चेस प्रतिभागी – सर ये फर्स्ट टाइम इंडिया ने दोनों गोल्ड मेडल जीते हैं और टीम ने जिस तरीके से प्रदर्शन किया है वो बहुत ही बढ़िया था, मतलब 22 में 21 प्वाइंट ब्वाएज ने और 22 में से 19 प्वाइंड गर्ल्स ने, टोटल 44 में से 40 प्वाइंट हमने लिए। इतना बड़ा, बढ़िया प्रदर्शन आजतक पहले कभी नहीं हुआ।

प्रधानमंत्री – वहां पर क्या माहौल था?

चेस प्रतिभागी – पहली बार हम जीते सब लोग हमारे लिए भी खुश हो गए बहुत क्योंकि हमने इतना खुशी मनाया तो सबने एक्चुएली हर अपोनेंट ने भी आके हमें बधाई दी और हमारे लिए एक्चुअली खुश हो गए। Even our opponents also.

चेस प्रतिभागी – सर, हमने देखा है कि लास्ट कुछ सालों में बहोत सारे जो स्पेक्टेटर्स हैं वो बहुत रूट कर रहे थे कि बहुत दूर-दूर से सिर्फ देखने आए थे वहां ये मैच को जो पहले मेरे हिसाब इतना नहीं होता था। तो आई थिंक चेस की भी काफी पापुलैरिटी बढ़ गई तो हमें देखकर बहुत अच्छा लगा कि रूट कर रहे हैं, थोड़ा प्रेशर भी होता था बट इतना हमें सपोर्ट कर रहे हैं वो एक अच्छा फीलिंग था और जब हम जीते तब इंडिया इंडिया ऐसे सब रूट कर रहे थे।

चेस प्रतिभागी – इस बारी 180 कंट्रीज पार्टीसिपेट कर रही थी बल्कि जब चेन्नई में ओलंपियाड हुआ था हम बोथ इंडिया टीम हम ब्रोन्ज जीते थे वीमेन टीम का लास्ट मैंच यूएसए से हुआ था और हम हार गए थे और हमारे हाथ से गोल्ड चला गया था उस टाइम, तो हम फिर से उनके साथ खेले फिर इस बार हम ज्यादा मोटिवेटेड थे कि इस बार इंडिया को गोल्ड लाना ही है इनको हराना ही है।

प्रधानमंत्री – इनको हराना ही है।

चेस प्रतिभागी – वो मैच फाइनली बहुत क्लोज था और ड्रा में फिनिश हुआ, But we went on to win the Gold Sir पर हम इस बारी अपनी कंट्री के लिए जीत कर ही वापस आने वाले थे, और कोई सेकेंड वे नहीं था।

प्रधानमंत्री – नहीं ये मिजाज़ होता है तभी तो विजय मिलता है, लेकिन जब इतने नंबर आ गए 22 में से 21 और 22 में से 19 तो बाकी खिलाड़ियों का या बाकी लोग जो इस खेल को आर्गनाइज़ करते हैं उनका क्या रिएक्शन था?

चेस प्रतिभागी – सर, I Think Gukesh wants to answer that, just I want to say one thing उसमें हमने इतनी कनविंसिंगली जीता एस्पेसली ओपन टीम में ऐसे लग रहा था कि कोई पास भी नहीं आ सकता है और हमारी विमेन टीम में हम पहले सात मैचेज जीतते गए फिर थोड़ा छोटा सा सेटबैक आया हमने रिज़िलिएंश दिखाई हम वापिस आए पर हमारी ओपन टीम ने तो सर, मतलब मैं क्या ही बताऊं I Think Gukesh being on board is the one who can better answer that, पर वो भाग के ले गए।

चेस प्रतिभागी – This experience was really a great team effort. Every single one of us was like in excellent form, were all super motivated because in the 2022 Olympiad we are very close to winning a gold medal, but then there was one game which I had played and I could have won which would have got a gold medal. Unfortunately I lost that game, and it was heartbreaking for everyone. So, this time we were all super motivated and from the start we were like we are going to win further, team, really glad!

प्रधानमंत्री – अच्छा आपने कभी सोचा है कि कभी AI का उपयोग करके आप लोग अपनी गेम को करेक्ट कर सकते हैं या दूसरे की गेम को समझ सकते हैं?

चेस प्रतिभागी – yes sir, with AI the chess has evolved, there has been new technology and the computers have become much stronger now, and it is showing lot of new ideas in chess and we are still learning from it and I think there lot to learn from it.

