Those associated with the legal profession played a vital role in the freedom struggle & protected our people against colonialism: PM 
Whatever task Gandhi ji initiated, be it cleanliness or Khadi, he integrated it with freedom. Such was his contribution: PM 
Over 1200 obsolete laws have been scrapped by the Government since May 2014: PM Modi 
Technology is playing a big role in this century and I see technology having a big scope in the judiciary as well: PM 
Let us think about the India we want to create when we mark 75 years of freedom in 2022: PM

मंच पर विराजमान सभी उपस्थित महानुभाव।

150 वर्ष के समारोह का एक प्रकार से आज समापन हो रहा है लेकिन साल भर चला ये समारोह समापन के साथ नई ऊर्जा, नई प्रेरणा, नए संकल्‍प और नए भारत के सपने को पूरा करने में एक बहुत बड़ी ताकत बन सकता है। भारत का जो न्‍यायविश्‍व है उस न्‍यायविश्‍व में इलाहाबाद डेढ़ सौ साल पुरानी एक और मैं समझता हूं कि भारत के न्‍यायविश्‍व का ये तीर्थ क्षेत्र है और उस तीर्थ क्षेत्र में इस महत्‍वपूर्ण पढ़ाव पर आप सबके बीच आकर के आपको सुनने का समझने का अवसर मिला, कुछ बात मुझे बताने का मौका मिला, मैं इसे अपना गौरव मानता हूं ।

चीफ जस्टिस साहब अभी अपने दिल की बात रहे थे और मैं मन से सुन रहा था। मैं उनके हर शब्‍द में एक पीड़ा अनुभव करता हूं कुछ कर गुजरने का इरादा मैं अनुभव करता हूं।  भारत के न्‍यायाधीशों को, ये नेतृत्‍व मुझे विश्‍वास है कि उनके संकल्‍प पूरे होंगे,  हर कोई जिसकी जिम्‍मेवारी है उनका साथ निभाएगा जहां तक सरकार का सवाल है मैं विश्‍वास दिलाता हूं कि जिस संकल्‍प को लेकर के आप लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। हमारे जिम्‍मे जो योगदान देना होगा हम उसे पूरा करने का भरपूर प्रयास करेंगे, जब इलाहाबाद कोर्ट के 100 साल हुए थे शताब्‍दी का अवसर था तब उस समय के भारत के राष्‍ट्रपति डॉ राधाकृष्‍णन  जी, यहां आए थे और उन्‍होंने जो वक्‍तव्‍य दिया था उसका एक पैराग्राफ मैं समझता हूं मैं पढ़ना चाहूंगा कि सौ साल पहले, सौ साल जब पूरे हुए 50 साल पहले जो बात कही गई थी उसका पुनर्स्‍मरण किेतना आवश्‍यक है|

डॉ. राधाकृष्‍ण जी ने ये कहा था “कानून एक ऐसी चीज है जो लगातार बदलती रहती है, कानून लोगों के स्‍वभाव के अनुकूल होना चाहिए, पांरपरिक मूल्‍यों के अनुकूल होना चाहिए और साथ ही कानून को आधुनिक प्रवृत्तियों और चुनौतियों का भी ध्‍यान रखना चाहिए। कानून की समीक्षा के समय इन सब बातों पर ध्‍यान दिया जाना चाहिए। किस तरह की जिदंगी हम गुजारना चाहते हैं। कानून का क्‍या कहना है, कानून का अंतिम लक्ष्‍य क्‍या है, सभी लोगों का कल्‍याण है सिर्फ अमीर लोगों का कल्‍याण नहीं। बल्कि देश के हर नागरिक का कल्‍याण है। यही कानून का लक्ष्‍य है और इसे पूरा किए जाने का प्रयास किया जाना चाहिए।“

मैं समझता हूं कि डॉ. राधाकृष्‍णन जी ने 50 वर्ष पूर्व इसी धरती से देश के न्‍यायविश्‍व को, देश के शासकों को एक मार्मिक संदेश दिया था और वो आज भी उतना ही Relevant  है इतना ही स्‍तुत्‍य है। अगर एक बार जैसे गांधी जी कहते थे अगर हम कोई भी निर्णय करें ये सही है कि गलत है, इसकी कसौटी क्‍या हो। तो गांधी ने सरकारों के लिए खास कहा था कि आप जब भी कोई निर्णय करें कोई दुविधा है तो आप पलभर के लिए हिन्‍दुस्‍तान के आखिरी छोर पर बैठे हुए इंसान का स्‍मरण कीजिए और कल्‍पना कीजिए कि आप के निर्णय का उसके जीवन पर प्रभाव क्‍या होगा। अगर प्रभाव सकारात्‍मक होता है तो बेझिझक आगे बढि़ए आप का निर्णय सही होगा।

