आपका पंजाब से विशेष नाता रहा है। संगठन काल से ही आप पंजाब से जुड़े रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद आपने सिख समुदाय के लिए काफी कुछ किया है। कई सिख नेता भाजपा में शामिल भी हुए हैं लेकिन इसके बावजूद पंजाब में भाजपा को लेकर बहुत बड़ा गैप देखने को मिलता है। आप कैसे इस गैप को भरेंगे? क्या भाजपा पंजाब में लीडरशिप की कमी से जूझ रही है?

पंजाब में मैंने काफी समय बिताया है। यहां के अलग-अलग जिलों और गांवों का अनुभव हमेशा मेरे साथ रहता है। यहां के लोगों की गर्मजोशी और उनके मिलनसार स्वभाव ने मेरे व्यक्तित्व को बहुत प्रभावित किया है। मैंने पंजाब की धरती, पंजाब के लोगों से काफी कुछ सीखा है। भाजपा जिस विचारधारा को लेकर चलती है, वो पंजाब के मूल स्वभाव का हिस्सा है। साहस, समर्पण और देशभक्ति की भावना हमें एक-दूसरे से जोड़ती है। 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद से ही हमने लगातार पंजाब और पंजाब के लोगों को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का प्रयास किया है। करीब 3 दशक बाद ये पहला चुनाव है, जब हम पंजाब में किसी गठबंधन के बिना मैदान में उतरे हैं। इससे हमें अपनी बात ज्यादा प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंचाने में मदद मिली है। यहां के लोग देख रहे हैं कि पिछले 10 वर्षों से केंद्र में भाजपा की सरकार है, और उस पर भ्रष्टाचार का एक दाग नहीं लगा है। केंद्र में भाजपा की मजबूत सरकार होने की वजह से ही देश में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगी हुई है। भाजपा के 10 सालों के कार्यकाल में उद्योगों को बढ़ावा मिला है। सरकार ने किसानों के हित के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आज देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में पंजाब का बहुत बड़ा योगदान है। अब पंजाब को भी भाजपा की सरकार से बहुत अपेक्षाएं हैं। भाजपा का संकल्प है कि हम यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे और पंजाब को आगे ले जाएंगे।

 

प्रकाश सिंह बादल के देहांत के बाद क्या कारण रहे कि शिरोमणि अकाली दल के साथ भाजपा के रिश्ते उतने अच्छे नहीं रहे। प्री-पोल अलायंस भी नहीं हो पाया। इसके क्या कारण रहे? आपकी नजर में भाजपा पंजाब में कितनी सीटें जीत सकती है?

हम जब तक गठबंधन में रहे, हमारा रवैया हमेशा परस्पर सहयोग का रहा। सरकार हमारे समर्थन से चलती थी पर हमने उपमुख्यमंत्री का पद कभी नहीं मांगा। कार्यकर्त्ताओं की मांग होती थी कि हम ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ें, लेकिन हम ज्यादा सीटें नहीं मांगते थे। हमने पंजाब के लोगों के हित के लिए गठबंधन धर्म का पूरी ईमानदारी से पालन किया। भाजपा और अकाली दल को पंजाब में नैचुरल पार्टनर माना जाता था। कुछ कारणों से हमारा गठबंधन टूट गया और बाद में बना नहीं। भले ही ये गठबंधन न बना हो पर भाजपा के प्रति लोगों का समर्थन बहुत बढ़ गया है। आज हम उन जगहों पर जा रहे हैं, जहां पर वर्षों तक गठबंधन होने की वजह से नहीं जा पाते थे। मुझे पूरा विश्वास है कि भाजपा पंजाब में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने वाली है।

 

किसान एक बड़ा वोट बैंक है लेकिन पंजाब-हरियाणा में कई किसान संगठनों के बैनर तले किसान खुल कर भाजपा का विरोध कर रहे हैं। इसकी क्या वजह रही कि भाजपा उन तक सही से पहुंच नहीं पाई। क्या भाजपा इससे होने वाले राजनीतिक नुकसान की भरपाई कर पाएगी?