चेस प्रतिभागी – सर आई थिंक, अभी ऐसे हो गया है कि AI के टूल्स सबको एवेलेबल हो गया है क्योंकि डेमोक्रेटाइज़ हो गया है और अभी हम जरूर प्रिपरेशन में यूज करते हैं।

प्रधानमंत्री – बताइए।

चेस प्रतिभागी – कुछ नहीं सर एक्सपीरिंस तो बहुत..।

प्रधानमंत्री – कुछ नहीं ऐसे ही जीत लिए, ऐसे ही आ गया.. गोल्ड..।

चेस प्रतिभागी – नहीं सर, ऐसे नहीं आ गया बहुत मेहनत किया है आई थिंक मेर सारे टीममेट ने इवेन मेन्स ने बहुत हार्ड वर्क किया है टू फाइनली गेट टू दिस स्टेज।

प्रधानमंत्री – मैंने देखा है कि आप में से कईयों के पिता माता डॉक्टर हैं।

चेस प्रतिभागी – पैरेन्ट्स दोनों डॉक्टर हैं, और मेरी बहन भी डॉक्टर है तो जब मैं बचपन में देखता था कि उनको रात में कभी 2 बजे फोन आ गया पेशेंट का, जाना पड़ता था, मुझे लगा जो मैं करियर लूंगा थोड़ा और स्टेबल लूंगा पर मुझे लगा नहीं तो स्पोर्ट्स में और दौड़ना पड़ेगा।

चेस प्रतिभागी – सर मैंने हमेशा देखा है कि आप हर स्पोर्ट्स और हर स्पोर्ट्स पर्सन को इतना एनकरेज़ करते हैं और इतना सपोर्ट करते हैं और मुझे ऐसा लगता है आपका स्पोर्ट्स से बहुत बड़ा लगाव है। हर स्पोर्ट्स से, और मैं उसकी स्टोरी जानना चाहती हूं ऐसा क्यूं?

प्रधानमंत्री – मैं आपको बताता हूं, मैं इतना समझता हूं कि कोई देश विकसित बनता है तो सिर्फ खजाने से नहीं बनता है, कि उसके पास कितने पैसे हैं कितना उद्योग है, जीडीपी कितना है ऐसे नहीं बनता है। हर फील्ड में दुनिया में महारत हासिल होनी चाहिए। अगर फिल्म इंडस्ट्री है तो मैक्सिमम ऑस्कर हमारे यहां कैसे आते हैं, अगर साइंटिस्ट हैं या और किसी फील्ड में हैं तो मैक्सिमम नोबल हमारे पास कैसे आते हैं। वैसे ही खेल में भी मैक्सिमम गोल्ड हमारे बच्चे कैसे लाएं। ये जब होता है इतने सारे वर्टिकल तब देश महान बनता है। मैं जब गुजरात में था तब भी मैं एक खेल महाकुंभ चलाता था। लाखों बच्चे खेलते थे उसमें तो मैं बड़ी आयु के लोगों को भी खेलने के लिए प्रेरित करता था। तो उसमें से अच्छे बच्चे आगे आने लग गए, मेरा ये विश्वास है कि हमारे देश के नौजवानों के पास सामर्थ्य है। दूसरा मेरा मत है कि देश में समाजिक जीवन का जो अच्छा वातावरण बनाना है, तो स्पोर्ट्समैन स्पिरिट जिसको कहते हैं, वो सिर्फ स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों के लिए नहीं है वो कल्चर होना चाहिए, सामाजिक जीवन में कल्चर होना चाहिए।

चेस प्रतिभागी – हर रोज इतने बड़े-बड़े डिसीजन लेते हैं तो आप क्या एडवाइस करेंगे हमारे लिए कि ये प्रेशर सिटुएशन कैसे टैकल कर सकते हैं?

प्रधानमंत्री – फिजिकल फिटनेस बहुत मेटर करती है जी। हममें से बहुत लोग होंगे जो फिजिकल फिटनेस लिया। आपकी ट्रेनिंग होती होगी, आपके लिए खान-पान के लिए बताया जाता होगा कि ये चीजें खाइये। खेल से पहले इतना खाइये, मत खाइये सब बताया जाता होगा आपको। मैं समझता हूं कि अगर हम इन चीजों की आदत अगर डवलप करते हैं, तो सारी समस्‍याओं को पचा जाते हैं। देखिए डिसीजन मैकिंग के लिए आपके पास बहुत इंफोरमेशन होनी चाहिए, बहुत इंफोरमेशन और पॉजीटिव, नेगेटिव सब होनी चाहिए। आपको पसंद आता है ऐसा सुनने को अगर आदत लगती है। मनुष्‍य का स्‍वभाव होता है जो अच्‍छा लगता है वहीं सुनता है। तो वो फिर डिसीजन में गलती होती है। लेकिन आप हर प्रकार की चीज को सुनते हैं, हर प्रकार की चीजों को जानने का प्रयास करते हैं और खुद इनालाइज करते हैं और कुछ कहीं समझ नहीं आए तो बिना संकोच किसी जानकार को पूछते हैं, तो फिर आपको कठिनाई कम आती है और मैं मानता हूं कि कुछ तो अनुभव से आ जाता है और जैसा मैंने कहा कि योग, मेडिटेशन इसकी सचमुच में बहुत ताकत है।

