Inspired by Pt. Deendayal Upadhyaya, 21st century India is working for Antyodaya: PM Modi
Our government has given top priority to roads, highways, waterways, railways, especially regarding infrastructure: PM
Our government is working to reach the last person in the society, to bring the benefits of development to them: PM

हर-हर महादेव !!!

महाशिवरात्रि, रंगभरी एकादशी अऊर होली का आप सबके बहुत बधाई हौ।

यहां भारी संख्या में पधारे मेरे भाइयों और बहनों !!

मां गंगा के तट पर आज एक अद्भुत संयोग बन रहा है। अवधूत बाबा भगवान राम की तपोस्थली इस पार है और अब दीनदयाल उपाध्याय जी की स्मृति स्थली भी गंगापार क्षेत्र विकसित की गई है।

साथियों, मां गंगा जब काशी में प्रवेश करती हैं, तो वो उन्मुक्त होकर अपनी दोनों भुजाओं को फैला देती हैं। एक भुजा पर धर्म, दर्शन और आध्यात्म की विराट संस्कृति विकसित हुई और दूसरी भुजा अर्थात इस पार, सेवा, त्याग, समर्पण और तपस्या मूर्तिमान हुई है। इसी तट पर सिद्धयोगी अवधूत बाबा भगवान राम ने तप और साधना का पारंपरिक रूप बदलकर सेवा की एक नवीन तपोस्थली को निर्मित किया। आज इस क्षेत्र, दीनदयाल जी की स्मृति स्थली का जुड़ना, अपने नाम ‘पड़ाव’ की सार्थकता को और सशक्त कर रहा है। ऐसा पड़ाव जहां, सेवा, त्याग विराग और लोकहित सभी एक साथ जुड़कर एक दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित होंगे। मुझे विश्वास है कि यह क्षेत्र जीवन के सच्चे उद्देश्य को जानने, समझने और उन्हें प्राप्त करने की संकल्प भूमि बनेगा।

साथियों, आज का ये दिन उन करोड़ों भारतीयों के लिए सपना साकार होने जैसा है, जिनको पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी हमेशा से प्रेरित करते आए हैं। यहां जो देश के सबसे बड़े बड़े रेल जंक्शनों में से एक है, वो उनकी स्मृति के लिए पहले ही समर्पित हो चुका है। अब यहां जो ये स्मृति स्थल बना है, उद्यान बना है, उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है, इससे आने वाली पीढ़ियों को भी दीन दयाल जी के आचार और विचार से प्रेरणा मिलती रहेगी।

भाईयों और बहनों जिनके दिल में दलित, पीडि़त, शोषित, वंचित, दबे-कुचले समाज के किसी भी व्यक्ति के लिए दर्द है, अनुकंपा है ऐसे सभी के लिए यह भूमि प्रेरणा भूमि है, प्रेरणा स्थली है जो देश भक्ति के रंग में रंगे हुए है जिनके जीवन में दल से उपर देश है स्व के बदले समस्त की चिंता है ऐसे देशभक्ति के रंग में रंगे हुए देश के कोटि-कोटि जनों के लिए यह तीर्थ क्षेत्र है जहां से देश के लिए जीने की, देश के लिए जुझने के लिए और देश के लिए जीवन खपाने के लिए पे्ररणा मिलती रहेगी। मैं आज इस धरती को नमन करता हूं उस पुण्यआत्मा को नमन करता हूं। और मुझे विश्वास है कि दीनदयाल जी का आत्मा जहां भी होगी हमें निरंतर आर्शीवाद देती रहती है, हमें निरंतर प्रेरण देती रहती है क्योंकि हम समाज के आखिरी छोर के व्यक्ति के लिए समाज के दबे कुचले व्यक्ति के लिए दलित, पीडि़त, शोषित, वंचित लोगों के लिए हम अपना जीवन खपाएं उनकी सेवा के लिए हमें जो भी जिम्मेदारी मिली है उसका पूरी तरह निर्वाह करें।

साथियों, दीन दयाल उपाध्याय जी ने हमें अंत्योदय का मार्ग दिखाया था। यानि जो समाज की आखिरी पंक्ति में हैं, उसका उदय। 21वीं सदी का भारत, इसी विचार से प्रेरणा लेते हुए अंत्योदय के लिए काम कर रहा है। जो विकास की आखिरी पायदान पर है, उसे विकास की पहली पायदान पर लाने के लिए काम हो रहा है। चाहे वो पूर्वांचल हो, पूर्वी भारत हो, उत्तर पूर्व हो, देश के 100 से ज्यादा आकांक्षी जिले हों, सभी क्षेत्रों में विकास के अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। इसी कड़ी में आज इस पवित्र अवसर पर वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल को लाभ पहुंचाने वाली करीब 1200 करोड़ रुपए से भी अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इसमें बड़े अस्पताल भी हैं, स्कूल और शैक्षणिक संस्थान भी हैं, सड़कें भी हैं, फ्लाईओवर भी हैं, पानी की योजनाएं भी हैं, पार्क भी हैं, शहर को और सुंदर बनाने वाले प्रोजेक्ट्स भी हैं। सामान्य मानवी के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, सुविधा, आस्था और रोज़गार से जुड़ी इन तमाम परियोजनाओं के लिए मैं आप सभी को, वाराणसी और पूर्वांचल के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

