Sardar Patel gave us 'Ek Bharat', let us all make it 'Shreshtha Bharat': PM Modi

Published By : Admin | October 31, 2015 | 10:24 IST
QuotePM Modi pays tribute to Sardar Patel on his birth anniversary
QuotePM Modi pays homage to Smt. Indira Gandhi on her death anniversary
QuoteLife of such 'Mahapurush' will always continue to inspire people: PM Modi
QuoteSardar Patel gave us 'Ek Bharat', let's make it 'Shreshtha Bharat': PM Modi
QuoteSardar Patel's contribution to the country is immense, he unified India: PM Modi
QuoteSardar Patel took the cleanliness drive for 222 days: PM Narendra Modi
QuoteSardar Patel was focussed on women empowerment: PM
QuoteSardar Patel proposed for 50% reservation of women in Ahmedabad Municipal Corporation during the British Raj: PM
QuoteUnity, Peace & Sadbhavna key to India's progress: PM Narendra Modi
QuoteGovt of India will soon come up with a new scheme of 'Ek Bharat, Shreshtha Bharat': PM

उपस्थित सभी महानुभाव

आज 31 अक्‍तूबर हम सरदार साहब की 140वीं जयंती मना रहे हैं। आज का दिवस इस बात के लिए भी भूल नहीं सकते कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा जी ने बलिदान दिया था। आज जब हम सरदार साहब की जयंती मना रहे हैं। हर समय महापुरूषों का जीवन, महापुरूषों की जीवन शैली आने वाले पीढि़यों को एक नई ऊर्जा देती है, प्रेरणा देती है, ताकत देती है। देश में किसी को भी हमारी इस महान विरासत को भुला देने का हक नहीं है। देश के लिए जीने मरने वाले, उनकी विचारधारा का मूल्‍यांकन करना यह हमारा दायित्‍व नहीं है। उनके महान कार्यों को याद करना, उसमें से कुछ लेने-पाने की कोशिश करना और उन महान संकल्‍पों को ले करके जीने का प्रयास करना वो हर पीढ़ी का दायित्‍व होता है। सरदार साहब, भारत की एकता के साथ एक अटूट नाता जिस महापुरूष का जुड़ा, वह सरदार साहब थे। वे लौहपुरूष के रूप में इसलिए नहीं जाने गए कि किसी ने उनको अखबार के कॉलम में उनका नाम लौहपुरूष के रूप में छाप दिया था। किसी ने Certificate दे दिया था, वे लौह पुरूष इसलिए माने गए और आज भी लौह पुरूष सुनते ही सरदार साहब का चित्र हमारे आंखों के सामने आ जाता है। उसका कारण उनके जीवन के हर निर्णय, हर व्‍यवस्‍था से जब भी उनको फैसले करने की नौबत आई, उस शक्ति के साथ उन्‍होंने किये, उस समझदारी के साथ किए और तब जा करके लौह पुरूष के नाम से वो हिंदुस्‍तान के अंदर अमर हो गए।

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शायद दुनिया में बहुत कम लोग होते हैं कि जो एक से अधिक उपाधियों से नवाजित हो और सारी की सारी स्‍वीकृत हो। वे सरदार साहब के नाम से भी जाने गए, लौह पुरूष के नाम से भी जाने गए और दोनों चीजें बराबर बराबर साथ चलती रही। यह बहुत कम होता है।

