार के साथ हम इस विकास यात्रा को आगे बढ़ाएंगे।
टूरिज्म में यात्रियों की सुविधा के साथ रेलवे एक प्रकार से Environment Friendly व्यवस्था होती है और जम्मू-कश्मीर में Environment Friendly Transportation, वो दुनिया को आकर्षित करने का कारण बनता है। हम इस मार्ग के माध्यम से विश्व के अंदर जम्मू-कश्मीर में Environment Friendly यातायात को भी बल दे रहे हैं यह अपने आप में एक अच्छे प्रयोग के रूप में हम दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।
और हिमालयन में जितना विकास हम करना चाहेंगे, वो Environment Friendly विकास हो सकता है। उसको हम बल भी दे सकते है, उसकी सुरक्षा करते हुए यात्रियों की सुविधा भी बढ़ा सकते हैं, Environment की सुरक्षा भी हो, यात्रियों की सुविधा भी बढ़े, उस दिशा में हम प्रयास करते हैं, मैं जब यहां रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने गया, वहां का जो मैंने द़श्य ऐसा, ऐसा रेलवे स्टेशन देखने को मिलता बहुत कम है, क्योंकि ऊपर पहाड़ से नीचे स्टेशन पर जाना होता है, तो छोटी पहाड़ी पर से पूरा स्टेशन दिख रहा है, तो कितना बड़ा तामझाम है उसका दर्शन होता है। मैंने तुरंत कहा-हिंदुस्तान का ये ऐसा रेलवे स्टेशन बन सकता है कि जिसको पूरा हम सोलर रेलवे स्टेशन के रूप में कनवर्ट कर सकते हैं। इतनी संभावनाएं पड़ी है। रेलवे चेयमैन ने मुझे कहा मैं साहब, तुरंत इस काम को हाथ में लूंगा और मैं कटरा का पूरा रेलवे स्टेशन, देश का एक रेलवे स्टेशन, Environment Friendly Movement का एक हिस्सा... और बहुत संभावना पड़ी है, उसको जब करेंगे तो जब यात्री आएंगे और ऊपर स्टेशन पे जब जाते होंगे तो उसको देखकर कोर्ठ भी जान लेगा कि सोलर एा उपयोग कैसे और कहां हो सकता है और मुझे विश्वास है कि बहुत जल्दी रेलवे विभाग पूरे रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल का उपयोग करके एक-एक इंच की जगह का उपयोग कर करके उस ऊर्जा का भी उपयोग आने वाले दिनों में कैसे कर सके उस पर प्रयास होगाऔर ऐसा मुझे पूरा विश्वास है।
जम्मू-कश्मीर अनेक समस्याओं से गुजरा है, अनेक कठिनाईयों से गुजरा है और एक भारत के हर नागरिक की इच्छा है, भारत के हर नागरिक का दायित्व है किहमारा जम्मू-कश्मीर सुखी हो, समृद्ध हो। हर एक की इच्छा है और इसको पूरा करना हम सबका दायित्व है। चाहे हम शासन व्यवस्था में हो तो भी, हम शासन व्यवस्था में न हो तो भी। यह हम सबका दायित्व है। यहां के नौजवानों को रोजगार मिले, रोजगार के नए अवसर मिले। उनको नई जिंदगी जीने का अवसर मिले। मैं अभी जब कटरा स्टेशन पर बच्चे ट्रेन में जा रहे थे तो उनको मैंने पूछा किआपमें से कितने लोग है जिन्होंने पहले कभी ट्रेन देखी है, कितने है जो ट्रेन में बैठे है। 