Except for scams and lawlessness, there is nothing in their report cards: PM Modi in Darbhanga
Today, India's prestige in the world is at a new height: PM Modi in Darbhanga
Despite challenges like COVID-19, India has shown resilience & provided leadership to the world: PM
Together, let's ensure Bihar's transformation & prevent a return to the ‘Lantern era’: PM Modi

राजा जनक, सीता मैया, कविराज विद्यापति के इ पावन मिथिला भूमि के नमन करे छी।

मैं दरभंगा की धरती से स्वर्गीय महाराजा कामेश्वर सिंह जी को भी प्रणाम करता हूं। एक तो मिथिला की ये पुण्य भूमि और दूसरा आप जनता-जनार्दन का आशीर्वाद, इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है। (आप वो मोदी को कितना नचाओगे, वो एसपीजी वालों को कहिए वो मोदी को कब्जा कर लें। बढ़िया बनाके लाए हो आप, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी) बोलिए, भारत माता की, भारत माता की। (ये एसपीजी वालों को दे दीजिए) जय श्री राम, जय श्री राम। मैं आप सभी को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 500 वर्षों के बाद हमारा इंतजार समाप्त हुआ है। 500 साल तक ये हमारे पूर्वज संघर्ष करते रहे, बलिदान देते रहे और कभी भी निराश नहीं हुए। हमारे पूर्वजों को पता था कभी न कभी कोई बेटा पैदा होगा, कभी तो कोई बेटा पैदा होगा जो 500 साल के इंतजार को परिपूर्ण करके भगवान राम मंदिर। और इंतजार सिर्फ रामजी का ही थोड़ी था, सीता मैया का भी तो था और हमारे मिथिला का भी था। हम अपने जीवनकाल में ये शुभ समय देख रहे हैं (ऐ विश्वकर्मा भक्त आप नीचे रखो पीछे लोग देख नहीं पाते हैं। मैंने आपको देख लिया,सुखी रहो।) ये शुभ समय हमारे लिए बहुत बड़ी बात है।

साथियों,

जब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी। तब मैंने कहा था कि अब भारत आने वाले एक हजार साल का भविष्य लिखेगा। कई बार इतिहास की एकाध घटना भी कई-कई शताब्दियों का भाग्य तय कर देती हैं। (मेरी आप सबसे प्रार्थना है, मैं जानता हूं आपको तकलीफ हो रही है, हो सकता है आप मुझे देख न पाते हों, लेकिन उसके लिए हमें क्षमा करें। आराम से जहां हैं वहां खड़े रहके मुझे सुनिए। और अगर आप आवाज कम करेंगे तो मुझे बोलने की सुविधा बढ़ेगी। आपका आशीर्वाद है, मैं बोलना शुरू करूं। आप शांति रखोगे। आप इतने अच्छे लोग हैं।) आज से हजार साल पहले जब पश्चिम से भारत पर हमले होने शुरू हुए थे। तब किसी ने नहीं सोचा था कि भारत एक हजार साल की गुलामी में घिर जाएगा। जो बिहार देश को दिशा दिखाता था, वो ऐसे संकटों से घिरा कि सबकुछ तबाह हो गया। लेकिन साथियों, भारत के भाग्य ने आज एक बार फिर करवट ली है। बिहार के भाग्य ने एक बार फिर करवट ली है। 21वीं सदी में ये कालखंड ऐसा आया है, जब भारत फिर से अपनी सारी बेड़ियां तोड़कर उठ खड़ा हुआ है। आज भारत की दुनिया में जो साख है न, वह नई ऊंचाई पर है। आज भारत चांद पर वहां पहुंच गया है, जहां कोई नहीं पहुंचा। 10 साल पहले हम दुनिया की 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था थे। सिर्फ 10 साल में हम 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। आपको कोरोना का समय याद होगा। 100 साल का इतना बड़ा संकट आया था। पूरी दुनिया सोचती थी कि भारत तो गया, भारत तो बर्बाद हो जाएगा। दुनिया भी बर्बाद करेगा। सब सोच रहे थे कि अब क्या होगा। लेकिन उस समय भारत ने दिखाया कि भारत का सामर्थ्य क्या होता है। भारत उस संकट से निकाला, दुनिया को भी राह दिखाई। लेकिन साथियों, उस इतने बड़े संकट में बिहार के लोगों के साथ कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने जो किया, वो मैं कभी भूल नहीं सकता। दिल्ली में इंडी गठबंधन की सरकार थी, महाराष्ट्र में इंडी गठबंधन की सरकार थी और इन लोगों ने बिहार के लोगों को उस संकट काल में वहां से साजिश करके वापस भेज दिया। मेरे बिहार के नौजवानों को, मेरे बिहार की बेटियों को दिल्ली से इंडी गबंधन की सरकार वालों ने भगाया हुआ है। मैं जरा बिहार के नौजवानों को पूछना चाहता हूं, जिन्होंने आपके साथ ये जुल्म किया क्या उन्हें माफ करेंगे क्या? इस चुनाव में हिसाब चुकता करेंगे कि नहीं करेंगे। बिहार के लोगों को बसों में बिठाया गया और बीच रास्ते छोड़ दिया गया। और आज यही इंडी गठबंधन के लोग आपसे वोट मांगने आ रहे हैं। क्या आप इंडी गठबंधन का इतना बड़ा गुनाह माफ करेंगे क्या? माफ करेंगे क्या?