पहले तो मैं पूरी विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि हमारी पार्टी किसानों को वोटबैंक की तरह नहीं देखती है। किसान हमारे लिए अन्नदाता है, पूज्य है। हमारी सरकार हमेशा किसान कल्याण के लिए काम करती आई है। हमने कृषि क्षेत्र में ऐसे काम किए हैं, जो पहले किसी सरकार ने नहीं किए थे। चाहे मिट्टी की सेहत के लिए सॉयल हैल्थ कार्ड हो, बाजारों तक किसानों की पहुंच को बेहतर और आसान बनाना हो, सिंचाई पर पूरा ध्यान देना हो, पी.एम. किसान योजना हो या फिर एम.एस.पी. में कई गुना बढ़ौतरी हो, हर माध्यम से हम किसानों को मदद पहुंचा रहे हैं। बीते 10 वर्षों में हमने पूरे पंजाब में धान और गेहूं की रिकॉर्ड खरीद की है। जिस भाव पर कांग्रेस सरकार में फसल खरीदी जाती थी, अब उस एम.एस.पी. को ढाई गुना तक बढ़ा दिया गया है। पंजाब में मोटे अनाज की पैदावार भी बहुत है। हमारी सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए बड़ा अभियान चला रही है। इससे पंजाब के किसानों को बहुत लाभ होगा। केंद्र सरकार के काम को लेकर हम पंजाब के गांव-गांव में जा रहे हैं। पंजाब के हर क्षेत्र में हमारी पहुंच को विस्तार मिल रहा है। जैसे-जैसे समय बीतेगा, आप देखेंगे कि हमारा रिश्ता और गहरा होता जाएगा।

 

ड्रग्स और अवैध हथियारों की तस्करी पंजाब में बहुत बड़ा मुद्दा है। फतेह रैली के दौरान आपने कहा कि नशा अब दिल्ली के युवाओं तक पहुंच गया है। यह नशे की तस्करी की घटना पंजाब के बॉर्डर पर ही नहीं राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और गुजरात के बॉर्डर पर भी देखने को मिल रही है, तो सवाल यह है कि इसको खत्म करने की केंद्र सरकार की क्या प्लानिंग है?

नशे की लत युवा पीढ़ी को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। सीमावर्ती राज्यों और खासकर पंजाब में ये समस्या ज्यादा गहरी है। ड्रग्स से जुड़े अपराधियों को राज्य सरकार से संरक्षण मिल रहा है। ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए हमारी सरकार कई स्तरों पर प्रयास कर रही है। एक तो सुरक्षा एजैंसियों के स्तर पर, कानूनी तौर पर हम पहले से कहीं ज्यादा सतर्क हैं। दूसरा हम एक मानवीय एप्रोच के साथ इसका शिकार बने लोगों को एक और मौका देने के लिए, उनके पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं पहले भी इस विषय में कई बार बोल चुका हूं। मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से मैंने इस पर चर्चा की है। हमें लगता है कि इस तरह की समस्याएं विकास के सकारात्मक वातावरण से हल की जा सकती हैं। वो हम करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा फोकस है कि हम इस तरह के काम में जितना हो सके समाज को जोड़कर चलें। सरकार के प्रयास तो हैं पर इसमें जब समाज की शक्ति मिल जाती है तो सकारात्मक ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है।

 

विपक्षी दल आरोप लगाते हैं कि भाजपा ने राम मंदिर के धार्मिक मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा बना दिया है और लोगों की भावनाओं को राम मंदिर के जरिए अपने पक्ष में भुनाना चाहती है। क्या राम मंदिर निर्माण का भाजपा को राजनीतिक फायदा मिल रहा है?