भारत की एकता के लिए सरदार साहब का योगदान कम नहीं आंका जा सकता। अंग्रेजों का सपना था कि देश छोड़ने के बाद यह देश बिखर जाए। वो चाहते थे कि राजा-रजवाडो के बीच एक टकराव पैदा होगा और भारत कभी एकता के सूत्र में नहीं बंधेगा और इसके लिए उन्‍होंने अपने शासनकाल में विभाजनकारी जितनी भी बातों को बल दिया जाए, जितनी भी बातों के बीज बोयें जाए हर कोशिश को करते रहे। लेकिन इतनी सारी कोशिशों के बावजूद भी यह सरदार साहब थे जिन्‍होंने भारत को एकता के सूत्र में बांध दिया। बहुत ही कम समय में बांध दिया और उसमें राजनीतिक कौशल्य का परिचय दिया। अपनी लौह मज्जा का उन्‍होंने परिचय दिया। उन्‍होंने कौशल्य का परिचय दिया। राजा महाराजा, उनकी जो ऊंचाईयां थी समाज में जो उनका स्‍थान था। उसको मनाना कठिन काम था, लेकिन वो सारी बातें एक सीमित समय सीमा में सरदार साहब ने करके दिखाया। हिंदुस्‍तान के इतिहास की तरफ देखें, तो चाणक्‍य ने चार सौ साल पहले देश को एक करने के लिए भगीरथ प्रयास किया था और बहुत बड़ी मात्रा में सफलता पाई थी। चाणक्‍य के बाद भारत को एकता के सूत्र में बांधने का अगर कोई अहम काम किसी महापुरूष ने किया, तो वो सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने किया और उसी के कारण तो आज कश्‍मीर से कन्‍याकुमारी तक हम एक स्‍वर से उस भारत माता को याद करते हैं। भारत माता की जय बोलते हैं। उस मां का रूप सरदार साहब ने निखारने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की थी। और इसलिए वो महापुरूष, जिसने एक भारत दिया उसे श्रेष्‍ठ भारत बनाना यह हम सबका दायित्‍व है। हम सबका कर्तव्‍य है और इसलिए एक भारत श्रेष्‍ठ भारत बने उसके लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों का सामूहिक पुरूषार्थ आवश्‍यक है। निर्धारित लक्ष्‍य की ओर कदम से कदम मिला करके चलना आवश्‍यक है। हमारी गति को समय की मांग के अनुसार तेज करने की आवश्‍यकता है और वो प्रेरणा हमें सरदार साहब से मिलती है।

सरदार साहब महात्‍मा गांधी के भारत लौटने के बाद सरदार साहब सार्वजनिक जीवन में आए। दिसंबर 1915 में सरदार साहब ने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। इस दिसंबर में सरदार साहब की सार्वजनिक जीवन की यात्रा की शताब्‍दी का वर्ष प्रारंभ हो रहा है। और उस अर्थ में भी यह जीवन हमें किस प्रकार से प्रेरणा दे। हमारा निरंतर प्रयास रहना चाहिए।

सरदार साहब की कई विशेषताएं थी । वे प्रांरभिक काल में अहमदाबाद में Municipal corporation में City mayor के रूप में चुने गए थे और City Mayor के रूप में चुनने के बाद आज बहुत लोगों को आश्‍चर्य होगा, City Mayor चुनने के बाद सरदार साहब ने अपने शासन के पहले 222 दिन Two hundred and twenty two days अहमदाबाद शहर में एक स्‍वच्‍छता का बड़ा अभियान चलाया। प्रति दिन देश की निगरानी करते थे और सफाई का काम 1920, 22, 24 के कालखंड में सरदार साहब ने अहमदाबाद के मेयर के रूप में स्‍वच्‍छता के काम के लिए 222 दिन एक शहर के लिए अभियान चलाना, यह छोटी बात नहीं है। स्‍वच्‍छता का महत्‍व कितना उस समय भी था, यह सरदार साहब के व्‍यवहार से हमें नजर आता है और महात्‍मा गांधी बड़ी सटीक बातें बताने मे उनकी एक अहमियत रहती, एक विशेषता रहती थी। सरदार साहब के इस अभियान के लिए, क्‍यों‍कि महात्‍मा गांधी को भी स्‍वच्‍छता बहुत प्रिय थी। तो सरदार साहब की यह 222 दिन की अखंड अविरत स्‍वच्‍छता अभियान को देख करके महात्‍मा गांधी ने बढि़या कहा। उन्‍होंने कहा- अगर वल्‍लभ भाई पटेल कूड़े कचरे के भी सरदार बन जाते हैं तो अब मुझे सफाई की चिंता करने की जरूरत पड़ेगी। गांधी की बातों में सटीकता है।