भाइयों बहनों,

मैंने इस चुनाव में अगले 5 साल के लिए विकास का रोडमैप दिया है। मैंने 25 साल का विज़न देश के सामने रखा है। लेकिन, ये भी जरूरी है हम अतीत का भी ध्यान रखें। जैसे एक शहजादे दिल्ली में हैं, वैसे ही एक शहजादे पटना में भी हैं। एक शहजादे ने बचपन से पूरे देश को और दूसरे शहजादे ने पूरे बिहार को अपनी जागीर समझा है। इन दोनों शहजादों के रिपोर्ट कार्ड एक जैसे हैं इनके रिपोर्ट कार्ड में सिवाय घोटालों और बेलगाम कानून-व्यवस्था के कुछ नहीं है। याद कीजिए, कैसे बिहार में अपहरण उद्योग चलता था? कैसे बड़े-बड़े घोटालों से बिहार के खजाने को लूटा जाता था? कैसे शाम होते ही हमारी बहन-बेटियां घर से निकलने में डरती थीं ? कैसे नौकरी देने के पहले जमीन लिखा ली जाती थी? साथियों, आज नीतीश जी के नेतृत्व में NDA सरकार बिहार के विकास के लिए दिन-रात काम कर रही है। हमारी प्रेरणा कर्पूरी बाबू हैं जिन्हें कुछ समय पहले भारत रत्न देने का सौभाग्य हमें मिला है। पिछले 10 साल में बिहार में हमने 40 लाख गरीबों को पक्के घर दिए हैं, करीब सवा करोड़ गैस कनेक्शन दिए हैं। आज गरीबों को मुफ्त राशन-मुफ्त इलाज मिल रहा है। अब मोदी ने ये भी तय किया है कि आपके परिवार में बिहार में कोई भी 70 साल के ऊपर के बुजुर्ग होंगे तो अब उनके संतानों को उनकी बीमारी में इलाज का खर्चा नहीं उठाना होगा। अब ये खर्चा दिल्ली में आपका ये बेटा उठाएगा। 70 साल के ऊपर के हर बुजुर्ग को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज मिलेगा। मेरे बिहार के साथियों, मेरे दरभंगा के साथियों, मेरा एक काम करोगे, जरा हाथ ऊपर करके बताइए करोगो, पक्का करोगे, देखिए एक काम करना, जब आप इन दिनों गांव-गांव जाते होंगे, मोहल्ले में जाते होंगे, छोटी-छोटी बस्तियों में जाते होंगे। अगर वहां पर कोई परिवार ऐसे आपके ध्यान में आ जाए। जिनको अभी पक्का घर मिलना बाकी है, गैस का कनेक्शन मिलना बाकी है, नल से जल का कनेक्शन बाकी है, आयुष्मान कार्ड नहीं पहुंचा है तो उनको कह देना कि मोदी जी की गारंटी है, 4 जून के बाद नई सरकार बनने के बाद हम तीन करोड़ नए घर बनाने वाले हैं। तो आप मेरी तरफ से सब परिवारों को गारंटी दे देना। मेरे लिए तो आप ही मोदी हैं।


साथियों,

दरभंगा का एयरपोर्ट हो, रेलवे स्टेशन हो, अमृत-भारत ट्रेन हो, आधुनिक सड़कें हों हर तरफ काम हो रहा है। दरभंगा एम्स की अड़चनों को भी दूर किया जा रहा है। साथियों, जब विकास की बुनियाद मजबूत होती है, तभी उद्योग और रोजगार भी पैदा होते हैं। यहां दरभंगा में IT पार्क भी बना है जिससे युवाओं के लिए नए अवसर पैदा होंगे। मिथिला में मखाना, लीची और आम खूब होता है। अच्छी सड़कों और इनफ्रास्ट्रक्चर से इसका एक्सपोर्ट बढ़ेगा। यहां के मखाने को दुनिया तक पहुंचाने के लिए हमारी सरकार ने मखाने को GI टैग भी दिया है। साथियों, हमने बिहार में महिला स्वयं सहायता समूहों को 42 हजार करोड़ रुपए की सहायता बैंकों से दी है। दरभंगा-मधुबनी में 11 लाख महिलाएं इन समूहों में जुड़ी हैं। दरभंगा में इन बहनों ने शिल्पग्राम की शुरुआत भी की है। और आपकी मधुबनी की पेंटिंग का प्रचार तो खुद मोदी पूरी दुनिया में करता है। आज आगे बढ़ती हमारी बहनों की ये खुशी, यही मोदी को मेहनत करने का हौसला देती है।

