Unanimous passage of the Nari Shakti Vandan Adhiniyam in the Parliament marks a significant milestone towards promoting women-led development: PM Modi
Made every attempt to unshackle women with schemes for their security and respect, says PM Modi
BJP was making efforts for the last three decades to ensure women's participation in democracy through this law. This was our commitment, and today, we have fulfilled it: PM Modi on Nari Shakti Vandan Adhiniyam
Women's reservation bill no ordinary law, it is announcement of new India's new democratic commitment: PM Modi on Nari Shakti Vandan Adhiniyam

भारत माता की…

भारत माता की…

भारत माता की..
मैं आज देश की हर माता को, हर बहन को, हर बेटी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कल और परसों बीस और इक्कीस सितंबर को हमने इतिहास को बनते देखा है। ये हम सबका सौभाग्य है कि इतिहास बनाने का अवसर कोटि-कोटि जनों ने हमे दिया है। आने वाली अनेकों पीढ़ियों तक इस निर्णय की चर्चा होगी, इस दिवस की चर्चा होगी। मैं पूरे देश को नारीशक्ति वंदन अधिनियम, संसद के दोनों सदनों में और भारी बहुमत से, और राज्यसभा में तो सर्वसम्मति से, पास होने की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी, अन्य सभी वरिष्ठ साथी, और आज मैं देश की माताओं और बहनों को भी यहां दूर से प्रणाम करता हूं। कभी -कभी किसी निर्णय में देश के भाग्य को बदलने की क्षमता होती है और आज हम सभी ऐसे ही एक निर्णय के साक्षी बने हैं। संसद के दोनों सदनों द्वारा नारीशक्ति वंदन अधिनियम को रिकॉर्ड मतों से पारित किया जा चुका है। जिस बात का देश को पिछले कई दशकों से इंतजार था, वो सपना अब सच हुआ है। ये पूरे देश के लिए बहुत ही खास समय है। ये भाजपा के हर एक कार्यकर्ता के लिए भी बेहद खास दिन है। आज हर नारी का आत्मविश्वास, हर नारी का आत्मविश्वास आसमान छू रहा है। पूरे देश की माताएँ बहनें और बेटियाँ आज खुशी मना रही हैं, हम सबको आशीर्वाद दे रही हैं

साथियों,
कोटि-कोटि माताओं-बहनों के सपने को पूरा करने का सौभाग्य हमारी भाजपा सरकार को मिला है। और इसलिए, राष्ट्र को सर्वप्रथम मानकर चलने वाली पार्टी के रूप में, भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में, मैं एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, ये हमारे लिए बहुत बड़ा दिन होने का गर्व अनुभव कर रहे हैं। नारीशक्ति वंदन अधिनियम ये कोई सामान्य कानून नहीं है। ये नए भारत की नई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता का उद्घोष है। ये अमृतकाल में सबका प्रयास से विकसित भारत के निर्माण की तरफ बहुत बड़ा बहुत मजबूत कदम है। महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने के लिए, क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर करने के लिए, वीमेन लेड डेवलपमेंट का नया युग देश में लाने की जो गारंटी, जो गारंटी मोदी ने दी थी, ये उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। मेरे देश की हर माता, बहन और बेटी को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए मैं फिर से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मेरे परिवारजनों,
लोकतन्त्र में महिलाओं के लिए इस कानून से बीजेपी महिलाओं की भागीदारी के लिए तीन दशक से प्रयास कर रही थी। ये हमारा कमिटमेंट था। और आज हमने ऊसे पूरा कर दिया है। महिला आरक्षण सुनिश्चित कराने वाले इस कानून की राह में तरह-तरह की बाधाएं थीं, दशकों पुराने अड़ंगे थे। लेकिन, जब नीयत पवित्र होती है, प्रयासों में पारदर्शिता होती है, तो परेशानियों को पार करके भी परिणाम लाती है। ये भी अपने आपमें एक रेकॉर्ड है कि इस कानून को सदन में इतना व्यापक समर्थन मिला। नए संसद भवन में पक्ष-विपक्ष की सीमाओं से ऊपर उठकर करीब-करीब सबने इसके पक्ष में वोट किया। मैं इसके लिए सभी राजनीतिक दलों का, और सभी सांसद साथियों का भी अभिनंदन करता हूँ।