ये तमाम प्रोजेक्ट्स बीते 5 वर्षों से काशी सहित संपूर्ण पूर्वांचल में चल रहे कायाकल्प के संकल्प का एक अटूट हिस्सा हैं। इन वर्षों में वाराणसी जनपद में लगभग 25 हज़ार करोड़ रुपए के विकास कार्य या तो पूरे हो चुके हैं, या काम तेज गति से चल रहा है। देवी अहिल्याबाई होल्कर के बाद इतने बड़े पैमाने पर काशी नगरी में विकास के कार्य हो रहे हैं, तो इसके पीछे महादेव की ही इच्छा है, बाबा भोले का ही आशीर्वाद है। ये हम सभी का सौभाग्य है कि बाबा ने इन कार्यों के लिए हम सबको दायित्‍व दिया है, जिम्‍मेदारी दी है। इन कार्यों का बहुत बड़ा लाभ, बनारस सहित पूरे पूर्वांचल को मिल रहा है। विशेषकर इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर, सड़क, हाईवे, वॉटरवे, रेलवे को सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर योगी जी की टीम तेज़ी से काम कर रही है। बहुत जल्द इसका लाभ इस पूरे क्षेत्र को मिलने वाला है।

आज यहां, चौकाघाट-लहरतारा मार्ग पर बने पुल का लोकार्पण भी हो गया है। पहले की स्थिति आपको पता है। कैंट रेलवे स्टेशन हो, BHU हो, बस स्टेशन हो, हवाई अड्डा हो, इन सभी जगहों तक आने-जाने में कितनी समस्या होती थी, कितना जाम लगता था। अब इस जाम से मुक्ति मिल जाएगी। ये 4 लेन का पुल बनने से अब लहरतारा-इलाहाबाद और चौकाघाट-दीन दयाल उपाध्याय नगर का रास्ता भी जुड़ गया है। इसके साथ-साथ अलग-अलग गांवों को जोड़ने वाली 16 सड़कों का भी आज लोकार्पण हुआ है। इससे प्रयागराज, मिर्जापुर, जौनपुर, गाजीपुर, आज़मगढ़, गोरखपुर, बलिया से लेकर बिहार आने जाने वालों को भी बहुत लाभ होगा। जिसको सारनाथ सहित तमाम दूसरे पर्यटन स्थलों में जाना है, उनको भी इन रास्तों से सुविधा होगी।

साथियों, काशी सहित इस पूरे क्षेत्र में हो रहे कनेक्टिविटी के ये काम आपकी सुविधा के साथ-साथ रोज़गार निर्माण के भी बड़े साधन तैयार कर रहे हैं। विशेषतौर पर पर्यटन आधारित रोज़गार, जिसको लेकर काशी और आसपास के क्षेत्रों में बहुत बड़ी संभावना है, उनको बल मिल रहा है। पर्यटन एक ऐसा सेक्टर है जिसमें हर स्तर, हर वर्ग का व्यक्ति कम से कम निवेश में ज्‍यादा से ज्‍यादा कमाता है। यही कारण है कि आज जब भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात हो रही है, तो पर्यटन उसका अहम हिस्सा है। भारत के पास तो प्रकृति के साथ-साथ हैरिटेज टूरिज्म की भी बहुत बड़ी ताकत है, जिसको 21वीं सदी का रूप दिया जा रहा है। विशेषतौर पर काशी समेत हमारे आस्था से जुड़े तमाम स्थलों को नई ज़रूरतों के मुताबिक, नई तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया जा रहा है। सारनाथ का सुंदरीकरण हो, गंगा जी के घाटों का सुंदरीकरण हो, आज काशी आने वाला हर श्रद्धालु, हर पर्यटक सुखद अनुभव लेकर यहां से जाता है। कुछ दिन पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री भी यहां आए थे। तो यहां के अद्भुत वातावरण, दिव्य अनुभूति से बहुत मंत्रमुग्ध थे। आपने भी देखा होगा कि सोशल मीडिया में उन्होंने काशी के साथियों की बहुत प्रशंसा की है।