इस भाव को हम कैसे हमारे जीवन का हिस्‍सा बनाएगा। ऐसे महापुरूषों ने कही हुई बात हमारी जिदंगी का मकसद कैसे बन सकता है और वही तो है जो परिवर्तन का पुरोधा बन जाता है।

इस इलाहाबाद की और भारत का पूरा न्‍यायजगत आजादी के पूर्व हिन्‍दुस्‍तान की आजादी के आंदोलन को अगर किसी ने बल दिया भारत के सामान्‍य मानवी ने,  अंग्रेज शासन के सामने अभय का जो सुरक्षा चक्र दिया, सुरक्षा कवच दिया। ये भारत के न्‍याय जगत से जुड़े हुए ज्‍यादातर वकीलों ने दिया।

अंग्रेज सल्‍तनत के खिलाफ लड़ते थे और उनका लड़ने का मौका एक, दो, चार या पांच लोगों के लिए आता होगा लेकिन करोड़ों लोगों को लगता था कि हमें अभय से जीना चाहिए, कोई तो मिल जाएगा अंग्रेज जुल्‍म के सामने हमारी रक्षा कर देगा और यही तो पीढ़ी थी जिसने देश के आजादी के आंदोलन को सक्रिय भागीदारी देश के जितने गणमान्‍य नेताओं के नाम हम याद करते हैं अधिकतम का बैकग्राउंड यही तो अदालतें हैं जहां से संघर्ष करते करते जन सामान्‍य के कल्‍याण के लिए राजनीति का रास्‍ता उन्‍होंने पकड़ा। आजादी का आंदोलन चलाया आजादी के आंदोलन के बाद से देश की शासन व्‍यवस्‍था में अपनी भागीदारी देश में जो मिजाज था आजादी के आंदोलन का हर किसी का सपना था आजाद हो जाएं और अगर हर इंसान का सपना न होता तो आजादी आनी संभव ही नहीं थी। और गांधी जी की ये विशेषता थी कि उन्‍होंने हर हिन्‍दुस्‍तानी के दिल में आजादी का जज्‍बा जगाया जो झाड़ू लगाता था तो उसे ये लगता था कि मैं आजादी के लिए काम कर रहा हूं, प्रौढ़ शिक्षा का काम था तो भी उसको लगता था मैं देश की आजादी के काम कर रहा हूं, वो खादी भी पहन लेता था तो उसको लगता था कि मैं आजादी के लिए काम कर रहा हूं। उन्‍होंने देश के कोटि-कोटि जनों के दिलों में आजादी का जज्‍बा उस व्‍यक्ति की क्षमता के अनुसार उसको ढाल दिया, मैं ऐसी जगह पर खड़ा हूं आज इलाहाबाद ने इस आंदोलन को बहुत बड़ी ताकत दी|

 आजादी के 70 साल पूरे हो गए 2022 में आजादी के 75 साल होंगे क्‍या इलाहाबाद से देश को प्रेरणा मिल सकती है क्‍या? कि 2022 जो ललक, जो जुनून, जो त्‍याग, जो तपस्‍या, परिश्रम की पराकाष्‍ठा आजादी के आंदोलन में दिखाई देती थी क्‍या इस पांच साल के लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों में वो जज्‍बा पैदा किया जाए कि जब आजादी के 75 साल होंगे हम हिन्‍दुस्‍तान को यहां ले जाएंगे जो जहां है वहां जिन जिम्‍मेवारियों के साथ जी रहा है वो 2022 का कोई सपना, कोई संकल्‍प, कोई रोडमैप तय कर सकता है हर नागरिक अगर ये कर लेता है मैं नहीं मानता कि देश के किसी नागरिक को ऐसी आशंका पैदा होगी कि परिणाम नहीं मिलेगें।

