Quoteಎರಡನೇ ಬಾರಿ ಪ್ರಧಾನಿಯಾಗಿ ಅಧಿಕಾರ ಸ್ವೀಕರಿಸಿದ ಬಳಿಕ ಮೊದಲ ಬಾರಿಗೆ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಅವರು ಪ್ರಗತಿ ಸಂವಾದ ನಡೆಸಿ, 2022ರವೇಳೆಗೆ ‘ಸರ್ವರಿಗೂ ಸೂರು’ ಒದಗಿಸುವ ಬದ್ಧತೆಯನ್ನು ಪುನರ್ ಪ್ರತಿಪಾದಿಸಿದರು.
Quoteಅಲ್ಲದೆ,ಪ್ರಧಾನಿ ಅವರು ಮಹತ್ವಾಕಾಂಕ್ಷೆಯ ಯೋಜನೆಗಳಾದ ಆಯುಷ್ಮಾನ್ ಭಾರತ್ ಮತ್ತು ಸುಗಮ್ಯ ಭಾರತ್ ಅಭಿಯಾನ ಪ್ರಗತಿಯನ್ನು ಪರಾಮರ್ಶಿಸಿದರು.
Quoteಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿಗಳು ಜಲ ಸಂರಕ್ಷಣೆಗೆ ವಿಶೇಷವಾಗಿ ಪ್ರಸಕ್ತ ಮುಂಗಾರು ಹಂಗಾಮಿನಲ್ಲಿ ಗರಿಷ್ಠ ಪ್ರಯತ್ನಗಳನ್ನು ನಡೆಸಬೇಕು ಎಂದು ರಾಜ್ಯಗಳಿಗೆ ಕರೆ ನೀಡಿದರು.

ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಅವರು ಇಂದು ಐಸಿಟಿ ಆಧಾರಿತ ಬಹುಹಂತದ ಕ್ರೀಯಾಶೀಲ ಆಡಳಿತ ಮತ್ತು ಸಕಾಲದಲ್ಲಿ ಅನುಷ್ಠಾನ –ಪ್ರಗತಿ ಕುರಿತ 30ನೇ ಸಂವಾದ ಸಭೆಯ ಅಧ್ಯಕ್ಷತೆಯನ್ನು ವಹಿಸಿದ್ದರು.

 

ಕೇಂದ್ರ ಸರ್ಕಾರದ ಎರಡನೇ ಅವಧಿಯಲ್ಲಿ ನಡೆದ ಮೊದಲ ಪ್ರಗತಿ ಸಭೆ ಇದಾಗಿದೆ.

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ಸರ್ಕಾರದ ಹಿಂದಿನ ಅವಧಿಯಲ್ಲಿ 29 ಪ್ರಗತಿ ಸಭೆಗಳು ನಡೆದಿದ್ದವು, ಅವುಗಳಲ್ಲಿ ಒಟ್ಟು ಸುಮಾರು 12 ಲಕ್ಷ  ಕೋಟಿ ರೂಪಾಯಿಗಳ ಬಂಡವಾಳ ಹೂಡಿಕೆಯ 257 ಯೋಜನೆಗಳ ಪ್ರಗತಿ ಪರಾಮರ್ಶಿಸಲಾಗಿತ್ತು ಮತ್ತು 47 ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳು/ಯೋಜನೆಗಳ ಪ್ರಗತಿ ಅವಲೋಕಿಸಲಾಗಿತ್ತು. 17 ವಲಯಗಳಲ್ಲಿನ (21 ವಿಷಯಗಳ) ಸಾರ್ವಜನಿಕ ದೂರು ಇತ್ಯರ್ಥ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯನ್ನೂ ಸಹ ಪರಾಮರ್ಶಿಸಲಾಯಿತು.

 

ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿಗಳು ಇಂದು ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಆವಾಸ್ ಯೋಜನಾ (ನಗರ) ಪ್ರಗತಿಗೆ ಇರುವ ಸಮಸ್ಯೆಗಳ ಪರಿಹಾರ ಕುರಿತು ಪರಾಮರ್ಶೆ ನಡೆಸಿದರು. 2022ರ ವೇಳೆಗೆ ದೇಶದ ಯಾವೊಂದು ಕುಟುಂಬವೂ ವಸತಿ ಸೌಕರ್ಯವಿಲ್ಲದಂತೆ ಇರಬಾರದೆಂಬುದನ್ನು ಖಾತ್ರಿಪಡಿಸಬೇಕು ಎಂದು ಬಲವಾಗಿ ಪ್ರತಿಪಾದಿಸಿದ ಅವರು, ಆ ಗುರಿ ಸಾಧನೆಗಾಗಿ ಅಧಿಕಾರಿಗಳು ದೃಢತೆಯಿಂದ ಕೆಲಸ ಮಾಡಬೇಕು ಮತ್ತು ಅದಕ್ಕೆ ಅಡ್ಡಿಯಾಗುವ ಎಲ್ಲ ಅಡೆತಡೆಗಳನ್ನು ನಿವಾರಿಸಬೇಕೆಂದರು. ಆ ನಿಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿಗಳು ಹಣಕಾಸು ಸೇವೆಗಳ ಇಲಾಖೆಗೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದಂತೆ ದೂರು ಇತ್ಯರ್ಥ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯನ್ನು ಪರಾಮರ್ಶಿಸಿದರು.

 

ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿಗಳು ಆಯುಷ್ಮಾನ್ ಭಾರತ್ ಯೋಜನೆಯ ಬಗ್ಗೆ ವಿಸೃತವಾಗಿ ಪರಾಮರ್ಶೆ ನಡೆಸಿದರು. ಈವರೆಗೆ ಯೋಜನೆಗೆ ಸುಮಾರು 16ಸಾವಿರ ಆಸ್ಪತ್ರೆಗಳು ಸೇರ್ಪಡೆಯಾಗಿವೆ ಮತ್ತು ಸುಮಾರು 35 ಲಕ್ಷ ಫಲಾನುಭವಿಗಳು ಆಸ್ಪತ್ರೆಗಳಲ್ಲಿ ದಾಖಲಾಗಿ ಚಿಕಿತ್ಸೆ ಪಡೆದಿದ್ದಾರೆ ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಿ ಅವರಿಗೆ ತಿಳಿಸಲಾಯಿತು. ರಾಜ್ಯಗಳು ಸಂವಾದ ಮೂಲಕ ಉತ್ತಮ ಪದ್ದತಿಗಳ ಅಳವಡಿಸಲು ಸಹಾಯ ಮತ್ತು ಯೋಜನೆಯಲ್ಲಿ ಮತ್ತಷ್ಟು ಸುಧಾರಣೆಗಳನ್ನು ತರಬೇಕಿದ್ದರೆ ಅವುಗಳನ್ನು ತಿಳಿಸಬೇಕು ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಿ ಕರೆ ನೀಡಿದರು. ಯೋಜನೆಯಿಂದ ಆಗಿರುವ ಪ್ರಯೋಜನಗಳು, ವಿಶೇಷವಾಗಿ ಆಶೋತ್ತರ ಜಿಲ್ಲೆಗಳಲ್ಲಿ ಮತ್ತು ಯೋಜನೆಯ ಸಕಾರಾತ್ಮಕ ಪರಿಣಾಮಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಅಧ್ಯಯನ ನಡೆಸಬೇಕು ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಿ ಹೇಳಿದರು. ಯೋಜನೆಯಲ್ಲಿ ಅಗ್ಗಾಗ್ಗೆ ಆಗುವ ದುರುಪಯೋಗ ಮತ್ತು ವಂಚನೆ ಪ್ರಕರಣಗಳನ್ನು ತಡೆಯಲು ಏನೇನು ಕ್ರಮ ಕೈಗೊಳ್ಳಲಾಗಿದೆ ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಿ ಕೇಳಿದರು.   

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ಸುಗಮ್ಯ ಭಾರತ್ ಅಭಿಯಾನ ಯೋಜನೆಯ ಪ್ರಗತಿ ಪರಾಮರ್ಶಿಸಿದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿಗಳು, ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಸ್ಥಳಗಳಲ್ಲಿ ದಿವ್ಯಾಂಗ ಜನರು ಎದುರಿಸುತ್ತಿರುವ ಸಮಸ್ಯೆಗಳನ್ನು ಹತ್ತಿಕ್ಕಲು, ಅವರಿಂದ ಅಗತ್ಯ ಮಾಹಿತಿ ಪಡೆದು ತಂತ್ರಜ್ಞಾನ ಬಳಸಿಕೊಡು ಕಾರ್ಯತಂತ್ರ ರೂಪಿಸಬೇಕು ಎಂದು ಅವರು ಅಧಿಕಾರಿಗಳಿಗೆ ಸೂಚಿಸಿದರು. ದಿವ್ಯಾಂಗ ಜನರಿಗೆ ಸುಲಭವಾಗಿ ತಲುಪುವಂತಾಗಲು ಪರಿಹಾರಗಳನ್ನು ಕಂಡುಹಿಡಿಯಬೇಕು ಮತ್ತು ಇನ್ನೂ ಹೆಚ್ಚಿನ ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಸಹಭಾಗಿತ್ವ ಅಗತ್ಯವಿದೆ ಎಂದರು.

 

ಜಲ ಶಕ್ತಿಯ ಮಹತ್ವವನ್ನು ಒತ್ತಿ ಹೇಳಿದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿಗಳು, ರಾಜ್ಯ ಸರ್ಕಾರಗಳು ಜಲ ಸಂರಕ್ಷಣೆಗೆ ವಿಶೇಷವಾಗಿ ಪ್ರಸಕ್ತ ಮುಂಗಾರು ಹಂಗಾಮಿನಲ್ಲಿ ನೀರಿನ ಸಂರಕ್ಷಣೆಗೆ ಗರಿಷ್ಠ ಪ್ರಯತ್ನಗಳನ್ನು ನಡೆಸಬೇಕು ಎಂದು ಕರೆ ನೀಡಿದರು.

 

ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿಗಳು ಇದೇ ವೇಳೆ ರೈಲ್ವೆ ಮತ್ತು ರಸ್ತೆ ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಸೇರಿದಂತೆ ಎಂಟು ಪ್ರಮುಖ ಮೂಲಸೌಕರ್ಯ ಯೋಜನೆಗಳ ಪ್ರಗತಿಯನ್ನು ಪರಾಮರ್ಶೆ ನಡೆಸಿದರು. ಈ ಯೋಜನೆಗಳು ಬಿಹಾರ, ಉತ್ತರ ಪ್ರದೇಶ, ಮಧ್ಯಪ್ರದೇಶ, ಮಹಾರಾಷ್ಟ್ರ, ಒಡಿಶಾ, ಹಿಮಾಚಲ ಪ್ರದೇಶ ಮತ್ತು ಗುಜರಾತ್ ಸೇರಿ ಮತ್ತಿತರ ಹಲವು ರಾಜ್ಯಗಳಿಗೆ ಸೇರಿದವುಗಳಾಗಿವೆ. 

  • Prakashchandra Patil January 25, 2022

    Dear Modi Ji, we are proud that you are the first PM of India who is giving the Sahaydhan of 6000/- to Farmers as part of Kisan Samman Yojana, for their agricultural developments. Kindly increase the Sahaydhan to 24000/- Per annum ji, it will really help all the farmers for better farming and to keep the farmers away from the loans. I assume ji, you will definitely consider this request and help our beloved farmers dear Modi Ji.
  • Prakashchandra Patil January 25, 2022

    Namaste Dear Ji, We are proud to have you as our proud PM of India Ji. I am a working as a software quality manager and convener of BJP for Economic cell of Yeshwanthpura Nagar Bangalore. I am interested in working on the skill development programs at rural areas to make them strong to gain the opportunities to make their future Ji. Please provide some opportunity on the same.
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ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯನ ರಕ್ತ ಕುದಿಯುತ್ತಿದೆ: ಮನ್ ಕಿ ಬಾತ್ ನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

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Ensuring energy security for our citizens is not just a priority, but also a responsibility: PM Modi at G7 Summit Session
June 18, 2025

प्रधानमंत्री कार्नी,
Your Excellencies,
नमस्कार!

G-7 समिट में निमंत्रण के लिए, और हमारे शानदार स्वागत के लिए मैं प्रधानमंत्री कार्नी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। G-7 समूह के पचास वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर मैं सभी मित्रों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

Friends,

भावी पीढ़ियों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। हम इसे केवल अपनी प्राथमिकता ही नहीं, बल्कि अपने देशवासियों के प्रति जिम्मेदारी भी मानते हैं। अवेले-बिलिटी, ऐक्से-सेबीलीटी, अफोर्डि-बिलिटी और एक्सेप्टे-बिलिटी के मूल सिद्धांतों पर आगे बढ़ते हुए भारत ने समावेशी विकास का रास्ता तय किया है।

आज भारत के लगभग सभी घर बिजली से connected हैं। भारत की गिनती सबसे कम per unit electricity cost वाले देशों में है। विश्व की fastest growing major economy होते हुए भी, भारत Paris Commitments को समय से पहले पूरा करने वाला देश है। हम 2070 तक Net Zero के लक्ष्य की ओर भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इस समय हमारी total installed capacity का लगभग पचास प्रतिशत share, renewable energy का है।

हम 2030 तक 500 गीगावाट renewable एनर्जी के लक्ष्य की ओर दृढ़ता से अग्रसर हैं। Clean Energy के लिए हम Green Hydrogen, Nuclear Energy, Ethanol Blending पर जोर दे रहे हैं। हम विश्व के सभी देशों को green और sustainable future की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

इसके लिए हमने International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, मिशन LiFE, Global Biofuels Alliance, One Sun One World One Grid जैसी वैश्विक पहलों की शुरुआत की है।

Friends,

Energy Transition में आगे बढ़ते हुए सभी देशों का साथ चलना आवश्यक है। "मैं नहीं, हम” की भावना से आगे बढ़ना होगा। दुर्भाग्यवश, Uncertainty और conflicts का सबसे अधिक असर ग्लोबल साउथ के देशों को झेलना पड़ता है। तनाव चाहे विश्व के किसी भी कोने में हो, इन देशों पर food, fuel, fertiliser और financial crisis का कहर सबसे पहले टूटता है।

Masses, material, manufacturing और mobility भी प्रभावित होते हैं। भारत ने ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं और चिंताओं को World stage तक पहुंचाना अपना दायित्व समझा है। हमारा मानना है कि किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंड के रहते मानवता का सतत और समावेशी विकास संभव नहीं है।

Friends,

एक और गंभीर विषय की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ- वह है आतंकवाद। आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। हाल ही में भारत को एक क्रूर और कायरतापूर्ण आतंकी हमले का सामना करना पड़ा।

22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला केवल पहलगाम पर ही नहीं, बल्कि हर भारतीय की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर भी सीधा आघात था। यह पूरी मानवता पर आघात था। आप सभी मित्रों ने जिन कड़े शब्दों में इसकी निंदा की, संवेदनाएं प्रकट की, उसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी देशों का विरोधी है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता अनिवार्य है। भारत के पड़ोस में तो आतंकवाद का ब्रीडिंग ग्राउन्ड है! वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए, हमारी सोच और नीति स्पष्ट होनी चाहिए- यदि कोई भी देश आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।

लेकिन दुर्भाग्यवश, वास्तविकता इसके उलट है। एक तरफ तो हम अपनी पसंद-नापसंद के आधार पर, भांति-भांति के sanctions लगाने में देर नहीं करते। दूसरी ओर, जो देश खुले आम आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हे पुरस्कृत करते हैं । इस कमरे में जो बैठे हैं, उनसे मेरे कुछ गंभीर सवाल हैं।

क्या हम आतंकवाद को लेकर गंभीर हैं भी या नहीं? क्या हमें आतंकवाद का मतलब सिर्फ तब समझ आएगा जब वो हमारे घर के दरवाजे पर दस्तक देगा? क्या आतंकवाद फैलाने वाले को और आतंकवाद से पीड़ित को एक ही तराजू में रख कर देखा जायेगा? क्या हमारे ग्लोबल institutions एक मज़ाक बन कर रह जायेंगे?

यदि हमने आज मानवता के विरुद्ध खड़े इस आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कदम नहीं उठाए, तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा। निजी हितों के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, पूरी मानवता के साथ विश्वासघात है।

Friends,

भारत ने सदैव अपने हितों से ऊपर उठकर मानवता के हित में काम किया है। हम आगे भी सभी विषयों पर G7 के साथ अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

Friends,

Technology, AI और Energy के विषय में मैं कुछ बिन्दु रखना चाहूँगा। नि:संदेह, AI हर क्षेत्र में efficiency और innovation बढ़ाने का बहुत ही प्रभावी माध्यम बन रहा है। लेकिन, AI खुद, एक बहुत ही energy intensive टेक्नोलॉजी है। AI डेटा centres के कारण energy की खपत; और आज की टेक्नोलॉजी driven सोसायटी की energy की जरूरतों को टिकाऊ तरीके से पूरा करने का अगर कोई उपाय है, तो वह renewable energy है।

अफोर्डेबल, रेलाइबल और सस्टेनेबल ऊर्जा सुनिश्चित करना भारत की प्राथमिकता है। इसके लिए हम Solar Energy और Small Modular Reactors पर जोर दे रहे हैं। Renewable energy production और energy demand centres को जोड़ने के लिए हम smart grids, energy storage और green energy corridors बना रहे हैं।

Friends,

भारत में हमारे सभी प्रयास human centric approach पर आधारित रहे हैं। हम मानते हैं कि किसी भी टेक्नोलॉजी का वास्तविक मूल्य तभी है जब उसका लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुँचे। ग्लोबल साउथ में भी कोई अछूता न रहे। उदाहरण के तौर पर, अगर हम AI powered weather prediction app बनाते हैं, तो उसका लाभ मेरे देश के छोटे से गाँव में रहने वाले किसान या मछुआरे को मिलता है।

भारत में AI-based language app "भाषिणी” बनाया गया है ताकि एक गावं का व्यक्ति भी विश्व की भाषाओं से जुड़कर, वैश्विक संवाद का हिस्सा बन सके। हमने टेक्नोलॉजी को democratise किया है और Digital Public Infrastructure से अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सामान्य लोगों को empower किया हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हमें human centric approach रखनी चाहिए। हर कोई AI के सामर्थ्य और उसकी उपयोगिता को स्वीकार करता है। लेकिन AI की शक्ति और क्षमता हमारी चुनौती नहीं है। बल्कि चुनौती यह है कि AI टूल्स, मानवीय गरिमा और सामथर्य को बढ़ाएं।

Friends,

समृद्ध डेटा ही एक समावेशी, सक्षम और responsible AI की गारंटी है । भारत की विविधता, बहुरंगी रहन-सहन, भाषाएं और भौगोलिक विशालता, समृद्ध डेटा का सबसे उत्तम और शक्तिशाली स्रोत है। ऐसे में, भारत की विविधता की कसौटी से निकले AI मॉडल पूरे विश्व के लिए उपयोगी साबित होंगे।

भारत में हमने एक मजबूत डेटा Empowerment और Protection आर्किटेक्चर बनाने पर बल दिया है। साथ ही भारत के पास एक विशाल talent pool है, जो अपने scale, skill, diversity और democratic values से AI में वैश्विक प्रयासों को सशक्त कर सकता है।

Friends,

AI के विषय पर मैं कुछ सुझाव आपके सामने रखना चाहूँगा। पहला, अंतराष्ट्रीय स्तर पर गवर्नेंस पर काम करना होगा जो AI से जुड़ी चिंताओं को दूर करते हुए innovation को भी बढ़ावा दे। तभी हम इसे force for global good बना पाएंगे। दूसरा, AI के युग में critical minerals और टेक्नोलॉजी में करीबी सहयोग बहुत आवश्यक है।

हमें इनकी supply chains को सुरक्षित और resilient बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें यह भी देखना होगा कि कोई भी देश इनका उपयोग केवल अपने स्वार्थ के लिए या हथियार के रूप में न करे। तीसरा, deep fake बहुत बड़ी चिंता का कारण है । यह समाज में अराजकता फैला सकता है। इसलिए, AI generated content पर water-marking या स्पष्ट घोषणा की जानी चाहिए।

Friends,

पिछली सदी में हमने ऊर्जा के लिए competition देखा। इस सदी में हमें टेक्नॉलजी के लिए cooperation करना होगा। "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास” – इसी मूलमंत्र पर आगे बढ़ना होगा। यानी People, Planet और Progress - यह भारत का आह्वान है। इसी भावना के साथ मैं आप सभी को अगले वर्ष भारत में होने जा रही AI Impact Summit के लिए सादर आमंत्रित करता हूँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।