साथियों, काशी विश्वनाथ धाम से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर चल रहे काम से भी आप सब भलीभांति परिचित हैं। आज भी यहां मंदिर परिसर में बन चुके अन्नक्षेत्र भवन का लोकार्पण किया गया है। इस भवन के बनने से यहां प्रसाद वितरण और भक्तों को भोजन से होने वाली असुविधा अब हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। काशी विश्वनाथ धाम में ऐसे तमाम कार्य तेज़ी से पूरे किए जा रहे हैं। बहुत ही जल्द बाबा का दिव्य प्रांगण एक आकर्षक और भव्य रूप में हम सभी के सामने आएगा। इसी तरह अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में भी भव्य मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो चुका है। ये ट्रस्ट अब श्री राम धाम के निर्माण पर तेज़ी से काम करना शुरु कर देगा।

भाइयों और बहनों, देशभर में, आस्था और आध्यात्म से जुड़े तमाम बड़े केंद्रों को विकसित करने के साथ-साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक भी बनाया जा रहा है। खासतौर पर इन स्थानों में निरंतर कनेक्टिविटी श्रद्धालुओं को मिले, इसके लिए काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज बाबा विश्वनाथ की नगरी को ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से जोड़ने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई गई है। अब काशी में बाबा के दर्शन करने के बाद उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर पाएंगे और इसी ट्रेन में आगे बढ़ते हुए इंदौर में ओंकारेश्वर में भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर पाएंगे। यही नहीं ये रेल सेवा प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, झांसी, बीना, संत हिरदाराम जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के क्षेत्रों को भी जोड़ेगी। ये महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा के भक्तों को एक विशेष उपहार की तरह है।

भाइयों और बहनों, काशी आस्था और आध्यात्म के साथ-साथ ज्ञान का भी मुख्य केंद्र रहा है। बीते 5 वर्षों में BHU जैसे ज्ञान और विज्ञान के बड़े सेंटर को विस्तार दिया गया है। आज भी यहां वैदिक ज्ञान-विज्ञान से लेकर आधुनिक चिकित्सा से जुड़ी अनेक सुविधाओं का लोकार्पण किया गया है। आज वाराणसी, पूर्वांचल का बहुत बड़ा मेडिकल HUB बनकर उभर रहा है। यहां कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के आधुनिक इलाज के लिए कई अस्पताल तैयार हो चुके हैं। पहले जिन बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता था, उनका इलाज अब यहीं पर मिल रहा है। इसका व्यापक लाभ उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूर्वी भारत के बहुत बड़े हिस्से को हो रहा है। BHU में आज जिस सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल का लोकार्पण हुआ है, उसका शिलान्यास तो 2016 के आखिरी में, मैंने ही किया था। सिर्फ 21 महीने में 430 बेड का ये अस्पताल बनकर काशी और पूर्वांचल के लोगों की सेवा के लिए तैयार हुआ है। कबीरचौरा में जिला महिला चिकित्सालय में 100 बेड के मैटरनिटी विंग से शहर की महिलाओं को बहुत मदद मिलेगी। मैं योगी जी और उनकी टीम को बधाई दूंगा कि पूरे उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेज और आयुष्मान योजना के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स बनाने पर फोकस किया जा रहा है। इसके साथ-साथ शुद्ध पीने के पानी और स्वच्छता को लेकर भी जो प्रयास बीते 2-3 वर्षों में यहां हुए हैं, उससे एनसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों से निपटने में बहुत सहायता मिली है।

साथियों, ये जो कुछ भी पिछले 5 साढ़े 5 वर्षों में हमने हासिल किया है, अब उसे और तेज गति से आगे बढ़ाने की ज़रूरत है। स्वच्छता को लेकर जो ये मुहिम छेड़ी गई है, उसको हमें जारी रखना है। वहीं जल जीवन मिशन के तहत आने वाले 5 वर्षों में हर घर तक जल पहुंचाने के लिए भी हमें पूरी शक्ति से काम करना है। मैं आपको ये आश्वस्त करता हूं कि इस काम के लिए ना तो बजट आड़े आएगा ना सरकार के इरादे कमजोर होंगे। बनारस के कायाकल्प की महादेव की इच्छा को हम सभी मिलकर पूरा करेंगे।

