QuoteThe next five years will be about building a magnificent country with the strong foundations built since 2014: PM Modi in Gondia
QuoteThe Congress ‘Dhakosala-Patra’ is a manifesto for Pakistan’s propaganda. It is a manifesto for demoralising our armed forces: Prime Minister Modi
QuoteThe BJP government will fulfill the growing aspirations and provide stable growth of an emerging economy like India: PM Modi

भारत माता की जय...जय
भारत माता की जय...जय
भारत माता की जय...जय

मराठी नववर्ष गुड़ी पड़वा की अग्रिम शुभकामनाएं। आज सुबह से मैं निकला हूं। हिदुस्तान के पूर्वी छोर पर अरूणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक वहां से फिर महाराष्ट्र में आपके बीच लेकिन आज मैं कह सकता हूं कि जिन-जिन राज्यों में जाने का मौका मिला है। चुनाव प्रचार मैंने 2013-14 में भी किया था। चुनाव प्रचार मैंने अलग अलग राज्यों की विधानसभा में भी किया था लेकिन ऐसी लहर पहले कभी देखी नहीं है।

ये ऐसा चुनाव है जो देश की जनता लड़ रही है। ये ऐसा चुनाव है जो देश के दुश्मनों के लिए नरमी बताने वालों को जनता ने सबक सिखाने की ठान ली है। ऐसा लग रहा है - जैसे एक रैली दूसरी रैली का रिकार्ड तोड़ती जा रही है। अगर अभी देवेंद्र जी ने आप सब से मोबाइल की लाइट ऑन नहीं करवाई होती, तो मैं भी यहां बैठे-बैठे अंदाज नहीं कर सकता कि कितने दूर दूर तक लोग है, जब लाइट हुई तो पता चला कि कहीं नजर नहीं पहुंच रही है।

महाराष्ट्र के मन में क्या है, देश के मन में क्या है वो सब बाते आपके जोश में दिख रही है। इस बार महायुति महाराष्ट्र से महामिलावट को पूरी तरह साफ करने जा रही है। आपने जो लहर पैदा की है...विकास विरोधी, प्रगति विरोधी, परिवारवादी, वंशवादियों को उखाड़ने फैंकनें का जो फैसला किया है। इसके लिए दोनों मुट्ठी बंद करके मेरे साथ बोलिए -

भारत माता की...जय
भारत माता की...जय

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मा मांडव देवी.....मां मांडव देवी का जिस धरती पर आशीर्वाद हो, और नागरा के भोले शिव जहां कि रक्षा करते हो ऐसी वीरों की भूमि को प्रणाम करता हूं। साथियो, पिछली बार जब मैं गोंदिया आया था तो मैंने आप से वादा किया था कि आपके आशीर्वाद और आपके प्यार को मैं सूद समेत ब्याज समेत वापस करूंगा याद है ना, ऐसा मैंने कहा था और मैंने ये भी कहा था कि मैं ब्याज समेत लौटाउंगा और विकास करके लौटाउंगा। आज मैं आपके बीच आया हूं हिसाब देने के लिए लेकिन हिसाब देने से पहले में आपका आभार व्यक्त करना चाहता हूं.और गोंदिया की इस घरती से महाराष्ट्र के सभी नागरिकों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं और यहां से मैं हिंदुस्तान के सभी नागरिकों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं।

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आप सभी भंडारा गोंदिया और महाराष्ट्र की जनता के साथ और सहयोग से पांच वर्ष तक बिना रूके बिना थके मैं निरंतर काम कर पाया। अनेक महत्वपूर्ण फैसलें लिए देश को बदलने के लिए भरसक कोशिश की। गरीब के घर में टायलेट बनाने से लेकर के अंतरिक्ष में सेटेलाइट को मार गिराने तक, जल हो, थल हो, नभ हो,अतरिक्ष हो पांच साल लगातार लगा रहा ये संभव हुआ है आपके आशीर्वाद के कारण, आपके समर्थन के कारण।

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अगर आप देशवासियों ने 2014 में मेरा साथ ना दिया होता, मुझे आशीर्वाद दिए न होते तो क्या ये हो सकता था। और इसलिए आज पांच साल के बाद देश की जनता के पास निकला हूं तो मेरा सबसे पहला कर्तव्य बनता है कि दोनों हाथ जोड़कर के आप सबका धन्यवाद करूं और आगे के पांच साल के लिए आपके आशीर्वाद की कामना करने आया हूं।

