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PM Narendra Modi attends the Visitors' Conference at Rashtrapati Bhavan
Society is becoming technology driven. It is essential to understand the importance of this & look towards affordable technology: PM
Our focus must now be on innovation. It is the key to achieve one's dreams: PM Modi
Institutions of higher education should give primacy to innovation in learning: PM Narendra Modi
Finding solutions to challenges like global warming & converting waste to wealth are key to rise of India: PM Modi
Science is universal but technology must be local: PM Modi
The biggest strength of #MakeInIndia is human capital. Skill development is extremely vital: PM
Our President is a walking talking university. He is an ocean of knowledge: PM Narendra Modi

परम आदरणीय राष्‍ट्रपति जी, मंत्रिपरिषद के मेरे साथी, उपस्‍थित सभी वरिष्‍ठ महानुभाव। मैं आदरणीय राष्‍ट्रपति जी का बहुत आभारी हूं कि आपने इस व्‍यवस्‍था को प्राणवान बनाया। वरना आना-मिलना, कुछ इधर से कुछ उधर से और फिर Bye bye. इस ritual से बाहर इस व्‍यवस्‍था को निकाल करके इसमें प्राण भरने की कोशिश हुई है और समय की मांग के अनुसार उसमें participation, involvement, coordination इस पर अधिक बल दिया गया है। ये जो व्‍यवस्‍था विकसित हुई है और उसके मंथन में से जो अमृत प्राप्‍त हो रहा है वो भविष्‍य में राष्‍ट्र की विकास यात्रा के रोड मैप को तैयार करेगा। उसमें ज्ञान और अनुभव के सामर्थ्‍य को जोड़ेगा और समय सीमा में परिवर्तन लाने के प्रयासों को बल देगा। मैं हमेशा सोचता हूं कि प्राथमिक शिक्षा व्‍यक्‍ति के जीवन के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका अदा करते हैं। प्राथमिक शिक्षा इंसान को जड़ों से जोड़ती है लेकिन higher education आसमान छूने के अरमान जगाती है और इसलिए जितना महत्‍मय प्राथमिक शिक्षा के माध्‍यम से जीवन को तैयार करना, प्राथमिक शिक्षा के माध्‍यम से जड़ों से जोड़ना, उतना ही higher education के माध्‍यम से आसमान को छूने वाले अरमान कैसे जगे। अगर प्राथमिक शिक्षा व्‍यक्‍ति घरतर पर ज्‍यादा बल देती है तो higher education राष्‍ट्र घरतर का आधार बनती है।

राष्‍ट्र कैसे शक्‍तिशाली बनेगा उसका एक road map, उसकी एक blue print इस कालखंड में तैयार होती है और उस अर्थ में आप लोगों का योगदान, आपके द्वारा institutions का योगदान, राष्‍ट्र के विकास की यात्रा को, राष्‍ट्र निर्माण के प्रयासों को समयानुकूल जिन ताकतों की आवश्‍यकता है उसको जोड़ने के लिए काम आता है। शायद इसके पूर्व की कोई शताब्‍दी ऐसी नहीं होगी जिस पर technology का इतना प्रभाव रहा हो। एक प्रकार से पूरा समाज जीवन technology driven हुआ है और तब जाकर के हमारे लिए भी आवश्‍यक होता है कि technology के इस महत्‍मय को स्‍वीकार करते हुए, भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए हम affordable technology की तरफ आगे कैसे बढ़े? हम sustainable technology पर बल कैसे दे और ये करना है तो हमें innovation पर बल देना होगा। Millions of million challenges are there. लेकिन जैसा अभी बताया गया कि Billions minds are also there. लेकिन जब तक वो mind innovation के साथ नहीं जुड़ता है वो अगर सिर्फ उपभोक्‍ता ही बना रहता है तो मैं नहीं मानता हूं कि इतने सारे mind को हम खुराक भी दे पाएंगे, उसको जो दिमागी खुराक चाहिए वो भी नहीं दे पाएंगे और इसलिए हम भाग्‍यवान है कि हमारे पास Billions of Billion mind है। लेकिन जब तक हम innovation के लिए कोई अगर हम proper environment नहीं देते हैं, mechanism develop नहीं करते हैं। resource mobilise नहीं करते हैं तो कभी-कभी विचार धरे के धरे रह जाते हैं और इसलिए सपनों को साकार करने का एक मार्ग होता है innovation. हमारी institutions innovation को प्राथमिकता देने में कितनी कामयाब हो रही है।

अब आज Global Warming, Environment ये सारे issues की चर्चा हो रही है दुनिया में। कुछ लोगों के लिए Global Warming एक चिंता का विषय है, तो कुछ लोगों के लिए Global Warming एक market का कारण है। उन्‍होंने उसको एक market opportunity में convert करने की सोची है। वे चाहते हैं कि हम technology में innovation करेंगे और Global Warming के नाम पर दुनिया की market को capture करेंगे। भारत जैसे देश के लिए ये आवश्‍यकता बन जाती है कि हम भावी पीढ़ी की रक्षा के लिए क्‍या वो innovation दुनिया के सामने ला सकते हैं। जो अच्‍छा भी हो और सस्‍ता भी हो और सामान्‍य मानविकी के जीवन के साथ सहजता से adoptable हो। अगर ये व्‍यवस्‍थाएं हम विकसित करते हैं तब तो ये Billions of Billion people एक कदम चलकर के भी climate change की इतनी बड़ी समस्‍या के समाधान के लिए रास्‍ते खोज सकते हैं।