भाइयों और बहनों, बदलते हुए भारत में देश के विकास की कहानी में नए अध्याय जोड़ने का काम बड़े-बड़े मेट्रो सिटीज से ज्यादा बनारस जैसे टीयर-2, टीयर-थ्री सिटिज ही करेंगे। दीन दयाल जी, जिस तरह अंत्योदय की बात करते थे, वैसे ही, देश के छोटे शहरों का उदय, देश के विकास को नई ऊँचाई पर ले जाएगा। केंद्र सरकार की योजनाओं का बहुत ज्यादा लाभ, इन छोटे शहरों और इनमें रहने वाले लोगों को ही हुआ है। अभी हाल में जो बजट आया है, उसमें सरकार ने घोषणा की है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किया जाएगा। इसका बहुत बड़ा हिस्सा, देश के छोटे-छोटे शहरों के ही खाते में आएगा।

साथियों, दीन दयाल जी कहते थे कि आत्म निर्भरता और स्वयं सहायता सभी योजनाओं के केंद्र में होनी चाहिए। उनके इन विचारों को सरकार की योजनाओं और सरकार की कार्य संस्कृति में निरंतर लाने का प्रयास किया जा रहा है। आप देखिए, मेक इन इंडिया के केंद्र में आत्मनिर्भरता है। आज रेल के डिब्बों से लेकर, मोबाइल फोन और सेना के लिए आधुनिक अस्त्र-शस्त्र तक भारत में बनने लगे हैं। पूर्वांचल सहित पूरे यूपी में भी अनेक नई फैक्ट्रियां बीते 5 वर्ष में लगी हैं।

इसी तरह, स्टार्ट अप इंडिया के केंद्र में भी आत्मनिर्भरता है। बीते 5 वर्षों में लगभग 26 हज़ार नए स्टार्ट अप रजिस्टर हुए हैं, जिससे भारत के युवाओं ने ही भारत के लाखों युवाओं को रोज़गार देने का काम किया है। मुद्रा योजना के केंद्र में भी आत्मनिर्भरता और स्वयं सहायता है। इस योजना ने पूरे देश में लगभग साढ़े 5 करोड़ नए उद्यमी तैयार किए हैं। करीब 3 हज़ार करोड़ रुपए का मुद्रा ऋण वाराणसी के ही लगभग साढ़े 6 लाख साथियों को मिला है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के मूल में भी स्वयं सहायता ही है। इसके तहत यूपी के लगभग 2 करोड़ किसानों को करीब 12 हजार करोड़ रुपए उनके खाते में ट्रांसफर किए जा चुके हैं।

भाइयों और बहनों, हमारी सरकार समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने के लिए, उस तक विकास के लाभ पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। आप बताइए, वो 50 करोड़ से अधिक देशवासी जिनको आज आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज संभव हुआ है, वो कौन हैं? ये 70 वर्षों में विकास के आखिरी पायदान पर ही रहे हैं। आज देश में लगभग 90 लाख गरीब मरीज़ों को इलाज मिल चुका है, जिसमें से यूपी के 3 लाख और वाराणसी के करीब 16 हज़ार साथी हैं। देश के वो 11 करोड़ साथी भी अंतिम पायदान पर ही थे, जिनके घर में पहली बार शौचालय पहुंचा है। देश के वो 8 करोड़ से अधिक परिवार भी अंतिम पायदान पर ही थे, जिनको पहली बार उज्‍ज्‍वला का गैस कनेक्शन मिला है। इसमें भी यूपी के करीब डेढ़ करोड़ और वाराणसी के लगभग पौने 2 लाख परिवारों को लाभ हुआ। इनमें भी करीब 50 लाख मेरे दलित भाई-बहन के परिवार हैं, जिनको उज्‍ज्‍वला का गैस कनेक्शन मिला है।

देश के करीब 2 करोड़ साथी जिनको पक्का आवास मिला है, वो भी आखिरी पायदान पर खड़े हुए लोग थे। आज जिन 24 करोड़ देशवासियों को 4 लाख रुपए तक का दुर्घटना और जीवन बीमा मिल रहा है, वो भी अंतिम पायदान पर थे। जिन करोड़ों किसानों, श्रमिकों, छोटे व्यापारियों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3 हज़ार रुपए की मासिक पेंशन की सुविधा तय हुई है, वो भी विकास के आखिरी पायदान पर रहे हैं।

साथियों, आज़ादी के लंबे कालखंड तक इस आखिरी पायदान को बनाए रखा गया, क्योंकि इसकी समस्याओं को सुलझाने में नहीं, उलझाने में ही राजनीतिक हित सिद्ध होते थे। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं, देश बदल रहा है। जो आखिरी पायदान पर रहा है, उसे अब सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। महादेव के आशीर्वाद से, देश आज वो फैसले भी ले रहा है जो हमेशा पीछे छोड़ दिए जाते थे। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला हो या फिर सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, बरसों से देश को इन फैसलों का इंतजार था। देशहित में ये फैसले जरूरी थे और दुनिया भर के सारे दबावों के बावजूद, इन फैसलों पर हम कायम हैं और कायम रहेंगे। आज बाबा भोलेनाथ की नगरी में, अवधूत बाबा भगवान राम के सानिध्य में, दीन दयाल की स्मृति में, मैं काशी के लोगों को, देश के लोगों को ये विश्वास दिलाता हूं कि देश के लिए ये काम निरंतर जारी रहेंगे।

एक बार फिर आप सभी को इतनी बड़ी तादाद में यहां आने के लिए, मुझे आशीर्वाद देने के लिए, बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

भारत माता की जय !!!

