QuoteInternational Solar Alliance (ISA) has created a large platform in order to ensure climate justice, says PM Modi
QuoteRole being played by oil wells today will one day be played by sun rays: PM Modi at 1st assembly of ISA
QuoteWe have decided to generate 40% of our electricity using non fossil fuel based resources by 2030: PM Modi
QuoteTo fulfill the goals of Paris Agreement, we have started working on the action plan for the deployment of renewable energy: PM Modi
QuoteAlong with Solar and Wind power, we are working fast on B3 i.e Biomass-Biofuel-Bioenergy: PM Modi at 1st assembly of ISA 

संयुक्‍त राष्‍ट्र के Secretary General, Excellency, Antonio Guterres, International Solar Alliance Assembly और Indian Ocean Rim Association, इन देशों से पधारे हुए सभी मंत्रीगण, केबिनेट के मेरे तमाम सहयोगी, उद्योग जगत के साथी, सम्‍मानीय अतिथिगण, विशेष रूप से नौजवान विद्यार्थी मित्र, देवियो और सज्‍जनों।

आज सुबह स्‍वच्‍छता से जुड़े एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम में  Excellency, Antonio Guterres के साथ मुझे हिस्‍सा लेने का अवसर मिला। आज से ही महात्‍मा गांधी की 150वीं जन्‍म जयंती के आयोजन भी देश और दुनिया में प्रारंभ हो रहे हैं। Green future के लिए हो रहे इस मंथन की शुरूआत के लिए आज के दिवस से उचित अवसर कोई और नहीं हो सकता है।

International Solar Alliance (ISA), और मैं चाहूंगा कि popularly वो आईसा शब्‍द हो जाएगा यानी आईसा असेंबली हो। Global renewable energy investment and Expo and a Re-invest की बैठक हो या India Ocean Rim Association Energy Meet हो, तीनों का बृहद लक्ष्‍य एक है- Green future के लिए Clean energy का विकल्‍प तैयार करना।

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साथियो, पिछले 150-200 वर्षों में मानव जाति अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए धरती के नीचे दबे संसाधनों पर ही ज्‍यादा निर्भर रही है। हमारी प्रकृति ने कैसे इसका विरोध किया है और आज भी कर रही है, ये हम सब देख रहे हैं। प्रकृति हमें लगातार संदेश दे रही है कि जमीन के ऊपर मौजूद ऊर्जा चाहे सूर्य में हो, वायु में हो या पानी में, यही बेहतर और सुरक्षित भविष्‍य का समाधान है।

मुझे खुशी है कि आज हम, हम सभी प्रकृत्ति से मिल रहे इस संदेश पर मंथन के लिए एकजुट हुए हैं। साथियों, मुझे याद है तीन वर्ष पहले re-invest की पहली मीटिंग में मैंने renewable energy के क्षेत्र में मेगावाट से गीगावॉट की तरफ भारत की यात्रा का संकल्‍प हमारे देशवासियों के सामने रखा था। तब मैंने ये स्‍पष्‍ट किया था कि Solar और green energy का लाभ तभी मिल पाएगा अगर ये सस्‍ती होगी और सुलभ होगी। और इसके लिए मैंने Solar resource reach countries का एक common platform बनाने का भी प्रस्‍ताव सामने रखा था। मुझे प्रसन्‍नता है कि हमें बहुत ही कम समय में इन योजनाओं को आगे बढ़ाने में अभूतपूर्व सफलता मिली है।

साथियों, आज International Solar Alliance दुनिया के लिए उम्‍मीद की एक बड़ी किरण बनकर सामने आया है। तीन वर्षों के भीतर ये संगठन एक treaty based inter governmental organization  बन चुका है। सवा सौ करोड़ भारतीयों को इस बात की भी खुशी है कि ISA का हेडक्‍वार्टर भारत में ही है। ये ISA के प्रति अपनत्‍व को और बढ़ाता है।

मुझे लगता है जब भी भविष्‍य में 21वीं सदी में स्‍थापित मानव कल्‍याण के बड़े संगठनों की चर्चा होगी तो ISA का नाम उसमें सबसे ऊपर होगा। ISA के तौर पर हम सभी ने climate justice को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बहुत बड़ा मंच तैयार किया है। आने वाली पीढ़ियों को मानवता से जुड़ा बहुत बड़ा उपहार हम सबने मिल करके दिया है।

