विकास चंद्र- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर में धुआंधार चुनाव-प्रचार कर रहे हैं और जगन्नाथपुरी में रोड शो कर रहे हैं। साथ में हैं, बात करते हैं। प्रधानमंत्री जी, न्यूज नेशन में बहुत स्वागत है आपका। लोगों के प्यार और भरोसे का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। मेरा पहला सवाल है कि इस चुनाव में सबसे बड़ा जो नारा है वह 400 पार का है और विपक्ष ने हथियार बना लिया है कि आप संविधान ही बदल देंगे इतने बड़े मैंडेट के बाद।
पीएम मोदी- ये नारा नहीं है, ये 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है। और इस संकल्प को देशवासी जी रहे हैं, इस संकल्प को पार करने के लिए स्वयं देशवासी देश के मतदाता पूरे चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं। कभी किसी ने सोचा है कि सुबह 7 बजे से हजारों लोगों की भीड़ पुरी में देशवासियों की आशा पूरी करने के लिए, जो जनसैलाब मैं देख रहा हूं उससे साफ-साफ लगता है और आप तो न्यूज़ नेशन वाले हैं और हम नेशन फर्स्ट वाले हैं तो हम तो नेशन फर्स्ट के लिए काम करने वाले लोग हैं।
विकास चंद्र- मेरा सवाल है कि पिछले 10 वर्षों में देश का आर्थिक उन्नयन हुआ है, राजनीतिक परिस्थिति बदली है और एक धार्मिक पुनर्जागरण सा देखने को मिल रहा है कि राम मंदिर बना, काशी कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर, बाबा केदार का निर्माण, क्या यही वजह है कि आपके ऊपर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं और आप पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया जा रहा है?
पीएम मोदी- मैं समझता हूं कि गहरा विषय नहीं है। ऐसे ऊपर चल रहा, आपलोग या तो जो भी लोग बात करते हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल जिसने देश को एक किया, हमने दुनिया का सबसे बड़ा स्टेचू बनाया स्टैचू ऑफ यूनिटी। बाबा साहेब अंबेडकर जिसने संविधान को बहुत बड़ी ताकत दी हमने उनके पंच तीर्थ बनाई है। महात्मा गांधी की दांडी यात्रा दांडी को इतने दिनों तक भुला दिया गया था, हमने दांडी में भव्य स्मारक बनाया। हमने बाबा साहेब अंबेडकर के पंच तीर्थ बनाए। मैं मानता हूं कि हमारे देश में 140 करोड़ देशवासी ऐसे हैं जिनके मन में इच्छा रहती है कि कभी चारधाम यात्रा करनी है, कभी द्वादश ज्योतिर्लिंग जाना है, कभी मां को गंगा में स्नान कराने के लिए ले जाना है, ये भारत के नागरिकों के हक है कि उनको व्यवस्था मिले। अगर वो जगन्नाथ जी में आते हैं तो उनको अच्छी रहने की व्यवस्था मिले, अच्छा खाने का प्रबंध मिले, उसको कनेक्टिविटी मिले, उसको इंटरनेट कनेक्टिविटी मिले, उसको अच्छे साफ सुथरे टॉयलेट मिले, क्या हिंदुस्तान के नागरिकों को यह हक नहीं है क्या? 75 साल तक भारत के कोटि-कोटि नागरिकों की आस्थाओं को जूते मारे गए हैं, अपमानित किया गया, उनको अपने नसीब पर छोड़ दिया गया है। मोदी उस दुनिया से निकल कर के आया है। मेरे मन में दर्द था जो इस देश के मालिक हैं, जो इस देश को चलाने के लिए टैक्स दे रहे हैं, उनको एक टॉयलेट नहीं मिलेगा, उनको अच्छी जगह पर सोने की जगह नहीं मिलेगी, क्योंकि वह भगवान के दरबार में जा रहा है परेशान हो जाए। तो मैं अपना कर्तव्य मान कर के इसको कर रहा हूं। जहां तक हम पर जो विरोध करते हैं या आरोप करते हैं वो तो मेरे जन्म से पहले से कर रहे हैं क्योंकि वो एक निश्चित प्रकार की सत्ता भूख में डूबे हुए लोग हैं। वो मानते हैं कि उनकी प्राइवेट प्रॉपर्टी है, इनकी फैमिली की प्रॉपर्टी है, ये देश के संविधान को नहीं मानते, देश के लोकतंत्र को नहीं मानते, देश के मतदाताओं की ताकत को नहीं मानते हैं और इसलिए वह गाली गलौज करते हैं।
विकास चंद्र- सर 10 वर्षों का कार्यकाल हुआ। इसमें जनता तो मानकर चल रही है कि मोदी तीसरी बार भी प्रधानमंत्री। विपक्ष के लोग भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री तो मोदी ही होंगे। तो क्या ये मोदी मैजिक है या विपक्ष बहुत कमजोर है।
पीएम मोदी- ये मैजिक देश के मतदाताओं का है। मतदाता जागृत हो चुका है। अब तक मतदाता उनके औरा में था उस परिवार के। और इसलिए उनको लगता था शायद ये परिवार देश को आगे ले जाएगा और उन्होंने इन लोगों की भावनाओं का दुरुपयोग किया। मैं जनता-जनार्दन को समर्पित हूं, कभी कोई सोचता है कि सुबह 7:00 बजे देश का प्रधानमंत्री पुरी की गलियों में घूम रहा है। क्यों? मेरा जनता के प्रति विश्वास है और इसलिए देश की जनता ने यह सारे निर्णय किए हुए हैं।
विकास चंद्र- सर, इंडी गठबंधन से कितनी चुनौती मिल रही है खास तौर पर अगर बिहार, यूपी, महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों की बात करें।
पीएम मोदी- इंडी गठबंधन है कहीं क्या? उन्होंने चार या पांच बार मिलकर के हाथ ऊपर करके फोटो निकाली है। क्या इंडी गठबंधन का कोई नेतृत्व है क्या? इंडी गठबंधन की कोई कैंपेन कमेटी है क्या? इंडी गठबंधन का कोई इलेक्शन जीतने का विजन है क्या? इतना ही नहीं इंडी गठबंधन का सबसे बड़ा पार्टनर है लेफ्ट। इंडी गठबंधन ने प्रारंभ में ही इस लेफ्ट के पीठ में छुरा घोंप दिया। वायनाड में चुनाव लड़ा और लेफ्ट वालों को गालियां दी। लेफ्ट वालों ने कांग्रेस को गालियां दी। बंगाल में उनकी हालत क्या है। हिंदुस्तान में झारखंड में उनकी हालत क्या है। यानि सब अंदरूनी झगड़ों में हैं। अभी उनके एक नेता कह रहे हैं कि अब छोटी-छोटी पार्टियों का कोई भविष्य नहीं है। जो इंडी अलायंस के छोटे पार्टनर हैं उन्होंने कांग्रेस में मर्ज कर देना चाहिए। क्यों, उन्हें मालूम है कि मान्य विपक्ष के लिए जितनी सीटें चाहिए 10 परसेंट। इस चुनाव में कांग्रेस 10 परसेंट सीट नहीं ले पाएगी तो मान्य विपक्ष बनने के लिए वो सभी छोटी-छोटी पार्टियों का मर्जर करना चाहते हैं ताकि जो कुछ नंबर कम पड़ जाए तो पूरा हो जाए। ये इनकी हालत है।
विकास चंद्र- सर उड़ीसा में गठबंधन नहीं हो सका, अलायंस नहीं हो सका। अगर होता तो क्या नतीजे कुछ और होते?
पीएम मोदी- देखिए उड़ीसा का विषय निकाला। उड़ीसा के नागरिकों के मन में एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस व्यक्ति को बीजू बाबू के बेटे होने के नाते और पढ़े-लिखे थे तो बड़ी आशा अपेक्षा के साथ तीन दशक से उनके नेतृत्व को स्वीकार किया। हर एक की उम्र होती है मेरी भी होगी, नवीन बाबू की होगी। लेकिन दुख लोगों को इस बात का है कि पिछले कुछ वर्षों से उड़ीसा को नवीन बाबू नहीं चला रहे हैं। एक कुछ लोगों का कुनबा है, उन्होंने सीएम हाउस पर कब्जा कर लिया है। उनकी इच्छा के विरुद्ध कुछ नहीं होता है और वे नवीन बाबू का उपयोग करते हैं। नवीन बाबू को भी अच्छा होता कोई उड़िया व्यक्ति को अपनी विरासत देने के लिए तैयारी करते जो उड़िया भाषा से जुड़ा हुआ हो, उड़िया अस्मिता से जुड़ा हुआ हो, उड़िया के जनजीवन से पला बढ़ा हो, लेकिन अब वह आउटसोर्स कर रहे हैं। अन्य भाषा भाषी अन्य राज्य के व्यक्तियों के भरोसे उड़ीसा सुपुर्द करना है तो उड़ीसा एक स्वाभिमानी प्रजा है। उड़ीसा के लोगों ने सदियों से स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी है। हिंदुस्तान का उड़िया ने नेतृत्व किया हुआ है। ऐसे लोग दोबारा किसी की गुलामी उनको मंजूर नहीं है। वो नवीन बाबू के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार हैं, लेकिन नवीन बाबू ने जिनको विरासत देना तय किया है उनके लिए रत्ती भर भी उड़िया लोग कुछ करने को तैयार नहीं हैं। और इसलिए उन्होंने तय किया है कि उड़िया अस्मिता के लिए, उड़िया स्वाभिमान के लिए, उड़िया के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत बड़े परिवर्तन की आवश्यकता है और ये चुनाव उड़ीसा में परिवर्तन का है, ये चुनाव दिल्ली में पूरे सामर्थ्य देने का चुनाव है।
विकास चंद्र- बहुत-बहुत धन्यवाद समय देने के लिए।
पीएम मोदी- धनवाद।