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Jammu and Kashmir of the 21st century is scripting a new chapter of development: PM at inauguration of Sonamarg Tunnel
January 13, 2025
Delighted to be amongst the wonderful people of Sonamarg, With the opening of the tunnel here, connectivity will significantly improve and tourism will see a major boost in Jammu and Kashmir: PM
The Sonamarg Tunnel will give a significant boost to connectivity and tourism: PM
Improved connectivity will open doors for tourists to explore lesser-known regions of Jammu and Kashmir: PM
Jammu and Kashmir of the 21st century is scripting a new chapter of development: PM
Kashmir is the crown of the country, the crown of India, I want this crown to be more beautiful and prosperous: PM

लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री मनोज सिन्हा जी, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला जी, कैबिनेट में मेरे सहयोगी श्री नितिन गडकरी जी, श्री जितेंद्र सिंह जी, अजय टम्टा जी, डिप्टी सीएम सुरेंदर कुमार चौधरी जी, नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा जी, सभी सांसद, विधायक और जम्मू-कश्मीर के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

मैं सबसे पहले तो देश की उन्नति के लिए, जम्मू कश्मीर की उन्नति के लिए जिन श्रमिक भाइयों ने कठिन से कठिन परिस्थितियों में काम किया, जीवन को भी संकट में डाल करके काम किया। सात हमारे श्रमिक साथियों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन हम अपने संकल्प से डिगे नहीं, मेरे श्रमिक साथी डिगे नहीं, किसी ने घर वापस जाने को कहा नहीं, इन मेरे श्रमिक साथियों ने हर चुनौतियों को पार करते हुए, इस कार्य को पूरा किया है। और जिन सात साथियों को हमने खोया है, मैं आज सबसे पहले उनका पुण्य स्मरण करता हूं।

साथियों,

ये मौसम, ये बर्फ, ये बर्फ की सफेद चादर से ढकी ये खूबसूरत पहाड़ियां, दिल एकदम प्रसन्न हो जाता है। दो दिन पहले, हमारे मुख्यमंत्री जी ने सोशल मीडिया पर यहां की कुछ तस्वीरें शेयर की थीं। उन तस्वीरों को देखने के बाद, यहां आपके बीच आने के लिए मेरी बेसब्री और बढ़ गई थी। और जैसा अभी मुख्यमंत्री जी ने बताया कि मेरा कितना लंबे कालखंड से आप सबसे नाता रहा है, और यहां आता हूं तो बरसों पहले के दिन याद आने लग जाते हैं, और जब मैं भारतीय जनता पार्टी के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में काम करता था, तब अक्सर यहां आना होता था। इस एरिया में मैंने काफी समय बिताया है, सोनमर्ग हो, गुलमर्ग हो, गांदरबल में, बारामूला हो, सब जगह हम घंटों-घंटों, कई-कई किलोमीटर पैदल सफर किया करते थे। और बर्फबारी तब भी बड़ी जबरदस्त हुआ करती थी, लेकिन जम्मू कश्मीर के लोगों की गर्मजोशी ऐसी है कि ठंडक का ऐहसास नहीं होता था।

साथियों,

आज का दिन बहुत ही खास है। आज देश के हर कोने में उत्सव का माहौल है। आज से ही प्रयागराज में महाकुंभ का आरंभ हो रहा है, करोड़ों लोग वहां पवित्र स्नान के लिए उमड़ रहे हैं। आज पंजाब समेत पूरा उत्तर भारत लोहड़ी की उमंग से भरा है, ये समय उत्तरायण, मकर संक्रांति, पोंगल जैसे कई त्योहारों का है। मैं देश और दुनिया में इन त्योहारों को मना रहे सभी लोगों के मंगल की कामना करता हूं। साल का ये समय, यहां वादी में चिल्लई कलां का होता है। 40 दिनों के इस मौसम का आप डटकर मुकाबला करते हैं। और इसका एक और पक्ष है, ये मौसम, सोनमर्ग जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स के लिए नए मौके भी लाता है। देश भर से सैलानी यहां पहुंच रहे हैं। कश्मीर की वादियों में आकर वो लोग, आपकी मेहमान-नवाज़ी का भरपूर आनंद ले रहे हैं।

