Congress used to call reservation against the country and merit. Congress' mentality and agenda remains the same, even today: PM Modi
The Mahayuti government delivered on its promise to rename Aurangabad as Chhatrapati Sambhajinagar: PM Modi

भारत माता की, भारत माता की।

आज // अतियश चांगला दिवस// भगवान गोरक्षनाथ यांचा // प्रगट दिवस// त्यांना नमन।// आद्य क्रांतिवीर // लहुजी वस्ताद साळवे //यांची जयंती, // त्यांना // कोटि कोटि प्रणाम।// धर्मवीर संभाजी महाराजांवर // नितांत प्रेम करणार्‍या // छत्रपति संभाजी नगरातील // सर्वन्ना माझा नमस्कार।

संभाजी नगर की ये महान धरती महाराष्ट्र और राष्ट्र के गौरवशाली अतीत का निर्माण करने वाली धरती है। पुण्यश्लोका माता अहिल्या, नाना साहब पेशवा, मां भारती की ऐसी महान संतानों ने देश के लिए क्या कुछ किया, ये धरती इसकी गवाह है। आज क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद सालवे की जयंती है। मै उन को नमन करता हूं। मैं देख रहा हूं, संभाजी नगर के लोग पूरे उत्साह से हमें आशीर्वाद देने आए हैं। इतना प्यार, इतने आशीर्वाद, इतना उत्साह, इतना धूम। मैं आप सबके चरणों में प्रणाम करता हूं।

साथियों,

महाराष्ट्र का ये चुनाव केवल नई सरकार चुनने का चुनाव नहीं है। एक ओर संभाजी महाराज को मानने वाले देशभक्त हैं। दूसरी ओर, औरंगजेब का गुणगान करने वाले लोग हैं। पूरा महाराष्ट्र जानता है, छत्रपति संभाजी नगर को उसका ये नाम देने की मांग बाला साहब ठाकरे ने उठाई थी। अघाड़ी की सरकार ढाई साल सत्ता में रही। लेकिन, कांग्रेस के दबाव में इन लोगों की हिम्मत नहीं हुई! जबकि, महायुति सरकार ने आते ही इस शहर को छत्रपति संभाजीनगर का नाम दिया। हमने आपकी इच्छा को पूरा किया, हमने बाला साहब ठाकरे की इच्छा को पूरा किया। और मैं शिंदे जी और आपकी सरकार को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और साथियों, औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर बनाने पर सबसे ज्यादा तकलीफ़ किसे हुई थी? इसी कांग्रेस पार्टी को, अघाड़ी वालों को जिसके पाले-पोसे हुए लोग इस फैसले को पलटने के लिए कोर्ट तक चले गए थे। आप मुझे बताइए, जिन्हें संभाजी महाराज के नाम पर आपत्ति है, जिन्हें उनके हत्यारे में अपना मसीहा दिखता है, ये लोग महाराष्ट्र और मराठी स्वाभिमान के खिलाफ खड़े हैं कि नहीं खड़े हैं? ये लोग हमारी पहचान के खिलाफ हैं या नहीं हैं? महाराष्ट्र क्या कभी भी ऐसे लोगों को कभी स्वीकार करेगा क्या?

साथियों,

महाराष्ट्र को विकसित भारत के विज़न का नेतृत्व करना है। बीजेपी और महायुति इसी संकल्प को लेकर काम कर रहे हैं। इसलिए आज महाराष्ट्र में आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है। आज समृद्धि महामार्ग संभाजीनगर से होकर गुजर रहा है, मराठवाड़ा विदर्भ और मुंबई से सीधे जुड़ गया है। जलगांव, धुलिया, सोलापुर से हाईवे कनेक्टिविटी के प्रोजेक्ट पर भी तेजी से काम हो रहा है। इस पूरे क्षेत्र में रेलवेज़ को आधुनिक बनाया जा रहा है।

