Congress conspired to weaken the Army: PM Modi

Published By : Admin | January 5, 2019 | 16:05 IST
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QuoteToday, entire country is well aware that how a party has conspired to weaken the army from 2004 to 2014: PM Modi

जय जगन्‍नाथ – जय जगन्‍नाथ

जय जगन्‍नाथ – जय जगन्‍नाथ

जय जगन्‍नाथ – जय जगन्‍नाथ

दो हफ्ते में दूसरी बार आप सभी के बीच आने का मुझे अवसर मिला है। पिछली बार खुर्द आया था तो आप लोगों ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। देखिए, मैदान छोटा पड़ गया है, आज जहां हैं वहीं रुक जाइए। आगे बढ़ने की कोशिश ही मत कीजिए, जगह ही नहीं है। देखिए, मैदान छोटा पड़ गया है, मेरी आपसे प्रार्थना है अब आप जहां हैं वहीं ठहर जाइए।

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

पिछली बार जब खुर्द में आया तो आपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। आज यहां बारीपदा में आपने उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। उड़ीसा के लोगों के इस अपार स्‍नेह, इस आशीर्वाद से मैं अभिभूत हूं। आपके इस उतसाह, आपके इस विश्‍वास से नए भारत, नए उड़ीसा के निर्माण की ललक भी दिखती है।

साथियो, आज जब बारीपदा आया हूं तो महाराजा श्री रामचन्‍द्र बंझदेव का स्‍मरण स्‍वत: ही आता है। उड़ीसा के लिए, यहां के विकास के लिए, यहां की भाषा और संस्‍कृति के लिए जो योगदान उन्‍होंने दिया है, वो अमिट है। उड़िया भाषा की सबसे प्राचीन डिक्‍शनरी देने वाले महाराज पूर्णचन्‍द्र बंझदेव और संथाली भाषा की लिपि को तैयार करने वाले पंडित रघुनाथ मुरमु जैसे मनीषियों को भी मैं प्रणाम करता हूं।

भारतीय जनता पार्टी के लिए ये गर्व की बात है कि अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने ही संथाली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया था।

भाइयो और बहनों, पिछली बार जब मैं खुर्दा में था तो वहां पाइका क्रांति के नायकों को सम्‍मान देने का अवसर मुझे मिला था। देश के वीर बेटे-बेटियों, अपने पुराने गौरव, अपनी संस्‍कृति की रक्षा करते हुए, उसे सहजते हुए हम आगे बढ़ सकते हैं। इसी सोच के सा‍थ उड़ीसा की समृद्ध सांस्‍कृतिक परम्‍परा, पुरी और कोर्णाक जैसे आस्‍था के अनेक स्‍थानों को आधुनिक परिवेश में संरक्षित करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है।

इसी कड़ी में आज रसिक आर्य मंदिर और हरिपुर गढ़ के पुराना किला को संरक्षण और विकास से जुड़े प्रोजेक्‍ट का उद्घाटन किया गया है। इसी के साथ-साथ उड़ीसा के लिए सड़क, रेल, गैस सहित infrastructure की हजारों परियोजनाओं का लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्‍यास किया गया है। विकास की इन सभी परियोजनाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।

साथियो, आजादी के आंदोलन में उड़ीसा की, यहां के आदिवासी भाई-बहनों की एक बहुत बड़ी भूमिका रही है। और मेरा तो एक और नाता यहां से है। गुजरात का डांडी और यहां का इंजुड़ी, दोनों को महात्‍मा गांधी और नमक सत्‍याग्रह से जोड़ते हैं। जब ऐसी पवित्र धरती पर हम खड़े हैं तब एक बार फिर देश के लिए मरने-मिटने वालों को याद करना बहुत सौभाग्‍य का पल होता है।

तो ऐसे समय इन सभी महापुरुषों को याद करते हुए, शहीदों को याद करते हुए, इस महान परम्‍परा की रक्षा करने वालों को याद करते हुए दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

