The situation of the Congress, which ruled for 60 years, is very worrying: PM Modi in Sabarkantha

भारत माता की जय,

हेमनगर वासिओ कैसे हो? ये भाई मीडिया वाले खड़े रहेंगे, आप कहा इनको बिठा रहे हो? अब तो मुझे साबरकांठा कहाँ देखना बाकि है, आप मुझे देख ही चुके हैं, साबरकांठा से मेरा कई दशकों से गहरा रिश्ता है। पीढ़ियाँ बदल गईं, रंग बदल गए, लेकिन साबरकांठा का प्यार मुझ पर वैसा ही रहा और आपके प्यार, आपके आशीर्वाद के कारण मुझे आप सब पर बहुत भरोसा है।

साथियो,

हो सकता है दुनिया के लोग मोदी को देश के प्रधानमंत्री के तौर पर जानते हों लेकिन देश के लिए मैं सिर्फ एक सेवक हूं । देशवासियों की सेवा का व्रत लेकर, आपके लिए महेनत करने वाला और सदैव आपका साथी। मैं यहां कई लोगों को नाम लेकर बुला सकता हूं और कई लोग यहां तक ​​कह सकते हैं, "अरे नरेंद्र भाई, रुको और देखो"। हमारा रिश्ता ऐसा है और हम उस शक्ति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। मैं कई बार आया हूं, लेकिन आज मैं आपसे कुछ मांगने आया हूं।' सरकारी कामों में जब में आता हूँ तो कुछ देने के लिए आता हूँ, सरकारी योजना होती है, शिलान्यास होता है, उद्घाटन होता है, लेकिन कुछ मांगने तो आना ही चाहिए! और मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए । देश के 140 करोड़ नागरिक सपनों के साथ जी सकें, इसके लिए मैं अथाग परिश्रम करूँगा, मुझसे कहीं भी कोई कमी ना रहे और इसके लिए मुझे मजबूत समर्थन की जरूरत है। मुझे गुजरात के मेरे सभी साथियों की आवश्यकता है। मैं चाहता हूं कि साबरकांठा और मेहसाणा भी चाहिए । मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय जनता पार्टी 7 तारीख को हर पोलिंग बूथ पर अभूतपूर्व मतदान करके विजय हासिल करने के संकल्प के साथ विजय हासिल करेगी ।

भाईओ और बहनो,

2014 में जब आपने मुझे दिल्ली भेजा तो वहाँ कुछ छोटे-बड़े काम करने के लिए थोड़ी मुझे दिल्ली भेजा गया। आपने मुझे चुनौतियों को चुनौती देने के लिए भेजा है, चुनौतियों को नजरअंदाज करने के लिए नहीं। चुनौतियों का सामना करने के लिए भेजा गया है और इस मिट्टी में वह ताकत है। दुनिया ने महात्मा गांधी में वह ताकत देखी। देश ने सरदार वल्लभभाई पटेल में वह क्षमता देखी। इस मिट्टी में वह ताकत है जिसने मुझे बड़ा किया और मैं आपके द्वारा दिए गए संस्कारों के माध्यम से, आपकी दी गई शिक्षा के माध्यम से देश की सेवा में दिन-रात समर्पित हूं। आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी। ये कांग्रेस के लोग देश को डराते थे कि अगर राम मंदिर बना तो देश में आग लग जायेगी, राम मंदिर बन गया ना? शान ने बनाया या नहीं बनाया? प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठित हुई या नहीं हुई? कहीं आग लगी? कहां हुई तूतू-मैंमैं? क्या देश के सभी लोगों ने इसे उत्सव के रूप में मनाया या नहीं? यह इस बात का सटीक उदाहरण है कि कांग्रेस के लोग जमीनी हकीकत से कितने अनभिज्ञ हैं और अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए किस तरह लोगों को डराते और धमकाते रहते हैं। देश में कहीं भी आग नहीं लगी, लेकिन कांग्रेस के दिलों में जो आग लगी है उसे कोई बुझा नहीं सकता । आप कल्पना कर सकते हैं कि देश आजाद होने के दूसरे दिन ही भगवान राम के मंदिर का निर्माण शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, देश को संघर्ष करना पड़ा। कांग्रेस ने 70-75 साल तक इसे रोकने की कोशिश की । वे थके नहीं, उन्होंने कोशिश की, उन्होंने बाहर से भी कोशिश की, उन्होंने कानून भी बनाया ताकि राम मंदिर न बने। लेकिन आख़िरकार कोर्ट ने फैसला किया...