साथियों,

महायुति सरकार बनने के बाद देश में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश, फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट अगर कहीं हुआ है वो मेरे महाराष्ट्र में हुआ है। शिंदे जी इसके लिए भी आपको और आपकी टीम को बधाई। और इसका एक बड़ा लाभ आप लोगों को हुआ है। अकेले इस क्षेत्र में अब तक 70 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश के समझौते हो चुके हैं। 45 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स यहां आ चुके हैं। आने वाले समय में बहुत सारी बड़ी-बड़ी कंपनियां हमारे यहां काम करेंगी। इसके लिए यहां महाराष्ट्र का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जा रहा है। और इन सबका नतीजा क्या है, ज्यादा निवेश, ज्यादा कंपनियां यानि संभाजीनगर और मराठवाड़ा के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा अवसर, ज्यादा से ज्यादा रोजगार।

साथियों,

महाराष्ट्र में विकास के इस महायज्ञ के साथ ही, हमारी सरकार, विरासत का अनुष्ठान भी कर रही है। भगवान विट्ठल के भक्तों की सुविधा के लिए हमने पालकी महामार्ग का निर्माण करवाया है। महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के लोग दशकों से मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। मराठा गौरव से जुड़ा ये काम भी बीजेपी ने ही पूरा किया है।

साथियों,

अघाड़ी वालों ने महाराष्ट्र की परेशानियों को बढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं किया है। मराठवाड़ा में लंबे समय से पानी का संकट रहा है लेकिन, कांग्रेस और अघाड़ी वाले हमेशा हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। हमारी सरकार में पहली बार सूखे के खिलाफ ठोस प्रयास शुरू हुए। महायुति की सरकार ने वैतरणा और उल्हास सबबेसिन से पानी मराठवाड़ा तक पहुंचाने का फैसला लिया है। जब देंवेंद्र जी सीएम थे तो उन्होंने जलयुक्त शिवार योजना भी बनाई। जलयुक्त शिवार योजना से मराठवाड़ा में जल संकट सुधरना शुरू हुआ था, लेकिन भाइयों-बहनों, बीच में ढाई साल के लिए इन अघाड़ी वालों की सरकार आ गई थी। इन्होंने इस योजना को भी बंद कर दिया था। जब महायुति की सरकार आई, तो ये काम दोबारा शुरू हुआ। छत्रपति संभाजीनगर में पानी की सप्लाई के लिए महायुति सरकार ने 1600 करोड़ रुपए से भी ज्यादा दिये थे। इस पर भी अघाड़ी वालों ने ब्रेक लगा दिया था। अब जब उसे दोबारा शुरू किया गया है, तो इस योजना की लागत बहुत बढ़ गई है। इसके लिए अब केंद्र सरकार अलग से 700 करोड़ रुपए दे रही है। ये फर्क है, महायुति और अघाड़ी में! ये फर्क है, बीजेपी और कांग्रेस में! आप मुझे बताइए, महाराष्ट्र में सरकार पानी और सूखे से मुक्ति दिलाने वाली होनी चाहिए या योजनाओं को ठप्प करने वाली होनी चाहिए? ये अघाड़ी वाले बूंद-बूंद पानी के लिए आपको तरसाएंगे। तरसाएंगे कि नहीं तरसाएंगे? इसीलिए, विशेषकर मैं माताओं-बहनों को कहता हूं कि अघाड़ी वालों को घुसने ही मत देना, वरना आपको पानी के लिए भी तरसा कर रखेंगे। इसलिए मैं कहता हूं भाजपा-महायुति //आहे// तर गति आहे// महाराष्ट्राची// प्रगति आहे।

साथियों,

महायुति के लिए हमारा किसान, अन्नदाता है, विकसित महाराष्ट्र का सबसे मजबूत स्तंभ है। यहां कपास के किसान बहुत भारी मात्रा में हैं। हमारी सरकार कपास किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी हर संभव प्रयास कर रही है। महाराष्ट्र में टेक्सटाइल पार्क खुलने से स्थानीय कपास उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। किसान सम्मान निधि के तहत महाराष्ट्र के 1 करोड़ 20 लाख किसानों को 33 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा उनके खाते में जमा हो चुका है। छत्रपति संभाजी नगर के भी 4 लाख से ज्यादा किसानों को इसका फायदा मिला है। महायुति सरकार की नमो शेतकरी योजना की वजह से किसानों को डबल पैसा मिल रहा है।