चेस प्रतिभागी – सर हम अभी दो हफ्ते खेले तो अभी पूरा थक गए पर आप सालों साल दिनभर इतना काम करते हैं, मतलब ब्रेक भी नहीं लेते हैं तो मैं कह रहा था कि what is secret of your energy. आप इतना जानते हो एण्‍ड देन आल्‍सो यूर आर ओपन टू लर्निंग एण्‍ड ओपन टू वर्ल्‍ड और आप हमेशा हर स्‍पोर्टस पर्सन को इतने जोश से भर देते हो टू परफोर्म और मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि अगर आप हम सबको एक एडवाइस देना चाहो, आप जहां चेस को, शतरंज को देखना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री – देखिए ऐसा है कि जीवन में कभी संतोष नहीं मांगिए। सेटिसफेक्‍शन नहीं होना चाहिए किसी चीज का। वरना फिर नींद आना शुरू हो जाता है।

चेस प्रतिभागी – तभी आप तीन घंटा सोते हैं सर।

प्रधानमंत्री – तो हमारे भीतर एक भूख रहनी चाहिए। कुछ नया करने की, कुछ ज्‍यादा करने की।

चेस प्रतिभागी – हम लोग सभी टूर्नामेंट तभी जीते थे और हम लोग बस में से आ रहे थे, और आपका स्‍पीच हम लोग लाइव देख रहे थे और आपने वहां पर एनाउंस कर दिया वर्ल्‍ड में कि भारत ने ये दो ऐतिहासिक गोल्‍ड मेडल जीते और हम लोग उस टाइम साथ में बस में थे। हम इतनी खुशी हुई सबको कि आपने स्‍पीच में एनाउंस कर दिया, पूरी दुनिया के सामने। मैं 1998 में मैंने फस्‍ट olympiad खेला और उस टाइम पर गैरी कास्परोव, कारपोव ये सब लोग खेलते थे और हम लोग उनका साइन लेने के लिए दौड़ते थे ओटोग्राफ। इंडिया का रैकिंग तो बहुत नीचे था और इस टाइम पर जब में कोच बनकर गया था और मैं देखता था कि गुकेश आ रहा है, ब्रह्मानंद आ रहा है, अर्जुन आ रहा है, दिव्‍या आ रही है, हरिका आ रही है, और लोग उनका साइन लेने के लिए अब दौड़ रहे हैं। तो ये जो बदलाव और ये जो कोन्‍फिडेंस फील्‍ड में आया है नए बच्‍चों में। I think वो आपका जो विजन है कि इंडिया नंबर वन होना चाहिए। I think ये बदलाव आ रहा है सर।

चेस प्रतिभागी – थैंक्‍यू सो मच आपने इतने शॉर्ट नोटिस में, आप यूएस में थे, आपने इतना वैल्‍यूबल टाइम निकाला हमसे मिलने के लिए, हम बहुत मोटिवेट हो गए हैं।

प्रधानमंत्री – मेरा वैल्‍यू आप ही हैं।

I think हमें ही नहीं, ये इतना इम्पॉर्टेन्ट है, बाकी चेस जो खेलते हैं अभी उनके लिए बहुत ज्‍यादा इंस्‍परेशन होगी कि वो अच्‍छा खेलें और आपको आकर मिलें, तो उनके लिए भी बहुत ज्‍यादा इंस्‍परेशन होगी।

प्रधानमंत्री – नहीं ये बात सही है जी कभी-कभी ये देखने से पता चलता है हमको कि हां यार लोग कर सकते हैं, हम भी कर सकते हैं। मैंने एक बार गुजरात में बहुत बड़ा चेस का इंवेट किया था, जब मैं मुख्‍यमंत्री था तब।

चेस प्रतिभागी – बीस हजार लोग उसमें एक साथ चेस खेले थे और सर उस टाइम पर इनमें से बहुत सारे लोग चेस नहीं खेलते थे।

प्रधानमंत्री – नहीं तब तो इनमें से कइयों का जन्‍म भी नहीं हुआ होगा...जी। तभी लोगों को आश्‍चर्य हुआ होगा कि क्‍या मोदी कर रहे हैं। अच्‍छा बीस हजार को बिठाने की जगह भी चाहिए तो बहुत बड़ा पंडाल बनाया था मैंने। तो हमारे अफसर लोग भी कहते थे कि साहब इसके लिए इतना खर्च क्‍यों। मैंने कहा कि इसी के लिए खर्च करूंगा मैं।

