QuoteThose that destroyed the ethos of this great land are out not to form a government at the Centre, they are rather looking to grab an opportunity to return to power: PM Modi
QuoteI urge my supporters to vote for the BJP-led NDA so as to keep these anti-social elements in check while the economy of Bihar prospers in the years to come: Prime Minister Modi
QuoteThe BJP-led NDA government acts with a ‘zero-tolerance’ policy on terrorism and will not shy away from hitting terror at its epicenter if any attack is made against India: PM Modi in Bihar

भारत माता की जय, भारत माता की जय

यहां वैशाली और हाजीपुर से भी भारी संख्या में सब साथी आए हैं। मैं उनका भी बहुत-बहुत आभारी हूं। भाइयो-बहनो, मैं नीतीश कुमार जी को सुन रहा था, और जिस प्रकार से हमारी माताएं और बहनें उनकी बात का स्वागत कर रही थीं। ये दृश्य शायद बिहार में ही देखने को मिल सकता है। मैं इन माताओं और बहनों को विशेष प्रणाम करता हूं। भाइयो-बहनो लीची और आम मिठास घोलने वाली स्वीट सिटी में आप जितनी बड़ी संख्या में हम सभी को आशीर्वाद देने आए हैं, वो कई लोगों के मुंह में कड़वाहट पैदा करने वाला है। चार चरणों के चुनाव के बाद ये लोग चारों खाने चित्त हो चुके हैं। अब अगले चरणों में तय होना है कि इनकी हार कितनी बड़ी होगी, और एनडीए की जीत की कितनी भव्य होगी। जब हर बूथ पर बीजेपी एनडीए कार्यकर्ता मजबूती से डटे हुए हो, जब लोग खुद घरों से बाहर निकलकर अपने इस सेवक का प्रचार कर रहे हो। एनडीए की विजय निश्चित देखकर भी जब हर व्यक्ति उस विजय में अपना योगदान देने के लिए बेताब हो, तो समझ सकते हैं कि हवा का रुख किधर है। भाइयो-बहनो, ये लहर नहीं ललकार है। ये लहर नहीं ललकार है, फिर एक बार मोदी सरकार है।

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साथियो, नीतीश जी, पासवान जी, सुशील जी, एनडीए के इन हमारे सभी लीडर के प्रयत्नों से एनडीए के लगातार प्रयासों से बहुत मुश्किल से बिहार ने अपने पुराने दौर को पीछे छोड़ा है। जिन लोगों ने इस महान भूमि की पहचान बदल दी। वो ये चुनाव में केंद्र सरकार बनाने के लिए नहीं लड़ रहे हैं। वो छटपटा रहे हैं किसी भी तरह से अपने कुछ मेंबर की संख्या बढ़ाने के लिए, इसलिए मैं बिहार के लोगों को सावधान कर रहा हूं। उनकी ताकत बढ़ाने का मकसद है, बिहार में फिर से लूटपाट के दिन उस दौर को वापस लाना। उनकी ताकत बढ़ाने का मतलब है बेटियों का अपहरण, गुंडागर्दी, हत्याएं, हर योजना में भ्रष्टाचार। उनकी ताकत बढ़ाने का मतलब है सूरज ढलने के बाद अपने ही घर में कैद हो जाना। घुट-घुट के जीना, पलायन के लिए मजबूर हो जाना। बिहार को इन लोगों ने यहीं दिया है, आज फिर से ये लोग अपनी गिद्ध दृष्टि जमाए हुए बिहार पर। ये बिहार को जाति में बांटकर, समाज को बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। वो अपने भ्रष्टाचार, अपने काले कारनामे को छिपाना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि किसी भी प्रकार से दिल्ली में एक कमजोर ढीली-ढाली कमजोर सरकार बने, ताकी वो मनमानी कर सके। जो जेल में हैं, जो जेल के दरवाजे पर है, जो बेल पर है, जो बेल के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। वो सब केंद्र में एक मजबूत सरकार को एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं करना चाहते। लेकिन साथियो, ये चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जो अभियान हमने चलाया हुआ है। उसकी रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी। जो बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल, फॉर्म हाऊस खड़े हुए हैं, उसका भी हिसाब देना होगा। इनको गरीब का लूटा एक-एक पैसा लौटाना ही पड़ेगा। जिस तरह से मिशेल मामा को उठा कर लाएं हैं। इनके बाकी चाचाओं को भी भारत आना ही पड़ेगा।