साथियों,

आज मैं एक बड़ी सौगात लेकर आपके एक सेवक के रूप में आपके बीच आया हूं। कुछ दिन पहले मुझे, जम्मू में और जैसा मुख्यमंत्री जी ने बताया 15 दिन पहले ही आपके अपने रेल डिवीजन का शिलान्यास करने का अवसर मिला था। ये आपकी बहुत पुरानी डिमांड थी। आज मुझे सोनमर्ग टनल, देश को, आपको सौंपने का मौका मिला है। यानि जम्मू कश्मीर की, लद्दाख की, एक और बहुत पुरानी डिमांड आज पूरी हुई है। और आप पक्का मानिए, ये मोदी है, वादा करता है तो निभाता है। हर काम का एक समय होता है और सही समय पर सही काम भी होने वाले हैं।

साथियों,

और जब मैं सोनमर्ग टनल की बात कर रहा था, इससे सोनमर्ग के साथ-साथ कारगिल और लेह के लोगों की, हमारे लेह के लोगों की ज़िंदगी भी बहुत आसान होगी। अब बर्फबारी के दौरान एवलांच से या फिर बरसात में होने वाली लैंड स्लाइड के कारण, जो रास्ते बंद होने की परेशानी आती थी, वो परेशानी कम होगी। जब रास्ते बंद होते हैं, तो यहां से बड़े अस्पताल आना-जाना मुश्किल हो जाता था। इससे यहां ज़रूरी सामान मिलने में भी मुश्किलें होती थीं, अब सोनमर्ग टनल बनने से ये दिक्कतें बहुत कम हो जाएंगी।

साथियों,

केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद ही 2015 में सोनमर्ग टनल के वास्तविक निर्माण का काम शुरू हुआ, और मुख्यमंत्री जी ने बहुत ही अच्छे शब्दों में उस कालखंड का वर्णन भी किया। मुझे खुशी है कि इस टनल का काम हमारी ही सरकार में पूरा भी हुआ है। और मेरा तो हमेशा एक मंत्र रहता है, जिसका प्रारंभ हम करेंगे, उसका उद्घाटन भी हम ही करेंगे, होती है, चलती है, कब होगा, कौन जाने, वो जमाना चला गया है।

साथियों,

इस टनल से इससे सर्दियों के इस मौसम में सोनमर्ग की कनेक्टिविटी भी बनी रहेगी, इससे सोनमर्ग समेत इस पूरे इलाके में टूरिज्म को भी नए पंख लगने वाले हैं। आने वाले दिनों में, रोड और रेल कनेक्टिविटी के बहुत सारे प्रोजेक्ट्स, जम्मू-कश्मीर में पूरे होने वाले हैं। यहीं पास में ही एक और बड़े कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है। अब तो कश्मीर वादी, रेल से भी जुड़ने वाली है। मैं देख रहा हूं कि इसको लेकर भी यहां ज़बरदस्त खुशी का माहौल है। ये जो नई सड़कें बन रही हैं, ये जो रेल कश्मीर तक आने लगी है, अस्पताल बन रहे हैं, कॉलेज बन रहे हैं, यही तो नया जम्मू कश्मीर है। मैं आप सभी को इस टनल के लिए, और डेवलपमेंट के इस नए दौर के लिए भी तहे दिल से बधाई देता हूं।

साथियों,

आज भारत, तरक्की की नई बुलंदी की तरफ बढ़ चला है। हर देशवासी, 2047 तक भारत को डेवलप्ड नेशन बनाने में जुटा है। ये तभी हो सकता है, जब हमारे देश का कोई भी हिस्सा, कोई भी परिवार तरक्की से, डेवलपमेंट से पीछे ना छूटे। इसके लिए ही हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ पूरे समर्पण से दिन-रात काम कर रही है। बीते 10 साल में जम्मू कश्मीर सहित पूरे देश के 4 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर मिले हैं। आने वाले समय में तीन करोड़ और नए घर गरीबों को मिलने वाले हैं। आज भारत में करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज मिल रहा है। इसका जम्मू कश्मीर के लोगों को भी बड़ा फायदा हुआ है। नौजवानों की पढ़ाई के लिए देशभर में नए IIT, नए IIM, नए एम्स, नए मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निकल कॉलेज लगातार बनते चले जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में भी बीते 10 साल में एक से बढ़कर एक एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस बने हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ यहां के मेरे बेटे-बेटियों, हमारे नौजवानों को हुआ है।