राम मंदिर राजनीति का विषय है ही नहीं, राम मंदिर आस्था का विषय है। राम मंदिर भारत के स्वाभिमान का, भारत के सांस्कृतिक गौरव का, भारत के इतिहास से जुड़ा विषय है। राम मंदिर ने पूरे देश में एकता की भावना का संचार किया है। पूरे देश में इस बात से आनंद की अनुभूति है कि 500 साल बाद प्रभु श्रीराम अपने दिव्य और भव्य मंदिर में विराजे हैं। राम मंदिर पर राजनीति हम नहीं विपक्ष करता आया है। कांग्रेस ने पूरी कोशिश की कि अयोध्या में राम मंदिर बन ही न सके। कोर्ट में उन्होंने क्या-क्या कहा, ये पूरे देश ने देखा। राम मंदिर निर्माण के रास्ते में हर तरह की बाधाएं खड़ी करने की कोशिश की। लेकिन जब कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर निर्माण हुआ, तो इंडी अलायंस ने प्राण-प्रतिष्ठा से दूरी बना ली। चुनाव प्रचार के दौरान ये मंदिर जा रहे हैं, सिर्फ राम मंदिर जाने से बच रहे हैं। उनकी पार्टी के जो लोग मंदिर दर्शन के लिए गए, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐसा ये लोग क्यों कर रहे हैं, यह समझना मुश्किल नहीं है। राम मंदिर पर राजनीति तो विपक्ष कर रहा है। हमारे बारे में ये कहा जाता था कि हम कभी इस मुद्दे को हल नहीं होने देंगे, लेकिन भाजपा ने बढ़-चढ़कर राम मंदिर निर्माण में सहयोग किया। हमें इस बात का संतोष है कि हमारी सरकार के दौरान करोड़ों रामभक्तों का सपना पूरा हुआ और हमारी लंबी तपस्या का सुखद परिणाम सामने आया।

 

क्या भाजपा पंजाब के लोगों तक अपने मुद्दों को पहुंचा पाई है? विपक्ष भाजपा के मुद्दों से ज्यादा आप पर हमलावर है। विपक्ष आपकी रिटायरमैंट की बातें भी कर रहा है। इस सबको आप कैसे देखते हैं?

इस चुनाव में भाजपा का मुद्दा विकास है, लेकिन विपक्ष का मुद्दा मोदी है। भाजपा कह रही है कि हम देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। भाजपा गरीब, किसान, युवा और महिला की बात कर रही है। भाजपा आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है। भाजपा गारंटी दे रही है कि हर भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई होगी। लेकिन विपक्ष के लिए मुद्दा मोदी है। भाजपा ने देश के सामने आत्मनिर्भर भारत का विजन रखा है। लेकिन, जब आप विपक्ष से पूछेंगे तो वो मोदी के अलावा कोई और बात नहीं कर पाएंगे। इंडी अलायंस के पास देश के विकास का न तो प्लान है, न कोई विजन है। इसलिए उन्होंने मोदी के खिलाफ झूठ फैलाकर चुनाव जीतने की योजना बनाई और मोदी के रिटायरमैंट की बात करने लगे। आप देखना, अगले चुनाव में भी विपक्ष मोदी के नाम की ही रट लगाएगा। पंजाब में भाजपा बहुत मजबूती से चुनाव लड़ रही है। हमारे उम्मीदवार और कार्यकर्त्ता विकास, राष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की गारंटी लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं। हर जगह हमारे नेताओं को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।

 

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी बाकी जगह तो साथ-साथ चुनाव लड़ रही हैं लेकिन पंजाब में अलग-अलग लड़ रही हैं। इस पर आपका क्या कहना है? साथ ही, आम आदमी पार्टी ने एक 2047 तक का विजन डॉक्यूमैंट रिलीज किया है।

इंडी अलायंस के नेता राजनीतिक नूराकुश्ती का जो खेल खेल रहे हैं, उसे जनता समझ रही है। ये दिल्ली में हाथ में हाथ डालकर फोटो खिंचा रहे हैं, एक-दूसरे की तारीफ कर रहे हैं और पंजाब में लोगों को बता रहे हैं कि ये अलग-अलग हैं। ये पंजाब के वोटरों का अपमान है। ये लोकतंत्र का अपमान है। अगर पहले का दौर होता तो शायद लोगों को सिर्फ अखबार या टी.वी. से पता चलता कि कौन किसके साथ है और कौन किसके खिलाफ है। आज सोशल मीडिया के जमाने में पंजाब का मतदाता देख रहा है कि ये नेता दिल्ली में गलबहियां कर रहे हैं, और पंजाब में आकर एक-दूसरे को गाली दे रहे हैं। इंडी अलायंस की पार्टियों को भ्रम है कि वो अपनी बातों से लोगों को बरगला लेंगे, लेकिन वास्तविकता ये है कि उनकी हर बात की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। ये भी सोचने वाली बात है कि आम आदमी पार्टी ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन में है, जिस पर 1984 के सिख समुदाय के खिलाफ दंगे कराने का दाग है। आम आदमी पार्टी इसको कैसे सही ठहरा सकती है। कांग्रेस ने जिस पार्टी को सार्वजनिक तौर पर भ्रष्ट बताया है, शराब घोटाले का दोषी बताया है उसके साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। ये एकजुट हैं, क्योंकि इन्हें मिलकर भ्रष्टाचार की दुकान चलानी है। ये एकजुट हैं, क्योंकि इन पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसने लगा है। ये एकजुट हैं, क्योंकि इनकी नैया डूब रही है, और जनता ने इन्हें नकार दिया है। 4 जून के बाद ये सभी दल इंडी गठबंधन की नाव पर से कूद-कूदकर भागेंगे। जहां तक बात है आम आदमी पार्टी के विजन डॉक्यूमैंट की तो जिनके पास देश के लिए कोई विजन ही नहीं है, वो चाहे जितने डॉक्यूमैंट निकाल लें, किसको फर्क पड़ता है। पंजाब के लोग जानते हैं कि उनके सी.एम. बस नाम के सी.एम. हैं, उनका रिमोट तो दिल्ली से कंट्रोल होता है और कुछ दिन बाद तिहाड़ जेल से कंट्रोल होगा।

 

हरियाणा में भाजपा ने सभी 10 लोकसभा सीट से प्रत्याशी उतारे हैं। कुछ तो सिटिंग एम.पी. हैं। लेकिन, अधिकांश ऐसे उम्मीदवार हैं जो कांग्रेस या दूसरे दलों से आयातित किए गए हैं, ऐसा क्यों? क्या इससे भाजपा कार्यकर्त्ता निराश नहीं होंगे? आपके कुछ नेता तो कांग्रेस में भी चले गए हैं। कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। विधान सभा चुनाव से पहले हरियाणा में यह भाजपा के लिए नुकसान का सौदा तो नहीं है?

हरियाणा में भाजपा बहुत मजबूती से चुनाव लड़ रही है। पिछली बार 10 की 10 सीट पर हमारे सांसद थे। इस बार भी हम अपना पुराना रिकॉर्ड दोहराएंगे। सभी सीटों पर हमने सक्षम उम्मीदवार दिए हैं। हरियाणा की भाजपा सरकार को कोई खतरा नहीं है। हम बहुमत में हैं और मुख्यमंत्री सैनी की सरकार पूरी ताकत से काम कर रही है। विधानसभा चुनाव में भी आप राज्य में भाजपा की लहर महसूस करेंगे।

 

भाजपा ने 2014 में कांग्रेस के भ्रष्टाचार को मुद्दा बना कर आपको लोकसभा चुनाव का चेहरा बनाया था, फिर 2019 और अब 2024 में भी आपके नाम पर वोट मांग रही है। ऐसा लग रहा है कि मोदी माइनस भाजपा कुछ भी नहीं है। ऐसे में भाजपा भविष्य की लड़ाई कैसे लड़ पाएगी?

भाजपा ने मुझ जैसे एक सामान्य कार्यकर्ता को जो दिया है, उसका ऋण मैं जीवनभर नहीं चुका पाऊंगा। भाजपा विचारधारा से जुड़ी पार्टी है, और यह विचारधारा मोदी के आने से पहले भी थी और आगे भी रहेगी। अलग-अलग समय पर अलग-अलग व्यक्तित्वों ने अपनी शक्ति के हिसाब से इस विचारधारा को आगे बढ़ाया है। मोदी सिर्फ एक चेहरा है, लेकिन इस विचारधारा को मोदी के साथ करोड़ों भाजपा कार्यकर्ता आगे बढ़ा रहे हैं। 2014 में हम लोगों के बीच उम्मीद लेकर गए थे। 2019 में पांच साल के काम का हिसाब लेकर गए थे, और अब 2024 में हम विकसित भारत का संकल्प लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं। लोगों के सामने हमारे 10 सालों का ट्रैक रिकॉर्ड भी है। लोग देख रहे हैं कि किसने वादे पूरे करके दिखाए हैं। विकसित भारत का संकल्प अकेले मोदी का नहीं है, बल्कि मेरी पूरी टीम सपने को पूरा करने में जुटी है। हम देश के भविष्य को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं। देश का भविष्य सुरक्षित है तो भाजपा का भविष्य भी सुरक्षित है।

 

कर्नाटक को छोड़कर भाजपा का दक्षिण में कहीं भी प्रभाव नहीं रहा। क्या इस चुनाव में भाजपा को दक्षिण भारत के राज्यों में कमल खिलने की उम्मीद है?