आज दुनिया में एक culture develop हुआ – throw away culture. लेकिन दुनिया में जो संकट पैदा हुआ है उसके कारण अब throw away culture चिंता का कारण बना है और उसके कारण reuse कैसे करना, recycle कैसे करना, इस पर मंथन चल रहे हैं। भारत जैसा इतना बड़ा देश, हम waste को wealth में create करने के लिए क्‍या innovation कर सकते हैं। मान लिजिए हमें 50 million मकान बनाने हैं। आज जिस material के आधार पर मकान बना रहे हैं क्‍या हम उतने मकान बनाने के लिए material provide कर सकते हैं। हम जानते हैं इन दिनों नदी की रेत बालू smuggling होता है। एक राज्‍य दूसरे राज्‍य में smuggling करता है क्‍योंकि उसको construction के लिए रेत उपलब्‍ध नहीं है। environment के कारण भी ऐसे हैं कि रेत लेना भी मुश्किल होता जा रहा है। तब जाकर के हमारे innovation के लिए सबसे बड़ी challenge है कि हम मकानों की रचना में किस material को provide करेंगे। जो हमारे पास waste पड़ा होगा। वो ही well creation का कारण बनेगा। हम innovation को कैसे लाएं। हम कभी कभी बाहरी तथा उधारी चीजों को तुरंत adopt कर देते हैं। जिस जगह पर मुश्किल से सप्‍ताह में एक दिन सूरज के दर्शन होते हैं वो जब मकान की रचना करेगा जो चारों तरफ शीशे लगाएगा ताकि कहीं से किरण मिल जाए कहीं चली न जाए मेरे नसीब में आ जाए। लेकिन हम भी वेसा करेंगे तो हमें क्‍या करना पड़ता है कि एक curtain लगाओ, दो curtain लगाओ, पांच curtain लगाओ, temperature, यानी हममें हमारे requirement के अनुसार हमारे architecture को develop करना पड़ेगा। जब तक हम हमारे requirement के अनुसार हमारे architecture को develop नहीं करते हैं और हम borrow की गई व्‍यवस्‍था को स्‍वीकार करेंगे। तो शायद हम संकट को बढ़ाने के लिए हिससेदार बनेंगे और इसलिए Science is universal but technology must be local ये जब तक हम apply नहीं करते हैं अब मान लीजिए मुझे असम के अन्‍दर पानी निकालना या पानी पहुंचाना है तो मैं 50 बार सोचूंगा कि मुझे स्‍टील की पाइप की जरूरत है क्‍या वहां और मेरा answer है कि स्‍टील की पाइप के बिना bamboo को पाइप में convert कर कर के पानी पहुंचाया जा सकता है और स्‍टील से उसकी लाइफ ज्‍यादा होती है। कहने का तात्‍पर्य यह है कि मुझे वहां बांबू से काम चलता है तो मुझे स्‍टील ले जाने की क्‍या जरूरत है और इसलिए समाज जीवन की जो स्‍वाभाविक आवश्‍यकताएं हैं। उसको हम कैसे उस प्रकार से उपयोग करें। हम एक virtual platform तैयार कर सकते हैं क्‍या, एक वेबसाइड इन प्रिंट हमारे सामने आई है। हम एक ऐसा virtual platform तैयार करें जो globally इस प्रकार के सहज प्रयोग हो रहे हैं। उनको हम invite करेंगे। हम उस पर seminar करें चर्चा करें और उसमें हो सकता है कुछ चीजें हमारे लिए sparking point बनें। हमें कुछ करने के लिए प्रेरणा दे सकते हैं। क्‍या हम इसका उपयोग कर सकते हैं। अगर हम इस प्रकार से लोगों को जोड़ते हैं तो अधिक प्रयास करते हैं तो परिणाम मिलता है। हमारी institutions आज हम जानते हैं जो हमारे यहां student आते हैं तो वे किस प्रकार से आते हैं। एक चिंता का विषय है कि ज्‍यादातर student जो अब हमारे पास पहुंच रहे हैं। वे entrance exam कैसे पार करना उसी में उनकी mastery होती है। वे उस प्रकार के classes को attend करते हैं। जो आपको exam पार कराने का रास्‍ता दिखाते हैं और उसके कारण हम उनकी real talent और capability से अनभिज्ञ रह जाते हैं। वो admission ले लेता है और उसको मालूम है कि हमारा base ऐसा है कि पाइपलाइन के इस दौर के अन्‍दर प्रवेश कर गया तो दूसरी तरफ निकलना ही निकलना है। दूसरा कोई रास्‍ता ही नहीं है। हमारे यहां कोई आईएस अफसर 24सौ घंटे पढ़ाई करके exam पास करके अन्‍दर आ गया तो उधर सेक्रेटरी बन कर ही निकलेगा। ये जो स्थिति है और इसलिए हमें लगातार हमारे यहां रैंकिंग करने की पद्धति बदल सकते हैं क्‍या। वरना हम investment करते जाएं, समाज का है मैं सरकार की बात नहीं कर रहा हूं। हम investment करते जाएं लेकिन ultimate product जो हैं वो हमारे काम न आएं उसका तो हम गुजारा कर लें। लेकिन वह खुद का गुजारा तो टीचर बन के भी कर लेता है। आज हमारा देश इतनी बड़ी मात्रा में डिफेंस equipment import करता है। देश का बहुत बड़ा बजट डिफेंस सेक्‍टर में लगा है। क्‍या मेरे देश की technical institutions वो research और innovation में lead नहीं कर सकते हैं कि जो डिफेंस equipment manufacturing के लिए जो resource mobilisation है उसमें सबसे बड़ी ताकत है talent of human resource. उस human resource की capability इतनी हो कि दुनिया के किसी भी डिफेंस manufacturing वाले लोग हैं उसको यह पहले ध्‍यान में आना चाहिए the best talent is here. मैं manufacturing में ही करूंगा और मुझे cheap talent मिल जाती है तो मैं ग्‍लोबल मार्केट के अन्‍दर affordable रूप में खड़ा हो जाऊंगा। मैं मार्केट में खड़ा हो जाऊंगा और इसका मतलब यह हुआ कि मुझे अगर मेरे देश की defence requirement के लिए इतना import है तो अगर मेरी इतनी institutions मिलकर करके तय करें तब हिन्‍दुस्‍तान के दस साल के अन्‍दर defence equipment इम्‍पोर्ट करने में हम 50% कम कर देंगे। मैं समझता हूं कि भारत सरकार को इतना बजट बचेगा कि इसी education system को बढ़ावा देने में कोई हर्ज नहीं होगा। कितना बड़ा फायदा होगा। हम आत्‍मनिर्भर बनेंगे और इसलिए हम लोगों को जब तक ये हम नहीं सोचते कि हमारी आवश्‍यकताएं क्‍या हैं।

आज solar energy की तरफ सबका ध्‍यान गया है। 175 Gigawatt बहुत बड़ा ambitious plan है। दुनिया के किसी भी देश के व्‍यक्‍ति के साथ जब भारत 175 Gigawatt renewal energy की बात करता है तो पांच मिनट तो समझ नहीं पाता है कि मैं Megawatt बोल रहा हूं कि Gigawatt बोल रहा हूं। उनको अचरज हो रहा है। क्‍या कोई देश इतना बड़ा initiative ले सकता है। लेकिन अगर हम technology में innovation करें। हम solar manufacturing में solar के equipment manufacturing में हम नए innovation कर करके हम maximum power generation की दिशा में कैसे जा सकते हैं, हम उसको और cost effective कैसे बना सकते हैं, हम कितनी बड़ी देश की सेवा कर सकते हैं?