साथियों,

आज जम्मू कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक, आज आप देख रहे हैं कि कितनी शानदार रोड, कितनी टनल्स, कितने ब्रिज बन रहे हैं। हमारा जम्मू कश्मीर तो अब टनल्स का, ऊंचे-ऊंचे पुलों का, रोपवे का हब बनता जा रहा है। दुनिया की सबसे ऊंची टनल्स यहां बन रही हैं। दुनिया के सबसे ऊंचे रेल-रोड ब्रिज, केबल ब्रिज, यहां बन रहे हैं। दुनिया की सबसे ऊंची रेल लाइन्स यहां बन रही हैं। हमारे चिनाब ब्रिज की इंजीनियरिंग देखकर पूरी दुनिया हैरत में है। अभी पिछले ही हफ्ते इस ब्रिज पर पैसेंजर ट्रेन का ट्रायल पूरा हुआ है। कश्मीर की रेलवे कनेक्टिविटी बढ़ाने वाला केबल ब्रिज, जोजिला, चिनैनी नाशरी और सोनमर्ग टनल के प्रोजेक्ट, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला का रेल लिंक प्रोजेक्ट, शंकराचार्य मंदिर, शिवखोड़ी और बालटाल-अमरनाथ रोपवे की स्कीम, कटरा से दिल्ली का एक्सप्रेसवे, आज जम्मू कश्मीर में रोड कनेक्टिविटी से जुड़े ही 42 thousand करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। चार नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट, दो रिंग रोड पर काम तेजी से जारी है। सोनमर्ग जैसी 14 से ज्यादा टनल्स पर यहां काम चल रहा है। ये सारे प्रोजेक्ट, जम्मू कश्मीर को देश के सबसे कनेक्टेड सूबे में से एक बनाने वाले हैं।

साथियों,

विकसित भारत के सफर में, बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन, हमारे टूरिज्म सेक्टर का है। बेहतर कनेक्टिविटी के चलते, जम्मू कश्मीर के उन इलाकों तक भी टूरिस्ट पहुंच पाएंगे, जो अभी तक अनछुए हैं। बीते दस सालों में जम्मू कश्मीर में अमन और तरक्की का जो माहौल बना है, उसका फायदा हम पहले ही टूरिज्म सेक्टर में देख रहे हैं। साल 2024 में 2 करोड़ से अधिक टूरिस्ट जम्मू कश्मीर आए हैं। यहां सोनमर्ग में भी 10 साल में 6 गुना ज्यादा टूरिस्ट बढ़े हैं। इसका लाभ आप लोगों को हुआ है, आवाम को हुआ है, होटल वालों, होम स्टे वालों, ढाबों वालों, कपड़े की दुकान वालों, टैक्सी वालों, सभी को हुआ है।

साथियों,

21वीं सदी का जम्मू-कश्मीर आज विकास की नई गाथा लिख रहा है। पहले के मुश्किल दिनों को पीछे छोड़कर हमारा कश्मीर, अब फिर से धरती का स्वर्ग होने की पहचान वापस पा रहा है। आज लोग रात के समय लाल चौक पर आइसक्रीम खाने जा रहे हैं, रात के समय भी वहां बड़ी रौनक रहती है। और कश्मीर के मेरे जो आर्टिस्ट साथी हैं, उन्होंने तो पोलो व्यू मार्केट को नया हैबिटेट सेंटर बना दिया है। मैं सोशल मीडिया पर देखता हूं कि कैसे यहां के म्यूजिशियंस, आर्टिस्ट, सिंगर वहां ढेर सारी परफॉर्मेंस करते रहते हैं। आज श्रीनगर में लोग अपने बाल-बच्चों के साथ सिनेमा हॉल में जाकर फिल्में देखते हैं, आराम से खरीदारी करते हैं। हालात बदलने वाले इतने सारे काम कोई सरकार अकेले नहीं कर सकती। जम्मू-कश्मीर में हालात बदलने का बहुत बड़ा श्रेय यहां की आवाम को जाता है, आप सभी को जाता है। आपने जम्हूरियत को मजबूत किया है, आपने भविष्य को मजबूत किया है।

साथियों,

ये जम्मू कश्मीर के नौजवानों के लिए एक शानदार फ्यूचर सामने मुझे साफ-साफ दिखाई दे रहा हूं। आप स्पोर्ट्स में ही देखिए, कितने मौके बन रहे हैं। कुछ महीने पहले ही श्रीनगर में पहली बार एक इंटरनेशनल मैराथन हुई है। जिसने भी वो तस्वीरें देखीं, वो आनंद से भर गया था और मुझे याद है, उस मैराथन में मुख्यमंत्री जी ने भी हिस्सा लिया था, इसका वीडियो भी वायरल हुआ था, और मैंने भी विशेषरूप से मुख्यमंत्री जी को बधाई दी थी, जब मुझे वो तुरंत दिल्ली में मिले थे। मुलाकात के दौरान मैं उनका उत्साह देख रहा था, उमंग देख रहा था और मैराथन के बारे में, वो बड़ी बारीकी से मुझे बता रहे थे।