चेस प्रतिभागी – सर आपने जब मुझे इतना एंकरेज किया तब मैं इतना खुश हो गई थी कि मैंने कहा अब तक मुझे पूरी जान लगा देनी है, chess में। अब तो मुझे इंडिया के लिए हर समय मेडल जीतना है और तब मैं बहुत ज्‍यादा ही खुश थी।

प्रधानमंत्री – उसी में थी तुम।

चेस प्रतिभागी – हां। तब आपने organise किया था। बहुत सारी लड़कियां खेलीं थी तब।

प्रधानमंत्री – वाह। तो उस समय तुम्‍हें वहां कैसे ले आए थे।

चेस प्रतिभागी – तब मैं एशियन अंडर-9 जीती थी तो किसी ने मेरी मम्‍मी से कहा कि बहुत बड़ा इवेंट हो रहा है गुजरात में, गांधी नगर में तो तब मुझे बुलाया था।

प्रधानमंत्री – तो यह मैं रख सकता हूं ना।

चेस प्रतिभागी – यस सर। Frame करवाकर देना था। Frame करवाकर आपको देना था सर बट।

प्रधानमंत्री – नहीं बेटा कोई चिंता नहीं ये मेरे लिए बहुत अच्‍छी मैमोरी है। तो ये शॉल रखा या नहीं रखा है।

चेस प्रतिभागी – यस सर रखा है।

प्रधानमंत्री – चलिए मुझे बहुत अच्‍छा लगा। आप लोगों को मेरी मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। आप प्रगति करिए।

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November 07, 2025
भभुआ में, पीएम मोदी का मतदाताओं से आग्रह: एनडीए को एक वोट घुसपैठियों को रोक सकता है; एक वोट आपकी पहचान की रक्षा कर सकता है।
वे आपको डराएँगे, लोगों को उनके घरों से घसीटेंगे और आतंक का राज चलाएँगे क्योंकि उनके अपने गाने हिंसा का महिमामंडन करते हैं: पीएम मोदी का विपक्ष पर कटाक्ष
NDA के संस्कार सबको सम्मान देने और सबको साथ लेकर चलने के हैं: भभुआ में पीएम मोदी

भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
मां मुंडेश्वरी के ई पावन भूमि पर रऊआ सब के अभिनंदन करअ तानी।

कैमूर की इस पावन भूमि पर चारों दिशाओं से आशीर्वाद बरसता है। मां बिंध्यवासिनी, मां ताराचंडी, मां तुतला भवानी, मां छेरवारी, सब यहीं आसपास विराजती हैं। चारों ओर शक्ति ही शक्ति का साम्राज्य है। और मेरे सामने...विशाल मातृशक्ति है...जिनका आशीर्वाद हमेशा हम सभी पर रहा है... NDA पर रहा है। और मैं बिहार की मातृशक्ति का आभारी हूं। पहले चरण में NDA के उम्मीदवारों के पक्ष में जबरदस्त मतदान हुआ है। अब कैमूर की बारी है...अब रोहतास की बारी है...मैं इस मंच पर NDA के इन सभी उम्मीदवारों के लिए...आप सभी का साथ और समर्थन मांगने आया हूं। आपके आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं.. तो मेरे साथ बोलिए... फिर एक बार...फिर एक बार...NDA सरकार! फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार... बिहार में फिर से...सुशासन सरकार !

साथियों,
जब ये चुनाव शुरू हुआ था...तो RJD और कांग्रेस के लोग फूल-फूल के गुब्बारा हुए जा रहे थे।और RJD और कांग्रेस के नामदार आसमान पर पहुंचे हुए थे। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान RJD-कांग्रेस के गुब्बारे की हवा निकलनी शुरू हुई...और पहले चरण के बाद इनका गुब्बारा पूरी तरह फूट गया है। अब तो आरजेडी-कांग्रेस का इकोसिस्टम...उनके समर्थक भी कह रहे हैं...फिर एक बार... फिर एक बार...NDA सरकार!

साथियों,
आरजेडी-कांग्रेस ने बिहार के युवाओं को भ्रमित करने की बहुत कोशिश की..लेकिन उनकी सारी प्लानिंग फेल हो गई...इसका एक बहुत बड़ा कारण है...बिहार का जागरूक नौजवान... बिहार का नौजवान ये देख रहा है कि आरजेडी-कांग्रेस वालों के इरादे क्या हैं।

साथियों,
जंगलराज के युवराज से जब भी पूछा जाता है कि जो बड़े-बडे झूठ उन्होंने बोले हैं...वो पूरे कैसे करेंगे...तो वो कहते हैं...उनके पास प्लान है... और जब पूछा जाता है कि भाई बताओ कि प्लान क्या है.. तो उनके मुंह में दही जम जाता है, मुंह में ताला लग जाता है.. उत्तर ही नहीं दे पाते।