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साथियो, आपके विश्वास का ही परिणाम है कि 72 साल के गड्ढों को हम भर पाएं। जब मैं आया था तो मैंने सरकार में व्यवस्था में तिजोरी में ऐसे-ऐसे गड्ढे देखे, ऐसे-ऐसे गड्ढे देखें पांच साल उन गड्ढों को भरने में चले गए। अब आपके सहयोग से विकास का नया हाइवे बनेगा, आपके भरोसे से ही भारत का दुनिया में एक नई पहचान बनी। अब महाशक्तियों के साथ कदमताल का काम भी आपके साथ से ही होने वाला है। आप बताइए आपके इस चौकीदार के प्रयासों से आप मेरे गोदिया भंडारा के भाई बहन इस चौकीदार के प्रयासों से आप संतुष्ट हैं...

ऐसा नहीं पूरी ताकत से बताओ पता चले? चौकीदार की निष्ठा और नीयत पर आपको विश्वास है? देश सही दिशा में जा रहा है, आपको भरोसा है?

आपका ये विश्वास यही मेरी पूंजी है। ये आपका यही विश्वास देश में बड़े और कड़े फैसलें करा रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक याद है ना आतंकियों को कैसे घर में घुसकर मारा याद है ना।
आजकल दिल्ली के एयरकंडीशन कमरे में बैठे हुए लोग नई-नई कथाएं बाजार में छोड़ते रहते हैं। जिनको मोदी शब्द सुनते ही नींद हराम हो जाती है। ये लोग चला रहे हैं - ये जो बालाकोट की घटना है ना, अब महीना हो गया लोग भूल रहे हैं, भूल रहे हैं...आपको क्या लग रहा है भूल रहे हैं क्या...याद है क्या देश...अरे ये देश 1962 की लड़ाई भी नहीं भूला है तो बालाकोट कैसे भूल सकता है।

साथियो, जब बात देश की होती है तो हमारे लिए देश प्रथम, पार्टी उसके बाद में। हमारे लिए दल से बड़ा देश है लेकिन सच्चाई ये भी है कि हमारा देश दशकों तक एक ऐसी उल्टी दिशा में ही चला है। आतंकियों पर कार्रवाई के बजाए तुष्टिकरण के नाम पर उन्हें बचाने का काम किया गया है। अब देश में अपनी दिशा भी बदली है और आगे बढ़ने की गति भी बदली है लेकिन महाराष्ट्र के साथियो, गोंदिया के भाईयों बहनों कांग्रेस द्वारा देश को एक बार फिर अस्थिर करने की साजिश... आप देख रहे है इनका एक आदत है या तो पूरा कब्जा करों नहीं तो फिर कंफ्यूजन करो और आज वो देश में कंन्फ्यूजन पैदा करने में लगे हैं। क्योंकि उनको मालूम है मोदी है तो लोगों की भलाई हो रही है और उनकी मलाई छू हो रही है। अब मुझे बताइए मुझे भलाई वालों के लिए काम करना चाहिए या मलाई वालों के लिए। कल इन लोगों ने जो ढकोसला पत्र जारी किया है। वो राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ का दस्तावेज है, कांग्रेस का ढकोसला पत्र पाकिस्तान की साजिशों का योजना पत्र है, कांग्रेस का ढकोसला पत्र देश के वीर जवानो को तोड़ने का षड़यंत्र है, कांग्रेस का ढकोसला पत्र भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा लगाने वालों का साजिश पत्र है।

साथियो, इस क्षेत्र में नक्सली हिंसा से निपटने में हमारे जवान निरंतर डटे हुए है। महाराष्ट्र में हिंसा फैलाने वालों के दिन अब गिन चुके हैं। लेकिन मेरे प्यारे भाईयों-बहनों आपको सावधान रहना होगा अगर थोड़ी सी भी चूक हुई, अगर इन महामिलावट करने वालों को जरा भी मौका मिला, तो नक्सल माओवादी आंदोलन को ओर गति मिलने वाली है।