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बीते पांच वर्ष में इन लोगों को बेल लेने के लिए मजबूर किया है। बेल तक पहुंचाया है। अब जेल भी भिजवाने की पूरी तैयारी है। भाइयो-बहनो, स्वार्थ और सिर्फ अपने हित के लिए समर्पित इन सारे महामिलावट करने वालों की मंशा को समझना बहुत जरूरी है। अगर आप ध्यान दें तो जितने भी ये महामिलावटी के दल हैं, उनमें से ज्यादातर इतनी सीटों पर भी नहीं लड़ रहे हैं कि वो लोकसभा में नेता विपक्ष का पद हासिल कर पाएं। यानी नेता विपक्ष बनने के लिए जो नियम है कि लोकसभा की 10 प्रतिशत सीटें जीतनी पड़ेगी। 2014 में देश की जनता ने कांग्रेस को भी नेता विपक्ष बन सके, इतनी सीटें नहीं दी थी, और इनदिनों अब इनके बीच में लड़ाई चल रही है। कांग्रेस वाले सोचते थे कि हम तो पांच साल विपक्ष के नेता भी नहीं बन पाए और कोई बनना नहीं चाहिए, इसलिए वो महामिलावटी लोगों की भी टांग खींचने में लगे हैं। भाइयो- बहनो, जिनके नसीब में विपक्ष के नेता का पद नहीं है, वो प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं। साथियो, इनके लिए सत्ता से ऊपर कुछ भी नहीं है, देश भी नहीं है। इन लोगों को सिर्फ इपनी शानो-शौकत और सुरक्षा की चिंता रहती है, देश की नहीं। याद करिए वो दिन जब देश के बड़े बड़े शहरों में, कभी ट्रेन में, कभी बाजार में, कभी बस में, कभी मंदिर में, कभी रेलवे स्टेशन पर बम धमाके हुआ करते थे। बम धमाके के उस दौर में कांग्रेस और उसके साथी कैसे कमजोरों की तरह बर्ताव करते थे। ये भी याद रखिए आतंकवाद जब फलता है, फूलता है तब कोई बचता नहीं है, कोई सुरक्षित रहता नहीं है। किसी भी जाति का हो, किसी की भी पंथ का हो, कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं रहता।

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बीते पांच वर्षों में बहुत मेहनत से हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने हमारे सपूतों ने इन गलत इरादे वालों को रोक कर रखा है। लेकिन उनके इरादे तो वैसे ही है, वो मौके की तलाश में हैं, मौका मिलेगा तो फिर हमला करने के लिए वो अपने प्लान करते ही रहते हैं, और हम उनके प्लान खत्म करने में लगे रहते हैं। ये रोज की लड़ाई है। सिर्फ भारत नहीं दुनिया पर से भी आतंकी खतरा टला नहीं है। कौन सोच सकता था कि श्रीलंका में 300 लोगों को मार देंगे। आय दिन और इसलिए देश में एक ऐसी सरकार चाहिए, जो आतंकवाद को, देश में हिंसा फैलाने वाली हर ताकत को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हो। भाइयो-बहनो, आप बताइए, आप बताइए, ये आतंकवाद को कौन खत्म कर सकता है? माताएं-बहनें जो बताएंगी वो सच्चा आशीर्वाद होगा। कौन कर सकता है? आतंकवाद और नक्सलवाद पर सबसे बड़ा प्रहार करके ये ताकत किसने दिखाई है? किसने दिखाई है? साथियो, चाहे देश के भीतर हो या फिर सीमा के उस पार आतंक और हिंसा फैलाने वाली फैक्ट्री जहां भी होगी इस चौकीदार के निशाने पर है। भारत को जहां से भी खतरा होगा। हम घर में घुसकर के मारेंगे। ये तय है, साथियो, एनडीए की नीति स्पष्ट है। लेकिन महामिलावटी दलों की देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए क्या नीति है, क्या आपको पता है क्या? कभी उन्होंने बताया क्या ? क्या इन्होंने अपनी रैली में इस पर एक शब्द बोला है क्या ? उनको आपकी सुरक्षा की चिंता है क्या? भाइयो-बहनो, इनका इतिहास ऐसा है कि आतंकवाद पर कुछ भी नहीं कह सकते। पाकिस्तान का नाम सुनते ही इनके पैर कांपने लगते हैं। इनकी सरकार डोलने लगती है। यहीं कारण है कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्टाइक के नाम पर इनको एलर्जी होती है, और उनकी नींद हराम हो जाती है। उनको चिंता है कि ये मोदी ने कैसे कर दिया। ये सवाल उनको सोने नहीं देता है। और इसलिए ये राष्ट्र रक्षा की बात करने से भी कतरा रहे हैं। भाइयो-बहनो, इनकी जमीन इसलिए भी खिसक रही है, क्योंकि पांच वर्ष में सबका साथ सबका विकास को हमने जमीन पर उतारा है। गांव-गांव गरीब के घर तक ले गए हैं। सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं को 10% आरक्षण सामाजिक सद्भाव का एक बहुत बड़ा प्रयास है। क्योंकि इसमें किसी दूसरे वर्ग का हक बिल्कुल नहीं छीना गया। यहीं नहीं हमने महामिलावटियों के तमाम विरोध के बावजूद ओबीसी कमीशन को भी संवैधानिक दर्जा दे दिया है। और मैं गर्व से कह सकता हूं जब आज मुजफ्फरपुर की धरती पर आया हूं। मैं गर्व से कह सकता हूं कि इसी पवित्र धरती से यहीं के संतान भगवान लाल साहनी इसके सबसे पहले चेयरमैन हमने बनाए है। 

