Published By : Admin | September 14, 2021 | 15:18 IST
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उपराष्ट्रपती आणि राज्यसभेचे सभापती एम वेंकैया नायडू, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी आणि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिर्ला, संसद भवनाच्या मुख्य कमिटी रूम मध्ये 15 सप्टेंबरला संध्याकाळी 6 वाजता संसद टीव्हीचे संयुक्तपणे उद्घाटन करणार आहेत. आंतरराष्ट्रीय लोकशाही दिनी, संसद टीव्हीचे उद्घाटन होणार आहे.
संसद टीव्ही विषयी
लोकसभा टीव्ही आणि राज्यसभा टीव्ही विलीनीकरणाचा निर्णय फेब्रुवारी 2021 मधेच घेण्यात आला होता. मार्च 2021 मध्ये संसद टीव्ही च्या मुख्य कार्यकारी अधिकाऱ्यांची नियुक्ती करण्यात आली होती. संसद टीव्हीच्या कार्यक्रमांची प्रामुख्याने 4 वर्गात विभागणी करण्यात येणार आहे- संसद आणि लोकशाही संस्थांचे कामकाज, प्रशासन आणि योजना/धोरणे यांची अंमलबजावणी, इतिहास आणि भारताची संस्कृती आणि चालू घडामोडी.
Text of PM’s address to the media on his visit to Balasore, Odisha
June 03, 2023
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एक भयंकर हादसा हुआ। असहनीय वेदना मैं अनुभव कर रहा हूं और अनेक राज्यों के नागरिक इस यात्रा में कुछ न कुछ उन्होंने गंवाया है। जिन लोगों ने अपना जीवन खोया है, ये बहुत बड़ा दर्दनाक और वेदना से भी परे मन को विचलित करने वाला है।
जिन परिवारजनों को injury हुई है उनके लिए भी सरकार उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। जो परिजन हमने खोए हैं वो तो वापिस नहीं ला पाएंगे, लेकिन सरकार उनके दुख में, परिजनों के दुख में उनके साथ है। सरकार के लिए ये घटना अत्यंत गंभीर है, हर प्रकार की जांच के निर्देश दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसको सख्त से सख्त सजा हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
मैं उड़ीसा सरकार का भी, यहां के प्रशासन के सभी अधिकारियों का जिन्होंने जिस तरह से इस परिस्थिति में अपने पास जो भी संसाधन थे लोगों की मदद करने का प्रयास किया। यहां के नागरिकों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं क्योंकि उन्होंने इस संकट की घड़ी में चाहे ब्लड डोनेशन का काम हो, चाहे rescue operation में मदद की बात हो, जो भी उनसे बन पड़ता था करने का प्रयास किया है। खास करके इस क्षेत्र के युवकों ने रातभर मेहनत की है।
मैं इस क्षेत्र के नागरिकों का भी आदरपूर्वक नमन करता हूं कि उनके सहयोग के कारण ऑपरेशन को तेज गति से आगे बढ़ा पाए। रेलवे ने अपनी पूरी शक्ति, पूरी व्यवस्थाएं rescue operation में आगे रिलीव के लिए और जल्द से जल्द track restore हो, यातायात का काम तेज गति से फिर से आए, इन तीनों दृष्टि से सुविचारित रूप से प्रयास आगे बढ़ाया है।
लेकिन इस दुख की घड़ी में मैं आज स्थान पर जा करके सारी चीजों को देख करके आया हूं। अस्पताल में भी जो घायल नागरिक थे, उनसे मैंने बात की है। मेरे पास शब्द नहीं हैं इस वेदना को प्रकट करने के लिए। लेकिन परमात्मा हम सबको शक्ति दे कि हम जल्द से जल्द इस दुख की घड़ी से निकलें। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इन घटनाओं से भी बहुत कुछ सीखेंगे और अपनी व्यवस्थाओं को भी और जितना नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ाएंगे। दुख की घड़ी है, हम सब प्रार्थना करें इन परिजनों के लिए।