वंदे – मातरम

वंदे – मातरम

वंदे – मातरम

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भाइयो और बहनों, ये उद्घोष इसलिए करना पड़ रहा है क्‍योंकि देश में कुछ लोगों को इससे भी तकलीफ होने वाली है। देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता मुझे कहते हैं कि मोदी भारत माता की जय से लोगों का अभिवादन क्‍यों करता है।

साथियो, अभी मध्‍य प्रदेश में नई-नई सरकार बनी है। उस सरकार की प्राथमिकता देखिए, और ये पूर्ण बहुमत जीतकर नहीं आए हैं, ये उनकी प्राथमिकता देखिए और उसे समझिए भी- वहां की hung assembly ने, कांग्रेस की जो सरकार बनी है, उसने आते ही सबसे पहला काम किया- वंदे मातरम पर हल्‍ला बोल दिया। एक तूफान मच गया। अब रास्‍ता खोज रहे हैं बचने का। दूसरा काम किया, लोकतंत्र की रक्षा के लिए एमरजेंसी जैसे अत्‍याचार के खिलाफ लड़़ने वाले से‍नानियों को वहां की सरकार की तरफ से जो पेंशन मिलता था, वो पेंशन भी केंसिल करने की कोशिश हो रही है।

लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सभी राष्‍ट्रभक्‍तों की आवाज को धार दी, जिसके चलते पहले उनको वंदे मातरम से जुड़ा आदेश वापस लेना पड़ा और अब एमरजेंसी के सेनानियों की पेंशन भी उनको बहाल करनी ही पड़ेगी।

भाइयो और बहनों, भारत भक्ति‍, देश की आजादी और देश की विकास यात्रा में हमारी नारी शक्ति की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है। उड़ीसा की भूमिका तो इस मामले में और भी अग्रणी रही है। ये तो वो जगह है जहां देवी सुभद्रा के रथ को माताएं और बहनें खींचती हैं। महिलाओं द्वारा देवी सुभ्रदा के रथ को खींचने की परमपरा बारीपदा से ही शुरू हुई है। ये महिला सशक्तिकरण, सम्‍मान और स्‍वाभिमान का प्रतीक है। नारी सशक्तिकरण का जो काम उड़ीसा सदियों से करता रहा है उसको और मजबूती बीते साढ़े चार वर्ष से केन्‍द्र सरकार देने में जुटी है।

आपने कल ही संसद में देखा होगा, देश की पहली रक्षा मंत्री ने अपन कुशलता से, अपने सामर्थ्‍य से, रक्षा जैसे महत्‍वपूर्ण विषय की गहराई से और अपने भीतर की सच्‍चाई को कुशलता के साथ देश के लोकतंत्र के मंदिर संसद में स्‍थापित कर दिया।

मैं देश की रक्षा मंत्री निर्मलाजी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। देश की आंखों में धूल झोंकने वालों की नीयत को, देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों की राजनीति को अपने मनोरंजन के लिए पवित्र संसद का इस्‍तेमाल करने वालों के बचपने को रक्षामंत्री निर्मलाजी ने देश के सामने उजागर कर दिया है।

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साथियो, 2004 से लेकर 2014 के बीच कैसे देश की सेना को कमजोर करने की साजिश रची गई, अब ये देश देख भी रहा है और उसकी हर बारीकी को समझ भी रहा है। अब जब हमारी सरकार उनके साजिश के जाल से देश की सेनाओं को बाहर निकाल रही है तो हम उनको कांटे की तरह चुभने लगे हैं, हम उनको खटकने लगे हैं। ये किसी भी कीमत पर चौकीदार को रास्‍ते से हटा देना चाहते हैं। चोरों की जमात कहीं पर भी- सोसायटी होगी, फ्लैट होंगे, कारखाना होगा, मोहल्‍ला होगा; चोर लोग सबसे पहले चौकीदार को हटाने का ही षडयंत्र करते हैं, जब तक चौकीदार है चोरों दाल गलती हीं है।