सरदार साहब की दूसरी विशेषता देखिए, रानी विक्‍टोरिया के सम्‍मान में, अहमदाबाद में एक रानी विक्‍टोरिया गार्डन बना हुआ है। जब सरदार साहब मेयर बने तो किस प्रकार से चीजों को चलाने की उनकी विशेषता थी। उन्‍होंने निर्णय किया रानी विक्‍टोरिया गार्डन भले है, लेकिन उसमें प्रतिमा तो लोकमान्‍य तिलक की लगेगी है। और मेयर रहते उन्‍होंने वहां पर लोकमान्‍य तिलक का statue लगाया। अंग्रेजों का शासन था। रानी विक्‍टोरिया गार्डन था। लेकिन यह सरदार साहब की लौह शक्ति का अनुभव था। उन्‍होंने लोकमान्‍य तिलक की प्रतिमा लगाई। और प्रतिमा लगाई तो लगाई उन्‍होंने महात्‍मा गांधी को आग्रह किया कि आप इस प्रतिमा का लोकार्पण करिए और महात्‍मा गांधी विक्‍टोरिया गार्डन गए लोकमान्‍य तिलक जी की प्रतिमा का अनावरण किया। और उस दिन महात्‍मा गांधी ने एक बढि़या वाक्‍य लिखा। उन्‍होंने लिखा कि सरदार साहब अहमदाबाद municipal corporation में आने के बाद एक नई हिम्‍मत का भी प्रवेश हुआ है। यानी सरदार साहब को किस रूप में गांधी जी देखते थे, वो इससे हमें ध्‍यान में आता है।

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आज कल हम women empowerment की बाते करते हैं। women reservation कौन लाया, उसकी credit कौन ले। उसके विषय में वाद-विवाद चलते रहते हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा, उस कालखंड में अंग्रेजों की सरकार थी। तब सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने अहमदाबाद Municipal Corporation में महिलाओं के लिए 50 percent reservation का प्रस्‍ताव लाए। 50 percent reservation 1930 के पहले की मैं बात कर रहा हूं। सरदार साहब women empowerment के लिए उस समय कितने सजग थे ये हम देख रहे हैं। हिन्‍दुस्‍तान की राजनीति में परिवारवाद, भाई-भतीजावाद इसने जिस प्रकार से हमारी राजनीति प्रदूषित किया है। एक सरदार साहब का जीवन है जो हमें प्रेरणा देता है कि उनके परिवार के किसी व्‍यक्‍ति का नाम आज हिन्‍दुस्‍तान के राजनीतिक नक्‍शे पर दूर-दूर तक नज़र नहीं आता है, कितना बड़ा संयम का पालन किया होगा। परिवार को कितना इन सारे राजनीतिक जीवन से दूर रखने का उन्‍होंने एक सुविचारित प्रयास किया होगा, इसके हमें दर्शन होते हैं।

सरदार साहब का जीवन देश की एकता के लिए रहा है। आज भी मैं मानता हूं कि अगर देश को आगे बढ़ना है, देश को विकास की नई ऊंचाइयों को पार करना है तो उसकी पहली गारंटी है कश्‍मीर से कन्‍याकुमारी तक भाषा कोई भी, भेष हो, परिवेश कोई भी हो किसी भी प्रेरणा से जुड़ी हुई हो, विचार किसी भी व्‍यवस्‍था से जुड़े हुए हो लेकिन हम सबका लक्ष्‍य हमारी भारतमाता को विश्‍व की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का होगा तो उसकी पहली शर्त है एकता, शांति, सद्भावना। एकता, शांति और सद्भावना के मंत्र को लेकर के सवा सौ करोड़ देशवासियों के कंधे से कंधा मिलाकर के कदम से कदम चलने से अगर हिन्‍दुस्‍तान का एक नागरिक एक कदम आगे बढ़ता है, हिन्‍दुस्‍तान सवा सौ कदम एक साथ आगे बढ़ जाता है। सवा सौ करोड़ कदम आगे बढ़ जाता है और इसलिए एकता के इस मंत्र को लेकर के एक राष्‍ट्र,एकता से जुड़ा हुआ राष्‍ट्र, एकता का मंत्र लेकर चलने वाला राष्‍ट्र, एकता के लिए हर कुछ न्‍यौछावर करने वाला राष्‍ट्र , यही हमारी सबसे बड़ी शक्‍ति है और सरदार साहब का हमारे लिए एकता, यही संदेश है।