मेरे परिवारजनों,
भारत को विकसित बनाने के लिए, आज भारत की नारीशक्ति को खुला आसमान देने का ये अवसर है। आज देश, माताओं-बहनों-बेटियों के सामने आने वाली हर अड़चन को दूर कर रहा है। इसी सोच के साथ बीते 9 वर्षों में हमने माताओं-बहनों से जुड़ी हर बंदिशों को तोड़ने का प्रयास किया है। हमारी सरकार ने एक के बाद एक ऐसी योजनाएं बनाईं हैं, ऐसे कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिससे हमारी बहनों को सम्मान, सुविधा, सुरक्षा और समृद्धि का जीवन मिले। हमने बहनों-बेटियों के जीवन चक्र से जुड़ी हर समस्या को दूर करने पर पूरी गंभीरता से ध्यान दिया है। गर्भावस्था के दौरान शिशु को पौष्टिक खाना मिले इसके लिए हमने मातृवंदना योजना चलाई, महिलाओं के बैंक खाते में पैसे भेजने शुरू किए। माता मृत्यु को रोकने के लिए, नवजात बच्चों की रक्षा के लिए, हमने शिशु का जन्म अस्पताल में ही कराने का बहुत बड़ा अभियान चलाया। बेटी को कोख में ही ना समाप्त कर दिया जाए, इसके लिए हमने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे जनआंदोलन भी शुरू किए। आज वर्षों बाद देश में जनसंख्या के आधार पर महिला-पुरुष के अनुपात में सुधार आया है।
इसी तरह, शौचालय ना होने की वजह से बेटियाँ स्कूल ना छोड़े, इसके लिए हमने करोड़ों शौचालय बनाए। बेटी की शिक्षा जारी रहे, इसके लिए हमने सुकन्या समृद्धि योजना में ज्यादा ब्याज का प्रावधान किय़ा। बेटी को रसोई में लकड़ी का धुआं ना सहना पड़े, इसके लिए उज्ज्वला का गैस कनेक्शन दिया। बेटी को पानी के इंतजाम में परेशान ना होना पड़े, इसके लिए हमने हर घर पाइप से पानी देने की योजना शुरू की।

मेरे परिवारजनों,
हर मां-बाप का सपना होता है कि उसकी प्यारी बेटी, बिना बाधा के जीवन बिताए, जीवन में आगे बढ़े। एक परिवार के सदस्य की तरह हमारी सरकार ने बेटी के हर सुख की चिंता की है, हर बाधा दूर करने की कोशिश की है। बेटी को अंधेरे में ना रहना पड़े, इसके लिए हमने सौभाग्य योजना से मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया। बेटी पैसे की कमी की वजह से अपनी बीमारी छिपाए नहीं, इसलिए हमने उसे 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी। बेटी का घर की संपत्ति पर भी अधिकार हो, इसके लिए पीएम आवास के घरों में उसे संयुक्त भागीदारी दी। गृहणी को अपनी बचत अनाज के डिब्बों में ना रखने पड़ें, इसके लिए जनधन योजना के तहत करोड़ों महिलाओं के बैंक खाते खोले।

मेरे परिवारजनों,
बेटी रोजगार कर सके, स्वरोजगार कर सके, इसके लिए हमने बिना गारंटी मांगे लोन देने वाली मुद्रा योजना शुरू की। वो मां बनने के बाद भी अपनी नौकरी जारी रख सके इसके लिए हमने मातृत्व अवकाश में वृद्धि की। बेटी अगर सैनिक स्कूल जाना चाहती है, तो उसके लिए भी हमने सैनिक स्कूल के द्वार खोल दिए। बेटी अगर सेना में अफसर बनना चाहे तो हमने तीनों सेनाओं में बेटियों के लिए नए रास्ते बना दिए। गांव की बहनों को कमाई के अवसर मिले, इसके लिए हमने 9 करोड़ से ज्यादा बहनों तक सेल्फ हेल्प ग्रुप का विस्तार किया और उन्हें मिलने वाली सहायता को भी बढ़ाया। इस साल लाल किले से मैंने देश में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने और सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को ड्रोन देने की योजना का भी ऐलान किया है।

साथियों,
सामाजिक स्तर पर भी तीन तलाक जैसी जिन कुरीतियों के कारण महिलाओं पर अत्याचार होते थे, हमने कानून बनाकर उन्हें रोका है। हमारी करोड़ों मुस्लिम बहनों को आज तीन तलाक की अमानवीय कुप्रथा से सुरक्षा मिली है। वो महिलाएं भी अब अपने अधिकारों के लिए आगे आ रही हैं।