साथियों,

हमारी सरकार सोयाबीन किसानों को संकट से उबारने को अलग से 5 हजार रुपए दे रही है। महायुति सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 हजार प्रति क्विंटल करने का भी वायदा किया है। अगले 5 वर्षों में किसानों का फायदा भी बढ़ेगा, उन्हें नए अवसर भी मिलेंगे। हम इस प्रयास में लगे हैं कि अब हमारे किसान भाई-बहनों को बिजली बिल की चिंता ही ना हो, इसीलिए हम हर खेत तक सोलर ऊर्जा पहुंचाने में जुटे हैं। बड़ी संख्या में सिंचाई के पंपों को सोलर पंप में बदला जा रहा है। यही नहीं, हमने डेयरी के काम में जुटे किसानों की भी चिंता की है। हम गोपालक-पशुपालक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दे रहे हैं।

साथियों,

कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने के लिए विकास पर नहीं, बंटवारे पर भरोसा करती है। कांग्रेस दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को आगे बढ़ने से रोकती है ताकि सत्ता पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी इनका कब्जा बना रहे। इसीलिए, कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण के खिलाफ रही है। आप देखिए, इन दिनों इंटरनेट पर पुराने अखबारों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। आपने न देखा हो तो जरा निकालकर देखिए। आरक्षण को लेकर कांग्रेस की असली सोच क्या है, ये इन एडवरटाइजमेंट में देखकर आज लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं। आपको मालूम है, कांग्रेस पहले खुलेआम कैसे-कैसे विज्ञापन देती थी? कांग्रेस आरक्षण को देश के खिलाफ बताती थी। कांग्रेस आरक्षण को मेरिट के खिलाफ बताती थी। कांग्रेस की मानसिकता और कांग्रेस का एजेंडा अभी भी वही है। इसीलिए, पिछले 10 वर्षों से ओबीसी समाज का प्रधानमंत्री इन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा है। उनको लग रहा ये पिछड़ा कहां से आ गया। इसीलिए, कांग्रेस के शहजादे विदेश में जाकर खुलेआम बयान देते हैं कि वो आरक्षण को खत्म कर देंगे।

भाइयों बहनों,

अब अपने एजेंडे को लागू करने के लिए उसे आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस और अघाड़ी वाले SC-ST-OBC को छोटी-छोटी जातियों में बांटने का षड्यंत्र रच रहे हैं। कांग्रेस यहां माळी समाज को गवंडी समाज से लड़वाना चाहती है। कांग्रेस लोहार को सुतार से लड़वाना चाहती है। कांग्रेस चाहती है कि सोनार और कुंभार में जाति के नाम पर लड़ाई हो! ये लोग वाणी और तेली जैसे समाजों को आपस में लड़वाना चाहते हैं। ये न्हावी-धोबी को लड़वाने की फिराक में हैं। कांग्रेस सोच रही है कि ओबीसी जातियों में बंटेगा, तो उसकी ताकत कम हो जाएगी। और जब समाज की ताकत कम हो जाएगी तो कांग्रेस को बैठे-बैठे ही फायदा मिल जाएगा। यहीं से कांग्रेस की सत्ता में वापसी के मौके की तलाश चल रही है। और जैसे ही कांग्रेस को सरकार में आने का मौका मिला वो SC-ST-OBC का आरक्षण रोक देंगे। इसलिए SC-ST-OBC को इन साज़िशों का शिकार नहीं होना है। और इसलिए भाइयों-बहनों हमें जागरूक रह करके एकता को बल देना है। एकता की ताकत को बढ़ाना है। एकता के मंत्र को जीना है। और इसलिए हमें याद रखना है, हम एक हैं, तो सेफ हैं। हम एक हैं, तो... हम एक हैं, तो... हम एक हैं, तो...।