भाइयो और बहनों, इनको ये साफगोई, ये सच्‍चाई इसलिए भी खटक रही है क्‍योंकि इनके राज खुल रहे हैं। कहीं अखबारों में एक रिपोर्ट आई है – हेलीकॉप्‍टर घोटाले का बिचोलिया, कांग्रेस के corruption का राजदार- मिशेल, जिसको विदेश से यहां लाया गया है, उसकी एक चिट्ठी से खुलासा हुआ है। खुलासा ये हुआ है- इस राजदार की कांग्रेस के टॉप के नेताओं, मंत्रियों से गहरी पहचान थी, उठ-बैठ थी। प्रधानमंत्री कार्यालय में कौन सी फाइल कहां जा रही है, इसकी उसको पल-पल-पल-प्रतिपल की जानकारी रहती थी। संभवत: जितनी जानकारी खुद प्रधानमंत्री को नहीं होती थी, उससे भी ज्‍यादा जानकारी उस जमाने में बिचौलियों को रहा करती थी।

इतना ही नहीं, cabinet committee on security, जो देश की सेना देश की सुरक्षा, देश के लिए अस्‍त्र-शस्‍त्र खरीदने पर फैसला लेती है, उसकी बैठकों की भी पूरी जानकारी उस तक पहुंचती थी। इसी जानकारी को वो विदेशों तक पहुंचाता था। हेलीकॉप्‍टर की खरीद को लेकर तब कौन सा मंत्री क्‍या फैसले ले रहा था, उसकी पूरी जानकारी वो विदेश भेज रहा था।

साथियो, समझ नहीं आता कि कांग्रेस ने सरकार चलाई है या अपने मिशेल मामा का दरबार चलाया है। मैं आज स्‍पष्‍ट कहना चाहता हूं- देश के बजाय बिचौलियों के हितों की रक्षा में जिस-जिस भी भूमिका रही है, उनका पूरा हिसाब-जांच एजेंसियां करेंगी, देश की जनता करेगी।

भाइयो और बहनों, केंद्र की सरकार देश की सुरक्षा के लिए निरंतर बड़े और कड़े फैसले ले रही है। आप मुझे बताइए ऐसे फैसले लेने चाहिए कि नहीं लेने चाहिए? कड़े फैसले करने चाहिए कि नहीं करने चाहिए? देश की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए कि नहीं उठाने चाहिए? प‍हले की सरकारों ने जो किया ऐसा करने देना चाहिए? इसको रोकना चाहिए कि नहीं रोकना चाहिए? इसको सुधारना चाहिए कि नहीं सुधारना चाहिए? जिन्‍होंने सेना के साथ अन्‍याय किया है, उनको भी कटघरे में खड़ा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए?

भाइयो-बहनों, मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं कानून किसी को नहीं छोड़ेगा।

भाइयो-बहनों, जब मैं नारी सशक्तिकरण की बात कर रहा था, सेना में भी बेटियों को नई भूमिका देने का काम हमारी सरकार ने किया है। वायुसेना हो, नौसेना हो; नए कीर्तिमान, नए रिकॉर्ड हमारी बेटियां बना रही हैं।

आज केन्‍द्र सरकार महिला की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए जो भी प्रयास कर रही है, जिसका लाभ उड़ीसा को भी मिलना चाहिए। लेकिन मुझे इस बात का दुख है कि यहां की सरकार बेटियों से जुड़ी योजनाओं के प्रति गंभीर नहीं है। करीब दो दशक से शासन के बावजूद महिलाओं और बच्‍चों की शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, सुरक्षा, रोजगार, ऐसे तमाम parameters पर उड़ीसा पिछड़ गया है, बहुत पीछे है।