साथियो, जब हमारी सरकार हिंसा के लिए उकसाने वाले अरबन नक्सलियों को सजा दिलाने का प्रयास कर रही है तब कांग्रेस और एनसीपी के नेता कैसे उनके साथ खड़े हो जाते हैं। ये आपने भली भांति देखा है, अब तो कांग्रेस ने खुलकर घोषणा की है कि अगर कोई अरबन नक्सली देश विरोधी काम करता पकड़ा जाए तो उस पर देश द्रोह का केस नहीं चलेगा।

मेरे प्यारे भाईयों बहनों आपको यह बात मंजूर है - ये कांग्रेस सही कर रही है, एनसीपी सही कर रही है। मुझे बताइए देश का हाल क्या होगा। क्या आपके रहते हुए देश का ऐसा हाल होने देंगे। ये देशद्रोहियों को मुक्ति दिलाने वालों को आप मौका देंगे क्या? क्योंकि कांग्रेस ने देशद्रोह से जुड़े कानून को ही हटाने का फैसला किया है।

क्या देशद्रोह का कानून हटना चाहिए? क्या देशद्रोह का कानून हटना चाहिए? मेरी माताएं बहनें बहुत बड़ी संख्या में यहां बैठी है बताइए क्या देशद्रोह का कानून हटना चाहिए?
भारत को तोड़ने की कोशिश करने वालों को खुला लाइसेंस मिलना चाहिए क्या? हजारों जवानों के बलिदान का अपमान करने वाली कांग्रेस और उसकी साथी एनसीपी को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? मैं तो देश के रक्षा मंत्री रहे श्रीमान शरद पवार जी से पूछना चाहता हूं कि क्या वो कांग्रेस के ढकोसला पत्र से सहमत है क्या?

अरे आप तो रक्षा मंत्री रहे हैं अरे आपका जन्म छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती पर हुआ है। क्या मूंह पर ताले लगाकर बैठ गए हो इतनी क्या कारण हैं। कांग्रेस के इन पापों को ढो रहे हो मुझे समझ नहीं आ रहा है क्या वो देश की सेना को देश के सुरक्षा बलों को कमजोर करने के कांग्रेस के फैसलें से सहमत हैं? ये शरद राव ने जवाब देना पड़ेगा।

साथियो, अपने राजनीतिक अस्तित्व को खोने की बौखलाहट में ये महामिलावटी लोग आए दिन सुबह शाम ये चौकीदार को गाली देने में जुटे हैं। उनकों मेरे काम से ज्यादा मेरे नाम से समस्या है। पहले चायवाले इतिहास से उनको दिक्कत थी अब चौकीदार से हो गई है। मैंने क्या किया इससे ज्यादा उनको इस बात की चिंता है मैं कहां पैदा हुआ, किस परिवार और किस समाज से उठकर मैं ऊपर आया। यही गणित यही अहसास दिलाने का ये प्रयास कदम कदम पर ये कर रहे है मैं आपको कुछ उदाहरण देता हूं कांग्रेस के नामदार जगह-जगह कहते फिर रहे हैं कि मोदी जैसे तो हम अमीरों के यहां चौकीदारी करते हैं। क्या ये शब्द शोभा देते हैं क्या?

कांग्रेस के एक राग दरबारी मुझे शौचालय का चौकीदार बोल रहे हैं। शरद पवार जी के पार्टी के नेता चौकीदार को जाहिल बता रहे हैं। जम्मू कश्मीर में इनकी महामिलावट के एक साथी कहते हैं कि मोदी को देश चलाना नहीं आता है?
भाइयो-बहनो देश कैसे चलना चाहिए? क्या वैसा चलना चाहिए था जैसा 2014 से पहले चल रहा था?
जब जवान भी परेशान था, किसान भी परेशान था और नौजवान भी निराशा में डूबा था। यूरिया के लिए लंबी लंबी कतारे लगा करती थी किसानों को लाठियां खानी पड़ती थी। विदर्भ के किसानों के लिए पैकेज घोषित होते थे। वो बिचोलियों की जेब में चले जाते थे। किसान के पानी के हजारों करोड़ रूपये एनसीपी और कांग्रेस के लोगों की जेब में चला जाता था। क्या देश ऐसे चलना चाहिए था?
झीलों के शहर, इस शहर को जिन्होंने अपने कुशासन से बूंद-बूंद पानी के लिए तरसा दिया। क्या ऐसे देश चलना चाहिए था?
हम इन परियोजनाओं को पूरा कर रहे हैं जिससे यहां के किसानों कि दिक्कत दूर की जा सके। इसका फायदा आपको मिलना शुरू भी हो गया है।

साथियो, मोदी को देश ने चौकीदारी दी तो उसके पीछे की भावना स्पष्ट थी। इसी भावना के अनुरूप काम करते हुए आपके इस चौकीदार ने धान, तूर सहित 22 फसलों का MSP लागत का डेढ़ गुना तय कर दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस-एनसीपी की जब सरकार थी तो पांच वर्षों महाराष्ट्र में इन्होंने जितनी दाल खरीदी उससे पंद्रह गुना ज्यादा दाल इस चौकीदार की सरकार ने खरीदी है। अभी हमारे देवेंद्र जी आंकड़े दे रहे थे कि उनके समय कितने कोटी का काम हुआ, इनके समय कितना कोटी का काम हुआ - हिसाब साफ-साफ है भाइयों। इससे किसानों को तो अच्छे दाम मिले ही हैं, गरीबों को उचित मूल्य पर दाल भी उपलब्ध हो पाई है।

साथियो, 2022 तक जब हिंदुस्तान की आजादी के 75 साल होंगे। ये मेरा सपना है और आपके आशीर्वाद से पूरा भी होने वाला है। 2022 आजादी के जब 75 साल होंगे। तब दो सपनें मुझे पूरे करने हैं। एक मेरे देश के किसानों की आय दोगुनी हो और दूसरा हिंदुस्तान में एक भी परिवार ऐसा ना हो, जिसको रहने के लिए पक्का घर न हो। आपका वोट हर गरीब को घर देने वाला है और जब जिसको घर मिलेंगे उसके आशीर्वाद आपको मिलने वाले हैं। किसानों की आय दोगुनी हो सके, इसके लिए भी एक ऐतिहासिक फैसला चौकीदार की सरकार ने किया है। पीएम किसान सम्मान योजना के माध्यम से 75 हजार करोड़ रुपये हर वर्ष करीब 12 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खाते में जमा किया जा रहा है। इसमें गोंदिया सहित पूरे महाराष्ट्र के सवा करोड़ किसान परिवार हैं। इनमें से 16 लाख से अधिक किसानों के बैंक खाते में पहली किश्त आ भी चुकी है और बाकियों के खाते में भी जल्द ही पैसे पहुंच जाएंगे।

भाइयो और बहनो हमारी सरकार की नीति और नीयत दोनों आपके सामने खुली किताब की तरह है। “सबका साथ, सबका विकास” हमारा प्रण हैं और सबको सम्मान ये हमारी प्रतिबद्धता है। इसी सोच के साथ हमने पांच साल से काम किया है यही कारण है हमने दलित, आदिवासी, वंचित, पीडित, शोषित हर समाज को ऊपर उठाने का एक प्रयास किया है। जिन बाबा साहेब अंबेडकर को कांग्रेस ने अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। देशभर में उनसे जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ में बदलने का काम इस चौकीदार की सरकार ने किया है। हमारे आदिवासी नायक-नायिकाओं के योगदान को संजोने के लिए देशभर में स्मारकों का निर्माण भी हमारी ही सरकार कर रही है।

भाइयो और बहनो मैंनें आपके बीच आकर कभी दावा नहीं किया कि मैंने सारे काम पूरे कर दिए, अरे जो 70 साल सरकार चला चुके है वो नहीं कर पाए तो ये पांच साल वाला क्या कर सकता है। लेकिन अनेक क्षेत्रों में हमने महत्वपूर्ण काम किए, अनेक क्षेत्रों में काम तेज गति से आगे बढ़ रहे है और बहुत सारे काम निकट भविष्य में पूर्णता पर हैं। आपका ये चौकीदार पूरी ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभा रहा है। आज हम जो भी काम कर रहे है वो जब पूरा होने की तरफ बढेंगे तो देश समर्थ होगा, देश सक्षम होगा, देश सुरक्षित होगा।