बेटा, मैंने तुम्हारी फोटो देखी है, बैठ जाओ, पीछे बैठे लोगों को परेशानी होगी।

जो राम मंदिर के ट्रस्टी है उन लोगों ने सब कुछ माफ कर दिया, जिन्होंने राम मंदिर का विरोध किया था, उन्हें माफ कर दिया और प्राणप्रतिष्ठा में बुलाया। आइए नए सिरे से आगे बढ़ें, फिर भी इन लोगों ने भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा दिया । सिर्फ अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए. ये लोग वोट बैंक की राजनीति में इतने डूब गए हैं कि अपना संतुलन खो बैठे हैं।

साथियो,

ये लोग कह रहे थे कि अगर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई तो देश टूट जाएगा, देश में खून की नदियाँ बहेंगी। मुझे नहीं पता कि वे क्या कह रहे थे, अब तक तो वे यही कह रहे थे कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगा फहराने वाला कोई नहीं मिलेगा। वे नहीं जानते, यह मोदी है, डराने वाले सारे खेल बंद करो। आप बताओ धारा 370 हटाई गई या नहीं हटाई गई? अरे तक गए हो तो फिर से जग जाओ और जवाब दो, धारा 370 हटी या नहीं? तुम्हें गर्व है या नहीं? क्या देश में कहीं खून की नदियाँ बहीं? और आज लाल चौक पर देश का तिरंगा शान से लहराएगा या नहीं?

साथियो,

10 साल पहले देश आतंकवाद की आग में जल रहा था और कांग्रेस को पता था कि पड़ोसी देश आतंकवादियों को आयात कर रहा है। और उनका एकमात्र काम आतंकवाद को आयात करना है और जब आतंकवादी आ रहे थे, तो वे मुंबई में 26/11 जैसी एक बहुत बड़ी घटना को आकार दे रहे थे। भारत के अलग-अलग कोनों में बम धमाके हुए, जिनमें कई लोग मारे गए। कश्मीर में आम दिनों में हमारे वीर जवान शहीद हो जाते थे और उस समय की कमजोर सरकार क्या कर रही थी? डोजियर भेज रही थी और सारी तस्वीरें, सूचनाएं और ये सब आपके यहां से आए वगैरह और कांग्रेस पाकिस्तान से कह रही थी कि हम पर बमबारी क्यों की? एक समय वह भी था जब वे डोजियर भेजते थे, जबकि आज का भारत आतंक के आकाओं को डोजियर नहीं बल्कि जवाब देता है और उन्हें उनके घर में घुसकर मारता है।

साथियो,

हमारे देश में वोटबैंक की राजनीति का शिकार अगर कोई हुआ है तो वो हैं हमारी मुस्लिम बहनें। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही फैसला दे दिया था, आज शहजादा संविधान लेकर घूम रहा हैं, अगर उनके मन में संविधान के प्रति उतना ही सम्मान है तो भारत का संविधान बनाने वाले सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो केस में कहा,लेकिन उन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर अलग कानून बना दिया और मुस्लिम बहनों को सुरक्षा नहीं दी । और तीन तलाक खत्म होने से सिर्फ मुस्लिम बहनों को ही सुरक्षा नहीं मिली है, पूरे परिवार को सुरक्षा मिली है । क्योंकि जब बेटी की शादी होती है तो पूरा परिवार बड़े अरमानों के साथ बेटी को ससुराल भेजता था, लेकिन माता-पिता को चिंता थी कि कहीं दामाद तलाक देकर बेटी को वापस घर न भेज दे! भाई परेशान रहता है, बाप परेशान रहता है, मां परेशान रहती है और कितनी बेटियां तीन तलाक सुनकर घर आ जाती थीं । परिवार बर्बाद हो गए लेकिन वोटबैंक की राजनीति के लिए इन लोगों ने तीन तलाक के कानून और परंपरा को रोकने का साहस नहीं दिखाया। मुझे वोट बैंक की परवाह नहीं थी, मैं चुनाव जीतकर और हारकर देश नहीं चलाता, मैं अपनी मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाना चाहता था और मैंने इस देश से तीन तलाक ख़त्म कर दिया। लाखों बहनों का जीवन बचाया है, लाखों परिवारों का जीवन बचाया है।