साथियों,

आपको पता है कि लंबी चर्चा के बाद हमारा संविधान बना। तब एक मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई थी। बाबा साहेब आंबेडकर थे, डॉ. राजेंद्र बाबू थे, देश के बड़े-बड़े विद्वान थे, और संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देना कि नहीं देना। इस पर गंभीर चर्चा हुई। और बाबा साहेब के नेतृत्व में संविधान सभा ने 75 साल पहले तय किया कि हमारे देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दे सकते हैं। देश को फिर से नहीं बांट सकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर ने इसके विषय में खुलेआम वकालत की कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। इतना ही नहीं, पंडित नेहरू ने भी धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया। लेकिन अब जब हमारी गरीब SC-ST-OBC का कांग्रेस से मोहभंग हो गया है तो कांग्रेस नेहरू जी की भावना के खिलाफ जा रही है। बाबा साहब आंबेडकर की पीठ में छुरा भोंक रही है, संविधान को तोड़ने-मरोड़ने में लगी है। कांग्रेस लगी हुई है कि ओबीसी कोटे को कम करके धर्म के आधार पर उसमें से डाका डाल के मुसलमानों को आरक्षण दे दिया जाए। दलितों के आरक्षण में से डाका डालो, आदिवासियों के आरक्षण में से डाका डालो और कांग्रेस की इस साजिश में आरजेडी भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। 2007 में बिहार के शहजादे के पिता जी ने मुस्लिमों को ये आरक्षण में से निकाल करके कोटा देने की बात कही थी। रेलमंत्री रहते हुए उन्होंने रेलवे अधिकारियों को कहा था कि मुस्लिमों के लिए कोटे का इंतजाम किया जाए। सोचिए, ये SC-ST-OBC का आरक्षण छीनकर मुस्लिमों को देना चाहते हैं। आप मुझे बताइए, धर्म के आधार पर SC-ST-OBC आरक्षण अगर कटेगा तो यादव-कुर्मी समाज का हक भी बचेगा क्या? सबकुछ खतम हो जाएगा। पासवान, मुसहर, रविदास, धानुक समाज के हक पर ये डाका डालने की फिराक में हैं। साथियों, मैं पिछले 12 दिनों से कांग्रेस को और उनके चट्टों-बट्टों को आरक्षण के मुद्दे पर पर चुनौती दे रहा हूं। मैंने उनसे कहा है, मैंने लिखित में मांगा है कि इंडी गठबंधन, धर्म के आधार पर SC-ST-OBC का आरक्षण छीन करके मुसलमानों को नहीं देंगे। धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए संविधान के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे। लेकिन इनके पेट में पाप है। 12 दिन से मैं मांग कर रहा हूं। ये चुप बैठे हैं। साथियों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं जबतक मोदी जिंदा है, SC-ST-OBC के आरक्षण पर कभी भी मैं खिलवाड़ नहीं करने दूंगा।

साथियों,

मैंने जब से कांग्रेस- RJD के इरादों को बेनकाब किया है, ये लोग बौखला गए हैं। अब RJD ने ये गिनना शुरू कर दिया है कि सेना में कौन हिंदू है कौन मुसलमान है। यही इनका असली चेहरा है। ये लोग समाज को बांटने के लिए..देश की एकता तोड़ने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। मां भारती की रक्षा के लिए जो सीने पर गोली खाता है, वो पहले भारतीय होता है। और ये RJD के लोग उसे हिंदु-मुसलमान की नजर से देखते हैं। मैं जरा हिंदू-मुसलमान का बंटवारा करने वालों से पूछना चाहता हूं। क्या अब्दुल हमीद जी को हम सिर्फ इसलिए याद करते हैं क्योंकि वो मुसलमान थे? देश को इस दिशा में ले जाएंगे ये लोग? यही लोग सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं, एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं। यही लोग आर्मी चीफ को गाली देते हैं। आखिर किसको खुश करने के लिए, किसके इशारे पर ये बोला जाता है? देश सब देख रहा है। जनता है सबकुछ जानती है। देशवासी सब देख रहे हैं। साथियों, RJD का इतिहास सामाजिक न्याय का मुखौटा लगाकर हमेशा से तुष्टिकरण करने का रहा है। जब गोधरा में कारसेवकों को जिंदा जलाया गया था तब रेलमंत्री ये शहजादे के पिता जी थे, जो सजा काट रहे हैं और जमानत पर घूम रहे हैं। इन्होंने दोषियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक जज की कमेटी बनाई। बेनराजी कमेटी। सोनिया मैम का राज था न। और इसलिए उन्होंने बेनराजी कमेटी बनाई थी। जज का नाम बेनराजी था तो सबलोग बेनराजी बोलते थे। और उससे ऐसा रिपोर्ट लिखवाया कि 60 कारसेवकों को जलाने वाले निर्दोष छूट जाए, लेकिन ये रेलमंत्री जो जेल में जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर है, जमानत पर घूम रहे हैं। अदालत ने उनके इस रिपोर्ट को को कूड़े-कचरे में फेंक दिया। और उन सबको सजा सुनाई, फांसी तक की सजा हो गई। पूरी दुनिया को पता था कि कारसेवकों को जिंदा जलाया गया था। लेकिन, तब फर्जी जांच रिपोर्ट बनवाकर कारसेवकों पर ही दोष मढ़ने की साजिश रची गई थी। यही इनका इतिहास है, यही इनकी सच्चाई है।