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साथियो, मेरा हमेशा से ये मानना रहा है कि दुनिया की ऊर्जा आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिए जो भूमिका आज OPEC निभा रहा है, वही भूमिका आने वाले समय में International Solar Alliance(आईसा) की होने वाली है। जो रोल आज तेल के कुंओं का है, वही रोल भविष्‍य में सूर्य की किरणों का होने वाला है। आज आईसा का ये initiative जहां पहुंचा है, इसमें सक्रिय सहयोग के लिए मैं United Nations का विशेष तौर पर आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

पेरिस में हुए ISA के launch कार्यक्रम में तब के महासचिव Excellency, Ban Ki-moon का मौजूद रहना और आज के कार्यक्रम में Excellency, Antonio Guterres का शामिल होना, ये इस बात को दिखाता है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र इस मंच को कितना महत्‍व देता है। मैं इस मौके पर फ्रांस के राष्‍ट्रपति का, उसकी सरकार का भी उनके सहयोग और समर्थन के लिए हृदयपूर्वक आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

साथियो, ISA की इस पहली assembly में 40 देशों के प्रतिनिधि मौजूद हैं। लेकिन अब हमें उस दिशा की तरफ आगे बढ़ना है जब सौर ऊर्जा के ये विकल्‍प सिर्फ Cancer और Capricorn के इर्द-गिर्द बसे सिर्फ सवा सौ देशों तक सीमित न रहें बल्कि पूरी दुनिया को इसका लाभ मिले। Universal  cooperation on solar energy की भावना के तहत भारत ISA की assembly में यूनियन के सभी सदस्‍य देशों को membership का प्रस्‍ताव रखने वाला है।

सा‍थियो, भारत India Ocean Rim Association का अहम सदस्‍य होने के नाते इस संगठन को बहुत महत्‍व देता है। हमारी ऊर्जा संबंधी चुनौतियां एक जैसी हैं। इसलिए अपनी energy security को देखते हुए renewable energy पर हमें मिलकर बल देना है।

मैं पहले भी SAGAR यानि security and growth for all in the region की भावना को सामने रख चुका हूं। मुझे विश्‍वास है कि इस बैठक से सहयोग के नए द्वार खुलेंगे।

साथियो, renewable energy के बढ़ते उपयोग का भारत में असर दिखने लगा है। पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्‍यों को पूरा करने के लिए renewable energy की deployment के action plant पर काम हम शुरू कर चुके हैं। हमने तय किया है कि साल 2030 तक हमारी 40 प्रतिशत बिजली की क्षमता non fossil fuel based संसाधन से पैदा हो। इसी लक्ष्‍य के तहत बीते चार वर्षों में भारत ने  renewable energy की अपनी क्षमता को 72 गीगावॉट यानी दोगुना किया है। इसमें भी solar energy की capacity में 9 गुना की बढ़ोत्‍तरी हुई है।  आज जितनी बिजली का उत्‍पादन हम करते हैं उसका 20% हिस्‍सा non hydro renewable का है। इतना ही नहीं, करीब-करीब 50 गीगावॉट की क्षमता बहुत जल्‍द इसमें और जुड़ने वाली है। ये साफ संकेत है कि वर्ष 2022 तक 175 गीगावॉटrenewable energy  उत्‍पादन का लक्ष्‍य जो हम लोगों ने रखा है, उस रास्‍ते पर हम सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं और उसको हम करके रहेंगे।

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साथियो, आज भारत poverty to power, इन नए आत्‍मविश्‍वास के साथ विकास की गति को तेज कर रहा है। इस नए आत्‍मविश्‍वास को शक्ति देने के लिए भी हमने उसको चुना है जो हजारों वर्षों से हमारी शक्ति का स्रोत रहा है, ऊर्जा का भंडार रहा है। ये भंडार है सूर्य का जिसको हम भारत के लोग सूर्यदेव के रूप में भी पूजा करते हैं।

साथियों, सूर्य हमारे लिए प्रकाश के देवता हैं, ऊर्जा के देवता हैं। हमारे यहां मान्‍यता है कि सूर्य सम्‍पूर्ण सृष्टि के गतिदाता हैं। ओम सूर्याय नम: के मंत्र से और सूर्य की पहली किरण को अर्ध्‍य देने से दिन की शुरूआत की हमारे यहां समाज जीवन में सहज परम्‍परा है। वेद से ले करके योग तक सूर्य हमारे चिंतन, हमारी उपासना, हमारी आं‍तरिक ऊर्जा का स्रोत रहा है। अब इस आं‍तरिक ऊर्जा को आधुनिक विज्ञान की शक्ति के साथ हम बाहरी ऊर्जा के समाधान में बदलने के लिए कटिबद्ध हैं, प्रतिबद्ध हैं।