भाईओ और बहनो,

आपके आशीर्वाद से जब मोदी ने ये सब किया तो कांग्रेस के शहजादा को बुखार आ गया, परेशानी हो गई और जब बुखार आता है तो आदमी कुछ भी बोलता है। शाहज़ादा कह रहे हैं, अगर तीसरी बार मोदी आए तो देश में आग लग जाएगी, पता नहीं लोगों के दिमाग में कहां से आ जाती है ये बात! लेकिन कांग्रेस के सपनों पर पानी फिर गया, इस देश की जनता कांग्रेस की हर मंशा को जान चुकी है । कांग्रेस निराशा के गर्त में डूबी हुई, जो अपनी ही पार्टी को बचा नहीं सकती, जो अपनी ही पार्टी में एक भी चिंगारी नहीं भर सकती, देश में सत्ता हासिल करने के लिए निकल पड़ी है? कांग्रेस 60 साल तक सत्ता में रही, लेकिन आज कर्ज में डूबी है. ये लोग खुलेआम कौन सी भाषा बोलते हैं! देश का बंटवारा? अरे भाई, 1947 में विभाजन देखकर देश बर्बाद हो गया और अभी भी देश के बड़े-बड़े नेता देश के विभाजन की बात कर रहे हैं! कांग्रेस और इंडी एलायंस की रणनीति देश में अराजकता फैलाना, अस्थिरता फैलाना, देश को संकट में डालना और किसी भी तरह से मोदी को बदनाम करना है। उन्होंने आज के खेल कोरोना के समय में खेले, जो 100 साल की सबसे बड़ी समस्या थी । भारत के कोविड मिशन, टीकाकरण मिशन को निष्प्रभावी करने के लिए कई खतरनाक प्रयास किए गए। जब CAA कानून आया तो देश में नकारात्मकता फैलाकर अराजकता का माहौल पैदा करने का प्रयास किया गया। आप मुझे बताएं कि विभाजन के दौरान सिख, हिंदू, ईसाई पाकिस्तान में रह गए, क्या उनके प्रति भारत की कोई जिम्मेदारी नहीं है? धर्म के नाम पर किया गया बंटवारा! तो जो लोग पीछे रह गए उनका क्या दोष था? अगर भारत ऐसे पीड़ितों को नागरिकता देता है तो कांग्रेस को परेशानी होती है। साथियों, आज भी कांग्रेस उनके कृत्यों से ऊपर नहीं उठ रही है। ये लोग हर बार चुनाव हारने पर बहाने ढूंढते हैं, EVM के कारण, EVM के कारण और जहां जीत जाते हैं वहां चुप रह जाते हैं। EVM के खिलाफ देश को भड़काने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने उन पर ऐसा सबक सिखाया है कि वो लोग अब कभी नहीं इस बारे में बोल नहीं पाएंगे । इन लोगों ने अब ऐसा काम किया है कि संविधान खतरे में है, आरक्षण खत्म हो जाएगा, ये जो लोग संविधान और आरक्षण की बात करते हैं और कांग्रेस के लोग, बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान है, इन लोगों ने 60-70 साल तक राज किया लेकिन पूरे देश में लागू नहीं कर पाए। यह संविधान कश्मीर में लागू नहीं हो सका, कश्मीर में दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों को आरक्षण नहीं मिला। लोग सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जबकि मोदी ही हैं जिन्होंने आकर 370 हटाया और कश्मीर में संविधान लागू किया। 70 साल बाद कश्मीर में दलितों को अधिकार मिला, आदिवासियों को अधिकार मिला, महिलाओं को अधिकार मिला, ओबीसी को अधिकार मिला। मोदी देश के हर कोने में संविधान की पवित्रता को बनाए रखने के लिए काम करते हैं। क्योंकि मोदी संविधान के प्रति समर्पित हैं ।