आने वाले दिनों में भारत सरकार की तरफ से राज्‍यों के साथ और सहयोग के साथ हम एक योजना बनाने के लिए सोच रहे हैं। मैंने एक छोटी committee बनाई है, वो committee उसका प्रारूप तैयार कर रही है और उस योजना का नाम है- एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत। कल्‍पना ये है, हर वर्ष अपने राज्‍य को किसी एक राज्‍य के साथ हर राज्‍य जोड़े। मान लीजिए हरियाणा तय करे कि 2016 हम तमिलनाडु से जुड़ेंगे तो 2016 में हरियाणा में स्‍कूलों में बच्‍चों को कम से कम 100 वाक्‍य तमिल भाषा के सिखाएं जाएं। हर बच्‍चे को तमिल में गीत सिखाया जाए। तमिल फिल्‍म फेस्‍टिवल हो, तमिल नाट्य प्रयोग हो, तमिल खाने का कार्यक्रम हो और हरियाणा के लोग यात्रा करने के लिए तमिल जाए, तमिलनाडु के लोग हरियाणा आए। एक साल भर हरियाणा में तमिलनाडु चलता रहे और तमिलनाडु में हरियाणा चलता रहे। देश की एकता को जोड़ने का, देश के अन्‍य राज्‍यों को पहचानने का, अन्‍य भाषाओं को जानने का एक सहज उपक्रम बनेगा।

2017 में हरियाणा कोई और राज्‍य ले, 2018 में हरियाणा कोई और राज्‍य ले। आने वाले दिनों में प्रतिवर्ष एक भारत श्रेष्‍ठ भारत, एक राज्‍य दूसरे राज्‍य से तब जाकर के हम हमारे इस भारत की विविधता को पहचान पाएंगे, भारत की शक्‍ति को पहचान पाएंगे।

ए. पी. जे. अब्‍दुल कलाम साहब ने एक बढ़िया बात कही थी, उन्‍होंने कहा, मैं पहली बार रामेश्वरम से जब दिल्‍ली चला और ट्रेन के डिब्‍बे से मैं सफर कर रहा था। कुछ ही घंटों के बाद कोई नई भाषा आ जाती थी, नया खान-पान आ जाता था, नई बोली सुनता था। मैं हैरान था कि मेरा देश इतनी विविधताओं से भरा हुआ है। जो बात मुझे किताबों से समझ नहीं आती थी वो रामेश्वरम से दिल्‍ली निकलते समय रास्‍ते भर ट्रेन में सफर करते समय ध्‍यान में आ गई, ये भारत की विशेषता है। इस भारत की विशेषता का गौरव करना, इस भारत की विशेषता का अभिमान करना, उस भारत की विशेषता को जीने का प्रयास करना , ये हमारी एकता को नई ताकत देगी। उस नई ताकत के लिए आज सरदार साहब की जन्‍मजयंती हमारे लिए प्रेरणा का कारण बनेगी और इसलिए सरदार साहब को मैं आदरपूर्वक अंजलि देता हूं, नमन करता हूं और उनके आशीर्वाद भारत के लिए त्‍याग तपस्‍या करने वाले लक्ष्यावधि महापुरुषों के आशीर्वाद, हम सबको देश की एकता, अखंडता के लिए, भारत के विकास के लिए, भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक नई ताकत देंगे। यही मेरा इन महापुरुषों को नमन करते हुए आदरपूर्वक उनके आशीर्वाद की कामना है।

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मैं यहां पर एक संकल्‍प दोहराऊंगा। आप सबसे मेरा आग्रह है कि हम सभी आज मेरे साथ-साथ इस संकल्‍प को दोहराएंगे। हर किसी को अपने स्‍थान पर खड़े रहने केलिए मैं प्रार्थना करता हूं और हम भारत माता का मन में स्‍मरण करें, भारत के इन महापुरुषों का स्‍मरण करें और विशेष रूप से आज सरदार साहब की जन्‍म जयंती है, सरदार साहब का स्‍मरण करें और मेरे साथ बोलिये