अभी मैं एक science magazine देख रहा था। पढ़-वढ़ तो पाता नहीं हूं ज्‍यादा तो उसमें एक चीज मेरे ध्‍यान में आई हैं। एक प्रयोग चल रहा है wind energy के संबंध में। तो जो wind turbines है अब वो हवा में जो humidity है उसको भी capture कर रहे हैं। अब वो wind के कारण power तो generate करते हैं, लेकिन उसी व्‍यवस्‍था से वो humidity को capture करके उसमें से पानी में convert करते हैं और एक wind mill 24 घंटे में 10,000 लीटर sweet water हवा में से लेकर के दे सकता है। मतलब कि मान लीजिए रेगिस्‍तान के इलाके के गांव हैं अगर वहां हमारी ऐसी wind mill लगती है जहां wind velocity भी है और अगर मैं 10,000 लीटर sweet water देता हूं मतलब मैं health के सारे problems का solution करता हूं, जीवन जीने की quality of life में बदलाव लाता हूं। क्‍या मैं multiple activity वाली मेरी technology, एक में से अनेक लाभ इस दिशा में हम कुछ कर सकते हैं और हमारे पास हमारे नौजवान है। दुनिया के किसी भी देश में जाए तो इस प्रकार के पराक्रम कर सकते हैं। क्‍या हम भारत में वो अवसर दे सकते हैं? हमारी सभी institutions, वे अपना in house incubation centre को कैसे develop करे और corporate world को उसकी partnership कैसे दी जाए? ताकि corporate world की जो आवश्‍यकता है जो commercial में जाने वाले हैं, अगर incubation centre with education institution होगा और ये तीनों का अगर मेलजोल होगा तो मैं समझता हूं कि हम नए-नए research के लिए commercial field में जाने के लिए तुरंत निर्णय कर सकते हैं और एक-दूसरे को बल दे सकते हैं।

हम ‘मेक इन इंडिया’ की बात करते हैं। ‘मेक इन इंडिया की सबसे बड़ी ताकत क्‍या है? Raw material हमारे हैं, ऐसा हम दावा नहीं कर सकते। लेकिन हमारे पास human capital इतना strong हमारा base है कि हम ‘मेक इन इंडिया’ के लिए दुनिया में claim कर सकते हैं और उसके लिए skill development चाहिए। हम जिन विषयों पर काम करे, मान लिजिए मेरी petroleum university है। gas base economy की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है। अगर gas base economy की दिशा में मेरा देश आगे बढ़ रहा है तो मुझे छोटे से गांव में भी गैस से संबंधित जो technology, repairing, pipe repairing, safety majors इसके लिए छोटे-छोटे लोगों की जरूरत पड़ेगी। क्‍या हमारी institutions आखिरी छोर पर हमें किस प्रकार के human resource development चाहिए उसका syllabus तैयार करके skill development करने वाली institution तक उसको linkage करे तो मेरी university professional लोगों को तैयार करेगी, मेरी university expert साइंटिस्‍टों को तैयार करेगी, technicians को तैयार करेगी। लेकिन back up के लिए मुझे जिस प्रकार के human resource की जरूरत होगी वो भी simultaneous तैयार होगा। कितना बड़ा बदलाव आ सकता है, लेकिन हमारा काम टुकड़ों में होता है। जब तक हम holistic approach नहीं करते, integrated approach नहीं करते हैं तब ये टुकड़ों से जो व्‍यवस्‍था बनती है तो हमारी कठिनाई बढ़ जाती है और इसलिए हमारे लिए ये भी आवश्‍यक है। जिस प्रकार से कोई देश in isolation नहीं चल सकता, उसी प्रकार से कोई institution in isolation नहीं चल सकता। हमारे लिए आवश्‍यक है कि समग्र दुनिया कहां जा रही है, उस दुनिया में हम कहां जा सकते हैं, उस जगह पर पहुंचने के लिए हमारे wage and means क्‍या है, हमारे resources क्‍या है, हमारी capability क्‍या है। और उसमें हम five year plan बना करके, ten year plan बना करके इन चीजों पर focus करेंगे, हम इतना पहुंचेंगे, तब तो जा करके होगा। otherwise मुझे याद है मैं जब नया-नया गुजरात में CM बना, तो मेरा focus था ITIs एक प्रकार का वो technology word का शिशु मंदिर है। बाल मंदिर कह दीजिए। मैंने उस पर focus किया, तो मैं हैरान था। वहां पर जो Auto mobile के courses थे, वो courses चल रहे थे जो गाडि़यां बनती ही नहीं है। अब कार वैसी available नहीं है, लेकिन आपका student बेचारा admission ले करके एक साल भर उन चीजों को पढ़ता है। यानी कि हमें यह बदलाव लाने के लिए आप जहां पर है वहां से पीछे क्‍या हो सकता है, आप बहुत बड़ा contribution कर सकते हैं।

यह जो Imprint के माध्‍यम से आप बहुत बड़ा contribution कर सकते हैं। और इसलिए हम एक नये vision के साथ एक लम्‍बी सोच के साथ इन चीजों को कैसे करें और हम लोग भाग्‍यवान है कि हमारे राट्रपति जी स्‍वयं में अपने आप में एक चलती-फिरती university है। कोई मुझे पूछे कि प्रधानमंत्री बनने का आपका सबसे बड़ा फायदा क्‍या है, तो मैं कहूंगा सबसे बड़ा मेरा फायदा है राष्‍ट्रपति जी के निकट जाने का। जब भी मिलता हूं, ज्ञान का भंडार होता है। मैं सच बताता हूं जी। इतनी चीजें बारीकी से बताते हैं वो। उसके साथ उनका experience होता है। आप लोगों के सीधा-सीधा उनका मार्गदर्शन है आपको। उनके मार्गदर्शन में आप लोगों का काम करना है। मैं नहीं मानता हूं कि अब कोई हमें रोक सकता है। Sky is the limit, अब आप राष्‍ट्रपति जी के आदेशों के अनुसार इच्‍छा के अनुसार चीजों को करेंगे, मैं मानता हूं राट्र लाभांवित होगा। मेरी आप सबको बहुत शुभकामनाएं हैं। मैं राष्‍ट्रपति जी का बहुत आभारी हूं कि मुझे आप सबके बीच आने का अवसर दिया। बहुत बहुत धन्‍यवाद।