मेरे प्यारे परिवारजन,
महिला आरक्षण के लिए इतने दशकों से कोशिश तो हो रही थी।लेकिन मैं आपसे जानना चाहता हूं। तीन-तीन दशकों से बात हो रही थी, नहीं हो पा रहा था, आज ये संभव हुआ है। मैं जरा आप से पूछना चाहता हूं, ये संभव हो पाया? ये कैसे संभव हो पाया? ये कैसे संभव हो पाया? कैसे संभव हो पाया? अब मैं आपके जवाब को जरा ठीक करता हूं। ये मोदी ने नहीं आपने किया है, करोड़ों देशवासियों ने किया है। और ये कैसे किया है? उसका सबसे बड़ा कारण है, देश की जनता ने, देश के मतदाताओं ने, विशेष कर के हमारी माताओं और बहनों ने वोट देकर के एक पूर्ण बहुमत वाली मजबूत और स्थिर सरकार बनाई। और उसी का कारण है आपने जो सरकार को मजबूती दी, आपने जो सरकार को बहुमत दिया उसी की ताकत है कि आज ये फैसले भी ले पा रही है और संसद में जाकरके 20 साल से लटके हुए काम को भी पूरा कर पा रही है। और इसलिए दोनों सदनों में इसका पास होना इस बात का साक्षी है कि पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार होती है, तो देश कैसे बड़े फैसले लेता है, कैसे पड़ावों को पार करता है। जब देश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार आई, तो इतना बड़ा काम हो पाया। हमने महिला हित में हर स्तर पर फैसले लिए, किसी के राजनीतिक स्वार्थ को महिला आरक्षण के सामने दीवार नहीं बनने दिया। जबकि इससे पहले जब भी ये बिल संसद में आया, लीपापोती हुई, सिर्फ नाम दर्ज कराए गए, निष्ठापूर्वक कभी प्रयास नहीं हुआ। और बवाल हुआ, हंगामा हुआ। नारी का अपमान करने का भी प्रयास किया गया। मैं तो कल भी, सबने वोट तो दिया, लेकिन कुछ लोगों को इसमें भी तकलीफ थी कि नारीशक्ति वंदन शब्द क्यों लाए हो। क्या इस देश की नारी को वंदन करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए, क्या माताओ-बहनों को प्रणाम करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए, क्या माताओं-बहनों का गौरव, सम्मान बढ़ाना चाहिए कि नहीं बढाना चाहिए। क्या हम पुरुषों को इतना अहंकार आ जाए, हमारी राजनीतिक विचारधारा को इतना अहंकार आ जाए कि हम नारी शक्ति की वंदना शब्द का प्रयोग करें तो वो भी किसी के पेट में चूहे दौड़ने लग जाए। पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार है, तो महिला आरक्षण बिल- नारीशक्ति वंदन अधिनियम एक सच्चाई बन गया है। इस कानून ने फिर साबित किया है कि देश को आगे ले जाने के लिए, इस कानून ने सिद्ध कर दिया है कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार, मजबूत सरकार, निर्णायक सरकार ये बहुत ही आवश्यक होती है।

मेरे परिवारजनों,
मैं लगातार महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात करता हूँ, उनके विकास को केंद्र में रखकर नीतियों की बात करता हूं।
ऐसा इसलिए, क्योंकि मैंने महिलाओं के नेतृत्व को उनके सामर्थ्य को, रिजल्ट्स देने की उनकी काबिलियत को देखा है। मैं वर्षों तक गुजरात में मुख्यमंत्री रहा मेरे अपने अनुभव है कि जब मात्रृशक्ति को काम मिलता है तो कैसे परिणाम देती है। हमने गुजरात में समृद्ध ग्राम की योजना बनाई थी और उसमें एक विशेषता थी कि जहां पर गांव के प्रधान के रूप में महिला के लिए आरक्षण है, वह सीट रिजर्व है, अगर उस गांव के सब लोग मिलकर के निर्विरोध उसको चूनते हैं। और सभी पुरुष अपने आप को विड्रॉ कर के सारे मेंबर महिला हंड्रेड पर्सेंट महिला मेंबर, उसको मैं समृद्ध ग्राम पंचायत कहता था। और गुजरात में हजारों ऐसी पंचायतें बनी थीं जिसमें एक भी पुरुष सदस्य नहीं था, शतप्रतिशत महिला सदस्य थी और उत्तम से उत्तम विकास के काम उन्होंने कर के दिखाया था।