साथियों,

हमें बिहार को लालटेन के दौर में वापस नहीं जाने देना है। अभी आपको पता होगा, ये शहजादे दिल्ली वाले एक नई बात लेकर आए हैं। आप मुझे बताइए, भाइयों-बहनों, जो माता-पिता होते हैं वो मेहनत करके कुछ बचत करते हैं कि नहीं करते हैं। कुछ न कुछ बचाते हैं, उनके मन में रहता है कि एक छोटा सा घर बना दूं, बच्चों को काम आ जाएगा। एक छोटी सी गाड़ी ला दूं, बच्चों के काम आएगी। खेत खरीदकर रखो, बच्चों को काम आएगा। हर मां-बाप के मन में ये इच्छा रहती है कि वो अपने मरने के बाद बच्चों को कुछ न कुछ देकर के जाए। हर मां-बाप की इच्छा रहती है। अब कांग्रेस ऐसा कानून बनाना चाहती है, कि दिल्ली में उनकी सरकार बनेगी तो आपके मां-बाप ने जो कमाया है वो अब आपको नहीं मिलेगा। आपके पिताजी, अपना 10 एकड़ का खेत होगा तो आपको नहीं दे पाएंगे, दो घर है तो नहीं दे पाएंगे। आधा ये इनकी सरकार छीन लेगी, 55 प्रतिशत विरासत पर टैक्स लगाने का ये फतवा लेकर आना चाहते हैं। क्या आपकी मेहनत की कमाई किसी सरकार को लूटने देंगे? किसी सरकार को लूटने देंगे? ये कांग्रेस वालों को लूटने देंगे? ये आरजेडी वालों को लूटने देंगे? और इसलिए भाइयों-बहनों, आपका भविष्य बचाने के लिए आपके बच्चों का भविष्य बनाने के लिए 7 मई को झंझारपुर में JDU से प्रत्याशी श्री रामप्रीत मंडल जी को, 13 मई को दरभंगा में बीजेपी से श्री गोपाल ठाकुर जी को और समस्तीपुर से LJP की हमारी बेटी श्रीमती शाम्भवी चौधरी जी, पूरे हिंदुस्तान की सबसे छोटी उमर की बेटी चुनाव लड़ रही है। आप सब आशीर्वाद दीजिए, ये हमारी बेटी तो जीतनी ही चाहिए। 20 मई को मधुबनी में बीजेपी के श्री अशोक कुमार यादव जी को, ये हमारे सभी साथियों को भारी संख्या में वोट दीजिए। जब आप उनको वोट देंगे न तो ये वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। मोदी को मजबूती मिलेगी और मोदी मजबूती से आपकी पांच साल और सेवा करेगा। तो घर-घर जाएंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे, पहले मतदान फिर जलपान, ये पक्का करेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। यहां से जाने के बाद हर घर जाना घर-घर जाकर के कहना कि अपने मोदी जी दरभंगा आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे। घर-घर मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे।

बोलिए,
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद!

Explore More
প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা 78শুবা নীংতম নুমিত্তা লাল কিলাগী ফম্বাক্তগী লৈবাক মীয়ামদা থমখিবা ৱারোল

Popular Speeches

প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা 78শুবা নীংতম নুমিত্তা লাল কিলাগী ফম্বাক্তগী লৈবাক মীয়ামদা থমখিবা ৱারোল
PM's Vision Turns Into Reality As Unused Urban Space Becomes Sports Hubs In Ahmedabad

Media Coverage

PM's Vision Turns Into Reality As Unused Urban Space Becomes Sports Hubs In Ahmedabad
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM's interaction with NCC and NSS Cadets participating in Republic Day celebrations
January 25, 2025
PM interacts in an innovative manner, personally engages with participants in a freewheeling conversation
PM highlights the message of Ek Bharat Shreshtha Bharat, urges participants to interact with people from other states
PM exhorts youth towards nation-building, emphasises the importance of fulfilling duties as key to achieving the vision of Viksit Bharat

प्रतिभागी – सर आज आपको देखकर मेरा सपना पूरा हो गया।

प्रधानमंत्री – बहुत बढ़िया, हां तो आप सो रही थीं अभी।

प्रतिभागी – नहीं, आपको देखकर लग रहा है कि हम सबसे बड़े हीरो से मिल लिये।

प्रतिभागी – मेरा बहुत बड़ा सपना था कि यहां पर आऊं और सभी फोर्सेस को देखूं, specially तो मैं आपको देखने आई हूं।

प्रधानमंत्री – जी जी।

प्रतिभागी – तो अभी यकीन भी नहीं हो रहा है कि मैं आपके सामने समक्ष बात कर रही हूं वो भी प्रत्यक्ष आपको face to face.

प्रधानमंत्री – ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है।

प्रतिभागी – thank you so much Sir.

प्रधानमंत्री – किसी दूसरे राज्य के एक साथी से परिचय करके उस राज्य को जानने का प्रयास किया और एक आध दो वाक्य भी वहां की भाषा बोलना आ गया, ऐसे कौन कौन हैं?

प्रतिभागी – सर वेस्ट बंगाल के जैसे यहां पर बैठे हैं, इनसे जानने की कोशिश की थी और जैसे की हम चावल खा रहे थे तो चावल का एक वाक्य था, वो बोला एकतो एकतो भात खावे।

प्रधानमंत्री – एकतो एकतो भात खावे। खावे बोला, खाबे बोला?