मैं सत्‍य निष्‍ठा से शपथ लेता हूं कि मैं राष्‍ट्रीय एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्‍वयं को समर्पित करूंगा, मैं अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्‍न करूंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं जिसे सरदार वल्‍लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्‍चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्‍यनिष्‍ठा से संकल्‍प करता हूं।

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

  • Babla sengupta January 15, 2024

    Babla sengupta
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PM chairs high-level meeting to review the progress of the fisheries sector
May 15, 2025
QuoteFocus of the discussion on Fishing in the EEZ and High Seas
QuotePM Calls for using Satellite Technology to Boost Fisheries and Fishermen Safety
QuotePM Stresses Modernization of Fisheries with Smart Harbours, Drone Transport, and Value-Added Supply Chains
QuoteOn the lines of agro tech in the agriculture sector, PM suggests enhanced adoption of fish tech in the fisheries sector for improving production, processing and marketing practices
QuotePM discusses Fisheries in Amrit Sarovars and promotion of Ornamental Fisheries for livelihood support
QuotePM suggests exploration of multifarious use of seaweeds for fuel purposes, as nutritional inputs, in pharmaceuticals and other sectors
QuotePM calls for strategy to Boost Fish Supply in Landlocked Areas

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired a high-level meeting to review the progress of the fisheries sector, with focus on Fishing in the Exclusive Economic Zone(EEZ) and High Seas, at his residence at Lok Kalyan Marg earlier today.

Prime Minister emphasized the extensive use of satellite technology to harness better use of fish resources and give safety instructions to fishermen.

Prime Minister stressed on modernization of the sector through smart harbours and markets, use of drones in transportation of the catch and its marketing. He said that there is a need to move toward a healthier system of functioning so as to add value in the supply chain.

Further, Prime Minister suggested exploration of the usage of drones, as per technical protocols, for transportation of fresh fish from production centres to big nearby markets in cities / towns in consultation with civil aviation.

Prime Minister underlined the need for improvements in processing and packaging of the produce. Facilitation of investments from the private sector was also discussed.

Regarding the use of technology, Prime Minister said that similar to agro tech in the agriculture sector, adoption of fish tech in the fisheries sector should be enhanced for improving the production, processing and marketing practices.

Prime Minister said that taking up fisheries production in Amrit Sarovars will not only improve the sustenance of these water bodies but also improve the livelihoods of the fishermen. He also highlighted that ornamental fisheries also needs to be promoted as an avenue for income generation.

Prime Minister said that a strategy should be worked out to serve the needs of landlocked areas where there is high demand for fish but not enough supply.

Prime Minister suggested that usage of seaweeds for fuel purposes, as nutritional inputs, in pharmaceuticals and other sectors should be explored. He said that all the departments concerned should work together and use technology to create the required outputs and outcomes in the seaweed sector, ensuring complete ownership.

Prime Minister also suggested undertaking capacity building of fishermen in modern fishing practices. He also suggested maintenance of a negative list of items that hinder the growth of the sector so that action plans can be made to overcome these and further enhance Ease of Doing Business and Ease of Living of the fishermen.

During the meeting, a presentation was also done on the progress made in important initiatives, compliances to the suggestions given during the last review, and the proposed enabling framework for sustainable harnessing of fisheries from the Indian Exclusive Economic Zone(EEZ) and High Seas.

Since 2015, Government of India has stepped-up investment to Rs. 38,572 crore through various GoI schemes and programs namely Blue Revolution Scheme, Fisheries and Aquaculture Infrastructure Development Fund (FIDF), Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY), Pradhan Mantri Matsya Samridhi Sah Yojana (PM-MKSSY) and Kisan Credit Card (KCC). India has registered an annual fish production of 195 lakh tons in 2024-25 with sectoral growth rate of more than 9%.

The meeting was attended by the Union Minister of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying Shri Rajiv Ranjan Singh alias Lalan Singh, Principal Secretary to PM Dr. P.K. Mishra, Principal Secretary-2 to PM Shri Shaktikanta Das, Advisor to PM Shri Amit Khare, Secretary of the Department of Fisheries and senior officials.