साथियों,
आरजेडी वालों का जो प्लान है...उससे मैं आज आप सब को, बिहार को और देश को भी सतर्क कर रहा हूं। आप देखिए....आरजेडी के नेताओं के किस तरह के गाने वायरल हो रहे हैं। चुनाव प्रचार के जो गाने हैं कैसे गाने वायरल हो रहे हैं। आरजेडी वालों का एक गाना है...आपने भी सुना होगा आपने भी वीडियों में देखा होगा। आरजेडी वालों का एक गाना है। आएगी भइया की सरकार... क्या बोलते हैं आएगी भइया की सरकार, बनेंगे रंगदार! आप सोचिए...ये RJD वाले इंतजार कर रहे हैं कि कब उनकी सरकार आए और कब अपहरण-रंगदारी ये पुराना गोरखधंधा फिर से शुरू हो जाए। RJD वाले आपको रोजगार नहीं देंगे...ये तो आपसे रंगदारी वसूलेंगे.. रंगदारी ।

साथियों,
RJD वालों का एक और गाना है... अब देखिए, ये क्या-क्या कर रहे हैं, क्या-क्या सोच रहे हैं...और मैं तो देशवासियों से कहूंगा। देखिए, ये बिहार में जमानत पर जो लोग हैं वो कैसे लोग है.. उनका क्या गाना है भइया के आबे दे सत्ता... भइया के आबे दे सत्ता...कट्टा सटा के उठा लेब घरवा से, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये जंगलराज वाले सरकार में वापसी के लिए क्यों इतना बेचैन हैं। इन्हें जनता की सेवा नहीं करनी...इन्हें जनता को कट्टा दिखाकर लूटना है...उन्हें घर से उठवा लेना है। साथियों, आरजेडी का एक और गाना चल रहा है...बताऊं... बताऊं.. कैसा गाना चल रहा है.. मारब सिक्सर के 6 गोली छाती में...यही इनका तौर-तरीका है...यही इनका प्लान है...इनसे कोई भी सवाल पूछेगा तो यही जवाब मिलेगा...मारब सिक्सर के 6 गोली छाती में...

साथियों,
यही जंगलराज की आहट है। ये बहनों-बेटियों को गरीब, दलित-महादलित, पिछड़े, अतिपिछड़े समाज के लोगों को डराने का प्रयास है। भय पैदा करने का खेल है इनका। साथियों, जंगलराज वाले कभी कोई निर्माण कर ही नहीं सकते वे तो बर्बादी और बदहाली के प्रतीक हैं। इनकी करतूतें देखनी हों तो डालमिया नगर में दिखती हैं। रोहतास के लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं।
((साथी आप तस्वीर लाए हैं, मैं अपनी टीम को कहता हूं वे ले लेते हैं, लेकिन आप तस्वीर ऊपर करते हैं तो पीछे दिखता नहीं है। मैं आपका आभारी हूं। आप ले आए हैं... मैं मेरे टीम को कहता हूं, जरा ले लीजिए भाई। और आप बैठिए नीचे। वे ले लेंगे। बैठिए, पीछे औरों को रुकावट होती है.. ठीक है भैया ))

साथियों,
अंग्रेज़ों के जमाने में डालमिया नगर की नींव पड़ी थी। दशकों के परिश्रम के बाद। एक फलता-फूलता औद्योगिक नगर बनता जा रहा था। लेकिन फिर कुशासन की राजनीति आ गई। कुशासन की राजनीति आ गई, जंगलराज आ गया। फिरौती, रंगदारी, करप्शन, कट-कमीशन, हत्या, अपहरण, धमकी, हड़ताल यही सब होने लगा। देखते ही देखते जंगलराज ने सबकुछ तबाह कर दिया।

साथियों,
जंगलराज ने बिहार में विकास की हर संभावना की भ्रूण हत्या करने का काम किया था। मैं आपको एक और उदाहरण याद दिलाता हूं। आप कैमूर में देखिए, प्रकृति ने क्या कुछ नहीं दिया है। ये आकर्षक पर्यटक स्थलों में से एक हो सकता था। लेकिन जंगलराज ने ये कभी होने नहीं दिया। जहां कानून का राज ना हो...जहां माओवादी आतंक हो बढ़ रहा हो.. क्या वहां पर कोई टूरिज्म जाएगा क्या? जरा बताइए ना जाएगा क्या? नहीं जाएगा ना.. नीतीश जी ने आपके इस क्षेत्र को उस भयानक स्थिति से बाहर निकाला है। मुझे खुशी है कि अब धीरे-धीरे यहा पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। जिस कर्कटगढ़ वॉटरफॉल... उस वाटरफॉल के आसपास माओवादी आतंक का खौफ होता था। आज वहां पर्यटकों की रौनक रहती है... यहां जो हमारे धाम हैं...वहां तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जागृत देवता हरषू ब्रह्म के दर्शन करने लोग आते हैं। आज यहां नक्सलवाद...माओवादी आतंक दम तोड़ रहा है....

