September 11th: PM recalls Swami Vivekananda's message of Universal Brotherhood

Published By : Admin | September 11, 2014 | 11:36 IST
Quote"PM: Had we followed Swami Ji's message, history would never have witnessed such dastardly acts as the 9/11 terror attack"
Quote"प्रधानमंत्री ने कहा अगर हमने स्‍वामी विवेकानंद जी के संदेश का अनुसरण किया होता, तो इतिहास में वैसी कायरतापूर्ण घटना कभी घटित नहीं होती जैसी 11 सितंबर, 2001 में आतंकी हमले में दिखाई दी थी"

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, has recalled Swami Vivekananda's message of universal brotherhood, delivered in his soul-stirring address at World Parliament of Religions in Chicago on 11th September 1893.

"Through his address, Swami Vivekananda drew the entire world's attention to our Nation's rich history and strong cultural roots," the Prime Minister said.

""Sisters and brothers of America"…with these words of Swami Vivekananda, India's message of universal brotherhood reverberated across the world," Shri Narendra Modi said. 

"There are 2 images of 11th September - one of the trail of destruction in 2001 and the other - the message of Swami Vivekananda in 1893. Had we followed Swami Ji's message, history would never have witnessed such dastardly acts as we saw on 11th September 2001 in USA," the Prime Minister said.

"Let us remember the words of Swami Vivekananda and dedicate ourselves to furthering the cause of unity, brotherhood and world peace," the Prime Minister said.



The Prime Minister also shared the link to Swami Vivekananda's speech:

https://www.belurmath.org/swamivivekananda_works.htm 

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QuoteThe Northeast is the most diverse region of our diverse nation: PM
QuoteFor us, EAST means - Empower, Act, Strengthen and Transform: PM
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केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, सुकांता मजूमदार जी, मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला जी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा जी, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू जी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा जी, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा जी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग जी, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो जी, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा जी, सभी इंडस्ट्री लीडर्स, इन्वेस्टर्स, देवियों और सज्जनों!

आज जब मैं राइज़िंग नॉर्थईस्ट के इस भव्य मंच पर हूँ, तो मन में गर्व है, आत्मीयता है, अपनापन है, और सबसे बड़ी बात है, भविष्य को लेकर अपार विश्वास है। अभी कुछ ही महीने पहले, यहां भारत मंडपम् में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था, आज हम यहां नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टमेंट का उत्सव मना रहे हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में इंडस्ट्री लीडर्स आए हैं। ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपने हैं। मैं सभी मंत्रालयों और सभी राज्यों की सरकारों को इस काम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपके प्रयासों से, वहां इन्वेस्टमेंट के लिए एक शानदार माहौल बना है। नॉर्थ ईस्ट राइजिंग समिट, इसकी सफलता के लिए मेरी तरफ से, भारत सरकार की तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

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साथियों,

भारत को दुनिया का सबसे Diverse Nation कहा जाता है, और हमारा नॉर्थ ईस्ट, इस Diverse Nation का सबसे Diverse हिस्सा है। ट्रेड से ट्रेडिशन तक, टेक्सटाइल से टूरिज्म तक, Northeast की Diversity, ये उसकी बहुत बड़ी Strength है। नॉर्थ ईस्ट यानि Bio Economy और Bamboo, नॉर्थ ईस्ट यानि टी प्रोडक्शन एंड पेट्रोलियम, नॉर्थ ईस्ट यानि Sports और Skill, नॉर्थ ईस्ट यानि Eco-Tourism का Emerging हब, नॉर्थ ईस्ट यानि Organic Products की नई दुनिया, नॉर्थ ईस्ट यानि एनर्जी का पावर हाउस, इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए ‘अष्टलक्ष्मी’ हैं। ‘अष्टलक्ष्मी’ के इस आशीर्वाद से नॉर्थ ईस्ट का हर राज्य कह रहा है, हम निवेश के लिए तैयार हैं, हम नेतृत्व के लिए तैयार हैं।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना बहुत जरूरी है। और नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत का सबसे अहम अंग है। हमारे लिए, EAST का मतलब सिर्फ एक दिशा नहीं है, हमारे लिए EAST का मतलब है – Empower, Act, Strengthen, and Transform. पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है। यही Policy, यही Priority, आज पूर्वी भारत को, हमारे नॉर्थ ईस्ट को ग्रोथ के सेंटर स्टेज पर लेकर आई है।