साथियों,

मैं आज देशभक्तों की इस भूमि, मराठवाड़ा की धरती से एक और जरूरी अपील करना चाहता हूं। इस धरती ने सदियों से भारत की अखंडता के लिए, भारत माता के लिए बलिदान दिये हैं। महाराष्ट्र के लोगों के लिए देशभक्ति सबसे ऊपर है। लेकिन, दूसरी ओर ये कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और उसके साथियों ने 370 को फिर से लागू करने का प्रस्ताव पास कराया है। आपने टीवी में, अखबारों में देखा होगा। आपको ध्यान होगा, जब हमने कश्मीर को 370 से आज़ादी दिलाई थी तो कांग्रेस ने संसद के भीतर उसका विरोध किया था। अदालत में वकील बन-बन के कांग्रेसियों ने 370 के हमारे निर्णय को खतम करने के लिए रात-दिन मेहनत की थी, बेशर्मी के साथ मेहनत की थी। और, अब ये फिर से 370 लागू करके कश्मीर का अलग संविधान बनाने की योजना बना रहे हैं। कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। कश्मीर में बाबा साहब अंबेडकर का संविधान चले, कश्मीर से आतंकवाद का नामोनिशान मिटे, ये हर देशवासी का संकल्प है। लेकिन, कांग्रेस का सपना क्या है? कांग्रेस का सपना कश्मीर से बाबा साहेब के संविधान को हटाने का है! मैं तो हैरान हूं, पाकिस्तान के अलावा अगर कोई ये सपना देख रहा है तो वो कांग्रेस और उसके साथी हैं। पाकिस्तान की भाषा बोलने वाली कांग्रेस और उसके दोस्तों को क्या महाराष्ट्र के मेरे भाई-बहन, संभाजीनगर के मेरे भाई-बहन ऐसे लोगों को सबक सिखाएंगे कि नहीं सिखाएंगे?

साथियों,

हमें महाराष्ट्र में एक मजबूत और निर्णायक सरकार की जरूरत है। कुर्सी के लिए आपस में लड़ने वाले अघाड़ी के लोग महाराष्ट्र के हित में कभी काम नहीं कर सकते। इसलिए, मेरा आग्रह है ज्यादा से ज्यादा संख्या में महायुति उम्मीदवारों के पक्ष में वोट करें। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं, अगले 5 साल में महाराष्ट्र विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा। इसी संकल्प के साथ, आप सबका ये प्यार, ये आशीर्वाद इसके लिए मैं बहुत-बहुत आभारी हूं।

मेरा साथ बोलिए, भारत माता की,

भारत माता की,

भारत माता की।

बहुत बहुत धन्यवाद!

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पंतप्रधान मोदींना प्रदान करण्यात आलेले सर्वोच्च नागरी पुरस्कार
December 18, 2025

अनेक देशांनी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांचा सर्वोच्च नागरी सन्मान देऊन गौरव केला आहे. त्यांच्या या गौरवात पंतप्रधान मोदींच्या नेतृत्वाचे आणि दूरदृष्टीचे प्रतिबिंब दिसून येते. या पुरस्कारांमुळे जागतिक स्तरावर होत असलेल्या भारताच्या उदयाला अधिक बळ मिळाले आहे. जगभरातील देशांबरोबर भारताचे वृद्धिंगत होत असलेले संबंधही त्यातून प्रतीत होतात.

पंतप्रधान मोदींना गेल्या सात वर्षात प्रदान करण्यात आलेल्या विविध पुरस्कारांवर एक नजर टाकूया

विविध देशांनी दिलेले पुरस्कार

1. एप्रिल 2016 मध्येत्यांच्या सौदी अरेबियाच्या दौऱ्यातपंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांना किंग अब्दुलअझीझ सश- हा सौदी अरेबियाचा सर्वोच्च नागरी सन्मान प्रदान करण्यात आला. राजे सलमान बिन अब्दुलअजीज यांच्या हस्ते पंतप्रधानांना हा प्रतिष्ठेचा पुरस्कार प्रदान करण्यात आला होता.

2. त्याच वर्षीपंतप्रधान मोदींना स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्ला खान – हा  अफगाणिस्तानचा सर्वोच्च नागरी सन्मान देऊन गौरविण्यात आले.

3. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी सन 2018 मध्येपॅलेस्टाईनला ऐतिहासिक भेट दिली तेव्हा त्यांना ग्रँड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ पॅलेस्टाईन पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले. परदेशातील मान्यवरांना दिला जाणारा हा पॅलेस्टाईनचा सर्वोच्च सन्मान आहे.

4. 2019 मध्येपंतप्रधानांना ऑर्डर ऑफ झायेद पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले. हा संयुक्त अरब अमिरातींचा सर्वोच्च नागरी सन्मान आहे.

5. रशियाने पंतप्रधान मोदींना 2019 मध्ये त्यांचा - ऑर्डर ऑफ सेंट अँड्र्यू पुरस्कार हा सर्वोच्च नागरी सन्मान प्रदान केला.

6. ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रुल ऑफ निशान इज्जुद्दीन- हा परदेशी मान्यवरांना देण्यात येणारा मालदीवचा सर्वोच्च सन्मान पंतप्रधान मोदींना 2019 मध्ये प्रदान करण्यात आला.

7. ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रुल ऑफ निशान इज्जुद्दीन- हा परदेशी मान्यवरांना देण्यात येणारा मालदीवचा सर्वोच्च सन्मान पंतप्रधान मोदींना 2019 मध्ये प्रदान करण्यात आला.

8. उत्कृष्ट सेवा आणि उल्लेखनीय कामगिरीतील यश तसेच गुणवत्तापूर्ण वर्तनासाठी अमेरिकेच्या सरकारद्वारे दिला जाणारा लीजन ऑफ मेरिट, हा अमेरिकेच्या सशस्त्र दलाचा पुरस्कार 2020 मध्ये पंतप्रधान मोदींना प्रदान करण्यात आला.

9. भूतानने डिसेंबर 2021 मध्ये पंतप्रधान मोदींना ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्याल्पो या  त्यांच्या सर्वोच्च नागरी पुरस्काराने सन्मानित केले आहे.

अनेक देशांच्या सर्वोच्च नागरी सन्मानांव्यतिरिक्तजगभरातील अनेक प्रतिष्ठित संस्थांनीही पंतप्रधान मोदींचा विविध पुरस्कार देऊन सन्मान केला आहे.

1. सोल शांतता पुरस्कार: मानवजातीमध्ये सुसंवादविविध राष्ट्रांमध्ये सलोखा निर्माण करण्यात तसेच जागतिक शांततेसाठी योगदान देऊन आपला ठसा उमटविणाऱ्या व्यक्तींना सोल पीस प्राइज कल्चरल फाऊंडेशनच्यावतीने हा द्विवार्षिक पुरस्कार प्रदान केला जातो. 2018 मध्ये पंतप्रधान मोदींना या प्रतिष्ठेच्या पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले.

2. युनायटेड नेशन्स चॅम्पियन्स ऑफ द अर्थ पुरस्कार: हा संयुक्त राष्ट्रसंघाचा सर्वोच्च पर्यावरण सन्मान असून, UN ने 2018 मध्ये पंतप्रधान मोदींना हा पुरस्कार देऊन त्यांच्या धाडसी पर्यावरण नेतृत्वाला जागतिक मंचावरून कौतुकाची थाप दिली.

3. पंतप्रधान मोदींना 2019 मध्ये पहिला-वहिला फिलिप कोटलर राष्ट्रपती पुरस्कार प्रदान करण्यात आला. दरवर्षी एखाद्या देशाच्या नेत्याला हा पुरस्कार दिला जातो. “देशाचे उत्कृष्टरीत्या नेतृत्व” केल्याबद्दल पंतप्रधान मोदींची या पुरस्कारासाठी निवड झाली असल्याचे त्यांना पुरस्कारासोबत देण्यात आलेल्या मानपत्रात म्हटले होते.

4. ‘2019 मध्ये, बिल आणि मेलिंडा गेट्स फाउंडेशनतर्फे  पंतप्रधान मोदींना स्वच्छ भारत अभियानासाठी ग्लोबल गोलकीपर’ पुरस्काराने गौरविण्यात आले. स्वच्छ भारत मोहिमेचे “लोक चळवळी”त रूपांतर करून दैनंदिन जीवनात स्वच्छतेला सर्वोच्च प्राधान्य देणाऱ्या भारतीयांना पंतप्रधान मोदींनी हा पुरस्कार समर्पित केला होता. 

5. ‘2021 मध्ये, बिल आणि मेलिंडा गेट्स फाउंडेशनतर्फे  पंतप्रधान मोदींना स्वच्छ भारत अभियानासाठी ग्लोबल गोलकीपर’ पुरस्काराने गौरविण्यात आले. स्वच्छ भारत मोहिमेचे “लोक चळवळी”त रूपांतर करून दैनंदिन जीवनात स्वच्छतेला सर्वोच्च प्राधान्य देणाऱ्या भारतीयांना पंतप्रधान मोदींनी हा पुरस्कार समर्पित केला होता.