भइओ और बहनो,

जबकि देश के दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग ने कांग्रेस को नकार दिया है । इनके पास सब कुछ ख़त्म हो गया है इसलिए इन लोगों ने नकली वीडियो का धंधा शुरू कर दिया है, सब कुछ नकली दिखाना शुरू किया है। उनकी बात कोई नहीं सुनता, इसलिए वह चीजों को दिखाने के लिए अपने मुंह और मोदी के चेहरे का इस्तेमाल करते हैं। अरे हिम्मत है तो मुँह दिखा कर दिखाओ! यह पर्याप्त नहीं है और ये लोग जानते हैं कि देश न तो उन्हें देखना चाहता है, न उन्हें सुनना चाहता है और न ही उन्हें देखना चाहता है और आज कांग्रेस पार्टी और उसका पूरा स्वतंत्र गठबंधन एक नकली फैक्ट्री बन गया है। वे लोग बातें करते हैं, बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, महोब्बत की दुकान आदि कहते हैं, लेकिन उनकी महोब्बत की दुकान ऐसी है कि वे नकली सामान, नकली नारे, नकली वादे बेच रहे हैं। मोदी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है । लेकिन, मुझे पूरा विश्वास है, मैं भारत में जहां भी रहा हूं, देश उनकी इन झूठी, थोपी हुई बातों को स्वीकार नहीं कर रहा है। पहले और दूसरे चरण के मतदान ने लोगों को विक्षुब्ध बना दिया है और वे बहाने ढूंढने लगे हैं तथा पूरी हार में भी मनोवैज्ञानिक जीत देखने लगे हैं। देश की जनता उन लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेगी और मुझे विश्वास है कि मेरा गुजरात इस विजय यात्रा में सबसे आगे रहेगा। गुजरात सबसे ज्यादा वोट देगा, गुजरात सबसे ज्यादा बूथ जीतकर देगा और सभी सीटें गुजरात को मिलेंगी। साबरकांठा से एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका मैदान में हैं। समाज के छोटे से छोटे व्यक्ति को सम्मान देना समर्पण भाव से भारतीय जनता पार्टी की मंशा है और इसके लिए हम अपनी छोटी सी बेन शोभना को उम्मीदवार बनाकर लाए हैं। मेहसाणा से हमारे मित्र हरिभाई पटेल और यहां बीजापुर में भी विधानसभा चुनाव हैं, हमारे चावड़ाजी, सी.जे. चावड़ा, बहुत पुराने लेकिन चतुर खिलाड़ी हैं। लेकिन मैं कहूंगा कि जब वे कांग्रेस में थे तब भी उन्होंने मेरी एक भी बात नहीं टाली. आज मैं सार्वजनिक रूप से कहता हूं और मुझे खुशी है कि आज वह हमारा भागीदार बनकर गुजरात का भाग्य बदलने में योगदान देगा।

साथियों, हम सबकी जिम्मेदारी है कि हमें हर बूथ पर कमल खिलाना है और आप ये भी जान लें कि अगर आप उन्हें वोट देंगे तो वोट सीधे मोदी के खाते में जाएगा। आपका एक-एक वोट मोदी को मजबूत करेगा और आज पूरा देश एक विश्वास से कहता है
फ़िर एकबार .....मोदी सरकार
फ़िर एकबार .....मोदी सरकार
फ़िर एकबार .....मोदी सरकार

