Sadbhavana Mission at Himatnagar

Published By : Admin | January 22, 2012 | 10:07 IST
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हिम्मतनगर के सद्भावना मिशन में समाजशक्ति का विराट दर्शन

सद्भावना ने दी गुजरात को राजनैतिक स्थिरता : मुख्यमंत्री

साबरकांठा जिले के लिए 2380 करोड़ के विकास कार्यों की घोषणा

7000 नागरिकों ने श्री मोदी के साथ स्वेच्छा से किया अनशन

अहमदाबाद, रविवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि छह करोड़ गुजरातियों की सद्भावना ने ही गुजरात को राजनैतिक स्थिरता प्रदान की है और सद्भावना तथा राजनैतिक स्थिरता के इस वातावरण ने देश में एक नई राजनैतिक संस्कृति का सृजन किया है। भूतकाल की सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के लिए ही मापदंड तय किए थे। लेकिन हमने सबका साथ-सबका विकास मंत्र के साथ विकास का सफर तय किया, लिहाजा आज पूरे देश में विकास के मापदंड के लिए गुजरात मॉडल को स्वीकृति मिली है।

श्री मोदी ने रविवार को सद्भावना मिशन के तहत हिम्मतनगर में एक दिवसीय उपवास का तप किया। दिन के दौरान उपवासस्थल पर विराट समाजशक्ति के दर्शन हुए। हजारों की तादाद में पहुंचे लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर प्रसन्नता की अनुभूति की। करीब 7000 लोगों ने स्वेच्छा से अनशन किया।

साबरकांठा जिले को विकास का तोहफा देते हुए मुख्यमंत्री ने जिले के विकास कार्यों के लिए 2380 करोड़ रुपये की घोषणा की। इसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जनकल्याणकारी सुविधाओं के ढांचागत विकास के अलावा हिम्मतनगर में 225 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल कैम्पस के प्रोजेक्ट को सैद्घांतिक मंजूरी, देव नी मोरी में बुद्घ की विरासत के सांस्कृतिक पर्यटन विकास का 100 करोड़ का प्रोजेक्ट, हिम्मतनगर और ईडर हाईवे बायपास प्रोजेक्ट सहित शामळाजी के पर्यटन प्रोजेक्ट का समावेश होता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि वोट बैंक की राजनीति की खातिर सरकारी खजाने से जनता का धन लूटने वाले आज किस मुंह से जनहित के विकास कार्यों के खर्च का विरोध कर रहे हैं?

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की ऊंचाई किसे कहते हैं यह गुजरात ने साबित किया है। 15 वर्ष पूर्व स्कूल में कमरा बनाने की मांग की जाती थी और उसके बजट का पैसा वोट बैंक की राजनीति को ध्यान में रख कर आवंटित किया जाता था। परन्तु आज विकास से ऐसी जागृति आई है कि हर जिले का आम आदमी मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने की मांग कर रहा है। महज दस वर्षों में ही गुजरात में विश्वविद्यालयों की संख्या 11 से 41 तक पहुंच गई है। युवाओं के लिए उनके शहर में ही इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा की सुविधा इस सरकार ने उपलब्ध करवाई है।

उन्होंने कहा कि देश के राजनीतिक परिदृश्य में दो चित्र नजर आते हैं। पहला, च्समाज को विभाजित करो और राज करोज् जबकि दूसरी राजनैतिक शैली गुजरात ने विकसित की है- च्सबका साथ-सबका विकास।ज्

श्री मोदी ने याद दिलाया कि, भूतकाल में पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बदले जाते थे और गुजरात राजनैतिक रूप से अस्थिर हो चुका था। यदि राजनीतिक अस्थिरता नहीं होती तो गुजरात ने कितना विकास किया होता? उन्होंने कहा कि पूर्व में छह करोड़ गुजरातियों का इतना सद्भाव किसी को नहीं मिला। पिछले दस वर्ष से गुजरात में जनता-जनार्दन की सद्भावना से ही राजनीतिक स्थिरता का माहौल है और इसीलिए गुजरात ने विकास की यह ऊंचाई तय की है।