आज दक्षिण भारत की अकेली सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है। पुड्डुचेरी में हमारे गठबंधन की सरकार है। आने वाले समय में आंध्र प्रदेश में हमारे गठबंधन की सरकार बनेगी। वो दिन दूर नहीं जब तेलंगाना में हमारा मुख्यमंत्री होगा। तमिलनाडु और केरल में भी हमें बहुत बड़ा जनसमर्थन है। दक्षिण भारत के सभी राज्यों में हमारा सीट शेयर और वोट शेयर बढ़ेगा। भाजपा और दक्षिण भारत का रिश्ता बहुत पुराना और मजबूत है। 1984 में जब हमारे दो सांसद थे तो उसमें से एक दक्षिण भारत से थे। हम दक्षिण भारत के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इस चुनाव में भी हम दक्षिण भारत की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरेंगे।

 

भारत विविधताओं का देश है। यहां कई धर्मों के लोग रहते हैं लेकिन, बीच-बीच में बयानबाजियों से लगता है कि देश में दो ध्रुव बन गए हैं जिसमें एक तरफ हिंदू है तो दूसरी तरफ मुसलमान। जिस तरह से स्थितियां बनती जा रही हैं, क्या समाज में संकट आ सकता है? सब ठीक रहे, इसके लिए आपके हिसाब से समाज को क्या करना चाहिए?

हमारी सरकार सैचुरेशन के अप्रोच से काम करती है। आज हम अपनी योजनाओं के लाभ को शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। ये लाभ हिंदू को भी मिल रहा है, मुसलमान को भी। आज 80 करोड़ से ज्यादा जरूरतमंदों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। सरकार के गोदाम से अनाज हिंदू के घर भी जा रहा है, मुसलमान के घर भी। हम पक्के मकान बना रहे हैं, उसमें हिंदू परिवार भी रह रहा है और मुस्लिम परिवार भी। आज आयुष्मान कार्ड से 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की गारंटी मिली है। ये गारंटी हिंदू के पास भी है, मुसलमान के पास भी। भाजपा ने एक गारंटी और दी है। 70 वर्ष से ऊपर के देश के हर नागरिक के इलाज का खर्च अब सरकार उठाएगी। हमारे लिए तो हिंदू-मुसलमान अलग-अलग हैं ही नहीं। मेरे लिए वो 140 करोड़ भारतीय हैं। सरकार के स्तर पर कहीं भी भेदभाव नहीं है। तो सवाल ये है कि हिंदू-मुसलमान कौन कर रहा है? क्या किसी ने उनसे जाकर सवाल किया कि जो व्यवस्था संविधान में है ही नहीं, उसे कैसे अमल में लाएंगे? क्या इसके लिए वो संविधान बदल देंगे? इस देश का दुर्भाग्य है कि आजादी के बाद लंबे समय तक भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण करने वाली सरकारें सत्ता में बनी रहीं। धीरे-धीरे जनता के मन में ये भाव बैठ गया कि ये तो होता ही है। नेता है तो भ्रष्टाचार करेगा ही। सरकार की नीतियों में तुष्टीकरण की सोच स्वीकार नहीं हो सकती। भाजपा की सरकार ऐसे हर कदम के विरोध में पुरजोर तरीके से खड़ी होगी। मेरा संकल्प है कि मैं एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी. के आरक्षण को खत्म नहीं करने दूंगा। मेरा संकल्प है कि मैं दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकार के लिए लड़ता रहूंगा। वंचितों का जो अधिकार है, मोदी उसका चौकीदार है

 

Following is the clipping of the interview:

Source: Punjab Kesari

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Prime Minister condoles the loss of lives due to a road accident in Pithoragarh, Uttarakhand
July 15, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi today condoled the loss of lives due to a road accident in Pithoragarh, Uttarakhand. He announced an ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF for the next of kin of each deceased and Rs. 50,000 to the injured.

The PMO India handle in post on X said:

“Saddened by the loss of lives due to a road accident in Pithoragarh, Uttarakhand. Condolences to those who have lost their loved ones in the mishap. May the injured recover soon.

An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the next of kin of each deceased. The injured would be given Rs. 50,000: PM @narendramodi”