साथियो, केन्‍द्र की भाजपा सरकार ने बेटियों के साथ अत्‍याचार करने वालों को फांसी तक की सजा का प्रावधान किया है। लेकिन उड़ीसा में बेटियों की सुरक्षा सवालों के घेरे में है। धार्मिक नगरी पुरी में सात-आठ वर्ष पहले एक बिटिया के साथ जो हुआ था उसको यहां का शासन-प्रशासन न्‍याय नहीं दिला पाया है। जांच में हुई लापरवाही को लेकर बेटियों और बहनों का आक्रोश स्‍वाभाविक है।

मेरा सरकार से आग्रह रहेगा इस मामले में गंभीरता से‍ फिर जांच हो ताकि राक्षसी प्रवृत्ति वाले तमाम लोगों को कड़ा संदेश चला जाए।

साथियों, उड़ीसा की सरकार पर बेटियों को सुरक्षा देने को लेकर तो सवाल उठ ही रहे हैं, बेटियों के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर भी उड़ीसा की सरकार को track record अच्‍छा नहीं है। महिलाओं के लिए केंद्र सरकार ने जो भी योजना चलाई है वो पूरी गंभीरत से उड़ीसा में भी लागू होनी चाहिए।

भाइयो और बहनों, महिलाओं और बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य से लेकर सुरक्षा तक, केन्‍द्र सरकार ने नई approach के साथ काम किया है। नीयत और नीति को हमने कैसे बदला, इसका एक उदाहरण है मिशन इंद्रधनुष।

साथियो, देश में टीकाकरण अभियान कई दशक से चल रहा है- दवाइयां आती हैं, टीका लगाने वाले आते हैं, गांव-गांव जाते हैं, पैसे खर्च होते हैं, एडवरटाइजमेंट होता है टीवी पर, सब होता है, लेकिन दिल्‍ली में सरकार हो- केंद्र की सरकार हो या राज्‍य की सरकार हो- पिछली सरकारों की कोशिशों के-

भाइयो-बहनों, ये जो स्थिति बनी है, ये स्थिति किसी भी हालत में, कई दशकों से अभियान चल रहा था लेकिन वे कोई परिणाम नहीं ले पाए। 2014- देश में टीकाकरण का दायरा 60 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच पाया था। जिस रफ्तार और जिस मानसिकता से टीकाकरण चल रहा था, उससे लक्ष्‍य प्राप्‍त करने में दशकों लग जाते।

ऐसे में हमारी सरकार ने मिशन इंद्रधनुष योजना शुरू की और देश के उन जिलों पर पहले लक्ष्‍य केन्द्रित किया जहां टीकाकरण हो ही नहीं पाता था। जहां अनेक कारणों से टीका लगाने वाले पहुंचते ही नहीं थे।

सरकार ने इस कार्य को गति दी। अपने तमाम मंत्रालयों को इस कार्य में लगाया। सामाजिक संगठनों को जोड़ा और आज नतीजा देश के सामने है। सा‍थियो, आज देश संपूर्ण टीकाकरण की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। अगर हम पहले की सरकार की रफ्तार से ही चले होते तो इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में अगले दो-तीन दशक और लग जाते और तब तक तो कितनी मां, बेटी और बेटों का जीवन बर्बाद हो जाता।

साथियो, ये हमारी सरकार के काम करने का तरीका है, ये हमारी कार्य संस्‍कृति है। गरीब का दुख देखकर, उसकी तकलीफ देखकर हम बिल्‍कुल जमीनी स्‍तर पर जाकर फैसले लेते हैं। आप याद रखिए दूर-दराज में रहने वाले लोगों ने वहां के गांवों में किसी ने प्रदर्शन नहीं किया था कि हमारे बच्‍चों को जीवन देने वाले टीके लगने चाहिए। किसी गरीब ने मांग नहीं की थी कि बच्‍चों को लगने वाले टीक बढ़ाए जाएं। गरीब का जीवन बचाने के लिए, गरीब के बच्‍चों का जीवन बचाने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ ये फैसले हमारी सरकार ने लिए।