साथियों,
महिलाओं की शक्ति और उनकी सोच क्या होती है, इसके हमारे पास अनेक उदाहरण हैं। गुजरात में तो मैंने बार-बार इस सामर्थ्य को देखा था। मैं नया-नया मुख्यमंत्री बना था, तो एक गांव की महिलाओं ने मेरा समय मांगा, वो गांव के चुने हुए लोग थे, वो बोले कि सब महिलाएं मिलना चाहती हैं। मैंने कहा भाई, मैं नया था, अभी तो मुझे छह महीने भी नहीं हुए थे, मैंने कहा कि काम क्या है, ग्रामीण विकास मंत्रालय को मिलिए, फलाने को मिलिए, उसने कहा नहीं नहीं साहव वो सब तो आपसे मिलना चाहती हैं। गांव की माताएं-बहनें थी तो मैंने कहा कि अच्छा भाई एक दिन बुला लेना मिल लूंगा। वो मिलने आईं, वे आठ-दस महिलाएं थीं, और उनमें सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी बहन जों थी वो शायद सातवीं-आठवीं कक्षा तक पढ़ी थीं, वो मिलने आए और बोले कि हमारे गांव ने तय किया है कि एक भी पुरुष मेंबर नहीं होगा सबके सब महिला मेंबर होगी और इस बार गांव की प्रधान भी महिला होगी। मैंने उनको पूछा कि अच्छा आपको इतना बड़ा अवसर मिला है, अच्छा जब समय मांगा तो मुझे लगा कि वो कुछ पैसों के लिए आएंगे कुछ योजना लेने के लिए आएंगे तो मैंने उनसे पूछा कि आपकी क्या अपेक्षा है और आप क्या करना चाहती हैं? सातवीं-आठवीं कक्षा पढ़ी - लिखी वो गांव की प्रधान महिला, और बांकी मेंबर तो उससे भी कम पढ़े लिखे थे। वो आठ-दस बहनें आई थीं, गांव की बहनें थीं, पहली बार गांधीनगर देखा था, उन्होंने जो मुझे जवाब दिया, मैं समझता हूं कि सार्वजनिक जीवन में काम करने वाले हम सबके लिए प्रेरणा है, उस बहन ने मुझे कहा कि मेरी एक इच्छा है कि हमें पांच साल मिले हैं इन पांच साल में हम ऐसा कुछ करना चाहते हैं कि हमारे गांव में एक भी व्यक्ति गरीब ना रहे। आप कल्पना कर सकते हैं कि क्या दृष्टिकोण रहा होगा उनका, और सच में ट्रांसफॉर्मेशन का कहां आधार होता है ये उनको मालूम था। ये सामर्थ्य और सोच हमारे गांव में बैठी माताओं और बहनों को भी होता है।

साथियों,
महिलाओं में सकारात्मक बदलाव की ये प्रवत्ति, और संसाधनों के बेहतर से बेहतर इस्तेमाल की दूरदर्शिता हमें हर जगह पर मिलती है। परिवार में तो डगर-डगर पर नजर आता है। अभी कुछ दिन पहले मैं मध्य प्रदेश गया था, तो वहां सहडोल के पास एक आदिवासी गांव में गया, तो सभी आदिवासी बहनों को बुलाया था लेकिन विशेषता ये थी कि उनमें सौ से ज्यादा लखपति दीदी आई थी। आदिवासी बेटियां-लखपति दीदी, तो मैंने उनसे संवाद किया, एक बहन ने जो मुझे बताया वो वाकई, हम सोच सकते हैं कि उनका सामर्थ्य कितना है, वो आदिवासी बेटी जो कहती है कि मैं लखपति दीदी हूं, मैं आज वूमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप के द्वारा ये-ये काम करके इतना-इतना कमाती हूं। तो मैंने पूछा, इतना पैसा कमाने लगी तो करती क्या हो। एक आदिवासी महिला मुझे कह रही है, ये दिल्ली की महिलाओं के लिए भी आश्चर्य होगा, वो कहती है कि मेरे पति साइकिल पर जाते थे, काम करने के लिए रोजगार ढूंढने के लिए साइकिल पर जाते थे, मैं लखपति दीदी बन गई तो मैं उनके लिए स्कूटी ले आई। देखिए आत्मविश्वास, वो कह रही है कि मैं मेरे पति के लिए स्कूटी ले आई। फिर बोली- मुझे पता चला कि मुझे बैंक से लोन मिल सकता है, तो मैंने सोचा कि लोन से ट्रैक्टर ले लूं, वो बोले कि मैंने लोन से ट्रैक्टर लिया और मेरे पति को स्कूटी लेकर के मैंने उनको बदले में ट्रैक्टर दे दिया और मेरे पति ट्रैक्टर लेकर के अगल-बगल के गांव मेंंखेती के लिए लोगों की सेवा के लिए जाते हैं और कमाई करते हैं और बोले अब तो मेरी स्थिति है कि कुछ ही महीनों में उस ट्रैक्टर का लोन भी वापस कर दूंगी। यानि एक मेरी आदिवासी बहन लखपति दीदी का क्या विजन होता है क्या कल्पना होती है, अभी दो महीने पहले उनसे बात करके आया हूं।