प्रतिभागी – खाबो।

प्रधानमंत्री – खाबो।

प्रतिभागी – सर जोल खाबो, एक और क्या था?. तो अमी केमो नाचो अमी भालो आची (दूसरी भाषा)

प्रतिभागी – मुंगेर से मैं हूं, आपको प्रणाम है मुंगेर की समस्त जनता की तरफ से सर।

प्रधानमंत्री - मेरी तरफ से मुंगेर की धरती को प्रणाम। मुंगेर की धरती तो योगा के लिए पूरे विश्व में जानी जाती है।

प्रतिभागी – जी सर, जी सर।

प्रधानमंत्री – तो आप यहां सबके योगा गुरू बन गए हैं।

प्रतिभागी – यानी सबका तो नहीं बन पाए हैं सर, लेकिन जो हमारे सर्किल में थे कुछ लोगों का कुछ कुछ टीम का बन पाए।

प्रधानमंत्री – अब तो पूरी दुनिया योग से जुड़ रही है।

प्रतिभागी - सर सर।

प्रधानमंत्री – हां।

प्रतिभागी – और आपके लिए दो लाइन भी हम लोगों ने कल वहां राष्ट्रीय रंगशाला कैंप में लिखा है, कि जय हो, भारत माता की जय हो, भारत वासी जन की जय हो, लहराते नवधव्ज की जय हो, जय हो, जय हो, जय हो, आतंक का न भय हो, शत्रुओं का शय हो, सबके मन में प्रेम विनय हो, जय हो, जय हो, जय हो।

प्रधानमंत्री – जय हो।

प्रतिभागी - जय हो, बहुत बहुत धन्यवाद।

प्रतिभागी - क्लीन इंडिया मिशन जैसे और स्वस्थ भारत मिशन जैसे इस तरह की यात्राएं आपने जो प्रारंभ की हैं, उससे देश की प्रगति का तो हुआ ही है कार्य, उसके साथ साथ सभी युवा आपसे जितने आकर्षित होते हैं और एक चुंबक की तरह आपकी तरफ आपको हर कोई मिलना चाहता है, ये हम सभी के लिए बड़े गौरव की बात है कि हमारे प्रधानमंत्री आपके जैसे व्यक्तित्व हैं।

प्रधानमंत्री – स्वच्छ भारत बनाने के लिए किसी एक सिद्धांत को हमने लागू करना है तो कौन सा है?

प्रतिभागी - हमको दूसरों को भी प्रेरणा देना, जैसा कि मैं मंदिर गई थी नवरात्री के टाइम पर।

प्रधानमंत्री – देखिए बहुत सही बताया, स्वच्छ भारत बनाने के लिए अगर 140 करोड़ लोग तय करें कि हम गंदगी नहीं करेंगे, तो फिर कौन गंदगी करेगा, फिर तो स्वच्छ हो जाएगा।

प्रतिभागी - जय हिंद श्रीमान, श्रीमान मैं सुषमिता रोहिदाश ओडिशा से आई हूं।

प्रधानमंत्री – जग जगन्नाथ।

प्रतिभागी - जग जगन्नथ सर। आप मेरे inspiration हो, तो मे रेको आपसे कुछ पूछना था कि लाइफ में success पाने के लिए मुझे क्या करना पड़ेगा और what is the actual definition of success?

प्रधानमंत्री – विफलता को स्वीकार ही नहीं करना चाहिए। जो विफलता को स्वीकार कर लेते हैं और विफलता की शरण ले लेते हैं, वो कभी सफलता नहीं प्राप्त करते, लेकिन जो विफलता से सीखते हैं वे शिखर पर पहुंचते हैं, और इसलिए विफलता से कभी डरना नहीं चाहिए, विफलता से सीखने का जज्बा होना चाहिए और जो विफलता से भी सीखता है, वो शिखर पर पहुंचकर ही रहता है।

प्रतिभागी - सर मेरा आपसे ये सवाल है कि मैंने सुना है कि आपको सिर्फ तीन से चार घंटे का आराम मिलता है, तो आप इस उम्र में आपको मोटिवेशन और स्ट्रेंथ कहां से मिलती है?

प्रधानमंत्री - अब ये कठिन सवाल है, आप जैसे नौजवानों से मिलता हूं तो मुझे ऊर्जा मिल जाती है, आप सबको देखता हूं तो प्रेरणा मिल जाती है, कभी देश में किसान को याद करता हूं तो लगता है कितने घंटे काम करते हैं। देश के जवानों को याद करता हूं तो लगता है सीमा पर कितने घंटे खड़े रहते हैं। यानी हर कोई करता है और बहुत मेहनत करता है, हम थोड़ा उनकी तरफ देखें, उनको जीने का प्रयास करें, जानने का प्रयास करें, तो फिर हमको भी लगता है कि हमें भी सोने का हक नहीं है, आराम करने का हक नहीं है। वो अपने कर्तव्यों के लिए इतनी मेहनत करता है, तो 140 करोड़ देशवासियों ने मुझे भी तो कर्तव्य दिया है। अच्छा घर वापस जाकर के सुबह 4 बजे उठने का निर्णय किया ऐसे कितने हैं? अभी 4 बजे उठना पड़ता है कि उठाना पड़ता है?