सा‍थियो, हमारी इस approach की वजह से अभी तक पूरे प्रदेश में करीब सवा तीन करोड़ से अधिक बच्‍चों और 85 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण किया जा चुका है। इसमें उड़ीसा के 5 लाख बच्‍चे और करीब डेढ़ लाख महिलाएं हैं।

साथियो, केंद्र सरकार देश के हर नागरिक के स्‍वास्‍थ्‍य की चिंता कर रही है। थोड़ी देर पहले मैं झारखंड में था। आयुष्‍मान भारत के तहत जो पांच लाख रुपये तक का फ्री मुफ्त में इलाज गरीबों को मिल रहा है उससे देश के साढ़े छह लाख तो झारखंड में करीब 25 हजार गरीबों को स्‍वास्‍थ्‍य का लाभ मिला है। दुर्भाग्‍य ये है कि उड़ीसा के लाखों गरीब परिवार इससे वंचित हैं।

मैं फिर यहां की सरकार से आग्रह करूंगा- वो इस योजना से जुड़े और गुरे-गरीब को मुफ्त इलाज भारत सरकार दे रही है, उसका फायदा उठाएं।

भाइयो और बहनों, केंद्र सरकार उड़ीसा के संतुलित और समग्र विकास के लिए कोई भी कमी नहीं छोड़ रही। यहां युवाओं की पढ़ाई हो या फिर रोजगार, हर स्‍तर पर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।

आज infrastructure से जुड़े जितने भी projects का लोकार्पण, उद्घाटन या शिलान्‍यास यहां हुआ है उससे सबका साथ, सबका विकास की हमारी सोच और मजबूत होती है। करीब 1100 करोड़ रुपये की लागत से बनी बालासुर-हल्दिया-दुर्गापुर की एलपीजी गैस पाईप लाइन से हर घर को धुंआमुक्‍त करने के हमारे प्रयास को और बल मिलेगा। इससे ओडिशा और पश्चिम बंगाल के आठ जिलों के लाखों परिवारों को लाभ होगा।

आपको मुझे ये जानकारी देते हुए भी खुशी हो रही है- उज्‍ज्‍वला योजना के तहत 32 महीने में देशभर में 6 करोड़ कनेक्‍शन पूरे हो चुके हैं। उसमें भी अहम बात ये है कि 6 करोड़वां कनेक्‍शन जिस बहन को मिला, उसका नाम जसबीना खातून है। ये दिखाता है कि किस प्रकार समाज के हर वर्ग तक इस योजना का लाभ पहुंचा है। दलितों, वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, आदिवासियों को इससे विशेष लाभ हुआ है।

साथियों, बीते साढ़े चार वर्ष में जो भी योजनाएं हमने बनाई हैं उनके मूल में समता, समानता और सामाजिक न्‍याय की भावना है। चाहे वो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना हो, स्‍वच्‍छ भारत अभियान हो, जन-धन योजना हो, प्रधानमंत्री आवास योजना हो, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हो; ये तमाम योजनाएं सबके लिए हैं। सबके सहयोग से चल रही हैं और सबको इनसे लाभ मिल रहा है।

साथियों, थोड़ी देर पहले यहां जो highway और railway के प्रोजेक्‍ट का शिलान्‍यास और लोकार्पण हुआ है, उससे उड़ीसा की connectivity में सुधार आएगा। अब बादाम पहाड रेल लिंक टाटानगर होते हुए हावड़ा और मुम्‍बई को उड़ीसा से जोड़ेगा।

बालासुर का multi model logistics park यहां के उद्योगों के लिए बहुत बड़ी सुविधा बनने वाला है। चिली किदारा-सगलपट्टा-नरनपुर-बसंतपुर रेलवे लाइन के चौड़ीकरण से यहां की खनिज संपदा का महत्‍व और बढ़ जाएगा। यहां के राजस्‍व में वृद्धि होगी, नए उद्योग लगेंगे, रोजगार के अवसर बनेंगे और आदिवासी बहन-भाइयों की आय में वृद्धि होगी।