21वीं सदी का पहला दशक चला गया उन बच्चों में 80 प्रसेंट बच्चों ने हाथ ऊपर किया किहमने पहली बार ट्रेन में बैठे है आज। उन बच्चों के लिए आनंद का विषय है। लेकिन हमारे लिए सोचने का विषय है किहमविकास यात्रा को कैसे चलाया कि कटरा, इतने निकट के भी बच्चों को जीवन में पहली बार रेल को देखने का 21वीं सदी आने के बाद अवसर मिला है। हमारा दायित्व बनता है किहमारे देश के दूर-सूदूर कोने में बैठे हुए लोगों को भी विकास का लाभ मिलना चाहिए। विकास से प्राप्त सुविधाएं सामान्य मानव तक पहुंचनी चाहिए, आखिरी छोर पर बैठे हुए मानव तक पहुंचनी चाहिए। हम लोगों का प्रयास यही है और मुझे विश्वास है देश की जनता ने जो आशीर्वाद दिए हैं उस आर्शीवाद के बलबूते पर अंतिम छोर पर बैठे हुए गरीब से गरीब व्यक्तिके कल्याण में ये विकास की यात्रा आगे बढ़ेगी, विकास के नए मार्ग स्थापित होंगे और सामान्य व्यक्तिके जीवन को.. उसकी Quality of life में चेंज आएगा।
उसकी आशा अपेक्षा के अनुकूल जीवन व्यवस्था विकसित हो, उस दिशा में हम प्रयास करेंगे। मैं जम्मू कश्मीर के नागरिकों को यही संदेश देना चाहता हूं, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जिस यात्रा को प्रारंभ किया है, उस यात्रा को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं और हमारा मकसद राजनीतिक जय-पराजय वाला नहीं होता है। हमारा मकसद होता है जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक का दिल जीतना है और मैं जम्मू-कश्मीर के नागरिकों का दिल जीतना यही मेरी प्राथमिकता है और यह प्राथमिकता उसी को विकास के माध्यम से करना है यहां के लोगों के कल्याण के माध्यम से करना है। यहां के लोगों की भलाई के माध्यम से करना है और मुझे विश्वास है इस स्वप्न को हम बहुत ही जल्द, बहुत तेजी गतिसे पूरा करते जाएंगे। इसी सद्भावना के साथ फिर एक बार यह श्री शक्तिएक्सप्रेस राष्ट्र को समर्पित कर रहा हूँ। माता वैष्णों देवी के चरणों में आने वाले कोटिकोटिभक्तों को समर्पित करता हूँ और जम्मू-कश्मीर के टूरिज्म के विकास के लिए यह यात्रा अहम भूमिका अदा करेगी। जम्मू–कश्मीर के टूरिज्म को बहुत बल मिलेगा। जम्मू-कश्मीर के विकास को बहुत बल मिलेगा। इस शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद।
Your Excellency क़ैस अल यूसुफ़, Minister of Commerce,
Industry and Investment Promotion,
दोनों देशों के delegates,
बिजनेस वर्ल्ड के लीडर्स,
देवियों और सज्जनों !
नमस्कार।
मुझे सात वर्ष बाद ओमान आने का सौभाग्य मिला है। और आज आप सभी के साथ बातचीत करने का अवसर मिल रहा है।
इस Business Summit के लिए आपकी गर्मजोशी मेरा भी उत्साह बढ़ा रही है। आज की यह Summit, भारत–ओमान partnership को नई दिशा देगी, नई गति देगी, और नई बुलंदियों तक पहुंचाने में मदद करेगी। और इसमें आप सभी का बहुत बड़ा रोल है।

Friends,
आप भारत और ओमान के बिजनेस, हमारे ट्रेड को रिप्रेज़ेंट करते हैं। आप उस विरासत के वारिस हैं जिसका सदियों का एक समृद्ध इतिहास रहा है। सभ्यता के आरंभ से ही, हमारे पूर्वज एक दूसरे के साथ maritime trade कर रहे थे।
अक्सर कहा जाता है कि समंदर के दो किनारे बहुत दूर होते हैं, लेकिन मांडवी और मस्कट के बीच, अरब सागर एक मजबूत ब्रिज बना है। एक ऐसा ब्रिज, जिसने हमारे रिश्तों को मजबूत किया, कल्चर और इकॉनॉमी को ताकत दी। आज हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि समंदर की लहरें बदलती हैं, मौसम बदलते हैं, लेकिन भारत–ओमान की दोस्ती हर मौसम में और मज़बूत होती है, और हर लहर के साथ नई ऊंचाई को छूती है।
Friends,