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September 25, 2023
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भारत माता की… भारत माता की… भारत माता की…
मैं कहूंगा दीनदयाल उपाध्याय.. आप कहिएगा अमर रहे… अमर रहे।
दीनदयाल उपाध्याय.. दीनदयाल उपाध्याय .. दीनदयाल उपाध्याय…

मंच पर विराजमान सभी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतागण और मेरे परम साथी और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे परिवारजनों,
ये जनसैलाब, ये उमंग, ये उत्साह, ये कार्यकर्ता का महाकुंभ, महासंकल्प ....बहुत कुछ कहता है। ये दिखाता है कि मध्य प्रदेश के मन में क्या है। ये दिखाता है- नई ऊर्जा से भरी हुई भाजपा। ये दिखाता है- भाजपा और भाजपा के हर कार्यकर्ता का बुलंद हौसला।

मेरे परिवारजनों,
मध्य प्रदेश को, देश का दिल कहा जाता है। भाजपा के साथ देश के इस दिल का जुड़ाव कुछ विशेष ही रहा है। जनसंघ के जमाने से लेकर आज तक, भाजपा को MP के लोगों ने हमेशा भरपूर आशीर्वाद दिया है। अटल जी, कुशाभाऊ ठाकरे जी, कैलाश जोशी जी, प्यारेलाल खंडेलवाल जी, राजमाता विजयराजे सिंधिया जी, सुंदरलाल पटवा जी, वीरेंद्र सकलेचा जी, मध्य प्रदेश से निकले ऐसे अनेक महान व्यक्तित्वों ने हमें आज यहां तक पहुंचाया है। ऐसे अनेकों लोगों का तप और त्याग, आज भी भाजपा के हर कार्यकर्ता को प्रेरित करता है। इसलिए मध्य प्रदेश सिर्फ भाजपा के विचार का ही नही, बल्कि विकास के विजन का भी महत्वपूर्ण केंद्र है। इसलिए आज जब देश अमृतकाल की नई विकास यात्रा पर निकला है, तब मध्य प्रदेश की भूमिका औऱ महत्वपूर्ण हो गई है।

मेरे परिवारजनों,
मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार को लगभग 20 साल पूरे हो चुके हैं। यानि जो युवा इस बार के चुनावों में पहली बार वोट डालेंगे उन्होंने भाजपा की सरकार को ही देखा है। ये युवा सौभाग्यशाली हैं कि इन्होंने MP में कांग्रेस का वो बुरा शासन, वो बुराइयां उन्होंने देखी नहीं है। MP में कांग्रेस के शासन की पहचान थी- कुनीति, कुशासन और करोड़ों का करप्शन। आज़ादी के बाद मध्य प्रदेश में लंबे समय तक कांग्रेस का ही शासन रहा। लेकिन कांग्रेस ने साधन संपन्न मध्य प्रदेश को, समर्थ युवाओं वाले मध्य प्रदेश को, बीमारू बना दिया दोस्तों, बीमारू बना दिया। यहां के युवाओं ने कांग्रेस के जमाने की खराब कानून व्यवस्था नहीं देखी। यहां के युवाओं ने उस दौर की खस्ताहाल सड़कें नहीं देखी। यहां के युवाओं ने अंधेरे में जीने को मजबूर गांव और शहर नहीं देखे। अपने हर कार्यकाल में भाजपा ने MP को नई ऊर्जा के साथ नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास किया है। इसलिए यहां के युवाओं ने भाजपा का सुशासन ही देखा है। उन्होंने चारों तरफ से विकास करता मध्य प्रदेश ही देखा है। उन्होंने मध्य प्रदेश को देश के अग्रणी गेहूं उत्पादक राज्यों के रूप में देखा है। उन्होंने मध्य प्रदेश को शिक्षा के उभरते केंद्र के रूप में देखा है। और इसलिए आने वाले चुनाव बहुत अहम है। हमें ध्यान रखना है कि विकास का जो रास्ता MP के लोगों ने बनाया है, उस विकास की गाड़ी सड़क से उतरे नहीं, भटके नहीं और अटके भी नहीं। हम अपने आसपास देख रहे हैं कि जब इन्हें राजस्थान में मौका मिला तो कैसे कांग्रेस वहां सिर्फ बर्बादी लाई। हमने महाराष्ट्र में देखा है कि कैसे कांग्रेस ने गठबंधन में शामिल होकर लूट को ही अपना नंबर वन काम बना लिया।

साथियों,
मध्य प्रदेश के विकास के लिए आने वाले कुछ साल बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज पूरी दुनिया से भारत में निवेश आ रहा है, अलग-अलग राज्यों में आ रहा है। ये समय, भारत को, मध्य प्रदेश को विकसित बनाने का है, विकसित भारत बनाने का है। इतने महत्वपूर्ण समय में अगर कांग्रेस जैसी परिवारवादी पार्टी, हजारों करोड़ों के घोटाले का इतिहास रचने वाली पार्टी, वोटबैंक का तुष्टिकरण करने वाली पार्टी को ज़रा भी मौका मिल गया, तो मध्य प्रदेश को बहुत बड़ा नुकसान होगा। भाइयों-बहनों मैं जरा एक सवाल पूछता हूं आपको, मैं कहता हूं कि जहां-जहां कांग्रेस गई है उस राज्य को बर्बाद कर दिया है। क्या आपको लगता है कि मध्य प्रदेश का यही हाल करेंगे? मध्य प्रदेश को बचाना चाहिए कि नहीं बचाना चाहिए। कांग्रेस के हाथों नही जाने देना चाहिए ना। लूटने नहीं देना चाहिए ना, तबाही नहीं करनी देनी चाहिए ना। कांग्रेस, एक बार फिर MP को बीमारू बना देगी। मैं आपसे जानना चाहता हूं-क्या आप MP को फिर से बीमारू बनाना चाहते हैं? क्या आप MP के युवाओं के भविष्य को तबाह करना चाहते हैं? क्या आप चाहते हैं कि MP के विकास का पैसा कांग्रेस नेता लूट लें?