और एक और बात जो आपको नहीं भूलनी चाहिए. ये हैं हमारे भूपेन्द्र भाई जो विनम्रता और सौम्यता के साथ गुजरात के विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ये जीत गुजरात की विकास यात्रा को भी मजबूत करेगी और उसके लिए भी भाइयों-बहनों, मुझे गुजरात का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है और मैं उन लोगों से बात करना चाहता हूं जो पहली बार वोट कर रहे हैं। जो लोग पहली बार वोट करने जा रहे हैं। क्योंकि, जो लोग अब पहली बार वोट देने जा रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि उनके माता-पिता कैसे परेशानी में जी रहे थे। कच्ची सड़क है तो अस्पताल नहीं, अस्पताल है तो डॉक्टर नहीं, अस्पताल है तो दवा नहीं। ये 18-20 साल के युवा हैं जिन्हें नहीं पता कि उनके माता-पिता पुरानी सरकारों में कैसे रह रहे थे। जो 18-20 साल के वोटर हैं उन्हें नहीं पता कि इस मोदी को दिल्ली भेजने से पहले देश की हालत क्या थी! आपने देखा होगा कि हर पब्लिक जगह में एक सुचना आती रहती थी । सारे पुराने समय के लोगो को यद् होगा । यदि आपको कोई गैर-विरासत वाली वस्तु दिखे तो हाथ मत लगाना । बिना विरासत का सामान दिखे तो दूर रहें, बिना विरासत का बैग दिखे तो पुलिस को सूचना दें, बिना विरासत का टिफिन दिखे तो देश इस डर में रहता था कि देश में कहीं भी विस्फोट हो जाएगा। मोदी साहब के आने के बाद यह बंध हुआ या नहीं हुआ? इसका मतलब है कि ये प्रवृत्ति के लोग हैं, उनकी प्रवृत्ति भले ही न गई हो लेकिन वो जानते हैं कि जब तक मोदी साहब हैं तब तक ऐसा नहीं करना चाहिए और इसलिए इन 18 साल के युवाओं को ये देखना चाहिए ।

पहले समाचार पढ़ते थे तो भ्रष्टाचार की खबरें आती थीं, इतने लूट गए...

आज क्या खबर है? वो पकड़ा गया, नोट गिनते-गिनते मशीन थक गई । आ रहा है या नहीं आ रहा है? अब अगर मैं ये सब पकड़ लूंगा तो उन लोगो को मुसीबत हो जाएगी या नहीं भाई! फिर मोदी को हटाने के लिए कोई योजना बनाएंगे या नहीं! मेरी रक्षा कौन करेगा? अरे मेरे देश के हर एक नागरिक करेगा । यह गुजरात का हर एक भाई और बहन करेगा ।