प्रतिभागी - उठना पड़ता है सर।

प्रधानमंत्री - नहीं नहीं अभी तो कोई whistle बजाता होगा, हैं, फिर मन करता होगा अरे वो चला जाए 5 मिनट निकाल दे। लेकिन देखिए जल्दी उठने की आदत जीवन में बहुत काम आती है और मैं कह सकता हूं मैं भी आपकी तरह एनसीसी का कैडेट था, तो मुझे ये चीज इतनी काम आई है अभी तक क्योंकि कैंप में जाते थे बहुत जल्दी उठना पड़ता था, तो डिसिप्लिन भी आई, लेकिन बहुत जल्दी उठने की आदत मेरी आज भी मेरी बहुत बड़ी अमानत है। दुनिया के जागने से पहले मैं अपने ढेर सारे काम कर लेता हूं। आप भी अगर जल्दी उठने की आदत बनाए रखेंगे, आपको बहुत काम आएगी दोस्तों।

प्रतिभागी - मैं एक ही बात कहना चाहूंगी अगर छत्रपति शिवाजी महाराज ने जैसा स्वराज्य का निर्माण किया अगर उसके बाद कोई है तो वो नरेंद्र मोदी जी हैं।

प्रधानमंत्री - हमें सीखना है सब से सीखना है। छत्रपति शिवाजी महाराज से भी सीखना है, यहां आपने क्या सीखा बता सकते हैं?

प्रतिभागी - सर यहां अगले अलग अलग डायरेक्टरेट के साथ फ्रेंडशिप करना, उनके साथ बातें करना, घुलना मिलना, सब मतलब पूरा इंडिया एक साथ जब आता है।

प्रधानमंत्री – जैसे घर में होते होंगे तो एक सब्जी को कभी हाथ नहीं लगाते होंगे, मां से झगड़ा करते होंगे, और यहां पर वो सब्जी खाना सीख गए होंगे, ऐसा होगा ना कि भई क्या ऐसी नई चीज जीवन में आई आपके।

प्रतिभागी - हर काइंड ऑफ ना एडजस्टमेंट करना सीखा है।

प्रतिभागी - सर मैं बेसिकली कश्मीरी पंडित फैमिली से बिलोंग करती हूं, तो मैं जैसे कि नौवीं कक्षा में पढ़ती हूं तो घर का काम आज तक किया नहीं है मैंने, क्योंकि जब भी घर पर होती हूं तो स्कूल जाना होता है। फिर वहां से आकर पढ़ाई ट्यूशन वगैरह सब, but यहां पर आकर जो मैंने सबसे बड़ी चीज सीखी है वो है सेल्फ इंडिपेंडेंट होना, सारा काम जो है मैंने यहीं पर सीखा है और जैसे ही मैं घर जाऊंगी अब पढ़ाई के साथ साथ जो है मैं मम्मा की हेल्प भी करूंगी।

प्रधानमंत्री - देखिए ये आपकी वीडियो आपके मम्मा तक पहुंचने वाली है, आप पकड़ी जाओगी।

प्रतिभागी - पहली चीज जो मैंने यहां आकर सीखी है कि परिवार हमेशा वही नहीं होता जो घर में हमारे साथ रहते हैं, यहां पर जो हमारे लोग हैं जो दोस्त हैं, जो सीनियर्स हैं, वो सब भी एक बहुत बड़ा परिवार बनाते हैं और ये एक चीज है जो मैं हमेशा याद रखूंगी और यहां आकर मैंने सीखी है।

प्रधानमंत्री - एक भारत श्रेष्ठ भारत।

प्रतिभागी - यस सर।

प्रधानमंत्री - अच्छा ये 30 दिन में अब कुछ लोग होंगे जिनको परेड में हिस्सा करने का मौका मिला होगा, कुछ लोगों को नहीं मिला होगा, ऐसा होगा ना? तो क्या लगता है, कुछ तो लगता होगा?

प्रतिभागी - सर सिलेक्शन होना नहीं होना एक अलग बात है, लेकिन उस चीज के लिए कोशिश करना एक बहुत बड़ी बात है सर।

प्रधानमंत्री - यही सबसे बड़ी बात होती है, कि हमारा सिलेक्शन हो या ना हो लेकिन मैंने अपना बेस्ट किया है। तो एनसीसी है?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री - तो आप लोगों को यूनिफॉर्म में मजा आता है कि कल्चरल कार्यक्रम में मजा आता है?

प्रतिभागी – दोनों।

प्रधानमंत्री – तो यहां एक महीना रहे हैं तो घर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस करते होंगे?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री - दोस्तों को वीडियो कॉन्फ्रेंस करते होंगे?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री - ये क्यों कर पा रहे हैं पता है, टेक्नोलॉजी, दूसरा डिजिटल इंडिया, तीसरा विकसित भारत। फिर, देखिए दुनिया में बहुत कम देश हैं जहां डेटा इतना सस्ता है और इसलिए हमारे यहां गरीब से गरीब व्यक्ति भी वीडियो कॉन्फ्रेंस से अपने परिजनों से आराम से बात कर लेता है। आप में से कितने हैं लोग जो यूपीआई का उपयोग करते हैं डिजिटल पेमेंट का? वाह नई पीढ़ी तो सारे के सारे जेब में पैसा रखते ही नहीं है! एनसीसी ने आपके जीवन में बहुत सेवा की आपकी बहुत अच्छी चीज आपके हाथ लग गई, जो पहले नहीं थी वो क्या है?

प्रतिभागी - जय हिंद सर, पंक्चुअलिटी एंड टाइम मैनेजमेंट और थर्ड है लीडरशिप।

प्रधानमंत्री - अच्छा और कोई।

प्रतिभागी - सर एनसीसी ने मुझे सबसे ज्यादा जो सिखाया है वो है लोक सेवा, जैसे कि ब्लड डोनेशन कैंप्स, अपने आसपास साफ सफाई रखना।

प्रधानमंत्री - देखिए माय भारत मेरा युवा भारत, माय भारत भारत सरकार के द्वारा ये प्लेटफार्म चलाया जा रहा है। अब तक करीब देश के तीन करोड़ से ज्यादा युवा और युवती उसमें रजिस्टर हुए हैं और अभी ये माय भारत के लोगों ने बहुत बड़ा काम किया, विकसित भारत को लेकर के डिबेट किया पूरे देश में, क्विज कॉम्पिटिशन किया, essay राइटिंग किया। वक्तृत्व स्पर्धाएं की और देश भर में करीब 30 लाख लोग जुड़े थे। जाकर के पहला काम करेंगे?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – माय भारत रजिस्ट्री करवा देंगे।

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री - तो एनसीसी में जो सीखा है क्योंकि एनसीसी तो कुछ साल तक रहेगी आपके पास, लेकिन माय भारत तो जीवन पर रह सकता है।

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – तो कुछ करेंगे उसमे आप?

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – भारत ने एक लक्ष्य तय किया है आने वाले 25 साल का। वो लक्ष्य क्या है मालूम है? जरा हाथ ऊपर करके जोर से बताईये।

प्रतिभागी – विकसित भारत।

प्रधानमंत्री - और क्या साल बताया है?

प्रतिभागी – 2047!

प्रधानमंत्री – अच्छा ये 2047 क्यों तय किया है!

प्रतिभागी – 100 साल पूरे हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री – किसको?

प्रतिभागी – आजादी को।

प्रधानमंत्री - मोदी जी को। तो भारत की आजादी को

प्रतिभागी – 100 साल पूरे हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री - और तब तक हमारा लक्ष्य क्या है?

प्रतिभागी – विकसित भारत।

प्रधानमंत्री – यह देश विकसित होना चाहिए कौन बनाएगा?

प्रतिभागी – हम बनाएंगे।

प्रधानमंत्री – ऐसा तो नहीं सरकार बनाएगी।

प्रतिभागी – नहीं सर।

प्रधानमंत्री – जब 140 करोड़ देशवासी ये अगर तय कर लें, और उसके लिए कुछ ना कुछ पॉजिटिव करें, तो ये काम मुश्किल नहीं है। देखिए हम अगर अपने कर्तव्यों का पालन करें तो भी विकसित भारत बनाने में हम बहुत बड़ी ताकत बन सकते हैं। अपनी मां को बहुत प्यार करते ऐसे कौन है? सबके साथ अच्छा! धरती माता को बहुत प्यार करते ऐसे कितने हैं ये भी बहुत है। अच्छा मैंने एक कार्यक्रम बताया था जो कार्यक्रम ऐसा है जिसमें अपनी मां के प्रति भी श्रद्धा व्यक्त होती है और धरती माता के प्रति भी होती है- एक पेड़ मां के नाम। और अपेक्षा ये है मेरी कि आप अपनी माता को लेकर के एक पौधा लगाएं और हमेशा याद रहे कि ये मेरी मां के नाम का पौधा है और मैं उसको कभी सूखने नहीं दूंगा या नहीं दूंगी और इसका लाभ सबसे पहले किसको मिलेगा धरती मां को।

प्रतिभागी – मेरा नाम बतामीपी डिस्ट्रिक्ट दिवांगवैली अनिनी में रहने वाला हूं, इदु मिश्मी हूं, और अरुणाचल प्रदेश से आया हूं। जब से प्राइम मिनिस्टर मोदी मोदी साहब ने जब मोदी जी ने गवर्नमेंट चलाया तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश के कोने कोने में सब सभी जानते हैं सभी देखते हैं।

प्रधानमंत्री – अरूणाचल की एक विशेषता है एक तो हम सब जानते हैं कि भारत में पहली सूरज की किरण जहां आती है वो है हमारा अरुणाचल। लेकिन अरुणाचल की एक विशेषता है जैसे हम लोग कहीं मिलते हैं तो राम राम कहते हैं या हम लोग नमस्ते कहते हैं, अरुणाचल का एक स्वभाव है वो जय हिंद कहते हैं, मेरा आज से आपका आग्रह है अगर आपको विविधताएं देखनी है, कला देखनी है, प्राकृतिक सौंदर्य देखना है, वहां के लोगों का प्यार देखना है, समय निकालकर के अरुणाचल, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, ये पूरा जो हमारा ये अष्ट लक्ष्मी का इलाका है, मेघालय, ये इतने सुंदर है आप दो महीने तीन महीने तक भी आप पूरा नहीं कर सकते, इतनी चीजें देखने की हैं।

प्रधानमंत्री – ऐसा कौन सा काम आपकी यूनिट ने किया होगा जो एनएसएस की जिस टोली में आप लोग काम करते होंगे अपने इलाके में, जिसको सब लोग कहते हैं यार ये बच्चे बहुत बढ़िया करते हैं, ये नौजवान देश के लिए कुछ करने वाले हैं, ऐसा कोई अनुभव शेयर करेंगे?