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस के पास भविष्य की सोच ही नहीं बची है। कांग्रेस, जंग लगा हुआ वो लोहा है, जो बारिश में रखे-रखे खत्म हो जाता है। अब कांग्रेस में ना देखने का सामर्थ्य बचा है, ना देशहित को समझने का।
इसलिए आप देखेंगे… साथियों आपका उत्साह मेरे सर आंखों पर.. बहुत-बहुत धन्यवाद आपके प्यार के लिए, दोस्तों आपका प्यार ही मेरी ताकत है, बहत धन्यावाद आपके प्यार के लिए.. साथियों कांग्रेस विकसित भारत से जुड़े हर प्रोजेक्ट की आलोचना करती है। आपको याद होगा, कांग्रेस ने डिजिटल इंडिया का भी विरोध किया था। आज भारत के UPI से पूरी दुनिया मंत्रमुग्ध है। भारत में रिकॉर्ड डिजिटल लेनदेन हो रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को ये भी पसंद नहीं है।

साथियों,
भाजपा आज आधुनिक सड़कें, आधुनिकतम सड़कें, चौड़े हाईवे-एक्सप्रेसवे बना रही है। लेकिन कांग्रेस इसकी आलोचना करती है। भाजपा आज वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें ला रही है, स्टेशनों का कायाकल्प कर रही है। भोपाल के रानी दुर्गावती रेलवे स्टेशन की प्रशंसा हर कोई कर रहा है। ये भी कांग्रेस को नहीं पच रहा है। भाजपा बुलेट ट्रेन पर काम कर रही है- इसकी भी कांग्रेस आलोचना करती है। भाजपा सरकार ने नया भव्य संसद भवन बनाया। आने वाली सदियों तक देश की सेवा करे ऐसा भारत का अपना संसद भवन बना। पूरा देश इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहा है। लेकिन कांग्रेस ने पहले ही दिन से इसका विरोध करना शुरू कर दिया। अब भी नकारात्मकता फैला रहा है कांग्रेसवाले। भारत कुछ भी नया करे, भारत कोई भी उपलब्धि हासिल करे, कांग्रेस को बिल्कुल पसंद नहीं आता है। मैं जरा मध्य प्रेदश के लोगों से पूछ रहा है क्या जवाब देंगे? एक सवाल पूछ रहा हूं जवाब देंगे… आप जरा बताइए.. देश का नाम रोशन हो तो आपको खुशी होती है कि नहीं होती है.. देश की इज्जात बढ़े तो आपको खुशी होती है कि नहीं होती है.. देश का मान बढ़े तो आपको गौरव होता है कि नहीं होता है। आपको होता है… कांग्रेस वालों को नहीं होता है। क्योंकि कांग्रेस ना खुद बदलना चाहती है और ना ही देश को बदलने देना चाहती है।

साथियों,
देश समृद्धि की तरफ बढ़ने के लिए घोर परिश्रम कर रहा है। लेकिन कांग्रेस देश को 20वीं शताब्दी में ले जाना चाहती है। मैं मध्य प्रदेश के युवा साथियों को, हमारे फर्स्ट टाइम वोटर्स को एक बात ज़रूर बताना चाहता हूं। मेरे नौजवान साथियों मेरी बात गौर से सुनिए और घर जाकर के अपने अपने माता जी, पिता, नाना-नानी, दादा-दादी, जरा मैं जो कह रहा हूं उनसे बात कीजिए, उनसे पूछिए.. मेरे युवा साथियों आपके माता-पिता, आपके दादा-दादी को अभाव में रखने के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है। उनको मूसीबत में जीने के लिए मजबूर करने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस पार्टी है। आज दुनिया भारत को लेकर जो कुछ कह रही है, ये सारे गौरवपूर्ण काम पहले भी हो सकता था। लेकिन कांग्रेस सिर्फ एक परिवार का गौरवगान करने में ही जुटी रही। कांग्रेस ने प्रजातंत्र को परिवारतंत्र बना दिया। कांग्रेस ने भारत में भ्रष्ट व्यवस्था को पोषित करने में ही जुटी रही। कांग्रेस की राजनीति अभाव में फलती-फूलती है, गरीबी और मुश्किलों में फलती-फूलती है। इन्होंने ऐसी व्यवस्था बनाई कि गरीब को हमेशा हाथ फैलाना पड़े, हर चीज़ के लिए निर्भर रहना पड़े। गरीब को तरसाकर, कांग्रेस को ये जताने का अवसर मिल जाता था कि उन्होंने गरीब को कुछ दिया है। ये अपनी योजनाओं का लाभ भी उन लोगों को देते थे जिनसे उन्हें वोट मिलते थे। इसलिए कांग्रेस ने जानबूझकर देश को गरीब रखा, देश के लोगों को अभाव में जीने के लिए मजबूर किया। रोटी-कपड़ा-मकान में ही उलझाए रखा।

मेरे युवा साथियों,
जो मुश्किलें… ध्यान से सुनिए दोस्तों.. जो मुश्किलें आपके माता-पिता से पहले की पीढ़ियों ने झेली, वो अब आपको और आपके बच्चों को ना झेलनी पड़े, इसके लिए भाजपा की डबल इंजन सरकार लगातार काम कर रही है। आज हमारे प्रेरणापुंज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म दिवस भी है। पंडित जी ने सुशासन को अंत्योदय से जोड़कर देखा, समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास को प्राथमिकता दी। अंत्योदय की यही प्रेरणा, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास… उस मंत्र में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का चिंतन है , वह हमें प्रेरित करती है। बीते 9 वर्षों में हमने जो भी योजनाएं बनाईं उनके मूल में यही भावना है। भाजपा ने गरीबों, महिलाओं, शोषितों-वंचितों- SC-ST-OBC को विकास का सबसे बड़ा लाभार्थी बनाया है। वंचितों को वरीयता की जो गारंटी मोदी ने दी है, उसे हमने एक के बाद एक कदम उठाकर पूरा किया है। हमने गरीब का जीवन बेहतर करने के लिए प्रयास किए, प्रामाणिक प्रयास किए ।