साथियों,

वाकई ये नए जम्मू-कश्मीर का एक नया दौर है। हाल में ही चालीस साल बाद कश्मीर में इंटरनेशनल क्रिकेट लीग हुई है। उससे पहले हमने डल लेक के इर्दगिर्द कार रेसिंग के वो खूबसूरत नज़ारे भी देखे हैं। हमारा ये गुलमर्ग तो एक तरह से भारत के लिए विंटर गेम्स की कैपिटल बनता जा रहा है। गुलमर्ग में चार खेलो इंडिया विंटर गेम्स हो चुके हैं। अगले महीने पांचवें खेलो इंडिया विंटर गेम्स भी शुरु होने वाले हैं। बीते 2 साल में ही देशभर से अलग-अलग स्पोर्ट्स टूर्नामेंट के लिए ढाई हज़ार खिलाड़ी जम्मू कश्मीर आए हैं। जम्मू कश्मीर में नब्बे से ज्यादा खेलो इंडिया सेंटर बनाए गए हैं। हमारे यहां के साढ़े चार हज़ार नौजवान ट्रेनिंग ले रहे हैं।

साथियों,

आज हर तरफ जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के लिए नए-नए मौके बन रहे हैं। जम्मू और अवंतिपोरा में एम्स का काम तेजी से हो रहा है। यानि अब इलाज के लिए देश के दूसरे हिस्से में जाने की मजबूरी कम होगी। जम्मू में आईआईटी-आईआईएम और सेंट्रल यूनिवर्सिटी के शानदार कैंपस में पढ़ाई हो रही है। जम्मू कश्मीर में जो कारीगरी और शिल्पकारी है, उसे हमारे विश्वकर्मा साथी आगे बढ़ा रहे हैं, उनको पीएम विश्वकर्मा और जम्मू कश्मीर सरकार की दूसरी स्कीम्स से मदद मिल रही है। हमारी निरंतर कोशिश है कि यहां नई इंडस्ट्री भी आए। यहां अलग-अलग इंडस्ट्री के लोग करीब 13 हज़ार करोड़ रुपए लगाने जा रहे हैं। इससे हज़ारों नौजवानों को यहां नौकरी मिलेगी। जम्मू कश्मीर बैंक भी अब काफी बेहतर तरीके से काम करने लगा है। बीते 4 साल में जम्मू कश्मीर बैंक का बिजनेस 1 लाख 60 हजार करोड़ से बढ़कर 2 लाख 30 हजार करोड़ रुपए हो गया है। यानि इस बैंक का बिजनेस बढ़ रहा है, लोन देने की कैपेसिटी भी बढ़ रही है। इसका फायदा, यहां के नौजवानों, किसानों-बागबानों, दुकानदारों-कारोबारियों, सबको हो रहा है।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर का अतीत, अब विकास के वर्तमान में बदल चुका है। विकसित भारत का सपना, तभी पूरा होगा जब इसके शिखर पर तरक्की के मोती जड़े हों। कश्मीर तो देश का मुकुट है, भारत का ताज है। इसलिए मैं चाहता हूं कि ये ताज और सुंदर हो, ये ताज और समृद्ध हो। और मुझे ये देखकर खुशी होती है कि इस काम में मुझे यहां के नौजवानों का, बुजुर्गों का, बेटे-बेटियों का लगातार साथ मिल रहा है। आप अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए, जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए, भारत की प्रगति के लिए पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। मैं आपको फिर भरोसा देता हूं, मोदी आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा। आपके सपनों के रास्ते में आने वाली हर बाधा को हटाएगा।

साथियों,

एक बार फिर, आज की विकास परियोजनाओं के लिए जम्मू-कश्मीर के मेरे हर परिवार को ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं। ये हमारे साथी नितिन जी ने, मनोज सिन्हा जी ने, और मुख्यमंत्री जी ने जिस तेजी से तरक्की हो रही है, जिस तेजी से विकास हो रहा है, जो नए-नए प्रोजेक्ट्स होने जा रहे हैं, उसका विस्तार से वर्णन किया है। और इसलिए मैं उसे दोहराता नहीं हूं। मैं आपको इतना ही कहता हूं कि अब ये दूरी मिट चुकी है, अब हमें मिलकर के सपने भी संजोने हैं, संकल्प भी लेने हैं और सिद्धि भी प्राप्त करनी है। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।