साथियों,
यहां उद्योगों और पर्यटन की जो संभावनाएं बनी हैं... इसका हमें और तेजी से विस्तार करना है...देश-विदेश से लोग यहां बिहार में पूंजी लगाने के लिए तैयार हैं...बस उन्हें लालटेन, पंजे और लाल झंडे की तस्वीर भी नहीं दिखनी चाहिए। अगर दिख गई.. तो वे दरवाजे से ही लौट जाएंगे इसलिए हमें संकल्प लेना है...हमें बिहार को जंगलराज से दूर रखना है।

साथियों,
बिहार के इस चुनाव में एक बहुत ही खास बात हुई है। इस चुनाव ने कांग्रेस-आरजेडी के बीच लड़ाई को सबके सामने ला दिया है। कांग्रेस-आरजेडी की जो दीवार है ना वो टूट चुकी है कांग्रेस-आरजेडी की टूटी दीवार पर ये लोग चाहे जितना ‘पलस्तर’ कर लें... अब दोनों पार्टियों के बीच खाई गहरी होती जा रही है। पलस्तर से काम चलने वाला नहीं है। आप देखिए, इस क्षेत्र में भी कांग्रेस के नामदार ने रैलियां कीं। लेकिन पटना के नामदार का नाम नहीं लिया। कितनी छुआछूत है देखिए, वो पटना के नामदार का नाम लेने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के नामदार दुनिया-जहां की कहानियां कहते हैं, लेकिन आरजेडी के घोषणापत्र पर, कोई सवाल पूछे कि भाई आरजेडी ने बड़े-बड़े वादे किए हैं इस पर क्या कहना है तो कांग्रेस के नामदार के मुंह पर ताला लग जाता है। ये कांग्रेस के नामदार अपने घोषणापत्र की झूठी तारीफ तक नहीं कर पा रहे हैं। एक दूसरे को गिराने में जुटे ये लोग बिहार के विकास को कभी गति नहीं दे सकते।

साथियों,
ये लोग अपने परिवार के अलावा किसी को नहीं मानते। कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर की राजनीति खत्म की...क्योंकि बाब साहेब का कद दिल्ली में बैठे शाही रिवार से ऊंचा था। इन्होंने बाबू जगजीवन राम को भी सहन नहीं किया। सीताराम केसरी...उनके साथ भी ऐसा ही किया. बिहार के एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता को अपमानित करना यही शाही परिवार का खेल रहा है। जबकि साथियों, भाजपा के, NDA के संस्कार...सबको सम्मान देने के हैं...सबको साथ लेकर चलने के हैं।

हमें लाल मुनी चौबे जी जैसे वरिष्ठों ने सिखाया है...संस्कार दिए हैं। यहां भभुआ में भाजपा परिवार के पूर्व विधायक, आदरणीय चंद्रमौली मिश्रा जी भी हमारी प्रेरणा हैं...अब तो वो सौ के निकट जा रहे हैं.. 96 साल के हो चुके हैं... और जब कोरोना का संकट आया तब हम हमारे सभी सीनियर को फोन कर रहा था। तो मैंने मिश्राजी को भी फोन किया। चंद्रमौली जी से मैंने हालचाल पूछे। और मैं हैरान था कि ये उमर, लेकिन फोन पर वो मेरा हाल पूछ रहे थे, वो मेरा हौसला बढ़ा रहे थे। ये इस धरती में आदरणीय चंद्रमौली मिश्रा जी जैसे व्यक्तित्वों से सीखते हुए हम भाजपा के कार्यकर्ता आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,
ऐसे वरिष्ठों से मिले संस्कारों ने हमें राष्ट्रभक्तों का देश के लिए जीने-मरने वालों का सम्मान करना सिखाया है। इसलिए, हमने बाबा साहेब आंबेडकर से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया। और मैं तो काशी का सांसद हूं, मेरे लिए बड़े गर्व की बात है कि बनारस संत रविदास जी की जन्मभूमि है। संत रविदास की जयंति पर...मुझे कई बार वहां जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 10-11 साल पहले वहां क्या स्थिति थी...और आज वहां कितनी सुविधाएं श्रद्धालुओं के लिए बनी हैं... इसकी चर्चा बनारस में, और बनारस के बाहर भी सभी समाजों में होती है।

साथियों,
बनारस ही नहीं...भाजपा सरकार मध्य प्रदेश के सागर में भी संत रविदास का भव्य मंदिर और स्मारक बना रही है। हाल ही में...मुझे कर्पूरी ग्राम जाने का अवसर मिला था..वहां पिछले कुछ वर्षों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं का विस्तार हुआ है। कर्पूरीग्राम रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाया जा रहा है। साथियों, ये हमारी ही सरकार है...जो देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक बना रही है। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को...हमने जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है। 1857 के क्रांतिवीर...वीर कुंवर सिंह जी की विरासत से भावी पीढ़ियां प्रेरित हों...इसके लिए हर वर्ष व्यापक तौर पर विजय दिवस का आयोजन किया जा रहा है।

साथियों,
कैमूर को धान का कटोरा कहा जाता है। और हमारे भभुआ के मोकरी चावल की मांग दुनियाभर में हो रही है। प्रभु श्रीराम को भोग में यही मोकरी का चावल अर्पित किया जाता है। राम रसोई में भी यही चावल मिलता है। आप मुझे बताइए साथियों, आप अयोध्या का राम मंदिर देखते हैं। या उसके विषय में सुनते हैं। यहां पर बैठा हर कोई मुझे जवाब दे, जब राममंदिर आप देखते हैं या उसके बारे में सुनते हैं तो आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? माताओं-बहनों आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? भव्य राम मंदिर का आपको आनंद आता है कि नहीं आता है? आप काशी में बाबा विश्वनाथ का धाम देखते हैं, आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? आपका हृदय गर्व से भर जाता है कि नहीं भर जाता है? आपका माथा ऊंचा होता है कि नहीं होता है? आपको तो गर्व होता है। हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है, लेकिन कांग्रेस-RJD के नेताओं को नहीं होता। ये लोग दुनियाभर में घूमते-फिरते हैं, लेकिन अयोध्या नहीं जाते। राम जी में इनकी आस्था नहीं है और रामजी के खिलाफ अनाप-शनाप बोल चुके हैं। उनको लगता है कि अगर अयोध्या जाएंगे, प्रभु राम के दर्शन करेंगे तो उनके वोट ही चले जाएंगे, डरते हैं। उनकी आस्था नाम की कोई चीज ही नहीं है। लेकिन मैं इनलोगों से जरा पूछना चाहता हूं.. ठीक है भाई चलो भगवान राम से आपको जरा भय लगता होगा लेकिन राम मंदिर परिसर में ही, आप मे से तो लोग गए होंगे। उसी राम मंदिर परिसर में भगवान राम विराजमान हैं, वहीं पर माता शबरी का मंदिर बना है। महर्षि वाल्मीकि का मंदिर बना है। वहीं पर निषादराज का मंदिर बना है। आरजेडी और कांग्रेस के लोग अगर रामजी के पास नहीं जाना है तो तुम्हारा नसीब, लेकिन वाल्मीकि जी के मंदिर में माथा टेकने में तुम्हारा क्या जाता है। शबरी माता के सामने सर झुकाने में तुम्हारा क्या जाता है। अरे निषादराज के चरणों में कुछ पल बैठने में तुम्हारा क्या जाता है। ये इसलिए क्योंकि वे समाज के ऐसे दिव्य पुरुषों को नफरत करते हैं। अपने-आपको ही शहंशाह मानते हैं। और इनका इरादा देखिए, अभी छठ मैया, छठी मैया, पूरी दुनिया छठी मैया के प्रति सर झुका रही है। हिंदुस्तान के कोने-कोने में छठी मैया की पूजा होने लगी है। और मेरे बिहार में तो ये मेरी माताएं-बहनें तीन दिन तक इतना कठिन व्रत करती है और आखिर में तो पानी तक छोड़ देती हैं। ऐसी तपस्या करती है। ऐसा महत्वपूर्ण हमारा त्योहार, छठी मैया की पूजा ये कांग्रेस के नामदार छठी मैया की इस पूजा को, छटी मैया की इस साधना को, छठी मैया की इस तपस्या को ये ड्रामा कहते हैं.. नौटंकी कहते हैं.. मेरी माताएं आप बताइए.. ये छठी मैया का अपमान है कि नहीं है? ये छठी मैया का घोर अपमान करते हैं कि नहीं करते हैं? ये छठी मैया के व्रत रखने वाली माताओ-बहनों का अपमान करते हैं कि नहीं करते हैं? मुझे बताइए मेरी छठी मैया का अपमान करे उसको सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? पूरी ताकत से बताइए उसे सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? अब मैं आपसे आग्रह करता हूं। अभी आपके पास मौका है उनको सजा करने का। 11 नवंबर को आपके एक वोट से उन्हें सजा मिल सकती है। सजा दोगे? सब लोग सजा दोगे?

साथियों,
ये आरजेडी-कांग्रेस वाले हमारी आस्था का अपमान इसलिए करते हैं, हमारी छठी मैया का अपमान इसलिए करते हैं। हमारे भगवान राम का अपमान इसलिए करते हैं ताकि कट्टरपंथी खुश रहें। इनका वोटबैंक नाराज ना हो।

साथियों,
ये जंगलराज वाले, तुष्टिकरण की राजनीति में एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। ये अब घुसपैठियों का सुरक्षा कवच बन रहे हैं। हमारी सरकार गरीबों को मुफ्त अनाज-मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। RJD-कांग्रेस के नेता कहते हैं ये सुविधा घुसपैठियों को भी देना चाहिए। गरीब को जो पक्का आवास हम दे रहे हैं, वो घुसपैठियों को भी देना चाहिए ऐसा कह रहे हैं। मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं, क्या आपके हक का अनाज घुसपैठिये को मिलना चाहिए क्या? आपके हक का आवास घुसपैठिये को मिलना चाहिए क्या? आपके बच्चों का रोजगार घुसपैठियों को जाना चाहिए क्या? भाइयों-बहनों मैं आज कहना नहीं चाहता लेकिन तेलंगाना में उनके एक मुख्यमंत्री के भाषण की बड़ी चर्चा चल रही है। लेकिन दिल्ली में एयरकंडीसन कमरों में जो सेक्युलर बैठे हैं ना उनके मुंह में ताला लग गया है। उनका भाषण चौंकाने वाला है। मैं उसकी चर्चा जरा चुनाव के बाद करने वाला हूं। अभी मुझे करनी नहीं है। लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं मैं आपको जगाने आया हूं। मैं आपको चेताने आया हूं। इनको, कांग्रेस आरजेडी इन जंगलराज वालों को अगर गलती से भी वोट गया तो ये पिछले दरवाज़े से घुसपैठियों को भारत की नागरिकता दे देंगे। फिर आदिवासियों के खेतों में महादलितों-अतिपिछड़ों के टोलों में घुसपैठियों का ही बोलबाला होगा। इसलिए मेरी एक बात गांठ बांध लीजिए। आपका एक वोट घुसपैठियों को रोकेगा। आपका एक वोट आपकी पहचान की रक्षा करेगा।

साथियों,
नरेंद्र और नीतीश की जोड़ी ने बीते वर्षों में यहां रोड, रेल, बिजली, पानी हर प्रकार की सुविधाएं पहुंचाई हैं। अब इस जोड़ी को और मजबूत करना है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत...किसानों को अभी छह हज़ार रुपए मिलते हैं।बिहार में फिर से सरकार बनने पर...तीन हजार रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। यानी कुल नौ हज़ार रुपए मिलेंगे। मछली पालकों के लिए अभी पीएम मत्स्य संपदा योजना चल रही है। केंद्र सरकार...मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड दे रही है। अब NDA ने..मछुआरे साथियों के लिए जुब्बा सहनी जी के नाम पर नई योजना बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत मछली के काम से जुड़े परिवारों को भी नौ हज़ार रुपए दिए जाएंगे।

साथियों,
डबल इंजन सरकार का बहुत अधिक फायदा...हमारी बहनों-बेटियों को हो रहा है। हमारी सरकार ने..बेटियों के लिए सेना में नए अवसरों के दरवाज़े खोले हैं...सैनिक स्कूलों में अब बेटियां भी पढ़ाई कर रही हैं। यहां नीतीश जी की सरकार ने...बेटियों को नौकरियों में आरक्षण दिया है। मोदी का मिशन है कि बिहार की लाखों बहनें...लखपति दीदी बनें। नीतीश जी की सरकार ने भी जीविका दीदियों के रूप में, बहनों को और सशक्त किया है।

साथियों,
आजकल चारों ओर मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की चर्चा है। अभी तक एक करोड़ 40 लाख बहनों के बैंक-खाते में दस-दस हज़ार रुपए जमा हो चुके हैं। NDA ने घोषणा की है कि फिर से सरकार बनने के बाद...इस योजना का और विस्तार किया जाएगा।

साथियों,
बिहार आज विकास की नई गाथा लिख रहा है। अब ये रफ्तार रुकनी नहीं चाहिए। आपको खुद भी मतदान करना है...और जो साथी त्योहार मनाने के लिए गांव आए हैं... उनको भी कहना है कि वोट डालकर ही वापस लौटें...याद रखिएगा...जब हम एक-एक बूथ जीतेंगे...तभी चुनाव जीतेंगे। जो बूथ जीतेगा वह चुनाव जीतेगा। एक बार फिर...मैं अपने इन साथियों के लिए, मेरे सभी उम्मीदवारों से मैं आग्रह करता हूं कि आप आगे आ जाइए.. बस-बस.. यहीं रहेंगे तो चलेगा.. मैं मेरे इन सभी साथियों से उनके लिए आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं। आप सभी इन सब को विजयी बनाइए।

मेरे साथ बोलिए...
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
वंदे... वंदे... वंदे... वंदे...
बहुत-बहुत धन्यवाद।