समाज में जो अभाव था, उसको दूर किया। और जानते हैं इसका नतीजा क्या मिला है? मैं आपसे एक बात पूछूं? मैं आपसे एक बात पूछूं? पुछूं? आप जवाब देंगे? पूरी ताकत से जवाब देंगे? वहां के दूर-दूर के लोग भी देंगे? आपको पता है ना कि कांग्रेस ने 50 साल पहले गरीबी हटाओ का नारा दिया था। मैं फिर आपसे पूछूंगा। 50 साल पहले गरीबी हटाओ का नारा किसने दिया था?...किसने दिया था?... किसने दिया था? क्या कांग्रेस ने अपना वायदा पूरा किया?... कांग्रेस ने अपना वायदा पूरा किया? अब मैं आपको एक और आंकड़ा बताना चाहता हूं… बताऊं ? आंकड़ा याद रखोगे… पक्का याद रखोगे?.. सुनिएगा, ये आंकड़ा है, साढ़े 13 करोड़। कितना… ? कितना…? कितना…? जरा जोर से बोलिए कितना…? साढ़े तेरह करोड़! ये मध्य प्रदेश की कुल आबादी से भी ज्यादा है। भाजपा सरकार के 5 साल में ही देश में साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। यह सुनकर के आपको आनंद होता है कि नहीं होता है? आपका उत्साह बढ़ता है कि नहीं बढ़ता है ? गरीबों का कल्याण करना अपना काम है कि नहीं है ? हम अपना काम पूरा कर रहे हैं कि नहीं कर रहे हैं? साथियों, ये जो साढ़े तेरह करोड़ की मैं बात कर रहा हूं ना मतलब कि MP की कुल आबादी से भी ज्यादा लोग, भाजपा सरकार ने देश में गरीबी से बाहर निकाले हैं।

मेरे प्यारे मध्य प्रदेश के भाइयों-बहनो, मेरे प्यारे देश के भाइयों-बहनो
ये मोदी की गारंटी का नतीजा है। और जब मोदी गारंटी देता है, जब भाजपा गारंटी देती है, वो ज़मीन पर उतरती है, घर-घर पहुंचती है । हर लाभार्थी तक पहुंचती है। याद रखिएगा, याद रखेंगे, याद रखेंगे… याद रखिएगा..मोदी यानि हर गारंटी पूरी होने की गारंटी!

मेरे परिवारजनों,
आज यहां बड़ी संख्या में मेरी बहनें और बेटियां आई हुई हैं। मैं मध्य प्रदेश की बहनों को याद दिलाने आया हूं कि मोदी ने आपको जो गारंटी दी थी, वो भी पूरी हो गई है। कुछ दिन पहले ही लोकसभा और राज्यसभा में माताओं-बहनों-बेटियों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का कानून पारित हुआ है। नारीशक्ति वंदन अधिनियम ने देश में नया इतिहास रच दिया है। दशकों-दशक से देश की माताएं-बहनें, इसका इंतज़ार कर रही थीं। बल्कि ये तक कहा जाने लगा.. कि शायद ये कभी हो ही ना पाए। आखिर मोदी है तो… मोदी है.. तो.. हर गारंटी पूरी होने की गारंटी है। लेकिन भाइयों और बहनों, आज मैं मध्य प्रदेश सहित पूरे देश की बहनों को सावधान भी करना चाहता हूं। कांग्रेस और उसके नए-नए घमंडिया गठबंधन ने इस बिल का समर्थन बहुत खट्टे मन से किया है, बहुत बेमन से किया है।ये खट्टापन, उनके बहानों में दिखाई देता है। और आप देखिए.. इनके गठबंधन में जितने लोग है, वही लोग है जिन्होंने तीस साल तक इस कानून को पारित नहीं होने दिया। पार्लियामेंट में हुड़दंग किया, बिल फाड़ दिए, स्पीकर पर हमले बोल दिए, और जब मजबूरी में उंगली उठानी पड़ी है, उनको तो लगता है कि अब देश की माताएं-बहनें उनके चरित्र को जान गई है, तब क्या शुरू किया… ये क्यों नहीं है, वो क्यों नहीं है, ऐसा क्यों है, वैसा क्यों नहीं है। उनको नारीशक्ति वंदन अधिनियम का मजबूरी में समर्थन इसलिए करना पड़ा क्योंकि मेरी माताए-बहनें जग गई हैं.. मेरी माताऔ-बहनों का हौसला बुलंद है। मेरी माताओ-बहनों ने शक्ति का परिचय करवा दिया है और इसलिए ये माताओं और बहनों से डरे हुए हैं। इसलिए निची मुंडी करके हाउस में अनचाहे अनमन से उंगली तो दबा दी। बीते 9 वर्षों में जिस तरह भारत की महिला सशक्त हुई है, उसे देखकर इन दलों की हिम्मत नहीं हुई की नारीशक्ति अधिनियम का विरोध कर पाएं। वरना इन्होंने तो दशकों तक देश में सरकारें चलाईं हैं। भारी बहुमत से सरकारें चलाई हैं। तब क्यों नहीं ये कानून बनाया? जो बहाने ये आज बना रहे हैं, तब क्यों नहीं ये सबकुछ कर दिया? सच्चाई ये है कि इनकी नीयत में खोट है।

इसलिए मौका मिलते ही… मेरी माताए-बहने मेरे ये शब्द याद रखना… मौका मिलते ही ये घमंडिया गठबंधन के लोग माताओ-बहनों को धोखा देने का तय कर के बैठे हैं तैयार बैठे हैं। कांग्रेस के घमंडिया साथी, वही हैं जिन्होंने इस कानून को रोकने के लिए हर मर्यादा तोड़ी है। इनकी वो सोच आज भी नहीं बदली है। आपको मैं एक और बात कहना चाहता हूं। ये लोग बहुत बौखलाए बुए हैं। ये अब नया खेल खेलेंगे.. पक्का मानिए, और ना क्या खेल खेलेंगे? ये नारीशक्ति को बांटने की पूरी कोशिश करेंगे। नारीशक्ति एक न हो इसलिए भांति-भांति की अफवाहें फैलाएंगे इसलिए देश की हर माता-बहन-बेटी को सावधान रहना होगा, सतर्क रहना होगा, और एकजुट रहना ही होगा। माताएं-बहने एकजुट रहोगे ना… एकजुट रहोगे ना? आप याद रखिए। ये वही लोग हैं, जिन्होंने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति बनने से रोकने का भरसक प्रयास किया। ये लोग बार-बार उनको अपमानित करने का प्रयास करते हैं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने देश की सेनाओं के अग्रिम मोर्चों में बेटियों की एंट्री को रोककर रखा था। अगर इनकी नीयत ठीक होती, तो क्या मोदी को करोड़ों बहनों के नाम पक्के घर करने देते, और मुझे ये काम करना पड़ता? उनकी नीयत ठीक नहीं थी, इसलिए आज वो काम मुझे करना पड़ रहा है। आजादी के इतने सालों बाद करना पड़ रहा है। इनको नहीं दिखता था कि सबकुछ पुरुष के नाम पर है, महिलाओं के नाम पर कुछ नहीं? अगर इनकी नीयत महिला हित की होती, तो क्या मोदी को आकर के करोड़ों टॉयलेट बनाने पड़ते? क्या टॉयलेट नहीं बना सकते थे ये लोग.. वो काम भी मुझे ही करना पड़ा… उनकी नीयत में ही खोट थी। अंधेरे का इंतज़ार करती माताओं-बहनों को देखकर इनकी आंखों में क्यों पानी नहीं आता था? इनकी नीयत ठीक होती तो, बहनों को धुएं में जीने को मजबूर होना न पड़ता। करोड़ों बहनों तक गैस सिलेंडर पहुंचाने की मेहनत मोदी को क्यों करनी पड़ी? ये महिलाओं के हितैषी होते तो, महिलाओं को पानी की बूंद-बूंद के लिए दशकों तक तरसा कर ना रखते।