प्रतिभागी – सर मैं कहना चाहता हूं कि!

प्रधानमंत्री – कहां से हैं आप।

प्रतिभागी – सर मेरा नाम अजय मोदी है मैं झारखंड से हूं और सर मैं ये कहना चाहता हूं कि हमारी यूनिट ने

प्रधानमंत्री – आप मोदी हैं मोती हैं?

प्रतिभागी – मोदी सर।

प्रधानमंत्री – अच्छा।

प्रतिभागी – मोदी हूं मैं।

प्रधानमंत्री – इसलिए आपने पहचान लिया।

प्रतिभागी – यस सर।

प्रधानमंत्री – बताइए।

प्रतिभागी – सर मेरे यूनिट ने जो सबसे मतलब अच्छा काम किया जैसा आपने कहा कि जिसकी तारीफें की गई वो था सर कि हमारे दुमका में एक महिरी समुदाय है, जो बांस की चीजें बहुत अच्छे तरीके से बनाता है, but जो वो सीजनल ही बिकते हैं तो हम लोगों ने सर कुछ ऐसे लोगों को ढूंढा जो इस तरह के काम करते हैं और उनको उन फैक्ट्रियों से जोड़ा जो जो अगरबत्ती बनाते हैं।

प्रधानमंत्री – ये अगरबत्ती शब्द कहां से आया है, बड़ा इंटरेस्टिंग है आप लोग जरा जरूर देखिए, त्रिपुरा की राजधानी है उसका नाम क्या है।

प्रतिभागी - अगरतला सर।

प्रधानमंत्री – उसमें एक शब्द है क्या है, और हम क्या बात कर रहे हैं।

प्रतिभागी – अगरबत्ती।

प्रधानमंत्री – तो वहां पर अगर का जंगल होते हैं और वो इतना स्मेल होती है उसके ऑयल में और बहुत महंगा होता है, दुनिया में शायद बहुत कम इतने महंगे तेल होंगे, उसकी स्मेल इतनी बहुत बढ़िया होती है और उसी में से परंपरा बनी अगरबत्ती बनाने की जिसमें स्मेल आती है। सरकार का एक जेम पोर्टल है आपके इलाके में भी कोई अगर जेम पोर्टल पर अपने प्रोडक्ट रजिस्ट्री करवाता है, उसकी कीमत वगैरह लिखनी होती है, हो सकता है सरकार में उन चीजों की जरूरत पड़े तो वो ऑर्डर आपको दें, तो बहुत ही तेजी से इसका काम होता है, तो कभी आप लोगों ने आप जो पढ़े लिखे नौजवान हैं उन्होंने ऐसे लोगों को परिचित करके करवाना चाहिए। मेरा ड्रीम है कि मैं देश में जो गांव में विमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप चलाते हैं ना, तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का सपना है। एक करोड़ और 30 लाख तक मैं पहुंच चुका हूं।

प्रतिभागी - मेरी खुद की मां है जो कि सिलाई का काम सीख के और अभी कर रही है और वो इतनी सक्षम है कि अभी वो जो चणिये जो होते हैं आपको पता होगा नवरात्रि में सर चणिये कितने चलते हैं वो चणिये उन्होंने बनाए हैं तो वो विदेशों में भी जाते हैं।

प्रधानमंत्री - बहुत बढ़िया।

प्रतिभागी - तो ऐसे ही सर एक एग्जांपल आपने सेट किया है और आगे विकसित भारत में लखपति दीदी जो कार्यक्रम है वो एक बहुत महत्वपूर्ण रोल प्ले कर सकता है सर।

प्रधानमंत्री - तो आपके साथ तो विदेश की टोली भी दिखती है तो कितने लोग हैं जिन्होंने विदेश के दोस्तों से पक्की दोस्ती बना ली है! अच्छा इनके सवाल क्या होते हैं जब ये लोग आपसे मिलते हैं, तो भारत के संबंध में क्या जानना चाहते हैं, क्या पूछते हैं?

प्रतिभागी- Sir they will ask the Indian culture then tradition and religion and about the politics.

प्रधानमंत्री- हम्म politics also, ओह.

प्रतिभागी- नमस्ते सर I am Rojina Ban from Nepal. We were really very excited to see visit India and also to see you and like I would also like to take a moment to thank you and for your Hospitality, unconditional Hospitality, Thank you so much for that.

प्रतिभागी- On the eve of our departure the High Commission of India to Mauritius met us. So he told us go to India, this is your second house. He's right.

प्रधानमंत्री – Wow.

प्रतिभागी- We feel at home and we are grateful for this. Long live the cooperation and the brotherly relationship between Mauritius and India.

प्रधानमंत्री – This is your second house as well as this is the first house of your all forefathers.

प्रतिभागी - Yes, Indeed!.

प्रतिभागी – केसरिया ........पधारो म्हारे देश

प्रधानमंत्री - शाबाश!

प्रतिभागी – सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा हमारा, सारे जहां से अच्छा, हम बुलबुले हैं इसके, ये गुलसितां हमारा हमारा सारे जहां से अच्छा।

प्रधानमंत्री - बहुत-बहुत बधाई भैया।

प्रतिभागी– धन्यवाद सर।

प्रधानमंत्री- बहुत बहुत धन्यवाद जी बहुत धन्यवाद।