साथियो, Solar power के क्षेत्र में भारत बहुत तेज गति से काम कर रहा है। बीते चार वर्षों के दौरान Solar power बहुत सस्‍ती हुई है, जिससे अनेक गरीबों को बिजली से जोड़ने का हमारा लक्ष्‍य तेजी से संभव हो पाया है। घर-घर रोशनी पहुंचाने के हमारे लक्ष्‍य में panel to power और Make in India बहुत महत्‍वपूर्ण पड़ाव हैं। मुझे खुशी है कि पिछले चार वर्षों में renewable energy के क्षेत्र में भारत दुनिया का सबसे पसंदीदा destination बनकर आज उभरा है। करीब 42 अरब का निवेश इस दौरान हुआ है।

साथियों, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आ रहे ये बदलाव सिर्फ विदेशी निवेश ही नहीं बल्कि हमारे अपने उद्यमियों के लिए भी एक अभूतपूर्व अवसर है। हमारी कोशिश है कि देश में ही Solar panel manufacturing का एक मजबूत eco system बने। Renewable energy  के सेक्‍टर में निवेश का ये सबसे उपयुक्‍त समय है। आने वाले चार वर्षों में इस सेक्‍टर में करीब 70 से 80 अरब डॉलर के business की संभावनाएं मैं देख रहा हूं।

साथियों, power generation के साथ-साथ power storage भी बहुत महत्‍वपूर्ण है और इसके लिए जरूरी infrastructure तैयार करने के लिए National energy storage mission पर काम किया जा रहा है। इस मिशन के तहत सरकार demand creation, indigenous manufacturing, innovation और energy storage की क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी policy support पर बल दे रही है।

KUSAM यानि किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाअभियान के माध्‍यम से गांव में खेत में ही Solar panel लगाने और उन्‍हें grid से जोड़ने की व्‍यवस्‍था की जा रही है। आने वाले चार वर्षों में देशभर में करीब 28 लाख solar pump लगाए जाने वाले हैं। इससे करीब 10 गीगावॉट की क्षमता विकसित करने का लक्ष्‍य रखा गया है।

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साथियो, Solar और wind power के साथ-साथ हम B-3 यानी biomass, bio fuel, bio energy पर भी तेजी से काम कर रहे हैं। भारत में transport system को clean fuel based बनाने की तरफ गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। बायोगैस से बायो फ्यूल बनाकर हम इस चुनौती को अवसर में बदल रहे हैं। हमने गोबरधन, एक बहुत बड़ी योजना इसके लिए प्रस्‍तुत की है। Waste to energy को लेकर गांव-गांव, शहर-शहर में अनेक नवीन प्रयोग हो रहे हैं।

साथियों, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए renewable energy पर तो काम हो ही रहा है, बिजली की बचत हो ये भी हमारी प्राथमिकताओं में से है। उजाला स्‍कीम के तहत देश के घरों, गलियों और सड़कों को LED bulb से रोशन करने का सबसे बड़ा अभियान आज भारत के हर कोने में चल रहा है। इसके तहत अब तक करीब 31 करोड़ LED bulb बांटे गए हैं। ये 31 करोड़ LED bulb बहुत बड़ा आंकड़ा होता है, जिससे हर वर्ष करीब 40 हजार मिलियन किलोवॉट आवर बिजली की बचत हो रही है। कोई कल्‍पना कर सकता है कितना बड़ा है। इतना ही नहीं इससे देशवासियों का बिजली के बिल में हर वर्ष करीब-करीब 16 हजार करोड़ रुपयों की बचत हुई है और बड़ी मात्रा में कार्बन डाईऑक्‍साडड के generation को हमने रोका है।

और फिर मैं कहना चाहूंगा, ये तो अभी शुरूआत ही है। आने वाला समय और अनेक अवसरों से भरा हुआ है। आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें climate justice से जुड़े हर अवसर की संभावनाओं को तलाशना है और सफलता प्राप्‍त करके ही रहना है।

मुझे विश्‍वास है कि आने वाले तीन दिनों में इन अवसरों पर विस्‍तार से आप सभी महानुभाव चर्चा करेंगे और renewable future को और प्रकाशित, प्रसाधित करने में योगदान देंगे।

मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं कि आपका हर सुझाव, हर innovative idea हमारे लिए बहुत महत्‍वपूर्ण होगा। और इसलिए अब खुल करके Human Resource Development हो, technology up gradation हो, नए-नए दुनिया के देशों में छोटे-छोटे  लोगों ने प्रयोग किए हों, इन सारी बातों को हम एक बार सामने लाएंगे और मुझे विश्‍वास है कि हम इस मिशन को पूरा कर सकते हैं। और हम दुनिया के सामने आर्थिक जगत की दुनिया में globalization की चर्चा हुई, technology ने दुनिया को बहुत निकट ला दिया। हम भी एक dream ले करके चले कि एक दुनिया, एक सूरज, एक grid. One World, One Sun, One Grid.

अगर इस मिशन को पार करेंगे, आप कल्‍पना कर सकते हैं कि जहां सूर्योदय होता है, वहां से चालू करें तो सूर्यास्‍त तक ये Grid बनी रहे तो चौबीसों घंटे सूरज से बिजली निकल सकती है। आज तो हमारे देश में जितने घंटे सूरज है उसी की हम सोचते हैं लेकिन One World, One Sun, One Grid, इस सपने को ले करके हम चलेंगे तो कभी भी, कहीं पर भी जब तक सूरज ढलता नहीं है, बिजली पाना असंभव नहीं होगा और सूरज कहीं न कहीं तो होता ही है, कभी ढलता नहीं है तो फिर बिजली का प्रवाह क्‍यों बंद होगा। 

एक नए तरीके से, नए सिरे से सोचने की आवश्‍यकता है। और मुझे विश्‍वास है कि ISA के इस महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम के अवसर पर हम जरूर एक नए विश्‍वास के साथ, नए विचारों के साथ, नई ऊर्जा के साथ, नए संकल्‍प के साथ, एक नए विश्‍व के निर्माण में अपनी एक अहम भूमिका निभाने के लिए आगे बढ़ेंगे।

एक बार फिर भारत आने के लिए, यहां आ करके इस महत्‍वपूर्ण अवसर पर शरीक होने के लिए मैं दुनिया के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य में अपनी सहभागिता के लिए आप सभी का बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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PM Modi’s remarks during the BRICS session: ‘Peace and Security and Reform of Global Governance’
July 06, 2025

Your Highness,

Excellencies,

Namaskar!

I express my heartfelt gratitude to President Lula for the excellent organisation of the 17th BRICS Summit. Under Brazil’s dynamic chairmanship, our BRICS cooperation has gained fresh momentum and vitality. And let me say—the energy we’ve received isn’t just an espresso; it’s a double espresso shot! For this, I applaud President Lula's vision and his unwavering commitment. On behalf of India, I extend my heartfelt congratulations and best wishes to my friend, President Prabowo, on Indonesia’s inclusion in the BRICS family.

Friends,

The Global South has often faced double standards. Whether it's about development, distribution of resources, or security related matters, the interests of the Global South have not been given due importance. The Global South often received nothing more than token gestures on topics like climate finance, sustainable development, and technology access.

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Friends,

Two-thirds of humanity still lack proper representation in global institutions built in the 20th century. Many countries that play a key role in today’s global economy are yet to be given a seat at the decision-making table. This is not just about representation, it’s also about credibility and effectiveness. Without the Global South, these institutions are like a mobile phone with a SIM card but no network. They’re unable to function properly or meet the challenges of the 21st century. Whether it's ongoing conflicts across the world, the pandemic, economic crises, or emerging challenges in cyber or space, these institutions have failed to offer solutions.

Friends,

Today the world needs a new multipolar and inclusive world order. This will have to start with comprehensive reforms in global institutions. These reforms should not be merely symbolic, but their real impact should also be visible. There must be changes in governance structures, voting rights, and leadership positions. The challenges faced by countries in the Global South must be given priority in policymaking.

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Friends,

The expansion of BRICS and the inclusion of new partners reflect its ability to evolve with the times. Now, we must demonstrate the same determination to reform institutions like the UN Security Council, the WTO, and Multilateral Development Banks. In the age of AI, where technology evolves every week, it's unacceptable for global institutions to go eighty years without reform. You can’t run 21st-century software on 20th-century typewriters!

Friends,

India has always considered it a duty to rise above self interest and work towards the interest of humanity. We’re fully committed to work along with the BRICS countries on all matters, and provide our constructive contributions. Thank you very much.