भाइयो और बहनो मुझे विश्वास है 11 अप्रैल को आप इस चौकीदार के प्रयासों पर मोहर लगाएंगे कमल के निशान पर बटन दबाएंगे। और भाइयो और बहनो आपका हर कमल हर वोट सीधा-सीधा मोदी को मिलने वाला है।और भाइयो ये एनसीपी के नेता बड़े-बड़े खैरखां...जरा उनको ये भी कभी पूछ लेना। मैं आज बड़ी सारी चीजें बताना नहीं चाहता हूं लेकिन उनको पूछ लीजिए कि आजकल उनकों नींद क्यों नहीं आती...पूछोंगे...कि आपको नींद क्यों नहीं आती। नींद न आने का कारण है...उनकी नींद आजकल दिल्ली की तिहाड़ जेल में जमा पड़ी है। उनको डर सता रहा है कि जो अंदर गया है वो कुछ बोल देगा तो होगा क्या? बड़े परेशान है और वो दिन दूर नहीं है जब सारी चीजें खुलकर बाहर आएंगी भाइयो।

प्यारे भाइयो-बहनो आप इतनी बड़ी तादाद में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए। मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं और मेरे साथ आप जरूर बोलिए....मैं कहूंगा मैं भी....आप कहेंगे चौकीदार।

कहेंगे...पूरी ताकत से कहेंगे, हाथ ऊपर उठाकर करके करेंगे आवाज जहां तक पहुंचनी चाहिए वहां तक पहुंचाएंगे।
मैं भी – चौकीदार, मैं भी – चौकीदार, मैं भी – चौकीदार, गांव-गांव – चौकीदार, गली-गली – चौकीदार, शहर-शहर – चौकीदार, डाक्टर भी – चौकीदार, शिक्षक भी – चौकीदार, इंजीनियर भी – चौकीदार, युवा भी – चौकीदार, महिला भी – चौकीदार, बच्चे भी – चौकीदार, बुजूर्ग भी – चौकीदार, किसान भी – चौकीदार, कलाकार भी – चौकीदार, हिंदुस्तान – चौकीदार, हिंदुस्तान – चौकीदार, सीमापार – चौकीदार,सीमा की रक्षा करने वाले – चौकीदार।

भाईयों-बहनों इन सभी चौकीदारों का गौरव करते हुए मेरे साथ बोलिए।

भारत माता की जय
भारत माता की जय
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Cabinet approves the Prime Minister Dhan-Dhaanya Krishi Yojana
July 16, 2025
QuoteFast tracking development in agriculture and allied sectors in 100 districts

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi today approved the “Prime Minister Dhan-Dhaanya Krishi Yojana” for a period of six years, beginning with 2025-26 to cover 100 districts. Prime Minister Dhan-Dhaanya Krishi Yojana draws inspiration from NITI Aayog’s Aspirational District Programme and first of its kind focusing exclusively on agriculture and allied sectors.

The Scheme aims to enhance agricultural productivity, increase adoption of crop diversification and sustainable agricultural practices, augment post-harvest storage at the panchayat and block levels, improve irrigation facilities and facilitate availability of long-term and short-term credit. It is in pursuance of Budget announcement for 2025-26 to develop 100 districts under “Prime Minister Dhan-Dhaanya Krishi Yojana”. The Scheme will be implemented through convergence of 36 existing schemes across 11 Departments, other State schemes and local partnerships with the private sector.

100 districts will be identified based on three key indicators of low productivity, low cropping intensity, and less credit disbursement. The number of districts in each state/UT will be based on the share of Net Cropped Area and operational holdings. However, a minimum of 1 district will be selected from each state.

Committees will be formed at District, State and National level for effective planning, implementation and monitoring of the Scheme. A District Agriculture and Allied Activities Plan will be finalized by the District Dhan Dhaanya Samiti, which will also have progressive farmers as members. The District Plans will be aligned to the national goals of crop diversification, conservation of water and soil health, self-sufficiency in agriculture and allied sectors as well as expansion of natural and organic farming. Progress of the Scheme in each Dhan-Dhaanya district will be monitored on 117 key Performance Indicators through a dashboard on monthly basis. NITI will also review and guide the district plans. Besides Central Nodal Officers appointed for each district will also review the scheme on a regular basis.

As the targeted outcomes in these 100 districts will improve, the overall average against key performance indicators will rise for the country. The scheme will result in higher productivity, value addition in agriculture and allied sector, local livelihood creation and hence increase domestic production and achieving self-reliance (Atmanirbhar Bharat). As the indicators of these 100 districts improve, the national indicators will automatically show an upward trajectory.