साथियो, विकास के जितने भी प्रोजेक्‍ट यहां जमीन पर उतर रहे हैं, वो भविष्‍य में ओडिशा को विकास के नए आसमान पर पहुंचाने में सक्षम हैं। यहां की धरोहरों का विकास और connectivity सुधारने से यहां के युवाओं के लिए रोजगार की अनंत संभावनाएं तैयार हो रही हैं। अब इस गति को, इस स्‍पीड को हमें बनाए रखना है। नए ओडिशा, नए भारत के लिए हमें मिलकर साथ चलना है।

आप यहां भारी संख्‍या में मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए, इसके लिए मैं फिर एक बार आपका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलेंगे-

जय जगन्‍नाथ – जय जगन्‍नाथ

जय जगन्‍नाथ – जय जगन्‍नाथ

जय जगन्‍नाथ – जय जगन्‍नाथ

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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English Translation of Foreign Secretary's statement on the telephone conversation between PM and US President
June 18, 2025

Prime Minister Modi and President Trump were scheduled to meet on the sidelines of the G7 Summit. However, President Trump had to return to the U.S. early, due to which this meeting could not take place.

After this, at the request of President Trump, both leaders spoke over a phone call today. The conversation lasted approximately 35 minutes.

President Trump had expressed his condolences to Prime Minister Modi over a phone call after the terrorist attack in Pahalgam on April 22. And he also expressed his support against terrorism. This was the first conversation between the two leaders since.

Hence, Prime Minister Modi spoke in detail about Operation Sindoor with President Trump.

Prime Minister Modi told President Trump in clear terms that after April 22, India had conveyed its determination to take action against terrorism to the whole world. Prime Minister Modi said that on the night of May 6-7, India had only targeted the terrorist camps and hideouts in Pakistan and Pakistan occupied Kashmir. India’s actions were very measured, precise, and non-escalatory. India had also made it clear that any act of aggression from Pakistan would be met with a stronger response.

On the night of May 9, Vice President Vance had made a phone call to Prime Minister Modi. Vice President Vance had conveyed that Pakistan may launch a major attack on India. Prime Minister Modi had conveyed to him in clear terms that if such an action were to occur, India would respond with an even stronger response.

On the night of May 9-10, India gave a strong and decisive response to Pakistan’s attack, inflicting significant damage on the Pakistani military. Their military airbases were rendered inoperable. Due to India’s firm action, Pakistan was compelled to request a cessation of military operations.

Prime Minister Modi clearly conveyed to President Trump that at no point during this entire sequence of events was there any discussion, at any level, on an India-U.S. Trade Deal, or any proposal for a mediation by the U.S. between India and Pakistan. The discussion to cease military action took place directly between India and Pakistan through the existing channels of communication between the two armed forces, and it was initiated at Pakistan's request. Prime Minister Modi firmly stated that India does not and will never accept mediation. There is complete political consensus in India on this matter.

President Trump listened carefully to the points conveyed by the Prime Minister and expressed his support towards India’s fight against terrorism. Prime Minister Modi also stated that India no longer views terrorism as a proxy war, but as a war itself, and that India’s Operation Sindoor is still ongoing.

President Trump enquired if Prime Minister Modi could stop over in the U.S. on his way back from Canada. Due to prior commitments, Prime Minister Modi expressed his inability to do so. Both leaders agreed to make efforts to meet in the near future.

President Trump and Prime Minister Modi also discussed the ongoing conflict between Israel and Iran. Both leaders agreed that for peace in the Russia - Ukraine conflict, direct dialogue between the two parties is essential, and continued efforts should be made to facilitate this.

With regard to the Indo-Pacific region, both leaders shared their perspectives and expressed their support towards the significant role of QUAD in the region. Prime Minister Modi extended an invitation to President Trump to visit India for the next QUAD Summit. President Trump accepted the invitation and said that he is looking forward to visiting India.