 सवा सो करोड़वासियों की अपनी ताकत है, हमारी संस्‍थाये, हमारी सरकारे, हमारे सामाजिक जीवन से जुड़े लोग और आज जब 150 वर्ष की समापन समारोह में हम बैठे हैं तब एक नया संकल्‍प लेकर के जा सकते हैं कि 2022 तक हम जिस क्षेत्र में हैं उस क्षेत्र में जो डॉ. राधाकृष्‍णन जी ने कहा था वो, महात्‍मा गांधी ने कहा था वो उन मूल्‍य आधारों पर देश के लिए कुछ कर सकते हैं क्‍या मुझे विश्‍वास है कि चीफ साहब ने जो सपना देखा है आप सबके दिल में भी जो आग है वो आग एक ऊर्जा बन सकती है जो ऊर्जा देश के परिवर्तन के लिए काम आ सकती है। मैं भी आपको निमंत्रण देता हूं मैं इस मंच के माध्‍यम से देशवासियों को निमंत्रण देता हूं कि आइए 2022 का कोई संकल्‍प तय करें जब आजादी के 75 साल हो तो आजादी के दीवानों ने देश के लिए जिस प्रकार के सपने देखे थे उन सपनों को पूरा करने के लिए हम भी अपनी तरफ से कुछ कोशिश करें। मुझे विश्‍वास है सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपने, सवा सौ करोड़ देशवासियों का एक कदम देश को सवा सौ करोड़ कदम आगे ले जा सकता है ये ताकत है उस ताकत को हम कैसे बल दें उस दिशा में प्रयास करेंगें, युग बदल चुका है|

जब मैं चुनाव प्रचार कर रहा था 2014 में, मैं देश कई लोगों के लिए अपरिचित था, मेरी पहचान नहीं थी एक छोटे से समारोह में मुझसे कई सवाल पूछे गए थे और मैंने कहा था मैं नए कानून कितने बनाऊंगा वो तो मुझे मालूम नहीं है लेकिन मैं हर दिन एक कानून खत्‍म जरूर करूंगा अगर मैं प्रधानमंत्री बन गया तो इस कानूनों की जंजाल सरकारों जो ने बनाई है इस कानूनों का बोझ सामान्‍य मानवों पर जो लादा गया है जैसे चीफ जस्टिस साहब कह रहे हैं कि उसमें से कैसे बाहर निकला जाए, सरकार भी कहती है कि इस बोझ को कम कैसे किया जाए। और आज मुझे खुशी है कि अभी पांच साल पूरे नहीं हैं अब तक करीब-करीब 1200 कानून हम खत्‍म कर चुके हैं प्रतिदिन एक से ज्‍यादा कर चुके हैं। ये जितना सरलीकरण हम कर पाएंगे जितना बोझ कम कर पाएंगे न्‍याय व्‍यवस्था को ताकत मिलेगी और इस काम को करना है बदले हुए युग में टेक्‍नोलॉजी को बहुत बड़ा रोल है चीफ साहब अभी कह रहे थे कि कोई Document की जरूरत नहीं है फाइल अपने आप चली जाएगी friction और सेकंड में चली जाएगी। भारत सरकार ने भी डिजिटल इंडिया के माध्‍यम से भारत की न्‍याय व्‍यवस्‍था को आधुनिक टेक्‍नोलॉजी ICT से Information Communication Technology से कितना मजबूत बनाया जाए कितना सरल बनाया जाए और पहले कोई जमाना था जो आज judges के रूप में बैठे हैं वे जब वकालत करते होंगे उन्‍होंने एक एक केस की बारीकियों को लेकर के घंटों तक किताबों को उलटना पड़ता था।

आज के वकील को वो मेहनत नहीं करनी पड़ती वो Google guru को पूछ लेता है Google guru  तुरंत बता देता है कि 1989 में ये केस था, ये मैटर था ये जज थे इतनी सरलता आई है टेक्‍नोलॉजी से पूरे वकील बिरादरी के पास इतनी बड़ी ताकत आई है कि क्‍वालिटी ऑफ बहस अत्‍याधुनिक Information के साथ तर्क ये हमारा वार अपने आपको टेक्‍नोलॉजी की मदद से सत्‍य करता है और जब कोर्ट के अंदर क्‍वालिटी के अंदर ये change आएगा sharpness आएगी date लेने के लिए sharpness की जरूरत नहीं होगी लेकिन मसले सुलझाने के लिए sharpness की जरूरत होगी और मुझे विश्‍वास है कि judges के सामने sharpness के साथ बहस होगी तो उनको दूध का दूध, पानी का पानी कर करके उसमें से सत्‍य खोजने में देर नहीं लगेगी हमारी न्‍यायप्रक्रिया को गति अपने आप आना शुरू होगा हम हर तर्क पर टेक्‍नोलॉजी का उपयोग कैसे करें आज हम डेट जब देते हैं आएंगे, दो मिनट लेंगे बात करेंगे अच्‍छा फलानी तारीख, इतनी तारीख, ये सारी मोबाइल फोन पर एसएमएस डेट देने की परंपरा कब शुरू होगी।  