साथियों,
ये महिलाओं के हित में काम करते तो मोदी को आकर आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज की व्यवस्था ना करनी पड़ती। ये अगर महिला हितैषी होते तो हमें बेटियों को बचाने और उन्हें पढ़ाने के लिए आवाज़ ना उठानी पड़ती। इन्होंने तो महिलाओं को बैंकों से भी दूर रखा। देश की करोड़ों बहनों के जनधन खाते आपके इस सेवक को खुलवाने पड़े। हमारी कोशिश यही थी कि बहनों की समृद्धि का रास्ता खुले, बेटियां अपने पैरों पर खड़ी हो सके। इसलिए मैं देश की हर माता-बहन-बेटी से कहूंगा कि कोई कितनी भी कोशिश कर ले, आपको भ्रमित नहीं होना है। हमने एक कठिन रास्ता पार किया है। ये महिलाओं की भागीदारी के विस्तार की शुरुआत है। ये एक सार्थक बदलाव का शुभारंभ है।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस आज भी उसी पुराने ढर्रे, उसी पुरानी मानसिकता पर चल रही है। चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए इनके नेताओं के लिए गरीब का जीवन मायने नहीं रखता है। कांग्रेस के नेताओं के लिए गरीब का जीवन एक एंडवेचर टूरिज्म है। कांग्रेस के नेताओं के लिए गरीब की बस्ती, पिकनिक मनाने, वीडियो शूटिंग कराने का लोकेशन बन गई है। कांग्रेस के लिए गरीब किसान का खेत, फोटो सेशन का मैदान बन गया है। इन्होंने अतीत में भी यही काम किया, देश-विदेश के अपने दोस्तों में इन्होंने भारत की गरीबी का माखौल उड़ाया और आज भी यही कर रहे हैं। जबकि भाजपा की सरकार भारत को भव्य भी बना रही है और यही भव्य तस्वीर दुनिया के सामने सीना तान कर के दिखा भी रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा के बीच का यही अंतर हमें बूथ-बूथ में, हर वोटर को बताना है, हर मतदाता को समझाना है। समझाओगे? जरा दोनों हाथ ऊपर करके बताओ कि समझाओगे? पोलिंग बूथ में हर घर जाओगे… हर किसी को बताओगे.. एक-एक बात बताओगे?



साथियों,
मोदी का मिजाज भी अलग है, मेहनत भी अलग है और मिशन भी अलग है। मेरे लिए देश से बड़ा, देशवासियों से बड़ा कुछ भी नहीं है। मैं अभावों में रहा हूं लेकिन अपने देश को अभावों में नहीं रहने दे सकता। मुफ्त राशन और मुफ्त इलाज, गरीब की चिंता दूर करने का अवसर कांग्रेस के पास भी था। लेकिन नीयत और इच्छाशक्ति नहीं थी। बेईमानी और भ्रष्टाचार की नीयत, ऐसा करने से उन्हें रोकती थी। पहले समाज के जिन वर्गों को छोटा समझा गया, उनके जीवन में बड़े परिवर्तन का प्रयास हमने किया है। गरीब से गरीब को गुणवत्ता का जीवन मिले, आज देश में इसके लिए काम किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही, पीएम विश्वकर्मा योजना शुरु हुई। देशभर में हमारे विश्वकर्मा साथी कोने-कोने में फैले हुए हैं। कोई ऐसा गांव नहीं होगा जहां कोई ना कोई विश्वकर्मा परिवार रहता ना हो। अपनी परंपरा, अपनी कला, अपनी उपयोगिता के लिए जाने-जाने वाले ये साथी हर समाज में हैं। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें क्या दिया? कांग्रेस ने उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया था। आपने एक वोट देकर इस सेवक को आपकी सेवा करने का अवसर दिया। आज हमारे कुम्हार भाई-बहन, लोहार भाई-बहन, सुनार भाई-बहन, सुतार भाई-बहन, जूते बनाने वाले, राजमिस्त्री, दर्ज़ी, ऐसे दर्जनों साथियों के लिए राष्ट्रीय विश्वकर्मा योजना बनी है। इनकी ट्रेनिंग का इंतज़ाम हुआ है। लाखों रुपए के लोन की व्यवस्था हुई है। और विश्वकर्मा साथियों के लिए जो ये कम ब्याज का लोन मिलेगा, उसकी गारंटी मोदी ने ली है, सरकार ने ली है।

साथियों,
हमने रेहड़ी, पटरी, ठेले पर छोटा-मोटा कारोबार करने वाले साथियों के लिए भी बैंकों के दरवाज़े खोले हैं। पीएम स्वनिधि योजना के तहत इनकी मदद की गारंटी भी मोदी ने ली है। गांव में, कस्बों में हमारे साथी, अपनी दुकान, ढाबा, गेस्ट हाउस, ऐसे व्यवसाय कर सकें, ये पहले बहुत मुश्किल था।उनके पास गारंटी नहीं होती थी, इसलिए बैंक से उन्हें मदद मिलना मुश्किल था। मोदी ने ऐसे साथियों की गारंटी भी ली। मुद्रा योजना के तहत लाखों का बिना गारंटी का पैसा उन्हें मिल रहा है। इस योजना की सबसे बड़ी लाभार्थी हमारी बहनें हैं, हमारे दलित भाई-बहन हैं, पिछड़े परिवार है, हमारे आदिवासी साथी हैं। हमारे छोटे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों की तो सरकारी नीतियों में पूछ ही बहुत कम होती थी। कांग्रेस की सरकारें वोट पाने के लिए किसानों को लोन माफी की झूठी गारंटी देती रही हैं।