साथियों,
मुझे कहना यही है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम देश के भाग्य को बदलने का काम करेगा, और उसके पीछे मेरा जो ये अनुभव है इसके कारण मेरा विश्वास अनेक गुना बढ़ गया है। नारी जब कोई ज़िम्मेदारी संभालती है तो संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए वो जीजान से जुट जाती है। इस कानून का सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि ये कानून देश की नारीशक्ति में बहुत बड़ा विश्वास पैदा करेगा। देश के लिए काम करने का जज्बा, भारत को आगे बढ़ाने की जो शक्ति है, वो कई गुना बढ़ जाएगी। आप गुजरात के डेयरी उद्योग को मैं भलीभांति जानता हूं। ये अमूल, इतने बड़े-बड़े नाम सुनते हैं ना उसके मूल में सभी महिलाएं हैं। जो पशुपालन का काम करती है दूध के व्यापार का काम करती है और डेयरी को अरबो और खरबों का व्यापार उन्होंने बना दिया है। हमलोग लिज्जात पापड़ जानते हैं। आदिवासी महिलाओं द्वारा शुरू किया हुआ प्रकल्प आज मल्टीनेशनल कंपनियों को टक्कर मारने वाला लिज्जत पापड़ ये हमारी नारी शक्ति का परिचय देता है। ऐसा हर राज्य में आपको मिलेगा। उनका जो ये कौशल है सामर्थ्य है, जो भगवान ने उन्हें नैसर्गिक गुण दिया हुआ है, वे कभी भी खराब क्वालिटी को स्वीकार नहीं करते हैं। हो सके उतना अच्छा करना उतने अच्छे ढंग से करना ये सामर्थ्य होता है। और ये शक्ति जब राष्ट्र निर्माण में सक्रिय होती है तब राष्ट्र कितना आगे बढ़ सकता है, इसका हम अंदाज लगा सकते हैं। महिलाओं के इसी कौशल का, उनकी लीडरशिप का उपयोग अब आने वाले दिनों में देश को होने वाला है। हमारी संसद में भी नारी शक्ति का महत्व दिखा है। सारे दलों को इस बिल का समर्थन करना पड़ा है। मान लीजिए यही लोग हैं, जो बिल फाड़ा करते थे आज उनको बिल का समर्थन करना क्यों पड़ा? क्योंकि देश भर में पिछले दस साल में महिला एक शक्ति बन कर उभरी हैं। और हमने संसद में पहुंचने से पहले देश में सामर्थ्य जुटा दिया ताकि संसद में कोई हिल ना पाए इसका पूरा प्रबंध कर के हम सदन में गए। ये आप ही के सामर्थ्य पर भरोसा करके गया था, ये आप ही की शक्ति पर भरोसा करके मैं गया था, और आपकी शक्ति ने रंग दिखा दिया कि सभी राजनीतिक दलों को इस काम में जुड़ना पड़ा।