हमारा रिश्ता trust की नींव पर बना, friendship की ताक़त से आगे बढ़ा, और समय के साथ और गहराता चला गया।
आज हमारे डिप्लोमेटिक रिश्ते भी seventy years के हो गए हैं। ये सिर्फ सत्तर वर्ष का उत्सव नहीं है, ये वो पड़ाव है जहां से हमें अपनी सदियों की विरासत को एक समृद्ध भविष्य की तरफ ले जाना है।
Friends,
आज हम एक ऐसा ऐतिहासिक निर्णय ले रहे हैं, जिसकी गूँज आने वाले कई दशकों तक सुनाई देगी। Comprehensive Economic Partnership Agreement, यानि सीपा, हमारी पार्टनरशिप को, ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी में नया विश्वास, नई ऊर्जा से भर देगा। यह हमारे साझा भविष्य का ब्लूप्रिंट है। यह हमारे ट्रेड को नई गति देगा, investment को नया भरोसा देगा, और हर सेक्टर में अवसरों के नए द्वार खोलेगा।
सीपा, हमारे नौजवानों के लिए growth, innovation, और employment के अनेक नए अवसर बनाएगा। ये एग्रीमेंट पेपर से निकलकर, परफॉर्मेंस में बदले, इसमें आप सभी की भूमिका बहुत बड़ी है। क्योंकि जब policy और enterprise एक साथ चलते हैं, तभी partnership नया इतिहास बनाती है।

Friends,
भारत की प्रगति हमेशा shared progress की कहानी रही है। भारत जब ग्रो करता है, तो अपने दोस्तों को अपनी ग्रोथ का साझेदार बनाता है। आज भी हम यही कर रहे हैं।
आज भारत, third largest economy बनने की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है। इसमें पूरी दुनिया के लिए अवसर हैं, लेकिन ओमान के लिए तो advantage और भी बड़ा है।
क्योंकि हम पक्के दोस्त तो हैं ही, मैरिटाइम नेबर भी हैं। हमारे लोग एक-दूसरे को जानते हैं, हमारे बिजनेस जगत में पीढ़ियों का भरोसा है, और हम एक-दूसरे के मार्केट को बहुत ही अच्छे से समझते भी हैं। ऐसे में भारत की ग्रोथ जर्नी में, ओमान के लिए अवसर ही अवसर हैं।
Friends,
आज बिजनेस वर्ल्ड में भारत की इकॉनॉमी की रज़ीलियन्स की चर्चा होती है। लोग अक्सर पूछते हैं कि दुनिया में इतनी अनिश्चितता है ग्लोबल इकॉनॉमी भी मुश्किलों में है, तो ऐसे में, भारत eight percent से अधिक की ग्रोथ कैसे अचीव कर रहा है? मैं आपको इसका बड़ा reason बताता हूं।
असल में बीते 11 वर्षों के दौरान भारत ने सिर्फ़ policies नहीं बदली हैं, भारत ने अपना economic DNA बदला है।
मैं आपको कुछ उदाहरण देता हूं, जैसे गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स यानि GST, इसने पूरे भारत को एक integrated, unified market में बदला है। इन्सॉलवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड से financial discipline आया, transparency को बढ़ावा मिला, और इससे investor confidence मज़बूत हुआ। ऐसे ही हमने corporate tax reforms किए। इससे भारत, दुनिया के most competitive investment destinations में से एक बन गया है।
साथियों,
अभी आपने लेबर रिफॉर्म्स की भी चर्चा सुनी होगी। हमने दर्जनों लेबर कोड्स को सिर्फ चार कोड्स में समेट दिया है। ये भारत के इतिहास के सबसे बड़े लेबर रिफॉर्म्स में से एक हैं।
Friends,
जब policy clarity आती है, तो manufacturing को भी नया विश्वास मिलता है। एक तरफ हम पॉलिसी और प्रोसेस रिफॉर्म कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, भारत में मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव भी दे रहे हैं। ऐसे प्रयासों से ही आज मेक इन इंडिया अभियान को लेकर दुनिया में बहुत उत्साह है।
Friends,
Reforms को भारत के Digital Public Infrastructure ने और ताकत दी है। Governance paperless हुई है, economy cash-less हुई है, और system कहीं ज़्यादा efficient, transparent और predictable हुआ है।
डिजिटल इंडिया सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं है ये दुनिया की सबसे बड़ी ‘इंक्लूजन रेवोल्यूशन’ भी है। इससे ease of living बढ़ी है, और ease of doing नए लेवल पर पहुंच चुकी है। और भारत में बन रहा आधुनिक फिज़िकल इंफ्रास्ट्रक्चर, इसको और बेहतर कर रहा है। सुधरती हुई कनेक्टिविटी के कारण, भारत में logistics की cost लगातार कम होती जा रही है।
Friends,
भारत निवेश के लिए एक आकर्षक destination है, ये तो दुनिया मानती है। साथ ही, भारत एक भरोसेमंद, future-ready partner है। और ओमान इसको बहुत अच्छे से समझता भी है, और सराहता भी है।
हमारा Joint Investment Fund, अनेक वर्षों से, दोनों देशों में निवेश को बढ़ावा दे रहा है। एनर्जी हो, oil and gas हो, फर्टिलाइजर्स, हेल्थ, पेट्रोकेमिकल्स और ग्रीन एनर्जी हो, ऐसे हर सेक्टर में नई संभावनाएं बन रही हैं।
लेकिन साथियों, भारत और ओमान सिर्फ इतने से संतुष्ट नहीं हैं। हम comfort zone में नहीं रहते। हमें भारत–ओमान partnership को next level पर ले जाना है। इसके लिए, दोनों देशों के बिजनेस वर्ल्ड को अपने लिए कुछ बड़े लक्ष्य तय करने ही होंगे।
आपका ये काम मैं कुछ हल्का कर देता हूं। मै आपको कुछ challenges देता हूँ। हम Green Energy में मिलकर कुछ बड़ा कर सकते हैं क्या? क्या हम अगले पांच वर्षों में पांच बड़े ग्रीन प्रोजेक्ट्स शुरू कर सकते हैं? हमें ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया, सोलर पार्क्स, energy storage, और smart grid के क्षेत्र में नए बेंचमार्क्स बनाने हैं।

Friends,
एनर्जी सिक्योरिटी जितनी ज़रूरी है, उतनी ही आवश्यक Food Security भी है। आने वाले समय में ये एक बड़ा ग्लोबल चैलेंज बनने जा रहा है। क्या हम मिलकर, India - Oman Agri Innovation Hub बना सकते हैं? इससे ओमान की food security को मजबूती मिलेगी, और भारत के agri-tech को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
Friends,
एग्रीकल्चर तो एक सेक्टर है। ऐसे ही, हर सेक्टर में Innovation को बढ़ावा देना ज़रुरी है। ऐसे में क्या हम "Oman–India Innovation Bridge” की स्थापना कर सकते हैं? हमें ये तय करके चलना होगा कि आने वाले दो वर्षों में, 200 भारतीय और ओमानी स्टार्टअप्स को हम जोड़ें।
हमें joint incubators बनाने होंगे, fintech sandboxes, AI & cybersecurity labs का निर्माण करना होगा, और cross-border venture funding को बढ़ावा देना होगा।
Friends,
ये सिर्फ़ ideas नहीं हैं, ये invitation हैं।
Invitation—to invest.
Invitation—to innovate.
Invitation—to build the future, together.
आइए, हम इस पुरानी मित्रता को नई technology, नई एनर्जी और नए सपनों की शक्ति से आगे बढ़ाएं।
"शुक्रन जज़ी--लन!”
Thank you!