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साथियो, हमने देश को लाल बत्ती की संस्कृति से निकाला है, और गांव-गांव गरीब-गरीब को एलईडी बल्ब दूधिया बत्ती से रौशन कर दिया है। हम लोगों की सबकी लाल बत्ती चली गई, लेकिन गरीब के घर में बत्ती जल रही है। ये हमारे लिए पूंजी है। हमने उस गरीब को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने का काम किया है। जिसको इलाज के लिए अपना घरबार कभी बेचना पड़ता था। हमने गांव-गांव में गरीब बहनों के घर उनको इज्जत घर देने शौचालय देने का काम किया। हमने उस गरीब बहन तक मुफ्त रसोई गैस का कनेक्शन पहुंचाने का काम किया। जो गरीब मां पूरी उम्र धुएं में जिंदगी गुजारती थी, उन माताओं को बहनो को हमने धुएं से मुक्ति दिलाई है। मेरी मां वहां से मुझे आशीर्वाद दे रही है। हमने उस गरीब को पक्का घर देने का बीड़ा उठाया है। जिसने सपने में भी कभी अपने घर के बारे में नहीं सोचा था। साथियो, जिनको ये सुविधाएं मिल चुकी है, उनको मैं ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जिनको नहीं मिला है उनको भी मैं विश्वास देता हूं ये मोदी है, वादों का पक्का है, ये मैं सबको देकर के ही रहने वाला हूं। हमने संकल्प लिया है कि 2022 तक हर गरीब के पास अपना पक्का घर हो, इतना ही नहीं जो हमारे किसान परिवार हैं, उनके खाते में सीधे पैसे जमा होने शुरू हो चुके हैं, और 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे, और फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। चुनाव नतीजे के बाद फिर से एक बार मोदी सरकार आएगी। तब हम बिहार के सभी किसानों को ये सुविधा देने वाले हैं। 5 एकड़ की सीमा जो आज है, उसे हटा दिया जाएगा। सब किसानों को उसका लाभ मिलेगा। इसी तरह जो हमारे मछली के व्यवसाय से जुड़े साथी है। उनके लिए हमने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा पहले ही दी जा चुकी है। अब मछली पालन के लिए एक अलग से मंत्रालय होगा। अलग डिपार्टमेंट बनाने का हमने फैसला किया है। जो हमारे लीची उत्पादक किसान है उनकी सुविधा के लिए यहां लीची ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया गया है। 

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साथियो, हमारे छोटे किसान हो, खेत मजदूर हो, छोटे दुकानदार हो। सबको 60 वर्ष की आयु की बाद नियमित पेंशन मिले। इसका इंतजाम भी हम करने वाले हैं। व्यापारियों के लिए तो हमने पहली बार एक राष्ट्रीय आयोग बनाने का फैसला लिया है। जो जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारी और कारोबारी हैं, उनको 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा देने का संकल्प भी हमने लिया है। भाइयो–बहनो, मुजफ्फरपुर और वैशाली के इन्फ्रास्टकचर को मजबूत करने के लिए भी गंभीर प्रयास हम कर रहे हैं। सड़क, रेल और हवाई यातायात से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं। पताही एयरपोर्ट भी जल्द ही आप सभी को नियमित सेवाएं देना शुरू कर देगा। भाइयो -बहनो, ऐसे सभी काम तभी पूरे हो पाएंगे जब दिल्ली में एक ईमानदार और मजबूत सरकार बनेगी। मजबूत सरकार तभी बनेगी जब यहां के सभी मेरे साथी मुजफ्फरपुर के लोग कमल छाप पर, वैशाली के लोग बांग्ला छाप पर, और सीतामढ़ी के लोग तीर छाप पर वोट डालेंगे। हम थ्री इन वन है। आप कमल छाप को वोट डालोगे कहां जाएगा, मोदी के खाते में जाएगा। आप बांग्ला छाप पर वोट डालोगे, कहां जाएगा मोदी को जाएग। आप तीर छाप को वोट डालोगे, कहां जाएगा, मोदी को जाएगा। आपका हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। भाइयो-बहनो, फिर एक बार मैं इतनी बड़ी तादाद में आप आए, हमें आशीर्वाद दिया, मेरा आग्रह है कि पहले से मतदान ज्यादा करें, और जैसा नीतीश जी ने बताया कि पहले मतदान फिर जलपान... हम लोग इस मंत्र को लेकर के जाएं। मेरे साथ बोले- भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय
बहुत बहुत धन्यावाद...

 

 

 

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India is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM Modi
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteThe success of Chandrayaan mission and your historic journey renew interest in science among the children and youth of the country: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteYour historic journey is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission and will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!