भइओ बहनो,

एक समय की बात है, उमरगाम से अम्बाजी तक, पूरे क्षेत्र में कोई विज्ञान विद्यालय नहीं था! ये सब लोग बातें करते हैं आरक्षण की पर इस विस्तार में कोई साइंस स्कूल नहीं थी । तो ये मेरा आदिवासी बच्चा साइंस स्कूल में नहीं पढ़ेगा तो इंजीनियर या डॉक्टर कहां बनेगा भाई? गुजरात में, मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद, आदिवासी विस्तार में विज्ञान विद्यालय शुरू किए गए और आज मेडिकल कॉलेज आदिवासी विस्तार में हैं, आज विश्वविद्यालय आदिवासी विस्तार में हैं। विकास क्यों करना चाहिए, आप सोचिए , हमने 4 करोड़ घर बनाए हैं। जिन गरीबों ने चार-चार पीढ़ियों से अपना घर नहीं देखा, जिन परिवारों को घर बनकर तैयार हो गया, जिन-जिन परिवारों को यहां घर मिल गया, उन सभी बहनों ने अब जाकर मुझे आशीर्वाद दिया है। यह पक्का घर पाकर उसके सपने साकार हो जायेंगे, वह जीवन में कुछ करना चाहेगा, उसका लड़कों को पढ़ाने का मन होगा, उसका जीवन बदल जायेगा। मेरी आपसे एक विनती है, मैं एक बात कहता हूं, क्या आप ऐसा करेंगे? थके नहीं हो ना! क्या आप इस चुनाव में एक काम कीजिए, आप गांव-गांव घूमिए, गांव में एक-दो लोग ऐसे हैं जिनको घर नहीं मिला है, क्योंकि कोई काम पर गया हो तो किसी को मकान मिलना रह गया हो और अगर लड़का अलग रहने चला गया है और मकान नहीं मिला है तो उनको कहना कि हमारे मोदी भाई आए थे और मोदी भाई ने कहा था कि अगर तीसरी बार भी मोदी सरकार बनेगी तो आपका घर भी बनेगा और ये मेरी गारंटी है । कोई आपसे कहेंगे अगर घर में गैस कनेक्शन नहीं है तो आप कह सकते हैं कि मैंने आपको ब्लैंक चेक दे दिया है, मेरे लिए आप मोदी हैं। अगर किसी को नल से पानी का कनेक्शन नहीं मिला है तो कहें कि तीसरे टर्म में कनेक्शन हो गया है । आप सोचिए, मैं दो-तीन कामों के लिए आपका ध्यान खींचना चाहता हूं। हमने एक योजना बनाई है, आपके घर में किसी भी समुदाय का कोई भी व्यक्ति, गुजरात का कोई भी व्यक्ति, गुजरात में रहने वाला कोई भी व्यक्ति, पिता, माता, चाचा, मामा, मौसी, फोई, 70 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति, लेकिन होना चाहिए खाने-पीने में कोई दिक्कत न हो, मां-बाप को खिलाओ - पिलाओ लेकिन अगर कोई असली बीमारी आ जाए तो लड़का कितनी भी मेहनत कर ले, उसकी कमर खर्चे से टूट जाती हैं। क्योंकि एक तरफ तो उसके खुद के लड़के का पालन-पोषण करना है, उसका भविष्य देखना है, दूसरी तरफ अगर माता-पिता बीमार पड़ जाएं तो क्या करें? तो पूरी जवाबदारी 35, 40, 55 साल के भाइयों पर पड़ता है और इसलिए मोदी ने तय किया है कि 70 साल से ऊपर के नागरिक की बीमारी ठीक करने की जिम्मेदारी इस बेटे की है। अब इसका ख़र्च आपको नहीं उठाना पड़ेगा, ये मोदी की ज़िम्मेदारी है । अब आप ये चीज घर-घर पहुंचाएं, उन्हें बताएं, मैं एक और काम करना चाहता हूं, मैं आपका बिजली बिल जीरो करना चाहता हूं। मैं आपका पेट्रोल बिल शून्य करना चाहता हूं। आज क्या हुआ आपको पता चल जाएगा, लेकिन बात हवा में नहीं है, हमारे पास प्लान है । हमने पीएम सूर्यघर योजना तय की है और इस पीएम सूर्यघर योजना के तहत सरकार जरूरत के हिसाब से 50-60-70 हजार की रकम देती है, आप अपने घर पर सोलर सिस्टम लगवाएं और जो बिजली पैदा करेंगे उसे आप फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं, जीरो बिल और सरकार सरप्लस बिजली खरीदेगी और आप पैसा कमाओगे । आज आप जो बिजली का बिल भरते हैं, मोदी ऐसे दिन लाएंगे जब आप बिजली से भी कमाई करेंगे। मुझे बताओ तुम्हें और क्या चाहिए! आप मेरी बात समझे! उन्हें समझ नहीं आ रहा है । तो आज आप बहुत विचारमग्न हो गए हैं, आपको बिजली बिल फ्री मिलती है, दूसरा, आपका पेट्रोल बिल, अब इलेक्ट्रिक वाहन का जमाना आ रहा है, तो चाहे आपके पास स्कूटी हो, कार हो या स्कूटर हो। आज आप घर से निकलें तो 100-200 रुपये का पेट्रोल भरवाना पड़ता है ।

आज विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति कहाँ है?

विश्व में सबसे बड़ा कार्यालय क्षेत्र किसका है? सूरत में.

विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम कहाँ है?

ये गुजरात की ताकत है भाई और अब इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का काम गुजरात में होगा, हवाई जहाज बनाने का काम गुजरात में होगा , सेमीकंडक्टर का बड़ा काम जो दुनिया के 4 से 5 देशों में है वो गुजरात में किया जायेगा, आप गुजरात वालों को तो आनंद ही आनंद है । तो फिर मोदी को मजबूत करना है या नहीं? तो मेरा आप सभी भाइयों से निवेदन है चाहे कितनी भी गर्मी हो लेकिन पहले वोट करें फिर जलपान ठीक है? पक्का?

बोलो भारत माता की जय...

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‘Restoring Balance’ is a global urgency: PM Modi highlights global health challenges at WHO Global Summit on Traditional Medicine
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
Through India’s initiative and the support of over 175 nations, the UN proclaimed 21 June as International Yoga Day; over the years, yoga has spread worldwide, touching lives across the globe: PM
The inauguration of the WHO South-East Asia Regional Office in Delhi marks another milestone. This global hub will advance research, strengthen regulation & foster capacity building: PM
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
Restoring balance is no longer just a global cause-it is a global urgency, demanding accelerated action and resolute commitment: PM
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।