साथियों,

पिछले 11 वर्षों में, जो परिवर्तन नॉर्थ ईस्ट में आया है, वो केवल आंकड़ों की बात नहीं है, ये ज़मीन पर महसूस होने वाला बदलाव है। हमने नॉर्थ ईस्ट के साथ केवल योजनाओं के माध्यम से रिश्ता नहीं जोड़ा, हमने दिल से रिश्ता बनाया है। ये आंकड़ा जो मैं बता रहा हूं ना, सुनकर के आश्चर्य होगा, Seven Hundred Time, 700 से ज़्यादा बार हमारे केंद्र सरकार के मंत्री नॉर्थ ईस्ट गए हैं। और मेरा नियम जाकर के आने वाला नहीं था, नाइट स्टे करना कंपलसरी था। उन्होंने उस मिट्टी को महसूस किया, लोगों की आंखों में उम्मीद देखी, और उस भरोसे को विकास की नीति में बदला, हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को सिर्फ़ ईंट और सीमेंट से नहीं देखा, हमने उसे इमोशनल कनेक्ट का माध्यम बनाया है। हम लुक ईस्ट से आगे बढ़कर एक्ट ईस्ट के मंत्र पर चले, और इसी का परिणाम आज हम देख रहे हैं। एक समय था, जब Northeast को सिर्फ Frontier Region कहा जाता था। आज ये Growth का Front-Runner बन रहा है।

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साथियों,

अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म को attractive बनाता है। जहां इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होता है, वहां Investors को भी एक अलग Confidence आता है। बेहतर रोड्स, अच्छा पावर इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक नेटवर्क, किसी भी इंडस्ट्री की backbone है। Trade भी वहीं Grow करता है, जहाँ Seamless Connectivity हो, यानि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, हर Development की पहली शर्त है, उसका Foundation है। इसलिए हमने नॉर्थ ईस्ट में Infrastructure Revolution शुरू किया है। लंबे समय तक नॉर्थ ईस्ट अभाव में रहा। लेकिन अब, नॉर्थ ईस्ट Land of Opportunities बन रहा है। हमने नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर लाखों करोड़ रुपए खर्च किए हैं। आप अरुणाचल जाएंगे, तो सेला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर आपको मिलेगा। आप असम जाएंगे, तो भूपेन हज़ारिका ब्रिज जैसे कई मेगा प्रोजेक्ट्स देखेंगे, सिर्फ एक दशक में नॉर्थ ईस्ट में 11 Thousand किलोमीटर के नए हाईवे बनाए गए हैं। सैकड़ों किलोमीटर की नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं, नॉर्थ ईस्ट में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर वॉटरवेज़ बन रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में मोबाइल टावर्स लगाए गए हैं, और इतना ही नहीं, 1600 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड भी बनाया गया है। ये इंडस्ट्री को ज़रूरी गैस सप्लाई का भरोसा देता है। यानि हाईवेज, रेलवेज, वॉटरवेज, आईवेज, हर प्रकार से नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी सशक्त हो रही है। नॉर्थ ईस्ट में जमीन तैयार हो चुकी है, हमारी इंड़स्ट्रीज को आगे बढ़कर, इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। आपको First Mover Advantage से चूकना नहीं है।

साथियों,

आने वाले दशक में नॉर्थ ईस्ट का ट्रेड पोटेंशियल कई गुना बढ़ने वाला है। आज भारत और आसियान के बीच का ट्रेड वॉल्यूम लगभग सवा सौ बिलियन डॉलर है। आने वाले वर्षों में ये 200 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा, नॉर्थ ईस्ट इस ट्रेड का एक मजबूत ब्रिज बनेगा, आसियान के लिए ट्रेड का गेटवे बनेगा। और इसके लिए भी हम ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेज़ी से काम कर रहे हैं। भारत-म्यांमार-थाईलैंड ट्रायलेटरल हाईवे से म्यांमार होते हुए थाईलैंड तक सीधा संपर्क होगा। इससे भारत की कनेक्टिविटी थाईलैंड, वियतनाम, लाओस जैसे देशों से और आसान हो जाएगी। हमारी सरकार, कलादान मल्टीमोडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने में जुटी है। ये प्रोजेक्ट, कोलकाता पोर्ट को म्यांमार के सित्तवे पोर्ट से जोड़ेगा, और मिज़ोरम होते हुए बाकी नॉर्थ ईस्ट को कनेक्ट करेगा। इससे पश्चिम बंगाल और मिज़ोरम की दूरी बहुत कम हो जाएगी। ये इंडस्ट्री के लिए, ट्रेड के लिए भी बहुत बड़ा वरदान साबित होगा।