आज एक अफसर कहीं नौकरी करता है। उसके जमाने के एक केस हुआ है उसकी ट्रांसफर हो गई है लेकिन अगर उसके जमाने का केस निकलता है तो उसको नौकरी छोड़कर के अपना इलाका छोड़ कर के कोर्ट में जाकर करके क्‍यों न हम उन्‍हें वीडियो कांफ्रेंसिंग से ऐसे लोगों के लिए सुविधा खड़ी करें । कम समय में जो चीज पूछनी है पूछ ली जाए ताकि उन अफसरों का समय भी शासन के काम में लग सके। ये सारी चीजें जेल से कैदियों को अदालत में लाना, सुरक्षा में इतनी खर्चा और उस मार्ग में क्‍या क्‍या नहीं होता है ये सभी जानते हैं।

अब योगी जी आएं हैं तो शायद अब यह बंद हो, अगर वीडियो कांफ्रेंस में जेल और कोर्ट को हम कनेक्‍ट कर दें तो कितना खर्चा बच सकता है, कितना समय बच सकता है, कितनी सरलता हम पैदा कर सकते हैं। भारत सरकार का प्रयास है कि हमारी न्‍याय व्‍यवस्‍था को आधुनिक आई सी टी टेक्‍नोलॉजी का पूरा लाभ मिले। उसको priority प्रायोरिटी मिले। मैं देश के स्‍टार्ट अप वाले नौजवानों से भी कहूंगा कि भावी देश की न्‍याय प्रक्रिया के लिए अपने स्‍टार्ट अप में नये नये innovation करें। वे भी टेक्‍नोलॉजी के माध्‍यम से जुडिशियरी को ताकत दे सकते हैं। अगर जुडिशियरी के हाथ में उस प्रकार के नये innovation आ जाएं। मझे विश्‍वास है कि जुडिशियरी के लोग इसका उपयोग कर कर के गति लाने में बहुत बड़ी मदद कर सकते हैं। वह एक चहुं दिशा में अगर हम प्रयास करेंगे तो हम एक–दूसरे के पूरक बनेंगे। इच्छित परिणाम लेकर रहेंगे।

मैं फिर एक बार दिलीप जी को उनकी पूरी टीम को, यहां सभी आदरणीय judges को, बाहर के मित्रों को, 150 वर्ष की इस यात्रा के समापन के समय पर आदरपूर्वक बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्‍वास है कि 2022 भारत की आजादी के 75 साल का सपना संजो करके यहां से चलें, जितना हो सका जल्‍दी उस सपने को संकल्‍प में परिवर्तित करें और उस संकल्‍प को फिर से करने के लिए अपनी सारी क्षमताओं को जुटा दें। देश को नई ऊँचाइयों पर लें जाएं। न्‍यू इंडिया का न्‍यू जनरेशन के लिए जो सपना है उसको पूरा करने का हम सब प्रयास करें। इसी एक अपेक्षा के साथ मैं आप सब का बहुत आभारी हूं। धन्‍यवाद

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Prime Minister Meets Italy’s Deputy Prime Minister and Minister of Foreign Affairs and International Cooperation, Mr. Antonio Tajani
December 10, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi today met Italy’s Deputy Prime Minister and Minister of Foreign Affairs and International Cooperation, Mr. Antonio Tajani.

During the meeting, the Prime Minister conveyed appreciation for the proactive steps being taken by both sides towards the implementation of the Italy-India Joint Strategic Action Plan 2025-2029. The discussions covered a wide range of priority sectors including trade, investment, research, innovation, defence, space, connectivity, counter-terrorism, education, and people-to-people ties.

In a post on X, Shri Modi wrote:

“Delighted to meet Italy’s Deputy Prime Minister & Minister of Foreign Affairs and International Cooperation, Antonio Tajani, today. Conveyed appreciation for the proactive steps being taken by both sides towards implementation of the Italy-India Joint Strategic Action Plan 2025-2029 across key sectors such as trade, investment, research, innovation, defence, space, connectivity, counter-terrorism, education and people-to-people ties.

India-Italy friendship continues to get stronger, greatly benefiting our people and the global community.

@GiorgiaMeloni

@Antonio_Tajani”

Lieto di aver incontrato oggi il Vice Primo Ministro e Ministro degli Affari Esteri e della Cooperazione Internazionale dell’Italia, Antonio Tajani. Ho espresso apprezzamento per le misure proattive adottate da entrambe le parti per l'attuazione del Piano d'Azione Strategico Congiunto Italia-India 2025-2029 in settori chiave come commercio, investimenti, ricerca, innovazione, difesa, spazio, connettività, antiterrorismo, istruzione e relazioni interpersonali. L'amicizia tra India e Italia continua a rafforzarsi, con grandi benefici per i nostri popoli e per la comunità globale.

@GiorgiaMeloni

@Antonio_Tajani