लेकिन छोटे किसानों, पशुपालकों के लिए तो बैंक से लोन लेना असंभव था। वे तो छोटी-छोटी ज़रूरतों के लिए बाज़ार से महंगा ब्याज लेते थे। महंगे ब्याज पर पैसे लेते थे। इसलिए आपके इस सेवक ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत, छोटे किसानों की भी गारंटी ली। जब पीएम किसान योजना हमने शुरु की थी, तब कांग्रेस ने इसको लेकर कितना झूठ फैलाया था। कहा जाता था कि चुनाव होने के बाद मोदी ये पैसे वापस ले लेगा। लेकिन पीएम किसान सम्मान निधि 5 साल से निरंतर चल रही है। कोरोना काल में जब सबकुछ रुक गया था, तब भी ये नहीं रुकी। क्योंकि हमारी सरकार ने डायरेक्ट आपके खाते में पैसा भेजने का प्रावधान किया है। अभी तक ढाई लाख करोड़ रुपए से अधिक देशभर के किसानों को मिल चुके हैं। इसमें मध्य प्रदेश के हर किसान के बैंक खाते में करीब 30 हजार रुपए तक पहुंचे हैं। भाजपा सरकार ने छोटे किसानों के साथ ही पशुपालकों और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं दी हैं।

मेरे परिवारजनों,
मध्य प्रदेश में हमारी धरोहर के दर्शन होते हैं। देवी अहिल्याबाई और रानी दुर्गावती, सहित हमारे अनेक पूर्वजों ने भारत की विरासत को समृद्ध करने में भूमिका निभाई है। लेकिन कांग्रेस और उसका घमंडिया गठबंधन हमारी इस विरासत को, सनातन को, समाप्त करना चाहता है। इसलिए भी ऐसे दलों से मध्य प्रदेश को बहुत सावधान रहना होगा। साथियों, आज मैं देश के लोगों को, मध्य प्रदेश के लोगों को एक और बात बताना चाहता हूं। कांग्रेस ने अपनी सारी इच्छाशक्ति खो दी है। हम देखते हैं कि कुछ समय से कांग्रेस के जमीन से जुड़े नेता चुपचाप मुंह पर ताला लगाकर बैठ गए हैं। कांग्रेस पहले बर्बाद हुई, अब बैंकरप्ट हुई और अब कांग्रेस ने अपना ठेका दूसरों को दे दिया है। कांग्रेस को अब कांग्रेस के नेता नहीं चला रहे। अब कांग्रेस एक ऐसी कंपनी बन गई है, नारों से लेकर नीतियां तक हर चीज़ आउटसोर्स कर रही है। और ये ठेका किसके पास है...जानते हैं? कांग्रेस का ठेका अब कुछ अर्बन नक्सलियों के पास है। कांग्रेस में अब अर्बन नक्सलियों की ही चल रही है। ये ग्राउंड पर कांग्रेस का हर कार्यकर्ता महसूस कर रहा है। इसलिए कांग्रेस, ज़मीन पर भी लगातार खोखली हो रही है।

मेरे परिवारजनों,
आज भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण कालखंड में प्रवेश कर चुका है। पूरा विश्व कह रहा है कि ये भारत का कालखंड है। हर देश भारत से मित्रता करना चाहता है। हर निवेशक भारत में अवसर देख रहा है। हमारे चंद्रयान का गौरवगान पूरा विश्व कर रहा है। कुछ दिन पहले हुए जी 20 सम्मेलन में भारत की भूमिका और सशक्त हुई है। ये इसलिए हो रहा है क्योंकि आपने देश में एक स्थिर और मज़बूत सरकार चुनी। आपने ऐसी सरकार चुनी जो चुनौतियों को चुनौती दे सकती है। हजार वर्ष की गुलामी के कालखंड में हमने जो आत्मविश्वास खोया, आज भारत उस आत्मविश्वास को जी रहा है। आज हम जो फैसले लेंगे, वो आने वाले हज़ार साल की हमारी यात्रा को तय करने वाले हैं। ये सबकुछ मध्य प्रदेश की भागीदारी के बिना संभव नहीं है। विकसित भारत के लिए मध्य प्रदेश का विकसित होना बहुत आवश्यक है। ऐसा विकसित मध्य प्रदेश जहां हर व्यक्ति, हर परिवार का जीवन वैसा ही हो, जैसा विकसित देशों में हमने देखा है। हमें ऐसे मध्य प्रदेश का निर्माण करना है, जो छोटी-छोटी ज़रूरतों का मोहताज ना रहे। हमें मध्य प्रदेश को नए अवसरों की धरती बनाना है। इसके लिए ये ज़रूरी है कि आने वाले 5 वर्ष के लिए यहां फिर से भाजपा सरकार बने, पूर्ण बहुमत की स्थिर भाजपा सरकार बने। भाजपा के पास रोडमैप भी है और उसे ज़मीन पर उतारने की इच्छाशक्ति भी है। इसलिए मध्य प्रदेश के हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। हमें विधानसभा ही नहीं, बल्कि हर बूथ जीतना है, हर बूथ पर लोगों का दिल जीतना है। बूथ का हर कार्यकर्ता हमारा उम्मीदवार है। क्योंकि उसकी पहचान कमल है, उसकी शान कमल है, उसका निशान कमल है। इसलिए हर कार्यकर्ता को जी-जान से जुटना है। मुझे आप सभी के सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है।

साथियों,
आज मैं एक और आग्रह भी करना चाहूगा। आने वाले 2 अक्टूबर को पूज्य बापू की जन्म जयंति है। इससे पहले एक अक्टूबर को स्वच्छता से जुड़ा बहुत बड़ा कार्यक्रम पूरे देश में होने वाला है। मेरा मध्य प्रदेश के हर परिजन से आग्रह रहेगा कि आप सभी उत्साह और उमंग के साथ स्वच्छता के कार्यक्रम से जुड़िए। अब आप सभी त्यौहारों की भी तैयारी कर रहे हैं। हमें वोकल फॉर लोकल याद रखना है। हमें खादी के वस्त्र खरीदने हैं। जो भी गिफ्ट हम खरीदें, वो लोकल हो, जो भारत में बना हो, ये बात हमें कभी भी भूलनी नहीं है। मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए। मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त कर रहा हूं। मेरे साथ बोलिए... भारत माता की… भारत माता की…