साथियों,

आज गुवाहाटी, इम्फाल, अगरतला ऐसे शहरों को Multi-Modal Logistics Hubs के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मेघालय और मिज़ोरम में Land Custom Stations, अब इंटरनेशनल ट्रेड को नया विस्तार दे रहे हैं। इन सारे प्रयासों से नॉर्थ ईस्ट, इंडो पेसिफिक देशों में ट्रेड का नया नाम बनने जा रहा है। यानि आपके लिए नॉर्थ ईस्ट में संभावनाओं का नया आकाश खुलने जा रहा है।

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साथियों,

आज हम भारत को, एक ग्लोबल Health And Wellness Solution Provider के रुप में स्थापित कर रहे हैं। Heal In India, Heal In India का मंत्र, ग्लोबल मंत्र बने, ये हमारा प्रयास है। नॉर्थ ईस्ट में नेचर भी है, और ऑर्गोनिक लाइफस्टाइल के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन भी है। वहां की बायोडायवर्सिटी, वहां का मौसम, वेलनेस के लिए मेडिसिन की तरह है। इसलिए, Heal In India के मिशन में इन्वेस्ट करने के, मैं समझता हूं उसके लिए आप नॉर्थ ईस्ट को ज़रूर एक्सप्लोर करें।

साथियों,

नॉर्थ ईस्ट के तो कल्चर में ही म्यूज़िक है, डांस है, सेलिब्रेशन है। इसलिए ग्लोबल कॉन्फ्रेंसेस हों, Concerts हों, या फिर Destination Weddings, इसके लिए भी नॉर्थ ईस्ट बेहतरीन जगह है। एक तरह से नॉर्थ ईस्ट, टूरिज्म के लिए एक कंप्लीट पैकेज है। अब नॉर्थ ईस्ट में विकास का लाभ कोने-कोने तक पहुंच रहा है, तो इसका भी पॉजिटिव असर टूरिज्म पर पड़ रहा है। वहां पर्यटकों की संख्या दोगुनी हुई है। और ये सिर्फ़ आंकड़े नहीं हैं, इससे गांव-गांव में होम स्टे बन रहे हैं, गाइड्स के रूप में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। टूर एंड ट्रैवल का पूरा इकोसिस्टम डेवलप हो रहा है। अब हमें इसे और ऊंचाई तक ले जाना है। Eco-Tourism में, Cultural-Tourism में, आप सभी के लिए निवेश के बहुत सारे नए मौके हैं।

साथियों,

किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी है- शांति और कानून व्यवस्था। आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी, हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है। एक समय था, जब नॉर्थ ईस्ट के साथ बम-बंदूक और ब्लॉकेड का नाम जुड़ा हुआ था, नॉर्थ ईस्ट कहते ही बम-बंदूक और ब्लॉकेड यही याद आता था। इसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ा। उनके हाथों से अनगिनत मौके निकल गए। हमारा फोकस नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के भविष्य पर है। इसलिए हमने एक के बाद एक शांति समझौते किए, युवाओं को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर दिया। पिछले 10-11 साल में, 10 thousand से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है, 10 हजार नौजवानों ने। आज नॉ़र्थ ईस्ट के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार के लिए, स्वरोजगार के लिए नए मौके मिल रहे हैं। मुद्रा योजना ने नॉर्थ ईस्ट के लाखों युवाओं को हजारों करोड़ रुपए की मदद दी है। एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स की बढ़ती संख्या, नॉर्थ ईस्ट के युवाओं को स्किल बढ़ाने में मदद कर रही है। आज हमारे नॉर्थ ईस्ट के युवा, अब सिर्फ़ इंटरनेट यूज़र नहीं, डिजिटल इनोवेटर बन रहे हैं। 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर, 4जी, 5जी कवरेज, टेक्नोलॉजी में उभरती संभावनाएं, नॉर्थ ईस्ट का युवा अब अपने शहर में ही बड़े-बडे स्टार्टअप्स शुरू कर रहा है। नॉर्थ ईस्ट भारत का डिजिटल गेटवे बन रहा है।