उन्होंने कहा कि विकास का यह सफर यूं ही तय नहीं हुआ है, दस वर्षों तक कठोर परिश्रम की तपस्या की है। यदि राजनीतिक दांवपेच किए होते तो यह विकास संभव न था।

अकालग्रस्त गुजरात में आज कृषि विकास दर 11 फीसदी तक पहुंचने का रहस्य खोलते हुए श्री मोदी ने कहा कि सद्भावना की शक्ति और एकता के माहौल ने ही गुजरात को यह सफलता दिलाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की सद्भावना की शक्ति ने ही लाखों गरीब गर्भवती माताओं को कुपोषण से बचाने के लिए गांव-गांव में सुखड़ी का पोषक आहार वितरित करने की सामाजिक जिम्मेदारी उठाई है। सद्भावना की ताकत ने ही सरकार को समस्या के स्थायी निराकरण के लिए दायित्व की प्रतीति करवाई है। उन्होंने कहा कि सद्भावना की शक्ति का यह सामाजिक अभियान समाज को क्रांति के मार्ग पर ले चला है।

श्री मोदी ने दु:खद आश्चर्य जताते हुए कहा कि, देश में कुपोषण राष्ट्रीय शर्म है, जिसका सर्वे 2005 में हुआ था। लेकिन प्रधानमंत्री को 2012 में यह ज्ञात हुआ। उन्होंने कहा कि बतौर शासक एक प्रधानमंत्री इतने संवेदनहीन कैसे हो सकते हैं? देश के बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हों तब कैसे इस पीड़ा बेअसर रहा जा सकता है।

इस सन्दर्भ में गुजरात का उदाहरण पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सन् 2001 की जनगणना में कुपोषण का आंकड़ा जब 2004 में जाहिर हुआ तब गुजरात सरकार ने कुपोषण की पीड़ा से बच्चों को मुक्त कराने की जंग शुरू कर दी। समाज की संवेदना और सद्भावना को उजागर करने से गांव-गांव में डेयरी के दूध में से भगवान के प्रसाद के तौर पर लाखों गरीब बच्चों को पोषण मिलने लगा।

मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि, यहां के जो लोग गुजरात के विकास के मोदी मॉडल की आलोचना कर रहे हैं, उन्ही के दल के पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब के चुनाव में गुजरात के मोदी मॉडल के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गुजरात ने जातिवाद और सांप्रदायिकता के चंगुल से निकलकर एकता-शांति-भाईचारा-स्थिरता का वातावरण सृजित कर विकास किया है। अब जिसे विकास करना हो उसे गुजरात की तरह ऐसा वातावरण बनाना होगा। सद्भावना मिशन को सामाजिक क्रांति बताते हुए श्री मोदी ने इसका संदेश हिन्दुस्तान के कोने-कोने तक पहुंचाने का संकल्प जताया।

मुख्यमंत्री ने मजबूती से कहा कि गुजरात को बदनाम करने का मंसूबा रखने वाले लोग हमारा अहित नहीं कर सकते। गुजरातियों की सद्भावना उन्हें कामयाब नहीं होने देगी। दिल्ली की केन्द्रीय सल्तनत को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि, गुजरात किसी को छेड़ता नहीं और यदि कोई गुजरात को छेड़े तो उसे छोड़ता नहीं।

इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री फकीरभाई वाघेला, गृह राज्य मंत्री प्रफुलभाई पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हेमलताबेन पटेल, विधायकगण, जिला भाजपा अध्यक्ष, साबर डेयरी के चेयरमैन, अन्य जिला पदाधिकारी, जिला प्रभारी सचिव सुश्री जयंति रवि, जिला कलक्टर जयप्रकाश शिवहरे, जिला विकास अधिकारी रविकुमार अरोरा सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

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PM praises float-on - float-off operation of Chennai Port
March 28, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has praised float-on - float-off operation of Chennai Port which is a record and is being seen an achievement to celebrate how a ship has been transported to another country.

Replying to a tweet by Union Minister of State, Shri Shantanu Thakur, the Prime Minister tweeted :

"Great news for our ports and shipping sector."