मेरे परिवारजनों,
आज परिवार से लेकर पंचायत तक, Economy से लेकर Education और Entrepreneurship तक, हमारी बहन-बेटियाँ हर क्षेत्र में अभूतपूर्व काम कर रही हैं। भारत को चांद तक पहुंचाने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका रही है। आज हमारे स्टार्टअप्स हों, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स हो, या स्वच्छता जैसे सामाजिक अभियान हों, महिलाओं की भागीदारी और भूमिका देश की ताकत बन रही है। देश ने संकल्प लिया है कि जब हम आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करें, तबतक हम भारत को विकसित बनाकर ही रहेंगे। एक डेवलप्ड कंट्री बनाकर के रहेंगे। इसमें देश की जो आधी आबादी है, उसकी सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व के साथ सक्रिय भागीदारी, निर्णयों में बराबरी का हिस्सा ये इस सपने को साकार करने का बहुत बड़ा फोर्स बनने वाला है।

मेरे परिवारजनों,
नया और आधुनिक संसद भवन और उसमें आधी आबादी का बढ़ता हुआ प्रतिनिधित्व, ये नई व्यवस्थाओं का सूत्रपात करेगा। मुझे विश्वास है कि देश की नारीशक्ति नई और स्वस्थ संसदीय परंपराओं का भी सृजन करेगी। और इसी विश्वास के साथ, आप सब इतनी बड़ी तादाद में आ कर के मुझे आशीर्वाद दिए, भारत की संसद के इतने बड़े महत्वपूर्ण निर्णय को माताओं और बहनों ने संवारा। और मुझे खुशी तो तब हुई जब जिसको प्रधानमंत्री आवास मिला है, वो बहन मुझे आकर के आशीर्वाद दे रही हैं। जिसको उज्ज्वला का गैस मिला है वो झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी गुजारा कर चुकी बहन मुझे आशीर्वाद दे रही है तब मेरा पक्का विश्वास और मजबूत हो जाता है। और इसलिए मैं फिर एक बार आप सबको अनेक शुभकामनाएं देता हूं। ये नारीशक्ति वंदन अधिनियम उसको गांव-गांव घर-घर पहुंचाना हम सबका दायित्व है और इस सामर्थ्य को और तेजी से आगे बढ़ाएं इसी एक अपेक्षा के साथ सभी माताओं-बहनों को प्रणाम करते हुए मेरी वाणी को विराम देता हूं। मेरे साथ पूरी शक्ति से बोलिए... भारत माता की... आवाज पूरी दिल्ली में गूंजनी चाहिए...

भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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PM to interact with beneficiaries of Viksit Bharat Sankalp Yatra on 30th November
November 29, 2023
In a key step towards women led development, PM to launch Pradhan Mantri Mahila Kisan Drone Kendra
15,000 drones to be provided to women SHGs over next three years
PM to dedicate landmark 10,000th Jan Aushadi Kendra at AIIMS Deoghar
PM to also launch the programme to increase the number of Jan Aushadhi Kendras in the country from 10,000 to 25,000
Both initiatives mark the fulfilment of promises announced by the Prime Minister during this year’s Independence Day speech

Prime Minister Shri Narendra Modi will interact with beneficiaries of the Viksit Bharat Sankalp Yatra on 30th November at 11 AM via video conferencing. Viksit Bharat Sankalp Yatra is being undertaken across the country with the aim to attain saturation of flagship schemes of the government through ensuring that the benefits of these schemes reach all targeted beneficiaries in a time bound manner.

It has been the constant endeavour of the Prime Minister to ensure women led development. In yet another step in this direction, Prime Minister will launch Pradhan Mantri Mahila Kisan Drone Kendra. It will provide drones to women Self Help Groups (SHGs) so that this technology can be used by them for livelihood assistance. 15,000 drones will be provided to women SHGs in the course of the next three years. Women will also be provided necessary training to fly and use drones. The initiative will encourage the use of technology in agriculture.

Making healthcare affordable and easily accessible has been the cornerstone of the Prime Minister’s vision for a healthy India. One of the major initiatives in this direction has been the establishment of Jan Aushadhi Kendra to make medicines available at affordable prices. During the programme, Prime Minister will dedicate the landmark 10,000th Jan Aushadi Kendra at AIIMS, Deoghar. Further, Prime Minister will also launch the programme to increase the number of Jan Aushadhi Kendras in the country from 10,000 to 25,000.

Both these initiatives of providing drones to women SHGs and increasing the number of Jan Aushadhi Kendras from 10,000 to 25,000 were announced by the Prime Minister during his Independence Day speech earlier this year. The programme marks the fulfilment of these promises.