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साथियों,

हम सभी जानते हैं कि ग्रोथ के लिए, बेहतर फ्यूचर के लिए स्किल्स कितनी बड़ी requirement होती है। नॉर्थ ईस्ट, इसमें भी आपके लिए एक favourable environment देता है। नॉर्थ ईस्ट में एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट इकोसिस्टम पर केंद्र सरकार बहुत बड़ा निवेश कर रही है। बीते दशक में, Twenty One Thousand करोड़ रुपये से ज्यादा नॉर्थ ईस्ट के एजुकेशन सेक्टर पर इन्वेस्ट किए गए हैं। करीब साढ़े 800 नए स्कूल बनाए गए हैं। नॉर्थ ईस्ट का पहला एम्स बन चुका है। 9 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं। दो नए ट्रिपल आईटी नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। मिज़ोरम में Indian Institute of Mass Communication का कैंपस बनाया गया है। करीब 200 नए स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में स्थापित किए गए हैं। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी नॉर्थ ईस्ट में बन रही है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत नॉर्थ ईस्ट में सैकड़ों करोड़ रुपए के काम हो रहे हैं। 8 खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, और ढाई सौ से ज्यादा खेलो इंडिया सेंटर अकेले नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। यानि हर सेक्टर का बेहतरीन टेलेंट आपको नॉर्थ ईस्ट में उपलब्ध होगा। आप इसका जरूर फायदा उठाएं।

साथियों,

आज दुनिया में ऑर्गेनिक फूड की डिमांड भी बढ़ रही है, हॉलिस्टिक हेल्थ केयर का मिजाज बना है, और मेरा तो सपना है कि दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर कोई न कोई भारतीय फूड ब्रैंड होनी ही चाहिए। इस सपने को पूरा करने में नॉर्थ ईस्ट का रोल बहुत महत्वपूर्ण है। बीते दशक में नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक खेती का दायरा दोगुना हो चुका है। यहां की हमारी टी, पाइन एप्पल, संतरे, नींबू, हल्दी, अदरक, ऐसी अनेक चीजें, इनका स्वाद और क्वालिटी, वाकई अद्भुत है। इनकी डिमांड दुनिया में बढ़ती ही जा रही है। इस डिमांड में भी आपके लिए संभावनाएं हैं।

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साथियों,

सरकार का प्रयास है कि नॉर्थ ईस्ट में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाना आसान हो। बेहतर कनेक्टिविटी तो इसमें मदद कर ही रही है, इसके अलावा हम मेगा फूड पार्क्स बना रहे हैं, कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क को बढ़ा रहे हैं, टेस्टिंग लैब्स की सुविधाएं बना रहे हैं। सरकार ने ऑयल पाम मिशन भी शुरु किया है। पाम ऑयल के लिए नॉर्थ ईस्ट की मिट्टी और क्लाइमेट बहुत ही उत्तम है। ये किसानों के लिए आय का एक बड़ा अच्छा माध्यम है। ये एडिबल ऑयल के इंपोर्ट पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगा। पाम ऑयल के लिए फॉर्मिंग हमारी इंडस्ट्री के लिए भी बड़ा अवसर है।

साथियों,

हमारा नॉर्थ ईस्ट, दो और सेक्टर्स के लिए महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बन रहा है। ये सेक्टर हैं- एनर्जी और सेमीकंडक्टर। हाइड्रोपावर हो या फिर सोलर पावर, नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य में सरकार बहुत निवेश कर रही है। हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए जा चुके हैं। आपके सामने प्लांट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश का अवसर तो है ही, मैन्युफेक्चरिंग का भी सुनहरा मौका है। सोलर मॉड्यूल्स हों, सेल्स हों, स्टोरेज हो, रिसर्च हो, इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश ज़रूरी है। ये हमारा फ्यूचर है, हम फ्यूचर पर जितना निवेश आज करेंगे, उतना ही विदेशों पर निर्भरता कम होगी। आज देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने में भी नॉर्थ ईस्ट, असम की भूमिका बड़ी हो रही है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सेमीकंडक्टर प्लांट से पहली मेड इन इंडिया चिप देश को मिलने वाली है। इस प्लांट ने, नॉर्थ ईस्ट में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए, अन्य cutting edge tech के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।

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साथियों,

राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट, सिर्फ़ इन्वेस्टर्स समिट नहीं है, ये एक मूवमेंट है। ये एक कॉल टू एक्शन है, भारत का भविष्य, नॉर्थ ईस्ट के उज्ज्वल भविष्य से ही नई उंचाई पर पहुंचेगा। मुझे आप सभी बिजनेस लीडर्स पर पूरा भरोसा है। आइए, एक साथ मिलकर भारत की अष्टलक्ष्मी को विकसित भारत की प्रेरणा बनाएं। और मुझे पूरा विश्वास है, आज का ये सामूहिक प्रयास और आप सबका इससे जुड़ना, आपका उमंग, आपका कमिटमेंट, आशा को विश्वास में बदल रहा है, और मुझे पक्का विश्वास है कि जब हम सेकेंड राइजिंग समिट करेंगे, तब तक हम बहुत आगे निकल चुके होंगे। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !